Wednesday, June 18, 2025
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मास्टरकार्ड पर प्रतिबंध से इन 5 निजी बैंकों को नए कार्ड जारी करने में आएगी दिक्कत

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई) के मास्टरकार्ड पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय से एक्सिस बैंक, येस बैंक और इंडसइंड बैंक सहित देश में पांच निजी बैंकों को नए कार्ड जारी करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। आरबीआई ने दरअसल बुधवार को मास्टरकार्ड एशिया पैसेफिक पर 22 जुलाई से नये क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड ग्राहक बनाने पर रोक लगा दी थी। कंपनी द्वारा आंकड़ों के देश में संग्रह करने के नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर यह कदम उठाया गया।

वैश्विक बोकरेज कंपनी नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलकर सात वित्तीय संस्था या बैंक नए कार्ड जारी नहीं कर पाएंगे क्योंकि वे बड़ी संख्या में मार्स्टरकार्ड से कार्ड लेते थे। रिपोर्ट में कहा गया कि मास्टरकार्ड पर प्रतिबंध लगाने के आरबीआई के फैसले से एक्सिस बैंक, यस बैंक और इंडसइंड बैंक सहित पांच निजी क्षेत्र के बैंक प्रभावित होंगे।

एचडीएफ़सी बैंक भी इस निर्णय से प्रभावित होगा लेकिन उस पर आरबीआई ने नए डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड जारी करने को लेकर पहले से ही प्रतिबंध लगा रखा है। इन पांच बैंकों के अलावा बजाज फिनसर्व और सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को भी कुछ परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है। ये बैंक भी मास्टरकार्ड के जरिये नए कार्ड जारी करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ अन्य भुगतान प्रणाली के लिए नए कार्ड जारी करने में दो से तीन महीने लगेंगे क्योंकि इसमें प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका होती है।

लोकपर्व हरेला : ‘लाग हर्याव, लाग बग्वाल, जी रयै, जागि रयै, यो दिन बार भेटने रयै’

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

भीमताल/ नैनीताल, उत्तराखंड में हर ऋतु अपने साथ एक त्योहार भी लेकर आती है। श्रावण मास में पड़ने वाला ऐसा ही एक त्योहार है हरेला जो कि उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र का लोकप्रिय त्योहार है। यह त्योहार ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ किसानों और पर्यावरण से भी जुड़ा हुआ है।

हरेला पर्व उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र का सुप्रसिद्ध और लोकप्रिय त्योहार है। हरेला पर्व से 10 दिन पहले घरों में थाली, मिट्टी व रिंगाल से बनी टोकरी में 7 प्रकार का अनाज बोया जाता है, जिसमें प्रत्येक दिन जल चढ़ाकर इसकी पूजा-अर्चना की जाती है और भगवान से परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनाए रखने की प्रार्थना की जाती है। मान्यता है कि जिसका हरेला जितना बड़ा होगा उसे कृषि में उतना ही लाभ होगा इसलिए इस दौरान किसान अपनी फसल की पैदावार का अनुमान भी लगाते हैं। इस दिन घर के बड़े-बुजुर्ग परिवार के सदस्यों के सिर पर हरेला के तिनके रखते हुए हुए उन्हें आशीर्वाद भी देते हैं। इसलिए इस त्योहार को खुशहाली और उन्नति का प्रतीक भी माना गया है।

हरेला काटने से पूर्व कई तरह के पकवान बनाकर देवी देवताओं को भोग लगाने के बाद पूजन किया जाता है। हरेला पूजन के बाद घर परिवार के सभी लोगों को हरेला शिरोधारण कराया जाता है। इस मौके पर ‘लाग हर्याव, लाग बग्वाल, जी रयै, जागि रयै, यो दिन बार भेटने रयै’ शब्दों के साथ आशीर्वाद दिया जाता है।

लोकपर्व ‘हरेला‘ आस्था का प्रतीक

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उत्तराखंड को भगवान शिव के निवास स्थान भी माना जाता है, जिसके कारण हरेला पर्व भगवान शिव के विवाह की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके परिवार के सभी सदस्यों की मिट्टी से मूर्तियां बनाई जाती हैं। जिन्हें प्राकृतिक रंगों से रंगा जाता है। कुमाऊँ छेत्र में कई जगहों पर हरेला पर्व के दिन मेला भी लगता है।

इस त्योहार को लेकर खास बात यह है कि जहाँ कोई भी त्योहार साल में एक बार ही आता है वहीं हरेला पर्व पूरे वर्ष में तीन बार अलग-अलग महीने (चैत्र, श्रावण और आषाढ़) में आता है। लेकिन श्रावण मास के पहले दिन पड़ने वाले हरेला का सबसे अधिक महत्त्व है क्योंकि श्रावण मास में भगवान शिव की विशेषकर पूजा की जाती है।

प्रकृति संवर्धन और संरक्षण का प्रतीक

हमारे पूर्वजों ने हमेशा से ही प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने की सीख हमें दी है। हरेला पर्व हमारी संस्कृति और पर्यावरण के संगम को दर्शाता है। साथ ही हमें अपने पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण के संकल्प की याद भी दिलाता है। मान्यता है कि श्रावण मास में किसी भी वृक्ष की टहनी बिना जड़ के ही अगर जमीन में रोप दी जाय तो वह एक वृक्ष के रूप में ही बढ़ने लगती है। इसीलिए कई जगहों पर हरेला त्योहार के दिन विशेष रूप से फलदार वृक्ष लगाने के प्रचलन है, जो कि पर्यावरण के प्रति हमारी कर्तव्य निष्ठा और प्रकृति प्रेम को भी दर्शाता है। साथ ही यह त्योहार सामाजिक सद्भाव और सहयोग का पर्व है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा ‘‘प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन उत्तराखंड की परंपरा का अहम हिस्सा रहा है। हरेला पर्व सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक होने के साथ-साथ सामाजिक सद्भाव और सहयोग का प्रतीक है। इसलिए आइये हरेला पर्व के सुअवसर पर हम अपने पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लें और सामाजिक सद्भाव और सहयोग से इस कोरोना रूपी महामारी को दूर करने का संकल्प लें।’’

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा ‘‘हरेला पर्व हमारी संस्कृति और पर्यावरण के संगम को दर्शाता है। साथ ही हमें अपने पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण के संकल्प की याद भी दिलाता है। आइये अपने लोक पर्व और संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए, हरेला पर्व के दिन ‘एक वृक्ष ज़रूर लगाएं।’’

देहरादून : वार्ड 40 में मनाया गया हरेला पर्व, विधायक कपूर ने किया पौधा रोपित

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भारती संस्कृति सुरक्षा फाउंडेशन ने पौधारोपण कर पर्यावरण मित्रों के साथ मनाया हरेला पर्व

(नैना शर्मा)

देहरादून, हरेला पर्व के शुभ अवसर पर वार्ड 40 इंदिरा नगर कालौनी सीमाद्वार में पार्षद श्रीमती मीरा कठैथ की अध्यक्षता में पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया | जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कैंट विधायक हरबंस कपूर उपस्थित थे, उनके द्वारा पौधारोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया | इसमें विशेष रूप से नीम, पीपल, आंवला आदि के वृक्ष लगाए गए | पौधा रोपण के पश्चात विधायक हरबंस कपूर ने कहा हरेला पर्व पर्यावरण संरक्षण का एक सार्थक प्रयास है |

इस अवसर पर मंडल महामंत्री संतोष कोठियाल, कैप्टन भोपाल चंद, मंडल मंत्री रंजीत सेमवाल, मंडल मंत्री श्रीमती कृष्णा भुवालका, नीतीश भुवालका, आशीष शर्मा, अतुल बिष्ट युवा मोर्चा के संदीप कठैथ, बूथ अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा, पंकज अग्रवाल, हरक सिंह पटवाल, बूथ मीडिया प्रभारी कुमारी नैना शर्मा, श्रीमती लीला राणा, श्रीमती आशा रावत जी भारतीय संस्कृति सुरक्षा फाउंडेशन के प्रदेश सचिव श्री सुनील घिल्डियाल जी आदि उपस्थित थे |

भारती संस्कृति सुरक्षा फाउंडेशन ने पौधारोपण कर पर्यावरण मित्रों के साथ मनाया हरेला पर्व 

देहरादून, प्रदेश में आज हरेला पर्व की धूम रही, लोगों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण संकल्प लिया | हरेला पर्व के अवसर पर भारती संस्कृति सुरक्षा फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कै. भूपाल सिंह एवं इंजीनियर सुनील दत्त घिल्डियाल ने कार्यकर्ताओं और पर्यावरण मित्रों के साथ राज्य को हराभरा बनाने का संदेश देते हुये नीम और पीपल के साथ अन्य प्रजातियों के वृक्षों का रोपण किया | श्रावण मास में प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनायं और बधाई देते हुये कै. भूपाल सिंह ने कहा कि हर परिवार अपने घर के बाहर अगर एक पेड़ लगाता है तो हर सदस्य को आक्सीजन का प्राप्ति होगी और वातावरण भी शुद्ध होगा | इसलिये अवश्य लगाये ताकि धरा हरीभरी बनी रहे |

सावधान! कोरोना की तीसरी लहर के मुहाने पर भारत, WHO प्रमुख ने दी चेतावनी, कहा- सिर्फ वैक्सीन नहीं रोक सकती महामारी

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) की वजह से भारत तीसरी लहर (Third Wave) के नजदीक पहुंच चुका है. पीएम मोदी ने इस पर चिंता जताते हुए आगाह किया है कि कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए लोगों की भागीदारी अहम है. इस बाबत पीएम मोदी ने 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड को लेकर रिव्यू मीटिंग भी की.

हाल के दिनों में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल सहित विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉ ट्रेडोस गेब्रेयेसस ने भी तीसरी लहर को लेकर भारत को आगाह किया है. विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों और वायरस के म्यूटेट होने की वजह से भारत में तीसरी लहर की आशंका को लेकर चेतावनी दे डाली है. विदेशी ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक आशंका हकीकत में तब्दील हो सकती है इसलिए भारतीयों को लगातार सजग रहने की जरूरत है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉ ट्रेडोस गेब्रेयेसस ने जोर देकर कहा कि सिर्फ वैक्सीन के भरोसे महामारी को रोका नहीं जा सकता है. साउथ ईस्ट एशियन रीजन्स में मौत के मामलो में भारत के बाद इंडोनेशिया और बांग्लादेश का नंबर है जहां छह हजार मौतें दर्ज की गई हैं. यूबीएस के मुताबिक, भारत में औसतन 40 लाख डोज रोजाना लगाए जा रहे थे लेकिन अब ये संख्या 34 लाख पर सिमट गई है.

यूबीएस ने भारत की स्थितियों को खतरनाक इसलिए भी बताया है क्योंकि 45 फीसदी कोविड के मामले गांव के इलाकों से आ रहे हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा गया है कि देश के ज्यादातर मामले 20 फीसदी जिलों से आ रहे हैं. यहां दूसरी लहर का प्रकोप खत्म नहीं हुआ है लेकिन तीसरी लहर की झलक दिखाई पड़ने लगी है.

दुनिया के मौजूदा हालात चिंताजनक

दुनिया में सबसे ज्यादा मामले ब्राजील से मिल रहे हैं. यहां 24 घंटों में 57 हजार मामले सामने आए हैं. इंडोनेशिया में 45 फीसदी, ब्रिटेन में 28 फीसदी, अमेरिका में 67 फीसदी और स्पेन में 61 फीसदी तक मामले बढ़े हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉ ट्रेडोस गेब्रेयेसस के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट 6 रीजन के 111 देशों में फैल चुका है और जल्द ही पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ सकती है. वहीं, अल्फा वेरिएंट दुनिया के 178 देशों में, बीटा 123 देशों में और गामा 75 देशों में पाया गया है.

यूएन के मीडिया विंग के मुताबिक कोविड के मामले लगातार चौथे सप्ताह भी उछाल पर हैं. वहीं 10 हफ्तों तक गिरावट के बाद मौत के मामले भी अब बढ़ने लगे हैं. हालांकि यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ने से मौतों की संख्या में कमी आई है. लेकिन दुनिया की विभिन्न जिम्मेदार संस्थाओं द्वारा आगाह किए जाने की वजह से भारत में कोविड की तीसरी लहर को लेकर हलचल तेज हो गई है.

पीएम की चिंता की असली वजह क्या?

पीएम की चिंता की असली वजह वो छह राज्य हैं जहां से कोरोना के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. इन राज्यों में केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा शामिल हैं जहां से कोविड के मामले सबसे ज्यादा दर्ज हो रहे हैं. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा है कि इन राज्यों को प्रो एक्टिव एप्रोच अपनाकर कोविड की तीसरी लहर को रोकने का भरपूर प्रयास करना चाहिए.

पर्यटक स्थलों पर लोगों की भीड़ और उनके द्वारा अपनाए गए तौर तरीकों को लेकर भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है. भारत सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला ने 14 जुलाई को कई राज्यों को चिट्ठी लिखकर मामले की गंभीरता के प्रति आगाह किया है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भारत के लोगों को आगाह करते हुए पिछले दिनों कहा था कि देश में कोविड के तीसरी लहर को लेकर नहीं बल्कि इसको रोकने को लेकर प्रयास किए जाने की जरूरत है.

भारत में फिलहाल आंकड़े तकरीबन 38 हजार के आसपास हैं जो कई सप्ताह से कम होते दिखाई पड़ रहे हैं. लेकिन ये आंकड़े अभी भी खतरों के निशान से ऊपर हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कुल 47 जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पांच फीसदी या उससे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट खतरनाक माना जाता है इसलिए सरकार के लिए इन जिलों के हालात चिंता के सबब बने हुए हैं.

सोना, चांदी खरीदने का सही समय, दोनों के दाम में आई गिरावट

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नई दिल्ली, पीटीआइ। शुक्रवार 16 जुलाई को सोना और चांदी दोनों के दाम सस्ते हो गए। वैश्विक स्तर पर कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को सोना 73 रुपये की गिरावट के साथ 47,319 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। पिछले कारोबार में सोना 47,392 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

आज चांदी के दाम में भी गिरावट रही और यह 196 रुपये सस्ता होकर 68,043 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई, जो पिछले कारोबार में 68,239 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

HDFC Securities, सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज), तपन पटेल के अनुसार, ‘COMEX gold prices में गिरावट के बीच दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 73 रुपये की गिरावट के साथ कारोबार कर रही थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,823 डॉलर प्रति औंस पर और चांदी 26.13 डॉलर प्रति औंस पर सपाट कारोबार कर रही थी।

रुपया

विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर तीन पैसे की गिरावट के साथ 74.57 (अस्थायी) पर बंद हुई। अन्तर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 74.53 पर खुला। कारोबार के दौरान इसने 74.51 के दिन के उच्च स्तर और 74.66 के निम्न स्तर को छुआ और अंत में पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले तीन पैसे की हानि दर्शाता 74.57 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

सोने की वायदा कीमत

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर शाम 5:07 बजे अगस्त, 2021 में डिलिवरी वाले सोने का दाम 224 रुपये यानी 0.46 फीसद गिरकर 48176. रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, अक्टूबर 2021 में डिलिवरी वाले सोने का दाम 268 रुपये यानी 0.55 फीसद गिरकर 48407 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेंड कर रहा था।

चांदी की वायदा कीमत

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर शाम 05:10 बजे सितंबर 2021 में डिलिवरी वाली चांदी की कीमत 488 रुपये यानी 0.70 फीसद गिरकर 69193 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेंड कर रही थी।

आईएएस सुशील कुमार बने कुमायूं के नये कमिश्नर

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देहरादून, आईएएस सुशील कुमार को कुमायूं का नया कमिश्नर बनाया गया है। वे अभी तक सचिव राजस्व, खाद्य आपूर्ति, एवं उपभोक्ता मामले तथा कमिश्नर आबकारी के पद पर कार्यरत थे। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन मोड में हैं और कुछ दिन पहले उन्होंने आईएएस अरविंद सिंह को कुमायूं कमिश्नर के पद से हटा दिया था। अब उनकी जगह आईएएस सुशील कुमार को कुमायूं का नया कमिश्नर तथा आर एस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, नैनीताल का निदेशक बनाया गया है।

हरेला पूर्णता पर्यावरण के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का एहसास कराता है : स्वप्निल

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देहरादून, हरेला पर्व के अवसर पर सामाजिक संस्था जन जागरण अभियान समिति द्वारा युवाओं के साथ ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस गोष्ठी में युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखें। साथ ही संस्था ने या निर्णय किया है कि रविवार के दिन नेहरू कॉलोनी में स्थित एक पार्क में कॉलोनी के कुछ निवासियों के साथ वृक्षारोपण कर वृक्षारोपण के प्रति जन जागरूकता फैलाने का कार्य किया जाएगा।

अपने विचार रखते हुए संस्था के संस्थापक अध्यक्ष स्वप्निल सिन्हा ने बताया कि देवभूमि उत्तराखंड में मनाये जाने वाला हरियाली पर्व हरेला पूर्णता पर्यावरण के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का एहसास कराता है। हमें अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

इस दौरान मोहित भट्ट आशीष नेगी साक्षी रावत तृप्ति नेगी प्रियंका मेहर अपेक्षा जोशी मोनिका कोशवाल वर्णिका पेटवाल रिचल डिसिल्वा और स्वाति रमोला मौजूद रहें।

सीएम धामी से मिले सतीश लखेड़ा, कर्णप्रयाग-गैरसैण ब्लॉकों की सड़कों की स्थिति पर की चर्चा

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देहरादून, भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा में आज उत्तराखंड सदन में माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कर्णप्रयाग- गैरसैंण विकास खंडों की सड़कों के संबंध में चर्चा की और इस आशय का उन्हें पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वे शीघ्र इन सड़कों का संज्ञान लेंगे।

इस मौके पर सतीश लखेड़ा ने कहा कि क्षेत्र के लोग अनेक सड़कों के लिए लंबे समय से जन आंदोलन चल रहे हैं और वे आज भी विकास से कोसों दूर हैं। कुछ सड़कें विभिन्न अनापत्तियों के कारण शासन में रुकी हुई हैं। कुछ सड़कों के लिए समस्त औपचारिकताएं तो हो गई है किंतु धन जारी नहीं हुआ है अतः प्राथमिकता से जनहित में इन सभी पर शीघ्र कार्य किया जाना आवश्यक है।

लखेड़ा ने कर्णप्रयाग विकासखंड के ग्वाड़ से धनपुर मोटर मार्ग, सिन्द्रवाणी से सकण्ड मोटर मार्ग तथा उमट्टा – बरसाली- मैखुरा मार्ग के निर्माण हेतु मुख्यमंत्री जी का ध्यान दिलाया।

सतीश लखेड़ा ने कहा निरंतर जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं और मीडिया द्वारा भी इन मार्गों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया है। उन्होंने गैरसैण विकासखण्ड के खेतगधेरा से केड़ा-पंडाव मार्ग, कण्ड से बूराखोली मार्ग, खेती- रंडोली- बेनीताल मार्ग के शीघ्र निर्माण का अनुरोध किया साथ ही मालकोट से सेरा तेवाखर्क मार्ग आंदोलन के बारे में बताया और इस मार्ग की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने मैखोली- खिनसर- अक्षवाड़ा मोटर मार्ग, कोठा बैंड से दमदड़ मोटर मार्ग के शीघ्र निर्माण हेतु मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि जिन मार्गों पर संपूर्ण औपचारिकताएं हो चुकी है उनका प्राथमिकता से निर्माण प्रारंभ किया जाए। जिनकी शासन में अनापत्तियों को लेकर फाइल रुकी है, इस हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं और नई सड़कों के लिए शीघ्र ही सर्वे करके धन आवंटित किया जाए।

ग्लोबल वार्मिंग से पूरे विश्व को बचाने के लिए वृक्षारोपण और उनका संरक्षण आवश्यक : डॉ. वशिष्ठ

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रुद्रप्रयाग, हरेला पर्व की उत्तराखण्ड़ में धूम रही, सभी जिलों में सामाजिक. शैक्षिक और सरकार की ओर वृक्षारोपण किया गया, हरेला पखवाड़ा के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज मणिपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेश प्रसाद वशिष्ठ के निर्देशन में वृहद वृक्षारोपण किया गया। जिसके अंतर्गत फलदार पेड़ों तथा औषदीय पौधों को लगाया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी श्री वशिष्ठ जी द्वारा स्वयं सेवकों को वृक्षारोपण के लाभ के बताये साथ ही ग्लोबल वार्मिंग से पूरे विश्व को बचाने के लिए वृक्षारोपण एवं उनका संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए तथा प्रत्येक पौधे को संरक्षित रखने की जिमेदारी स्वयंसवेकों को दी गयी। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री एम एस रावत , वरिष्ठ अध्यापक श्री सजवाण जी , मैडम भारती, अंजेश कुमार जी, श्रीमती ललिता रौतेला, विनय करासी, अविनाश सिंह, सोनम पंवार, पूजा मैडम, आदि उपस्थित थे।

हरेला पर्व पर गुरुकुल में किया गया औषधीय पौधों का रोपण

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हरिद्वार 16 जुलाई (कुलभूषण ) गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग मे हरेला पर्व के अवसर पर बृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के अवसर पर विभाग मे विभिन्न प्रजाति के औषधीय पादपों का रोपण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संकाय के     संकायाध्यक्ष   प्रो आर सी दुबे ने वेद मन्त्रों के साथ बृक्षारोपण कर के किया। इस मौके पर उन्होने कहा कि वैदिक काल से ही भारतीय परम्परा मे बृक्षों के औषधीय एवं प्राणॉपयोगी गुणों के कारण इनको पूजनीय बताया गया है

विभाग्ध्यक्ष डा सतेन्द्र राजपूत ने    कहा कि बृक्ष ही प्राण वायु को उत्पन्न करते है इसलिये समस्त खाली भूमि पर अधिकाधिक बृक्षारोपण किया जाना चाहिये।

इस कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने हमेशा से ही प्रकृति का हर रूप मे संरक्षण किया है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा सुनील कुमार ने कहा कि हरेला उत्तराखंड का एक लोक पर्व है जो कि सम्पूर्ण उत्तराखंड मे मनाया जाता हैए उत्तराखंड हमेशा से ही प्रकृति के साथ सामन्जस्य बना कर रहने के लिये जाना जाता है। उन्होने आह्वान किया कि अधिकाधिक मात्रा मे बृक्षारोपण करें।
कार्यक्रम  में  प्रो एल पी पुरोहित डा श्वेतांक आर्य डा दीन दयाल  विनोद नौटियाल प्रिंस प्रशांत शर्मा अश्वनी कुमारएदीपक नेगीएराहुल सिंहएआशीष पाण्डेय रोशन लाल आदि उपस्थित रहे।