Wednesday, June 18, 2025
Home Blog Page 1642

Gold Silver Price: महंगा हो रहा सोना, अब इस भाव पर पहुंचा

0

नई दिल्ली: सोने के दाम में एक बार फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है. रुपये के मूल्य में गिरावट आने के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 587 रुपये मजबूत होकर 45,768 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी.

 

पिछले कारोबारी सत्र में सोना 45,181 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. इसके साथ ही चांदी का भाव भी 682 रुपये की तेजी के साथ 65,468 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया. पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 64,786 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.

 

बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे की गिरावट दर्शाते हुए 73.66 रुपये प्रति डॉलर रह गया. वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव गिरावट के साथ 1,739 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी 25.04 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही.

 

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई. जहां कॉमेक्स (न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज) में बुधवार को सोने का हाजिर भाव 1,739 डॉलर प्रति औंस था.’

Covid 19 Vaccination: 11 अप्रैल से सरकारी और निजी कार्यस्थलों पर लगेंगे टीके, केंद्र सरकार ने जारी किया निर्देश

0

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में और तेजी लाने के लिए सरकारी और निजी कार्यस्थलों में टीका लगाने की अनुमति दे दी है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 पात्र कर्मचारियों वाले सरकारी या निजी कार्यस्थलों में 11 अप्रैल से विशेष कैंप लगाकर वैक्सीन लगाई जा सकेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है।

केंद्र ने पर्याप्त तैयारी करने को कहा

उन्होंने कहा है कि संगठित क्षेत्र में सरकारी और निजी दफ्तरों, उत्पादन इकाइयों या सेवा क्षेत्रों में काम करने वालों में 45 साल या उससे अधिक उम्र के कर्मचारियों की संख्या अच्छी खासी है। इन लोगों तक टीके की पहुंच सुलभ बनाने के लिए 100 पात्र और इच्छुक लाभार्थियों वाले सरकारी और निजी कार्यस्थलों में कोरोना टीका सत्रों का आयोजन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे सरकारी और निजी कार्यस्थलों के नियोक्ताओं और प्रबंधन के साथ बातचीत कर 11 अप्रैल से वहां टीकाकरण केंद्र शुरू कर सकते हैं। केंद्र ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इसके लिए पर्याप्त तैयारी करने को कहा है।

कार्यस्थल पर टीकाकरण सत्र के आयोजन के लिए कम से कम 50 कर्मचारियों का पंजीकरण जरूरी

केंद्र ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ 45 साल या उससे अधिक उम्र के कर्मचारी ही टीका लगाने के बाद होंगे। कार्यस्थल में पात्र कर्मचारियों के अलावा उनके परिवार के पात्र सदस्यों या किसी भी बाहरी व्यक्ति को टीका लगाने की अनुमति नहीं होगी। संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए कम से कम 50 कर्मचारियों के पंजीकरण के बाद कार्यस्थल पर टीकाकरण सत्र का आयोजन करने को कहा गया है। ऐसे संस्थान को कम से कम 15 दिन पहले टीकाकरण सत्र के आयोजन की जानकारी देगी होगी, ताकि उस दिन अधिकतम कर्मचारी की उपस्थिति सुनिश्चित हो। सरकारी और निजी कार्यस्थलों में टीका लगाने के लिए आवश्यक कर्मचारियों को तैनात करने की जिम्मेदारी उस इलाके के नजदीकी सरकारी और निजी कोरोना टीकाकरण केंद्रों की होगी।

दिशानिर्देश की खास बातें

-कर्मचारियों के अलावा उनके परिजनों या किसी भी बाहरी व्यक्ति को टीका लगाने की अनुमति नहीं होगी

– संस्थान का एक वरिष्ठ सदस्य नोडल अधिकारी होगा, जो सरकारी या निजी कोरोना टीकाकरण केंद्र के साथ करेगा समन्वय

– कर्मचारियों के लिए को-विन पोर्टल के साथ ही मौके पर भी पंजीकरण कराने की सुविधा होगी

– जिले में जिलाधिकारी और शहर में नगर आयुक्त सरकारी और निजी कार्यस्थलों की करेंगे पहचान

केंद्र ने 45 साल से अधिक उम्र कर्मचारियों से टीका लेने को कहा

केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को प्रभावी तरीके से रोकने के उद्देश्य से 45 साल और इससे अधिक उम्र के अपने सभी कर्मचारियों को कोरोना रोधी टीका लगवाने के लिए कहा है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों को टीकाकरण के बाद भी कोरोना से बचाव के दिशा निर्देशों का पालन करने का सुझाव दिया गया है, जिसमें लगातार हाथ धोना, सेनेटाइजेशन, मास्क या फेस कवर पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखना शामिल हैं।

स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स का मौके पर पंजीकरण सिर्फ सरकारी केंद्रों पर

केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरना रोधी टीका लगवाने के लिए 18 से 44 साल आयु वर्ग के स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का सिर्फ सरकारी टीका केंद्रों में ही मौके पर पंजीकरण की सुविधा होगी। ऐसे कर्मचारियों को मूल फोटो पहचान पत्र और नियुक्ति संबंधी प्रमाणपत्र पेश करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में इसकी स्पष्ट जानकारी दे दी थी।

फिलहाल जिसको जरूरत, उसी को दी जाएगी

वैक्सीन देश में 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी टीका लगाने की मांग पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि फिलहाल वैक्सीन उन्हीं लोगों को लगेगी, जिनको इसकी जरूरत है। सरकार की प्राथमिकता महामारी से होने वाली मौतों को रोकना है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है, जहां 45 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है।

सभी देशों में प्राथमिकता वाले समूहों को लगाया जा रहा टीका

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि पूरी दुनिया में सभी देश सबसे पहले प्राथमिकता वाले समूहों का टीकाकरण कर रहे हैं ताकि कोरोना से होने वाली मौतों को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि अभी ब्रिटेन में 50 साल से अधिक, अमेरिका में फ्रंटलाइन और अनिवार्य सेवा से जुड़े वर्कर्स और 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने के बाद अब 65 से 74 साल के बीच लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। फ्रांस में भी 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के अलावा 50 से 60 साल के बीच गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को टीका लगाया जा रहा है।

भारत में टीकाकरण की रफ्तार सबसे तेज

टीकाकरण में तेजी लाने के सरकार के इन प्रयासों के चलते ही भारत अमेरिका को पछाड़ते हुए सबसे तेज टीका लगाने वाला देश बन गया है। भारत में प्रतिदिन औसतन 30.93 लाख टीके लगाए जा रहे हैं, जबकि अमेरिका में यह संख्या 30.53 लाख है। देश में अब तक 8.70 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 33 लाख से ज्यादा पिछले 24 घंटों के दौरान लगाए गए।

सबसे ज्यादा टीका लगाने के मामले में भी भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में 16 करोड़ 50 लाख से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि टीकाकरण अभियान के 81वें दिन मंगलवार को 33,37,601 टीके लगाए गए। इसमें 30.08 लाख लाभार्थियों को टीके की पहली और 3.29 लाख लाभार्थियों को दूसरी डोज दी गई। अब तक दी गई कुल डोज में 45 साल से ज्यादा उम्र के 5.72 करोड़ लोगों को पहली और 14.32 लाख लोगों को दी गई दूसरी डोज भी शामिल हैं।

‘‘एक जनपद : दो उत्पाद’’ के नारे से होगा राज्य के जनपदों में उद्यमिता का विकास

0

देहरादून, सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा निदेशक उद्योग विभाग से अपेक्षा की गई है कि आगामी 15 दिवस के भीतर ‘‘एक जनपद-दो उत्पाद’’ के तहत प्रत्येक जनपद अंतर्गत उत्पादित होने वाले अथवा संभावित उत्पादों के सूची बनाते हुए उनकी प्रासंगिकता एवं स्थानीय स्तर पर उद्यमिता विकास में इन उत्पादों की भूमिका पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। ताकि इस तर्ज पर आगे की कार्ययोजना बना कर स्थानीय उत्पादों तथा तद्जनित उद्यम के विकास हेतु कार्य को धरातल पर लाया जा सके।

उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री जी के नारे ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ को चरितार्थ करने के लिए भी ‘‘एक जनपद – दो उत्पाद’’ को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। विशेष तौर एम0एस0एम0ई0 श्रेणी में आने वाले उत्पादों को औद्योगिक विकास योजनाओं का वह लाभ नहीं मिल पाता जिसकी उन्हें जरूरत है। ऐसे में नागरिकों, उद्यमियों की पहल का इंतजार किए बिना सरकार द्वारा अपनी ओर से भी सम्भावनाशील स्थानीय उत्पादों की पहचान कर उन्हें उद्योग के तौर पर विकसित किया जाएगा। ताकि स्थानीय उद्यमियां में इन उत्पादों में रूचि एवं रूझान जगे।

एम0एस0एम0ई0 में बहुत सम्भावनाएं हैं। लॉकडाउन के समय में अपने घरों को लौटे प्रवासी लोग अपने साथ अलग – अलग हुनर भी लाए हैं। हम उनकी उद्यमिता को एम0एस0एम0ई0 योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।
मेरी प्राथमिकता है कि उद्योग सिर्फ देहरादन, उधम सिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल जनपद में ही ना सिमट जाए। स्थानीय आवश्यकता तथा आपूर्ति के हिसाब से पहाड़ों में भी औद्योगिक विकास को पहुंचाना मेरी प्राथमिकता है।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामलों को पूरी तरह रोकने के लिये पुख्ता कार्ययोजना बने : मुख्यमंत्री

0

देहरादून, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को प्रदेश में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए पुख्ता कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में चमोली की एक घटना को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने बीजापुर हाउस में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध पर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि साईबर अपराध और बच्चों व महिलाओं के प्रति किए जाने वाले अपराध के मामलों को कार्रवाई के लिए सीधे रेगुलर पुलिस को सौंपा जाएं। नाबालिगों व महिलाओं के साथ हुए अपराधों पर की जाने वाली कार्यवाही पर मानिटरिंग के लिये फुल टाईम अपर सचिव स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाए। फास्ट ट्रैक मोड में कार्रवाई सुनिश्चित हो। केवल मामला ही दर्ज नहीं करना है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि अपराधी को सख्त से सख्त सजा मिले।

बैठक में मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूङी, डीजीपी  अशोक कुमार, सचिव श्री नितेश झा,  अमित नेगी,  आर मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड़ में 15 अप्रैल से खुलेंगे एक से पांच तक के विद्यालय, कोरोना गाइडलाइन का होगा पालन

0

बागेश्वर, अब उत्तराखंड़ में प्राईमरी स्कूल खुल जायेंगे | शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने 15 अप्रैल से राज्य में कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय खोल दिए जाने की जानकारी दी, हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा। जिला प्रभारी मंत्री एवं शिक्षा मंत्री पांडे ने मंगलवार को यहां भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। पांडे ने कहा कि इसके बाद भविष्य में जिस तरह की स्थिति बनेगी, उसी के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कक्षा छह से 12 तक के विद्यालय तो पहले ही खोल दिए हैं।

एकाएक प्राथमिक विद्यालयों को खोले जाने के ऐलान से सभी हदप्रद हैं जबकि उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक दिन में ही अपना बयान दिया। सोमवार को पिथौरागढ़ में उन्होंने कहा था कि बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाकर स्कूल नहीं खोले जाएंगे, लेकिन ठीक एक दिन बाद मंगलवार को बागेश्वर में उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं का संचालन 15 अप्रैल से किया जाएगा। छठी से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन पहले से ही हो रहा है।

उन विद्यालयों में भी कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन भी सुचारू रहा और इन दिनों वार्षिक परीक्षाएं भी सुचारु चल रही हैं। पांडे ने कहा कि सामान्यत: अभी कोरोना ने बच्चों को गिरफ्त में नहीं लिया है। साथ ही उन्होंने चेताया कि कोरोना का खतरा अभी कम भी नहीं हुआ है। सभी लोग मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिग का पूरी तरह से पालन करें।

प्रवासी पक्षियों का अपने देशों को लौटने का क्रम जारी

0
हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) पोलिआर्किटिक विश्व भूभाग से प्रतिवर्ष गंगा के तटों एवं भारत के कई स्थानों एवं ताल तलैया   में आने वाले प्रवासी पक्षियों की अपने मातृ देशों की ओर वापसी यात्रा जारी है द्य उम्मीद है की अप्रैल अंत तक सभी प्रवासी पक्षी अपने मूल प्रजनन स्थानों को लौट चुके होंगे द्य गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सुप्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक एमिरीटस प्रोफेसर दिनेश भट्ट ने बताया कि बसंत ऋतु के अंतिम चरण में दिनमान और तापमान के बढ़ने के साथ ही राजहंस पक्षी स्वदेश वापस लौट गए हैं।इस वर्ष राजहंस पक्षियों को हरिद्वार का मिस्सरपुर गंगा घाट काफी पसंद आया जिस कारण राजहंस पक्षी पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष काफी लंबे समय तक मिस्सरपुर में नजर आए।
दक्षिण भारत से अपने देशों की ओर उड़ान भरने वाले कुछ पक्षी जैसे राजहंसए गल्स एपिनटेल   इत्यादी  मार्च माह में अपनी वापसी यात्रा  के दौरान कुछ समय के लिए  गंगा तटो में भी  विश्राम करते है और सेंट्रल एशियन फ्लाई वे मार्ग से स्वदेश ;रूसए मंगोलिआएचीनए कजाकिस्तान इत्यादि द्ध पहुचते है। मार्ग तय करने के लिए इन्हे  प्रकृति ने वरदान दिया है कि प्रस्थान करने से पूर्व इनके शरीर में वसा की मात्रा बढ़ेगी और चोंच पर लगे जीपीएस जैसे सेंसर से इन्हे दिशा बोध  होगा ।
शोधार्थी आशीष कुमार आर्य  ने बताया की राजहंस नामक पक्षी मानसरोवर झील से सर्दियों में भारत के उत्तरी मैदानी भागों में प्रवास करता है।  राजहंस नामक पक्षी सबसे ऊंची उड़ान भरने वाला पक्षी है।   इस पक्षी को कई  बार  माउंट एवरेस्ट के ऊपर से से भी उड़ते हुए देखा गया है। यह पक्षी मानसरोवर झील से मंगोलिआ तक ग्रीष्म काल में प्रजजन करता है और वहां शीत ऋतु में बर्फ पड़ते ही भारत की ओर प्रस्थान करता है।
आश्चर्य की बात है की जहां  सभी पक्षी विदा हो चुके है  किन्तु लद्दाख की और प्रस्थान करने वाली सुर्खाब का एक बड़ा फ्लॉक अभी भी मिस्सरपुर गंगा तट पर  प्रवास कर रहा है।  प्रतीत होता है कि क्लाइमेट चेंज का असर इस पक्षी के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर रहा है। इस पक्षी के अभी तक रुकने पर शोध जारी है और देश के विभिन्न हिस्सों से आंकड़े जुटाए जा रहे है।
उत्तरखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पक्षी विशेषज्ञ डॉ विनय सेठी व  एमिरीटस प्रोफ़सर दिनेश भट्ट  ने बताया की मिस्सरपुर गंगा तट पर रेत बजरी के खनन होने के कारण इन पक्षियों के वास स्थल पर  खतरा मंडरा रहा है।  सूच्य है  कि गंगा में अवैध खनन रोकने के लिए मातृ सदन के स्वामी शिवानंद एवं  उनके शिष्य अनसन  एवं तपस्या कर रहे है। अतः प्रवासी पक्षियों के संरक्षण पर  सरकार एवं जनता को ध्यान देना चाहिए।
प्रोफेसर भट्ट की टीम में  रोबिन राठीए आशीष कुमार आर्याए पारुल भटनागरए रेखा रावत आदि शोध छात्र शामिल रहे हैं

गोपनीयता के साथ महिला नागा सन्यासियों को दीक्षित किये जाने की प्रक्रिया हुई शुरू

0

हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़ो में शुमार श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के माईवाड़ा में महिला सन्यासियों का सन्यास दीक्षा का कार्यक्रम प्रारम्भ हो गई। सबसे पहले करीब दो सौ महिला नागा सन्यासियों की मुण्डन प्रक्रिया दुःखहरण हनुमान मन्दिर के निकट बिड़ला घाट पर प्रारम्भ हुई। गोपनीय तरीके से प्रारम्भ हुई इस प्रक्रिया के दौरान अखाड़े माईबाड़ा की पदाधिकारी मौजूद रही। जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि जी महाराज के संयोजन एवं अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज की देख रेख में प्रारम्भ हुई प्रक्रिया की शुरूआत महिला नागा सन्यासियों के मुण्डन प्रक्रिया से शुरू हुई।

मुण्डन प्रक्रिया के बाद इन सभी को कोपीन,दण्ड व कमण्डल,धारण करने के बाद इन सन्यासियों के द्वारा गंगा स्नान कर स्वयं का जीते जी श्राद्व कर्म कर अपने सभी सगे सम्बन्धियों से हर प्रकार के सम्बन्ध खत्म कर दिये जायेगे। इसके बाद इन महिला नागा सन्यासियों के द्वारा धर्म ध्वजा के नीचे हवनयज्ञ में आहूतियाॅ डाली जायेगी। अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़ा द्वारा हमेशा से मातृ शक्तियों का सम्मान किया जाता रहा है। महिलाओं को हमेशा बराबर का सम्मान देना सनातन संस्कृति रहा है। उन्होने कहा कि महिला नागा सन्यासिन्यों को बनाने की प्रक्रिया केवल जूना अखाड़े में ही होती है। उन्होने बताया कि ये सभी अखाडे के नियमों का पालन करते हुए सनातन धर्म को मजबूती देने का कार्य करेगी।

श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा माईबाड़ा की अन्र्तराष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमहंत आराधना गिरि एवं मंत्री सहज योगिनी माता शैलजा गिरि के साथ साथ पूर्व अध्यक्षा श्रीमहंत अन्नपूर्णा पुरी की देख रेख में सन्यास की दीक्षा प्रारम्भ हुई। बिड़ला घाट पर गोपनीय तरीके से शुरू हुई दीक्षित किये जाने के कार्यक्रम में अखाड़ं के सभी मढ़ियो यानि चार,सोलह,तेरह और चैदह से जुड़ी नवदीक्षित होने वाली महिला सन्यासी शामिल है। महिला सन्यासियों के मुंडन प्रक्रिया के बाद सभी नवदीक्षित महिला नागा सन्यासियों ने बिड़ला घाट पर गंगा स्नान किया गया। यहां गंगा स्नान से पहले संन्यासियों ने सांसरिक वस्त्रों का त्याग कर कोपीन दंड, कंमडल धारण किया। इस दौरान पंडियों द्वारा सभी नागाओं का स्नान के दौरान स्वयं का श्राद्व कर्म संपन्न कराया गया। श्राद्व तपर्ण ब्राह्मण पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच किया।

सभी नव दीक्षित महिला नागा सन्यासी सायकाल धर्म ध्वजा पर पहुचे,जहां पर विद्वान पण्डितों द्वारा बिरजा होम की प्रक्रिया हुई। महिला नागा की दीक्षा के संबंध में बताते हुए जूना अखाड़े की महिला अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आराधना गिरी ने बताया कि सन्यास दीक्षा में 5 संस्कार होते है जिसमे 5 गुरु बनाये जाते है जब कुम्भ पर्व पड़ता है तो वहां गंगा घाट पर मुंडन, पिण्डदान क्रियाक्रम होते है जिसके बाद रात्रि में धर्मध्वजा के पास जाकर ओम नमः शिवाय का जाप किया जाता जहाँ आचार्य महामंडलेश्वर विजया होम के बाद सन्यास दीक्षा देते है जिसके बाद उन्हें तन ढकने को पौने के मीटर कपड़ा दिया जाता है फिर सभी सन्यासिया गंगा में 108 डुबकियां लगाती है और फिर स्नान के बाद अग्नि वत्र धारण कर अपने आशीर्वाद लेती है।

जूना अखाड़े की निर्माण मंत्री सहज योगिनी माता शैलजा गिरि के अनुसार महिलाओ की सन्यास दीक्षा का कार्यक्रम चल रहा है जहाँ सबसे पहले केश त्याग किया जाता है उसके बाद पिंड दान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सन्यास दीक्षा प्राप्त करने के बाद सन्यासी का सम्पूर्ण जीवन अपने अखाड़े ,सम्प्रदाय ओर अपने गुरु को समर्पित हो जाता है।

बदलती जीवन शैली से होते है अनेक रोग

0
हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित होने वाले औषधीय पादप महाकुंभ मे शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के डॉ अजय मलिक ने जीवन शैली द्वारा उत्पन्न व्याधियों के बारे मे व्याख्यान दिया जिसमे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानए ऋषिकेश के डॉ आशीष भूटे ने बतौर चेयरपर्सन प्रतिभाग किया ।
      डॉ मलिक ने  बताया कि आज के जीवन में समय होते हुये भी हम अपनी जीवनचर्या पर ध्यान नहीं दे पाते प् यह बहुमूल्य समय न तो हम अपने परिवार को दे पाते हैं न ही अपने जीवन पर  जबकि हम थोड़ा सा समय अपने शरीर के लिए निकालकर बहुत सी बीमारियों से दूर रह सकते है प् बदलती खान.पान की शैली ने भी हमको बीमार बनाया हुआ है प् कोविड के समय अधिक समय मोबाइल टेलिविजन पर बिताकर हमने समय तो नष्ट किया ही है अपितु बहुत सी जीवन शैली से संबन्धित बीमारियों को भी आमंत्रित किया है  इसके विपरीत हम योग पौष्टिक आहार.विहारए ध्यान आदि के माध्यम से अपने आप को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते है प्अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानए ऋषिकेश के डॉ आशीष भूटे ने कहा कि रक्तचापए मधुमेह मोटापा ह्रदय रोग नीद न आना इत्यादि अनेकों ऐसी बीमारियाँ है जिनको हम काफी हद तक अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करके नियंत्रित कर सकते हैं प् शारीरिक गतिविधियों को यदि नियमित रूप से किया जाए तो हम निश्चित रूप से स्वस्थ रह सकते है । आज बच्चों मे भी ऐसी बीमारियाँ देखने को मिलती हैं जो उनको अवसाद तथा आत्महत्या तक धकेल देती हैं ।
इन सबके लिए बड़ी वजह उनकी दूषित जीवन शैली तथा अधिकतर समय मोबाइल एवं सोशल मीडिया पर बिताना होती है । आज विश्व भी हमारी योगमय जीवन शैली को अपना रहा है  इससे हमारे ऋषि मुनियों द्वारा निर्धारित पौष्टिक आहार की उपयोगिता को सभी लोग स्वीकार कर रहे है । डॉ आशीष भूटे ने बीमारियों एवं उनके उपचार के साथण्साथ अच्छी जीवन शैली के बारे में अपने विचार रखे ।
भेषज विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो एस के राजपूत ने बताया कि ध्यानए योग पौष्टिक आहार के द्वारा हम अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते है तथा ऐसा होने से हमारे शरीर में रोगों का प्रकोप नहीं हो पाता  कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा द्वारा किया गया प् सभी प्रतिभागियोंए अतिथियों का आभार डॉ विपिन शर्मा द्वरा व्यक्त किया गया
इस अवसर पर डॉ अभिषेक बंसल कपिल कुमार गोयल डॉ अश्वनी जांगड़ा विनोद नौटियाल आशीष पांडे बलवंत सिंह रावत रोहित राहुल सिंह कमल सिंहएदीपक नेगी उपस्थित रहे ।

बस  की टक्कर से पलटी कार

0
हरिद्वार 7 अप्रैल (कुलभूषण) लोकसेवा आयोग कार्यालय के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने अण्डर पास से गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रो मुकेश रंजन वर्मा की कार को ज्वालापुर की तरफ से आ रही तेज गति से बस ने जबरदस्त टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी, की गाडी पलट गयी पर दैव्य चमत्कार के चलते गाडी में सवार प्रो वर्मा सुरक्षित स्वयं ही गाडी की पिछली सीट का दरवाजा खोलकर बाहर निकल सके। दुर्घटना की सूचना मिलते ही मौके पर विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी पहुचे। मौके पर पहुॅची पंुलिस टीम ने  घटना की जानकारी प्रो वर्मा से ली। घटना के बाद प्रो वर्मा को उनके साथियो द्वारा उपचार के लिए चिकित्सालय ले जाये गया। घटना को लेकर विश्वविद्यालय कर्मचारियो ने रोष व्यक्त किया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस तथ्यो की जानकारी में जुटी थी।
विदित हो की राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गुरूकुल कंागडी समविश्वविद्यालय, लोकसेवा आयोग कार्यालय व इन परिसरों में कार्यरत कर्मचारियो के आवासीय परिसर होने के चलते आने वाले वाहनो की गति को नियंत्रित करने के लिए समूची व्यवस्था न होने के कारण दुर्घटना  का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में आमजन की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाया जाना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की होने वाली दुर्घटनाओ पर रोक लगायी जा सके ।

स्कूल शिक्षा में सुधार के लिये लीक से हटकर काम किया जाए : मुख्यमंत्री

0

जिला योजना में स्कूल शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता,
सभी स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर सभी सुविधाएं सुनिश्चित हों

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा की

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए लीक से हटकर काम करने के निर्देश दिये। सिस्टम में जो ठीक नहीं है, उसे सुधारें। जरूरी होने पर नियमों में संशोधन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिला योजना में सबसे ज्यादा प्राथमिकता स्कूल शिक्षा को देनी है। सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, बिजली, फर्नीचर व अन्य उपकरण सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। स्कूल स्वच्छ व सुंदर हों। कक्षाएं स्मार्ट हों। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों के पास किताबें जरूर हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिये जीपीएस आधारित मोबाईल एप्लीकेशन के प्रयोग की योजना बनाई जाए। जो बच्चे केन्द्र सरकार की योजनाओं में आच्छादित न हो रहे हों उनके लिये राज्य स्तर पर योजनाएं बनाई जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में मानिटरिंग की जाए कि वहां मानकों के अनुरूप व्यवस्थाएं की जा रही हों। व्यावसायिक शिक्षा पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूङी, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्रीमती सौजन्या, महानिदेशक शिक्षा श्री विनयशंकर पाण्डेय, अपर सचिव सुश्री रवनीत चीमा व विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।