Sunday, May 11, 2025
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डाक्टर्स डे : पूर्व स्वास्थ्य निदेशक उत्तराखंड डा. दुर्गापाल हुये सम्मानित, गोष्ठी का भी हुआ आयोजन

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(शेखर पपनै)

अल्मोडा, पूरे देश में डाक्टर्स डे को बड़ी सादगी के साथ मनाया गया, महान भारतीय चिकित्सक डॉ. विधान चंद्र राय के जन्म दिवस पर आयोजित
चिकित्सक दिवस पर वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक व पूर्व स्वास्थ निदेशक उत्तराखण्ड डा. जे. सी. दुर्गापाल को सम्मानित किया गया | इस अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन आई.क्यू. नेत्र चिकित्सालय में किया गया | गोष्ठी में डॉ. दुर्गापाल को सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों की ओर से गुलदस्ता एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया | अपने उद्वोधन में डॉ. दुर्गापाल ने कहा कि हम सब को मिलजुल कर मधुर भाषा, सेवाभाव, अपनापन, प्रेमभावना के साथ रोगियों की सेवा करनी चाहिए | हम गुड ना दे सके लेकिन गुड की तरह ही दिन दुखियों की सेवा कर सकते हैं, आज का दिन हमें यही प्रेरणा देता है कि हमें रोगियों की तन मन धन से सेवा करनी चाहिए ,

आज डॉक्टरों के लिए यह दिन और अधिक प्रासंगिक हो जाता है, जबकि पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है, ऐसे वक़्त में हमें अधिक सावधानी के साथ अपनी सेवायें करनी होगी |
गोष्ठी में डॉ. ललित पंत, बालम नेगी, नितेज बनकोटी, सुंदर लटवाल, केशर अधिकारी, भास्कर प्रसाद, भुवन आर्या, श्रीचंद्र मानी भट्ट, दया कृष्ण कांडपाल, श्रीमती रीता दुर्गापाल, श्रीमती पुष्पा सती, मनोज सनवाल और मनीष तिवारी आदि मौजूद रहे |

उत्तराखंड : राजनैतिक सरगर्मी, तीरथ ने दिया इस्तीफा, आखिर क्यों अब तीसरा मुख्यमंत्री..?

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(एल मोहन लखेड़ा)

ऐसा क्या हुआ कि अचानक उत्तराखण्ड़ में भाजपा को नेतृत्व परिवर्तन करना पड़ रहा और वह जब राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं, फिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि एक रावत को हटाया, फिर दूसरे को अब क्यों तीसरे की तैयारी..? इस पर उत्तराखण्ड़ की जनता भी अचरज में पड़ गई, क्या बार बार मुख्यमंत्री बदलने से पहाड़ी जनमानस की किस्मत भाजपा बदल पायेगी, यह सवाल तो फिलहाल गर्द में तैरता नजर आ रहा | राज्य के जनमानस तो अभी कोरोना संक्रमण की मार से अभी उभर नहीं पाया और आज तक संकट में धिरा नजर आ रहा, वह तो अभी तक विकास की राह जोह रहा, क्या पहाड़ के सीधे और सरल व्यक्ति ने तो ‘राज्य’ की कल्पना इसी उद्देश्य से की थी उसने तो सोचा था कि शायद उसके दिन भी बहुरेंगे…!
इधर राज्य में भाजपा तीसरे मुख्यमंत्री की तैयारी में है, सभी अपनी गोटी बिठाने में लगे हैं, पहाड़ फिर ‘पहाड़’ लगने लगा, सभी को सत्ता की मलाई चाहिये, बस और कुछ नहीं ..
आखिरकार संवैधानिक संकट की आहट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने इस्तीफा दे दिया है। अब आज शनिवार को विधानमंडल की बैठक बुलाई गई है। इसके बाद नए सीएम का ऐलान होगा। पार्टी ने राज्य के सभी विधायक और सांसदों को देहरादून बुला दिया है। इस बार भी मुख्यमंत्री की दौड़ में फिलहाल मौजूदा कई विधायकों के चेहरे सामने हैं, परन्तु दावा नहीं किया जा सकता कि मुख्यमंत्री विधायकों के बीच बनेगा या फिर ‘हाईकमान’ तय करेगा।
सबसे दु:खद तो यह
उत्तराखंड में बहुमत वाली भाजपा की सरकार में पांच साल के भीतर तीसरा मुख्यमंत्री बनने जा रहा है। विगत 10 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पार्टी ने हटाकर सांसद तीरथ रावत को नए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी। अभी तीरथ रावत को मुख्यमंत्री बने चार माह भी पूरे नहीं हुए कि उनको कुर्सी से हटाया जा रहा है। बहाना हालांकि इसके पीछे उनके छह माह के भीतर चुनाव लड़ने का है जोकि कोरोना संक्रमण काल के चलते यह संभव नहीं हो पाया। अब वह चुनाव तो लड़ना चाहते थे, किंतु संवैधानिक प्रक्रिया यानी सरकार का कार्यकाल एक साल से कम रहने से चुनाव करना चुनाव आयोग के लिए संभव नहीं था। ऐसे में उनके सामने सिर्फ इस्तीफा देने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली बुलाकर चुनाव लड़ने समेत अन्य पहलुओं को लेकर चर्चा की। तीन दिन तक उनकी केंद्रीय नेताओं से कई बैठकें भी हुई है। लेकिन आखिर केंद्रीय नेतृत्व ने उनको इस्तीफा देने के लिए कहा, शुक्रवार को रात 10 बजे सीएम तीरथ रावत ने मीडिया से रूबरू हुए और अपने चार माह की उपब्धियों को गिनाया। पत्रकार वार्ता में सीएम ने सिर्फ सरकार की उपलब्धियां गिनाने के अलावा कुछ नहीं बोले, लगता था कि हाईकमान ने पढ़ा कर भेजा होगा, हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह अपने इस्तीफा को लेकर कोई बात नहीं कही। रात करीब 11 बजे वह राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राजभवन से निकलने के बाद भी अपने इस्तीफे को लेकर कोई बात नहीं कही और इस दौरान मीडिया को सीएम ने कहा कि वह सेफ हाउस में जा रहे हैं।

 

 

मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की गिनाई उपलब्धियां

राज्य में सत्ता संभालते ही कोरोना महामारी की दूसरी लहर बड़ी वेग से आई, फिर भी हम कोरोना महामारी से बड़ी निजात पाए हैं। ट्रांसपर, पर्यटन आदि में दिक्कतें आई हैं। उनको जो सुविधा दिलाई जा सकी सरकार ने की। राहत देने में विभिन्न कदम उठाए। करोड़ों के कार्य गिनाए। सभी बिंदुओं को छुआ सरकार ने।उत्तराखंड में होनी थी 22340 पद पर भर्ती। 5699 शिक्षा, 2 चिकित्सा, वन2 , राजस्व 789, शहरी विकस्स 872, उच्च 672, पशुपालन 300, कृषि में 400, लोनिवि 312, उद्यान 314, समाज कल्याण, जनजाति, उत्तराखंड में दसवीं और 12वीं के विद्यार्थियों को फ्री लैपटॉप देना था आदि आदि

 

विधायक मंडल की आज होगी बैठक, चुनेंगे नए सीएम

राजनैतिक सरगर्मी के बीच आज शनिवार को भाजपा विधानमंडल की बैठक 3 बजे बुलाई गई है। इस बैठक में पार्टी के विधायक अपना नेता चुनेंगे। इसके बाद ही राज्य को नया मुख्यमंत्री मिल पायेगा।

बड़ी खबर :खत्म हुई सीएम तीरथ की प्रैस कांफ्रेंस, सिर्फ गिनाई सरकार की उपलब्धियां, इस्तीफे के सवाल पर नहीं खोला मुँह

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देहरादून, सीएम तीरथ सिंह रावत की प्रैस कांफ्रेंस खत्म हो गई हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों के समक्ष सरकार की विभिन्न उपलब्धियों की जानकारी दी। करीब सात मिनट की प्रैस वार्ता में जैसे ही पत्रकारों ने उनसे इस्तीफे के संबंध में सवाल पूछना शुरू किया, इससे पहले ही सीएम तीरथ सिंह रावत उनके सवालों से बचते हुए बिना कुछ बोले कुर्सी से उठकर चले गए। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब कल होने वाले विधान मंडल दल की बैठक में ही नए सीएम को लेकर चर्चा हो सकती है।

इस अवसर पर शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल एवं कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे भी मौजूद थे।
इससे पहले उन्होंने दिल्ली में पत्र के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने सीएम पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। साथ ही राज्यपाल बेबीरानी मौर्य से मिलने का समय मांगा है।

कल 3 बजे होगी भाजपा विधानमंण्डल दल की बैठक

उत्तराखंड में आज की सबसे बड़ी खबर कल 3:00 बजे बीजेपी कार्यालय में विधानमंडल दल की बैठक आयोजित होगी, बैठक में दोनों पर्यवेक्षक विधायकों का मूड टटोलेंगे, हालांकि बीजेपी के तमाम विधायकों को सुबह 11:00 बजे ही देहरादून पहुंचने के निर्देश दे दिए गए हैं ताकि बैठक में वह शामिल हो सके | लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या कल ही नाम की घोषणा हो जाएगी या फिर पर्यवेक्षक नाम दिल्ली लेकर जाएंगे |

रात को खाना खाकर सोए, सुबह घर से गायब मिली बेटी, असलियत सुनकर दंग रह गए परिजन

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कोचिंग पढ़ाने के दौरान एक शिक्षक अपनी ही छात्रा से इश्क लड़ा बैठा। शिक्षक छात्रा से बेइंतहा मोहब्बत करने लगा था। वह उससे शादी करना चाहता था। इसकी छात्रा के परिजनों को कानो कान खबर तक नहीं थी। एक छात्रा कोचिंग पढ़ने गई लेकिन वह वापस घर नहीं लौटी। परिजनों ने जब लड़की की खोजबीन शुरू की तो असलियत सामने आई। बेटी के बारे में पूछते-पूछते वह शिक्षक के घर पहुंचे। यहां शिक्षकों के परिजनों ने लड़की के घर वालों को बेइज्जत करके भगा दिया। लड़की के घर वालों ने जब बेटी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा मेरा बेटा ही तुम्हारी लड़की को लेकर गया है, वह उससे शादी करेगा तुम्हे जो करना है कर लो।

मामला भागलपुर जिले का है। पीरपैंती थाना में शेरमारी के एक पिता ने थाने में रिपोर्ट लिखाई है कि उसकी बेटी को एक शिक्षक भगाकर ले गया है। वह उसकी बेटी से शादी करना चाहता है। उसकी बेटी शिक्षक के पास कोचिंग पढ़ने जाती थी। थाने में लिखाई रिपोर्ट में छात्रा के पिता ने आगे बताया है कि 27 जून की रात्रि हम सभी खाना पीना खाकर सो गए थे। सुबह जब जगे तो देखा कि उसकी 18 वर्षीय पुत्री घर में नहीं थी। बेटी की तलाश में नाते-रिश्तेदारों के घर पूछा तो वहां भी नहीं मिली। काफी खोजबीन के दौरान पता चला कि उसकी बेटी जो इंटर पास है, जिसके पास वह कोचिंग पढ़ने जाती थी वही उसे शादी करने की नीयत से बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। शिक्षक के परिजनों ने भी बेटी के पूछने पर उसे धमकाया।( हिन्दुस्तान )

कार लेने का है मन, यहां जानिए कौन सा बैंक दे रहा है सस्ते कार लोन का ऑफर

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नई दिल्ली. ज्यादातर कार खरीदार शोरूम के पार्टनर बैंक से ही कार लोन लेना पसंद करते हैं क्योंकि वे मानते हैं कि एक छत के नीचे जब सभी काम हो रहे हैं तो फिर इधर-उधर क्यों जाना. मगर इससे पहले कि आप किसी लेंडर के साथ लोन के लिए साइन अप करें, जिसने डीलर के साथ पार्टनरशिप की है, जांच लें कि क्या आपको कहीं और भी सस्ती ब्याज दर पर लोन मिल सकता है.

ब्याज दर में 1% का अंतर भी आपको अच्छी खासी बचत में मदद कर सकता है
इससे ये फायदा है कि ब्याज दर में 1 फीसदी का अंतर भी आपको अच्छी खासी बचत में मदद कर सकता है. ऐसे समझिए कि आप 7 लाख रुपये का लोन चाहते हैं और डीलर इसे पांच साल के लिए 8 फीसदी की दर से देता है. इस हिसाब से आपकी मंथली किश्त यानि ईएमआई 14,194 रुपये की होगी और लोन रीपेमेंट में कुल 8,51,609 रुपये जाएंगे.

कुल रीपेमेंट में जोड़ा गई प्रोसेसिंग फीस भी ज्यादा महत्वपूर्ण अंतर ला सकती है
इसी तरह अगर आपका लोन 0.5 फीसदी सस्ता है, तो आपकी ईएमआई ₹14,027 होगी और लोन रीपेमेंट कुल ₹8,41,594 होगा. अगर लोन 1 फीसदी सस्ता है, तो ईएमआई और कुल लोन रीपेमेंट क्रमशः ₹13,861 और ₹8,31,650 होगा. ब्याज दरों के अलावा कुल रीपेमेंट में जोड़ा गई प्रोसेसिंग फीस भी ज्यादा महत्वपूर्ण अंतर ला सकती है.

बैंक ब्याज दर (%) प्रोसेसिंग फीस (लोन अमाउंट का %) अवधि
टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 7.50-11.20 0.40% तक 7
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 7.55-7.80 1,500 तक 7
ICICI बैंक 7.90-9.85 7.90-9.85 3,500-8,500 7
एक्सिस बैंक 8.65-10.90

HDFC बैंक 7.95-8.30

8.65-10.90

7.95-8.30

3,500-5,500

5,000-10,000

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पौड़ी : नीलम रावत की फिर ताजपोशी, मिली कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी

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पौड़ी। कांग्रेस के सांगठनिक जनपद पौड़ी की महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रुप में नीलम रावत की दोबारा ताजपोशी हो गई है। उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सरिता आर्य ने उन्हें जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव की संस्तुति पर आर्य ने नीलम को यह जिम्मेदारी सौंपी है।
नवनियुक्त जिलाध्यक्ष नीलम रावत को इससे पहले 26 मई को महिला कांग्रेस कमेटी पौड़ी का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस दौरान उनकी नियुक्त को लेकर पार्टी की पूर्व जिलाध्यक्ष सहित कई महिला नेत्रियों ने विरोध जताया था।

.जिसके बाद नीलम को पद से हटा दिया गया था। नव नियुक्त जिलाध्यक्ष नीलम रावत ने दोबारा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने पर खुशी जताते हुए कहा कि पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पालन किया जाएगा। साथ ही सभी को साथ लेकर संगठन की मजबूती के लिए कार्य किया जाएगा। जिम्मेदारी मिलने पर नीलम रावत ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, सह प्रभारी राजेश धर्माणी व दीपिका पांडे, पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव, प्रदेश प्रभारी परमिंदर कौर, प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य, मनीष खंडूड़ी, राजपाल बिष्ट, गणेश गोदियाल, नवल किशोर आभार भी जताया है। नीलम नगर पालिका की पूर्व सभासद हैं। महिला कांग्रेस की नगर अध्यक्ष के साथ ही संगठन में कई दायित्व संभाल चुकी हैं।

जिलाधिकारी ने प्रचार-प्रसार एलईडी वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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पौड़ी, जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने विकास भवन परिसर से कोविड-19 वैक्सीनेशन जन जागरूकता के लिए प्रचार-प्र्रसार एलईडी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने कहा कि वल्र्ड विजन संस्था की ओर से कोविड रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार के लिए आम जनमानस को जागरूक करने तथा कोविड-19 से बचाव की जानकारी एलईडी वाहन के माध्यम से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वल्र्ड विजन संस्था द्वारा कोविड-19 जन-जागरूकता के लिए बेहतर पहल की जा रही है।

जिलाधिकारी ने कहा कि वल्र्ड विजन संस्था द्वारा मोबाइल वेन में स्क्रीन लगाकर पौड़ी व पाबौ विकासखंड के विभिन्न स्थानों में पहुंचकर लोगों को कोविड रोकथाम हेतु जागरूक किया जायेगा, जिससे आम जनमानस कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु सुरक्षित रह सकेंगे। उन्होंने कहा कि वल्र्ड विजन संस्था ने मोबाइल वाहन की 13 दिनों का कार्यक्रम अवगत कराया है, जिससे वह 13 दिनों में यह कार्यक्रम मुख्य बाजार, विद्यालय सहित अन्य स्थानों में आम जनमानस को कोविड से बचाव के लिए जागरूक करेंगे। इससे पौड़ी, पाबौ के अलावा अन्य विकासखंडों को भी लाभ मिलेगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि भविष्य में ऐसे प्रचार वाहन के माध्यम से जिला प्रशासन भी कोविड रोकथाम हेतु प्रचार-प्रसार करेगा। आगे भी वल्र्ड विजन संस्था प्रशासन के साथ ऐसे ही कार्य करते रहें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, वर्ड विजन के मैनेजर राजू जेम्स, विनय पहाड़ी, आदि उपस्थित थे।

ॠषिकेश : शहर और सफाई कर्मी एक दूसरे के पूरक, इनकी समस्या का निस्तारण अधिकारियों की प्राथमिकता हो : बबन रावत

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राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष बबन रावत चार दिवसीय भ्रमण पर पहुँचे उत्तराखण्ड़

ऋषिकेश, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष बबन रावत अपने चार दिवसीय उत्तराखंड भ्रमण के दौरान शुक्रवार को ऋषिकेश पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारी के साथ सफाई कर्मचारियों की समस्या पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोई भी शहर और सफाई कर्मी एक दूसरे के पूरक हैं। इनकी समस्या का हर स्तर पर निस्तारण करना अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष बबन रावत ने नगर निगम के नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल से निकाय के अंतर्गत सफाई कर्मचारियों की समस्या पर चर्चा की। उन्होंने सीवर कार्य में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की समस्या पर जल संस्थान गंगा विंग के सहायक अभियंता हरीश बंसल से आवश्यक चर्चा की। उन्होंने कहा कि यदि काम करते वक्त सफाई कर्मचारी के पास सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं है तो यह सीधा-सीधा मानवाधिकार और संबंधित अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार के अंतर्गत काम करने वाले सफाई कर्मियों की सभी सुविधाओं की मानिटरिंग अधिकारी समय-समय पर करें।

उन्होंने बताया कि रुड़की, हरिद्वार आदि क्षेत्र में उन्होंने भ्रमण किया। अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड में सिर पर मैला ढोने की प्रथा अब समाप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार सफाई कर्मचारियों के लिए जितनी भी योजनाएं चला रही हैं उन सब का धरातल पर शत प्रतिशत अनुपालन होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जो सफाई कर्मी निकाय से दूर रह रहे हैं उनके लिए आवास की सुविधा के लिए सरकार को सुझाव दिया जाएगा।
इस दौरान नगर निगम सभागार में रविंद्र बिरला आदि ने उनका स्वागत किया। उन्होंने भी उपस्थित सफाई कर्मियों को सम्मानित किया। इस मौके पर सहायक नगर आयुक्त एलम दास, विनोद लाल, सफाई निरीक्षक सचिन रावत, डीडी सेमवाल, अभिषेक मल्होत्रा आदि भी मौजूद रहे। वहीं सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष जब लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे तो नगर निगम के सफाई कर्मचारी उनका सभागार में इंतजार कर रहे थे। उनके आने में जब विलंब हुआ तो इन कर्मचारियों ने सफाई कर्मचारियों की समस्याओं से संबंधित मांग पत्र जला दिया और यहां से चले गए।

बेटी खुशी को न्याय और दरिन्दे को कड़ी सजा दिलाने में परिवार के साथ खड़ी है रोशनी जन सेवा संस्था

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देहरादून, जनपद में पांच साल की बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या पर जनता में उबाल है और अपराधी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग कर रही है | राज्य की राजधानी में घटित इस घटना को लेकर रोशनी जन सेवा संस्था के संस्थापक अध्यक्ष गीताराम जायसवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि जिस प्रकार से आये दिन उत्तराखंड प्रदेश के अंदर किसी न किसी बेटी के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही है ये सभी के लिए बहुत ही शर्मनाक बात है एक 5 साल की बच्ची जिसका नाम खुशी बताया जा रहा है उसके साथ ब्लात्कार करने के बाद उस बच्ची को उसका मुँह बन्द कर उसकी हत्या कर दी जाती हैं रोशनी जन सेवा संस्था इस भयानक अपराध की घोर निंदा करती हैं और सरकार से अपराधी को फांसी पर लटकाने की माँग करती हैं |

संस्था के महासचिव एडवोकेट संजय कुमार ने कहा जो दरिंदा गोविंदगढ़ से गिरफ्तार किया गया है वह अपना नाम चुनचुन मोहता बता रहा हैं, ऐसे व्यक्ति को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए | संस्था की महानगर अध्यक्ष निशा रानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड प्रदेश में महिलाएं तो क्या यहाँ पर नन्ही परी भी महफूज नही है, यहाँ पर हर एक दिन किसी न किसी को बेटी को दरिन्दे अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं |

रोशनी जन सेवा संस्था देहरादून में हुए घटनाकर्म की कड़ी निंदा करती हैं | रोशनी जन सेवा संस्था के संस्थापक अध्यक्ष एवं अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गीताराम जायसवाल ने कहा कि संस्था के लोग पीड़ित परिवार के घर जाकर मुलाकात करेंगे, संस्था पीड़ित परिवार के साथ खड़ी होकर बेटी खुशी को न्याय दिलाने और उस दरिन्दे को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करेगी |

Provident Fund में 24 फीसद योगदान इस तारीख तक करेगी सरकार, जानें क्‍या आप Eligible हैं

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नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Covid 19 Mahamari के कारण कई लोग अपनी Job से हाथ धो बैठे हैं। सरकार ने इस दौरान रोजगार बढ़ाने के लिए अक्टूबर 2020 में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (atmanirbhar bharat rojgar yojana) शुरू की थी। इस योजना का फायदा उन लोगों को मिलना तय हुआ है जो 1 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक नियुक्त हो चुके हैं या होंगे। 22,810 करोड़ रुपये के खर्च की इस योजना का फायदा को अब तक 21 लाख से ज्‍यादा नौजवानों को मिल चुका है।

कौन है Eligible

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में रजिस्टर संस्थान ही इस योजना में शामिल हैं। इस योजना के तहत नए वर्करों के भविष्य निधि खातों (Provident fund account) में अंशदान का दायित्व कुछ समय के लिए सरकार अपने ऊपर लेती है।

ABRY का बजट

बीते हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि 18 जून 2021 तक योजना के तहत 21.42 लाख लोगों को फायदा मिला जिस पर 902 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ये लाभार्थी 79,577 कंपनियों से जुड़े हैं। सीतारमण ने कहा कि यह योजना 30 जून 2021 तक वैध थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है।

क्‍या है ABRY

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) की शुरुआत बीते साल 1 अक्टूबर को की गई थी। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में दिये जाने वाले योगदान (Provident fund contribution) में सरकारी मदद के जरिये कंपनियों को नए रोजगार पैदा करने, रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए प्रोत्साहन दिया गया। योजना के तहत 58.50 लाख अनुमानित लाभार्थियों के लिए 22,810 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है।

2023 तक मिलेगा फायदा

महामारी के दौरान सरकार ने Jobs के मौके बढ़ाने और कर्मचारियों को राहत के लिए कई कदम उठाए हैं। एबीआरवाई इनमें से एक उपाय है। इसके तहत सरकार ने 2020 से 2023 तक क्रियान्वयन की पूरी अवधि के लिए 22,810 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

Jobs बढ़ेंगी

योजना का मकसद कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम करके रोजगार को बढ़ावा देना है। योजना में भारत सरकार नयी भर्तियों के मामलों में दो साल तक भविष्य निधि कोष में कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा किये जाने वाले कुल 24 प्रतिशत योगदान का भुगतान अपनी तरफ से करेगी। यह सुविधा उन कर्मचारियों के मामले में दी जा रही है जिनका वेतन 15 हजार रुपये मासिक तक है और जिन कंपनियों में कुल कर्मचारियों की संख्या 1 हजार तक है।