Tuesday, May 6, 2025
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नारद जयंती पर वरिष्ठ पत्रकार कैलाश पाठक, राजेन्द्र सिंह क्वीरा सहित दस पत्रकार हुए सम्मानित 

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी- प्रचार विभाग – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विश्व संवाद केंद्र द्वारा नारद जयंती के मौके पर नारद सम्मान समारोह 2022 का भव्य आयोजन नगर निगम सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता व मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।May be an image of 4 people, people sitting, people standing and indoor

“नारद सम्मान 2022 से सम्मानित पत्रकार :
कैलाश पाठक, गणेश जोशी, सुमित जोशी, विपिन चन्द्रा, रवि दुर्गापाल, राजेन्द्र सिंह क्वीरा, फोटो जर्नलिस्ट राजेन्द्र सिंह बिष्ट बबली, अजय कुमार, मोहम्मद खालिद, संजय कनेरा”

इस मौके पर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख बृजेश बनकोटी ने नारद जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महर्षि नारद को विश्व के प्रथम पत्रकार की उपाधि मिली हैं, क्योंकि उस युग में भी नारद देवताओं व असुरों के बीच समाचारों के सेतु हुआ करते थे। और सत्यता पूर्ण समाचार बेबाकी से दोनों ही पक्षों तक पहुंचाते थे। आज वर्तमान में हम सभी को महर्षि नारद से प्रेरणा लेकर पत्रकारिता के स्तर को उठाने की आवश्यकता है। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार कैलाश पाठक, गणेश जोशी, सुमित जोशी, विपिन चन्द्रा, रवि दुर्गापाल, राजेन्द्र सिंह क्वीरा, फोटो जर्नलिस्ट राजेन्द्र सिंह बिष्ट बबली, अजय कुमार, मोहम्मद खालिद, संजय कनेरा को नारद सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया। अंत में नगर संघ चालक विवेक कश्यप ने सभी को नारद जयंती की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का संचालन जिला प्रचार प्रमुख अतुल अग्रवाल और प्रदीप लोहनी (सह प्रचार प्रमुख) ने किया। इस मौके पर विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह संगठन मंत्री विक्रम, सह नगर कार्यवाह तनुज गुप्ता, नगर प्रचार प्रमुख पंकज सती , आदित्य चौधरी,अनुज गुप्ता राहुल दरम्वाल ,चंदन सिंह बिष्ट आदि सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे।

नारद सम्मान 2022 से सम्मानित
पत्रकार :

कैलाश पाठक, गणेश जोशी, सुमित जोशी, विपिन चन्द्रा, रवि दुर्गापाल, राजेन्द्र सिंह क्वीरा, फोटो जर्नलिस्ट राजेन्द्र सिंह बिष्ट बबली, अजय कुमार, मोहम्मद खालिद, संजय कनेरा

केंद्रीय विद्यालय भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र आयुष बमनिया ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने विद्यालय का नाम रोशन किया

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देहरादून, शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा आयोजित टॉयथेकॉन 2022 के फिसिकल एडिशन में उपविषय – दिव्यांग के अंतर्गत मूक-बधिरों के लिए बनाये अपने प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय विद्यालय आई एम ए के छात्र आयुष को राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली ग्रैंड फ़िनाले प्रतियोगिता के लिए 24 व 25 मई को दिल्ली आने का निमंत्रण मिला है।
प्रथम राउंड में कुल छह उपविषयों के अंतर्गत देश के तेरह लाख तीस हजार पांच सौ छत्तीस यूज़र्स ने रजिस्टर किया था जिसमे से कुल सत्रह हज़ार सात सौ सत्तर के आइडियाज़ को चयनित कर चौदह हज़ार दो सौ उन्नीस टीम को ही आगे जाने का मौका मिला था ।और अब ग्रैंड फ़िनाले के फिज़िकल एडिशन के लिये देश भर से छह सब थीमों के लिए कुल दो सौ सत्ताईस टीम को ही दिल्ली आने का मौका मिला है।
प्रथम राउंड की प्रतियोगिता में आयुष के प्रोजेक्ट को बहुत सराहा गया था, जिसमे मूक-बधिर दिव्यांगजनों को उनकी साइन लैंगुएज की सहायता से आवाज़ दी गई है यानि कि वे अब किसी भी साइन लैंगुएज न जानने वाले से भी आसानी से बात कर सकेंगे।
फाइनल प्रतियोगिता के लिए आयुष को टीम लीडर बनाया गया है।
आयुष की पांच सदस्यों की टीम में केंद्रीय विद्यालय भारतीय सैन्य अकादमी की अनुष्का बामनिया,
कांस्टेनसिया स्कूल के विनय कुमार के साथ साथ केंद्रीय विद्यालय भारतीय सैन्य अकादमी के
दो मेंटर्स जीवविज्ञान स्नातकोत्तर शिक्षक पीयूष निगम और भौतिकशास्त्र स्नातकोत्तर शिक्षिका मोनिका आर्य भी फ़िनाले में भाग लेने दिल्ली जा रहें है।
ज्ञात हो कि टॉयथेकॉन 2022 में आत्मनिर्भर भारत,मेक इन इंडिया जैसी महत्वकांक्षी योजनाओ को सार्थक करने के लिए आठ केंद्रीय मंत्रालय भी इसमें सहयोग कर रहें है।
माननीय प्रधानमंत्री के इस ड्रीम कॉन्सेप्ट के लिए, उनके द्वारा स्वयं भी प्रतिभागियों से संवाद करने की संभावना है।
आयुष इस बड़ी उपलब्धि का श्रेय विद्यालय के प्राचार्य श्री माम चंद जी अपने माता-पिता व अपने शिक्षकों को देते हैं जिन्होंने हर कदम पर प्रोत्साहित किया और हर सम्भव मदद की साथ ही अपने साथियों और समाज का भी धन्यवाद करना नही भूलते हैं।
केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग की उपायुक्त मीनाक्षी जैन, सहायक आयुक्त सुकृति रैवानी एवं माला तिवारी ने आयुष को बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं देकर विजयी होने का आशीर्वाद दिया है।
आयुष ने इतनी कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्तर के अनेकों पुरस्कार व सम्मान अर्जित किए हैं।
आयुष अंतरिक्ष के क्षेत्र मे देश के लिए अपना सहयोग करना चाहते है तथा दिव्यांग जनों के लिए समर्पण का लक्ष्य रखते हैं।

अब कसेगा शिकंजा : प्रदेश में यूपी की तर्ज पर एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाने की तैयारी

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“अवैध कब्जों को लेकर कालौनीवासियों का महापौर को ज्ञापन”

देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य के बनते ही प्रदेश में जमीनों की खरीद फरोख्त का धंधा खूब चलने लगा, राज्य म अबतक सत्तारूढ़ दोनों दलों के नेताओं ने इस खेल में खूब चांदी बटोरी और नदी नालों पर कब्जा करवा कर ओनेफोने दाम वसूले, इस तरह कई खबरें समय समय फर अखबारों की सुर्खियां बनती रही है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, नतीजा राज्य में भूमाफिया और राजनेताओं का गठजोड़ काम करने लगा, लगता है अब सरकार धामी जागी और भूमाफिया पर यूपी की योगी सरकार की तर्ज पर शिकंजा कसने की योजना बना रही है। यहां भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। गृह विभाग ने पुलिस से उत्तर प्रदेश की व्यवस्था को देखते हुए ड्राफ्ट मांगा है। फोर्स गठित होने के बाद भूमाफिया के नाम घोषित होने के साथ-साथ उनकी अवैध संपत्ति को भी जब्त और नष्ट किया जा सकेगा। उत्तर प्रदेश में भूमाफिया पर नकेल कसने के लिए वर्ष 2017 में राज्य, मंडल, जिला और तहसील स्तर पर टास्क फोर्स गठित की गई थी। इसके तहत पहले क्षेत्र विशेष की शिकायतों और जमीनों की स्थिति देखी जाती है। जो लोग इन पर अनाधिकृत कब्जा जमाए हैं, उन्हें भूमाफिया घोषित कर उनका नाम एंटी भूमाफिया पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।

इसके उलट उत्तराखंड में अभी तक भूमाफिया पर शिकंजा कसने की व्यवस्था नहीं है। यहां भूमि पर कब्जे, धोखाधड़ी आदि के मुकदमे दर्ज होते हैं, लेकिन आरोपियों की संपत्ति को न तो जब्त किया जाता है और न ही नष्ट। हाल ही में यशपाल तोमर गिरोह के कारनामे सामने आने के बाद यहां भी इसकी जरूरत महसूस हुई।

अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन को निर्देशित किया है कि कोई ठोस कार्ययोजना तैयार करे। इसी कड़ी में गृह विभाग ने उत्तर प्रदेश एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स की तरह ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है। गृह विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। बताया कि टास्क फोर्स बनाने के लिए जल्द काम शुरू होगा। प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्तियों पर कब्जे आम हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि यहां कोई भूमाफिया नहीं है। जी हां यह सच है। कहने को तो बहुत होंगे, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में किसी का नाम नहीं है। क्योंकि, उत्तराखंड में ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं। वहीं, उत्तर प्रदेश में यह व्यवस्था होने से भूमाफिया के नाम सार्वजनिक होते हैं। चाहे सफेदपोश हो या फिर कोई और, सबके नाम एंटी भूमाफिया पोर्टल पर अपलोड होते हैं।
बीते दिनों एसटीएफ ने यशपाल तोमर नाम के गैंगस्टर को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। जांच में पता चला कि उसने अवैध रूप से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। उसकी 153 करोड़ की संपत्ति को कुर्क भी किया गया था। उत्तराखंड एसटीएफ की कार्रवाई के बाद मेरठ जिला प्रशासन ने यशपाल को अपने यहां का भूमाफिया घोषित कर उसका नाम पोर्टल पर अपलोड किया था। उसकी सैकड़ों करोड़ की संपत्ति को सरकार के कब्जे में ले लिया गया था। वर्तमान में उसे राज्य स्तर का भूमाफिया घोषित करने की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश में चार स्तर पर टास्क फोर्स बनाई गई है। राज्य स्तर की टास्क फोर्स में मुख्य सचिव अध्यक्ष होते हैं। प्रमुख सचिव न्याय, गृह, नगर विकास, वन, आवास एवं शहरी नियोजन, सिंचाई और पुलिस महानिदेशक सदस्य होते हैं। इसी तरह मंडल स्तर पर मंडलायुक्त अध्यक्ष, जिला स्तर पर जिलाधिकारी और तहसील स्तर पर एसडीएम टास्क फोर्स के अध्यक्ष होते हैं। अलग-अलग स्तर पर टास्क फोर्स की सिफारिश के बाद ही कार्रवाई होती है

अवैध कब्जों को लेकर कालौनीवासियों का मेयर को ज्ञापन

सहस्त्रधारा रोड़ पर एकता विहार से लगी निगम की जमीन पर भी आजकल अवैध कब्जे करने का सिलसिला जारी है, क्षेत्रवासियों ने इसी माह 6 मई को नगर निगम के महापौर को ज्ञापन देकर इन अवैध कब्जों पर लगाम लगाने की बात की | कालौनीवासियों का कहना था कि पहले रह क्षेत्र ग्राम सभा के अन्तर्गत आता था और उस समय ग्राम सभा से प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें भूमि पर क्रीड़ा स्थल, ट्यूबवेल और पंचायत घर के लिये भूमि दी गयी थी और प्रस्ताव विधिवत् जिला प्रशासन को भेज दिया गया था, लेकिन ट्यूबवेल और पंचायत घर बनने के बाद शेष बची क्रीड़ा स्थल की भूमि को भी भूमाफिया कब्जा करने की फिराख में है, क्षेत्रवासियों का कहना था कि कई बार इन अवैध कब्जाधारियों से लोगों को दोचार होना पड़ता है |
एकता विहार के निवासियों ने महापौर को उक्त सारी स्थिति सू अवगत कराया, लेकिन खेद का विषय यह है कि ज्ञापन दिये 15 दिन से अधिक समय हो गया लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो पायी |
इधर प्रदेश के मुखिया भूमाफियाओं पर लगाम लगाने की बात कह रहे हैं और यूपी की तरह कार्रवाही करने की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या यह कदम सरकार उठा पायेगी, जबकि प्रशासन के नुमाइंदों को सब कुछ पता रहता है कि किस किस इलाके में अवैध कब्जे हो रहे हैं या हो रखे हैं | अब देखना यह होगा कि मेयर को दिये ज्ञापन पर कब कार्रवाही होती है |No photo description available.

विधायक भरत चौधरी ने किया प्राथमिक शिक्षा क्षमता विकास का पांच दिवसीय एकल अभियान का शुभारंभ

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रुद्रप्रयाग- कोटेश्वर में एकल अभियान सम्भाग उत्तराखंड भाग गढ़वाल का पांच दिवसीय प्राथमिक शिक्षा क्षमता विकास वर्ग का उद्घाटन आज रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने किया।
कोटेश्वर महादेव मंदिर में शुरू हुये इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक श्री भरत सिंह चौधरी व मुख्य वक्ता श्री अरविन्द कन्नौजिया (ग्राम स्वराज योजना प्रमुख) तथा विशिष्ट अतिथि श्रीमती उमा देवी (सभाषद), उपस्थित रहे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक आदरणीय शरद जी, सम्भाग सचिव आशीष थपलियाल जी नें मां भारती के चरणों में सामूहिक रुप से द्वीप प्रज्जविलत कर किया। इस अवसर पर कोटेश्वर धाम के महन्त स्वामी शिवानन्द गिरी जी महाराज (अंचल अध्यक्ष) ने सभी आगन्तुकों का स्वागत अभिनन्दन किया। संभाग अभियान प्रमुख व संगठन मंत्री उत्तराखंड एकल कुलबीर सिहं ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में भाग अध्यक्ष श्री प्रताप सिंह लुथरा , अंचल सचिव श्री संतोष मेवाल , उपाध्यक्ष श्री प्रदीप राणा , सम्भाग प्रशिक्षण प्रमुख पुजा महर , सम्भाग महिला प्रमुख फाल्गुनी सरकार , भाग प्रमुख पुजा नेगी , भाग प्रशिक्षण प्रमुख रक्षा तोमर , भाग ग्राम स्वराज योजना प्रमुख नीलम , भाग कार्यालय प्रमुख नरेंद्र राणा , भाग आरोग्य योजना प्रमुख अनुजा पवार के साथ- साथ अंचल रूद्रप्रयाग, कर्ण प्रयाग, गोपेश्वर, टिहरी, देहरादून, कुमाऊं से प्रशिक्षण से शेष अंचल खटीमा, चम्पावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर के कार्यकर्ता भी सम्मिलित रहे।

उपलब्धि -जनपद को मिलेगा कौशल विकास योजना पुरस्कार

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” भारत सरकार के शिक्षा एंव कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा 9 जून को दिल्ली में दिया जायेगा पुरस्कार, जिलाधिकारी को मिला आमंत्रण पत्र”।

रुद्रप्रयाग- कौशल विकास के छैत्र में जिले ने नई उपलब्धि हासिल की है। भारत सरकार की ओर से जनपद को कौशल विकास योजना के तहत वर्ष 2020-21 के कौशल विकास योजना पुरस्कार के लिये चुना गया है।
भारत सरकार की ओर से जिलाधिकारी को आगामी नौ जून को पुरस्कार हेतु आमंत्रण पत्र मिला है। जनपद को कौशल विकास योजना के छैत्र मे नवाचार एंव बेस्ट प्रेक्टिसेस के लिए पुरस्कार हेतु चुना गया है। जिलाधिकारी द्वारा गत 24 जनवरी को कौशल विकास योजना का आनलाईन प्रस्तुतिकरण किया गया था जिसे भारत सरकार द्वारा नवाचार एंव सर्वोत्तम कार्य माना गया व पुरस्कार के लिये चयनित किया गया। 9 जून को भारत सरकार के शिक्षा एंव कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा ये पुरस्कार दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने पुरस्कार के लिये जनपद का चयन होने पर खुशी ब्यक्त की व पूरी टीम को बधाई दी।

आम आदमी को बड़ी राहत, केन्द्र सरकार ने घटा दिए पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए

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पेट्रोल-डीजल पर लोगों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने शनिवार को जनता को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 8 और 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम कर दिया है। इसके बाद तेल कंपनियों ने आज रविवार के लिए पेट्रोल और डीजल के नए रेट जारी कर दिए हैं।

एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद आज 22 मई को राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल की कीमत 89.62 रुपये हो गई है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल 111.35 और डीजल के दाम 97.28 रुपये रुपये प्रति लीटर हो गया है। बता दें कि दिल्ली में पहले पेट्रोल 105.41 रुपये लीटर मिल रहा था। यानी की दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 8.69 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है। पेट्रोल-डीजल पर लोगों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने शनिवार को जनता को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 8 और 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम कर दिया है। इसके बाद तेल कंपनियों ने आज रविवार के लिए पेट्रोल और डीजल के नए रेट जारी कर दिए हैं।

एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद आज 22 मई को राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल की कीमत 89.62 रुपये हो गई है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल 111.35 और डीजल के दाम 97.28 रुपये रुपये प्रति लीटर हो गया है। बता दें कि दिल्ली में पहले पेट्रोल 105.41 रुपये लीटर मिल रहा था। यानी की दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 8.69 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है।

नवीनतम कौशल प्रशिक्षण केन्द्र सालाना 600 युवाओं को सतत जीविका के लिए कौशलयुक्त बनाएगा

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देहरादून- डालमिया भारत समूह की कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ) ने बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत सामुदाय केंद्रित प्रयासों के जरिए झारखंड में 600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य डीबीएफ की दीक्षा ( डालमिया इंस्टीट्यूट आफ नालेज एंड स्किल हारनेसिंग) केंद्र के तहत एक कौशल प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना कर आसपास के गांवों के युवाओं को प्लेसमेंट आधारित अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना है।

इस एमओए पर हस्ताक्षर श्री चौधरी रत्नेश कुमार सुधांशु, उपमहाप्रबंधक (सीएसआर एंड सेल-उदय), सेल-बोकारो स्टील प्लांट और श्री विशाल भारद्वाज समूह प्रमुख-सीएसआर, डालमिया भारत समूह व मुख्य कार्यकारी अधिकारी डालमिया भारत फाउंडेशन ने किए।

“अपनी स्थापना के वर्ष 2009 से ही हमने अपनी भूमिका को संसाधन उपलब्ध कराने वाले से परिवर्तित हो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाला होते देखा है। जहां हमने विकास व बेहतरी के लिए परिवर्तन का एक मानक उत्पन्न किया है वहीं हमारी कोशिश रहती है कि हम आर्थिक व पर्यावरणीय आवश्यकता को पूरा करते हुए सामाजिक दूरी को पाटने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं”, श्री विशाल भारद्वाज समूह प्रमुख-सीएसआर, डालमिया भारत समूह व मुख्य कार्यकारी अधिकारी डालमिया भारत फाउंडेशन ने कहा।

“अपने नेतृत्व एवं सामाजिक परिवर्तन को पाने के समर्पण के जरिये हम देश भर में लोगों को अवसर प्रदान करने के विजन पर काम करते रहेंगे. जिससे वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर बदले में समुदाय को योगदान दे सकें. हम बीएसएल से अपनी भागीदारी को लेकर आशान्वित हैँ और अपने उद्योग के शीर्षथों से भी जुड़ने का आह्वान करते हैँ. जिससे कि हम महत्वपूर्ण एवं टिकाऊ बदलाव लाकर सामाजिक, आर्थिक व पर्यावर्णिय प्रगति को सुरक्षित कर सकें.”

डीबीएफ के सहयोग से बोकारो स्टील सिटी में संचालित कौशल विकास केंद्र झारखंड में सामाजिक इको सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा. जहां बीएसएल आधारभूत जरूरतों में मदद करेगा वही डीबीएफ दैनिक गतिविधियों का प्रबंधन दैनिक गतिविधियों का प्रबंधन और केंद्र पर फैकल्टी व प्लेसमेंट में मदद करेगा.

“बीएसएल एवं डी बी एफ एक साझा विजन व वैल्यू सिस्टम के साथ समाज में परिवर्तन लाने के लिए डेमोग्राफिक डिविडेंड को मजबूत करते हुए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण के जरिए सशक्त बना कर उन्हें बाजार के लायक तैयार कर रहे हैं”, श्री चौधरी रत्नेश कुमार सुधांशु, उप महाप्रबंधक। “हमारा यह निश्चित मानना है कि इस मिली जुली योग्यता व अनुभव से हम दीक्षा में युवाओं को शिक्षित करते हुए उन्हें गुणवत्ता वह आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर उद्योगों में रोजगार के लिए उपयोगी बनाएंगे”.

टिकाऊ व लगातार आय अर्जन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण को स्वरोजगार व अन्य ट्रेडों में जैसे असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, सोलर पीवी इंस्टालर, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट व कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट में विभाजित किया गया है. इसी के साथ मांग व भविष्य की संभावना के आधार पर अन्य कोष भी जोड़े जाएंगे. यह केंद्र बीएसएल के दायरे में आने वाले गांव में रहने वाले युवाओं के विकास पर केंद्रीय होगा.

“डालमिया भारत फाउंडेशन में हमारा विशेष ध्यान समुदाय आधारित सलूशन और बढ़ते वैश्विक मामलों को सुलझाने के लिए उद्देश्य परक कार्य करने का रहा है. इनमें शामिल है जीविका के अवसरों की अनुपस्थिति, जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, संसाधनों का घटना और सामाजिक बुनियादी ढांचे में कमी”, बोकारो डीसीबीएल इकाई प्रमुख श्री प्रियरंजन ने कहा. “बीएसएल के साथ साझेदारी कर हमें विश्वास है कि हम आसपास के गांव के कम पढ़े लिखे व ड्रॉप आउट युवाओं को प्रभावी कौशल प्रशिक्षण दे सकेंगे एवं सहकारी संस्थानों की स्थापना में योगदान कर सकेंगे”.

कौशल प्रशिक्षण केन्द्र डालमिया भारत फाउंडेशन के इंस्टीट्यूट ऑफ नालेज एंड स्किल ट्रेनिंग (दीक्षा) के तहत संचालित होगा। वर्तमान में डीसीएफ के सात राज्यों में 14 दीक्षा केंद्र हैं।

भारत में BA.4 ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट का दूसरा मामला दर्ज, नवालुर का रहने वाला शख्स संक्रमित

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सब-वेरिएंट (BA.4 Omicron Sub-Variant) का दूसरा मामला तमिलनाडु में सामने आया है. यहां के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने शनिवार को एक बयान में कहा कि राज्य में BA.4 सब-वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि हुई है. जो शख्स इस वेरिएंट से संक्रमित हुआ है, वह चेंगलपट्टू जिले के नवालुर का रहने वाला है.

ये जगह राजधानी चेन्नई (Chennai) से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इससे पहले इस सब-वेरिएंट का पहला मामला शुक्रवार को तेलंगाना के हैदराबाद से सामने आया था.

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है, ‘BA.4 का पहला मामला मिलने के बाद से मरीज के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम शुरू हो गया है. मरीज ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की थी. यहां से वह हैदराबाद पहुंचा था. उसमें बीमारी के लक्षण नहीं हैं और उसका सैंपल 9 मई को लिया गया था.’ भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) मामले को लेकर अब सोमवार को बुलेटिन जारी करेगा. BA.4 वेरिएंट का पता सबसे पहले 10 जनवरी, 2022 में दक्षिण अफ्रीका में चला था. तभी से इसके मामले सभी दक्षिण अफ्रीकी प्रांतों में मिल रहे हैं.

नए लक्षण या गंभीर बीमारी के संकेत नहीं

ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि BA.4 या BA.5 से संक्रमित होने वाले लोगों में कोई नए लक्षण या गंभीर बीमारी दिख रही है या नहीं. हालांकि वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है कि ये वेरिएंट प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम हे सकते हैं. अगर वेरिएंट की बात करें कि वह क्या होता है, तो इसका जवाब ये है कि वायरस और विशेष रूप से आरएनए वायरस जैसे सार्स-कोव-2, प्रजनन करते समय बहुत सारी गलतियां करते हैं. वे इन गलतियों को ठीक नहीं कर सकते हैं, इसलिए उनमें त्रुटियों, या उत्परिवर्तन की अपेक्षाकृत उच्च दर है और वह लगातार विकसित हो रहे हैं. जब इन उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप किसी वायरस का आनुवंशिक कोड बदल जाता है, तो इसे मूल वायरस के एक वेरिएंट के रूप में संदर्भित किया जाता है.

ओमिक्रॉन एक बिलकुल अलग तरह का वेरिएंट है, जिसमें स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक उत्परिवर्तन समाहित होते हैं. इसने पूर्व संक्रमण और टीकाकरण दोनों से एंटीबॉडी की सुरक्षा को कम कर दिया है और संचरण क्षमता में वृद्धि की है. ऐसे में अगर आनुवंशिक कोड में होने वाले परिवर्तन के बारे में यह माना जाए कि वह वायरस को अधिक हानिकारक बनाने की क्षमता रखते हैं और कई देशों में इसका अधिक संचरण होता है, तो इसे ध्यान देने योग्य वेरिएंट माना जाएगा.

PPF में निवेश की सीमा होगी दोगुनी! टैक्स बचेगा और रिटर्न भी मिलेगा, जानिए जबरदस्त ट्रिक

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PPF Tax Saving: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी PPF निवेश का जबरदस्त जरिया है, जिसमें बढ़िया रिटर्न मिलता है. यह E-E-E कैटेगरी में आने वाला निवेश है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता है.

PPF में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. यही वजह है कि लोग पीपीएफ में निवेश को लेकर आश्वस्त होते हैं. लेकिन अगर आप पीपीएफ में निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखेंगे तो ज्यादा फायदे में रहेंगे.

PPF में निवेश की सीमा होगी दोगुनी

PPF में निवेशकों को न सिर्फ एश्योर्ड रिटर्न मिलता है, बल्कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स छूट भी मिलती है. कई बार ऐसा भी होता है कि PPF निवेश की लिमिट खत्म होने के बाद भी निवेशक के पास पैसे बचे रह जाते हैं और उसे निवेश के विकल्प की तलाश रहती है. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर निवेशक शादीशुदा है, तो वो अपनी पत्नी या पति के नाम पर PPF अकाउंट खोलकर उसमें अलग से 1.5 लाख रुपये और निवेश कर सकता है.

PPF में निवेश पर मिलते हैं ये फायदे

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर PPF अकाउंट खोलने से निवेशक के PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपये ही होगी. भले ही आपको इनकम टैक्स में छूट 1.5 लाख मिले, लेकिन इसके दूसरे कई फायदे हैं. PPF निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपये हो जाती है. E-E-E कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को PPF के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट मिलती है.

क्लबिंग प्रावधानों का असर नहीं

इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी ओर से पत्नी को दी गई किसी राशि या गिफ्ट से हुई आय आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी. हालांकि PPF के मामले में जो कि EEE की वजह से पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है.

शादीशुदा लोगों के लिए ट्रिक

वहीं, जब भविष्य में आपके पार्टनर का PPF खाता मैच्योर होगा, तब आपके पार्टनर के PPF खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी आय में साल दर साल जोड़ा जाएगा. इसलिए ये विकल्प शादीशुदा लोगों को PPF खाते में अपना योगदान को दोगुना करने का मौका भी देता है.

उन लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प बताया जाता है, जो कम जोखिम उठाना चाहते हैं और वे NPS, म्यूचुअल फंड जैसे मार्केट लिंक्ड निवेश नहीं करना चाहते हैं, जहां जोखिम का खतरा ज्यादा रहता है. आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए PPF की ब्याज दर 7.1 परसेंट तय की गई है.

अब ट्रैफिक पुलिस नहीं रोक सकेगी आपकी कार, न करेगी चेकिंग, जारी हो गया आदेश

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अगर आप भी कार चलाते हैं तो आपके लिए काम की खबर है. सरकार ने ट्रैफिक को लेकर नया नियम लागू कर दिया है. अब ट्रैफिक पुलिस आपको बेवजह रोककर परेशान नहीं कर सकेगी, न ही बेवजह आपकी गाड़ी की चेकिंग कर सकेगी.

इसके लिए आदेश भी जारी किया जा चुका है. आइए जानते हैं इसके लेटेस्ट अपडेट.

गौरतलब है कि इसको लेकर कमिश्नर ऑफ पुलिस (CP) हेमंत नागराले ने पहले ही सर्कुलर ट्रैफिक डिपार्टमेंट को जारी चुका है. इस सर्कुलर के अनुसार, ‘ट्रैफिक पुलिस वाले गाड़ियों की चेकिंग नहीं करेंगे, खासतौर पर जहां चेक नाका हो, वो सिर्फ ट्रैफिक की मॉनिटरिंग करेंगे और इस पर फोकस करेंगे कि ट्रैफिक सामान्य रूप से चले. वो किसी गाड़ी को तभी रोकेंगे जब उससे ट्रैफिक की रफ्तार पर कोई फर्क पड़ रहा हो.’

दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ संदेह के आधार पर कहीं भी गाड़ियों को रोककर उनके बूट और गाड़ी के अंदर की जांच करने लग जाते हैं. जिससे उस सड़क पर ट्रैफिक प्रभावित होता है.

क्या लिखा है सर्कुलर में?

इस सर्कुलर में सभी यातायात पुलिस को गाड़ियों की जांच करने से रोकने के लिए कहा गया है क्योंकि सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ रहा है, उन्हें ट्रैफिक की आवाजाही पर निगरानी रखने को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा गया है. सर्कुलर में ये कहा गया है कि अगर मोटर चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो उन्हें यातायात पुलिस मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपित कर सकती है.

यातायात पुलिस नहीं करेगी चेकिंग

यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिसकर्मियों की ओर से संयुक्त नाकाबंदी के दौरान यातायात पुलिस केवल यातायात उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करेगी और वाहनों की जांच नहीं करेगी. अगर इन निर्देशों को सख्ती से लागू नहीं किया जाता है, तो संबंधित यातायात चौकी के वरिष्ठ निरीक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ किया कि यातायात पुलिस को संदेह के आधार पर वाहनों के बूट की जांच नहीं करनी चाहिए और न ही उन्हें रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे जवान पहले की तरह यातायात अपराधों के खिलाफ चालान जारी रखेंगे और यातायात उल्लंघन करने वालों को रोकेंगे.