Wednesday, May 14, 2025
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खास खबर : निजी भूमि पर खड़े वृक्षों के कटान की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु आमजन से संशोधन हेतु मांगे गये सुझाव

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देहरादून, उत्तराखंड वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 में निजी भूमि पर खड़े वृक्षों के कटान की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में संयुक्त नागरिक संगठन सहित चार प्रमुख वन संरक्षक अधिकारियों को भी शामिल करते हुए आमजन से संशोधन हेतु सुझावों को आमंत्रित किया गया है।
यह समिति 15 दिन के भीतर प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। विगत दिनों वन मुख्यालय में सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में ज्ञापन भी प्रस्तुत किया था जिसमें संयुक्त नागरिक संगठन,सिटीजन फॉर ग्रीन दून, हिमालयन पर्यावरण सोसायटी, उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, समानता मंच, क्षेत्रीय चेतना मंच,नेताजी संघर्ष समिति,दून रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ पर्यावरण प्रेमियो ने संशोधन से पूर्व आम जनता को भी इसमें से भागी बनाने की मांग की थी।

 

याकुल्‍ट डैनोन इंडिया ने दून में प्रोबायोटिक फर्मेंटेड ‘मिल्क ड्रिंक याकुल्‍ट’ किया लॉन्‍चBig Bazaar Combo - Yakult Probiotic Fermented Milk Drink - Light, 325ml  (Buy 3 Get 1, 4 Pieces) Promo Pack : Amazon.in: ग्रॉसरी और गॉर्मेट फ़ूड्स

देहरादून, याकुल्‍ट डैनोन इंडिया प्रा. लि. ने प्रोबायोटिक फर्मेंटेड मिल्क ड्रिंक याकुल्‍ट को देहरादून, उत्‍तराखंड में लॉन्‍च किया । अपना विस्‍तार करने के लिए, कंपनी ने याकुल्ट को दून घाटी में लॉन्च करने का निर्णय लिया है। याकुल्ट को सबसे पहले भारत में 2008में लॉन्च किया गया था और वर्तमान में यह 31राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है।

इस लॉन्‍च पर बोलते हुए, श्री हिरोशी हमादा, मैनेजिंग डायरेक्‍टर, याकुल्‍ट डैनोन इंडिया प्रा. लि. ने कहा, “भारत के कई प्रमुख बाजारों में याकुल्‍ट प्रेमियों से मिली सकारात्‍मक प्रतिक्रिया के बाद देहरादून में याकुल्‍ट को लॉन्‍च करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। आंत के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोबायोटिक्‍स के तमाम लाभों के प्रति भारतीय उपभोक्‍ताओं के बीच जागरूकता बढ़ रही है जिसके परिणामस्‍वरूप देश में प्रोबायोटिक बाजार का विकास भी तेज गति से हुआ है। कोविड-19 के बाद, हेल्‍दी फूड के प्रति भी उपभोक्‍ताओं का झुकाव बढ़ रहा है। इससे आने वाले वर्षों में भारत में प्रोबायोटिक्‍स बाजार को और बढ़ावा मिलने की उम्‍मीद है।”

आगे बोलते हुए, श्री हमादा ने कहा, “जब हमने देहरादून में याकुल्‍ट को लॉन्‍च करने का निर्णय लिया, उससे पहले हमने उत्‍तराखंड के लोगों के व्‍यवहार का अध्‍ययन शुरू किया और यह पाया कि हर महीने 1500 से ज्‍यादा लोग स्‍वस्‍थ भोजन और इम्‍यूनिटी जैसे कीवर्ड के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं। और इसके बाद हमें खुशी है कि हमने याकुल्‍ट को देहरादून में लॉन्‍च करने का फैसला किया ताकि यहां रहने वाले लोगों की मांगों को पूरा किया जा सके और याकुल्‍ट और याकुल्‍ट लाइट के साथ उनके इंटेस्टिनल हेल्‍थ में सुधार किया जा सके।”

40 देशों और क्षेत्रों में हर दिन याकुल्ट की 40 मिलियन से अधिक बोतलों की खपत होती है। याकुल्‍ट में 6.5 अरब सेअधिकअनूठे फायदेमंद बैक्‍टीरिया (लैक्‍टोबेसीलस केसीआई स्‍ट्रेन शिरोटा) हैं, जो विशिष्‍ट स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करते हैं, जिन्‍हें वर्षों के अनुसंधान के बाद हासिल किया गया है। याकुल्‍ट में मौजूद लाभदायक बैक्‍टीरिया जीवित ही पर्याप्‍त संख्‍या में आंतों में पहुंचते हैं और हानिकारक बैक्‍टीरिया की वृद्धि को रोकते हैं। याकुल्‍ट का दैनिक उपभोग पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।

याकुल्‍ट का आनंद :
गर्भवती महिलाएं, युवा से लेकर वृद्ध तक, हर कोई इसे अपने दैनिक भोजन का हिस्‍सा बनाकर ले सकता है। इसे दिल्‍ली के नजदीक हरियाणा के सोनीपत में स्थित अत्‍याधुनिक एचएसीसीपी, ओएचएसएएस18001:2007 और आईएसओ 9001:2015 सर्टिफाइड संयंत्र में बनाया जाता है। इसे फ्रिज में रखने पर निर्माण की तारीख से 40 दिनों तक उपयोग किया जा सकता है।

टिहरी की बेटी स्वाति का फ्लाइंग ऑफिसर में चयन

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(राजेन्द्र चौहान)

टिहरी, पहाड़ की बेटी स्वाति नेगी का इंडियन एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए चयन हुआ है। स्वाति की सफलता पर परिजनों के साथ ही क्षेत्र के लोगों ने खुशी जाहिर की है।
चंबा ब्लाक के जड़धार गांव निवासी स्वाति नेगी (23) इंडियन एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए चुनी गई है। स्वाति की प्राथमिक शिक्षा दून पब्लिक स्कूल भागीरथीपुरम में हुई।10-12वीं की पढ़ाई दून इंटरनेशनल स्कूल देहरादून में की।
उसके बाद उन्होंने वनस्थली. विद्यापीठ राजस्थान से इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। स्वाती के पिता सोभन सिंह नेगी ने बताया कि स्वाती दो साल से एक राष्ट्रीय कंपनी में काम करने के साथ ही सेना से जुड़ने की तैयारी भी कर रही थी। एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए उसने काफी मेहनत की। स्वाती के पिता टीएचडीसी ऋषिकेश में डिप्टी जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उसकी मां रजनी नेगी गृहणी हैं। दादा बचन सिंह नेगी सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। प्रधान प्रीति जड़धारी, पर्यावरणविद्‌ विजय जड़धारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुखपाल सिंह जड़धारी आदि ने खुशी जताई है।

शासन ने 6 आईएएस और 1 पीसीएस अधिकारी के दायित्वों में किया फेरबदल

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देहरादून, उत्तराखंड शासन ने 6 आईएएस और 1 पीसीएस अधिकारी के दायित्वों में फेरबदल किया है। आईएएस अरविंद सिंह को वर्तमान पदभार के साथ ही आयुक्त परिवहन भी बनाया गया है। जबकि आईएएस रंजीत कुमार सिन्हा से सचिव नियोजन वापस ले लिया गया है। इसके साथ ही आशीष कुमार श्रीवास्तव से अपर सचिव नियोजन वापस लिया गया है। और आईएएस रणवीर सिंह चौहान को अपर सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण बनाया गया है। इसके अलावा आईएएस रोहित मीणा को महानिदेशक आयुक्त उद्योग उत्तराखंड तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तराखंड खादी ग्राम उद्योग बोर्ड बनाया गया है। साथ ही सी रविशंकर को अपर सचिव वित्त का अतिरिक्त पदभार दिया गया है।

देखिए सूची :देहरादून-:आज 6 आईएएस और 1 पीसीएस अधिकारी के कार्य क्षेत्र में हुआ  बदलाव,देखें आदेश ।। - Uttarakhand City News

 

 

ब्रेकिंग (IAS-PCS Transfer) : उत्तराखंड शासन ने किए आईएएस-पीसीएस अधिकारियों  के दायित्वों में फेरबदल, सूची - Mukhyadhara

किलपुरा वन रेंज में हाथी की मौत : वन महकमे में मचा हड़कंप, दो सदस्यीय डॉक्टर्स के पैनल ने किया हाथी का पोस्टमार्टम

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खटीमा (उत्तराखंड) – उधम सिंह नगर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा से लगे किलपुरा वन रेंज के जंगल में बुधवार को एक टस्कर हाथी का शव मिलने से वन महकमे में हड़कंप मच गया। वन अधिकारियों ने सूचना मिलते ही जहां घटना स्थल पर पहुंच हाथी के शव को कब्जे में लिया वही दो पशु चिकित्सकों की टीम से हाथी के पोस्टमार्टम की कार्यवाही शुरू करवा दी गई।ताकि हाथी को मौत के असल कारणों का पता चल सके।

खटीमा में तराई पूर्वी वन प्रभाग की किलपुरा वन रेंज के रेंजर को कुछ ग्रामीणों ने सूचना दी कि बूड़ाबाग गॉव के इंद्रपुरी इलाके से लगे जंगल मे एक हाथी घायल अवस्था मे गिरा हुआ है। सूचना मिलते ही किलपुरा रेंजर जीवन चंद्र उप्रेती वन कर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे जहां जाकर उन्होंने देखा कि एक टस्कर हाथी वन मार्ग के किनारे गिरा हुआ है। जब वन कर्मियों ने पास जाकर हाथी को चेक किया तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है।

 

रेंजर द्वारा तत्काल उच्चाधिकारियों को इस विषय पर सूचित किया गया। वन अधिकारियों के अनुसार प्रथम दृष्टया हाथी की मौत हाथियों के आपसी संघर्ष के कारण हुई प्रतीत हो रही है। वही हाथी की मौत का असली कारण जानने के लिए वन विभाग द्वारा दो पशु चिकित्सकों के द्वारा हाथी का पोस्टमार्टम कराया गया है। पोस्टमार्टम के बाद हाथी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वही हल्द्वानी से पशु चिकित्सकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे एसडीओ संतोष पंत ने मीडिया को बताया कि वन कर्मियों को जंगल में हाथी के घायल होने की सूचना मिली थी मौके पर जाकर देखा तो हाथी की मौत हो चुकी थी हाथी की मौत हाथियों के आपसी संघर्ष के कारण होना प्रतीत हो रहा है हाथी की वास्तविक मौत की जानकारी के लिए दो पशु चिकित्सकों के द्वारा हाथी का पोस्टमार्टम किया गया है।चिकित्सकों को रिपोर्ट उपरांत ही हाथी की मौत असल वजह पता चल पाएगा।फिलहाल हाथियों के आपसी संघर्ष में टस्कर हाथी के घायल होने पर उनकी मौत हुई होगी ऐसा प्रतिक हो रहा है।

जिलाधिकारी की शानदार पहल- अब विभागीय वाहनों को छोड़कर एक ही बस में दूरस्थ क्षेत्रों में जायेंगे जनपद स्तरीय अधिकारी

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जिलाधिकारी मयूर दीझित की पहल पर फिजूल खर्ची रोकने के लिये सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में सभी जनपद स्तरीय अधिकारी एक बस में पहुंचे दूरस्थ क्षेत्र मनसूना”।

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग-फिजूलखर्ची को रोकने के लिये जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एक अभिनव पहल की है जनपद के दूरस्थ क्षैत्रों में लगने वाले जनपद स्तरीय शिवरों में अब समस्त जिलास्तरीय अधिकारी अपने वाहनो मे न जाकर एक वाहन से जायेगें।
आज जिलाधिकारी मयूर दीझित नै पहल की शुरुआत करते हुये समस्त जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ एक प्राइवेट बस मे दूरस्थ क्षैत्र मनसूना में आयोजित जनता दरवार कार्यक्रम में पहुंचे।
प्रदेश भर में अपने किस्म की इस अलग पहल की जनता खूब प्रशंशा कर रही है।
सुबह कलक्ट्रेट से जब डीएम मनसूना कार्यक्रम के लिए प्रस्थान करने लगे तो, कलक्ट्रेट परिसर में बस देखकर सभी हैरान हो गए। पहले डीएम स्वयं बस में सवार हुए और बाद में एक एक कर सभी अफसर बस में बैठे।
करीब 3 दर्जन से अधिक अफसरों के साथ डीएम मनूसना पहुंचे। इस तरह की अनोखी पहल पहली बार देखने को मिली। जिससे जनता, अधिकारी, जनप्रतिनिधि और समाज के बुद्धिजीवी वर्ग में खुशी है। उन्होंने कहा कि यह जिलाधिकारी की अलग सोच है जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। जहां अक्सर जिले के शीर्ष अफसरों को मंहगी और आलीशान गाड़ियों में बैठने का शोक रहता है वहीं जिलाधिकारी की यह पहल समाज में अलग संदेश देगी।

पुणे में जीका वायरस से संक्रमित पाई गई सात वर्षीय बच्ची, जुलाई 2021 के बाद पहला मामला

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महाराष्ट्र के झाइ के आश्रमशाला में एक सात वर्षीय बच्ची जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है। इससे पहले जुलाई 2021 में पुणे में पहली बार रोगी पाया गया था। निवारक और नियंत्रण उपाय के संदर्भ में सर्विलांस, वेक्टर मैनेजमेंट, ट्रीटमेंट और हेल्थ एजुकेशन के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को बताया कि बालिका आश्रम शाला यानी आवासीय आदिवासी विद्यालय में रहती है। यह आवासीय विद्यालय मुंबई से लगे पालघर जिले के तलासरी तालुका में है। इससे पूर्व राज्य में जीका वायरस का पहला मामला जुलाई, 2021 में पुणे में सामने आया था। जीका वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द और नेत्र शोथ या आंख आना शामिल है।

 

पीपीएफ में निवेश की सीमा होगी दोगुनी! टैक्स बचेगा और रिटर्न भी मिलेगा, जानिए जबरदस्त ट्रिक

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PPF Tax Saving: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी PPF निवेश का एक ऐसा शानदार जरिया है, जिसमें आपको बढ़िया रिटर्न तो मिलता है, साथ ही टैक्स में छूट भी मिलता है. यह E-E-E कैटेगरी में आने वाला निवेश है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता है.

पीपीएफ में निवेश पर आपको शानदार ब्याज के साथ-साथ सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. यही वजह है कि लोग पीपीएफ में निवेश को लेकर बेफिक्र होते हैं. लेकिन आपको इस निवेश में इससे ज्यादा मुनाफा भी मिल सकता है. अगर आप पीपीएफ में निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखेंगे तो फायदे में रहेंगे.

PPF में निवेश की सीमा होगी दोगुनी
PPF में निवेशकों को न सिर्फ एश्योर्ड रिटर्न मिलता है, बल्कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स छूट भी मिलती है. कई बार ऐसा भी होता है कि PPF निवेश की लिमिट खत्म होने के बाद भी निवेशक के पास पैसे बचे रह जाते हैं और उसे निवेश के विकल्प की तलाश रहती है. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर निवेशक शादीशुदा है, तो वो अपनी पत्नी या पति के नाम पर PPF अकाउंट खोलकर उसमें अलग से 1.5 लाख रुपये और निवेश कर सकता है.

PPF में निवेश पर मिलते हैं ये फायदे
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर PPF अकाउंट खोलेंगे तो PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपये ही होगी. भले ही आपको इनकम टैक्स में छूट 1.5 लाख मिले, लेकिन इसके दूसरे कई फायदे हैं. PPF निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपये हो जाती है. E-E-E कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को PPF के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट मिलती है.

इन प्रावधानों का असर नहीं
इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी ओर से पत्नी को दी गई किसी राशि या गिफ्ट से हुई आय आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी. हालांकि PPF के मामले में जो कि EEE की वजह से पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है.

शादीशुदा लोगों के लिए है शानदार ट्रिक
इसमें जब भविष्य में आपके पार्टनर का PPF खाता मैच्योर होगा, तब आपके पार्टनर के PPF खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी आय में साल दर साल जोड़ा जाएगा. इसलिए ये विकल्प शादीशुदा लोगों को PPF खाते में अपना योगदान को दोगुना करने का मौका भी देता है. ये खासकर उन लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प है, जो कम जोखिम उठाना चाहते हैं और वे NPS, म्यूचुअल फंड जैसे मार्केट लिंक्ड निवेश नहीं करना चाहते हैं, जहां जोखिम का खतरा ज्यादा रहता है. आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए PPF की ब्याज दर 7.1 परसेंट तय की गई है.

उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने 1598 द्वितीय अपीलों और शिकायतों की सुनवाई करते हुए 1097 वादों का किया निस्तारण

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(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, अनिल चन्द्र पुनेठा मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा दिनांक 13.07.2022 को सूचना का अधिकार अधिनियम पर एक प्रेस कॉफ्रेंस की गयी जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा दिनांक 5.01.2022 को मुख्य सूचना आयुक्त्त, उत्तराखण्ड के रूप में पदभार ग्रहण किया गया। मुख्य सूचना आयुक्त के अतिरिक्त तीन राज्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा, विपिन चन्द्र एवं अर्जुन सिंह द्वारा क्रमशः दिनांक 05.01.2022, दिनांक 03.03.2022 एवं दिनांक 21.04.2022 को कार्यभार ग्रहण किया।

कोविड – 19 महामारी के कारण कुछ माह तक समस्त कार्यालय लॉकडाउन के कारण बन्द रहे और इसके उपरान्त कुछ माह तक सीमित स्टाफ के साथ कार्य किया गया। आयोग के द्वारा इस मध्य मोबाइल के माध्यम से द्वितीय अपीलों और शिकायतों का निस्तारण किया गया। कोविड महामारी से पूर्व जहाँ आयोग में सामान्यतः लगभग 1500 वाद सुनवाई हेतु लम्बित रहते थे माह जनवरी, 2022 में उनकी संख्या बढ़कर 3000 हो गयी थी। माह जनवरी, 2022 से जून 2022 तक की छ: माह की अवधि में लगभग 1000 नये वाद भी आयोग को सुनवाई हेतु प्राप्त हुए,
माह जनवरी से जून, 2022 की अवधि में उत्तराखण्ड सूचना आयोग के द्वारा कुल 1598 द्वितीय अपीलों और शिकायतों की सुनवाई करते हुए कुल 1097 वादों का निस्तारण किया गया। माह जून 2022 में ही आयोग के द्वारा कुल 524 वादों की सुनवाई करते हुए 397 वादों का निस्तारण किया गया। वर्तमान में लगभग 2900 वाद सुनवाई हेतु लम्बित हैं।
कोविड काल में लम्बित वादों की अप्रत्याशित बढोत्तरी को सम्यक रूप से कम किये जाने हेतु आयोग के द्वारा एक ठोस रणनीति तैयार की गयी जिसके परिणाम स्वरूप विगत छरू माह में काफी सुधार हुआ है। इस हेतु राज्य सूचना आयुक्तों द्वारा किये गये प्रयासों के लिए आभार प्रकट करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य सूचना आयुक्तों के सहयोग से अगले 4 से 6 माह में द्वितीय अपील और शिकायत के निस्तारण की स्थिति कोविड-19 महामारी से पूर्व की भांति हो जाएगी।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा मा० श्री राज्यपाल, उत्तराखण्ड और मा० मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार और विभागों के अधिकारियों द्वारा प्रदान किये जा रहे सहयोग के लिए भी आभार प्रकट किया गया।
उत्तराखण्ड राज्य के विभागों में वर्ष 2020-21 में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 51,000 से अधिक अनुरोध पत्र प्राप्त हुए और 5,400 से अधिक प्रथम अपील प्राप्त हुई। वहीं वर्ष 2021-22 में 35,000 से अधिक अनुरोध पत्र प्राप्त हुए जिसके सापेक्ष 4,300 से अधिक प्रथम अपील प्राप्त हुई।
विभागों से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट के अनुसार विभागों से प्राप्त अनुरोध पत्र के सापेक्ष मात्र 10 से 12 प्रतिशत प्रथम अपील प्राप्त हुई। आयोग में लगभग 4 प्रतिशत द्वितीय अपील और शिकायत प्राप्त हुई।
सूचना का अधिकार अधिनिमय के तहत विगत दो वर्ष में राज्य में सर्वाधिक अनुरोध पत्र राजस्व तथा गृह विभाग में प्राप्त होते हैं जोकि कुल प्राप्त अनुरोध पत्रों का लगभग 30 प्रतिशत है।

राज्य में सर्वाधिक सूचना अनुरोध पत्र देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल से प्राप्त होते हैं।
विगत दो वर्षों में उत्तराखण्ड सूचना आयोग को राजस्व विभाग और विद्यालयी शिक्षा विभाग की सर्वाधिक द्वितीय अपील प्राप्त हुई हैं जोकि कुल द्वितीय अपील का 25 से 30 प्रतिशत रहा।
आयोग में सर्वाधिक द्वितीय अपील और शिकायत जनपद देहरादून और हरिद्वार से प्राप्त होते हैं जोकि आयोग में प्राप्त कुल द्वितीय अपील और शिकायत का 55 प्रतिशत से भी अधिक है।

विगत दो वर्ष में आयोग को प्राप्त द्वितीय अपील और शिकायत में 7 से 8 प्रतिशत महिलाओं के द्वारा द्वितीय अपील और शिकायत की गयी।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की दृष्टि से 30 से 35 प्रतिशत द्वितीय अपील और शिकायत आयोग को ग्रामीण क्षेत्र से प्राप्त होती हैं।

 

कैम्प कार्यालय जिलाधिकारी ने लगाया जनता दरबार, 45 से ज्यादा शिकायतें हुये दर्ज़, निस्तारण के भी दिये निर्देशMay be an image of 7 people, people sitting and people standing

हल्द्वानी, डीएम धीराज सिह गर्ब्याल ने बुधवार को कैम्प कार्यालय, हल्द्वानी में आम जनता की जनसमस्याएं सुनी। जनता दरबार में फरियादियों द्वारा राजस्व, सड़क, विद्युत, नजूल भूमि, पेयजल , अतिक्रमण, पेंशन आदि से सम्बन्धित 45 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने दूरभाष से वार्ता कर एवं संबंधित अधिकारियों को निर्धारित समयावधि में समस्याओं का निस्तारित करते हुए अवगत कराने के भी निर्देश दिए।

 

पार्षद वार्ड नम्बर 50 नीमा भटट ने बसंत विहार कृष्णा कालोनी, दुर्गा कालोनी में सड़क बनाई गई थी और सड़क बने 15 दिन ही हुये सडक पर गडडों पड़ गये हैं और सडक क्षतिग्रस्त हो गई है। जिस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता निर्माण खण्ड हल्द्वानी को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट ने ग्राम कुंवरपुर, लक्ष्मपुर,सीतापुर, रामबाग, किशनपुर तथा सुन्दरपुर के किसानों के सिंचाई के लिए गौला नदी में बंधक बनाने की मांग रखी उन्होने कहा विगत वर्षो की भांति सिचाई विभाग द्वारा बंधक बनाकर किसानों को सिंचाई हेतु वर्षा काल में पानी उपलब्ध कराया जाता था।

जिस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिचाई को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जय दुर्गा कालोनी नवाबी रोड निवासी के लोगों द्वारा संयुक्त प्रार्थना पत्र के द्वारा अवगत कराया कि नजूल भूमि फ्रीहोल्ड करने हेतु आवेदकों द्वारा 25 प्रतिशत धनराशि जमा कर दी गई है लेकिन फ्रीहोल्ड नही हो पाई है। जिस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

मुन्नी देवी निवासी पडलिया ग्राम पदमपुर लामाचौड ने बताया कि उनका पुत्र 3 जून से लापता है गुमशुदगी रिर्पोट दर्ज कराने के उपरान्त उनका पुत्र अभी तक नही मिला है। जिस पर जिलाधिकारी ने एसएसपी को वांछित कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
इस अवसर अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी, अशोक जोशी, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिह, उपजिलाधिकारी मनीष कुमार सिह के साथ ही जलसंस्थान, जल निगम, समाज कल्याण के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

 

पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने के लिए सचिव झील विकास प्राधिकरण एव पर्यटन कोभ
कमेटी गठन के जिलाधिकारी ने दिये निर्देशMay be an image of 9 people, people sitting and people standing

(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, जिलाधिकारी धीराज सिह गर्ब्याल ने बुधवार को कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में पर्यावरण को संतुलन बनाये रखने के लिए नैनीताल लेक में 67 प्रतिशत कौमन कार्प मछलियां की अधिकता को देखते हुये जिलाधिकारी की अध्यक्षता मे प्रोफेसर डा0 आशुतोष मिश्रा मत्स्य जीबी पंत विश्वविद्यालय पंतनगर एवं सम्बन्धित अधिकारियों के साथ विचार विमर्श, बैठक आहूत की।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि नैनीताल लेक में कौमन कार्प मछलियां अधिकता होने अन्य मछलियों की प्रजातियां को नुकसान के साथ ही इन मछलियों के मरने से पर्यावरण को भी नुकसान हो सकता है। जिस पर जिलाधिकारी ने झील मे कौमन कार्प मछलियों की बढती संख्या को सीमित करने हेतु अधिशासी अधिकारी सिचाई खण्ड नैनीताल, नगर पालिका, सचिव झील विकास प्राधिकरण व पर्यटन को कमेटी गठन के निर्देश दिये ताकि लेक में कौमनकार्प मछलियों की संख्या को सीमित किया जा सके, इसको लेकर आवश्यक कार्यवाही करते हुये टेंडर प्रक्रिया करने के निर्देश कमेटी को दिये।
बैठक मे अपर जिलाधिकारी, शिवचरण द्विवेदी, अशोक जोशी, ईओ नगर पालिका नैनीताल अशोक कुमार, सीएम साहा, सचिव झील विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय, सहायक अभियंता सिंचाई डीडी सती के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

चम्पावत एवं लोहाघाट विधानसभाओं की कुल एक अरब तीन करोड़ सत्तर लाख की योजनाओं का सीएम धामी ने किया लोकार्पण एवं शिलान्यास

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देहरादून/चम्पावत, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बुधवार को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज चंपावत में आयोजित चम्पावत एवं लोहाघाट विधानसभाओं की कुल एक अरब तीन करोड़ सत्तर लाख चौवन हजार रुपये (10370.54 लाख) की लागत की कुल 42 (19$23) योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। जिसमें चम्पावत की 9 योजनाओं का लोकार्पण व 14 योजनाओं का शिलान्यास के साथ ही लोहाघाट विधानसभा की 3 योजनाओं का लोकार्पण व 16 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जिले के विकास हेतु अनेक घोषणाऐ की गई। जिसमें जिले के 100 सरकारी विद्यालयों का रूपांतरण किया जाएगा। नाबार्ड मद से औद्योनिक विकास किया जाएगा। मुंडयानी में उद्यान फॉर्म बनाया जाएगा। चंपावत में एडवेंचर पार्क का निर्माण, चंपावत में शूटिंग रेंज बनाया जाएगा जिस हेतु जिलाधिकारी भूमि का चयन करेंगे। उनके द्वारा जिला मुख्यालय में पुस्तकालय हेतु अपनी विधायक निधि से ₹10 लाख की घोषणा की गई। इसके साथ ही चंपावत का हेरिटेज सिटी के रूप में निर्माण किया जाएगा। जिले में राष्ट्रीय रिवर राफ्टिंग का आयोजन व पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। साथ ही पूर्णागिरि राफ्टिंग क्षेत्र में राफ्टिंग का आयोजन कराया जाएगा। जिले के टनकपुर से घाट राष्ट्रीय राजमार्ग के विभिन्न स्थानों पर 7 हिलांस आउटलेट का निर्माण किया जाएगा। चंपावत- एक हथिया नौला- मायावती ट्रैक रुट का निर्माण कराया जाएगा। राजबुंगा किले का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा। सिप्टी वाटरफॉल का सौंदर्यीकरण एवं सड़क निर्माण आदि का कार्य किया जाएगा। घाट-पंचेश्वर सड़क सौंदर्यीकरण व निर्माण कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चंपावत जिले के नव सृजित पुल्ला गुमदेश उप तहसील के संचालन का ऑन लाइन शुभारंभ भी किया, आज से उप तहसील पुल्ला गुमदेश का संचालन प्रारंभ हो गया है। इस दौरान विभिन्न विभागों द्वारा सरकार द्वारा संचालित विकासपरक योजनाओं के स्टाल भी लगाए गए जिनका मुख्यमंत्री जी द्वारा निरीक्षण भी किया गया। तथा विभिन्न प्रगतिशील कास्तकारों से वार्ता भी की। उन्होंने स्थानीय फलों के साथ ही बद्री गाय की छास का भी स्वाद लिया,तथा किसानों के उत्पादों को सराहा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में जनसभा कार्यक्रम को भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय आजीविका मिशन में समूह गठन के लिए समूह की आजीविका संबंधी गतिविधियों के प्रोत्साहन हेतु आठ समूह लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत मुख्यमंत्री घोषणा में आवास निर्माण कार्य पूर्ण होने पर लाभार्थियों चंद्रकला, लीलावती, रामचंद्र जोशी, देवकी देवी, सुंदर सिंह, रेखा देवी, ममता देवी, हेमा देवी को ₹5000 की धनराशि के चेक साज-सज्जा हेतु प्रदान किए। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना अंतर्गत प्रति लाभार्थी को प्रथम किस्त ₹6000, द्वितीय किस्त 4000 व तृतीय किस्त 3000 की धनराशि के चेक प्रदान किए। साथ ही स्वास्थ्य संवर्धन योजना अंतर्गत ओपन जिम स्थापित किए जाने हेतु युवक मंगल दल के अध्यक्षों को मुख्यमंत्री जी द्वारा ₹ 17960 के धनराशि के चेक वितरित किए गए। स्वावलंबन योजना अंतर्गत महिला मंगल दलों के अध्यक्षों को कुल 626 युवक एवं महिला मंगल दलों को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से दलों की आवश्यकता अनुसार सामग्री आदि के क्रय करने एवं स्वरोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से प्रति दल को ₹14268 की धनराशि चेक वितरित किए गए।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अंतर्गत कमला देवी, कविता देवी, दीपा देवी, हीरा देवी व चंचला देवी को उज्जवला योजना के अंतर्गत निशुल्क गैस कनेक्शन वितरित किये गए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास की शुरूआत जनपद चंपावत से की जाएगी जिससे उत्तराखंड उत्कृष्ट राज्य बनेगा। यह 100 दिन सरकार का समर्पण और प्रयास का रहा है। हम उत्तराखंड प्रदेश को पूरे देश में अग्रणी राज्य बनाने के साथ ही उत्तराखंड राज्य सरकार विकास की आधारशिला रखने का कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा वे हमेशा चंपावत वासियों के बीच रहकर यहां की जनता की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यकाल में श्री नरेद्र मोदी जी के 8 साल पूर्ण हो गए हैं। इन 8 साल में भारत पूरे विश्व में तरक्की के क्षेत्र में अपना अलग स्थान रखता है। केद्र सरकार द्वारा महिला कल्याण के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई है। महिलाओं को गैस कनेक्शन घर में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीब घरों को साल में 3 सिलेंडर मुफ्त देगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सभी की जान बचाने के लिए देश के वैज्ञानिक शोधार्थियों जिन्होंने दो-दो वैक्सीनों का निर्माण किया मैं उनका धन्यवाद देता हूँ, भारत सरकार ने देश वासियों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने के साथ ही अन्य देशों की चिंता करते हुए लगभग 20 देशों को भी वैक्सीन पहुंचाई । आज आजादी के 75 वें साल में देश में अनेक विकास कार्य कराए जा रहे हैं। देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जा रहा है। मोदी जी के नेतृत्व में अनेक ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं जिसमें दिल्ली में देश के सभी प्रधानमंत्रियों के नाम पर संग्रहालय बनाया गया है। जिसमें उनके कार्यकाल में किए गए विकास के कार्यों को सजाया गया है। उन्होंने कहा आने वाले समय में अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा धर्म का स्थान बनेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के इन 100 दिनों के कार्यकाल में अनेक ऐतिहासिक कार्य कराए गए हैं। उत्तराखंड राज्य में सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं यहां समान नागरिक संहिता कानून लागू हेतु सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण मित्रों का मानदेय ₹500 करने के साथ ही विभिन्न पेंशन में बढ़ोतरी की गई है। राज्य में भ्रष्टाचार पर पूर्ण लगाम लगाए जाने हेतु 106 टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकल्प रहित संकल्प के तहत देश में उत्तराखंड राज्य उत्कृष्ट राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि शोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का कैंपस चंपावत में बनेगा, जिसके लिए 5 करोड़ रूपये की धनराशि जारी कर दी गई है। आने वाले समय चंपावत मॉडल जिला बनेगा यहां का चौमुखी विकास होगा। इस क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा जिन विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया उनमें विधानसभा चम्पावत अंतर्गत ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चंपावत एवं जिला आपातकालीन केद्र, चंपावत का विस्तारीकरण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य (68.54 लाख), राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, बनबसा में लाइब्रेरी कक्ष का निर्माण(22.42), खंड विकास अधिकारी आवास चंपावत से सर्किट हाउस चंपावत तक लिंक रोड का निर्माण (14.37), नलकूप खण्ड टनकपुर द्वारा जनपद चंपावत के ग्राम खिरदौरी में सामान्य मत एवं डीएसपी मत के अंतर्गत सोलर चलित लिफ्ट सिंचाई योजना का निर्माण (98.00), नगर पालिका परिषद चंपावत द्वारा माननीय मुख्यमंत्री घोषणा अंतर्गत छतार वार्ड के पूल्ड आवास कॉलोनी में पार्क निर्माण (27.49), आर0एफ0सी0 मोड़ पर पार्क निर्माण (30.62) व डिप्टेश्वर मंदिर के पास पार्क निर्माण (35.47), निर्माण इकाई उत्तराखंड पेयजल संस्थान विकास एवं निर्माण निगम द्वारा जनपद चंपावत के जिला चिकित्सालय में 12 चिकित्सा अधिकारी हेतु ट्रांजिस्ट हॉस्टल का निर्माण (288.27) व इंटीग्रेटेड नर्सिंग संस्थान (जीएनएम एवं बीएससी नर्सिंग) के निर्माण अंतर्गत प्रशासनिक भवन हॉस्टल बी (2362.32) का लोकार्पण किया गया। व सिंचाई खंड लोहाघाट द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा अंतर्गत फ्लड प्रोटक्शन वॉल टू प्रोटेक्ट पूर्णागिरि मेला एरिया निकट मां आदिशक्ति मंदिर ऑन राइट बैंक ऑफ शारदा रिवर (459.65), विधानसभा क्षेत्र चंपावत अंतर्गत शारदा नदी के दाएं पार सुपर घसियारा मंडी बस्ती पर शारदा नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य (607.48), जिला पर्यटन विभाग द्वारा जनपद चंपावत के श्यामलाताल में हाईटेक शौचालय निर्माण (32.14),व जनपद चंपावत में सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित 7 शौचालय ( टनकपुर, बनबसा, लोहाघाट, ठुलीगाड़, सुखीढाक, शारदाचुंगी व भैरव मंदिर) की मरम्मत एवं उच्चीकरण (92.71), राज्य योजना अंतर्गत जनपद चंपावत के विधानसभा क्षेत्र चंपावत में चंपावत- खेतीखान मोटर मार्ग के 16 किलोमीटर से धामीसौन-डिगडाई मोटर मार्ग के तोककारी तक मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य द्वितीय चरण (58.19), निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम द्वारा छीनीगूठ तल्ली पंपिंग पेयजल योजना (98.26), सल्ली पेयजल योजना (111.77), बनलेख (रेट्रो) पेयजल योजना (81.90), बस्तियां पंपिंग पेयजल योजना (111.40), जल संस्थान द्वारा बनबसा क्षेत्र अंतर्गत बमनपुरी, पंचपकरिया, चंदनी, भैंसियाखाल, देवीपुरा, भजनपुर, गुदनी, फ़ागपुर पंपिंग पेयजल योजना एवं भूलवाकोट सोलर पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण (1770.61), व टनकपुर क्षेत्र अंतर्गत ज्ञानखेड़ा, मनिहारगोठ, बिचाई, बागडोराखास, थ्वालखेड़ा, देवीपुरम पंपिंग पेयजल योजना एवं अमिया थपलियाखेड़ा सोलर पंपिंग पेयजल योजना (677.75) निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।
वहीं लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र की नलकूप खंड, टनकपुर द्वारा एसीपी मद के अंतर्गत सिब्योली लिफ्ट सिंचाई योजना(245.81), निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग लोहाघाट द्वारा राज्य योजना अंतर्गत लमताल से आगर व खकौड़ा पोखरा मोटर मार्ग का पुनः निर्माण व सुधार कार्य (255.10), खूना बलाई क्षेत्र में विभिन्न मोटर मार्गो का पुनः निर्माण व सुधार कार्य (240.38) का लोकार्पण तथा मुख्यमंत्री घोषणा अन्तर्गत नाबार्ड मद से विकासखंड पाटी के लदिया नदी के दाएं एवं बाए पार्श्व पर स्थित ग्राम गागरी की सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा योजना (407.37), विकासखंड पाटी के ही लदिया नदी के दाएं पार्श्व तथा किवाड़ी नाले के दाएं एवं बाय पार्श्व पर स्थित ग्राम परेवा (कलोता) सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा योजना (402.63), निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम द्वारा कलीगांव पेयजल योजना(228.10), कोलिढेक पेयजल योजना (76.01), मोड़ा रेट्रो पेयजल योजना(39.53), सुल्ला फेज-2 पेयजल योजना (35.23), खरकागाड़ धूरा (मंगोली) सोलर पंपिंग पेयजल योजना (32.58), बनोली पेयजल योजना(36.18), बैरख पेयजल योजना(40.57), मनटंडे पेयजल योजना तक नेपाल रेट्रो पेयजल योजना(41.93), तापनिपाल रेट्रो पेयजल योजना (32.81), संगों एवं घिनगारूकोट पेयजल योजना (36.40) योजनाओं का शिलान्यास किया।
इस दौरान अध्यक्ष वन विकास निगम कैलाश गहतोड़ी, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हयात सिंह मेहरा, शिवराज सिंह कठायत, चंपावत नगर पालिका अध्यक्ष विजय वर्मा, लोहाघाट गोविंद वर्मा, सतीश पांडे, भाजपा जिला अध्यक्ष दीप चन्द्र पाठक, जिलाधिकारी नरेद्र सिंह भण्डारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह पींचा समेत अन्य जनपदीय अधिकारी, स्थानीय नागरिक व जनता मौजूद रही।

 

धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय में आॕफलाइन प्रवेश हेतु आवेदन फॉर्म की बिक्री शुरू

नरेन्द्रनगर (टिहरी), धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय में संचालित बी कॉम, बीए, पत्रकारिता, पर्यटन, बीएससी गृह विज्ञान, बीएससी के प्रथम वर्ष में ऑफलाइन प्रवेश हेतु आवेदन फॉर्म की बिक्री महाविद्यालय द्वारा आज से शुरू की गई। महाविद्यालय में फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई है। महाविद्यालय प्राचार्य डॉक्टर यूसी मैथानी ने बताया कि उक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्र हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की अंक तालिका, प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी, टीसी, माइग्रेशन, करैक्टर सर्टिफिकेट की मूल प्रति, जाति प्रमाण पत्र, क्रीडा/ एनसीसी/ एनएसएस अथवा स्काउट प्रमाण पत्र मूल रूप में तथा चार पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो और ऑनलाइन एंटी रैगिंग फॉर्म की दो प्रतियां प्रवेश फॉर्म के साथ संलग्न कर महाविद्यालय कार्यालय में जमा करें ।उन्होंने बताया कि प्रवेश मेरिट के आधार पर दिया जाएगा।

 

स्कूल बस और रोडवेज बस की टक्कर, हादसे में करीब 10 बच्चे हुये घायलSchool Bus Accident: School Bus And Roadways Bus Collide, 10 Children  Injured, Bhagwanpur, Roorkee, Uttarakhand News - School Bus Accident: हाईवे  पर रोडवेज बस की जबरदस्त टक्कर से 10 बच्चे घायल, हादसा देखकर

हरिद्वार, जनपद के रुड़की भगवानपुर के ग्राम किशनपुर के निकट हाईवे पर स्कूल बस और रोडवेज बस की टक्कर हो गई। इस हादसे में करीब 10 बच्चे घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद से बच्चे बेहद डरे हुए हैं। परिजन उन्हें समझा रहे हैं। स्कूल बस और रोडवेज बस की टक्कर लगने से दस छात्र-छात्राएं गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। पुलिस और ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर घायल बच्चों को बस से निकाला और रुड़की सिविल अस्पताल और आसपास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

रोडवेज बस से टकराते ही बच्चों की चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने आवाज सुनी तो मदद के लिए लोग दौड़े चले आए। गाड़ी से बच्चों को निकाला गया। रोते बिलखिलाते बच्चों को लोगों ने शांत कराया। हादसे की सूचना पर पुलिस और बच्चों को अभिभावक भी मौके पर पहुंचे। सभी बच्चों का इलाज चल रहा है |

 

मुख्यमंत्री धामी ने यूपीईएस में ‘ज्योति छात्रवृति’ व ‘विजय’ छात्रवृति का किया शुभारम्भसीएम ने यूपीईएस में 'ज्योति' व 'विजय' छात्रवृति का किया शुभारम्भ – Garh  Samvedna (गढ़ संवेदना) न्यूज पोर्टल

 

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को बिधौली, स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में यूपीईएस द्वारा शुरू की गई आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए ‘ज्योति छात्रवृति’ एवं खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए ‘विजय’ छात्रवृति का शुभारम्भ किया। यूपीईएस द्वारा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति एवं परम्पराओं के संवर्द्धन, संरक्षण और अध्ययन हेतु ‘सेंटर फॉर कल्चर एंड आर्ट एवं भारतीय पुरातन ज्ञान को नई पीढ़ी से जोड़ने के उद्देश्य से ‘सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज’ की स्थापना की गई है, जिनका शुभारम्भ बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थित में किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के आने से केवल उनमें पढ़ने वाले छात्रों का जीवन ही नहीं संवरता, बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों के जीवन में भी अनेक बदलाव आते हैं। स्थानीय स्तर पर लोगों के आजीविका के संसाधन भी बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के सीमान्त क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यूपीईएस द्वारा क्या योगदान दिया जा सकता है, इस दिशा में विश्वविद्यालय को ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि यूपीईएस द्वारा होनहार गरीबों एवं प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए छात्रवृति की शुरूआत की गई है वह सराहनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए सबको कर्मयोगी बनकर कार्य करने होगा। आज दुनिया में भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में कोविड वैक्सीनेशन का महाअभियान चलाया गया। भारत में 192 करोड़ से अधिक कोविड टीकाकरण हुए, जबकि भारत ने 20 करोड़ वैक्सीन अन्य देशों को भी दी। शिक्षा में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने के देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लाई गई है। उत्तराखण्ड राज्य में बाल वाटिका से इसका शुभारंभ हो चुका है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, यूपीईएस के कुलपति डॉ. सुनील राय, प्रति कुलपति डॉ. राम शर्मा, कुलसचिव मनीष मदान, डॉ. वी.के. सिंह, डॉ. गुरविन्दर विर्क, डॉ. नलिन मेहता एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।

 

गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित किये जाने को 25 करोड़ की तीन परियोजनाओं को मिली सैद्धांतिक स्वीकृतिBig News: उत्तराखंड को नमामि गंगे में मिली 43 करोड़ की इन 4 परियोजनाओं की  सौगात - Uttarakhand Morning Post

देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य में नमामि गंगे परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण एवं गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित किये जाने हेतु लगभग 25 करोड़ की लागत की 03 परियोजनाओं को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत् स्वीकृत परियोजनाएं उत्तराखण्ड में माँ गंगा एवं इसकी सहायक नदियों की स्वच्छता, निर्मलता एवं अविरलता हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण परियोजनाएं है। जी0 अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में उत्तराखण्ड राज्य से उदय राज सिंह, अपर सचिव, पेयजल (नमामि गंगे) द्वारा वर्चुवली रूप से प्रतिभाग किया गया। बैठक में जनपद रूदप्रयाग में केदारनाथ यात्रा के आरंभ स्थल गौरीकुंड व तिलवाड़ा सीवरेज परियोजना हेतु रू0 23.37 करोड़, की योजना स्वीकृत हुई है। इस योजना से नदियों में प्रदूषित जल प्रवाह को रोकने में यह परियोजना कारगर साबित होगी। परियोजना के पूर्ण होने पर चारधाम यात्रा को अत्यधिक लाभ मिलेगा और नदियों की स्वच्छता व निर्मलता के दृष्टिगत भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है।
बैठक में दैवीय आपदा वर्ष 2021 में क्षतिग्रस्त हुए देवप्रयाग एस.टी.पी., कर्णप्रयाग एस.टी.पी. एवं गोपेश्वर एस.टी.पी. के मरम्मत कार्यों हेतु कुल रू0 87.37 लाख और चन्द्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के अतंर्गत निर्मित 7.5 एम.एल.डी. एस.टी.पी. से उत्पन्न ध्वनी स्तर को कम करने के लिए। ध्वनिक रोधन लगाए जाने हेतु रू 82.74 लाख की परियोजना स्वीकृत की गयी है। गौरतलब है कि राज्य को पूर्व में 42वीं कार्यकारी समिति की बैठक में लगभग 43 करोड़ की लागत की 04 परियोजनाओं की पूर्व में स्वीकृति दी जा चुकी है।

 

गुरु पूर्णिमा पर देश विदेश से आए लाखों शिष्यों ने गुरु पूजन के साथ लिया गुरु मंत्रगुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर ऋषिकेश के आश्रमों में देश वदेश से आए लाखों की  संख्या में शिष्यों ने गुरु पूजन किए जाने के साथ लिया गुरु मंत्र ...

ऋषिकेश, तीर्थ नगरी ऋषिकेश के तमाम आश्रमों में देश विदेश से आए लाखों की संख्या में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुओं की पूजा अर्चना कर जहां गुरु मंत्र लिया, वही जीवन में सुख समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। बुधवार की सुबह से ही भक्तों द्वारा अपने गुरु की पूजा अर्चना प्रारंभ कर दी गई थी।
इस दौरान जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर धर्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने भक्तों को संबोधित करते हुए गुरु और शिष्य के बीच के संबंध को समझाते हुए कहा किगुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु, गुरु ही शिव और गुरु ही परमब्रह्म है; ऐसे गुरुदेव को हमेशा याद रखें । अखण्ड मण्डलरूप इस चराचर जगत में व्याप्त परमात्मा के चरणकमलों का दर्शन जो कराते हैं; ऐसे गुरुदेव को नमस्कार है। उन्होंने कहा कि ‘ध्यानमूलं गुरोर्मूर्ति: पूजामूलं गुरो: पदम्।
मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरो: कृपा।।
अर्थात्–गुरुमूर्ति का ध्यान ही सब ध्यानों का मूल है, गुरु के चरणकमल की पूजा ही सब पूजाओं का मूल है, गुरुवाक्य ही सब मन्त्रों का मूल है और गुरु की कृपा ही मुक्ति प्राप्त करने का प्रधान साधन है।
‘गुरु’ शब्द का अभिप्राय
जो अज्ञान के अंधकार से बंद मनुष्य के नेत्रों को ज्ञानरूपी सलाई से खोल देता है, वह गुरु है।जो शिष्य के कानों में ज्ञानरूपी अमृत का सिंचन करता है, वह गुरु है।जो शिष्य को धर्म, नीति आदि का ज्ञान कराए, वह गुरु है।जो शिष्य को वेद आदि शास्त्रों के रहस्य को समझाए, वह गुरु है। उन्होंने गुरु पूजा के बारे में बताया कि गुरुपूजा का अर्थ किसी व्यक्ति का पूजन या आदर नहीं है वरन् उस गुरु की देह में स्थित ज्ञान का आदर है, ब्रह्मज्ञान का पूजन है।
जनार्दन आश्रम दंडी बाडा के केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन सभी अपने-अपने गुरु की पूजा विशेष रूप से करते हैं। यह सद्गुरु के पूजन का पर्व है, इसलिए इसे गुरुपूर्णिमा कहते हैं। जिन ऋषियों-गुरुओं ने इस संसार को इतना ज्ञान दिया, उनके प्रति कृतज्ञता दिखाने का, ऋषिऋण चुकाने का और उनका आशीर्वाद पाने का पर्व गुरुपूर्णिमा‌ है।
इसी कड़ी में मायाकुंड स्थित कृष्ण कुंज आश्रम में उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य की पूजा अर्चना हजारों लोगों ने श्रद्धा पूर्वक की वही तारा माता मंदिर में संध्या गिरी महाराज की भी पूजा अर्चना की स्वर्ग आश्रम स्थित गीता आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर वेदव्यासानंद, और शांतानंद, हरिहर तीर्थ में स्वामी प्रेमानंद, के शिष्यों ने गुरु पूजन किया।

आर्थिक सामाजिक एवं मानवीय विकास : बदलती सड़कें, बदलते जीवन

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(जय प्रकाश पांडेय)

किसी देश के आर्थिक सामाजिक एवं मानवीय विकास में अवसंरचना का महत्वपूर्ण स्थान है । सड़कें इस अवसंरचना का आधारभूत हिस्सा हैं । देश की आर्थिक सामाजिक और मानवीय अवसंरचना के विकासक्रम को सड़कों के विकास से पृथक नहीं देखा जा सकता । इसी आवश्यकता को समझते हुए भारत ने वर्ष 2014 से अभी तक अवसंरचनात्मक विकास के नए स्तर स्पर्श किए हैं । देश के अवसंरचनात्मक विकास में सड़कों के विस्तार विषयक कार्य राष्ट्र विकास में अत्यंत प्रभावकारी सिद्ध हो रहे हैं, इसमें कोई दो राय नहीं । और ऐसे में केंद्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं उनकी टीम के द्वारा किए जा रहे नवीन प्रयासों पर चिंतन मनन और उन प्रयासों को वास्तविक धरातल में लाने में हम सबका सहयोग आवश्यक है । ये चिंतन मनन और नवोन्मेषी पहलों पर यदि राज्य सरकारें चिंतन करें तो न केवल अपने प्रदेश की राजधानियों से लेकर जिलों को गड्ढा मुक्त करेंगी साथ ही अपने यहां के निर्वासित जीवन जीने को अभिशप्त ग्रामीणों को भी सड़क से जोड़ सकेंगी। ग्रामीणों का सड़क से जुड़ना देश के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगा । स्वतंत्र नागरिक समितियों के निर्माण के द्वारा और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर राज्य सरकारें इसको संभव कर सकती हैं ।

पिछले 8 वर्षों में प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर यह बात पूरी जिम्मेदारी से कही जा सकती है कि पूर्वोत्तर भारत, जम्मू कश्मीर,लद्दाख,अरूणांचल,उत्तराखंड और सीमावर्ती जिलों तक सड़क पहुंचाने का,सामरिक महत्व के लिए आवश्यक क्षेत्रों में सड़क पहुंचाने और न केवल सड़क,बल्कि नवीन तकनीक के इस्तेमाल से शानदार सड़क पहुंचाने का कार्य किसी ने किया है तो वह व्यक्तित्व है श्री नितिन गडकरी । वर्ष 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम का गठन किया गया । उत्तर पूर्वी राज्यों,उत्तराखंड,जम्मू एवं कश्मीर,लद्दाख और अंडमान निकोबार में इसके माध्यम से राजमार्ग निर्माण संबंधी कदम प्रशंसनीय है। इससे पूर्व यूपीए के समय में वर्ष 2000 से 2014 तक 14 वर्षों में लगभग 27,282 किमी राजमार्गों का विस्तार किया गया । अटल जी के समय में 5 वर्षों में यह विस्तार जहां लगभग 16000 किमी तक किया गया वहीं वर्तमान सरकार द्वारा 4 वर्षों में 2014-2018 की समयावधि में 30,037 किमी के राजमार्ग विस्तार को देखा गया । लगभग 60000 किमी (साठ हजार किमी ) से अधिक के निर्माण कार्य वर्तमान में चल रहे हैं और अभी लगभग 50000 किमी (पचास हजार किमी) के नई घोषणाएं भी हुई हैं ।

हालांकि अपनी परतंत्र मानसिकता और अभिव्यक्ति के लिए शब्दों की कमी को समझते हुए इस नाम और इसके कार्यों पर विमर्श समाज की मुख्यधारा से गायब है । यह भी संभाव्य है कि इसके पीछे भारतीय दर्शन की वह परंपरा है जो मानती आई है -अनुभसत्यम किम प्रमाणं, प्रत्यक्षम किम प्रमाणं!। देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के नित नवीन निर्माण से नए भारत की अवसंरचना के सुधारों को आप सभी के प्रत्यक्ष अनुभवों के लिए भी ये राष्ट्रीय राजमार्ग आमंत्रित करते हैं।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही समग्र भारत के लिए सड़कों की आवश्यकता को गंभीरता से लिया गया हो ऐसा प्रतीत नहीं होता । सड़के किसके लिए ? इस सवाल के जवाब अक्सर शहरों तक सीमित रहे और उसमें भी बड़े राज्यों तक। केंद्रीय सचिवालय से चलने वाले हस्ताक्षरों और सत्ता पक्ष के संसद के भाषणों से सड़क संबंधी उपलब्धियां गायब थी और इस बात को समझने में हमें लगभग पूरे 50 साल लग गए की अवसंरचना के विकास क्रम में सड़कों की क्या भूमिका है और राष्ट्रीय एकीकरण में इनका क्या महत्व है । राज्य स्तरों पर कुछेक राज्यों ने इन आवश्यकताओं पर जरूर गौर किया । आर्थिक विकास के क्रम में सड़कों के महत्व को इस दशक में आम भारतीय ने भी मसमझा है । वोकल फिर लोकल और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के लिए अवसंरचना का जो खाका तैयार होता है उसमें सड़कें प्रमुख रूप से हैं इस बात को स्वीकार्यता मिली है।

स्वतंत्रता प्राप्ति से वर्ष 2014 तक श्री भुवन चंद्र खंडूरी ,श्री टी आर बबलू आदि दो नामों को छोड़ दिया जाए तो किसी भी संसद सदस्य को स्थाई कार्यकाल के रूप से इस मंत्रालय की जिम्मेदारी तक नहीं प्राप्त हुई। और इस मंत्रालय में 3 वर्ष से ऊपर का कार्यकाल भारतीय राजनीतिक इतिहास में आज तक उपरोक्त 2 नामों के अतिरिक्त
श्रीमान नितिन गडकरी का ही है ।
इसे क्या समझा जाए क्या यह मंत्रालय इतना लाभ का पद नहीं था या इतने महत्वपूर्ण मंत्रालय के लिए जिजीविषा हमारे प्रतिनिधियों में नहीं थी ? या फिर आजाद भारत की सबसे बड़ी चुनौती को कोई अपने माथे लेना नहीं चाहता था ।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और करोड़ों हिंदुस्तानियों के प्रेरणा पुंज श्री अटल बिहारी वाजपेई जी द्वारा अपने प्रधानमंत्री पद के 5 साल के कार्यकाल के दौरान लगभग 16000 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भुवन चंद्र खंडूरी जी की भूमिका इस संबंध में नजरंदाज नहीं की जा सकती । राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्रोजेक्ट को शुरुवात करने वाले अटल जी ने ही पूरे भारत को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज, चार लेन एवम छह लेन अवधारणा को भारतीय चिंतन पटल के सम्मुख रखा। भारत के ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के भी जरिए जोड़ने का प्रयास अटल जी के ही समय शुरू हुआ हालांकि जनसंख्या को आधार बनाकर बनाई गई सड़कों के जाल से, अभी भी पहाड़ कोसों दूर है । आबादी संबंधी पात्रताएं यहां के वीरान होते गांव पूरी नहीं कर पाते । इसलिए ऐसे कई मामलों के बाद पंचायतों को और नगरपालिकाओं को भी सड़कों को बनाने के लिए राशियां उपलब्ध हुई लेकिन इन राशियों के बाद भी सीमांत पहाड़ी क्षेत्रों में स्थितियां अच्छी नहीं ।
आदरणीय के गांवों और माननीयों के घर तक पंचायत और नगरपालिका का धन व्यय होना आम बात है ऐसे में गड्ढों की याद किसी को याद आए तो वो है जनता । सामन्यतया पंचायतों या नगरपालिकाओं के भी पास भी सीमित बजट का होना इस समस्या को और बढ़ाता है फिर उसमें से भी प्रभुत्व आधारित बजट की मांग समावेशी विकास में बाधा पहुंचाती है ।

वर्ष 2014 के बाद अटल जी की अनेक महत्वपूर्ण संकल्पनाओं को अमली जामा पहनते देखना सुखद है । राजमार्गों के एकीकरण और भारत को सड़कों से जोड़ने के क्रम वाले भारत के स्वप्न को पूरा करने का श्रेय भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर पुरुष कहे जाने वाले श्री नितिन गडकरी जी को है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन क्या कारण है कि इतनी सशक्तता से कार्य कर रही सरकार के बावजूद आज भी गांवों में सड़क न होने से जन, जंगल, जमीन, जानवर सब प्रभावित हैं ? क्या कारण है कि जनसंख्या और सड़कों का अनुपात भी प्रत्येक राज्यों में अलग अलग है? क्या कारण है कि आम जनता की परेशानी फ्लाईओवर या एक्सप्रेस हाईवे नहीं बल्कि तंग सड़कों में पड़े गड्ढे हैं । स्वच्छ भारत मिशन के बाद भी नालियों से सड़क में आते पानी , हर सुबह स्वच्छ वायु से संपर्क करते कूड़े के ढेरों से और कभी टेलीफोन की लाइंस तो कभी स्मार्ट सिटी के तहत लगे समाग्रियों के ढेरों से है । इन बातों पर परिचर्चा के लिए चाय के ढाबों में पाए जाने वाले विद्वत जन और देश में कुछ भी घटित होने के लिए प्रधानमंत्री को दोषी ठहराते लोगों को समझना होगा कि भारत में सड़कों का विभाजन किस प्रकार है । किस सड़क का निर्माण केंद्र स्तर पर होता है और किस स्तर का निर्माण राज्य,ग्राम,जिला स्तर पर । और ऐसी ही जन भागीदारी की आवश्यकता है भारत को जहां नागरिक अपने अधिकार समझें । अपने लिए आने वाली योजनाओं को समझे ,उनके मद में आने वाले धन एवं उसके निर्गमन को समझे।

विधायक निधि से सड़कों के निर्माण को तरसती आंखें कभी योजनाओं के पन्नों में झांककर यह देखने का प्रयास ही नहीं करती कि आखिर जिला सड़कों, ग्रामीण सड़कों और शहरी सड़कों का निर्माण करता कौन है ।
अधिकांश राज्यों के पीडब्लूडी विभागों की स्थिति जगजाहिर है । पीडब्लूडी विभागों के कार्य यदि अनुकूल होते तो कम से कम जिला मुख्यालय पहुंचने से पहले भारत में महिलाएं प्रसव से दम न तोड़ती । भारत के 5 -6 राज्यों को छोड़ दिया जाए तो भारत के अधिकांश क्षेत्रों की समस्या जिला सड़कों , ग्रामीण सड़कों और शहरी सड़कों के संबंध में है ।

आधारभूत संरचना के लिए सड़कों का जाल जिस तरह सक्रियता के साथ वर्तमान सरकार द्वारा प्रसार किया जा रहा है ऐसे में समन्वित प्रयास यह होना चाहिए कि,जिला सड़कों , ग्रामीण सड़कों और शहरी सड़कों की दिशा में भी राज्य सरकारें पहल करेंगी । गांवों को भी सड़कों से जोड़कर मुख्यधारा में लाने की पहल हों । पहाड़ों के सीमांत क्षेत्रों में भी मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की लहर सुनाई देगी तो झील झरनों और प्राकृतिक उपहार को भारत के अन्य नागरिक भी महसूस कर पाएंगे । राज्य सरकारों द्वारा राज्य के अंतर्गत आने वाली सड़कों के विकास क्रम को धन की कमी से अवरोधित होने से बचाने के लिए जनभागीदारी,सरकारी संस्थानों द्वारा किए जाने वाले सामाजिक खर्चों को व्यापकता दी जा सकती है ।

(लेखक जय प्रकाश स्वतंत्र स्तंभाकार, पूर्व बैंक अधिकारी एवं किरोड़ीमल महाविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व महासचिव रहे हैं)