Monday, May 19, 2025
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भारत विकास परिषद की द्रोण शाखा की नई कार्यकारिणी गठित, मधु अध्यक्षा, रोहित सचिव बने

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देहरादून, सामाजिक सरोकार से जुड़ी और भारतवर्ष में अपने सामाजिक कार्यो से विशेष पहचान रखने वाली समाजिक संस्था भारत विकास परिषद की द्रोण शाखा की वर्ष 2021-2022 हेतु नई कार्यकारिणी का गठन हुआ है।
गौरतलब हो कि भारत विकास परिषद की रीजनल मंत्री सविता कपूर द्वारा रीजन-1 के कार्यालय में प्रदेश स्तर के पदाधिकरियों की बैठक बुलाई गई जिसमें नए कार्यकारिणी सदस्यों के नाम पर मुहर लगायी गयी |

इस कार्यकारिणी बैठक में वर्ष 2021-22 में किए जाने वाले कार्यों एवं विभिन्न दायित्वों की चर्चा की गई, साथ ही इस वर्ष हेतु विभिन्न प्रकल्प के लिए दायित्व को विभिन्न पदाधिकारियों के बीच बांटा गया।

इस बैठक के दौरान कैंट विधायक हरबंस कपूर, पूर्व आईजी/पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष एसएस कोठियाल, रीजन-1 की रीजनल मंत्री सविता कपूर, पूर्व अध्यक्षा शुभा वर्मा, संगठन मंत्री अनिल वर्मा, अरुणा चावला एवं शालिनी कोठियाल आदि मौजूद रहीें, भारत विकास परिषद की द्रोण शाखा के कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की सूचि निम्नवत् है |

मधु मारवाह अध्यक्षा
रोहित कोचगवे सचिव
नरेश भटनागर कोषाध्यक्ष
सुषमा जैरथ
सुचित्रा अग्रवाल
संध्या जोशी
अनीता गुप्ता
रिचा कंबोज
प्रेमलता वर्मा
पूनम लूना
अंजना वाही
डॉ विनोद वाही
शकुंतला वर्मा
विनीता बनर्जी
बलदेव पाराशर
स्वप्निल सिन्हा

पहली जून से मिलेगी सिर्फ हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी, 34000 से अधिक ज्वैलर्स ने करा लिया है रजिस्ट्रेशन

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नई दिल्ली,। सोने के गहनों और अन्य कलाकृतियों पर पहली जून से हॉलमार्किंग लागू कर दी जाएगी। सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। स्वर्ण आभूषणों व अन्य वस्तुओं की शुद्धता प्रमाणित करने के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग की जाती है, जो देश में फिलहाल स्वैच्छिक है।

केंद्र सरकार ने नवंबर, 2019 को घोषणा की थी कि देशभर में गोल्ड हॉलमार्किंग 15 जनवरी, 2021 से वैधानिक कर दी जाएगी। ज्वैलर्स की मांग पर सरकार ने उन्हें सालभर से अधिक का समय दिया था, ताकि वे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) में खुद को पंजीकृत कराकर इसकी तैयारियां पूरी कर लें। कोविड-19 की हवाला देकर ज्वैलर्स ने इसके लिए और चार महीने का वक्त और मांगा था।

उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने वर्चुअल प्रेसवार्ता में बताया कि हॉलमार्किंग को लागू करने के लिए अब समय नहीं बढ़ाया जाएगा। बीआइएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि पहली जून से इसे लागू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अभी तक और समय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं पहुंचा है। मानक ब्यूरों में अब तक 34,647 ज्वैलर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। अगले एक-दो महीने के भीतर यह संख्या एक लाख तक पहुंच जाएगी।

तिवारी ने बताया कि पहली जून से ज्वैलर्स केवल 14,18 और 22 कैरट के सोने के जेवर ही बेच सकेंगे। मानक ब्यूरो खुद सोने के गहनों के लिए अप्रैल, 2000 से हॉलमार्किंग की योजना चला रहा है। बीआइएस के मुताबिक हॉलमार्किंग हो जाने से सोने के गहनों की खरीदारी में ठगी नहीं हो सकती है। सोने की खपत में भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है। यहां सालाना 700-800 टन सोने का आयात होता है।( जागरण )

Lockdown in Maharashtra: लॉकडाउन नहीं कड़ी पाबंदी लगाएंगे, पूरे महाराष्ट्र में कल शाम से धारा 144 लागू : उद्धव ठाकरे

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मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों से राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी हो गई है। यहां कोरोना नियंत्रण से बाहर हो गया है। सारी सुविधाएं कम हो गई हैं। राज्य में आक्सीजन सिलेंडरों की भारी कमी है। हम अपने हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार अपग्रेड कर रहे हैं लेकिन वे दबाव में हैं। मेडिकल ऑक्सीजन, बेड की कमी है और रेमसेडिविर की मांग भी बढ़ गई है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं प्रधान मंत्री से बात करूंगा कि वह हमें आसपास के राज्यों से चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में भारतीय वायुसेना की सहायता प्रदान करने का अनुरोध करें। उन्होंने कहा कि हम राज्य में लॉकडाउन नहीं कड़ी पाबंदी लगाएंगे। पूरे महाराष्ट्र में बुधवार शाम से धारा 144 लागू रहेगी। अगले 15 दिन तक सड़क पर घूमने को लेकर पाबंदी रहेगी।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) के साथ महत्‍वपूर्ण बैठक की थी। इस बैठक में राज्‍य के लॉकडाउन से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए एक वित्‍तीय पैकेज तैयार करने को लेकर चर्चा की गई। इसके बाद लॉकडाउन को लागू करने और उसकी अवधि को लेकर अंतिम फैसला लिया गया। रविवार को हुई टास्क फोर्स के साथ बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 8 दिनों का लॉकडाउन लगाने जबकि टास्क फोर्स के कुछ सदस्य 14 दिनों के सख्त लॉकडाउन के पक्ष में थे। वहीं शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी 14 दिन का लॉकडाउन लगाने की ही वकालत की गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति को लेकर कहा कि यहां औसत दैनिक मामले सप्ताह दर सप्ताह काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां कोरोना के नए मामले 57,000 से अधिक के स्तर पर पहुंच गए हैं, जो काफी चिंताजनक हैं। यहां पॉजिटिविटी रेट 24 फीसद है।

 

भारती संस्कृति सुरक्षा फाउंडेशन उत्तराखंड ने धूमधाम से मनाया हिन्दू नववर्ष

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देहरादून, भारती संस्कृति सुरक्षा फाउंडेशन उत्तराखंड जिला देहरादून के जिला अध्यक्ष श्री भूपेश जोशी सचिव अमित द्वारा हिन्दु नववर्ष को बालावाला निकट मालसी पुलिया के पास बडे धूमधाम से मनाया गया | कार्यक्रम में शिवानी बिष्ट द्वारा अपनी मधुर वाणी से इस कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानित जनों का स्वागत करते हुए परिचय कराया गया |

इस अवसर पर भारती संस्कृति सुरक्षा फाउंडेशन उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन भोपाल चंद प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद राणा, प्रदेश महासचिव सुनील घिल्डियाल, सचिव कमल लोहानी, यमुनोत्री धाम रावल प्रदीप उनियाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं प्रदेश अध्यक्षा महिला कांग्रेस सेवादल उत्तराखंड श्रीमती हेमा पुरोहित, प्रदेश महासचिव कांग्रेस सेवादल उत्तराखंड श्रीमती पूनम पुरोहित, हिन्दू युवा वाहिनी के जीत रंधावा, अध्यक्ष किसान सहकारी समिति प्रकाश पुरोहित, अजयपाल रावत पार्षद नकरोंदा डा. अजिता पवांर पूर्व प्रधान शबनम थापा राजेश सेन चैन सिंह चौधरी प्रवीन चौधरी अर्जुन ठाकुर त्रिलोक कार्की प्रकाश पुरोहित आदि सम्मानित हिन्दु वादी संगठनों व विचारधारा के लोगों द्वारा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया गया |

कैप्टन भूपाल चंद व हेमा पुरोहित द्वारा अपने सम्बोधनों में एक ही बात पर जोर दिया गया कि सभी सनातन धर्म के लोगों को अपने बच्चों व अपने परिवार के सदस्यों को अपने धर्म व अपनी संस्कृति से सम्बन्धित जानकारियां देते रहना चाहिए | हमें जाति से हटकर केवल हिन्दुत्व पर जोर देना चाहिए, जब तक हम अपने दिलों दिमाग से पंडित ठाकुर ऊंच नीच की भावना से हटकर हिन्दुत्व को बढावा नहीं देंगे तब तक हम एक नहीं हो सकते | प्रदेश महासचिव सुनील घिल्डियाल ने हेमा पुरोहित द्वारा हिन्दुत्ववादी जज्बातों की काफी सराहना की गई, इसी तरह उत्तराखंड के जिला पौडी, टिहरी, नैनीताल भीमताल, चम्पावत, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में भी इस तरह से हिन्दू नववर्ष को मनाया गया | इस सर पर कार्यक्रम के बाद भंडारे का आयोजन भी किया गया।

बहुराष्ट्रीय कम्पनी में एक बड़े ओहदे पर कार्यरत महिला बनी महामण्डलेष्वर

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हरिद्वार (कुलभूषण) । श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा नागा सन्यासियांे का सबसे बड़ा अखाड़ा है,लेकिन इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि महिला नागा सन्यासियों तथा महिला महामण्डलेश्वरों की संख्या की दृष्टि से भी यह सभी अन्य अखाड़ो से बड़ा है। जूना अखाड़ा ही एक मात्र सन्यासी शैव अखाड़ा है जिसमें माईबाड़ा है,जहां नागा सन्यासिनियों की अलग छावनी लगती है, जिसकी समस्त व्यवस्था नागा अवधूतनियों के हाथ में रहती है।

जूना अखाड़े में शिक्षित तथा विभिन्न सामाजिक धार्मिक व अन्य क्षेत्रों में सक्रिय महिला महामण्डलेश्वरों की बहुत बड़ी संख्या है,जिसमें प्रत्येक कुम्भ पर्व पर बढ़ोत्तरी होती रहती है। इसी श्रृंखला में हाल में ही अहमदाबाद गिर गुजरात की महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि का नाम भी जुड़ गया है।

महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि ने जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से विधिवत सन्यास की दीक्षा प्रयागराज में ली और हरिद्वार कुम्भ पर्व पर उनका महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज द्वारा किया गया। संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर प्राप्त जयअम्बानंद गिरि सन्यास से पूर्व एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में एक बड़े ओहदे पर भी कार्यरत थी तथा सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में विशेष रूचि रखती थी।। सिंधी समाज में वह काफी लोकप्रिय थी,कुछ वर्ष पूर्व वह जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि के सम्पर्क में आयी और उनकी प्रेरणा से इसी वर्ष फरवरी में विधिवत सन्यास ग्रहण किया। उनके गुरू जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि को जूना अखाड़े की ओर से गुजरात सहित पूरे भारत में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार तथा अखाड़े की उन्नति प्रगति व विकास कार्यो के लिए जिम्मेदारी सौपी गयी है। जिसमें वह निश्चित रूप से नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।

पतंजलि योगपीठ में नेपाल नरेश का आगमन

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हरिद्वार,  (कुलभूषण) पतंजलि योगपीठ में आज नेपाल नरेश श्री ज्ञानेन्द्र वीरशाह का आगमन हुआ। यहां पर पूज्य बालकृष्ण महाराज जी व परमार्थ देव जी ने नेपाल नरेश का भव्य स्वागत शंखो की ध्वनि की बीच मंगलगीत गाकर किया गया। यहाँ पर आचार्यकुलम् से पधारे छात्रों ने तिलक लगाकर नेपाल नरेश का स्वागत किया।

पूज्य आचार्य श्री ने नेपाल नरेश के साथ आए हरिद्वार के लोकप्रिय महामंडलेश्वर श्री कैलाशानन्द गिरि, भाजापा की तेजस्वी प्रवक्ता निरंजनि ज्योति, टिहरी की भाजपा सांसद श्रीमति मालाराज लक्ष्मी, श्री बालकानन्द जी का स्वागत माला पहनाकर व पुष्पों की वर्षा पतंजलि परिसर में करके किया गया। इसके उपरान्त सभी दिव्य जनों को पूज्य महाराज जी अपने साथ अपने कक्ष में लेकर गए जहा पर श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी ने बड़ी ही गर्म जोशी से नेपाल नरेश का स्वागत रूद्राक्ष की माला गले में पहनाकर व पुष्प गुच्छ देकर किया। साथ में आए महामंडलेश्वर श्री कैलाशानन्द जी को शाल उड़ाकर किया। साध्वी निरंजना ज्योति व श्रीमति मालाराज लक्ष्मी ने पूज्य महाराज श्री के चरण स्पर्श कर आर्शिवाद प्राप्त किया।

पतंजलि में पधारे नेपाल नरेश को श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी व पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी ने पतंजलि परिसर के विविध परिकल्पों के दर्शन कराए। और सभी संस्थानों की महत्ता का वर्णन व उसकी जानकारी नेपाल नरेश को दी। एक वक्त एैसा भी आ गया था कि जब श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी ने नेपाली भाषा में बोलकर नेपाल नरेश को चौका दिया उन्होने पतंजलि आयुर्वेद विश्वविद्यालय की महत्ता को नेपाली भाषा में बोलकर सबको आश्चर्य चकित कर दिया।

पूज्य आचार्य जी ने ऋषि मुनियों की धरोहर आयुर्वेद के विषय पर नेपाल नरेश को विस्तृत रूप से समझाया पतंजलि योगपीठ कैसे प्राचीन पाण्डुलिपियों का संरक्षण कर उनका अध्ययन कर इनमें छुपे आयुर्वेद के खजाने को कैसे खोजा जा रहा है उसकी जानकारी नेपाल नरेश को साझा करी क्योकि भारत की संस्कृति व नेपाल की संस्कृति काफी हद तक एक जैसे हैं, इसलिए नेपाल में भी आयुर्वेद की अपार संभावनाए विराजमान हैं। चारो तरफ से खनिजों, जड़ी-बूटीयों से घिर हुआ है बस वहां पर उचित दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।

श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी ने नेपाल नरेश को प्राचीन ऋषि प्रणाली द्वारा संचालित शिक्षा संस्कृति व संस्कार के दिव्य केन्द्र वैदिक गुरूकुलम् तथा वैदिक कन्या गुरूकुलम् के बारे में विस्तृत रूप से नेपाल नरेश को अवगत कराया साथ ही छात्र-छात्राओं द्वारा प्रातः काल में होने वाले यज्ञ की महिमा के बारे में समझाया। कैसे यज्ञ द्वारा निकलने वाला घुआँ हमारे स्वास्थ्य के लिए व पर्यावरण के लिए महत्व रखता है उसके बारे में अपने ज्ञान से सभी को शिक्षित किया।
नेपाल नरेश श्रद्धेय स्वामी जी महाराज व पूज्य बालकृष्ण जी महाराज जी के साथ पतंजलि अनुसंधान संस्थान पहुचे जहाँ पर पजंजलि कोरोना के संक्रमण काल में कैसे अपने अनुसंधानों पर कार्य कर रही है उसकी जानकारी नेपाल नरेश को दी। लॉकडाउन के दौरान जब पूरा विश्व भयभीत था तब पतंजलि अनुसंधान संस्थान एकमात्र एैसा स्थान था जहाँ के वैज्ञानिक दिन-रात एक करके कोरोना से लड़ने की दवाई को खोज रहे थे। जिसका परिणाम पतंजलि योगपीठ को कोरोनिल किट के रूप में प्राप्त हुआ। कोरोनिल किट वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित मैडिकल के सभी पैरामीटर का पालन करती हुई एक दिव्य औषधि के रूप में प्राप्त हुई। पतंजलि आयुर्वेद संस्थान में जितनी भी औषधियों का निर्माण किया जा रहा वह मार्डन सांइस को ध्यान में रखकर व उसके सभी पैरामीटर का पालन करते हुए किया जा रहा है। आज पतंजलि में लिवोग्रिट, बी-पी-ग्रिट, मधु ग्रिट, इम्युनो ग्रिट, थायो ग्रिट, पीड़ानिल गोल्ड इत्यादि सैकड़ो प्रमाणित औषधियों का निर्माण किया जा रहा है।

नेपाल नरेश ने पतंजलि के सभी सेवाकार्यों का अवलोकन करके कहा कि पतंजलि योगपीठ वर्षों से योग, आयुर्वेद, औद्योेगिक के माध्यम से जनमानस की निरन्तर सेवा कर रहा है। श्रद्धेय स्वामी जी व पूज्य आचार्य जी महाराज ने योग व आयुर्वेद की महत्ता को जिस तरह से पुनः स्थापित किया है उसके लिए आप दोनो साधुवाद के पात्र हैं। आज आयुर्वेद व योग की क्रान्ति से सम्पूर्ण विश्व आपके द्वारा बताए गए शब्दों का अनुसरण करके लाभान्वित हो रहे हैं। आज भारत में जड़ी-बूटियों का व्यवसाय किसानों के लिए मुनाफे का कारण बन गई है। जो कल तक दयनिय स्थिति में थी।
पूज्य आचार्य श्री के मुख से निकलने वाली वाणी में जिस तरह जड़ी-बूटियों का वर्णन किया जाता है उससे तो एैसा लगता है कि सम्पूर्ण व्याधियों का एकमात्र इलाज आयुर्वेद है। और उसमें छुपे गुण रहस्यों का वर्णन आचार्य श्री जब करते है तो उससे लाखों रोगी अपने को लाभान्वित कर पाते है। आचार्य श्री के द्वारा किया जा रहा जनसेवा का यह जो कार्य है उससे सम्पूर्ण नेपाल की धरती अपने को गौरवान्वित महसूस करती है। आचार्य श्री ने भारत के साथ-साथ नेपाल का शीश भी सम्पूर्ण विश्व में ऊँचा किया है।

 

अपने छोटे से कार्य कार्यक्रम का हवाला देते हुए नेपाल नरेश श्री ज्ञानेन्द्र वीर साह अपने गन्तव्य के लिए प्रस्थान करने से पहले आचार्य श्री व श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी से पुनः पतंजलि परिसर में आनेका अपना संकल्प दोहराया।
पतंजलि परिवार की तरफ से श्री राकेश मित्तल जी, श्री जयदीप आर्य जी, बहन अंशुल, बहन पारूल जी ने नेपाल नरेश जी को पुष्प गुच्छ भेंट किए।

माँ चामुण्डा देवी कलश यात्रा का आयोजन

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हरिद्वार 13 अप्रैल (कुलभूषण)   नवरात्रे पर्व के चलते प्रतिवर्श प्राचीन मां चामुण्डा देवी कलष यात्रा का आयोजन किया गया पूर्व निधार्रित कार्यक्रम के अनुसार  सुनील षर्मा के नेतृत्व में कलष यात्रा ब्रहमपुरी से षुरू होकर बिल्वकेष्वर मन्दिर मार्ग से चामुण्डा देवी मन्दिर जाने के लिए आगे बढी जहा पर पूर्व से तैनात वन विभाग के सुऱक्षाबल ने कलष यात्रा को आगे जाने से रोका जिस पर सुनील षर्मा ने वन विभाग के अधिकारियो से कहा की वह पिछले लगभग एक दषक से अधिक समय से कलष यात्रा का आयोजन कर रहेहै परन्तु वन विभाग के अधिकारी उन्हे आगे नही जाने देते है

उन्होने कहा की इस बारे मंे उनके पास सूचना के अधिकार में मिल प्रमाण उनके पास है जिन्हे वह वन विभाग के अधिकारीयो को उपलब्ध करा चुके है ऐसे में उनकी भावनाओ का आदर करते हुए उन्हे पूजन करने के लिए मां चामुण्डा देवी मन्दिर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए वही वन विभाग का कहना है कि उनके पास विभाग के आदेष नही होने के चलते वह अनुमति देने में सक्षम नही है

ऐसे में कलष यात्रा आयोजको को अपना पक्ष विभाग व न्यायालय के समक्ष रखना चाहिए जिससे की स्थिति स्पश्ट होने पर वह अग्रीम कार्यवाई उन्हे मिले आदेष के अनुसार कर सके  इस मौके पर सुनील षर्मा ने कहा की वह इर साल अपनी यात्रा आयोजित करने के लिए वन विभाग को लिखकर देते है परन्तु विभाग की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते भक्तो को पूजन करने नही जाने दिया जाता है जबकी विभिन्न ऐतिहासिक दस्तावेजो में मां चामुण्डा देवी के मन्दिर होने का उल्लेख मिलता है।  कलष यात्रा आयोजको द्वारा अपना पक्ष रखने के चलते वन विभाग के सुरक्षा कर्मियो द्वारा उन्हे आगे जानी की अनुमति नही दी गयी इस मौके पर सुरक्षा की दृश्टि से पुलिस टीम के जवान भी तैनात थे

सिडकुल की फाइबर कंपनी में लगी भीषण आग, एक श्रमिक की हुई मौत

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रुद्रपुर, उत्तराखंड के रुद्रपुर में सिडकुल एरिया में आग लगने की खबर है, बताया जा रहा है सिडकुल के सेक्टर सात में स्थित दुर्गा फाइबर कंपनी में शॉर्टसर्किट से आग लग गई। कंपनी में आग लगते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने किसी तरह भागकर जान बचाई। पांच घंटे की मशक्कत के बाद दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। आग से कोई जनहानि नहीं हुई है। एसएसपी ने आग से कंपनी को करोड़ों का नुकसान होने की बात कही है। घटना सोमवार दिन की है। वहीं, मंगलवार सुबह आग में झुलसे एक श्रमिक की मौत हो गई।

मृतक पीलीभीत का रहने वाला था। सिडकुल स्थित इस दुर्गा फाइबर कंपनी में फाइबर की डिस्पोजेबल प्लेटें व गिलास बनाए जाते हैं। सोमवार को कंपनी में 100 कर्मचारी काम कर रहे थे। अधिकतर कर्मचारियों को छुट्टी दी गई थी। दोपहर डेढ़ बजे शॉर्ट सर्किट से अचानक कंपनी में आग लग गई। कंपनी के अंदर धुआं देखकर कर्मचारियों व अधिकारियों ने बाहर निकलकर जान बचाई और दमकल की गाड़ियों के मौके पर पहुंचने तक कंपनी में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। जिला प्रशासन ने रुद्रपुर, पंतनगर के दमकल वाहनों के साथ ही सिडकुल की अन्य कंपनियों से फायर वाहनों को आग बुझाने के लिए लगाया गया।

कंपनी के अंदर फाइबर होने से आग की लपटें हवाओं के साथ और तेज होती रहीं। दमकल विभाग की सीएफओ वंश बहादुर यादव टीम के साथ आग बुझाने के लिए जुटे रहे। सूचना पर पहुंचे एसएसपी डीएस कुंवर ने दोपहर डेढ़ बजे कंपनी में शॉर्टसर्किट से आग लगी। शाम छह बजे आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। एसएसपी डीएस कुंवर, एडीएम उत्तम सिंह चौहान, एसडीएम विशाल मिश्रा, आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी, सीओ अमित कुमार, एसओ पंतनगर मदन मोहन जोशी, एसओ दिनेशपुर अशोक कुमार, सिडकुल चौकी प्रभारी सुरेंद्र सिंह आग के बुझाने तक कंपनी के बाहर ही रहे, दुर्गा फाइबर कंपनी में आग की लपटें देखकर आसपास की कंपनियों में अलर्ट जारी कर दिया गया था। दमकल विभाग के अनुरोध पर 10 कंपनियों ने कर्मचारियों की छुट्टी कर कामकाज बंद कर दिया। साथ ही बिजली के सभी उपकरणों को बंद कर दिया था। कंपनियों तक आग न पहुंचे इसके लिए आसपास खाली जगहों पर पानी का लगातार छिड़काव किया गया।

कोरोना ब्रैकिंग उत्तराखण्ड़ में बंपर उछाल, मिले 1925 संक्रमित, 13 की हुई मौत

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‘दून में सबसे ज्यादा 775 तो हरिद्वार में 594 मिले कोरोना संक्रमित’

देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण में आज मंगलवार को बंपर उछाल पाया गया, राज्य में मरीजों की मौत के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। मंगलवार 13 अप्रैल को बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 1925 संक्रमित मिले हैं। इससे पहले बीते साल 19 सितंबर को सर्वाधिक 2078 मामले सामने आए थे। वहीं, आज 13 मरीजों की मौत हुई। साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या नौ हजार पार हो गई है। जबकि आज 405 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। इन्हें मिला कर अब तक 98897 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 112071 हो गई है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मंगलवार को 44201 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में सबसे अधिक 775 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार जिले में 594, नैनीताल में 217, ऊधमसिंह नगर में 172, पौड़ी में 33 , टिहरी में 35, रुद्रप्रयाग में 12, पिथौरागढ़ में 13, उत्तरकाशी में एक, अल्मोड़ा में 31, चमोली में 8, बागेश्वर में 13, चंपावत में 21 संक्रमित मिले। वहीं, कंटेंमेंट जोन की संख्या 54 पहुंच गई है | प्रदेश में अब तक 1780 मरीजों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की तुलना में ठीक होने वालों की संख्या कम होने से सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। वर्तमान में 9353 सक्रिय मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

हरिद्वार : महाकुंभ में पांच दिन में मिले 1899 कोरोना संक्रमित, कोविड नियमों का पालन कराना मेला प्रशासन को पड़ रहा भारी

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हरिद्वार, महाकुंभ में आस्था का सैलाब हरिद्वार में लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके साथ ही महाकुंभ में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है। सोमवती अमावस्या के शाही स्नान पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने पर मेला पुलिस-प्रशासन ने भी कोविड के दिशा निर्देशों (एसओपी) के पालन कराए जाने में दिक्कतें पैदा हो रही हैं। स्नान के लिए बाहरी राज्यों से श्रद्धालुओं का रैला उमड़ पड़ा।

‘दो गज की दूरी मास्क जरूरी’ के स्लोगन सरकारी होर्डिंग और मेला कंट्रोल रूम की उद्घोषणा तक सिमट गया है। श्रद्धालु बिना मास्क लगाए आवाजाही कर रहे हैं। घाटों और मेला क्षेत्र में एसओपी की धज्जियां उड़ रही हैं |

हरिद्वार कुंभ के सोमवार को शाही स्नान के दिन ही 563 नए मरीज मिले हैं। बीते पांच दिनों में नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1899 पहुंच गई है। इनमें 1599 आरटीपीसीआर जांच में पॉजिटिव आए हैं। शाही स्नान पर लिए सैंपलों की रिपोर्ट मंगलवार को आएगी और संख्या और बढ़ने की आशंका है। एक से तीस अप्रैल तक महाकुंभ है। प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार पहुंच रही है। महाकुंभ की शान अखाड़ों के साधु-संत और नागा संन्यासी हैं। कोविड ने संतों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। बीते पांच दिनों में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि समेत 15 संत पॉजिटिव आ चुके हैं। इनमें छह संत सोमवार के शाही स्नान में पॉजिटिव मिले हैं।

शाही और पर्व स्नानों पर श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ रही है। कुंभ एसओपी में हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटे पूर्व आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और कुंभ पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। एसओपी का पालन नहीं कराए जाने से श्रद्धालुओं का रैला उमड़ रहा है। इसके चलते हरिद्वार में कोरोना कहर बनकर फैलने लगा है। श्रद्धालुओं, स्थानीय लोगों के अलावा अखाड़ों के संत भी पॉजिटिव आने लगे हैं।

 

सोमवती अमावस्या पर भीड़ उमड़ने से मेला पुलिस-प्रशासन ने हाथ खींच लिए। शाम छह बजे तक करीब 35 लाख श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे। सड़कों से लेकर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम नजर आया। मेला कंट्रोल रूम से श्रद्धालुओं के लिए दो गज की शारीरिक दूरी और मास्क जरूरी की उद्घोषणा अफसरों को मुंह चिढ़ाते रही। अधिकतर श्रद्धालु बिना मास्क पहने नजर आए। जिन्होंने मास्क पहने भी वह संक्रमण से बचाव नहीं बल्कि औपचारिकता के लिए कानों में फंसाकर ठुड्डी से नीचे लटकाए थे। श्रद्धालुओं की लापरवाही से महामारी फैलने के आसार कई गुना बढ़ गए हैं।

हरिद्वार कुंभ प्रशासन के लगातार लोगों कोरोना को लेकर जागरूकता से साथ मास्क और दो गज दूरी अपनाने की हिदायत दे रहा, फिर भी भीड़ बढ़ रही है,
पांच दिन में आरटीपीसीआर जांच और मरीज :
तारीख -मरीज – जांच
आठ अप्रैल -330 -18212
नौ अप्रैल -277 -20775
दस अप्रैल -271 -17644
11 अप्रैल -372 -23394
12 अप्रैल -349 -28493
कुल 1599 -108,518

पांच दिन में एंटीजन जांच और मरीज :

तारीख -मरीज- जांच
आठ अप्रैल -7- 8854
नौ अप्रैल- 22 -13875
दस अप्रैल- 12 -8209
11 अप्रैल- 45 -17620
12 अप्रैल -214 -66397
कुल 300 -114,955

उच्च न्यायालय ने महाकुंभ में कोविड संक्रमण के फैलाव की आशंका जताते हुए प्रतिदिन पचास हजार जांचें करने के साथ एसओपी का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के आदेश पर आरटीपीसीआर जांचें बढ़ाई गई हैं। पांच दिनों में आरटीपीसीआर 106719 और एंटीजन 98558 जांचें हुई हैं। इनमें आरटीपीसीआर में 1599 और एंटीजन में 300 पॉजिटिव मिले हैं। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल के मुताबिक कोविड संक्रमण बढ़ा है और लगातार बढ़ रहा है। श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ने से घाटों पर शारीरिक दूरी का पालन करना मुश्किल है। ऐसे में भगदड़ मचने की संभावना रहती है। श्रद्धालुओं को कोविड एसओपी के पालन के लिए जागरूक किया जा रहा है।