Sunday, May 11, 2025
Home Blog Page 1436

चोरी के सामान के साथ बिजनौर के तीन युवक गिरफ्तार

0

कोटद्वार, पुलिस ने सीतल टावर निंबूचौड़, कोटद्वार में हुई चोरी को खुलासा किया और चोरी के सामान के साथ जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश निवासी तीन युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कोटद्वार चोरी की वारदातों को जिला बिजनौर के बदमाश ही अंजाम देते है।

पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी ने बताया कि 26 जून 2021 को चंद्रप्रकाश ध्यानी निवासी सीतल टावर निंबूचौड़ ने शिकायती प्रार्थना पत्र दिया कि किसी अज्ञात ने मेरे घर से जेवरात, मोबाईल व नगदी चोरी कर ली है। पीड़ित की तहरीर के आधार पर आईपीसी की धारा 380/411 के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार नरेंद्र सिंह बिष्ट, प्रभारी सीआईयू विजय सिंह के नेतृत्व में थाना कोटद्वार एवं सीआईयू की संयुक्त टीम का गठन किया गया।

गठित टीम द्वारा शनिवार को बीएल रोड़ के पास से तीन युवकों को चोरी में प्रयुक्त मोटर साईकिल व चोरी किये गये माल के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने अपना नाम मंजूब पुत्र मतलूब निवासी बसी कीरतपुर मौहल्ला रादगान, जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश, अरबाज पुत्र मो. सकीफ, अजहर पुत्र मो. उमर बताया। अभियुक्तगण शातिर किस्म के चोर है जो विभिन्नि क्षेत्रो में चोरी की संगीन घटना को अंजाम देते थे। अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है। सीओ ने बताया कि अभियुक्तों से दो अंगूठी पीली धातु, 1 मोबाइल सैमसंग, एक मोटरसाइकिल बिना नंबर प्लेट, 3 हजार रूपये नगद बरामद किये गये है। जिनकी कुल अनुमानित कीमत तीन लाख रूपये है। पुलिस टीम में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट, सीआईयू प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह, उपनिरीक्षक अनित कुमार, हेड कांस्टेबल सुशील कुमार, कांस्टेबल चेतर्न ंसह, आबिद अली, सुनीत कुमार, अमरजीत, संतोष आदि शामिल थे।

एम्स ने किया सचेत, लापरवाही बरती तो खतरनाक होगी तीसरी लहर

0

ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों का सचेत किया है। एम्स के मुताबिक कोविड सुरक्षा नियमों को लेकर लापरवाही डेल्टा प्लस वैरिएंट की तीसरी लहर का कारण बन सकती है। ऐसे में केवल वैक्सीनेशन और कोविड सुरक्षा नियमों का पालन से स्वयं को सुरक्षित रखा जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डेल्टा वैरिएंट अभी तक विश्व के 100 देशों में पाया जा चुका है। डेल्टा वैरिएंट को बी. 1.617.2. स्ट्रेन भी कहते हैं। जबकि ’डेल्टा प्लस’ वेरिएंट बी. 1.617.2.1 है। कोरोना वायरस के स्वरूप में आ रहे बदलावों की वजह से ही डेल्टा वायरस बना है।

एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि कोरोना वायरस के अन्य सभी वैरिएंटों की तुलना में डेल्टा प्लस वैरिएंट की वजह से फेफड़ों में कोविड निमोनिया का संक्रमण अधिक हो सकता है। यह भी संभावना है कि कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट में एंटीबॉडी कॉकटेल’ जैसी दवा का भी शत- प्रतिशत असर नहीं हो पाए। लेकिन वैक्सीन लगा चुके लोगों में इसकी वजह से गंभीर किस्म के संक्रमण का कोई मामला फिलहाल भारत में नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अब तक देश के 12 राज्यों में इसकी पुष्टि हो चुकी है।

एम्स से भेजे 15 सैंपल, नहीं मिला डेल्टा प्लस
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि बीते महीने में एम्स ऋषिकेश ने कोरोना संक्रमितों की रैंडम सैंपलिंग की थी। 15 संक्रमितों के सैंपल डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए आईसीएमआर भेजे गए थे। लेकिन इनमें से किसी भी सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट फेफेड़ों के लिए खतरनाक
एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीप ज्योति कलिता ने बताया कि कोरोना एक आरएनए वायरस है। आरएनए वायरस की पहचान है कि यह बार-बार म्यूटेशन कर अपना रूप बदलता है। अभी तक कोरोना के अल्फा, बीटा, डेल्टा और डेल्टा प्लस आदि रूपों की पहचान हो चुकी है। डॉ. कलिता ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट निचली श्वसन प्रणाली में फेफड़ों की म्यूकोसल कोशिकाओं के लिए घातक हो सकता है |

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कोरोना वायरस के अन्य सभी वेरिएंट की तुलना में डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से फेफड़ों में कोविड निमोनिया का संक्रमण ज्यादा हो सकता है। यह भी संभावना है कि कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट में एंटीबाडी काकटेल जैसी दवा का भी शत- प्रतिशत असर नहीं हो पाए। लेकिन इतना जरूर है कि वैक्सीन लगा चुके नागरिकों में इसकी वजह से गंभीर किस्म के संक्रमण का कोई मामला फिलहाल भारत में नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अब तक देश के 12 राज्यों में इसकी पुष्टि हो चुकी है |
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि तीसरी लहर डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण आएगी, यह कहना अभी संभव नहीं है। गत माह एम्स ऋषिकेश की ओर से आइसीएमआर को भेजे गए कोविड के 15 सैंपलों में से एक में भी डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। इन सैंपलों को रेन्डम के आधार पर एकत्रित किया गया था।

100 देशों में मिला है डेल्टा वैरिएंट

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डेल्टा वेरिएंट अभी तक विश्व के 100 देशों में पाया जा चुका है। डेल्टा वेरिएंट को बी. 1.617.2. स्ट्रेन भी कहते हैं, जबकि डेल्टा प्लस वेरिएंट बी. 1.617.2.1 है। कोरोना वायरस के स्वरूप में आ रहे बदलावों की वजह से ही डेल्टा वायरस बना है।

 

संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. दीप ज्योति कलिता जी का कहना है कि कोरोना एक आरएनए वायरस है। आरएनए वायरस की पहचान है कि यह बार-बार उत्परिवर्तित होकर अपना रूप बदलता है। अभी तक कोरोना के अल्फा, बीटा, डेल्टा और डेल्टा प्लस आदि रूपों की पहचान हो चुकी है। डा. कलिता ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट निचली श्वसन प्रणाली में फेफड़ों की म्यूकोसल कोशिकाओं के लिए घातक हो सकता है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान और लक्षण कोविड के नोडल आफिसर डा. पीके पंडा ने बताया कि कोरोना वायरस तेजी से रूप बदलने में माहिर है। ऐसे में डेल्टा प्लस के कई अन्य मामले और हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगने के बाद भी यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसमें डेल्टा प्लस की संभावनाएं हो सकती हैं। इन हालातों में कोरोना के संदिग्ध वेरिएंट वाले मरीज का सैम्पल आईसीएमआर की प्रयोगशाला में भेजा जाता है। अब तक यह भी देखा गया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के रोगी में कोविड वैक्सीन ज्यादा प्रभावकारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट महामारी को रोकने के लिए निम्न चार चरणों के पालन करने की नितांत आवश्यकता है।

जानिए अहम बातें

-सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कोविड संदिग्ध व कोविड पाॅजिटिव रोगियों की पहचान की जाए। पहचान होने पर संबंधित व्यक्ति को न्यूनतम सात दिनों के लिए क्वारन्टीन किया जाए। इनमें एचआईवी पाॅजिटिव रोगी, अनियंत्रित डायबिटीज, डायलिसिस कराने वाले क्रोनिक किडनी के रोगी, अंग प्रत्यारोपण वाले रोगी, कैंसर के रोगी, तीन सप्ताह से स्टेरायड लेने वाले रोगी और कम प्रतिरक्षा वाले रोगियों को उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने तक अलग रखा जाना चाहिए। ऐसे रोगियों में कोरोना वायरस लंबे समय तक रहने की प्रबल संभावना होती है।

-कहीं भी और किसी को भी कोई सामुहिक सभा की अनुमति हरगिज नहीं दी जाए। विशेष परिस्थियों में यदि अनुमति देना जरुरी हो, तो ऐसी स्थिति में सभी लोग कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखें और मास्क अनिवार्यरूप से पहनें। ऐसे स्थानों में वेंटिलेशन और हाथ धोने की पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए। हाथों को स्वच्छ रखना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही सामुहिक सभा में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों का पहले से टीकाकरण होना भी अनिवार्य है।

-प्रत्येक व्यक्ति कोविड व्यवहार के पांच प्रमुख नियमों-शारीरिक दूरी बनाए रखना, हाथों की स्वच्छता, स्वच्छ मास्क पहनना, हवादार कमरे में रहना और कोविड टीकाकरण कराने का अनिवार्यरूप से पालन किया जाए।

-यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक कोविड रोगी का उपचार मल्टीपल काम्बिनेशन वाली दवाओं से ही किया जाए। पालीफार्मेसी की आवश्यकता के बिना भी संबंधित दवा कोविड मरीज को ठीक कर सकती हैं।

कोरोना अपडेट : उत्तराखण्ड़ में आज 24 घंटे में मिले 158 नए संक्रमित, चार की हुई मौत, 187 मरीज हुए ठीक

0

देहरादून, उत्तराखंड में आज शनिवार को पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 158 नए मामले सामने आए हैं। वहीं चार मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा आज 187 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1821 पहुंच गई है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, शनिवार को 23653 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, अल्मोड़ा में चार, बागेश्वर में एक, चमोली में एक, चंपावत में तीन, देहरादून में 80, हरिद्वार में 11, नैनीताल में छह, पौड़ी में पांच, पिथौरागढ़ में 14, रुद्रप्रयाग में तीन, टिहरी में आठ, ऊधमसिंह नगर में एक और उत्तरकाशी में 21 मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या तीन लाख 40 हजार 646 हो गई है। इनमें से तीन लाख 25 हजार 548 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7331 लोगों की जान जा चुकी है।

अच्छी खबर : पटवारी और लेखपाल भर्ती में रिक्त पदों की बढ़ाई गई संख्या, 554 कुल पदों की संख्या

0

देहरादून, राज्य में पटवारी और लेखपाल भर्ती में आवेदन करने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पटवारी और लेखपाल की भर्ती में पद बढ़ा दिए हैं। पटवारी के 25 और लेखपाल के 16 पद बढ़ाए गए हैं। इस भर्ती की विज्ञप्ति बीती 17 जून का जारी हुई थी। तब पटवारी और लेखपाल के कुल 513 रिक्त पदों पर आवेदन मांगे गए थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 554 कर दिया गया है। प्रदेश के बेरोजगार संघों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने गुरुवार को प्रेस बयान जारी कर बताया कि लेखपाल के लिए विभाग की नियमावली में शारीरिक माप का कोई उल्लेख नहीं है। इसे देखते हुए भर्ती से आवेदक की निर्धारित लंबाई की शर्त हटा दी गई है। आयोग ने लेखपाल बनने के लिए 168 सेंटीमीटर लंबाई की शर्त रखी थी। इस शर्त का युवा विज्ञप्ति जारी होने के बाद से ही विरोध कर रहे थे। इसके साथ ही लेखपाल के पद के लिए दौड़ 60 मिनट में नौ किलोमीटर के बजाय 60 मिनट में सात किलोमीटर कर दी गई है। आयोग ने पदों की संख्या में बढ़ोतरी भी की है। पटवारी के 366 और लेखपाल के 147 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। बढ़ोतरी के बाद पटवारी के पद 391 और लेखपाल के पद 163 हो गए हैं।

भाजपा सरकार महिला उत्पीड़न के मामलो को दबाने का काम कर रही है : पालीवाल

0

हरिद्वार 3 जुलाई (कुलभूषण) महानगर कांग्रेस कमेटी हरिद्वार के तत्वाधान में भाजपा विधायक सुरैश राठौर के खिलाफ   भाजपा नेत्री द्वारा  दुष्कर्म का कोर्ट द्वारा बहादराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराये जाने को लेकर  चंद्रा्चार्य  चौक पर भाजपा विधायक सुरेश राठौर की गिरफ्तारी की मांग को  को लेकर विधायक का पुतला दहन किया । प्रदेश महासचिव डॉक्टर संजय पालीवाल ने कहा कि उत्तराखंड में कई भाजपा विधायकों पर महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हो चुके हैं परंतु प्रदेश की भाजपा सरकार इन सभी मामलों को दबा  रही है।

महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि इस षडयंत्रकारी व दुष्कर्मी विधायक की गिरफ्तारी अत्यंत आवश्यक है यदि गिरफ्तारी नहीं हुई तो खुलेआम महिलाओं पर जोर जुल्म होते रहेंगे और सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी इन मामलों को दबाती रहेगी जो अभी तक होता आया है। प्रदेश सचिव प्रदीप चौधरी व महिला जिलाध्यक्ष बिमलापांडे ने कहा कि आए दिन इनके महिला उत्पीड़न के मामले आते रहते हैं परंतु राजनीतिक दबाव के कारण सभी मामले दबा दिए जाते हैं और पीड़ित महिला को इंसाफ नहीं मिलता आज कांग्रेस द्वारा भाजपा को चेताया गया कि यदि इस बार भी पीड़िता को न्याय नहीं मिला तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सड़कों पर उतरेगी।

इस मौके पर यशवंत सैनी रवि कश्यप ग्रामीण जिला अध्यक्ष धर्मपाल सिंह नईम कुरैशी  अशोक शर्मा  अंजू  द्विवेदी पार्षद इसरार अहमद पार्षद साहबुद्दीनएशुभम अग्रवालए महेश राणाएराजवीर सिंह चौहानए आशीष शर्मा
हाजी रफी खान सहित विभिन्न कंाग्र्रेसजन उपस्थित थे।

बैंड बाजे के साथ घर में प्रवेश कराया नवजात कन्या का

0

हरिद्वार 3 जुलाई (कुलभूषण) तीर्थ नगरी हरिद्वार निवासी  एक परिवार मंें नवजात पुत्री के जन्म लेने पर उसके परिजनो द्वारा बैंड बाजे के साथ नवजात बालिका को घर लाकर समाज के सामने एक उदहारण प्रस्तुत किया है।
निरंजनी अखाडा मायापुर निवासी  रामअवतार षर्मा (80) का संयुक्त परिवार निवास करता है उनके परिवार में उनके पुत्र चार पुत्र पुत्रवधु पौत्र पौत्रवधु एक साथ निवास करते है। रामअवतार षर्मा के पौत्र के यहा विगत दिनो पुत्री का जन्म हुआ जिससे परिवार मंें खुषी का महौल है परिवार ने नवजात कन्या की खुषी को मनाने के लिए उसे नर्सिंग होम से घर लाते समय बैण्ड बाजो के साथ घर में प्रवेष कराया।

रामअवतार षर्मा ऊषा ब्रेको लिमिडेट के हरिद्वार प्लांट के संस्थापक मैनेजर रह चुके है।
परिवार के मुखिया राम अवतार षर्मा ने बताया की यह सौभाग्य की बात है की हमारे परिवार में मेरी पढपौत्री के रूपमें कन्या का जन्म हुआ है। जिसे हम अपने परिवार पर देवी भगवती की कृपा व आर्षीवाद मानते है जिसके चलते हम कन्या को घर में बैण्ड बाजे से साथ लेकर आये है। वही नवजात कन्या के दादा दादी प्रदीप षर्मा गायत्री देवी का कहना है कि घर में कन्या के आने से ष्खुषी व उत्साह का महौल है ।
षर्मा परिवार समाज के ऐसे लोगो के लिए मिसाल है जो कन्या को दूसरे दर्जे से देखते है ऐसे लोगो को ष्इस परिवार से प्रेरणा लेनी चााहिए ।

उत्तराखण्ड़ : राज्य के 11वें मुख्यमंत्री पद की कल लेंगे पुष्कर सिंह धामी शपथ

0

देहरादून, ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से लगातार दो बार विधायक चुने गए पुष्कर सिंह धामी राज्य 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे । वह उत्तराखंड में अब तक के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनेंगे। धामी रविवार को शपथ लेंगे। संभावना जताई जा रही है कि वह अपने साथ मं‍त्रिमंडल को भी शपथ दिलवाएंगे। राज्यपाल के सचिव ने इसकी पुष्टि की।

राज्य के 11वें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी :

उत्तराखंड़ के जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडीहाट में 16.09.1975 को
जन्में पुष्कर सिंह धामी एक साधारण परिवार से आते हैं। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है। स्नातकोत्तर तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने
मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक में मास्टर डिग्री प्राप्त की | उन्होंने 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में कार्य किया। कुशल नेतृत्व क्षमता, संधर्षशीलता की वजह से वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2002 से 2008 तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित कर उन्होंने कई विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किये। तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसी क्रम में उन्हाेंने दिनांक 11 जनवरी 2005 को प्रदेश के 90 युवाओं के साथ विधानसभा का घेराव करने के लिए ऐतिहासिक रैली आयोजित की । जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है। भाजपा सरकार में 2010 से 2012 तक शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यशील रहते हुए उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान किया। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। वर्तमान में वह खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं।

आखिर संवैधानिक संकट, गवानी पड़ी सीएम की कुर्सी :

राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार में सिर्फ 114 दिन में ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की विदाई हो गई। खुद तीरथ ने अपनी विदाई की के पीछे संवैधानिक संकट बताया है और कई अवसरों पर सरकार और संगठन पर उनके विवादित बयान भारी पड़ गए। संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत मुख्यमंत्री को छह महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी है। इसके लिए उन्हें 10 सितंबर से पहले उपचुनाव में जाना था। लेकिन कोविड महामारी की वजह से सभी चुनावों पर आयोग की रोक है। ऐसे में अभी उत्तराखंड की दो खाली सीटों गंगोत्री व हल्द्वानी में उपचुनाव की संभावना नहीं है। सियासी जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी चुनाव लड़ना है। सियासी जानकार तीरथ की विदाई में ममता बनर्जी के उपचुनाव का कनेक्शन भी मान रहे हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों की एक राय और भी है। उनका कहना है कि पार्टी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल को लेकर जो सर्वे कराया है, उसके नतीजे भाजपा के लिए सुखद नहीं हैं।

महंगा पड़ सकता है तीन मुख्यमंत्रियों का दांव

अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा को पांच साल में तीन मुख्यमंत्रियों का दांव महंगा पड़ सकता है। पार्टी इससे पहले भी वर्ष 2007 में यह प्रयोग कर चुकी है। वर्ष 2007 से 2012 के बीच पांच सालों में भाजपा ने तीन बार मुख्यमंत्री बदले। 8 मार्च 2007 को भुवन चंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन वह 23 जून 2009 तक ही इस पद रह सके। इसके बाद बीजेपी ने खंडूड़ी की जगह रमेश पोखरियाल निशंक को सत्ता की कमान सौंपी। इसके बाद हुये चुनाव में परिणाम सुखद नहीं आये और सत्ता हाथ से चली गयी |

बड़ी खबर : उत्तराखण्ड़ के 11वें मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी

0

देहरादून, प्रदेश के नये सीएम बने पुष्कर सिंह धामी, खटीमा सू विधायक पुष्कर सिंह धामी 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में संभालेंगे राज्य की कमान, बीजेपी के 2 बार के खटीमा से विधायक हैं धामी , युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है, तीरथ सिंह रावत ने पुष्कर सिंह के नाम का ऐलान किया।

उत्तराखंड में आया भूचाल अब शांत हो गया। शुक्रवार की देर सायं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत देर रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

उत्तराखंड के इतिहास में अभी तक भाजपा को कोई भी सीएम अपना पांच वर्ष नही पूरा कर सका, जिसमें तीरथ रावत सबसे कम महज 115 दिन ही प्रदेश के सीएम की कुर्सी पर बैठ पाये | अब जबकि प्रदेश की कमान अब पुष्कर सिंह धामी के हाथों में दे दी गई हैं। केन्द्रीय पर्यवेक्षक केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं विधायक दल के सदस्यों ने सूबे के बतौर सीएम पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मोहर लगा दी है। धामी आज शनिवार को उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बन गए हैं।

बता दें कि पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक है, शनिवार को भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम पर मुहर लगी। इसके बाद अब आज शाम छह बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। वहां तैयारी कर ली गई है।

बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर सुबह करीब 10 बजकर 40 मिनट पर देहरादून पहुंचे। पार्टी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी उनके साथ पहुंचे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नरेंद्र तोमर ने बैठक से पहले तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधायक, मंत्रियों के पहुंचने का सिलसिला दोपहर दो बजे से शुरू हो गया था। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक 2.30 बजे पहुंचे।

बैठक के लिए मंत्री रेखा आर्य, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविंद पांडेय, बिशन सिंह चुफाल सहित सभी लोग पहुंचे। विधायक पुष्कर सिंह धामी और यतीश्वरांनद भी पहुंचे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी बैठक के लिए पहुंचे।

वहीं इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के देहरादून स्थित आवास के बाहर समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा था। बता दें कि राज्य के नए मुख्यमंत्री के संभावित दावेदारों में इनका नाम भी शामिल था।

श्री पुष्कर सिंह धामी

निर्वाचन क्षेत्र-70, खटीमा
जनपद-ऊधमसिंहनगर
भारतीय जनता पार्टी

पिता का नाम: श्री शेर सिंह धामी

जन्म तिथि: 16 सितम्बर, 1975

जन्म स्थान: कनालीछीना, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड

कर्म स्थान: खटीमा, उधम सिंह नगर, उत्तराखण्ड

शिक्षा: स्नानकोत्तर (मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबध), एल.एल.बी.

विवाह: 28 जनवरी, 2011

पत्नी: श्रीमती गीता धामी

व्यवसाय: कृषि

सामाजिक जीवन: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक , संघ आयु – 33 वर्ष, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (1० वर्ष), कार्य क्षेत्र – उत्तर प्रदेश (लखनऊ विश्वविद्यालय) से प्रांतीय स्तर (अवध प्रांत) तक दायित्ववान कार्यकर्ता)

राजनीतिक जीवन:
प्रदेश अध्यक्ष
o भारतीय जनता युवा मोर्चा, उत्तराखंड (लगातार दो बार 2002 से 2008 तक)
o विशेष कार्याधिकारी (मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड (2001-2002)
o उपाध्यक्ष, राज्यमंत्री (दर्जाप्राप्त) शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखण्ड (2010-2012 )

विधायक खटीमा
o प्रथम बार (2012 से 2017)
o द्वितीय बार (2017-से अब तक)

प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा, उत्तराखण्ड
o प्रथम बार (2016 से 2020 तक)
o द्वितीय बार (2020 से अब तक)

सामाजिक व राजनीतिक उद्देश्य:
o अंत्योदय उत्तराखण्ड के अंतिम छोर पर खड़े हुए हर उत्तराखंडी को बुनियादी सुविधायें मिल सकें।
o उत्तराखंड बने सिरमौर
o उत्तराखंड भारतवर्ष में विकास के समस्त मानकों के आधार पर नंबर 1 प्रान्त बने ।

स्थायी पता: ग्राम-नगरातराई, खटीमा, जिला- ऊधमसिंहनगर उत्तराखण्ड।
स्थानीय पता: क्र. सं. 03 एम० एल० ए० हॉस्टल, रेसकोर्स, देहरादून, उत्तराखण्ड।

बड़ी खबर: उत्तराखंड के नए 11वें मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी

0

देहरादून ,  प्रदेश को नया सीएम बने पुष्कर सिंह धामी।  अब प्रदेश को 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी का राजतिलक, बीजेपी के 2 बार के खटीमा से विधायक है धामी , युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है तीरथ सिंह रावत ने पुष्कर सिंह के नाम का ऐलान किया।

देहरादून, प्रदेश के नये सीएम बने पुष्कर सिंह धामी, खटीमा सू विधायक पुष्कर सिंह धामी 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में संभालेंगे राज्य की कमान, बीजेपी के 2 बार के खटीमा से विधायक हैं धामी , युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है, तीरथ सिंह रावत ने पुष्कर सिंह के नाम का ऐलान किया।
उत्तराखंड में आया भूचाल अब शांत हो गया। शुक्रवार की देर सायं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत देर रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उत्तराखंड के इतिहास में अभी तक भाजपा को कोई भी सीएम अपना पांच वर्ष नही पूरा कर सका, जिसमें तीरथ रावत सबसे कम महज 115 दिन ही प्रदेश के सीएम की कुर्सी पर बैठ पाये | अब जबकि प्रदेश की कमान अब पुष्कर सिंह धामी के हाथों में दे दी गई हैं। केन्द्रीय पर्यवेक्षक केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं विधायक दल के सदस्यों ने सूबे के बतौर सीएम पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मोहर लगा दी है। धामी आज शनिवार को उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बन गए हैं।

बता दें कि पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक है, शनिवार को भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम पर मुहर लगी। इसके बाद अब आज शाम छह बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। वहां तैयारी कर ली गई है।

बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर सुबह करीब 10 बजकर 40 मिनट पर देहरादून पहुंचे। पार्टी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी उनके साथ पहुंचे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नरेंद्र तोमर ने बैठक से पहले तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधायक, मंत्रियों के पहुंचने का सिलसिला दोपहर दो बजे से शुरू हो गया था। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक 2.30 बजे पहुंचे।

बैठक के लिए मंत्री रेखा आर्य, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविंद पांडेय, बिशन सिंह चुफाल सहित सभी लोग पहुंचे। विधायक पुष्कर सिंह धामी और यतीश्वरांनद भी पहुंचे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी बैठक के लिए पहुंचे।

वहीं इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के देहरादून स्थित आवास के बाहर समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा था। बता दें कि राज्य के नए मुख्यमंत्री के संभावित दावेदारों में इनका नाम भी शामिल था।

देसी टीके का दम : भारत बायोटेक की Covaxin फाइनल ट्रायल में भी पास, डेल्‍टा वैरिएंट पर जबरदस्त असरदार

0

नई दिल्ली, भारत की देसी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है और इसके नतीजे भी जारी कर दिए हैं। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कहा कि उसने कोवैक्सीन के लिए फाइनल फेज- 3 के डेटा का विश्लेषण कर लिया है और उसकी कोवैक्सीन कोरोना के गंभीर मरीजों और डेल्टा वेरिएंट के मरीजों पर असरदार पाई गई है। भारत बायोटेक द्वारा जारी ट्रायल के डेटा के मुताबिक, फाइनल चरण के ट्रायल में देसी वैक्सीन कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है। वहीं, दुनिया भर में नया टेंशन देने वाले खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2% असरदार पाया गया है।

प्री-प्रिंट डेटा का हवाला देते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि उसकी कोवैक्सीन सिम्पटोमैटिक कोरोना मरीजों के खिलाफ 77.8 फीसदी कारगर है। वहीं, कोवैक्सिन कोरोना के गंभीर मरीजों के खिलाफ 93.4 फीसदी प्रभावी है। वहीं, कोरोना के डेल्ट वेरिएंट्स के खिलाफ यह 65.2 फीसदी कारगर है। भारत बायोटेक ने 130 कोरोना के पुष्ट मामलों पर ये ट्रायल किया है।

अपने अंतिम चरण के डेटा के विश्वेषण के मुताबिकत, कंपनी ने कहा कि असिम्पटोमैटिक कोरोना मरीजों के खिलाफ कोवैक्सिन 63.6% असरदार है। भारत बायोटेक के मुताबिक, कोवैक्सीन का ट्रायल देश के 25 अलग-अलग अस्पतालों में किया गया था। इसमें करीब 25800 वॉलंटियर्स शामिल हुए थे, जो 18 से 98 साल के आयु वर्ग के थे। तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई यानी प्लास्बो दी गई।

इससे पहले भारत बायोटेक की बनाए स्वेदशी कोरोना रोधी टीके कोवैक्सीन के असर को अमेरिका ने भी असरदार माना था। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने पाया था कि कोवैक्सीन से शरीर में बनी एंटीबॉडीज कोरोना वायरस के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट्स से लड़ने में कारगर है।

बता दें कि कोवैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने बनाया है। एनआईएच ने बताया कि कोवैक्सीन लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम के अध्ययन से यह पता चलता है कि टीके से जो एंटीबॉडीज बनती हैं, वह ब्रिटेन और भारत में सबसे पहले मिले कोरोना के B.1.1.7 (अल्फा) और B.1.617 (डेल्टा) वेरिएंट्स पर असरदार है।