Tuesday, April 29, 2025
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बच्चों पर उड़ेला लीसा, रोते रहे बच्चे, ठेकेदार सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज

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अल्मोड़ा, जनपद के स्याल्दे ब्लाक के चौना वन पंचायत में जंगल गए पांच मासूम बच्चों के सिर में लीसा डालने के मामले में ठेकेदार सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। इससे पहले वन विभाग ने संबंधित लोगों को राजस्व उप निरीक्षक के हवाले कर दिया था। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने पांचों बच्चों को स्कूल से बुलाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया।
29 जून को स्याल्दे ब्लाक के ग्राम पंचायत टिटरी के गुरना गांव निवासी पांच बच्चे चौना के जंगल में गए थे। उन्होंने खेल-खेल में लीसे के पेड़ों में लगाए कुछ गमले हटा दिए थे। इस पर लीसा ठेकेदार के तीन नेपाली मजदूरों ने उन्हें पकड़कर लीसे से भरे गमले उनके ऊपर उड़ेल दिए, बच्चों को खुद भी अपने ऊपर लीसा उड़लने के लिए मजबूर किया गया। बताया गया है कि लीसा पड़ने से बच्चों को काफी परेशानी हुई। पिछले दो दिन से बच्चे स्कूल में बदहवास हो रहे थे। बालक, बालिकाएं चिल्ला रही थीं, रो रहीं थीं। यह मामला कुछ दिन दबा रहा। पिछले दो दिनों से इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मामला फिर तूल पकड़ गया। इसके बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है।Uttarakhand News: Nepali Labourers Sprinkle Lisa On Five Children -  असंवेदनशीलता: नेपाली मजदूरों ने पांच बच्चों पर उड़ेला लीसा, रोते रहे बच्चे,  चार लोगों के खिलाफ मुकदमा ...

 

किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में सरकार के बढ़ते कदम :
आईफोम-ऑर्गेनिक्स इंटरनेशनल (जर्मनी) और उत्तराखंड सरकार के मध्य एमओयू साइन

 

आधुनिक तकनीक से प्रदेश के किसान होंगे लाभान्वित |
उत्तराखंड के कृषि मंत्री और विधायकों ने सीखे |
जैविक कृषि की आधुनिक तकनीकों के गुर |
उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी पहुंची जर्मनीम|

देहरादून/जर्मनी, उत्तराखंड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय देशों के 10 दिवसीय दौरे पर हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश के 6 विधायक और विभागीय अधिकारी भी शामिल हैं। भ्रमण कार्यक्रम के दौरान वे उत्तराखंड को जैविक खेती के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से जैविक कृषि की आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

गौरतलब है कि जैविक कृषि के विकास के लिए अपनाई जा रही आधुनिकतम तकनीकों का अध्ययन करने के लिए 25 जुलाई से 3 अगस्त तक कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री के साथ 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जर्मनी, इटली, फ्रांस और स्विट्जरलैंड की यात्रा पर हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश के विधायक प्रदीप बत्रा, रेनू बिष्ट, सुरेश सिंह गड़िया, मनोज तिवारी, हरीश धामी, रामसिंह कैड़ा शामिल हैं।
भ्रमण के दौरान प्रतिनिधिमंडल प्रदेश में उत्पादित मोटे अनाजों जैसे मंडुवा, झंगोरा, चौलाई इत्यादि के निर्यात के लिए संभावनाओं की भी तलाशा जा रहा है।

इस दौरान जर्मनी में जैविक कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रही अंतरराष्ट्रीय संस्था आईफोम ऑर्गेनिक्स इंटरनेशनल एवं उत्तराखंड सरकार के मध्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आईफोर्म के प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहनाकर अभिवादन किया।कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री श्री जोशी ने कहा कि यह समझौता उत्तराखंड में जैविक कृषि के विकास और इस आंदोलन को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंत्री गणेश जोशी ने आगे कहा कि केवल जर्मनी ही नहीं, बल्कि यह डेलिगेशन रोम, स्विटजरलैंड और फ्रांस देश भी जा रहा है। गणेश जोशी ने कहा कि यह वो देश हैं, जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में बेहद प्रगति की है. इस दौरे के दौरान कृषि के तमाम विषयों पर चर्चा की जा रही है और इन देशों में इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी पर गहन शोध करने के बाद इन्हें किस तरह से उत्तराखंड के हित में इस्तेमाल किया जाना है, इसकी दिशा में काम किया जा रहा है।

इस अवसर पर आईफोम ऑर्गेनिक्स इंटरनेशनल की प्रेसिडेंट करेन मापुसुआ तथा वाइस प्रेसिडेंट चोइ़त्रेश कुमार गांगुली और जूलिया लर्नाड जर्मनी में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ ही कर्नाटक एवं सिक्किम के कृषि मंत्री एवं उनका प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ।

नयी शिक्षा नीति, संचार व्यवहार कौशल से सुधरेगा छात्रों का कम्युनिकेशन स्किल

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“वैदिक गणित, रामचरित्र मानस, गीता में प्रबन्धन, समय प्रबन्धन आदि वोकेशनल एवं कौशल विकास के विषयों का होगा समावेश”

हरिद्वार 28 जुलाई (कुलभूषण), एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने आज नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान सत्र से कालेज में नई शिक्षा नीति लागू कर दी जायेगी, जिसमें छात्र-छात्रा को अपने संकाय से 06-06 क्रेडिट के दो मुख्य विषय तथा 06 क्रेडिट का तीसरा मुख्य विषय अन्य किसी संकाय से अथवा अपने संकाय से चयनित करना होगा। साथ ही 04 क्रेडिट का एक लघु इलेक्टिव विषय दूसरे संकाय से लेना होगा, सभी पाठयक्रम में इलेक्टिव लघु विषय हेतु पाठयक्रमों का निर्माण किया गया है। उसी में से प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को उसका चयन करना होगा।
प्राचार्य डाॅ. बत्रा ने बताया कि तीसरा लघु विषय वोकेशनल/ स्किल डवलपमेंट कोर्स जो 03 क्रेडिट का है इस कोर्स को विद्यार्थी द्वारा आनलाईन मोड जैसे एनईपीटील , मूक,ई पाठशाला आदि से पाठ्यक्रम पूर्ण कर उसका प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसमें प्रत्येक सेमेस्टर के लिए प्रथम सेम में संचार कौशल, द्वितीय सैमेस्टर हेतु पर्यावरण अध्ययन और मूल्य शिक्षा, तृतीय सैमेस्टर हेतु भगवत गीता से प्रबन्धन प्रतिमान, चतुर्थ सैमेस्टर के लिए वैदिक ज्ञान/वैदिक गणित, पांचवे सैमेस्टर के लिए ध्यान मेडिटेशन /रामचरित्र मानस के अनुप्रयुक्त दर्शन के माध्यम से व्यक्तित्व विकास तथा छठे सेमेस्टर के लिए भारतीय ज्ञान का सार अथवा स्वामी विवेकानन्द का अध्ययन शामिल हैं।
प्राचार्य डॉ बत्रा ने बताया कि वोकेशनल/ स्किल डवलेमपमंट कोर्स, कौशल विषयों में ड्राईंग एण्ड स्केचिंग आफ ह्यूमन बोडी (टेटू), डिजास्टर मैनेजमेंट,आपदा प्रबंधन, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, आफिस आटोमेशन टूल्स, मशरूम कल्टीवेशन, टाईम मैनेजमेंट, वैदिक गणित, फूड टेस्टिंग एण्ड क्वालिटी कंट्रोल आदि विभिन्न रूचिवर्धक विषय शामिल किये गये हैं। डाॅ. बत्रा ने सत्र 2022-23 में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले प्रवेशार्थियों से अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक प्रवेशित छात्र अपने रूचि के अनुसार ही अपनी संकाय तथा विषय का चुनाव निश्चित करेंगे।
प्रो. बत्रा ने बताया कि नई शिक्षा नीति प्रत्येक विद्यार्थी के लिए सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी साबित होगी, अगर कोई छात्र-छात्रा स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेकर आगे की पढ़ाई नहीं करता है तो भी उसे पहले वर्ष में सर्टिफिकेट तथा इसी प्रकार दूसरे वर्ष में डिप्लोमा, तीसरे वर्ष में स्नातक डिग्री तथा चतुर्थ वर्ष में स्नातक डिग्री शोध सहित प्राप्त होगी, लेकिन इसके लिए विद्यार्थी को एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 46 क्रेडिट, दो वर्षीय डिप्लोमा में 46 क्रेडिट, तीन वर्षीय स्नातक डिग्री हेतु 48 क्रेडिट, चार वर्षीय स्नातक डिग्री शोध सहित 184 क्रेडिट, स्नातकोत्तर डिग्री हेतु 232 क्रेडिट तथा पीजीडीआर हेतु 248 क्रेडिट प्राप्त करने अनिवार्य होंगे।

कांवड़ियों से भरी एक बस मुनिकीरेती के खारा स्रोत के निकट दुर्घटनाग्रस्त, एक की मौत, 34 घायल

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ऋषिकेश, नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शन के लिए गुरुवार को जा रहे कांवड़ यात्रियों से भरी एक बस मुनिकीरेती के खारा स्रोत के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गई। जबकि 34 यात्री घायल हो गए। बस में 60 से अधिक यात्री सवार थे। गंभीर रूप से घायल कुछ यात्रियों को एम्स ऋषिकेश में रेफर किया गया है।
दुर्घटना सायं करीब पांच बजे हुई। बलिया उत्तर प्रदेश से करीब 60 यात्री एक स्‍लीपर बस में सवार होकर नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शन के लिए आए थे। गुरुवार को उन्होंने हरिद्वार में जल भरा उसके बाद नीलकंठ के लिए रवाना हुए। बस को भद्रकाली होते हुए मुनिकी रेती पार्किंग में आना था। भद्रकाली से आगे अचानक बस के ब्रेक फेल हो गए, अनियंत्रित बस पहले एक पोल से टकराई, जिसके बाद जबरदस्त टक्कर के साथ पहाड़ी से टकराकर घिसटते हुए कुछ आगे जाकर रुक गई। दुर्घटना के बाद यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बस में सवार यात्रियों को किसी तरह बाहर निकाला। घायलों को 108 आपात सेवा तथा विक्रम टेंपो के माध्यम से राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश भेजा गया। जहां इंदु देवी (50 वर्ष) पत्नी भरत निवासी मजुआ बलिया उत्तर प्रदेश को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि दुर्घटना में 34 यात्रियों को चोटें आई हैं। जिनको उपचार दिया जा रहा है |

उत्तराखंड़ आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का व्याख्यानमाला के साथ विधिवत् शुभारंभ

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हरिद्वार 28 जुलाई (कुलभूषण) उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल परिसर में माननीय कुलाधिपति (राज्यपाल महोदय) ब्रिगेडियर जनरल श्री गुरमीत सिंह जी के दिशा-निर्देशानुसार प्रोफेसर सुनील जोशी माननीय,कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ व्याख्यानमाला के आयोजन के साथ किया गया।आज प्रातः: व्याख्यानमाला का उद्घाटन प्रोफेसर सुनील जोशी जी द्वारा किया गया। जिसमें आयुर्वेद के दो वरिष्ठ विद्वान डॉक्टर पवन कुमार शर्मा एवं डॉ विनीत अग्निहोत्री जी को बुलाकर सम्मानित किया गया तथा उनके द्वारा व्याख्यान दिया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम में विधिवत स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डा०राजेश अधाना ने आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत होने वाले विभिन्न कार्यकम एवं योजनाओं पर प्रकाश डाला। प्रो. प्रेमचंद शास्त्री के द्वारा स्वतंत्रता प्राप्ति में गुरुकुल एवं ऋषिकुल परिसर के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करते हुए बताया गया की किस प्रकार मातृभूमि की रक्षा में हमारे वीरों ने अपना बलिदान देकर भारत को आजाद करवाया। जिनकी वजह से ही हम आज यह आजादी के अमृत महोत्सव को मना पा रहे है। इस कार्यक्रम में कलकत्ता से पधारे डा. पवन शर्मा जी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व एवं बाद में आयुर्वेद चिकित्सा की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए बताया गया की आज आयुर्वेद चिकित्सा की विदेशों में मांग बढ़ने का मुख्य कारण भारत सरकार की विभिन्न संस्थाओं द्वारा औषधि की गुणवत्ता के लेकर किए जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया एवं आयुर्वेद औषधियों की गुणवत्ता एवं अनुसंधान में भावी रणनीतियों पर विचार डाला। प्रो. विनीत अग्निहोत्री द्वारा गुरुकुल परिसर में हुए नवनिर्माण, औषधि निर्माण प्रयोगशाला, सभागार कक्ष आदि के हुए कार्य को सराहते हुए कहा गया की गुरुकुल एवं ऋषिकुल परिसर आजादी से पूर्व निर्मित कालेज है यह परिसर हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इस कालेज के नवनिर्माण को देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। इस हेतु इन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। गुरुकुल परिसर के निदेशक प्रो. पंकज शर्मा के द्वारा बताया गया की 9 अगस्त से 15 अगस्त तक परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम, स्वच्छता कार्यक्रम, निशुल्क चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर, देशभक्ति कविता एवं निबंध प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाएगा। परिसर के निदेशक प्रो पंकज शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। आज के कार्यकम का कुशल संचालन डा०राजीव कुरेदे जी ने किया। कार्यक्रम में प्रो. मीना रानी आहूजा, प्रो. विपिन पांडेय, प्रो. बालकृष्ण पंवार, डा.वीरेंद्र टमटा, डा. मयंक भटकोटी, डा० शैलेंद्र प्रधान, डा. संजय गुप्ता, डा. विपिन कुमार अरोड़ा, प्रो. दिनेश गोयल, डा. ज्ञानेंद्र शुक्ला, डा. शीतल वर्मा, डा. शिखा पांडेय, डा. दीपशिखा, डा किरण वशिष्ठ, हरिशचन्द् गुप्ता, राहुल तिवारी आदि उपस्थित थे।

सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रति उदासीनता, उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद ने किया विरोध, महानिदेशक विद्यालय शिक्षा को भेजा पत्र

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देहरादून, शासकीय निर्देश एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड द्वारा 25 जुलाई को जारी समीक्षा संबंधी पत्र एवं समाचार पत्रों में जारी अशासकीय विद्यालयों की समीक्षा से संबंधी निर्णय के क्रम में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रति जो नकारात्मक भाव एवं विचार प्रकट किए गए हैं नितांत प्रदेश में शिक्षा में सौतेले पन एवं दोहरे मानक अपनाई जाने का प्रतीक है। जिसका उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद घोर विरोध करता है तथा सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रति उदासीनता को निम्न बिंदुओं के माध्यम से व्यक्त करता है।
महानिदेशक विद्यालय शिक्षा को पी सी सुयाल प्रदेश अध्यक्ष एवं अवधेश कुमार कौशिक प्रदेश महामंत्री द्वारा प्रेषित पत्र में उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद ने कहा कि उत्तराखंड राज्य गठन का अभिशाप प्रदेश के सहायता प्राप्त विद्यालय सबसे ज्यादा भुगत रहे हैं । उत्तर प्रदेश में विधान परिषद में शिक्षक प्रतिनिधि अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के एमएलसी के रूप में नियुक्त होते थे, जिनके दिशा निर्देशन में शिक्षा संबंधी प्रगति पूर्ण सुझाव सरकार को प्राप्त होते थे । सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में जनसाधारण के द्वारा शिक्षकों छात्रों के सहयोग से रामलीला होली खेल कर और निजी प्रयासों से अशासकीय विद्यालयों की 100 साल पूर्व स्थापना हुई इन विद्यालयों से निकले हुए छात्र आज भी विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर आसीन हुए हैं । विद्यालयों में सरकार प्रबंधन और जनता का सीधा सीधा अंकुश होता है, जिससे विद्यालयों के अनुशासन निर्देशन और पठन-पाठन में गुणवत्ता पूर्ण सुधार होता है।

राज्य गठन के बाद हर गली में राजकीय इंटर कॉलेज बिना संसाधनों के दो दो कमरों में खोल दिए गए, अथवा ऊंचीकृत कर दिए गए विद्यालयों में छात्र संख्या और शिक्षक कहीं-कहीं पर बराबर रहे इस प्रकार की व्यवस्था में मात्र सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ा |

पत्र में कहा गया कि वर्तमान में प्रदेश के सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की शिक्षा व्यवस्था हेतु सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के भौतिक संसाधन प्रदान नहीं किए जाते हैं तथापि विद्यालयों में प्रबंधन और क्षेत्रीय जनता के सहयोग से प्रत्येक विद्यालय में पूर्ण संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं जबकि शासकीय राजकीय विद्यालयों पर सरकार द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों बजट खर्च किया जाता है सहायता प्राप्त विद्यालयों को मात्र वेतन के अतिरिक्त किसी प्रकार का सहायता प्रदान नहीं की जाती हैं।

राज्य गठन से लेकर अब तक के आंकड़ों में देखा जा सकता है । अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों मैं अध्ययनरत छात्र-छात्राएं बिना सरकारी सहायता के बोर्ड परीक्षा की उत्कृष्टता सूची में अथवा जनपद प्रदेश स्तर की क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में समय-समय पर अन्य विभागीय प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थानों पर रहे हैं. ।
बड़े दुखी मन से अवगत कराना है कि एक ही प्रदेश में समान सामाजिक परिवेश में पले जनता के बालक बालिकाओं शिक्षा में दी जाने वाली सुविधाओं पर दोहरा मानक अपनाया जा रहा है जिसका प्रधानाचार्य परिषद समय-समय पर विरोध दर्ज कराता आया है।
अप्रैल माह में माननीय मंत्री जी द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में प्रधानाचार्य परिषद द्वारा अवगत कराया गया था कि राजकीय में अध्ययनरत बालक बालिकाओं को समग्र शिक्षा के अंतर्गत टेबलेट निशुल्क पाठ्य पुस्तकें जूते बैग यूनिफॉर्म गणवेश विद्यालयों में अन्य भौतिक संसाधनों की उपलब्धता प्रदान की जा रही है जबकि इसी प्रदेश के जनता के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को इन सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है क्या यह छात्र छात्राएं इस प्रदेश के नागरिक नहीं हैं ऐसा सौतेला पन समझ से परे है.

अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों का प्रबंधन प्रशासन उपरोक्त विषम परिस्थितियों में भी राज राजकीय विद्यालयों से गुणवत्ता छात्र संख्या उपलब्धियों में तुलनात्मक रूप से ऊपर है दशकों पूर्व स्थापित विद्यालयों के 1 किलोमीटर की परिधि में सरकार द्वारा राजकीय विद्यालय खोला जाना इन विद्यालयों को समाप्त करने की साजिश है जिससे सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की छात्र संख्या पर समय-समय पर प्रभाव पड़ा है।

सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य गठन के पश्चात शिक्षकों की एवं कर्मचारियों की नियुक्ति की पारदर्शी एवं सुदृढ़ व्यवस्था नहीं किए जाने के पश्चात भी विद्यालय अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल रहे हैं विभाग एवं शासन से गत 10 वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधी मांग आज तक लंबित है।

उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद छात्र हित में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की शैक्षिक समीक्षा का स्वागत करता है । किंतु विभागीय पत्र एवं समाचार पत्रों में जारी आपत्तिजनक और सौतेले व्यवहार पूर्ण विचारों का नितांत विरोध करेगा समीक्षा के साथ ही शासन एवं विभागीय स्तर पर राज्य गठन के बाद से अब तक राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की उपलब्धियों संसाधनों श्रम जन शक्ति आदि का तुलनात्मक विश्लेषण करने के उपरांत आंकड़े जारी किया जाना चाहिए मात्र वेतन अनुदान पर चलने वाले सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को भी अगर राजकीय विद्यालयों की भांति संसाधन एवं बजट उपलब्ध कराया जाता है तो क्षेत्रीय जनता और प्रबंधन के सहयोग से चलने वाले अशासकीय विद्यालय प्रदेश में ऊंचे आयामों को छूने में सक्षम हैं आज भी प्रदेश में 150 साल पूर्व स्थापित विद्यालय निजी संसाधनों से कुशलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं. अतः विनम्र निवेदन है की प्रदेश मैं अध्ययनरत सामान्य जनता के बालक बालिकाओं में और शिक्षा व्यवस्था में भेद न करते हुए शिक्षा के मौलिक अधिकार के अंतर्गत सभी को समान अवसर एवं सुविधाएं प्रदान की जाए |

कोरोना : प्रदेश में आज 334 कोरोना के नए मरीज मिले, दून में 178, दो की हुई मौत

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देहरादून, प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण के मरीज धीरे-धीरे बढ़ते ही जा रहे है। प्रदेश में आज 334 कोरोना के नए मरीज मिले हैं। कोरोना संक्रमण से दो की मौत हो गई है। कोरोना के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के लिए चिंता बढ़ाने वाले है। जबकि 257 कोरोना मरीज स्वास्थ्य हुए हैं। और एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 1359 हो गई हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा राजधानी देहरादून में 178 ,हरिद्वार से 17, नैनीताल जिले में 70, उधमसिंह नगर से 13, पौडी से 14, टिहरी से 16 , चंपावत से 0 , पिथौरागढ़ से 03 , अल्मोड़ा 13, बागेश्वर से 03, चमोली से 04, रुद्रप्रयाग से 02 ,उत्तरकाशी से 01 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

“पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन एवं बिहेवियरल चेंज के सफल सम्पादन से बेहतर होंगी उत्तराखंड के समुदाय की स्वास्थ्य सुविधाएं”

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देहरादून, महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधित विषयों को बेहतर बनाने के लिए व्यवहार परिवर्तन एवं बेहतर पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन की है अहम भूमिका- सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग श्रीमती राधिका झा  स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए साथ ही स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न विषयों के जनता तक पहुँचाने के लिए पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन बहुत महत्वपूर्ण है जिसमे व्यव्हार परिवर्तन बहुत अहम भूमिका निभाता है।
श्रीमती राधिका झा ,सचिव स्वास्थ्य विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निदेशक पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट,हारवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विश्वनाथ के साथ संबंधित विषय पर भेंट वार्ता की।
हारवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विश्वनाथ ने सर्वप्रथम राधिका झा सचिव स्वास्थ्य एवं डॉ आर राजेश कुमार प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक तथा टीम को सम्बोधित करते हुए उनके द्वारा पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन से जुड़े कार्यों को जो वह अन्य राज्यों जैसे बिहार, असम आदि के साथ कर रहे हैं उन्हें साझा किया जैसे रिसर्च,क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के साथ कार्य कर रहे हैं,हेल्थ क्वालिटी,इम्प्लीमेंटशन ऑफ़ साइंस वर्कशॉप,स्ट्रेटेजीक हेल्थ कम्युनिकेशन। प्रोफेसर ने बल दिया कि पब्लिक बेहेवियर को किस प्रकार इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन एवं बेहतर जनसंपर्क के माध्यम से प्रभावित किया जा सकता है।
बैठक के दौरान श्रीमती राधिका झा, सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि विभाग कि प्राथमिकता है कि महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधित विषयों एवं इंस्टिट्यूशनल डिलीवरी जैसे विषयों से निपटने के लिए पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन के बेहतर रोडमैप की आवश्यकता है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग हारवर्ड यूनिवर्सिटी के साथ समन्वय स्थापित कर के धरातल पर कार्य करेगा। उक्त संबंध में women हेल्थ IEC बहुत महत्वपूर्ण है जिससे अर्ली डिटेक्शन ऑफ़ कैंसर जैसे अहम मुद्दों का निवारण भी होगा। सचिव महोदया ने धरातल पर इस कार्य के सफल सम्पादन के पश्चात इम्पैक्ट ऐसेसमेंट किये जाने पर बल दिया।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने प्रोफेसर विश्वनाथ से अनुरोध किया कि वह विभाग को मिस इनफार्मेशन ऑन हेल्थ विषय के निवारण ,पब्लिक हेल्थ से जुडी भ्रान्तियो का निवारण , स्वास्थ्य संबंधित नेगेटिव न्यूज़ का समाधान आदि विषयों से संबंधित modules को विभाग के साथ साझा करें।
बैठक के दौरान अपर सचिव स्वास्थ्य श्रीमती अमनदीप कौर ने डॉक्टर पेशेंट डिसट्रस्ट के बारे में चर्चा की एवं इसके समाधान की ओर प्रयास करते हुए behavioural चेंज के माध्यम से समुदाय की मानसिकता को बदलने की बात पर बल दिया।
डॉ शैलजा भट्ट,महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अनेमिया मुक्त उत्तराखंड की ओर पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन एंड behavioural चेंज के क्षेत्र में कार्य किये जाने का प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर डॉ सरोज नैथानी, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ पंकज सिंह, सहायक निदेशक IDSP, डॉ राजन अरोड़ा, विश्व बैंक स्वास्थ्य विभाग
आदि ने भी उत्तराखंड के अन्य स्वास्थ्य संबंधित विषयों से जुड़ी चुनौतियों एवं उस ओर पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन रणनीती के लिए अपने विचार साझा किये।

वृक्षारोपण कर युवाओं को दिया मुख्यमंत्री ने पर्यावरण के संरक्षण का संदेश, पांच नई इलेक्ट्रिक बसों को भी दिखाई हरी झंडी

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने आज रेंजर्स कॉलेज ग्राउंड में नगर निगम देहरादून द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने पौधारोपण कर पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया, साथ ही उन्होनें देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना लि0 द्वारा आईएसबीटी से एयरपोर्ट एवं सहस्त्रधारा रोड पर संचालित 5 नई इलेक्ट्रिक बसों का फ्लैग ऑफ किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं से कहा कि उत्साह एवं जोश से हमें हमेशा ऊर्जा मिलती है। आपकी उर्जा देहरादून को क्लीन सिटी ग्रीन सिटी बनाने के काम आएगी। उन्होनें कहा हमारा लोक पर्व हरेला प्रकृति के संरक्षण एवं पौधारोपण को समर्पित है, हरेला पर्व के तहत एक माह तक विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हरियाली पेड़ पौधे जंगल के संरक्षण की बदौलत आज हमें शुद्ध जल एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों का लाभ मिलता है। एक ओर जहां दुनिया विकास की ओर लगातार बढ़ रही है विज्ञान नई ऊंचाइयों को छू रहा है तो दूसरी ओर हमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण वृक्षारोपण जैसे कार्य भी करने चाहिए, जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले। हमारे जीवन में इस्तेमाल होने वाले आज भी कई संसाधन हमें प्रत्यक्ष रूप से हमारी प्रकृति से उपलब्ध होते हैं। हम प्रकृति को किस तरह संरक्षित एवं उसे फायदा पहुंचा सकते हैं इसके बारे में प्रत्येक व्यक्ति को सोचना चाहिए, प्रकृति की सेवा कर स्वयं को सुख की प्राप्ति होती है।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 5 नई इलेक्ट्रिक बसों का किया फ्लैग ऑफ, इन रूट्स पर चलेंगी… – Dastak Times

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की हमें एक पद्धति बनानी होगी, जन्मदिवस समेत अन्य सभी मौकों पर पौधे लगाने होंगे। मैंने शपथ ग्रहण के बाद से अनुरोध किया कि यदि कोई मिलने आ रहा है तो फूल के बजाए पौधे भेंट करें। हम सभी को इकोनामी और इकोलॉजी में संतुलन बनाना होगा। उत्तराखंड की खूबसूरती प्राकृतिक नजारे पर्यावरण दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करता है हम प्रकृति के संरक्षण के रूप में आदर्श राज्य बन सकते हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ के प्रांगण से आने वाला दशक उत्तराखंड राज्य का दशक बताया। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने इतिहास में पहली बार सुगम सुरक्षित कावड़ यात्रा हेतु बजट का प्रावधान किया है। साथ ही कावड़ियों की समस्याओं के समाधान हेतु उच्च स्तर पर एक वाट्सप ग्रुप भी बनाया गया है। इस ग्रुप के माध्यम से सभी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने स्मार्ट सिटी के अंतर्गत संचालित 5 नई इलेक्ट्रिक बसों को इकोनामी और इकोलॉजी में संतुलन का उदाहरण बताया उन्होंने कहा इन बसों के संचालन के साथ ही अन्य साधनों की अपेक्षा यात्रियों को शुभम सुरक्षित एवं सस्ती यात्रा मिलेगी, साथ ही यह ‘‘क्लीन सिटी ग्रीन सिटी’’ के संकल्प को आगे बढ़ाएगा।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि पौधारोपण के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को उसके रखरखाव एवं संरक्षण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने जन्मदिन शादी जैसे विशेष दिनों पर पौधारोपण करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा हमारा प्रदेश हरियाली का प्रतीक है एवं प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, परंतु इसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी यहां के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आगामी 13 से 15 अगस्त को प्रत्येक घर में तिरंगा फहराने का भी आग्रह किया।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में नगर निगम द्वारा 1 महीने तक पौधारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत आज 100 विभिन्न वार्डों में पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा पौधारोपण के साथ ही स्वच्छ एवं सुंदर दून का भी संकल्प लिया गया है। ग्रीन, क्लीन देहरादून के साथ ही प्लास्टिक मुक्त देहरादून बने इसके लिए हम सभी कार्य कर रहे हैं।

इस दौरान कार्यक्रम में विधायकर राजपुर खजान दास, विधायक श्रीमती सविता कपूर, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग मुकेश कुमार, आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, आयुक्त नगर निगम मनुज गोयल नगर आयुक्त, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के. मिश्रा, नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चैहान, महानगर अध्यक्ष भाजपा सीताराम भट्ट एवं दून डिफेंस अकेडमी के छात्र/छात्राएं सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

 

रामपुर तिराहे के लिए जमीन मुहैय्या कराने वाले महावीर शर्मा का आकस्मिक निधन, उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच ने किया शोक व्यक्त

देहरादून, उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा शहीद स्मारक पर मुजफ्फरनगर निवासी एवम रामपुर तिराहे के लिए जमीन मुहैय्या कराने वाले महावीर शर्मा जी के आकस्मिक निधन पर शोक सभा आयोजित की गई।
आज सभी राज्य आंदोलनकारियों ने शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
जगमोहन सिंह नेगी एवं प्रदीप कुकरेती ने कहा कि शर्मा जी के त्याग, समर्पण और जीवटता को हमेशा याद रखा जायेगा। उनके पौत्र शुभम द्वारा अवगत कराया कि उनका शुगर लेवल काफी बढ़ गया था जिससे अन्य परेशानी के चलते वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और कल सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली एवम दोपहर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
द्वारिका बिष्ट एवम वेदा कोठारी ने कहा कि महावीर शर्मा जी एवम उनके परिजनों का उत्तराखण्ड हमेशा ऋणी रहेंगे , वह हमेशा 02 अक्तूबर को पूरी व्यवस्था का अवलोकन स्वयं ही करते थे और शहीदों के प्रति और प्रदेश के प्रति संवेदनाएं रखते थे।
शांति भट्ट एवम सुरेश नेगी ने कहा कि 02 अक्तूबर के काला दिन हमेशा इतिहास में याद रखा जाएगा साथ ही मुजफरनगर की मदद को आगे आए जनमानस एवं बार एसोशिएशन के हमेशा आभारी रहेंगे।
आज मुख्य रूप से जगमोहन सिंह नेगी , प्रदीप कुकरेती , वेदा कोठारी , द्वारिका बिष्ट , संदीप गुप्ता , प्रभात डंडरियाल , सुरेश नेगी , इंद्रभूषण बडोनी , राजेश पांथरी , विनोद असवाल , विक्रम राणा , धर्मानन्द भट्ट , सुमित थापा (बंटी) , द्वारिका बिष्ट , पूरण सिंह लिंगवाल , लुशुन टोडरियां , हिरदेश शाही , नरेन्द्र नोटियाल , लोकेश मिश्रा जी , नीरज लिंगवाल , मौजूद रहे।

भारी बारिश से टूटी पहाड़ी मलबे में गौशाला ध्वस्त चार मवेशी जिन्दा दबे

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(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग – खबर जखोली विकास खण्ड के दूरस्थ छैत्र बुढ़ना की है यहां कल रात हुई भारी वारिस के कहर की मार गरीब कास्तकार आशा लाल को झेलनी पड़ी। आशा लाल की गौशाला पहाड़ी टूटने से मलबे मे तहस नहस हो गई व गौशाला में बंधी दो भैंस सहित चार मवेशी मलबे में जिन्दा दफन हो गई।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आज सुबह पुलिस चौकी जखोली से सूचना मिली कि बुडना के आशा लाल पुत्र दलेबू लाल की गौशाला पहाड़ी के टूटने से तहस नहस हो गई जिसमें उनकी भैस, गाय व बैल मलबे में दब गये है।
सूचना मिलते ही डीडीआरएफ टीम मौके के लिये रवाना हो गई, बजरा व मयाली मोटर मार्ग भी बंद होने के कारण डीडीआरएफ टीम की सूचना पर तुरंत जेसीबी मशीन भिजवा कर रोड खुलावाई गयी व टीम ने मौके पर जाकर बचाव कार्य शुरू किया। उन्होंने बताया कि गोशाला मे दो भैंस और एक गाय,एक बैल जो की पूर्ण रूप से मलवे मे दबे मिले। ग्राम प्रधान आरती देवी व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आशा लाल को हुये इस नुकसान का उचित मुआवजा देने की मॉग प्रशासन से की है।

व्यापार संघ के पुतला दहन कार्यक्रम ने लिया राजनीतिक रंग, राजनीतिक हितों की चिन्ता में आपस में उलझे व्यापारी

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(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग-जीएसटी सर्वे के खिलाफ ब्यापार सभा के पुतला दहन कार्यक्रम मे ब्यापारी आपस में ही उलझ गये मामले ने उस समय राजनीतिक रंग ले लिया जब कुछ ब्यापारियों ने जीएसटी सर्वे पर राज्य व केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर दी। अपने राजनीतिक हितों की चिन्ता में कुछ लोग ब्यापार संघ की चिन्ता छोड़ आपस में ही उलझते नजर आये।
दरअसल प्रांतीय ब्यापार संघ के आवाह्न पर जीएसटी सर्वे के खिलाफ रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में ब्यापार संघ रुद्रप्रयाग ने पुतला दहन कार्यक्रम किया। पुतला किसका दहन किया गया यह भी लोगों की समझ नहीं आया कुछ ब्यापारी इसे जीएसटी विभाग का तो कुछ इसे राज्य सरकार व केन्द्र सरकार का बता रहे थे। जैसे ही केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के खिलाफ कुछ ब्यापारियों ने नारेबाजी की मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया व ब्यापारी ब्यापार संघ की चिन्ता छोड़ अपने राजनीतिक हितों की चिन्ता में आपस में उलझ गये। व्यापारी अपनी अपनी राजनीतिक पार्टियों की पैरवी करते दिखे इस पूरे मामले में व्यापारी बंटे-बंटे नजर आए।
उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अंकुर खन्ना की माने तो व्यापारियों द्वारा जीएसटी सर्वे के खिलाफ पुतला दहन कार्यक्रम किया गया है, उन्होंने कहा कि जीएसटी विभाग की ओर से व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसके चलते पूरे जिले के व्यापारियों ने जीएसटी के विरोध में पुतला दहन किया। वहीं दूसरी ओर ब्यापारी नरेन्द्र विष्ट , संतोष रावत का कहना है कि केन्द्र व राज्य सरकार के ब्यापारी विरोधी नीति के कारण जीएसटी सर्वे के नाम पर ब्यापारियों को परेशान किया जा रहा है जिसका ब्यापारी पुरजोर विरोध करते है। बहरहाल पुतला दहन कार्यक्रम में जीएसटी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर एकजुट होने की वजाय राजनीतिक हितों को लेकर ब्यापारी आपस में उलझते नजर आये।