चेन्नई । जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषक ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और वैश्विक मंदी की चिंताओं में मामूली कमी के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
शोध विश्लेषक अनिल आर. ने कहा, सोने की कीमतों में हालिया गिरावट (अब तक के उच्चतम स्तर से 5.4 प्रतिशत) को वैश्विक मंदी की चिंताओं में मामूली कमी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसके अलावा, अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है। यह प्रवृत्ति जारी रह सकती है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्तवर्ष में भारतीय सोने की मांग में मात्रा के हिसाब से 17 फीसदी की गिरावट आई है, जिसका मुख्य कारण ऊंची कीमतें हैं।
अनिल ने आगे कहा, परिणामस्वरूप, हमें अल्पावधि में खुदरा मांग में नरमी का अनुमान है। स्टॉक की कीमतों पर इन कारकों के दिन-प्रतिदिन के प्रभाव को निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, हमें उम्मीद है कि त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ ही भारत में मांग में तेजी आएगी।
कॉमेक्स पर सोने की कीमतें गुरुवार को एक दायरे में रहकर 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,924 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थीं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा, एमसीएक्स पर सोने का अगस्त वायदा अनुबंध 0.05 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 58,495 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है।
गांधी ने कहा कि फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की आखिरी बैठक के मिनटों में तीखी टिप्पणियों के कारण अमेरिकी ट्रेजरी की पैदावार और डॉलर सूचकांक में मजबूती के बाद कॉमेक्स सोने की कीमतें दबाव में आ गईं।
उन्होंने कहा, मिनटों से पता चलता है कि अधिकांश नीति निर्माता इस बात पर सहमत हैं कि इस वर्ष और अधिक सख्ती की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में सर्राफा थोड़ा ऊंचे स्तर पर कारोबार कर रहा है, क्योंकि कीमतों को कमजोर रुपये से समर्थन मिल रहा है, जो इस सप्ताह अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 0.60 प्रतिशत कमजोर हो चुका है।
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