Wednesday, May 1, 2024
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रोचक मुकाबले का संकेत दे रहा गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र

” गढ़वाल संसदीय छैत्र पर मुख्य मुकाबला भाजपा व काँग्रेस के बीच सिमटता नजर आ रहा है। एक ओर भाजपा के कद्दावर नेता अनिल बलूनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छबि व राज्य सभा सांसद रहते अपनी उपलब्धियों को मुद्धा बनाते हुये जनता का विश्वास हासिल करने में जुटे हैं वहीं दूसरी ओर राजनैतिक सुचिता, नैतिकता, ब्यक्तित्व में निश्चल सेवाभाव , ग्राम से लेकर प्रदेश, व देश के समसामयिक विषयों की पकड़, के साथ जनता से अपनी दुधबोली भाषा ठेठ गढवाली में वार्तालाप के चलते आज काग्रेस के विघ्नहर्ता के रूप मे दिख रहे गणेश गोदियाल की नुक्कड सभाओं में जुटी स्वस्पूर्त भीड ओर उनके नांमकन में उमडे अपार जनसमूह के बाद चुनाव प्रचार थमने तक आम जनता के बीच गणेश गोदियाल की चर्चा सारे राजनैतिक कयासों को क्षुटलाती नजर आ रही है। एक मँझे हुये राजनेता की तरह जनता के दिलों मे जगह बनाने में कामयाब रहे गणेश गोदियाल की बढ़ती लोकप्रियता के चलते भाजपा के स्टार प्रचारकों को मोर्चा संभालने को मजबूर होना पडा।जनता की चुप्पी व काँग्रेस कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखते हुये कहा जा सकता है कि गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में इस बार रौचक मुकाबला होने के आसार है”।

(देवेंन्द्र चमोली)
19 अप्रैल को प्रथम चरण में होने वाले लोक सभा चुनाव के प्रचार का शोरगुल आज शाँय थम गया। नेता हो या पार्टी के कार्यकर्ता सबने अपने अपने प्रतिनिधियों को देश की महा पंचायत में भेजने के लिये खूब पसीना बहाया। प्रदेश की पाँच लोक सभा सींटो पर प्रथम चरण मे 19 अप्रैल को मतदान होना है, जिसके लिये चुनाव प्रचार आज थम गया। चुनावी शोरगुल के बीच गढ़वाल संसदीय छैत्र व टिहरी संसदीय छैत्र खूब चर्चाओं में रहा। गढ़वाल लोक सभा सीट से काँग्रेस प्रत्यासी गणेश गोदियाल व टिहरी लोक सभा छैत्र से निर्दलीय प्रत्यासी बाँबी पँवार ने जिस तरह से जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करायी एकाएक दोनो सीटें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई।
बात गढ़वाल संसदीय क्षेत्र की करें तो यहाँ मुख्य मुकाबला भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी एवं काग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बीच है। 14 विधान सभा समेटे इस संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्यासी अनिल बलूनी सहित भाजपा के नेता व कार्यकर्ता प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम व बलूनी के राज्य सभा सांसद रहते किये गये विकास कार्यो के बलबूते अपनी जीत को सुनिश्चित करने का दावा कर रहे है, वहीं काँग्रेस प्रत्यासी गणेश गोदियाल पहाड़ की ज्वलन्त समास्याओं , पहाड़ के स्थानीय मुद्दों जैसे आपदा, वेरोजगारी के साथ साथ अग्निबीर योजना व चर्चित अंकिता भंडारी हत्या कांड, पर भाजपा को घेरने में जुटे है।
भाजपा की ओर से अनिल बलूनी के पक्ष में प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सहित उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह सहित केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही नहीं प्रधानमधत्री नरेन्द्र मोदी की भी ऋषिकेश में जनसभायें हुई। वहीं गणेश गोदियाल के पक्ष में काँग्रेश के स्टार प्रचारको में केवल प्रिंयंका गाँधी ने ही रामनगर मे चुनावी जनसभा को सम्बोधित किया। इसके बाबजूद भी गढ़वाल संसदीय छैत्र का देश में चर्चा का विषय बनना रौचक मुकाबले का संकेत दे रहा है।
ऐन चुनाव वक्त एक के बाद एक अपनों का साथ छोड़ने के बाबजूद हार न मानने वाले गणेश गोदियाल के मनोबल व दृढ़निश्चय ने अकेले दम पर काँग्रेस कार्यकर्ताओं सहित काँग्रेस के कैडर व छैत्र की जनता में नया उत्साह भरने का काम किया। जनता से मिल रहे समर्थन से उत्साहित कार्यकर्ताओ ने उनके चुनाव के लिये खुलकर चन्दा भी दिया। विधान सभा छैत्रों की बात करें तो गढ़वाल संसदीय छैत्र मे वर्तमान मे भाजपा का दबदबा है। बद्रीनाथ क्षेत्र से काग्रेस के टिकट से जीत हासिल करने वाले एक मात्र विधायक के विधायिका से त्यागपत्र देकर ऐन चुनाव के वक्त भाजपा में जाने के बाद पूरे संसदीय क्षेत्र में काग्रेस की बचीखुची आस को बडा क्षटका लगा। ऐसे में संसदीय क्षेत्र में भाजपा की एकतरफा जीत के कयास राजनैतिक विश्लेसक लगा रहे थे। लेकिन बद्रीनाथ विधायक के ऐन चुनाव वक्त पाला बदलने के बाद गणेश गोदियाल ने एक निर्भीक योद्धा की तरह दोगुने जोश के साथ जनता के बीच जिस तरह अपनी उपस्थिति दर्ज करायी उससे काँग्रेस कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह देखने को मिला।
काग्रेस प्रत्यासी गणेश गोदियाल की नुक्कड सभाओं व रोड शौ में उमडी स्वस्फूर्त भीड ने इस सीट पर मुकाबला रौचक बना दिया है , जनता से मिल रहे अपार जन समर्थन से गदगद गणेश गोदियाल भी एक मक्षें हुए राज नेता की तरह अपनी बेदाग छबि निश्चल सेवाभाव व ठेठ गढवाली में जनता से संवाद के चलते जनता के दिलों में जगह बनाने में कामयाब दिख रहे है। 27 अप्रैल को उनके नांमकन में पौडी में उमडा अपार जन समूह गढवाल संसदीय क्षेत्र में रौचक मुकाबले की आधारसिला रख गया।
उसके बाद गणेश गोदियाल को मिल रहे जनसमर्थन से चिन्तित भाजपा के प्रदेश व राष्ट्रीय नेताओं को मोर्चा संभाला। एक के बाद एक बडे नेताओं की जनसभाओं के बाबजूद गढ़वाल संसदीय छैत्र में मुकाबला रौचक नजर आ रहा है। अब देखना यह है कि गणेश गोदियाल को जनता काँग्रेस के विघ्नहर्ता का आशीर्वाद देगी या एक बार पुनः प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर अनिल बलूनी को अपना आशीर्वाद देगी। बहरहाल 19 अप्रैल को गढ़वाल संसदीय छैत्र के भावी प्रतिनिधि का फैसला ईवीएम में कैद हो जायेगा।

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