Wednesday, May 14, 2025
Home Blog Page 1359

सिकंदरपुर औद्योगिक क्षेत्र की सुपर साइन फैक्टरी में लगी आग

0

हरिद्वार, जनपद के रुड़की क्षेत्र के भगवानपुर में सिकंदरपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सुपर साइन फैक्टरी में आग लग गई। फैक्टरी में केमिकल रखे होने की वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया। सोमवार को देर रात लगी आग पर दमकल विभाग की सात गाड़ियों ने करीब आठ घंटे बाद काबू पाया।

मिली जानकारी के अनुसार, फैक्टरी में फ्लेक्स बोर्ड बनाने का काम किया जाता है। रात करीब एक बजे अचानक फैक्टरी में आग लगने से अफरातफरी मच गई। फैक्टरी में काम करने वालों ने आग पर काबू करने का प्रयास किया, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
कर्मचारियों ने इसकी सूचना तुरंत भगवानपुर फायर बिग्रेड को दी। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन कैमिकल होने की वजह से आग भड़कती ही गई और तेज धमाके होने लगे। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और दमकल कर्मियों के साथ आग बुझाने का प्रयास किया।

आग इतनी विकराल थी कि देखते ही देखते पूरी फैक्टी उसकी चपमेट में आ गई। आग को चारों तरफ फैलता देख दमकल कर्मचारियों के भी भयभीत हो उठे, करीब सुबह साढ़े आठ बजे के बाद आग पर काबू पाया गया। वहीं, आग लगने के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। उधर, सूचना मिलते ही मंगलवार सुबह तहसीलदार रेखा आर्य ने फैक्टरी पहुंचकर नुकसान की जानकारी ली।आग लगने से आसपास की फैक्टरी के कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मच गई। मौके पर आसपास के लोग भी इकट्ठे हो गए हैं। करीब आठ घंटे बाद जब आग पर काबू पाया गया तब जाकर कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेंद्र सिंह कुंवर ने बताया कि फैक्टरी में आग से करीब एक करोड़ से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है।

अच्छी खबर : उत्तराखंड में लोअर पीसीएस के 190 पदों पर निकली भर्ती, 29 अगस्त तक किए जा सकते हैं आवेदन

0

देहरादून, राज्य के बेरोजगारों के लिये अच्छी खबर यह है कि उत्तराखंड में सम्मिलित राज्य (सिविल) अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (लोअर पीसीएस) के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने नायब तहसीलदार, उप कारापाल, पूर्ति निरीक्षक, विपणन निरीक्षक, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, कर निरीक्षक, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, गन्ना विकास निरीक्षक, खांडसारी निरीक्षक के 190 पदों के लिए यह भर्ती प्रक्रिया शुरू की है।

आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, इन सभी पदों के लिए 29 अगस्त तक आवेदन किए जा सकते हैं। पदों के लिए मुख्य योग्यता ग्रेजुएशन है, जबकि जिन पदों में शारीरिक माप की जरूरत है, उनके मानक भी जारी किए गए हैं।

आयोग इन पदों के लिए पहले स्क्रीनिंग परीक्षा कराएगा। इसके बाद मुख्य परीक्षा और फिर इंटरव्यू कराएगा। स्क्रीनिंग परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। यह परीक्षा हरिद्वार, हल्द्वानी, रुड़की, देहरादून, ऋषिकेश, पौड़ी गढ़वाल, श्रीनगर, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, खटीमा, बागेश्वर, चंपावत, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ में आयोजित कराई जाएगी। स्क्रीनिंग परीक्षा दो घंटे की होगी, जिसमें 150 अंकों के 150 प्रश्न पूछे जाएंगे।

मुख्य परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होंगे। दोनों के लिए दो-दो सौ अंक निर्धारित हैं। पहला प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन का होगा और दूसरा प्रश्न पत्र निबंध एवं आलेखन का होगा। परीक्षा के लिए सामान्य, ओबीसी उम्मीदवारों को 176.55 रुपये शुल्क देना होगा, जबकि एससी, एसटी उम्मीदवारों को 86.55 रुपये शुल्क देना होगा। दिव्यांग उम्मीदवारों को 26.55 रुपये शुल्क देय होगा। आयोग की वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन आवेदन हो सकेंगे | बेरोजगार युवाओं के लिए जल्द ही प्रदेश में एक और बड़ी भर्ती शुरू होने वाली है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है, सरकार के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी देने के लक्ष्य के बीच तेजी से विभागों से सिफारिश (अधियाचन) आयोग के पास पहुंच रहे हैं। इसके तहत वन दरोगा के 800 से ज्यादा पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी। जबकि विभिन्न विभागों में चालकों के 120 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि कई और विभागों में भर्तियों की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसके लिए नोटिफिकेशन जल्द जारी कर ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए जाएंगे।

लोकसभा से पारित हुआ ओबीसी आरक्षण बिल, अब राज्यसभा में होगा पेश

0

नई दिल्ली, राज्य सरकारों को ओबीसी आरक्षण के लिए जातियों की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाले बिल पर लोकसभा ने मुहर लगा दी है। लोकसभा ने इस विधेयक को 386 मतों से पारित किया है, वहीं इसके खिलाफ कोई मतदान नहीं पड़ा। संविधान में 127वें संशोधन के लिए लाए गए विधेयक के तहत राज्यों को अपने मुताबिक ओबीसी आरक्षण के लिए सूची तैयार करने की ताकत मिलेगी।

अब इस बिल को राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह देश भर में कानून के तौर पर लागू हो जाएगा। इस नए कानून से महाराष्ट्र समेत कई राज्यों को स्थानीय स्तर पर जातियों को ओबीसी आरक्षण की सूची में शामिल करने का मौका मिलेगा। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से मराठा आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद यह फैसला लिया गया है।

 

अधीर रंजन, अखिलेश, ओवैसी ने की 50% लिमिट खत्म करने की मांग
इस बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस समेत कई दलों ने केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना कराए जाने की भी मांग की है। इसके अलावा आरक्षण की सीमा को भी 50 फीसदी से ज्यादा किए जाने की मांग की है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने यह मांग की है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह समय की मांग है कि जाति आधारित जनगणना कराई जाए। यदि ऐसा आप नहीं कराते हैं तो फिर यूपी में समाजवादी सरकार बनाने के बाद हम ऐसा करेंगे।

जेडीयू ने भी दोहराई जातिवार जनगणना की मांग
यही नहीं बीजेपी को केंद्र और बिहार में समर्थन दे रही जेडीयू ने भी जातिवार जनगणना की मांग की है। संसद में जेडीयू के सांसद राजीव रंजन सिंह ने यह मांग दोहराई। इससे पहले जेडीयू के मुखिया और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी कई बार ऐसी मांग कर चुके हैं।

महिला कांग्रेस ने ‘हर घर कांग्रेस घर-घर कांग्रेस’ कार्यक्रम के तहत झंड़ा लगाने की अपने ब्लॉक अध्यक्षों के घर से की शुरुआत

0

देहरादून, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के ‘हर-घर कांग्रेस घर-घर कांग्रेस’ कार्यक्रम के तहत अगस्त क्रांति के दिन से हर घर कांग्रेस का झंडा लगाने का कार्य शुरू किया गया | इस कार्यक्रम के तहत आज महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन के नेतृत्व में ब्लॉक अध्यक्ष यमुना कॉलोनी अमृता कौशल के घर झंडा लगाने की शुरुआत की गयी।
इस कार्यक्रम के तहत हर कांग्रेस के सिपाही के घर पर कांग्रेस का झंडा लगाया जाएगा और साथ ही यह संकल्प लिया जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी की जन विरोधी नीतियों को जनता के समक्ष उजागर करने का कार्य पार्टी का हर एक कार्यकर्ता करेगा और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करने का कार्य भी कांग्रेस के कार्यकर्ता करेंगे |

इस अवसर पर महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन ने कहा की भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार का इंजन खराब हो चुका है, 2017 में झूठे वादों को करके भाजपा ने सत्ता हासिल की थी उन सब झूठे वादों की सच्चाई जनता के समक्ष आ चुकी है | अच्छे दिनों का वादा करके जनता के दिन बद से बदत्तर बनाने का कार्य देश और प्रदेश की सरकार ने किया है | आज देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर घात करने का काम सत्ता में बैठे लोगों द्वारा किया जा रहा है, दुख तो इस बात का है कि अपने ही लोगों की जासूसी सरकार में बैठे लोग कराने का काम कर रहे हैं जो कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए एक खतरा है।

उन्होंने कहा कि सरकार जासूसी के मुद्दे पर बहस ना करा कर संसद का अपमान कर रही है और संसद का समय बर्बाद करने का कार्य कर रही है | सरकार विपक्ष के सवालों से डर रही है, यही वजह है की सदन चलने नहीं दे रही है | आने वाले चुनाव में कांग्रेस का हर कार्यकर्ता हर मोर्चे पर सरकार के खिलाफ लड़ेगा और जीत हासिल करेगा।
इस अवसर पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष अमृता कौशल ,वार्ड अध्यक्ष पूजा ,शमीम आलम, चरणजीत कौशल, गुरु कौशल पार्षद संगीता गुप्ता , अनुराग गुप्ता, समीना, नीरज गोस्वामी, सरजू देवी रंजीता ,शकील अहमद आदि उपस्थित रहे |

आवारा कुत्तों के खौफ से दहशत में लोग, डर के साये में घरों से निकलना हुआ दूभर, मार्निग वाक हुई बंद

0

पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड़ के कई जिलों में गुलदार के कारण समय समय ग्रामीणों को दहशत के बीच रहना पड़ता है, लेकिन जब लोग तेंदुओं से ज्यादा सड़कों पर घुमने वाले आवारा कुत्‍तों के खौफ से दहशत में हो यह एक अचरज भरी बात है, लेकिन पिथौरागढ़ जिले में ऐसा ही हो रहा है जिसके कारण लोग घरों से निकलने में भी सुरक्षित नहीं हैं | नगर के हर चौराहे पर झुंड में जमा रहने वाले कुत्‍तों के चलते लोग सुबह और रात घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। लोगों ने नगर पालिका से कुत्‍तों पकड़वाने की मांग की है।

नगर में आवारा श्वानों की समस्या गंभीर हो गई है। टकाना, जीआईसी रोड, चिमस्यानौला, नगरपालिका चौक, सिमलगैर बाजार, सिल्थाम हर जगह श्वानों के झुंड दिखाई दे रहे हैं। बीते रोज नगर के सिमलगैर बाजार में आवारा श्वानों ने एक बछड़े को नोच डाला। देर रात हुई इस घटना के दौरान आस-पास के लोग भी दहशत के चलते बछड़े को नहीं बचा सके। अब तक कई मवेशी इन श्वानों का शिकार बन चुके हैं। तमाम लोगों को ये श्वान अस्पताल पहुंचा चुके हैं।

खौफ का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि मार्निग वॉक पर जाने वाले तमाम बुजुर्ग को अपनी वॉक बंद करनी पड़ी है। बुजुर्ग केसी जोशी ने बताया कि वह वर्षो से सुबह चार बजे सैर के लिए निकलते हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से वे तब ही घर से बाहर निकल पाते हैं जब किसी दिन चौराहे पर श्वानों का झुंड नजर नहीं आता। झुंड नजर आने पर उन्हें वापस घर लौटना पड़ता है। मांस की लत लग जाने से श्वान बेहद खुंखार हो गए हैं।

प्रशासन को समय रहते इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रशासन ने श्वानों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए बंध्याकरण केंद्र का प्रस्ताव बनाया है, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो सका है। अवर अभियंता नगर पालिका उमेश अवस्थी का कहना है कि नगर के लिन्ठयुड़ा में बने नगर पालिका के स्लाटर हाउस में बंध्याकरण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। कक्ष तैयार करने के साथ ही जरू री उपकरण मंगाए जा रहे हैं। उपमुख्य पशुपालन अधिकारी डा.पंकज जोशी ने बताया कि पशुपालन विभाग ने बंध्याकरण के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। स्लाटर हाउस में जरूरी व्यवस्थाएं होते ही श्वान बंध्याकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

‘हैट्रिक गर्ल’ वंदना कटारिया कल(आज) पहुंच रहीं घर, स्वागत की हो रही तैयारी

0

देहरादून, टोक्यो ओलिंपिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली वंदना कटारिया कल आजउत्तराखंड पहुंचेगी। उनके यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है, लेकिन हैरानी की बात है कि उत्तराखंड हाकी संघ को वंदना के घर लौटने तक की भी जानकारी नहीं है।

टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हाकी टीम की सदस्य रहीं वंदना कटारिया के घर पहुंचने का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उनकी उपलब्धियों पर न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश को गर्व है, लेकिन इन सबके बीच राज्य हाकी संघ की सुस्ती काफी हैरान करती है। दरअसल, उत्तराखंड हाकी संघ को वंदना कटारिया के घर लौटने की जानकारी ही नहीं है। उनकी तरफ से वंदना का स्वागत या सम्मानित करने का अभी तक कोई कार्यक्रम तय नहीं किया गया है।

संघ के सचिव किशोर सिंह बाफिला ने बताया कि उन्हें वंदना के आने की कोई जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि वह हल्द्वानी में हैं और अभी तक सम्मान करने का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। इसे हाकी संघ की सुस्ती ही माना जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर देश का नाम रोशन करने वाली बेटी के हौसलाफजाई में भी सुस्ती दिखा रहे हैं |

वंदना कटारिया हाकी की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। उनका परिवार हरिद्वार के रोशनाबाद में रहता है। हरिद्वार भेल से सेवानिवृत्त के बाद वंदना के पिता ने रोशनाबाद में दूध का व्यवसाय शुरू किया था। उनकी सरपरस्ती में वंदना कटारिया ने रोशनाबाद से अपनी हाकी की यात्रा शुरू की। उस वक्त गांव में वंदना के इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों ने परिवार के साथ उनका भी मजाक उड़ाया था। पिता नाहर सिंह और माता सोरण देवी ने इसकी परवाह न करते हुए वंदना के सपने को साकार करने के लिए हर कदम पर उसकी सहायता की |

वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हाकी टीम से खेलते हुए गोल की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने का काम किया है। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। वंदना ने 31 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मुकाबले में हैट्रिक लगाई। राज्य के खेल मंत्री अरविंद पांडे बीते रविवार को अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के रोशनाबाद स्थित घर पर पहुंचे। उन्होंने वंदना की मां सोरण देवी, भाई चंद्रशेखर कटारिया, लाखन कटारिया, पंकज, सौरभ आदि को पुष्पगुच्छ भेंटकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सीएम पुष्‍कर सिंह धामी का वंदना कटारिया को उत्तराखंड में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाने की घोषणा के बाद श‍िक्षा मंत्री ने संबंधी प्रमाण पत्र स्वजन को सौंपा।

सीटू और किसान सभा ने भारत बचाओ रैली निकाली, ट्रेड यूनियन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

0

देहरादून, ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर सीटू और किसान सभा ने भारत बचाओ रैली निकाली। इस रैली में मजदूर-किसान और छात्र के साथ महिलाएं भी शामिल हुईं। उन्होंने 13 सूत्रीय मांग को लेकर एसडीएम के जरिये राष्ट्रपति को ज्ञापन भिजवाया।
सीटू अध्यक्ष राजेंद्र नेगी के नेतृत्व में लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीटू दफ्तर से कलक्ट्रेट तक रैली निकाली। कृषि सुधार कानून वापस लेने, गैर आयकर परिवारों के खातों में 7500 रुपये डालने, हर व्यक्ति को 10 किलो मुफ्त राशन, मनरेगा में 600 रुपये के हिसाब से 200 दिन का रोजगार, जरूरी वस्तुओं के बढ़े दाम घटाने, टोल टैक्स पर लगाम, श्रमिकों की छंटनी रोकने, मजदूरों की समस्याओं का समाधान, न्यूनतम मजदूरी तय करने, पेंशन सुविधा, बजट का छह फीसदी स्वास्थ्य पर खर्चने, मुफ्त वैक्सीनेशन, गन्ना किसानों को बकाया भुगतान, डोईवाला शुगर मिल का निजीकरण रोकने, गुप्तकाशी-सोनप्रयाग हाईवे पर अनियमितता की जांच, बाढ़ से सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग की गई। इस मौके पर मंत्री लेखराज, किशन गुनियाल, सुरेंद्र सिंह सजवाण, गंगाधर नौटियाल, शिवप्रसाद देवली, दलजीत सिंह, कमरुद्दीन, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, इंदू नौडियाल, नुरैशा अंसारी, भगवंत पयाल, रविंद्र नौडियाल, राजेंद्र पुरोहित, अनंत आकाश, पुरुषोत्तम बडोनी, सतीश धौलाखंडी, याकूब अली, जाहिद अंजुम, हाजी मीरहसन, सुरेंद्र राणा, बलबीर सिंह, इंद्रजीत सिंह, हरबंश, मेहताब अली, संजय पुंडीर, देव सिंह, उमेश वोरा, उमा नौटियाल, मोनिका, चित्रा, लक्ष्मी पंत, माला गुरुंग, सुधा देवली, रजनी गुलेरिया, मनोज कुंवर शामिल रहे।

ट्रेड यूनियन ने सीएम को भेजा ज्ञापन

देहरादून, अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने सीएम पुष्कर धामी को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने श्रमिकों की लंबित समस्याओं के निस्तारण के साथ गरीब वर्ग को राहत पहुंचाने की अपील की। जिलाध्यक्ष अश्विनी त्यागी बोले, उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार श्रम कानूनों में बदलाव कर रही है। संसद में चर्चा के बिना बिल पास करा दिया गया। महंगाई से मजदूर वर्ग के लिए जीवन यापन करना कठिन हो गया है। कोविड की मार झेल रहे लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं। गरीबों के लिए वैक्सीन का प्रबंध नहीं हो पाया है।

मसूरी में श्रमिक संगठनों ने धरना-प्रदर्शन किया

मसूरी, अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की मसूरी शाखा ने सोमवार को भगत सिंह चौक पर श्रमिकों की समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। सीएम को ज्ञापन भेजकर कहा गया कि उत्तराखंड में जो होटल पंजीकृत नहीं हैं, उनके श्रमिकों को भी छह माह तक आर्थिक मदद मिले। अधिसूचित उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों का न्यूनतम वेतन बढाकर 21 हजार किया जाए। कोविड काल में श्रमिकों का रुका वेतन दिलवाया जाए। जिन श्रमिकों की कोविडकाल में मौत हुई, उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए। इस मौके पर एटक अध्यक्ष आरपी बडोनी, भाकपा सचिव देवी गोदियाल, सतीश कुमार, जगदीश उनियाल, केदार चौहान, कमल भंडारी, पूरण नेगी, अनूप कोठारी, बलदेव सिंह, सत्येश्वर बडोनी, मंगल सिंह, संजय टम्टा, सलीम अहमद मौजूद रहे।

देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मांग : 17 अगस्त से पूरे सूबे में आंदोलन करेंगे पंडा पुरोहित समाज

0

ऋषिकेश, देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित 17 अगस्त के बाद पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन शुरु करेंगे। आंदोलन के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों का समिति विरोध करेगी। इस दौरान उन्हें काले झंडे भी दिखाएंगे।

त्रिवेणीघाट चौक पर स्थित एक धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि भाजपा सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के पक्ष में नहीं है। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर चुके हैं, उन्होंने हाईपावर कमेटी बनाने का शिगूफा छोड़ दिया | अब 17 अगस्त के बाद 51 मंदिरों के पंडा पुरोहित और स्थानीय लोग देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर सड़क पर आंदोलन तेज करेंगे।

बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, ऊखीमठ, खरसाली, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, ऋषिकेश और देहरादून में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। पहले क्रमिक अनशन किया जाएगा, फिर आमरण अनशन किया जाएगा, प्रदेश सरकार का पुतला भी फूंका जाएगा। क्षेत्र में जाने वाले जनप्रतिनिधियों का स्वागत अंडे और टमाटर से किया जाएगा, उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड के गठन के बाद से ही पंडा पुरोहित समाज देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहा है, बोर्ड गठन से पहले पंडा पुरोहित समाज को विश्वास में नहीं लिया गया।

चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश की भाजपा सरकार ने गढ़वाल के 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड के अधीन कर दिया है। यदि सरकार इसी प्रकार प्रदेश स्थित मस्जिद और गुरुद्वारा, चर्च को भी किसी बोर्ड के अधीन करती तो कुछ बात बनती, केवल पंडा पुरोहितों को ही निशाना बनाया जा रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने दावा किया है कि पंडा पुरोहितों की ओर से 17 अगस्त से शुरु किए जा रहे आंदोलन को ज्योतिष और द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने समर्थन दिया है। इस आंदोलन को क्षत्रिय महासभा, ब्राह्मण महासभा, अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित सभा और संत समाज भी अपना समर्थन देगा। हक-हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने देवस्थानम बोर्ड में कोटद्वार की सिद्धबलि मंदिर और ताड़केश्वर मंदिर को बोर्ड में शामिल किया जाना था, लेकिन यह मंदिर लैंसडौन विधायक दिलीप रावत का होने के कारण इन्हें बोर्ड में शामिल नहीं किया गया।

बच्चों को कोरोना और डेंगू जैसे घातक रोगों से बचाना बेहद जरूरी, सावधानी बरतने से किया जा सकता बचाव

0

ॠषिकेश, इस वक्त बीमारियों को लेकर विशेषरूप से सावधान रहने की आवश्यकता है। खतरनाक बीमारी डेंगू का प्रकोप इस समय कोविड को ओवरलैप कर सकता है। कारण है कि इन दोनों बीमारियों के अधिकांशत: लक्षण एक समान हैं और इनके लक्षणों का पता भी प्रयोगशाला में होने वाली जांचों के बाद ही चल पाता है। राज्य में अब स्कूल-कॉलेज भी खोल दिए गए हैं। ऐसे में खासकर बच्चों को कोरोना और डेंगू जैसे घातक रोगों से बचाना बेहद जरूरी है।

बरसात के मौसम में अब डेंगू का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। डेंगू भी कोरोना की भांति संक्रमण से फैलने वाली जानलेवा बीमारी है। तेज बुखार से शुरू होने वाला यह रोग घातक वायरस के कारण शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित करना शुरू कर देता है और समय पर इलाज नहीं होने की स्थिति में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने इस बाबत बताया कि कोरोना और डेंगू दोनों बीमारियों को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति इन बीमारियों के लक्षणों के बारे में उचित जानकारी रखे। चूंकि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है, लिहाजा प्रत्येक व्यक्ति मास्क का उपयोग अवश्य करें और एक-दूसरे के बीच 2 गज की दूरी बनाए रखें। इसके साथ ही डेंगू से बचाव के लिए फुल बाजू के कपड़े पहनें।

निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि डेंगू एक मौसमी बीमारी है, जो भारत में मुख्यरूप से जुलाई से अक्टूबर तक अपने पैर पसारती है। मादा एडीज मच्छर के काटने से पैदा होने वाले इस रोग में शरीर के प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगते हैं और रोगी की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। ऐसे में छोटी आयु वाले बच्चों, डायबिटीज, अस्थमा तथा हृदय रोग से ग्रसित मरीजों में डेंगू संक्रमण का खतरा सर्वाधिक होता है। उन्होंने बताया कि अभी तक डेंगू के निदान के लिए कोई संतोषजनक टीका उपलब्ध नहीं है।

संस्थान के सामुदायिक एवं फेमिली मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार जी ने बताया कि तेज बुखार आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना नहीं भूलें। यदि किसी को खांसी और बुखार की शिकायत हो तो ऐसे मरीज को अनिवार्यरूप से मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि डेंगू बीमारी तब फैलती है जब एडीज मच्छर पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है। इस स्थिति में संक्रमित व्यक्ति से डेंगू का वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिए शरीर मे तेजी से फैलना शुरू कर देता है। उन्होंने बताया कि डेंगू वायरस के 4 स्ट्रेन होते हैं। पहले से ही किसी एक स्ट्रेन से संक्रमित व्यक्ति यदि वायरस के तीसरे या चौथे स्ट्रेन से भी संक्रमित हो जाए तो मरीज रक्तस्रावी बुखार से ग्रसित हो जाता है। बताया कि डेंगू का एडीज मच्छर अधिकतर ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है।

डेंगू के लक्षण

आमतौर पर डेंगू बुखार सामान्य बुखार के साथ धीरे-धीरे 104 फारेनहाइट डिग्री बुखार तक पहुंच जाता है। सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, बेचैनी, आंखों के पीछे दर्द, यकृत में फैलाव होना, ग्रंथियों में सूजन और त्वचा पर लाल चकत्ते होना इसके विशेष लक्षण हैं। इसका बुखार तीन प्रकार का होता है। हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम।

बचाव-

पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें। साफ और स्वच्छ पानी का ही सेवन करें। खाली बर्तनों की सतहों को अच्छी तरह साफ करने के बाद उन्हें उल्टा करके रखना चाहिए। खासकर बरसात के दिनों में फुल बाजू के कपड़े पहनने व मच्छरदानी का उपयोग करने से मच्छरों के प्रकोप से बचा जा सकता है। बरसात के मौसम में अपने आस-पास पानी इकट्ठा नहीं होने दें और ठहरे हुए पानी में कीटनाशक दवा का नियमिततौर पर छिड़काव करें ताकि मच्छर का लार्वा नष्ट हो जाए। रुके हुए पानी को कीटाणुरहित करना बेहद जरूरी है। लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श से रक्त की जांच करानी चाहिए।

कोरोना और डेंगू में अंतर-

कोविड -19 वायरस सार्स-2 के कारण होता है, जो मुख्यरूप से सांस की बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह उस दशा में फैलता है, जब कोई कोविड संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है या किसी दूसरे से एकदम करीब से बातचीत करता है। कोरोना में तीब्र बुखार आता है लेकिन नाक से खून आने की समस्या नहीं होती है। जबकि डेंगू का कारण एक प्रकार का वायरस है, जो मच्छर से फैलता है। शरीर में प्रवेश करने के बाद डेंगू का वायरस 3 से 10 दिनों के भीतर लक्षण पैदा करता है। अगर शरीर में तेज बुखार के साथ लाल रंग के चकत्ते या रक्तस्राव होने लगे तो यह डेंगू का रक्तस्रावी बुखार है। इन दोनों बीमारियों के संक्रमण के दौरान रोगी के शरीर में पहले से चल रही पुरानी बीमारियों जैसे डायबिटीज और हृदय रोग होने से इसके परिणाम और अधिक गंभीर हो सकते हैं।

आशा कार्यकर्त्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास किया कूच

0

देहरादून, सीटू से संबद्ध आशा कार्यकत्री यूनियन से जुड़ी आशा कार्यकर्त्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास कूच किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें हाथीबडकला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया, जिस पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई। फिलहाल, आशा कार्यकर्त्ता बैरिकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गईं।

सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि आशाओं की मांगों के संदर्भ में कल शासन स्तर पर वार्ता हुई थी, जिसमें स्वास्थ्य सचिव ने मानदेय में तीन हजार रुपये की बढोतरी की बात रखी है। पर यह बढोतरी हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने पांच हजार रुपये की बढोतरी की मांग रखी। कहा कि मानदेय बढोतरी के प्रस्ताव में इसका ख्याल रखा जाए। जब तक इसपर अमल नहीं होता आंदोलन चलता रहेगा।

संगठन की प्रदेश अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि सरकार आशा कार्यकर्ताओं से बहुत सारे काम ले रही है, लेकिन तीन साल से केंद्र व राज्य सरकार ने मासिक मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आशा को 10 हजार रुपये सम्मान राशि देने की घोषणा की थी। पर, इस पर भी अमल नहीं किया गया।
उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारियों की भांति समस्त सुविधा व मानदेय देने, स्वास्थ्य बीमा की परिधि में लाने, कार्य के दौरान मृत्यु होने पर आशा के परिवार को 50 लाख का बीमा और बीमार होने पर 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, कोरोना काल में घर-घर जाकर अपनी जान जोखिम में डाल रहीं आशा कार्यकर्ता को सुरक्षा उपकरण और फ्रंटलाइन वर्कर की भांति सम्मान व मानदेय, 45 व 46 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करने की मांग दोहराई, आशा कार्यकर्ताओं के सीएम आवास कूच के चलते राजपुर रोड पर काफी देर जाम की स्थिति रही। दिलाराम चौक से घंटाघर तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी। इसके अलावा हाथीबड़कला में भी ट्रैफिक सर्वे एस्टेट, नया गांव से डायवर्ट किया गया। इसके चलते जन सामान्य को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।