Thursday, May 1, 2025
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Ticket Refund Rules: अब टिकट कैंसिल करवाने पर नहीं लगेगा चार्ज! रेलवे ने दी बड़ी जानकारी, सुनकर खुशी से उछल पड़ेंगे आप

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 अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. भारतीय रेलवे (Indian Railway) अब आपकी यात्रा को और भी आरामदायक बनाने के लिए नई सुविधा पेश की है.

दरअसल, भारत में लोग सबसे ज्यादा सफर ट्रेन से करते हैं, इसलिए रेल को भारत की जीवन रेखा भी कहा जाता है. रेलवे समय-समय पर यात्रियों के लिए सुविधाएं लाता रहा है. इस रेलवे यात्रियों के लिए जबरदस्त सुविधा लेकर आया है.

अब आसानी से करें टिकट रद्द

अब रेलवे ने यात्रियों की टिकट को लेकर नबा नियम बनाया है. अब आप आसानी से मिनटों में टिकट कैंसिल कर सकते हैं. अब आप रेलवे के ऐप या फिर रेलवे वेबसाइट पर जाकर अपना टिकट कैंसिल (Rail Ticket cancellation) कर सकता है. अब रेलवे ने ई-मेल से रेल टिकट कैंसिल करने की बड़ी सुविधा दे रहा है. भारतीय रेलवे ने एक ट्वीट कर इस सुविधा की पूरी जानकारी दी है.

रेलवे का बड़ा फैसला

रेलवे ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया कि अब रेल यात्री रेलवे को ई-मेल करके भी अपनी टिकट कैंसिल कर सकता है. दरअसल, इससे पहले एक यात्री ने ट्विटर पर रेलवे से शिकायत की थी कि उन्‍होंने तत्‍काल में टिकट बुक कराया था. पंरतु, ट्रेन कैंसिल होने के कारण उसे दूसरा यात्रा विकल्‍प चुनना पड़ा है. यात्री ने बताया है कि उसे टिकट बुक कराने की नौबत आई, लेकिन टिकट रद्द करने के बाद भी रिफंड नहीं मिल रहा है. इस पर रेलवे ने अपना जवाब दिया.

ट्रेन स्‍टेटस पर लगेगा कैंसिलेशन

रेलवे ने इस ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, ‘अगर यात्री अपने आप टिकट कैंसिल नहीं कर पाते हैं तो टिकट रद्द कराने के लिए यात्री रेलवे को अपनी रजिस्‍ट्रर्ड ई-मेल आईडी से [email protected] पर ई-मेल करके भी टिकट रद्द करा सकते हैं.’ इसके बाद अपने दूसरे ट्वीट में रेलवे ने जानकारी दी कि रेलवे परिचालन कारणों से ट्रेन स्‍टेटस पर कैंसिलेशन फ्लैग लगाता है. रेलवे ने बताया कि यदि संभव हो तो ट्रेन को किसी भी संभव बहाल किया जा सकता है. चार्टिंग के बाद ही फाइनल स्‍टेटस मिलता है. इसलिए यात्री को इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए. वरना उन्हें कैंसिलेशन का चार्ज देना पड़ सकता है.

नोटों की कांवड़ ले हरिद्वार पहुंचा युवक, जाने कितने रुपयो के लगे नोट

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शिवभक्तों पर महादेव का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है. सावन महीना शुरू होते ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से श्रद्धालु अपनी कावड़ लेकर उत्तराखंड आ रहे हैं. कोरोना के दो साल बाद जब कावड़ यात्रा खोली गई, तो लोग तरह-तरह की कांवड़ लेकर हरिद्वार से रवाना होते दिखे. ऐसा ही नजारा हर की पौड़ी में देखने को मिला. जहां दिल्ली से आए युवा कांवड़ियों ने कांवड़ को करीब सवा लाख रुपये के नोटों से सजाया है. वहीं, कावड़ में नोट लगे देख लोगों ने उसके साथ अपनी सेल्फी भी ली. यह कांवड़ लोगों के बीच कौतुहल का विषय बना हुआ है. बनाने में लगा इतना समय
इस कांवड़ को दिल्ली से आए 6 लोगों के ग्रुप ने बनाया था. कांवड़ को तैयार करने में करीब 10 घंटे लगे. इस पर 100 और 20 के नोट लगे हैं. जानकारी के मुताबिक, इस कांवड़ में कुल 1 लाख 21 हजार रुपये लगे. वहीं, लोगों की नजर जब इस कांवड़ पर पड़ी तो उनकी आंखें चमक उठी. लोग इस कांवड़ के साथ सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने लगे. हरिद्वार में अलग-अलग तरह के कांवड़ देखने को मिल रहे हैं. तिरंगा कांवड़, केदारनाथ कांवड़, राम मंदिर कांवड़ आदि को देखने के लिए लोगों की भीड़ अब कांवड़ पटरी और हाईवे पर लग रही है. इसके अतिरिक्त शिव पार्वती की विशालकाय मूर्ति लेकर भी शिव भक्त कांवड़ यात्रा में पहुंच रहे हैं. इस कावड़ यात्रा में अलग-अलग शिव के रूप और अलग-अलग कावड़ियों के रंग देखने को मिल रहे हैं.

 

ब्रैकिंग : कृषि मंत्री गणेश जोशी के तेवर हुए तल्ख, अधिकारियों की लगाई क्लास

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‘जिलों में सेब की पेटी के आवंटन की दैनिक रिपोर्ट उपलब्ध कराने के दिये निर्देश’

देहरादून, प्रदेश के कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी जी ने आज न्यू कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। बैठक के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सेब के कस्तकारों को समय पर सेब की पेटी न मिलने की शिकायत पर अधिकारियों से नाराजगी जताई और निर्देशित किया कि सेब के कास्तकारों को फसल तैयार होने से पहले में ही सेब की पेटियां कास्तकारों की समय पर उपलब्ध हो।

प्रदेश के मिलेट्स (मोटे अनाज) के लिए विपणन को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार करने के दिए निर्देश।

बैठक के दौरान मंत्री जी ने कहा कि राज्य में कोदा/झंगोरा तथा कोणी जैसे मिलेट का उत्पादन पारम्परिक तौर पर किया भी जाता रहा है और इसके लिए राज्य में अत्यधिक अनुकूल परिस्थितियां भी हैं। कृषकों को मिलेट का बाजार मूल्य अन्य अनाजों की तुलना में कहीं ज्यादा भी मिलता है। राज्य में मोटे अनाजों के उत्पादन से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने, उनके उत्पादों में निर्यात स्तर की गुणवत्ता लाने तथा उनको बाजार उपलब्ध करवाने के मा. मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिए।

प्रदेश में एग्रो क्लाइमेटिक जोन्स (कृषि जलवायु क्षेत्रों) के अनुरूप पौधशालाओं का निर्माण, फलों के पौधों के लिए नहीं रहना होगा अन्य प्रदेशों पर निर्भर

इसके अलावा कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार एग्रो प्लानेट (नर्सरियों) को स्थापित करने के भी निर्देश दिए।बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पंतनगर गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों को लेकर कहा कि जैविक खेती की महत्ता व आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती पर अधिक से अधिक बल दिया जाये।

ऊधमसिंह नगर जनपद में उर्वरकों के अत्यधिक इस्तेमाल पर चिंता जताई

मा. मंत्री जी ने जनपद ऊधमसिंह नगर में उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि धान की अगेती फसल के उत्पादन पर रोक लगाई जाए। इसके स्थान पर मक्का आदि की खेती को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही कहा कि मक्का की खेती में खाद और रसायनों का बहुत कम उपयोग होने के कारण जिले में इसकी खेती को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने कहा कि यूनीवर्सिटी द्वारा किये जाने वाले शोध कार्यों का अधिक से अधिक लाभ कृषकों को मिले जिससे जिससे किसानों की आय में वृद्धि की जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने संसाधनों का अधिक से अधिक विकास करे तथा उपलब्ध संसाधनों का सकारात्मक सोच के साथ उपयोग करे ताकि विश्वविद्यालय की आर्थिकीय में भी वृद्धि हो।

इस अवसर पर सचिव कृषि शैलेष बगोली, पंतनगर यूनीवर्सिटी के कुलपति, डा. ए.के. शुक्ल,सहित कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।

भू-कानून संयुक्त मोर्चा के तहत 24 जुलाई को दिया जायेगा धरना, 7 अगस्त को होगा मुख्यमंत्री कार्यालय मार्च

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देहरादून, पूर्व घोषणा के तहत शहीद स्मारक में भू–कानून एवं मूल निवास को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई, जिसमें काफी संख्या में मातृ शक्ति ने भाग लिया। बैठक में सभी राज्य आंदोलनकारियों ने क्रांति दिवस से एक दिन पूर्व 7–अगस्त को गांधी पार्क से मुख्यमंत्री कार्यालय मार्च हेतु सहमति जताते हुए हाथ उठाकर सहमति प्रदान की।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी वेद प्रकाश शर्मा एवम जगमोहन सिंह नेगी ने सरकार से पुरजोर अपील करते हुए मांग की है कि जल्द से जल्द हिमाचल की तर्ज पर भू–कानून लागू करे एवम 2018 का भू कानून तत्काल निरस्त करे। उन्होंने कहा कि हमने जिस उद्देश्य को लेकर राज्य का गठन हुआ था वह अब लूटता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि न हम अपनी भूमि ही बचा पा रहे है और ना ही मूल निवास का अधिकार उत्तराखंडी को मिल पा रहा है। बैठक का संचालन महामंत्री डी एस गुसाई द्वारा किया गया जबकि अध्यक्षता सांस्कृतिक मोर्चे की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट जी द्वारा की गई।
ऋषिकेश से विक्रम भण्डारी एवम रामलाल जी ने कहा कि हम अपेक्षा करते है कि भू कानून हेतु बनी कमेटी जल्द से जल्द स्कारात्मक दृष्टिकोण से सभी के सुझावों को अमल में लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे , साथ ही उन्होंने बताया कि 24–जुलाई को गांधी पार्क में भू कानून संयुक्त मोर्चा के तहत धरना दिया जायेगा।
मसूरी से देवी गोदियाल व बलबीर सिंह नेगी ने सभी राज्य आंदोलनकारियों व संस्थाओं से अपील की है कि क्रांति दिवस के एक दिन पूर्व दिनांक 07–अगस्त को प्रातः 11–बजे अधिक से अधिक व्यक्ति भू–कानून/मूल निवास लागू करने हेतु के लिए अपनी आवाज बुलन्द करने मुख्यमंत्री कार्यालय मार्च के सहभागी बने।
बैठक के अंत में ‘शहीदों के सपने पूरे करो ..भू कानून/मूलनिवास लागू करो, का नारा लगाते हुए प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी सभी की उपस्तिथि एवं सहमति पर धन्यवाद देते हुए अपने अपने क्षेत्र में कार्य पर लगने की अपील की।
आज बैठक में मुख्यत पुष्पलता सिलमाना, जगमोहन सिँह नेगी , सुलोचना भट्ट , विक्रम भंडारी , सुरेश नेगी , डीo एस0 गुसांईं , रेनू नेगी , सरोजनी थपलियाल , वेद प्रकाश शर्मा. बलबीर सिँह नेगी , देवी गोदियाल , गंभीर मेवाड़. पूरण जुयाल , गुलाब सिँह , अरुणा थपलियाल , सरोज रावत , कमला खंतवाल, देवश्वरी गुसांईं , सुभागा भरसवान , संतन रावत , राजेश्वरी डोबरियाल , निर्मला बिष्ट , बीना बहुगुणा , मंजू भट्ट , शिव प्रसाद जोशी , प्रभात डंडरियाल , अमित तिवाड़ी , आशा उनियाल , यशोदा रावत , गोदाम्बरी देवी , प्रेम सिंह नेगी , धर्मा नन्द भट्ट, कल्पेश्वरी नेगी , पार्वती नेगी , पूनम मैखुरी. यशोदा ममगाई , युद्ध वीर सिँह चौहान , संगीता उनियाल , विमला बहुगुणा , सुरेश कुमार एवम नवनीत गुसाईं , विनोद असवाल मौजूद रहे।

हक हकूकों की जंग- कविता के माध्यम से छलका हक हकूकधारी महिलाओं का दर्द

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” हेंलग में महिलाओं के साथ प्रशासन के दुर्बय्वहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मीडिया व राजनेता ही नहीं अब कबिताओं के माध्यम से भी भी घटना के खिलाफ स्वर मुखर हो रहे है । वास्तविकता से रूबरु कराती अवधेश सेमवाल की सोसयल मीडिया पर वायरल कबिता” पाणि बौण भी अब अपणा नि छिन” आम जनता को खूब भा रही है”।

घस्यारी

तन त बल घस्यारियूं तै योजना बी छन यख
पर तूंन अपरि पीड़ा लगाण ची कख
घासूं का पूउला तू मू फुन उतरैन
अपड़ा पहाड़ मा बिरांदा घस्यारी व्हे ग्येन ।

जुलम करी घस्यारियूं पर अति मति
क्वे जला दूँ यूं कि दिमागे बत्ती
पुलिसे गड़ी मां बिठाली तै थांणा लिजिन
बिना बाता तूकां चालान कर दिलीन ।

छै घण्टा भूखा तीसा बिठ्यालिन
पहाड़े नारी पर तूंन कन जुल्म करिन
गलती व्हेगी भी छे त प्यार से समझौन्दा
बात ना बिगोडूं यन बात बड़ौन्दा ।

पाणि बौंण बी अब अपरा नि छन
बोला तुम अब कन त क्या कन
ई हाल रोला पहाडू का त
घस्यारियूं न अपरा गौड़ी बछलि कख धन ।

 

शिक्षा विभाग का नया कारनामा : टिहरी में ऐसी शिक्षिका का तबादला जो विकासखण्ड तो क्या जिला टिहरी में भी कार्यरत नहीं हैं…!

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(राजेन्द्र चौहान)

टिहरी, जिला शिक्षा अधिकारी टिहरी द्वारा 17 जुलाई को जारी स्थानांतरण सूची जिसमे तबादला आदेश 10 जुलाई को होना दर्शाया गया हैं। दुर्गम से सुगम स्थानांतरण सूची में ऐसी शिक्षिका का तबादला किया गया जिसे विकासखंड भिलंगना के दुर्गम विद्यालय से भिलंगना के सुगम में तबादला किया गया हैं। जबकि इस नाम की कोई भी शिक्षिका विकासखण्ड भिलंगना में कार्यरत ही नही हैं।सूत्रों से पता चला है कि जनपद में भी शिक्षिका कार्यरत नही हैं। फिर प्रश्न उठता हैं स्थानांतरण एक्ट के बाबजूद इस प्रकार का स्थानांतरण कैसे हो गया। शिक्षिका का विकल्प किसने जमा किया। अधिकारी और कर्मचारियों ने इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी।

जहां दुर्गम के शिक्षक स्थानांतरण के लिए वर्षो से परेशान हैं ऐसे में इस प्रकार के स्थानांतरण उन शिक्षकों को चिढ़ा रहे हैं। दुर्गम से सुगम स्थानांतरण सूची में क्रमांक 40 पर बीना चमोली स०अ०रा०प्रा०वि०बजिंगा (भिलंगना ) दुर्गम से रा०प्रा०वि०घोंटी भिलंगना (सुगम) में स्थानांतरण हुआ हैं। इस प्रकार का स्थानांतरण विभागीय कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता हैं। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ टिहरी के जिलाध्यक्ष चन्द्रवीर नेगी और जिला मंन्त्री प्रीतम सिंह बर्त्वाल ने शिक्षा मंन्त्री से इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की हैं। प्राथमिक शिक्षा के अंदर हुए स्थानांतरण में अनियमितता हुई हैं।स्थानांतरण एक्ट का उल्लंघन हुआ हैं।

कोरोना ब्रैकिंग : कोरोना के आज मिले 189 नए मरीज, देहरादून में 113 मिले संक्रमित

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देहरादून, प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। आज बुधवार को 189 कोरोना के नए मरीज मिले हैं। जबकि कोरोना संक्रमण से दो मरीज की मौत हुई है। कोरोना के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के लिए चिंता बढ़ाने वाले है। जबकि 100 कोरोना मरीज स्वास्थ्य हुए हैं। और एक्टिव केस बढ़कर 750 हो गए हैं ।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा राजधानी देहरादून में 113, हरिद्वार से 16, नैनीताल जिले में 40, उधमसिंह नगर से 05, पौडी से 03, टिहरी से 0, चंपावत से 0, पिथौरागढ़ से 0, अल्मोड़ा 08, बागेश्वर से 0, चमोली से 1, रुद्रप्रयाग से 0 ,उत्तरकाशी से 03 सैंपल पॉजिटिव मिले।

हरिद्वार की राजनैतिक धुरी थे अम्बरीश कुमार (1948- 2021)

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अम्बरीश कुमार हरिद्वार की राजनीति में एक ऐसा नाम जिसका नाम लिए बिना हरिद्वार के राजनैतिक सफर की चर्चा अधूरी मानी जाती है। चार दशक तक के अपने राजनैतिक जीवन के सफर में गाधीवादी विचार धारा के प्रबल समर्थक अम्बरीश कुमार को यदि हरिद्वार की राजनीतिक पृष्ठभूमि का पूरक कहे तो कोई अतिशियोक्ति नही होगी।

1971 में युवा कांग्रेस से अपने राजनैतिक सफर की शुरूवात करने वाले अम्बरीश कुमार ने अपने चार दशक के राजनैतिक सफर में हरिद्वार में तीन पीढियो के साथ अपनी राजनैतिक यात्रा के सफर को तय किया। 1971 में राजनीति के क्षेत्र में आने वाले इस युवा तुर्क ने हरिद्वार के राजनैतिक गलियारो में अपनी पहचान एक जमीन से जुडे नेता के रूपमें स्थापित कर भाई जी के नाम से बनायी। गांधीवादी विचार धारा के चलते अपने सिद्वान्तो से कभी समझौता नही करने के चलते अम्बरीश कुमार को अपने राजनैतिक जीवन में इसकी भारी कीमत अदा करनी पडी। परन्तु उन्होने आजीवन अपने सिद्वान्तो से राजनैतिक लाभ के लिए समझौता नही किया।
चार जून 1948 को हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर में जन्में अम्बरीश कुमार ने बीएससी एम ए व एल एल एल बी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद समाजसेवा के क्षेत्र को चुना तथा आम जनता से जुडे विभिन्न पहलुओ को उठाने का काम किया। इनके चाचा स्वातंत्रता सेनानी रहे । राजनैतिक पटल पर इन्हे पहचान 1977 में मिली करारी राजनैतिक शिकस्त के बाद इन्दिरा गाधी की पहली सार्वजनिक जनसभा हरिद्वार में आयोजित कराकर अम्बरीश कुमार को मिली जिसके बाद राजनैतिक सफर में इन्होने कभी पीछे मुडकर नही देखा। 1980 में कांग्रेस से हरिद्वार विधान सभा सीट से अपनी दावेदारी करने के चलते पार्टी द्वारा टिकट नही दिये जाने के बाद 1985 में पुनः काग्रेस से इस सीट पर मजबूत दावेदारी करने के बाद दरकिनारे किये जाने के चलते अम्बरीश कुमार ने स्थानीय मुददो व स्थानीय प्रतिनिधित्व को कांग्रेस पार्टी द्वारा नकारे जाने के बाद अपने समर्थको के कहने पर अम्बरीश कुमार ने इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूपमें चुनाव लडा। जिसे कांग्रेस हाई कमान ने अपनी प्रतिष्ठा से जोडते हुए इस सीट को अपनी नाक का सवाल मान लिया जिसके चलते तत्कालिन प्रधानमंत्री राजीव गाधी कांग्रेस प्रत्याशी महावीर राणा के समर्थन में चुनावी रैली करने हरिद्वार पहुचे यह पहला अवसर था की जब प्रधानमंत्री चुनावी रैली को सम्बोधित करने हरिद्वार आये थे।
इस चुनाव के महत्व का पता इस बात से चलता है कि उस समय बी बी सी द्वारा अपने प्रसारण में हऱिद्वार विधान सभा सीट का चुनावी प्रसारण अपने चुनावी बुलेटिन में किया जाता था। इस चुनाव में कंाग्रेस ने मात्र 71 मतो के अन्तर से जीत हासिल की। चुनावी परिणाम के बाद अम्बरीश कुमार ने अपने समर्थको के साथ स्थानीय जनता की आवाज बनकर उनके लिए अपने संघर्ष को जारी रखने का आहावान किया तथा उसके बाद सम्पन्न हुए विभिन्न चुनावों में अपनी राजनैतिक पकड का अहसास कराते हुए विभिन्न चुनावों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए विभिन्न दलो के प्रत्याशीयो को चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । 1989 में सम्पन्न हुए नगर निकाय के चुनावों में हरिद्वार नगर पालिका के चुनाव में 24 में से 16 वार्डो में अपने समर्थक प्रत्याशियो को चुनाव जिताकर अम्बरीश कुमार ने एक बार फिर अपनी राजनैतिक पकड को साबित किया।
1996 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अम्बरीश कुमार उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्य के रूप में हरिद्वार विधान सभा सीट से जीत कर विधान सभा में पहुचें विधान सभा में विभिन्न जनहीत के मुददो को तर्कपूर्ण ढंग से उठाये जाने के चलते अम्बरीश कुमार ने अपनी प्रतिभा को सदन में सिद्व किया। जिसके चलते तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष द्वारा अपने विदेशी प्रवास के दौरान पहली बार विधान सभा में पहुचे अम्बरीश कुमार को अपनी अनुउपस्थिति में विधान सभा की कार्यवाही संचालित करने का अवसर प्रदान किया।
सन 2000 में उत्तराखण्ड राज्य का गठन होने के चलते प्रदेश की गठित पहली अन्तरिम विधान सभा में अम्बरीश कुमार को लेखा समिति का अध्यक्ष चुना गया। जिसके दायित्वों का उन्होने बखुबी निर्वाहन किया। राज्य गठन के बाद सम्पन्न हुए विधान सभा चुनावों में सफलता नही मिलने के बाद भी अम्बरीश कुमार ने जनसंघर्ष की अपनी यात्रा जारी रखी। जिसके चलते 2019 के लोकसभा चुनावों में काग्रेस पार्टी ने हरिद्वार लोकसभा सीट से इन्हे अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी समर में उतारा एक बार फिर चुनावी शिकस्त मिलने के बाद अम्बरीश कुमार ने अपनी संघर्ष यात्रा को जारी रखा इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी दूसरे नम्बर पर रही।
आजीवन आम जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले अम्बरीश कुमार अपने जीवन के अन्तिम क्षणो तक संघर्ष करते रहे बिगडे स्वास्थ्य के चलते 21 जौलाई 2021 को हरिद्वार के राजनैति पटल का यह योद्वा हमेशा के लिए चिर निन्द्रा में सो गया।
राजनैतिक सफर में आज भी हरिद्वार की जनता विभिन्न मुददो पर उनको याद कर उन्हे अपने श्रृद्वासुमन अर्पित करती है। अम्बरीश कुमार एक ऐसे नेता थे जिन्हे उनके घोर राजनैतिक विरोधी भी उनकी प्रखर तर्कपूर्ण संवाददाता के लिए याद करते है। अम्बरीश कुमार के बाद रिक्त हुए हरिद्वार के राजनैतिक पटल के स्थान की पूर्ति लम्बे समय तक नही की जा सकती है।

उत्तराखंड़ के वित्त,आवास और शहरी विकास मंत्री से मिले हडको के क्षेत्रीय प्रमुख संजय भार्गव

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देहरादून,  हडको क्षेत्रीय प्रमुख, संजय भार्गव ने  उत्तराखंड़ के  वित्त,आवास और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मुलाकात की और उन्हें उत्तराखंड में हडको की गतिविधियों से अवगत कराया।  भार्गव ने  हडको द्वारा राज्य के विकास में गति देने हेतु विकास योजनाओं में सहयोग का प्रस्ताव रखा,  जिसमें राज्य सरकार की विकास योजनाएं जैसे भूमि अधिग्रहण, शहरी और ग्रामीण आवास, पार्किंग, मेट्रो, रिडेवलपमेंट, सड़क विकास व निर्माण, नई टाउनशिप, रेंटल हाउसिंग, भूमि अधिग्रहण आदि विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए हडको ऋण प्रदान कर सकता है।  इस बैठक में बलराम सिंह चौहान, प्रबंधक (आईटी) एवं विवेक प्रधान, प्रबंधक(परियोजना) भी उपस्थित थे।

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु एनएचएम एवं MANSI का अनूठा प्रयास

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देहरादून, अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन एवं आरआईएसटी द्वारा हरिद्वार जनपद में चलाए जा रहे मानसी परियोजना कार्य की समीक्षा आज दिनांक 20 जुलाई 2022 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सभागार में आयोजित की गई।
समीक्षा कार्यक्रम में फाउंडेशन की मुख्य कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. भारती डंगवाल द्वारा हरिद्वार जनपद में चल रहे मानसी परियोजना के बारे में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। उन्होंने बताया की मानसी परियोजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाएं, धातरी महिलाएं, नवजात शिशुओं के स्वस्थ पोषण, किशोरी स्वास्थ्य एवं टीकाकरण के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है, ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।
डॉ. डंगवाल द्वारा बताया गया कि कम वजन के बच्चों को कंगारु मदर केयर के माध्यम से बचाया जा रहा है। जिसके लिए कंगारु मदर केयर बैग एवं लकड़ी का बक्सा तैयार किया है, जिसके माध्यम से नवजात बच्चे का तापमान नियंत्रित किया जा सके।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से MANSI (Maternal and Newborn Survival Initiative) नवजात शिशु के होम बेस्ड केयर का कार्य कर रही है। इससे संबंधित नवजात शिशु के परिवार को जागरुक किया जा रहा है। संस्था द्वारा समय-समय पर ब्रेस्टफीडिंग वीक, वर्ल्ड हेल्थ डे, कम्युनिटी मीटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य क्षमता विकास कार्यक्रमों के मदद से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयास किया जा रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएचएम, निदेशक, डॉ. सरोज नैथानी ने कहा की अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे मानसी परियोजना जनपद हरिद्वार में कार्य कर रही है। निश्चित तौर पर भविष्य में हम ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी ला सकेंगे। साथ ही संस्था को हर संभव मदद भी एनएचएम द्वारा दी जा रही है।
कार्यक्रम में डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया, डॉ. सुजाता, डॉ. सैफून (आरआईएसटी), डॉ महेश श्रीनिवास (एआईएफ), डॉ अभिनव गुलेरिया, डॉ नीतिन अरोड़ा, सीमा मेहरा, अजय राजपाल, जीआर चमोली, राकेश पंत, पंकज गौतम, आदि सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।