Sunday, May 12, 2024
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16वीं सब जूनियर नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप का समापन : फाइनल में उत्तर प्रदेश और असम की टीम बनी अपने वर्ग की विजेता

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), 16वीं सब जूनियर (अंडर-14) बॉयज एंड गर्ल्स नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप ने परेड ग्राउंड के बहुउद्देशीय हॉल को रंगीन बना दिया। आज खेले गये दो फाइनल मैचों में उत्तर प्रदेश ने बाॕयज वर्ग और असम की टीम ने गर्ल्स वर्ग में विजयश्री हासिल की | इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तर प्रदेश की बाॕयज टीम को फाइनल विजेता ट्रॉफी प्रदान की, जबकि पहली पारी में हुये फाइनल मैच में एडीजी अमित सिन्हा ने असम की गर्ल्स टीम को विजेता ट्रॉफी देकर उत्साहवर्धन किया, इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की टीमें ने उच्चतम प्रतियोगिता का अनुभव दिया।
इस चैम्पियनशिप में सबसे अधिक गोल मारने वाले खिलाड़ी अबिर (झारखंड) और यशवी कल्सिया (छत्तीसगढ़) रहे। वहीं सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर पुरुष आयुष राज (उत्तर प्रदेश) और महिला त्रिशा कौर (झारखंड) चुने गए।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह प्रतियोगिता उत्साह, प्रतिस्पर्धा और खेल के उत्तेजनात्मक माहौल को दर्शाती है और इसके आयोजकों ने इसे सफलता के साथ संपन्न करने अपनी सार्थक भूमिका निभाई जिसके लिये वे बधाई के पात्र हैं।
गौरतलब हो कि यह प्रतियोगिता 25 से 28 अप्रैल तक आयोजित हुई और देशभर से 28 टीमों ने भाग लिया। इस उत्सव में उत्तराखंड रोल बॉल एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्यों ने भी भाग लिया।
इससे पहले सुबह के राउंड में दो सेमी फाइनल मैच हुये जिसमें राजस्थान ने महाराष्ट्र को 5-4 से हराया और उत्तर प्रदेश ने असम को 11-2 से हराया कर फाइनल में जगह बनायी |
बाॕयज फाइनल में राजस्थान ने उत्तर प्रदेश के सामने 1-9 के स्कोर से हार मानी, इस मैच में यूपी के खिलाड़ियों ने प्रतिद्वन्दी टीम पर पूरे समय हावी रही, वहीं बालिका वर्ग के फाइनल में असम ने तमिलनाडु को 9 – 3 से हराया।
इस अवसर पर उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा, उत्तराखंड़ रोल बॉल एसोसिएशन के प्रेजिडेंट पंकज भारद्वाज, सचिव चित्रांजलि नेगी, अमित भाटिया, आशीष नेगी, शिवम् भरद्वाज, वशिष्ठ कुमार, सूरज शंकर धीमान, सतीश कुमार ,डॉ. वरुण प्रताप सिंह, रीना धीमान , प्रियांक शर्मा, आर्यन, दून गर्ल्स स्कूल की निदेशक मोनिशा दत्ता और दून गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल सुमाली देवगन और बड़ी संख्या में खेल प्रेमी मौजूद रहे |

 

‘पिनाक’ सेलिब्रिटी नाइट में मशहूर गायिका श्रेया घोषाल के साथ देररात तक खूब झूमे दर्शक

“देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में छाया श्रेया घोषाल का जलवा”देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में छाया श्रेया घोषाल का जलवा - पर्वतजन

देहरादून, ‘मेरे ढोलना सुन प्यार की धुन, मेरी चाहते तो फ़िजा में बहेंगी, ज़िंदा रहेंगी होके फ़ना’। वाक़ई फ़िज़ाओं में जब श्रेया घोषाल के प्यार की धुन बही तो हर कोई फ़ना हो गया। मौक़ा था देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में धमाकेदार सेलिब्रिटी नाइट का, जिसमें बॉलीवुड की मशहूर गायिका श्रेया घोषाल ने अपनी मखमली आवाज़ से सभी का दिल जीत लिया।

शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में सभी को इंतज़ार था मखमली आवाज़ की मल्लिका श्रेया घोषाल का, जो ‘पिनाक’ फेस्ट की सेलिब्रिटी नाइट को धमाकेदार बनाने वाली थीं। तभी अचानक एक खनकती आवाज़ फ़िज़ाओं में बहने लगी। “मेरी चाहतें तो फ़िज़ा में बहेंगी, ज़िंदा रहेंगी होके फना, मेरे ढोलना सुन” से श्रेया घोषाल ने अपने संगीत का कारवां शुरू किया। जैसे जैसे ये सफर बढ़ता रहा दर्शकों का दिल बहकता रहा। ‘सुन रहा है ना तू’, ‘बहारा बहारा हुआ है पहली बार ये’, ‘तुम क्या मिले हम ना रहे’ गानों के बोल फ़िज़ाओं में घुलते रहे और श्रोता श्रेया घोषाल की जादुई आवाज़ में खोते रहे। ‘कुछ तो है तुझसे राब्ता, तू हमसफ़र है फिर क्या फ़िक्र है’ ने वाक़ई सबको ज़िन्दगी की कश्मकश से बेफिक्र कर दिया। संगीत का सुहाना सफर ‘मैं तेनु समझांवा कि न तेरे बिन लगदा जी’, ‘पिया ओ रे पिया’, ‘ओ साथी रे दिन डूबेगा’, ‘नज़र जो तेरी लागी मैं दीवानी हो गयी’, ‘तुझमें रब दिखता है यारा मैं क्या करूं’ जैसे गानों के स्लो ट्रैक पर आगे बढ़ता रहा और श्रोता झूमते रहे। लेकिन, जैसे ही फास्ट ट्रैक पर गानों ने रफ़्तार पकड़ी सभी के कदम थिरकने लगे, दिल झूमने लगा, हाथ लहराने लगे। ‘नगाड़े संग ढोल बाजे ढोल बाजे धांय धांय धम धम धांय’, ‘ऊलाला ऊलाला तू है मेरी फैंटसी’, ‘ओ राधा तेरी चुनरी ओ राधा तेरा झुमका’ पर अभी शोर थमा भी नहीं था कि ‘चिकनी चमेली छुपके अकेली पव्वा चढ़ाके आयी’ ने दोबारा श्रोताओं की रगों में बिजली दौड़ा दी। दूर दूर तक हर कोई श्रेया घोषाल के साथ गुनगुना रहा था, कदम थिरका रहा था। आखिर में पुराने गानों की सुरमयी झड़ी ने ‘पिनाक’ के इस सुहाने सफर को खुशनुमा यादगार लम्हा बना दिया। श्रेया घोषाल ने यूनिवर्सिटी और छात्रों की गर्मजोशी के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा किया|
कार्यक्रम के शुरुआत में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संजय बंसल और उपकुलाधिपति अमन बंसल ने दीप प्रज्ज्वलित कर सेलिब्रिटी नाइट का आग़ाज़ किया। इस दौरान कुलपति प्रो. डॉ. प्रीति कोठियाल, उपकुलपति डॉ. आरके त्रिपाठी, मुख्य सलाहकार डॉ. एके जायसवाल, डीएए डॉ. संदीप शर्मा, डीन छात्र कल्याण दिग्विजय सिंह सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति, शिक्षक और छात्र उपस्थित थे|

 

सितार कलाकार रॉबिन कर्माकर की शानदार प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोह लिया

“रॉबिन कर्माकर ने अपने कार्यकम का समापन सितार पर मीरा के प्रिय भजन ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’ और लोक संगीतकार स्व. श्री केशव अनुरागी के लोकप्रिय गढ़वाली गीत ‘ह्यू चली डांडियों की चली की’ धुन से किया”

सितार वादन से छेड़े शास्त्रीय संगीत के स्वर, सजाई महफिल | Udaipur Kiran  Hindiदेहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से रविवार को संस्थान के सभागार में सितार वादन की एक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें आकाशवाणी के सितार के ‘ए’ ग्रेड कलाकार श्री रॉबिन करमाकर ने अपने शानदार सितार वादन से उपस्थित लोगों और संगीत प्रशंसकों का मन मोह लिया। इनके साथ आकाशवाणी के ‘बी’ हाई ग्रेड कलाकार श्री प्रदीप्त डे ने तबले पर संगत की।
उल्लेखनीय है कि दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र द्वारा समय-समय पर पुस्तक वाचन और चर्चा, वृत्तचित्र फिल्म, लोक परंपराओं और लोक कलाओं, इतिहास, सामाजिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित कार्यक्रमों के साथ ही शास्त्रीय संगीत से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां दी जाती रहती हैं। इसी क्रम में सितार वादन का यह विशेष आयोजन था।
अपनी प्रस्तुति से पूर्व रॉबिन कर्माकर ने सितार के घरानों के वैशिष्ट्य के विषय में जानकारी दी तथा वादन के माध्यम से इनके बीच के अन्तर को स्पष्ट किया। श्री रॉबिन ने सितार पर राग मारवा में आलाप और जोड़ के पश्चात दो बंदिशें कमशः मसीत खानी (विलम्बित तीन ताल) तथा रजाखानी (दुत तीन ताल) प्रस्तुत की। इस अवसर पर रॉबिन ने उपस्थित संगीत प्रमियों और संगीत के विद्यार्थियों से परस्पर संवाद किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। प्रसिद्ध तबला वादक प्रदीप्त डे ने भी इस अवसर पर विद्यार्थियों को तबले की बारीकियों से अवगत कराया। रॉबिन कर्माकर ने अपने कार्यकम का समापन सितार पर मीरा के प्रिय भजन ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’ और लोक संगीतकार स्व. श्री केशव अनुरागी के लोकप्रिय गढ़वाली गीत ‘ह्यू चली डांडियों की चली की’ धुन से किया। प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के निकोलस हॉफ़लैंड ने अतिथि कलाकारों व सभागार में उपस्थित संगीत प्रेमियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी देहरादून केंद्र के सहायक निदेशक श्री अनिल भारती ने किया।
इस अवसर पर दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ,आकाशवाणी के पूर्व निदेशक श्री विभूति भूषण भट्ट, लोक संगीतकार रामचरण जुयाल, साहित्यकार भारती पांडे,अभि नंदा, दुर्गेश भट्ट जगदीश बाबला, सुंदर सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में शास्त्रीय संगीत व अन्य संगीत प्रेमी, बुद्धिजीवी,लेखक,साहित्यकार और पाठक लोग उपस्थित रहे।

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