Sunday, April 28, 2024
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भारत में BA.4 ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट का दूसरा मामला दर्ज, नवालुर का रहने वाला शख्स संक्रमित

सब-वेरिएंट (BA.4 Omicron Sub-Variant) का दूसरा मामला तमिलनाडु में सामने आया है. यहां के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने शनिवार को एक बयान में कहा कि राज्य में BA.4 सब-वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि हुई है. जो शख्स इस वेरिएंट से संक्रमित हुआ है, वह चेंगलपट्टू जिले के नवालुर का रहने वाला है.

ये जगह राजधानी चेन्नई (Chennai) से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इससे पहले इस सब-वेरिएंट का पहला मामला शुक्रवार को तेलंगाना के हैदराबाद से सामने आया था.

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है, ‘BA.4 का पहला मामला मिलने के बाद से मरीज के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम शुरू हो गया है. मरीज ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की थी. यहां से वह हैदराबाद पहुंचा था. उसमें बीमारी के लक्षण नहीं हैं और उसका सैंपल 9 मई को लिया गया था.’ भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) मामले को लेकर अब सोमवार को बुलेटिन जारी करेगा. BA.4 वेरिएंट का पता सबसे पहले 10 जनवरी, 2022 में दक्षिण अफ्रीका में चला था. तभी से इसके मामले सभी दक्षिण अफ्रीकी प्रांतों में मिल रहे हैं.

नए लक्षण या गंभीर बीमारी के संकेत नहीं

ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि BA.4 या BA.5 से संक्रमित होने वाले लोगों में कोई नए लक्षण या गंभीर बीमारी दिख रही है या नहीं. हालांकि वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है कि ये वेरिएंट प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम हे सकते हैं. अगर वेरिएंट की बात करें कि वह क्या होता है, तो इसका जवाब ये है कि वायरस और विशेष रूप से आरएनए वायरस जैसे सार्स-कोव-2, प्रजनन करते समय बहुत सारी गलतियां करते हैं. वे इन गलतियों को ठीक नहीं कर सकते हैं, इसलिए उनमें त्रुटियों, या उत्परिवर्तन की अपेक्षाकृत उच्च दर है और वह लगातार विकसित हो रहे हैं. जब इन उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप किसी वायरस का आनुवंशिक कोड बदल जाता है, तो इसे मूल वायरस के एक वेरिएंट के रूप में संदर्भित किया जाता है.

ओमिक्रॉन एक बिलकुल अलग तरह का वेरिएंट है, जिसमें स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक उत्परिवर्तन समाहित होते हैं. इसने पूर्व संक्रमण और टीकाकरण दोनों से एंटीबॉडी की सुरक्षा को कम कर दिया है और संचरण क्षमता में वृद्धि की है. ऐसे में अगर आनुवंशिक कोड में होने वाले परिवर्तन के बारे में यह माना जाए कि वह वायरस को अधिक हानिकारक बनाने की क्षमता रखते हैं और कई देशों में इसका अधिक संचरण होता है, तो इसे ध्यान देने योग्य वेरिएंट माना जाएगा.

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