Wednesday, May 14, 2025
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दलेर मेहंदी को जेल, मानव तस्करी मामले में पटियाला कोर्ट ने बरकरार रखी सजा

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(राजेन्द्र चौहान)

देहरादून/पटियाला, मशहूर पंजाबी सिंगर दलेर मेहंदी को पंजाब पुलिस ने मानव तस्करी मामले में गिरफ्तार किया है। पंजाब की पटियाला कोर्ट ने मानव तस्करी यानी कबूतरबाजी के मामले में उनकी कैद की सजा को बरकरार रखा है। हाल में ही उन्हें अदालत ने दोषी करार देते हुए 2 साल की सजी सुनाई थी। दिलेर मेहंदी के खिलाफ 15 साल पहले ये केस दर्ज करवाया गया था।

यह है पूरा मामला :
यह मामला 2003 का है। दलेर मेहंदी और उनके भाई शमसेर सिंह पर मानव तस्करी करने का आरोप लगाया गया था। दोनों के खिलाफ अमेरिका में 31 केज दर्ज किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों के खिलाफ यह आरोप लगाया गया था कि वह गैरकानूनी रूप से लोगों को विदेश भेजकर मोटी रकम लेते थे। इस मामले में कोर्ट ने 15 साल बाद यानी 2018 में गायक को दो साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि दलेर मेहंदी के वकील ने इस फैसले को पटियाला कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट ने आज यानी गुरुवार को फैसले को कायम रखते हुए गायक और उनके भाई को जेल भेज दिया है।

18 वर्ष से ऊपर पात्र लाभार्थियों को अब नि:शुल्क लगेगी कोविड प्रीकॉशन डोज़: डॉ. नैथानी

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देहरादून, आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनज़र भारत सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन अमृत महोत्सव का आयोजन 15 जुलाई से आगामी 75 दिनों तक पूरे प्रदेश भर में चलाया जाएगा। यह बात डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कही गई।
डॉ. नैथानी ने बताया कि 15 जुलाई से प्रदेश के सभी स्वास्थ्य ईकायों में 18 वर्ष की आयु से ऊपर उन लोगों को जिनको कोविड की दूसरी डोज़ लगे 6 महिने (26 हफ्ते) पूरे हो चुके हों को नि:शुल्क बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ लगवाई जाएगी। तथा आम-जन से यह अनुरोध किया जाता है कि वह स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का हिस्सा बनकर कोविड वैक्सीन अवश्य लगवाएं और अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करें।
डॉ. नैथानी ने बताया की बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ निजी चिकत्सालयों में 386 रुपये प्रति डोज़ की लग रही थी वह अब सभी सरकारी स्वास्थ्य ईकायों में निशुल्क लगाया जाएगा। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है और सभी जनपदों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

वाह रे…! शिक्षा विभाग, मृतक शिक्षक का किया तबादला , शिक्षा महकमें में हड़कंप , मन्त्री ने दिए जांच के आदेश

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रूद्रप्रयाग, वाह रे शिक्षा विभाग, तबादला भी किया पर मृतक शिक्षक का, मामला जनपद रुद्रप्रयाग से जुड़ा है, जहां प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत मृतक शिक्षक का तबादला किये जाने पर शिक्षा महकमें हड़कंप होने के बाद सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सख्त रूख अपनाया है। डॉ. रावत ने सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों की खबरों का संज्ञान लेते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को मामले में समिति गठित कर तत्काल जांच के निर्देश दिये।

विभागीय मंत्री ने इस प्रकरण को घोर लापरवाही मानते हुये संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश महानिदेशक शिक्षा को दिये हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि रूद्रप्रयाग जनपद में वार्षिक स्थानांतरण-2022-23 के तहत एक मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण समाने आया है। जिसमें प्रथम दृष्टिया विभागीय अधिकारियों की अपने कार्य एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही प्रतीत होती है। मामले की गंभीरता को देखते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के भीतर जांच करने कराने के साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि मृतक शिक्षक की मौत के चार साल बाद तबादला किया जाना जिम्मेदार अधिकारियों की भारी लापवाही को दर्शाता है। जो कि बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है। डॉ0 रावत ने कहा इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जायेगी और जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि स्थानांतरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापवाही न बरते अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई अमल में लाई जायेगी।

खास खबर : निजी भूमि पर खड़े वृक्षों के कटान की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु आमजन से संशोधन हेतु मांगे गये सुझाव

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देहरादून, उत्तराखंड वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 में निजी भूमि पर खड़े वृक्षों के कटान की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में संयुक्त नागरिक संगठन सहित चार प्रमुख वन संरक्षक अधिकारियों को भी शामिल करते हुए आमजन से संशोधन हेतु सुझावों को आमंत्रित किया गया है।
यह समिति 15 दिन के भीतर प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। विगत दिनों वन मुख्यालय में सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में ज्ञापन भी प्रस्तुत किया था जिसमें संयुक्त नागरिक संगठन,सिटीजन फॉर ग्रीन दून, हिमालयन पर्यावरण सोसायटी, उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, समानता मंच, क्षेत्रीय चेतना मंच,नेताजी संघर्ष समिति,दून रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ पर्यावरण प्रेमियो ने संशोधन से पूर्व आम जनता को भी इसमें से भागी बनाने की मांग की थी।

 

याकुल्‍ट डैनोन इंडिया ने दून में प्रोबायोटिक फर्मेंटेड ‘मिल्क ड्रिंक याकुल्‍ट’ किया लॉन्‍चBig Bazaar Combo - Yakult Probiotic Fermented Milk Drink - Light, 325ml  (Buy 3 Get 1, 4 Pieces) Promo Pack : Amazon.in: ग्रॉसरी और गॉर्मेट फ़ूड्स

देहरादून, याकुल्‍ट डैनोन इंडिया प्रा. लि. ने प्रोबायोटिक फर्मेंटेड मिल्क ड्रिंक याकुल्‍ट को देहरादून, उत्‍तराखंड में लॉन्‍च किया । अपना विस्‍तार करने के लिए, कंपनी ने याकुल्ट को दून घाटी में लॉन्च करने का निर्णय लिया है। याकुल्ट को सबसे पहले भारत में 2008में लॉन्च किया गया था और वर्तमान में यह 31राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है।

इस लॉन्‍च पर बोलते हुए, श्री हिरोशी हमादा, मैनेजिंग डायरेक्‍टर, याकुल्‍ट डैनोन इंडिया प्रा. लि. ने कहा, “भारत के कई प्रमुख बाजारों में याकुल्‍ट प्रेमियों से मिली सकारात्‍मक प्रतिक्रिया के बाद देहरादून में याकुल्‍ट को लॉन्‍च करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। आंत के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोबायोटिक्‍स के तमाम लाभों के प्रति भारतीय उपभोक्‍ताओं के बीच जागरूकता बढ़ रही है जिसके परिणामस्‍वरूप देश में प्रोबायोटिक बाजार का विकास भी तेज गति से हुआ है। कोविड-19 के बाद, हेल्‍दी फूड के प्रति भी उपभोक्‍ताओं का झुकाव बढ़ रहा है। इससे आने वाले वर्षों में भारत में प्रोबायोटिक्‍स बाजार को और बढ़ावा मिलने की उम्‍मीद है।”

आगे बोलते हुए, श्री हमादा ने कहा, “जब हमने देहरादून में याकुल्‍ट को लॉन्‍च करने का निर्णय लिया, उससे पहले हमने उत्‍तराखंड के लोगों के व्‍यवहार का अध्‍ययन शुरू किया और यह पाया कि हर महीने 1500 से ज्‍यादा लोग स्‍वस्‍थ भोजन और इम्‍यूनिटी जैसे कीवर्ड के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं। और इसके बाद हमें खुशी है कि हमने याकुल्‍ट को देहरादून में लॉन्‍च करने का फैसला किया ताकि यहां रहने वाले लोगों की मांगों को पूरा किया जा सके और याकुल्‍ट और याकुल्‍ट लाइट के साथ उनके इंटेस्टिनल हेल्‍थ में सुधार किया जा सके।”

40 देशों और क्षेत्रों में हर दिन याकुल्ट की 40 मिलियन से अधिक बोतलों की खपत होती है। याकुल्‍ट में 6.5 अरब सेअधिकअनूठे फायदेमंद बैक्‍टीरिया (लैक्‍टोबेसीलस केसीआई स्‍ट्रेन शिरोटा) हैं, जो विशिष्‍ट स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करते हैं, जिन्‍हें वर्षों के अनुसंधान के बाद हासिल किया गया है। याकुल्‍ट में मौजूद लाभदायक बैक्‍टीरिया जीवित ही पर्याप्‍त संख्‍या में आंतों में पहुंचते हैं और हानिकारक बैक्‍टीरिया की वृद्धि को रोकते हैं। याकुल्‍ट का दैनिक उपभोग पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।

याकुल्‍ट का आनंद :
गर्भवती महिलाएं, युवा से लेकर वृद्ध तक, हर कोई इसे अपने दैनिक भोजन का हिस्‍सा बनाकर ले सकता है। इसे दिल्‍ली के नजदीक हरियाणा के सोनीपत में स्थित अत्‍याधुनिक एचएसीसीपी, ओएचएसएएस18001:2007 और आईएसओ 9001:2015 सर्टिफाइड संयंत्र में बनाया जाता है। इसे फ्रिज में रखने पर निर्माण की तारीख से 40 दिनों तक उपयोग किया जा सकता है।

टिहरी की बेटी स्वाति का फ्लाइंग ऑफिसर में चयन

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(राजेन्द्र चौहान)

टिहरी, पहाड़ की बेटी स्वाति नेगी का इंडियन एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए चयन हुआ है। स्वाति की सफलता पर परिजनों के साथ ही क्षेत्र के लोगों ने खुशी जाहिर की है।
चंबा ब्लाक के जड़धार गांव निवासी स्वाति नेगी (23) इंडियन एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए चुनी गई है। स्वाति की प्राथमिक शिक्षा दून पब्लिक स्कूल भागीरथीपुरम में हुई।10-12वीं की पढ़ाई दून इंटरनेशनल स्कूल देहरादून में की।
उसके बाद उन्होंने वनस्थली. विद्यापीठ राजस्थान से इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। स्वाती के पिता सोभन सिंह नेगी ने बताया कि स्वाती दो साल से एक राष्ट्रीय कंपनी में काम करने के साथ ही सेना से जुड़ने की तैयारी भी कर रही थी। एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए उसने काफी मेहनत की। स्वाती के पिता टीएचडीसी ऋषिकेश में डिप्टी जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उसकी मां रजनी नेगी गृहणी हैं। दादा बचन सिंह नेगी सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। प्रधान प्रीति जड़धारी, पर्यावरणविद्‌ विजय जड़धारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुखपाल सिंह जड़धारी आदि ने खुशी जताई है।

शासन ने 6 आईएएस और 1 पीसीएस अधिकारी के दायित्वों में किया फेरबदल

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देहरादून, उत्तराखंड शासन ने 6 आईएएस और 1 पीसीएस अधिकारी के दायित्वों में फेरबदल किया है। आईएएस अरविंद सिंह को वर्तमान पदभार के साथ ही आयुक्त परिवहन भी बनाया गया है। जबकि आईएएस रंजीत कुमार सिन्हा से सचिव नियोजन वापस ले लिया गया है। इसके साथ ही आशीष कुमार श्रीवास्तव से अपर सचिव नियोजन वापस लिया गया है। और आईएएस रणवीर सिंह चौहान को अपर सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण बनाया गया है। इसके अलावा आईएएस रोहित मीणा को महानिदेशक आयुक्त उद्योग उत्तराखंड तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तराखंड खादी ग्राम उद्योग बोर्ड बनाया गया है। साथ ही सी रविशंकर को अपर सचिव वित्त का अतिरिक्त पदभार दिया गया है।

देखिए सूची :देहरादून-:आज 6 आईएएस और 1 पीसीएस अधिकारी के कार्य क्षेत्र में हुआ  बदलाव,देखें आदेश ।। - Uttarakhand City News

 

 

ब्रेकिंग (IAS-PCS Transfer) : उत्तराखंड शासन ने किए आईएएस-पीसीएस अधिकारियों  के दायित्वों में फेरबदल, सूची - Mukhyadhara

किलपुरा वन रेंज में हाथी की मौत : वन महकमे में मचा हड़कंप, दो सदस्यीय डॉक्टर्स के पैनल ने किया हाथी का पोस्टमार्टम

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खटीमा (उत्तराखंड) – उधम सिंह नगर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा से लगे किलपुरा वन रेंज के जंगल में बुधवार को एक टस्कर हाथी का शव मिलने से वन महकमे में हड़कंप मच गया। वन अधिकारियों ने सूचना मिलते ही जहां घटना स्थल पर पहुंच हाथी के शव को कब्जे में लिया वही दो पशु चिकित्सकों की टीम से हाथी के पोस्टमार्टम की कार्यवाही शुरू करवा दी गई।ताकि हाथी को मौत के असल कारणों का पता चल सके।

खटीमा में तराई पूर्वी वन प्रभाग की किलपुरा वन रेंज के रेंजर को कुछ ग्रामीणों ने सूचना दी कि बूड़ाबाग गॉव के इंद्रपुरी इलाके से लगे जंगल मे एक हाथी घायल अवस्था मे गिरा हुआ है। सूचना मिलते ही किलपुरा रेंजर जीवन चंद्र उप्रेती वन कर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे जहां जाकर उन्होंने देखा कि एक टस्कर हाथी वन मार्ग के किनारे गिरा हुआ है। जब वन कर्मियों ने पास जाकर हाथी को चेक किया तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है।

 

रेंजर द्वारा तत्काल उच्चाधिकारियों को इस विषय पर सूचित किया गया। वन अधिकारियों के अनुसार प्रथम दृष्टया हाथी की मौत हाथियों के आपसी संघर्ष के कारण हुई प्रतीत हो रही है। वही हाथी की मौत का असली कारण जानने के लिए वन विभाग द्वारा दो पशु चिकित्सकों के द्वारा हाथी का पोस्टमार्टम कराया गया है। पोस्टमार्टम के बाद हाथी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वही हल्द्वानी से पशु चिकित्सकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे एसडीओ संतोष पंत ने मीडिया को बताया कि वन कर्मियों को जंगल में हाथी के घायल होने की सूचना मिली थी मौके पर जाकर देखा तो हाथी की मौत हो चुकी थी हाथी की मौत हाथियों के आपसी संघर्ष के कारण होना प्रतीत हो रहा है हाथी की वास्तविक मौत की जानकारी के लिए दो पशु चिकित्सकों के द्वारा हाथी का पोस्टमार्टम किया गया है।चिकित्सकों को रिपोर्ट उपरांत ही हाथी की मौत असल वजह पता चल पाएगा।फिलहाल हाथियों के आपसी संघर्ष में टस्कर हाथी के घायल होने पर उनकी मौत हुई होगी ऐसा प्रतिक हो रहा है।

जिलाधिकारी की शानदार पहल- अब विभागीय वाहनों को छोड़कर एक ही बस में दूरस्थ क्षेत्रों में जायेंगे जनपद स्तरीय अधिकारी

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जिलाधिकारी मयूर दीझित की पहल पर फिजूल खर्ची रोकने के लिये सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में सभी जनपद स्तरीय अधिकारी एक बस में पहुंचे दूरस्थ क्षेत्र मनसूना”।

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग-फिजूलखर्ची को रोकने के लिये जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एक अभिनव पहल की है जनपद के दूरस्थ क्षैत्रों में लगने वाले जनपद स्तरीय शिवरों में अब समस्त जिलास्तरीय अधिकारी अपने वाहनो मे न जाकर एक वाहन से जायेगें।
आज जिलाधिकारी मयूर दीझित नै पहल की शुरुआत करते हुये समस्त जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ एक प्राइवेट बस मे दूरस्थ क्षैत्र मनसूना में आयोजित जनता दरवार कार्यक्रम में पहुंचे।
प्रदेश भर में अपने किस्म की इस अलग पहल की जनता खूब प्रशंशा कर रही है।
सुबह कलक्ट्रेट से जब डीएम मनसूना कार्यक्रम के लिए प्रस्थान करने लगे तो, कलक्ट्रेट परिसर में बस देखकर सभी हैरान हो गए। पहले डीएम स्वयं बस में सवार हुए और बाद में एक एक कर सभी अफसर बस में बैठे।
करीब 3 दर्जन से अधिक अफसरों के साथ डीएम मनूसना पहुंचे। इस तरह की अनोखी पहल पहली बार देखने को मिली। जिससे जनता, अधिकारी, जनप्रतिनिधि और समाज के बुद्धिजीवी वर्ग में खुशी है। उन्होंने कहा कि यह जिलाधिकारी की अलग सोच है जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। जहां अक्सर जिले के शीर्ष अफसरों को मंहगी और आलीशान गाड़ियों में बैठने का शोक रहता है वहीं जिलाधिकारी की यह पहल समाज में अलग संदेश देगी।

पुणे में जीका वायरस से संक्रमित पाई गई सात वर्षीय बच्ची, जुलाई 2021 के बाद पहला मामला

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महाराष्ट्र के झाइ के आश्रमशाला में एक सात वर्षीय बच्ची जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है। इससे पहले जुलाई 2021 में पुणे में पहली बार रोगी पाया गया था। निवारक और नियंत्रण उपाय के संदर्भ में सर्विलांस, वेक्टर मैनेजमेंट, ट्रीटमेंट और हेल्थ एजुकेशन के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को बताया कि बालिका आश्रम शाला यानी आवासीय आदिवासी विद्यालय में रहती है। यह आवासीय विद्यालय मुंबई से लगे पालघर जिले के तलासरी तालुका में है। इससे पूर्व राज्य में जीका वायरस का पहला मामला जुलाई, 2021 में पुणे में सामने आया था। जीका वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द और नेत्र शोथ या आंख आना शामिल है।

 

पीपीएफ में निवेश की सीमा होगी दोगुनी! टैक्स बचेगा और रिटर्न भी मिलेगा, जानिए जबरदस्त ट्रिक

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PPF Tax Saving: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी PPF निवेश का एक ऐसा शानदार जरिया है, जिसमें आपको बढ़िया रिटर्न तो मिलता है, साथ ही टैक्स में छूट भी मिलता है. यह E-E-E कैटेगरी में आने वाला निवेश है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता है.

पीपीएफ में निवेश पर आपको शानदार ब्याज के साथ-साथ सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. यही वजह है कि लोग पीपीएफ में निवेश को लेकर बेफिक्र होते हैं. लेकिन आपको इस निवेश में इससे ज्यादा मुनाफा भी मिल सकता है. अगर आप पीपीएफ में निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखेंगे तो फायदे में रहेंगे.

PPF में निवेश की सीमा होगी दोगुनी
PPF में निवेशकों को न सिर्फ एश्योर्ड रिटर्न मिलता है, बल्कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स छूट भी मिलती है. कई बार ऐसा भी होता है कि PPF निवेश की लिमिट खत्म होने के बाद भी निवेशक के पास पैसे बचे रह जाते हैं और उसे निवेश के विकल्प की तलाश रहती है. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर निवेशक शादीशुदा है, तो वो अपनी पत्नी या पति के नाम पर PPF अकाउंट खोलकर उसमें अलग से 1.5 लाख रुपये और निवेश कर सकता है.

PPF में निवेश पर मिलते हैं ये फायदे
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर PPF अकाउंट खोलेंगे तो PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपये ही होगी. भले ही आपको इनकम टैक्स में छूट 1.5 लाख मिले, लेकिन इसके दूसरे कई फायदे हैं. PPF निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपये हो जाती है. E-E-E कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को PPF के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट मिलती है.

इन प्रावधानों का असर नहीं
इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी ओर से पत्नी को दी गई किसी राशि या गिफ्ट से हुई आय आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी. हालांकि PPF के मामले में जो कि EEE की वजह से पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है.

शादीशुदा लोगों के लिए है शानदार ट्रिक
इसमें जब भविष्य में आपके पार्टनर का PPF खाता मैच्योर होगा, तब आपके पार्टनर के PPF खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी आय में साल दर साल जोड़ा जाएगा. इसलिए ये विकल्प शादीशुदा लोगों को PPF खाते में अपना योगदान को दोगुना करने का मौका भी देता है. ये खासकर उन लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प है, जो कम जोखिम उठाना चाहते हैं और वे NPS, म्यूचुअल फंड जैसे मार्केट लिंक्ड निवेश नहीं करना चाहते हैं, जहां जोखिम का खतरा ज्यादा रहता है. आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए PPF की ब्याज दर 7.1 परसेंट तय की गई है.