Wednesday, June 18, 2025
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जोशीमठ : बदरीनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने निकाली रैली, पुतला फूंककर जताया विरोध

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“जल्द उत्तराखंड देवस्थानम्
बोर्ड को भंग नहीं किया जाता है तो मंदिर प्रांगण में अनिश्चितकालीन धरना होगा शुरू”

चमोली (जोशीमठ), केदारनाथ के बाद अब बदरीनाथ धाम में भी उत्तराखंड देवस्थानम् बोर्ड का विरोध शुरू हो गया है। तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने बदरीनाथ धाम में रैली निकालकर बोर्ड का पुतला फूंका।तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि सरकार जल्द बोर्ड को भंग नहीं करती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में होने वाली पूजा के लाइव प्रसारण की योजना का भी विरोध किया। बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकघारी शुक्रवार की सुबह विजय लक्ष्मी चौक पर इकट्ठा हुए। यहां से वे जुलूस की शक्ल में बदरीनाथ धाम परिसर में पहुंचे। स्थानीय हक हकूकधारी, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ, डिमरी पंचायत, मेहता थोक, भंडारी थोक, मालाकोटि, माणा थोक के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने आस्था पथ से मंदिर परिसर तक बोर्ड के विरोध में रैली निकाली।

रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष उमानंद सती का कहना है कि बोर्ड के गठन के बाद से ही इसका विरोध हो रहा है, लेकिन सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है।

बोर्ड हक-हकूकधारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखना चाहता है। बदरीनाथ धाम से पूजा के लाइव प्रसारण का भी विरोध किया जाएगा। रैली निकालने के बाद देवस्थानम बोर्ड का पुतला फूंका गया। चेतावनी दी गई कि यदि जल्द बोर्ड को भंग नहीं किया जाता है तो मंदिर प्रांगण में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया। इस दौरान ब्रहम कपाल से उमेश सती, विनोद हटवाल, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता विकास जुगरान ने बदरीनाथ धाम की पूजा के लाइव प्रसारण का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा धार्मिक परंपराओं से छेड़छाड़ कर रही है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी। सत्ता में आते ही कांग्रेस देवस्थानम बोर्ड को भंग कर देगी।

केदारनाथ में भी चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहितों का आंदोलन 34वें दिन भी जारी रहा। मंदिर परिसर में धरना देते हुए तीर्थपुरोहितों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शुक्रवार को आचार्य संजय तिवारी के नेतृत्व में तीर्थपुरोहितों ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के विरोध के लिए आंदोलन को नई रूपरेखा के साथ तेज कर दिया गया है, केदारघाटी के बाजारों व कस्बों में समय-समय पर रैली का आयोजन कर धरना दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार पर केदारनाथ समेत चारधाम के तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि आपदा के बाद राज्य व केंद्र सरकार द्वारा केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है लेकिन प्रभावितों की सुध नहीं ली गई है।

नियमित शिक्षकों ने वरिष्ठता केस में दायर की कैविएट

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देहरादून, शासन ने तदर्थ से नियमित हुए शिक्षकों का नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता का दावा खारिज कर दिया है। लोक सेवा अभिकरण एवं हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के आधार पर शिक्षा सचिव ने बीते मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए थे। इसके बाद तदर्थ शिक्षक दोबारा हाई कोर्ट की शरण में जाकर इस आदेश पर स्टे लेने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले ही सीधी भर्ती के नियमित शिक्षकों ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में कैविएट दायर कर दी है। नियमित शिक्षक अब इस बात को लेकर आश्वस्त हो गए हैं कि उनका पक्ष सुने बिना आदेश पर स्टे नहीं लगेगा।

दरअसल, एक अक्टूबर 1990 से पहले तदर्थ रूप से नियुक्त शिक्षकों ने हाई कोर्ट में केस दायर कर नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग की थी। वर्ष 2019 में कोर्ट ने इन शिक्षकों का तर्क सही पाया एवं नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता देने का आदेश दिया। उधर, सीधी भर्ती के नियमित शिक्षकों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट और लोक सेवा अभिकरण का दरवाजा खटखटाया। राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय राजपूत ने कहा कि जब तदर्थ शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति 1999 से मानी गई है तो, नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता का कोई औचित्य नही | उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हाईकोर्ट में इस केस में कैविएट दायर कर दी है। अब इस केस में कोई भी फैसला होने से पहले नियमित शिक्षकों का पक्ष भी सुना जाएगा। राजकीय शिक्षक संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश कोटनाला ने कहा कि शासन के ताजा फैसले से प्रदेश के हजारों शिक्षकों की वरिष्ठता सुरक्षित हुई है। अब लंबे समय से हेड मास्टर पदों पर रुकी पदोन्नति की प्रक्रिया भी जल्द पूरी हो जानी चाहिए।

ॠषिकेश : त्रिवेणी घाट पर हुक्का पीकर हुड़दंग करने के आरोप, तीन लोग गिरफ्तार

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ऋषिकेश, त्रिवेणी घाट पर सार्वजनिक रूप से हुक्का पीकर हुड़दंग करने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया है।

कोतवाली पुलिस के अनुसार डीजीपी के निर्देश पर तीर्थ नगरी में ऑपरेशन मर्यादा चलाया जा रहा है। जिसके तहत सार्वजनिक और गंगा किनारों पर खुलेआम धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में त्रिवेणी घाट पर हुक्का पी कर तीन लोगों के हुड़दंग करने की सूचना पुलिस को मिली। तत्काल मौके पर पहुंचकर त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी ने हुड़दंग करने वालों को गिरफ्तार कर लिया। जिनके कब्जे से हुक्का भी पुलिस ने बरामद किया है।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। उन्होंने लोगों और पर्यटकों से तीर्थ नगरी की मर्यादा को तार-तार नहीं करने की अपील की है। चेतावनी भी दी यदि मर्यादा टूटी तो कोतवाली की हवा खानी ही पड़ेगी। ऑपरेशन मर्यादा के दौरान त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी उत्तम रमोला कॉन्स्टेबल विपिन कुमार अनिल चौधरी और अनूप रावत ने अपनी अहम भूमिका निभाई। डीजीपी अशोक कुमार ने त्रिवेणी घाट पर हुड़दंग करने वालों को गिरफ्तार करने पर पुलिस टीम की पीठ थपथपाई है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि मर्यादा तोड़ने वालों के खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पुलिस को कहा है कि किसी के दबाव में आकर इस प्रकार की हरकतें करने वालों को छूट नहीं मिलनी चाहिए।

Rahul Disha dance: वेडिंग रिसेप्शन में राहुल-दिशा का स्वैग

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The Dishul Wedding: सिंगर राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) की शादी शुक्रवार (16 जुलाई) को धूमधाम से हो गई. शादी के बंधन में बंधने के बाद कपल ने शुक्रवार शाम को वेडिंग रिसेप्शन दिया (Rahul Vaidya-Disha Parmar Reception), जिसमें आए मेहमानों और दोस्तों के साथ खुद दूल्हा-दुल्हन ने भी खूब मस्ती की. दिन में हुई शादी में सुर्ख लाल जोड़े में दिखीं दिशा ने रिसेप्शन में इंडो वेस्टर्न साड़ी ड्रेस का चुनाव किया, जिसमें वह बेहद खूबसूरत नजर आ रही थीं. वहीं, दूल्हे राजा ने राहुल वैद्य ने सिल्वर ब्लेजर के साथ ब्लैक का कॉम्बिनेशन में सूट वेयर किया था. इस दौरान नई नवेली दुल्हन का स्वैग (Disha Swag) भी दिखाई दिया. उन्होंने साड़ी के साथ जूते पहने थे.

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शादी की खूबसूरत तस्वीरों को बाद राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) के वेडिंग रिसेप्शन की तस्वीरें और वीडियोज भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. कपल ने अपने खास दिन को और स्पेशल बनाने के लिए स्टेज पर डांस परफॉर्मेंस दी थी, जिसमें दोनों जमकर नाचे.राहुल वैद्य-दिशा परमार

रायवाला : गेट मीटिंग कर सरकार पर बरसे ऊर्जा निगम कार्मिक, 27 जुलाई मध्य रात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान

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रायवाला(देहरादून)। लंबे समय से विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत ऊर्जा निगम कार्मिकों ने 27 जुलाई मध्य रात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। गेट मीटिंग में वक्ता सरकार की नीति पर जमकर बरसे और कार्मिकों की लगातार अनदेखी का आरोप लगाया।

चीला विद्युत गृह में शनिवार को ऊर्जा कार्मिकों की गेट मीटिंग हुई। सभा की अध्यक्षता करते हुए इंजीनियर मोहम्मद अनीश ने कहा कि ऊर्जा निगम के कार्मिक पिछले चार साल से एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू करने, उपनल के माध्यम से कार्योजित कार्मिकों के नियमितीकरण और समान कार्य हेतु समान वेतन को लेकर लगातार शासन-प्रशासन से वार्ता कर रहे हैं, लेकिन सरकार अनदेखी कर रही है।

इंजीनियर पूर्ण सिंह राणा ने कहा कि सरकार ऊर्जा कार्मिकों से बात करने को तैयार नहीं है। हठधर्मिता के चलते पूर्व में 22 दिसंबर 2017 को हुए समझौते को आज तक लागू नहीं किया गया। संघर्ष मोर्चा के चीला अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पुरोहित अब निर्णायक आंदोलन होगा। कर्मचारियों की मांग न मानी गयी तो वह उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि 27 जुलाई आधी रात से संपूर्ण हड़ताल की जाएगी।
इस दौरान विवेक कुमार, विकास उपाध्याय, नरेंद्र बिष्ट, जगदीश उपाध्याय, राजेश, दीपक, इमरान, अरविंद चौरसिया, चांद कुमार, मीनाक्षी बसेड़ा, संगीता बमराडा, दीपक गिरि, लोकेंद्र भंडारी, विक्रम सिंह, विजय भदूला, गोपाल रावत आदि रहे।

प्रोफेसर ए.एन. पुरोहित द्वारा लिखित “A Journey into the Unknown” पुस्तक का विमोचन

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देहरादून, प्रोफेसर ए.एन. पुरोहित द्वारा लिखित “A Journey into the Unknown” पुस्तक का विमोचन विज्ञान धाम परिसर में किया गया। प्रो.ए.एन. पुरोहित एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं, के द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन *Tete-a-Tete* के माध्यम से डा. राजेन्द्र डोभाल, महानिदेशक, यूकॉस्ट द्वारा किया गया। डा. डोभाल भी एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं, जो प्रो. पुरोहित के साथ निकटता के साथ जुड़े थे।

डॉ. डोभाल ने इस पुस्तक में उल्लिखित प्रोफेसर पुरोहित के बारे में कुछ शैक्षिक और प्रेरणादायक तथ्यों पर प्रकाश डाला। प्रो. पुरोहित ने अपनी अब तक की पूरी यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को कड़ी मेहनत करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन से संतुष्ट हैं और इस स्तर पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये

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देहरादून,

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने लाभार्थी महिलाओं को महालक्ष्मी किट का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने चयनित लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये। पूरे राज्य में समस्त जनपदों के कुल 16929 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता का परिणाम है कि इस अभियान से व्यापक जनजागरूकता आई है। इससे लिंगानुपात मे सुधार भी देखने को मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने आस पास देखें तो पाएंगे कि बेटों की बजाय बेटियां माता पिता का अधिक ख्याल रखती हैं। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ बेटियों ने सफलता न पाई हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना बेटियों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण योजना है।  जल्द ही मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू करने जा रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि हमें बेटियों को आगे बढाने के लिए दोहरी मानसिकता को खत्म करना है। प्रकृति और संविधान ने समानता का संदेश दिया है। इसलिए बेटियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। महिला-पुरूष का समाज में समान महत्व है। भेदभाव की सोच को समाप्त करना है।

प्रसवोपरांत मातृ व कन्या शिशु के पोषण और अतिरिक्त देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं/जुङवा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है।

इस अवसर पर सचिव श्री हरि चंद्र सेमवाल व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना मे आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख / शर्ते :
1. आंगनवाडी केंद्र पर पंजीकरण
2.सरकारी अथवा प्राइवेट माता-शिशु रक्षा कार्ड की प्रति (MCP कार्ड)
3. संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र (यदि किसी आकस्मिक कारणवश रास्ते में या घर में प्रसव है हुआ है तो तद्विषयक आंगनवाडी कार्यकर्त्री/ मिनी कार्यकर्त्री/आशा वर्कर / चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पत्र )
4. परिवार रजिस्टर की प्रति
5. प्रथम द्वितीय / जुड़वाँ कन्या के जन्म हेतु स्वप्रमाणित घोषणा
6. नियमित सरकारी /अर्धसरकारी सेवक तथा आयकरदाता न होने विषयक प्रमाण पत्र |

एम्स में स्थापित हो रहा नया ऑक्सीजन प्लांट,1000 लीटर प्रति मिनट होगी उत्पादन क्षमता

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ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हवा से ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला ’पीएसए ऑक्सीजन प्लांट’ स्थापित किया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर यह प्लांट कोविड मरीजों के उपचार में विशेष लाभकारी साबित होगा। काफी हद तक संभावना है कि एक माह के भीतर प्लांट से ऑक्सीजन का उत्पादन होने लगेगा।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी की देखरेख में गंभीर किस्म के रोगियों के इलाज हेतु सुविधाओं में इजाफा करते हुए एम्स ऋषिकेश अब स्वयं ही मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा। इस सुविधा को शुरू करने के लिए डीआरडीओ की मदद से संस्थान में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। पीएसए ( प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन ) तकनीक आधारित इस प्लांट से चौबीस घंटे प्रति मिनट 1000 लीटर ऑक्सीजन गैस का उत्पादन होगा।

इस बाबत जानकारी देते हुए ऑक्सीजन प्लांट प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने में यह प्लांट विशेष लाभकारी साबित होगा। अभी तक एम्स में भर्ती मरीजों के उपचार के लिए बाह्य क्षेत्र से लिक्विड ऑक्सीजन मंगाकर उसे स्टोर करने की व्यवस्था है और फिर उसे गैस में परिवर्तित कर पाइपलाइन के माध्यम से अस्पताल के विभिन्न वार्डों तक पहुंचाया जाता है। उन्होंने बताया कि पीएम केअर फंड से तैयार हो रहे इस प्लांट से एक महीने के भीतर ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में मौजूदा समय में 30 हजार लीटर क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को यहीं से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। नए ऑक्सीजन प्लांट के स्थापित होने से 15 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सप्लाई पर एक ही समय में 64 वेन्टिलेटर अतिरिक्त तौर से संचालित किए जा सकेंगे और ऑक्सीजन सप्लाई की क्षमता पहले की अपेक्षा अब डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगी।

मानसून के ठहरे कदमों से शहर का पारा चढ़ा

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ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। मानसून के कदम ठहर जाने से शहर का पारा चढ़ने लगा है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ, जो सामान्य से 7.6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। सूरज ने नमी को सोख लिया। इसे दिन में लू जैसे हालात रहे। गर्म हवा के थपेड़ों बेहाल कर दिया। सूरज ने हवा से नमी को सोख लिया। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में हलके बादल छाने के आसार जताए हैं। 18 जुलाई को हलकी के मध्यम बारिश हो सकती है। ग्वालियर प्रदेश में सबसे गर्म रहा।

मानसून सीजन के 46 दिन बीत गए है, लेकिन मानसून के कदम आगे नहीं बढ़ रहे हैं। यह पूर्वी व दक्षिण मध्य प्रदेश तक बारिश कर कमजोर पड़ रहा है। कोई प्रभावी सिस्टम ग्वालियर तक नहीं आया, जिससे बारिश हो सके। बारिश नहीं होने से हर कोई प्रभावित हो गया है। गर्मी से ज्यादा परेशान हैं। मौसम विभाग जितने भी पूर्वानुमान जारी कर रहा है, वह गलत साबित हो रहे हैं। छह साल में जुलाई का तीसरा सप्ताह सबसे गर्म रहा है और बारिश भीं नहीं हुई है। बरसने वाले बादल भी नहीं आ रहे हैं। गत दिवस तापमान 39.8 डिसे रिकार्ड हुआ। इसमें उछाल आने से 41.4 पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान भी 29.6 रिकार्ड हुआ,जो सामान्य से 4.1 डिसे रिकार्ड हुआ। रात में भी गर्मी बेहाल कर रही है।

इन कारणों से नहीं बरस पानी

– मानसून ट्रफ लाइन के सहारे हवा में नमी आती है। 10 जुलाई से पहले मानसून ट्रफ लाइन आधी बन रही थी। पू्र्वी उत्तर प्रदेश तक ही खत्म हो रही थी। वैसे यह बंगाल की खाड़ी से राजस्थान तक बनती है। वर्तमान में यह दक्षिण भारत की ओर खिसक गई है। ग्वालियर-चंबल में नमी नहीं आ रही है।

– चक्रवातीय घेरे ग्वालियर चंबल संभाग से काफी दूर बन रहे हैं। इनका प्रभाव संभाग के ऊपर नहीं हो पा रहा है।

– कम दवाब के क्षेत्र आध्र प्रदेश तट पर बना था। दूसरा अरब सागर में गुजरात तट पर बना है। ये कम दवाब के क्षेत्र काफी नीचे हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग की दूरी अधिक है। उत्तर भारत की ओर कम दवाब के क्षेत्र नहीं बढ़ रहे हैं।

18 जुलाई को आस

-मौमस विभाग ने 18 जुलाई को बारिश के आसार जताए हैं। मानसून ट्रफ लाइन भी अगले 24 घंटे में सामान्य स्थिति में आ जाएगी, जिससे नमी का आना शुरू हो जाएगा। इस कारण 18 से 19 जुलाई के बीच बारिश का पूर्वानुमान है।

-यदि 18 व 19 जुलाई को मानसून धोखा दे गया तो बारिश का एक सप्ताह इंतजार करना होगा।

अधिकतम तापमान-41.4 डिसे

न्यूनतम तापमान-29.6 डिसे

समय तापमान

05:30 30.4

08:30 33.4

11:30 38.0

14:30 40.2

17:30 39.0

संभाग के जिलों में बारिश की स्थिति

ग्वालियर: -55%

भिंड: -58%

शिवपुरी: -43%

श्योपुर: -52%

दतिया: -57%

मुरैना: -67%

अागे क्या

न्यूनतम तापमान सामान्य से 4 से 5 डिसे अधिक होने से सुबह से उमस रहेगी। दोपहर में भी तपन बढ़ेगी। शाम को बादल छाने के अासार हैं। स्थानीय प्रभाव से बारिश की भी संभावना बनेगी।

सामाजिक व लोक मान्यताओं का पर्व ‘हरेला’ कुमाऊं क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया

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(चन्दन सिंह बिष्ट)
नैनीताल, उत्तराखंड की धरती पर ऋतु के अनुसार कई अनेक पर्व मनाए जाते हैं । ‘हरेला’ चैत्र मास में प्रथम दिन बोया जाता है तथा एकादशी को काटा जाता है । यह पर्व हमारी संस्कृति को उजागर करते हैं वही पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हैं । श्रावण मास में सावन लगने से 11 दिन पहले असाड में बोया जाता है और 11 दिन बाद श्रावण के प्रथम दिन काटा जाता है इन्हीं खास पर्व में शामिल है है

‘हरेला’ जो उत्तराखंड में एक लोक पर्व के रूप में मनाया जाता है हरेला शब्द का अर्थ है हरियाली यह पर्व वर्षों में तीन बार आता है पहला चैत के महीने दूसरा श्रावण में तथा तीसरा हरेला अश्विन मास में मनाया जाता है अश्विन मास में नवरात्र के पहले दिन बोया जाता वह दशहरा के दिन काटा जाता है ।

उत्तराखंड के लोगों द्वारा श्रावण मास में पढ़ने वाले हरेले को अधिक महत्व दिया जाता है हरेला बोने से 11 दिन पहले 5या 7 तरह के अनाज के बीच एकत्रित किए जाते हैं उसके बाद 10वें दिन इनकी लोहे की आई से गुड़ाई की जाती है । वह 11 दिन हरेले को रीति रिवाज के साथ काटा जाता है । माना जाता है घर के बुजुर्ग सुबह पूजा पाठ करके हरेले को सबसे पहले देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है ।इसके बाद घर के सभी सदस्यों को हरेला पूजा जाता है वह आशीर्वाद में यह कहा जाता है जी रया जागि रया यो दिन मास भेटनै रया हराया इसका मतलब है कि आप जीते जीते- जागते रहें हर दिन महीनों से भेंट करते रहें ।

यह आशीर्वाद हरेले के दिन परिवार के बुजुर्ग सदस्य परिवार के सदस्यों को हरेला पूजते समय देते हैं । फिर हरेले को सिर में रखते हैं जो उत्तराखंड को परंपरा आज भी कायम है हरेला उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है अश्विन महीने की नवरात्र में बोए जाने वाला हरेला सर्दी के आने की सूचना देता है श्रावण मास में मनाया जाने वाला हरेला सामाजिक रूप में अपना विशेष महत्व रखता है जिस कारण यह त्यौहार अधिक धूमधाम से मनाया जाता है ।