Thursday, June 19, 2025
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प्रवासी पक्षियों का अपने देशों को लौटने का क्रम जारी

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हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) पोलिआर्किटिक विश्व भूभाग से प्रतिवर्ष गंगा के तटों एवं भारत के कई स्थानों एवं ताल तलैया   में आने वाले प्रवासी पक्षियों की अपने मातृ देशों की ओर वापसी यात्रा जारी है द्य उम्मीद है की अप्रैल अंत तक सभी प्रवासी पक्षी अपने मूल प्रजनन स्थानों को लौट चुके होंगे द्य गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सुप्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक एमिरीटस प्रोफेसर दिनेश भट्ट ने बताया कि बसंत ऋतु के अंतिम चरण में दिनमान और तापमान के बढ़ने के साथ ही राजहंस पक्षी स्वदेश वापस लौट गए हैं।इस वर्ष राजहंस पक्षियों को हरिद्वार का मिस्सरपुर गंगा घाट काफी पसंद आया जिस कारण राजहंस पक्षी पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष काफी लंबे समय तक मिस्सरपुर में नजर आए।
दक्षिण भारत से अपने देशों की ओर उड़ान भरने वाले कुछ पक्षी जैसे राजहंसए गल्स एपिनटेल   इत्यादी  मार्च माह में अपनी वापसी यात्रा  के दौरान कुछ समय के लिए  गंगा तटो में भी  विश्राम करते है और सेंट्रल एशियन फ्लाई वे मार्ग से स्वदेश ;रूसए मंगोलिआएचीनए कजाकिस्तान इत्यादि द्ध पहुचते है। मार्ग तय करने के लिए इन्हे  प्रकृति ने वरदान दिया है कि प्रस्थान करने से पूर्व इनके शरीर में वसा की मात्रा बढ़ेगी और चोंच पर लगे जीपीएस जैसे सेंसर से इन्हे दिशा बोध  होगा ।
शोधार्थी आशीष कुमार आर्य  ने बताया की राजहंस नामक पक्षी मानसरोवर झील से सर्दियों में भारत के उत्तरी मैदानी भागों में प्रवास करता है।  राजहंस नामक पक्षी सबसे ऊंची उड़ान भरने वाला पक्षी है।   इस पक्षी को कई  बार  माउंट एवरेस्ट के ऊपर से से भी उड़ते हुए देखा गया है। यह पक्षी मानसरोवर झील से मंगोलिआ तक ग्रीष्म काल में प्रजजन करता है और वहां शीत ऋतु में बर्फ पड़ते ही भारत की ओर प्रस्थान करता है।
आश्चर्य की बात है की जहां  सभी पक्षी विदा हो चुके है  किन्तु लद्दाख की और प्रस्थान करने वाली सुर्खाब का एक बड़ा फ्लॉक अभी भी मिस्सरपुर गंगा तट पर  प्रवास कर रहा है।  प्रतीत होता है कि क्लाइमेट चेंज का असर इस पक्षी के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर रहा है। इस पक्षी के अभी तक रुकने पर शोध जारी है और देश के विभिन्न हिस्सों से आंकड़े जुटाए जा रहे है।
उत्तरखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पक्षी विशेषज्ञ डॉ विनय सेठी व  एमिरीटस प्रोफ़सर दिनेश भट्ट  ने बताया की मिस्सरपुर गंगा तट पर रेत बजरी के खनन होने के कारण इन पक्षियों के वास स्थल पर  खतरा मंडरा रहा है।  सूच्य है  कि गंगा में अवैध खनन रोकने के लिए मातृ सदन के स्वामी शिवानंद एवं  उनके शिष्य अनसन  एवं तपस्या कर रहे है। अतः प्रवासी पक्षियों के संरक्षण पर  सरकार एवं जनता को ध्यान देना चाहिए।
प्रोफेसर भट्ट की टीम में  रोबिन राठीए आशीष कुमार आर्याए पारुल भटनागरए रेखा रावत आदि शोध छात्र शामिल रहे हैं

गोपनीयता के साथ महिला नागा सन्यासियों को दीक्षित किये जाने की प्रक्रिया हुई शुरू

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हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़ो में शुमार श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के माईवाड़ा में महिला सन्यासियों का सन्यास दीक्षा का कार्यक्रम प्रारम्भ हो गई। सबसे पहले करीब दो सौ महिला नागा सन्यासियों की मुण्डन प्रक्रिया दुःखहरण हनुमान मन्दिर के निकट बिड़ला घाट पर प्रारम्भ हुई। गोपनीय तरीके से प्रारम्भ हुई इस प्रक्रिया के दौरान अखाड़े माईबाड़ा की पदाधिकारी मौजूद रही। जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि जी महाराज के संयोजन एवं अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज की देख रेख में प्रारम्भ हुई प्रक्रिया की शुरूआत महिला नागा सन्यासियों के मुण्डन प्रक्रिया से शुरू हुई।

मुण्डन प्रक्रिया के बाद इन सभी को कोपीन,दण्ड व कमण्डल,धारण करने के बाद इन सन्यासियों के द्वारा गंगा स्नान कर स्वयं का जीते जी श्राद्व कर्म कर अपने सभी सगे सम्बन्धियों से हर प्रकार के सम्बन्ध खत्म कर दिये जायेगे। इसके बाद इन महिला नागा सन्यासियों के द्वारा धर्म ध्वजा के नीचे हवनयज्ञ में आहूतियाॅ डाली जायेगी। अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़ा द्वारा हमेशा से मातृ शक्तियों का सम्मान किया जाता रहा है। महिलाओं को हमेशा बराबर का सम्मान देना सनातन संस्कृति रहा है। उन्होने कहा कि महिला नागा सन्यासिन्यों को बनाने की प्रक्रिया केवल जूना अखाड़े में ही होती है। उन्होने बताया कि ये सभी अखाडे के नियमों का पालन करते हुए सनातन धर्म को मजबूती देने का कार्य करेगी।

श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा माईबाड़ा की अन्र्तराष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमहंत आराधना गिरि एवं मंत्री सहज योगिनी माता शैलजा गिरि के साथ साथ पूर्व अध्यक्षा श्रीमहंत अन्नपूर्णा पुरी की देख रेख में सन्यास की दीक्षा प्रारम्भ हुई। बिड़ला घाट पर गोपनीय तरीके से शुरू हुई दीक्षित किये जाने के कार्यक्रम में अखाड़ं के सभी मढ़ियो यानि चार,सोलह,तेरह और चैदह से जुड़ी नवदीक्षित होने वाली महिला सन्यासी शामिल है। महिला सन्यासियों के मुंडन प्रक्रिया के बाद सभी नवदीक्षित महिला नागा सन्यासियों ने बिड़ला घाट पर गंगा स्नान किया गया। यहां गंगा स्नान से पहले संन्यासियों ने सांसरिक वस्त्रों का त्याग कर कोपीन दंड, कंमडल धारण किया। इस दौरान पंडियों द्वारा सभी नागाओं का स्नान के दौरान स्वयं का श्राद्व कर्म संपन्न कराया गया। श्राद्व तपर्ण ब्राह्मण पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच किया।

सभी नव दीक्षित महिला नागा सन्यासी सायकाल धर्म ध्वजा पर पहुचे,जहां पर विद्वान पण्डितों द्वारा बिरजा होम की प्रक्रिया हुई। महिला नागा की दीक्षा के संबंध में बताते हुए जूना अखाड़े की महिला अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आराधना गिरी ने बताया कि सन्यास दीक्षा में 5 संस्कार होते है जिसमे 5 गुरु बनाये जाते है जब कुम्भ पर्व पड़ता है तो वहां गंगा घाट पर मुंडन, पिण्डदान क्रियाक्रम होते है जिसके बाद रात्रि में धर्मध्वजा के पास जाकर ओम नमः शिवाय का जाप किया जाता जहाँ आचार्य महामंडलेश्वर विजया होम के बाद सन्यास दीक्षा देते है जिसके बाद उन्हें तन ढकने को पौने के मीटर कपड़ा दिया जाता है फिर सभी सन्यासिया गंगा में 108 डुबकियां लगाती है और फिर स्नान के बाद अग्नि वत्र धारण कर अपने आशीर्वाद लेती है।

जूना अखाड़े की निर्माण मंत्री सहज योगिनी माता शैलजा गिरि के अनुसार महिलाओ की सन्यास दीक्षा का कार्यक्रम चल रहा है जहाँ सबसे पहले केश त्याग किया जाता है उसके बाद पिंड दान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सन्यास दीक्षा प्राप्त करने के बाद सन्यासी का सम्पूर्ण जीवन अपने अखाड़े ,सम्प्रदाय ओर अपने गुरु को समर्पित हो जाता है।

बदलती जीवन शैली से होते है अनेक रोग

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हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित होने वाले औषधीय पादप महाकुंभ मे शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के डॉ अजय मलिक ने जीवन शैली द्वारा उत्पन्न व्याधियों के बारे मे व्याख्यान दिया जिसमे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानए ऋषिकेश के डॉ आशीष भूटे ने बतौर चेयरपर्सन प्रतिभाग किया ।
      डॉ मलिक ने  बताया कि आज के जीवन में समय होते हुये भी हम अपनी जीवनचर्या पर ध्यान नहीं दे पाते प् यह बहुमूल्य समय न तो हम अपने परिवार को दे पाते हैं न ही अपने जीवन पर  जबकि हम थोड़ा सा समय अपने शरीर के लिए निकालकर बहुत सी बीमारियों से दूर रह सकते है प् बदलती खान.पान की शैली ने भी हमको बीमार बनाया हुआ है प् कोविड के समय अधिक समय मोबाइल टेलिविजन पर बिताकर हमने समय तो नष्ट किया ही है अपितु बहुत सी जीवन शैली से संबन्धित बीमारियों को भी आमंत्रित किया है  इसके विपरीत हम योग पौष्टिक आहार.विहारए ध्यान आदि के माध्यम से अपने आप को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते है प्अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानए ऋषिकेश के डॉ आशीष भूटे ने कहा कि रक्तचापए मधुमेह मोटापा ह्रदय रोग नीद न आना इत्यादि अनेकों ऐसी बीमारियाँ है जिनको हम काफी हद तक अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करके नियंत्रित कर सकते हैं प् शारीरिक गतिविधियों को यदि नियमित रूप से किया जाए तो हम निश्चित रूप से स्वस्थ रह सकते है । आज बच्चों मे भी ऐसी बीमारियाँ देखने को मिलती हैं जो उनको अवसाद तथा आत्महत्या तक धकेल देती हैं ।
इन सबके लिए बड़ी वजह उनकी दूषित जीवन शैली तथा अधिकतर समय मोबाइल एवं सोशल मीडिया पर बिताना होती है । आज विश्व भी हमारी योगमय जीवन शैली को अपना रहा है  इससे हमारे ऋषि मुनियों द्वारा निर्धारित पौष्टिक आहार की उपयोगिता को सभी लोग स्वीकार कर रहे है । डॉ आशीष भूटे ने बीमारियों एवं उनके उपचार के साथण्साथ अच्छी जीवन शैली के बारे में अपने विचार रखे ।
भेषज विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो एस के राजपूत ने बताया कि ध्यानए योग पौष्टिक आहार के द्वारा हम अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते है तथा ऐसा होने से हमारे शरीर में रोगों का प्रकोप नहीं हो पाता  कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा द्वारा किया गया प् सभी प्रतिभागियोंए अतिथियों का आभार डॉ विपिन शर्मा द्वरा व्यक्त किया गया
इस अवसर पर डॉ अभिषेक बंसल कपिल कुमार गोयल डॉ अश्वनी जांगड़ा विनोद नौटियाल आशीष पांडे बलवंत सिंह रावत रोहित राहुल सिंह कमल सिंहएदीपक नेगी उपस्थित रहे ।

बस  की टक्कर से पलटी कार

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हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) लोकसेवा आयोग कार्यालय के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने अण्डर पास से गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रो मुकेश रंजन वर्मा की कार को ज्वालापुर की तरफ से आ रही तेज गति से बस ने जबरदस्त टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी, की गाडी पलट गयी पर दैव्य चमत्कार के चलते गाडी में सवार प्रो वर्मा सुरक्षित स्वयं ही गाडी की पिछली सीट का दरवाजा खोलकर बाहर निकल सके। दुर्घटना की सूचना मिलते ही मौके पर विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी पहुचे। मौके पर पहुॅची पंुलिस टीम ने  घटना की जानकारी प्रो वर्मा से ली। घटना के बाद प्रो वर्मा को उनके साथियो द्वारा उपचार के लिए चिकित्सालय ले जाये गया। घटना को लेकर विश्वविद्यालय कर्मचारियो ने रोष व्यक्त किया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस तथ्यो की जानकारी में जुटी थी।
विदित हो की राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गुरूकुल कंागडी समविश्वविद्यालय, लोकसेवा आयोग कार्यालय व इन परिसरों में कार्यरत कर्मचारियो के आवासीय परिसर होने के चलते आने वाले वाहनो की गति को नियंत्रित करने के लिए समूची व्यवस्था न होने के कारण दुर्घटना  का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में आमजन की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाया जाना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की होने वाली दुर्घटनाओ पर रोक लगायी जा सके ।

स्कूल शिक्षा में सुधार के लिये लीक से हटकर काम किया जाए : मुख्यमंत्री

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जिला योजना में स्कूल शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता,
सभी स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर सभी सुविधाएं सुनिश्चित हों

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा की

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए लीक से हटकर काम करने के निर्देश दिये। सिस्टम में जो ठीक नहीं है, उसे सुधारें। जरूरी होने पर नियमों में संशोधन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिला योजना में सबसे ज्यादा प्राथमिकता स्कूल शिक्षा को देनी है। सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, बिजली, फर्नीचर व अन्य उपकरण सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। स्कूल स्वच्छ व सुंदर हों। कक्षाएं स्मार्ट हों। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों के पास किताबें जरूर हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिये जीपीएस आधारित मोबाईल एप्लीकेशन के प्रयोग की योजना बनाई जाए। जो बच्चे केन्द्र सरकार की योजनाओं में आच्छादित न हो रहे हों उनके लिये राज्य स्तर पर योजनाएं बनाई जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में मानिटरिंग की जाए कि वहां मानकों के अनुरूप व्यवस्थाएं की जा रही हों। व्यावसायिक शिक्षा पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूङी, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्रीमती सौजन्या, महानिदेशक शिक्षा श्री विनयशंकर पाण्डेय, अपर सचिव सुश्री रवनीत चीमा व विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

विधायक महेश नेगी को हाईकोर्ट से मिली राहत, राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर मांगा जवाब

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(चंदन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी (नैनीताल), उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ में द्वाराहाट विधायक महेश नेगी की याचिका पर सुनवाई हुई। ज्ञात रहे कि श्री नेगी ने देहरादून के सीजेएम कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें डीएनए सैंपल देने के लिए कोर्ट में पेश होने व सीएमओ को सैंपल लेने के लिए बुलाने का आदेश पारित किया था। उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी को सीजेएम कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी।

विधायक महेश नेगी को डीएनए जांच के मामले मेंं उत्तराखंड उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। मामले पर हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर पूर्व में लगी रोक को बरकरार रखा है और राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब करते हुए अगली सुनवाई 27 अप्रैल को नियत कर दी। गौरतलब है कि महेश नेगी पर एक महिला ने अपनी बच्ची के पिता होने का आरोप लगाया है।

खयाचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता ने शामली के जिस चिकित्सक की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का जिक्र किया है, वह फर्जी है। इस मामले में स्वयं चिकित्सक ने विवेचक को बयान दिया है कि उनके यहां किसी का डीएनए सैंपल नहीं लिया गया। डीएनए की जांच बिना अदालत के आदेश के नहीं हो सकती। लिहाजा पीड़िता ने अदालत में जो डीएनए रिपोर्ट दाखिल की है, वह फर्जी है और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए फर्जी तरीके से तैयार की गई है। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद निचली कोर्ट के आदेश पर रोक बरकरार रखते हुए अगली सुनवाई 27 अप्रैल को नियत कर दी। साथ ही सरकार को मामले में तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

नक्सली हमले का विरोध : ABVP ने हल्द्वानी डिग्री कॉलेज परिसर पर नक्सलवाद का पुतला फूंका

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी /नैनीताल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हल्द्वानी इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले के विरोध में एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में नक्सलवाद माओवाद का पुतला दहन किया गया। इस दाैरान रश्मि लमगडिया व प्रलाद राणा ने कहा कि हमारे देश में पल रहे इन माओवादियों को जल्द खत्म किया जाए ताकि इस प्रकार हमारे देश के जवान शहीद ना हो। इस दाैरान प्रह्लाद राणा नगर विस्तारक हल्द्वानी , रश्मि लमगडिया कुमाऊं छात्र सह प्रमुख , भावना रावत प्रदेश कार्यकारिणी , पंकज गोस्वामी कालेज सह मंत्री , काजल बिष्ट , दिशा ,चेतन गोस्वामी गौरव संभल करण मेवाड़ी भुवन जोशी माैजूद रहे।

बिग ब्रैकिंग : उत्तराखण्ड़ में कोरोना का बंपर उछाल, आज मिले 1109 संक्रमित, पांच की मौत, दून में 509 संक्रमित मिले

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देहरादून, कोरोना संक्रमण ने उत्तराखण्ड़ में आज राज्य में बंपर उछाल मारा है, राज्य कोरोना संक्रमण और मरीजों की मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बुधवार को प्रदेश में 24 घंटे के भीतर इस साल के सबसे ज्यादा 1109 नए संक्रमित मामले सामने आए हैं। जबकि पांच कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। वहीं, एक्टिव केस की संख्या 4526 पहुंच गई है।

बुधवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमित मामलों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल चार अक्टूबर को 1419 मामले सामने आए थे। उसके बाद आज सबसे ज्यादा 1109 संक्रमित आए हैं। प्रदेश में अब तक 104711 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 96735 मरीज ठीक हो चुके हैं।
जबकि अब तक 1741 कोरोना संक्रमित मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो चुकी है। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा मामले मिल रहे हैं। वहीं, आज बागेश्वर , पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है, कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही एक बार फिर कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ने लगी है। अब तक प्रदेश में 26 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। राज्य हेल्थ बुलेटिन के अनुसार जिलेवार आज मिले कोरोना संक्रमितों की संख्या |
देहरादून- 509
हरिद्वार- 308
नैनीताल- 113
अल्मोड़ा- 3
चमोली- 1
चंपावत- 5
पौड़ी- 57
रुद्रप्रयाग- 10
टिहरी- 19
ऊधमसिंह नगर- 84

कोरोना कहर : दून स्कूल में सात छात्र और पांच शिक्षक हुये कोरोना संक्रमित

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देहरादून, देश के प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार  दून स्कूल में सात छात्र और पांच शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिससे जिला प्रशासन सहित स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया, स्कूल प्रबंधन ने कोविड गाइडलाइन के तहत एहतियाती कदम उठाए हैं। दून स्कूल की ओर से प्रेस को जारी बयान में यह बात कही गई है। वहीं, जिला प्रशासन बुधवार को प्रभावित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित कर सकता है। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, अब तक की जांच में सात छात्र और पांच शिक्षक कोरोना संक्रमित मिले हैं। ये सभी पहले से क्वारंटीन थे। स्कूल प्रबंधन ने संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन कर दिया है। साथ ही उनके संपर्क में आए अन्य लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। स्कूल के डॉक्टर और प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

स्कूल प्रबंधन के मुुताबिक, शासन की गाइडलाइन के अनुरूप सभी आवश्यक कदम उठाते हुए सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। स्कूल ने सभी कर्मचारियों, छात्रों और शिक्षकों की नियमित आरटीपीसीआर जांच सुनिश्चित की है।

वहीं, देश के अन्य राज्यों में बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल ने सावधानी बरतते हुए कुछ कक्षाओं को दोबारा शुरू करने का कार्यक्रम अगली सूचना तक स्थगित कर दिया है। प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल प्रबंधन लगातार प्रशासन के संपर्क में है। स्कूल में समुचित व्यवस्था और आवश्यक उपाय उपलब्ध है,
उधर, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र में कुछ लोगों में कोरोना संक्रमण की सूचना मिली है। बुधवार को गहन निरीक्षण कर प्रभावित क्षेत्र को संभवत: कटेंनमेंट जोन घोषित कर दिया जाएगा। ताकि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके।

उत्तराखंड : रूड़की आईआईटी के पांच हॉस्टल सील, 60 छात्रों म हुई कोरोना की पुष्टि

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देहरादून, एक फिर से पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, कोरोना संक्रमण के इस समय में उत्तराखण्ड़ में भी प्रतिदिन संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, उत्तराखंड के रूड़की स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) के पांच हॉस्टल को सील कर दिया गया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। ऐसा 60 छात्रों के कोरोना की चपेट में आने की वजह से किया गया है। इस बात की जानकार
आईआईटी के अधिकारियों ने दी।

इन 60 में से 54 छात्रों में सोमवार को संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वहीं छह मंगलवार शाम को पॉजिटिव मिले। इसके बाद संस्थान ने अपने छात्रों को अगले आदेश तक घर से नहीं लौटने के लिए कहा है। आईआईटी रूड़की की मीडिया सेल प्रभारी सोनिका श्रीवास्तव ने कहा, ‘संस्थान में 60 छात्रों के पॉजिटिव होने के बाद हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग ने कोरल, कस्तूरबा, सरोजिनी, गोविंद भवन और विज्ञान कुंज नाम के पांच हॉस्टलों को सील करके इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। संस्थान में वर्तमान में लगभग 3000 छात्र हैं जिनमें से लगभग 1200 इन पांच हॉस्टलों में रहते हैं।

उपरोक्त हॉस्टलों के सभी छात्रों को अपने कमरे के अंदर रहने के लिए कहा गया है जहां उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। श्रीवास्तव ने कहा, संस्थान ने अपने गंगा भवन हॉस्टल को जिला स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में कोविड देखभाल केंद्र के तौर पर बदल दिया है, जहां संक्रमित छात्रों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा, संक्रमित छात्रों के संपर्क में आने वालों के लिए एक गेस्ट हाउस और एक अन्य इनहाउस प्रतिष्ठान को क्वारंटाइन केंद्र में बदल दिया है।