Tuesday, March 19, 2024
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हक हकूकों की जंग- कविता के माध्यम से छलका हक हकूकधारी महिलाओं का दर्द

” हेंलग में महिलाओं के साथ प्रशासन के दुर्बय्वहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मीडिया व राजनेता ही नहीं अब कबिताओं के माध्यम से भी भी घटना के खिलाफ स्वर मुखर हो रहे है । वास्तविकता से रूबरु कराती अवधेश सेमवाल की सोसयल मीडिया पर वायरल कबिता” पाणि बौण भी अब अपणा नि छिन” आम जनता को खूब भा रही है”।

घस्यारी

तन त बल घस्यारियूं तै योजना बी छन यख
पर तूंन अपरि पीड़ा लगाण ची कख
घासूं का पूउला तू मू फुन उतरैन
अपड़ा पहाड़ मा बिरांदा घस्यारी व्हे ग्येन ।

जुलम करी घस्यारियूं पर अति मति
क्वे जला दूँ यूं कि दिमागे बत्ती
पुलिसे गड़ी मां बिठाली तै थांणा लिजिन
बिना बाता तूकां चालान कर दिलीन ।

छै घण्टा भूखा तीसा बिठ्यालिन
पहाड़े नारी पर तूंन कन जुल्म करिन
गलती व्हेगी भी छे त प्यार से समझौन्दा
बात ना बिगोडूं यन बात बड़ौन्दा ।

पाणि बौंण बी अब अपरा नि छन
बोला तुम अब कन त क्या कन
ई हाल रोला पहाडू का त
घस्यारियूं न अपरा गौड़ी बछलि कख धन ।

 

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