Wednesday, April 30, 2025
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उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा हड़ताल पर अड़ा, शासन मनाने में जुटा, हड़ताल टलने की संभावना कम

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देहरादून, उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा छह अक्टूबर (कल) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर अडिग है। सोमवार को उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करते हुए स्पष्ट किया कि ऊर्जा के तीनों निगम प्रबंधन व शासन कार्मिकों को निरंतर गुमराह कर रहा है।

शासन व निगम स्तर से वार्ता के बाद भी मांगों पर कोई सहमति न बन पाने की दशा में हड़ताल को टाले जाने की फिलहाल कोई सूरत नहीं दिख रही। हालांकि, संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल की मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू के साथ देर रात तक वार्ता जारी थी।

बिजली कार्मिकों की हड़ताल को देखते हुए शासन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को बिजली सब-स्टेशनों की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, एई-जेई की भर्ती भी शुरू कर दी है। यह तैयारी भी बताती है कि हड़ताल को टाला जाना संभव नहीं।

हड़ताली कार्मिकों की पुरानी ऐसीपी व्यवस्था, पुरानी पेंशन बहाली, संविदा कर्मियों के नियमितीकण जैसी मांगों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि सरकार कार्मिकों की जायज मांगों को मानने की जगह अप्रशिक्षित कार्मिकों की ड्यूटी बिजली निगमों में लगाने पर तुली है। तमाम अन्य विभागों के अधिकारियों को भी ऊर्जा उत्पादन व आपूर्ति जैसे संवेदनशील कार्यों में लगाने की तैयारी की गई है।दूसरी तरफ, बिजली कार्मिकों के समर्थन में आने वाले संगठनों की संख्या बढ़ती जा रही है |
उत्तराखंड शिक्षक अधिकारी कर्मचारी महासंघ, उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग डिप्लोमा इंजीनियर संघ, उत्तरांचल पेयजल निगम डिप्लोमा इंजीनियर संघ, उत्तरांचल इंजीनियर्स फेडरेशन समेत नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रीसिटी इंपलाइज एंड इंजीनियर्स आंदोलन के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं।

डीजल को लेकर बढ़ती जा रही है उद्योग जगत व ट्रांसपोर्टरों की चिता

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Petrol-diesel-prices

गुरुग्राम: डीजल के बढ़ते रेट से उद्योग एवं ट्रांसपोर्ट जगत की चिताएं लगातार बढ़ती ही जा रहीं हैं। डीजल एवं पेट्रोल को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से चल रही है। उद्यमियों एवं ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इससे उनका खर्च बढ़ता जा रहा है। ट्रांसपोर्टर माल ढुलाई का भाड़ा बढ़ाने का दबाव उद्यमियों पर बना रहे हैं। उद्यमी इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऐसा इसलिए कि औद्योगिक वातावरण लगातार नकारात्मक वातावरण से गुजर से रहा है। गुरुग्राम में रविवार को डीजल का प्रति लीटर रेट 91.49 रुपये तक पहुंच गया है।

औद्योगिक इकाइयों में विभिन्न कामों के लिए डीजल का इस्तेमाल किया जाता है। इससे जहां एक ओर उनका उत्पादन लागत बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर माल ढुलाई के भाड़े में वृद्धि हो रही है। उद्यमियों और ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि जिस प्रकार से डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं उससे देखकर लग रहा है आने वाले कुछ ही दिनों में यह लगभग 100 रुपये के स्तर तक पहुंच जाएगा। ट्रांसपोर्टर नवीन यादव का कहना है कि लंबी दूरी की माल ढुलाई करने में आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। डीजल और सीएनजी की बढ़ती कीमत के अनुसार माल भाड़ा बढ़ाने की मांग लगातार उद्यमियों से की जा रही है। वर्तमान में उनकी भी हालत ऐसी नहीं है कि वह इसके अनुसार माल ढुलाई के भाड़े में वृद्धि करते जाएं।

हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर बताते हैं कि पिछले माह लखनऊ में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक से उम्मीद की जा रही थी कि पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा मगर ऐसा नहीं हो सका। इनका कहना है कि अलगी बैठक में इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। औद्योगिक कच्चे माल की बढ़ती कीमत के कारण उद्यमी पहले से ही परेशान हैं ऐसे में डीजल का भी रेट बढ़ता गया तो फेस्टिवल सीजन में भी उद्योग उभर नहीं पाएंगे।

इस स्कीम के तहत खाता खोलने पर मिल रहा है बेहतर ब्याज का लाभ, जानें डाकघर की इस योजना के बारे में

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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप छोटी बचत योजनाओं में अपना पैसा जमा करना चाह रहे हैं, तो डाकघर की स्माल सेविंग योजनाएं आपको लिए सबसे बेहतर ऑप्शन में से एक साबित हो सकती हैं। इंडियन पोस्ट स्माल बचत योजनाओं के तहत पैसा जमा करने वालों के लिए नौ स्माल सेविंग स्कीम की पेशकश करता है। डाकघर की इन्हीं योजनाओं में से एक है, डाकघर मासिक आय योजना खाता (एम आई एस)​। इसके तहत जमा पर जमाकर्ता को ना केवल बेहतर ब्याज दर का लाभ मिलता है, बल्कि सरकारी सुरक्षा भी हासिल होती है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में।

कौन खोल सकता है अपना खाता

इसके तहत कोई भी 1 साल से अधिक की उम्र का भारतीय नागरिक अपना खाता खुलवा सकता है। यदि किसी का मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं है, तो उसके अभिभावक की तरफ से खाता खोला जा सकता है। इसके तहत ज्वाइंट अकाउंट खोलने की सुविधा भी दी जाती है।

क्या है डिपॉजिट की रकम

इसके तहत कम से कम 1000 रुपए और उसके बाद 100 रुपए की रकम को जमा करके खाता खोला जा सकता है। एकल खाते में अधिकतम 4.5 लाख रुपए और संयुक्त खाते में अधिकतम 9 लाख रुपए तक की रकम डिपॉजिट की जा सकती है।

ब्याज की दर

इसके तहत जमा पर आपको सालाना 6.6 फीसद ब्याज दर का लाभ हासिल होता है। हालांकि इस योजना के तहत जमाकर्ता को मिलने वाला टैक्स योग्य होता है। अगर खाताधारक की तरफ से, हर महीने देय ब्याज का दावा नहीं किया जाता है तो, इस तरह का ब्याज पर कोई अतिरिक्त ब्याज अर्जित नहीं होगा।

क्या है मेच्योरिटी पीरियड

इस योजना के तहत मेच्योरिटी पीरियड, खाता खोलने की तारीख से 5 साल तक निर्धारित किया गया है। ब्याज खाता खोलने की तिथि से एक माह के पूरा होने पर व परिपक्वता तक देय होगा। हालांकि, इस खाते को संबंधित डाकघर में पास बुक के साथ निर्धारित आवेदन पत्र जमा करके समय से पहले बंद किया जा सकता है।

Amazon और Flipkart सेल में जमकर करें खरीदारी! सामान गड़बड़ तो करें यहां शिकायत

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नई दिल्ली. देश में अमेजन और फ्लिपकार्ट (Amazon and Flipkart sale) पर जबरदस्त सेल चल रहा है. महीने भर चलने वाले इस फेस्टिव सीजन सेल में लोकप्रिय मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट, वियरेबल्स, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स पर सैकड़ों डील्स हैं. Amazon की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल 2021 और Flipkart Big Billion Days भी शुरू हो चुका है. ऐसे में ग्राहकों को चुनिन्‍दा ऑफर चुनने के बाद अगर किसी भी तरह की कोई समस्या आती है तो वह मोदी सरकार के नए कानून का भी सहारा ले सकते हैं. बता दें कि इन ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों (Online Shopping) के तमाम ऑफर्स और फायदों के बीच उपभोक्ताओं (consumers) को सतर्क रहने की विशेष जरूरत होगी. फेस्टिव सीजन (Festive Season online sale) सेल न सिर्फ ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए त्योहार की तरह होता है बल्कि ग्राहकों के लिए भी ये किसी त्योहार से कम नहीं है.

फेस्टिव सीजन सेल के दौरान उपभोक्ता इन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर थोक के भाव सामान खरीदते हैं. ऐसे में मोदी सरकार (Modi Government) का नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 (Consumer Protection Act 2019) ग्राहकों को काफी मजबूत करेगा. ब्रांडेड कंपनियों के द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग में भी अब उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू होगा. ऐसे में इन कंपनियों को ऑफर और सेल में भी उपभोक्ताों को वापसी और कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार होगा.

ई-कॉमर्स कंपनियों पर इस कानून का कसेगा शिकंजा
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए दंड व जुर्माना भी कानून के प्रावधानों के तहत होगा. विक्रेता द्वारा कहीं भी अधिकतम अंकित मूल्य यानी एमआरपी से अधिक दाम लेने पर कार्रवाई की जा सकती है.

उपभोक्ताओं का क्या अधिकार देती है नया कानून
बता दें कि ई-कॉमर्स वेबसाइट का जाल अब बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक पहुंच गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने 20 जुलाई, 2020 से पूरे देश में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू कर दिया है. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ताओं को कई तरह के अधिकार मिल गए हैं. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 ग्राहक को उन कंपनियों से भी लड़ने का ताकत देता है, जो पहले के उपभोक्ता कानून में नहीं था.

क्यों पहले के कानून से यह कानून अलग है
उपभोक्ता अधिनियम 1986 में अगर सामान में कोई दिक्कत आ जाती तो उसको बदलने में कंपनियां टालमटोल करती थीं, लेकिन नए उपभोक्ता कानून में ऐसा नहीं होगा. इसके साथ ही भ्रामक विज्ञापन और ग्राहकों को ठगने वाली कंपनियों पर लगाम कसी जाएगी. नए उपभोक्ता कानून में ग्राहक अपना हक कई तरह से ले सकते हैं.

 

सेल पर भी कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू होगा?
खासतौर पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में सेल में बिकने वाली चीजों पर भी कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू होगा. अगर किसी ब्रांडेड कंपनी की सेल है और ग्राहकों को कंपनियां बिल या रशीद देती है तो उस पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो सकता है. लेकिन, जो विक्रेता न रशीद देता और न ही बिल तो उनके खिलाफ मामला साबित करना कमिशन के लिए मुश्किल होगा. अगर रशीद या बिल में पहले से ही टर्म्स एंड कंडिशंस अप्लाई लिखा होता है तो इस परिस्थिति में कमिशन कंपनी के नियम और शर्तों को कितना तवज्जो देगा यह कमिशन फैसला करता है.

दुनियाभर में डाउन हुआ Whatsapp, Facebook और Instagram, यूजर्स हुए परेशान

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वाट्सऐप (Whatsapp), फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) दुनियाभर में डाउन हो गया है. सोमवार रात करीब 9 बजकर 15 मिनट पर तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डाउन हो गए जिससे यूजर्स को काफी परेशानी हो रही है. जानकारी के मुताबिक तीनों प्लेटफॉर्म का सर्वर डाउन हो गया है.

बताया जा रहा है कि भारत समेत कई देशों में लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से ट्विटर पर भी लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं. खबर लिखे जाने तक तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एरर शो कर रहे हैं. वाट्सऐप में जहां मैसेज भेजने या प्राप्त करने में समस्या आ रही है तो वहीं इंस्टाग्राम में भी फीड रिफ्रेश नहीं हो रही है. इसके अलावा फेसबुक पेज भी लोड नहीं हो पा रहा है.

 

कानूनी प्रतिबधिंत होने के बावजूद हर स्थान पर सरल से मिल रही है पॉलीथिन:  एम सी मेहता

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हरिद्वार 4 अक्टूबर कुलभूषण देवनगरी हरिद्वार में पॉलिथीन कानूनी रूप से प्रतिबंधित होने के बावजूद भी आखिर यह हर गलीए चौराहे पर इतनी सरलता से कैसे मिल रही हैघ् यह ज्वलंत प्रश्न अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता  एम सी मेहता ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित श्वन्य प्राणी सप्ताह समारोहश् के उद्घाटन सत्र में उठाया।

मेहता इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आज सख्त से सख्त कानून बन जाने के बावजूद भी हम पर्यावरण को नहीं बचा पा रहे हैं। हमारी नदियाँ हर पल मर रही हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इसके लिए सिर्फ सरकारें दोषी हैंघ् वन्यजीव संरक्षण का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व उन्हें मेनका गांधी ने देश की राजधानी में बूचड़खाने की स्थिति का जायजा लेने तथा उनकी अव्यवस्थाओं के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में रिट दायर करने हेतु आमंत्रित किया था और जब उन्होंने बूचड़खाने के अंदर जानवरों की क्रूरता पूर्वक हत्या का नजारा देखा तो वे इतने विचलित हुए कि उन्होंने उसी दिन से मांसाहार त्याग दिया। मेहता ने अपील की कि मानव को पर्यावरण के महत्व को समझते हुए उसके संरक्षण के लिए आगे आना होगाए क्योंकि यह जिम्मेदारी केवल सरकार के भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती।

कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने शाकाहार की मजबूत पैरवी करते हुए कहा कि संसार में अनेक पर्यावरणीय समस्याओं के लिए मांसाहार दोषी है। प्रोफ़ेसर शास्त्री ने कहा कि ईश्वर ने मनुष्य को बुद्धि एवं विवेक दिया है परंतु वह अपनी बुद्धि का दुरुपयोग कर रहा है। मानव अपनी बुद्धि को पर्यावरण व वन्य जीवों के संरक्षण में ने लगाकर उनके संहार में लगा रहा हैए जिसका नतीजा यह है कि आज वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां संकटग्रस्त हो गई है तथा अनेक विलुप्ति की कगार पर खड़ी है। प्रोफसर शास्त्री ने अपील की कि मानव को मांसाहार का त्याग जल्द से जल्द करन होगा तभी हम सही अर्थों में अपनी प्रकृतिए पर्यावरण एवं वन्य जीवो को बचा सकते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बी डी जोशी ने उत्तराखण्ड को केंद्रित करते हुए वन्यजीव संरक्षण पर अपने विचार रखें। उन्होंने युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ मानते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी पर्यावरण के अर्थ एवं उसके महत्व का समुचित ज्ञान रखती हैए केवल उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है। प्रोफ़ेसर जोशी ने उत्तराखंड में हो रहे पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पलायन व्यक्ति को आर्थिक एवं भावनात्मक दोनो प्रकार की हानि पहुँचता है। उन्होंने मानव वन्यजीव संघर्ष पर चर्चा करते हुए कहा कि मानव को प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने की नितांत आवश्यकता है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर सुनील कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने जानकारी दी कि गुरुकुल विश्वविद्यालय निरंतर अध्ययनए अध्यापन एवं शोध की दिशा में अग्रसर है तथा पर्यावरण एवं समाज के हित के लिए संकल्पबद्ध है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर देवेंद्र मलिक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि एम् सी मेहता के पर्यावरण के क्षेत्र में किये गए महत्वपूर्ण योगदान से अवगत कराया।

प्रकृति रक्षति रक्षिता का सन्देश देते हुए कार्यक्रम के आयोजक एवं अंतरराष्ट्रीय पक्षी वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर दिनेश भट्ट ने बताया कि जब मानव में विज्ञान एवं अध्यात्म की समझ विकसित होती है तो वह सद्भाव के साथ बिना किसी द्वेषए भेदभाव और बैर के जीवन जीना सीख जाता है। प्रोफेसर भट्ट ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्  द्वारा अनुदानित यह जागरूकता कार्यक्रम 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के मध्य चलेगा। इस कार्यक्रम में निबंध लेखनए चित्रकलाए संभाषणए शार्ट वीडियो मेकिंगए वन्य प्राणी फोटोग्राफी जैसे अनेक कंपटीशन का आयोजन किया जायेगा तथा विजेता प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट एवं पुरस्कार दिए जाएंगे। पुरस्कारों की घोषणा इस अवेयरनेस ड्राइव के समापन सत्र में दिनांक 8 अक्टूबर 2021 को होगी। प्रोफेसर भट्ट ने बताया कि इस अवेयरनेस ड्राइव में ष्एक्सपर्ट टॉक्सष् का भी आयोजन किया जायेगाए जिसमें डेनमार्कए पोलैण्ड सहित देश.विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों के एक्सपर्ट्स सम्बंधित विषयों पर व्याख्यान देंगे। डॉ नितिन काम्बोज ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा मंच संचालन डॉ राकेश भटियानी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर एलपी पुरोहितए प्रोफेसर पी पी पाठकए प्रोफेसर ब्रह्मदेवए प्रोफेसर पुरुषोत्तम कौशिकए  प्रोफेसर सत्येंद्र राजपूत  डॉ गगन माटा  डॉ विनोद कुमार  डॉ नितिन भारद्वाज  डॉक्टर पवन  डॉक्टर एम् एम् तिवारीए डॉक्टर हेमवतीए डॉक्टर मोहर सिंह मीणाए डॉ विनय कुमार सेठीए  प्राचार्या  हेमा पटेलए हेंड्स फॉउंडेशन के अध्यक्ष आदित्य शिवपुरी  उपस्थित रहे

त्यौहारों से पहले इस सम्बन्ध में की जाय प्रभावी व्यवस्था

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में कोविड 19 के साथ डेंगू एवं मलेरिया बीमारी की रोकथाम के लिये प्रभावी प्रयासों की जरूरत बताते हुए इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों एवं जिलाधिकारियों को समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये हैं।

सोमवार को सचिवालय मे इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत एवं शासन के उच्चाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक मे मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिये हैं। सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के बाद डेंगू एवं मलेरिया के लक्षण सामने आते हैं। इसके लिये साफ सफाई, दवा आदि के छिड़काव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि डेंगू से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाय। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि अस्पतालों में प्लेटलेट्स की पर्याप्त उपलब्धता हो। नगर निकायों द्वारा समय-समय पर फॉगिंग की जाए। शहरी क्षेत्रों में डेंगू से बचाव के लिए स्वच्छता एवं जल निकासी पर विशेष ध्यान दिया जाय। तथा व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया जाय।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षाकाल के बाद डेंगू जैसी बिमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके लिये प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर आवश्यक प्रबन्धन पर ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना की रिकवरी रेट में तेजी से सुधार हुआ है। इस पर प्रभावी नियंत्रण बना रहे, इस दिशा में सतर्क रहने की भी जरूरत उन्होंने बतायी।

कोविड-19 की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है लेकिन समाप्त नही हुआ है इसके लिए सभी स्तरों पर एहतियात एवं सावधानी बरती जानी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में भी व्यापक जनजागरूकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रभाव को नियन्त्रित करने के लिये इस सम्बध में जारी निर्देशों एवं सावधानियों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाय, लोग इसके प्रति लापरवाह न बने इस पर ध्यान दिया जाय।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि राज्य सरकार द्वारा जनहित को ध्यान मे रखते हुए 207 प्रकार की पैथालॉजिकल जांचे निशुल्क उपलब्ध कराये जाने, जच्चा बच्चा को अस्पताल से निःशुल्क घर छोड़ने के लिये संचालित खुशियों की सवारी जैसी योजनाओं का भी जनता को सरल तरीके से समझाने के लिये व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि अटल आयुष्मान योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है, इसकों और अधिक प्रभावी बनाये जाने के लिये स्वास्थ्य विभाग, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ ही निजि चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की जाएं।

मुख्यमंत्री ने सभी पीएचसी एवं सीएचसी मे आवश्यक उपकरणों एवं संसाधनों की व्यवस्था के साथ ही तीन नये मेडिकल कालेजों हरिद्वार, रूद्रपुर एवं पिथौरागढ़ में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने पीएम केयर फण्ड के तहत उपलब्ध कराये गये वेंटिलेटर आदि की भी जानकारी प्राप्त की तथा इनकी स्थापना के सम्बन्ध मे कार्ययोजना तैयार करने को कहा।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 पंकज कुमार पाण्डेय ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कोरोना संक्रमण की रोकथाम, वैक्सीनेशन, डेंगू एवं मलेरिया आदि बीमारियों से बचाव के लिये किये जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री अमित नेगी, अपर सचिव स्वास्थ्य सुश्री सोनिका, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति भट्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने दी विभिन्न विकास कार्यों को वित्तीय स्वीकृति, जारी हुए शासनादेश

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ के नगर पंचायत पोखरी में खण्डजा एवं सी.सी. मार्ग हेतु 97.06 लाख, नालियों के निर्माण हेतु 49.20 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के अन्तर्गत वार्ड न. 14 में अम्बेडकर पार्क के निकट उपलब्ध भूमि पर पार्क के निर्माण हेतु 72.90 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र रायपुर की डांडा खुदानेवाला पेयजल योजना के प्रथम चरण हेतु 1.70 करोड़ रूपये, विधानसभा क्षेत्र मसूरी की कालीदास रोड पुनर्गठन सीवरेज योजना हेतु 4.89 करोड़, नगर निगम देहरादून के वार्ड नं. 01 में कुठालगांव पेयजल योजना के सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 3.95 करोड़ रूपये, विधानसभा धर्मपुर की वार्ड नं. 70 लक्खीबाग को ओ.डी.एफ. मुक्त बनाने हेतु दरभंगा बस्ती में नई सीवर लाईन का कार्य एवं वार्ड के अन्य क्षेत्रों में सीवर लाईन/चैम्बर्स की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्य हेतु 97 लाख 89 हजार रुपये, गैरसैंण में आधुनिक शौचालय निर्माण हेतु 41.36 लाख, सुशीला तिवारी हास्पिटल चौराहे से आई.टी.आई. नीम के पेड़ (रौला गधेरा तक) पुरानी ए.सी. एवं पी.वी.सी पाईप लाईन के स्थान पर नई एम.एस. एवं जी.आई. पाईप लाईन बिछाने हेतु 1 करोड़ 95 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र लालकुंआ बिन्दुखत्ता क्षेत्र में 200 शौचालय स्थापित किये जाने हेतु 50.00 लाख रूपये की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद नैनीताल के गांधी ग्राम ताकुला का गांधी स्टडी सेंटर एवं आरकाइव के रूप में विकास किये जाने हेतु 77.89 लाख रुपये, मुनस्यारी को पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने हेतु अवशेष धनराशि 27.95 लाख रुपये की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इस सम्बन्ध में शासनादेश भी निर्गत कर दिया गया है।

 

डॉ. शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति और श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति में बढोतरी का शासनादेश जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी घोषणा

डॉ. शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति ₹250 प्रतिमाह से बढ़ाकर ₹1500 प्रति माह की गई

श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति ₹150 प्रति माह से बढ़ाकर ₹1000 प्रतिमाह की गई 

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में डॉ. शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति और श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति में बढोतरी का शासनादेश जारी कर दिया गया है। अब डॉ. शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति रूपए 250 प्रतिमाह से बढ़ाकर  रूपए 1500 प्रति माह कर दिया गया है। साथ ही यह छात्रवृत्ति 11 बच्चों की बजाय 100 बच्चों को प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति में भी वृद्धि करते हुए इसे रूपए 150 प्रति माह से बढ़ाकर रूपए 1000 प्रतिमाह कर दिया गया है।  श्री देव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति योजना में प्रत्येक विकास खंड से 5 छात्र-छात्राओं का चयन कर राज्य भर से प्रतिवर्ष 475 छात्र-छात्राओं को इस छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाएगा।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ये घोषणाएं की थीं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी विभिन्न विकास कार्यों को वित्तीय स्वीकृति, जारी हुए शासनादेश।

देहरादून।  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ के नगर पंचायत पोखरी में खण्डजा एवं सी.सी. मार्ग हेतु 97.06 लाख, नालियों के निर्माण हेतु 49.20 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के अन्तर्गत वार्ड न. 14 में अम्बेडकर पार्क के निकट उपलब्ध भूमि पर पार्क के निर्माण हेतु 72.90 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र रायपुर की डांडा खुदानेवाला पेयजल योजना के प्रथम चरण हेतु 1.70 करोड़ रूपये, विधानसभा क्षेत्र मसूरी की कालीदास रोड पुनर्गठन सीवरेज योजना हेतु 4.89 करोड़, नगर निगम देहरादून के वार्ड नं. 01 में कुठालगांव पेयजल योजना के सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 3.95 करोड़ रूपये, विधानसभा धर्मपुर की वार्ड नं. 70 लक्खीबाग को ओ.डी.एफ. मुक्त बनाने हेतु दरभंगा बस्ती में नई सीवर लाईन का कार्य एवं वार्ड के अन्य क्षेत्रों में सीवर लाईन/चैम्बर्स की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्य हेतु 97 लाख 89 हजार रुपये, गैरसैंण में आधुनिक शौचालय निर्माण हेतु 41.36 लाख, सुशीला तिवारी हास्पिटल चौराहे से आई.टी.आई. नीम के पेड़ (रौला गधेरा तक) पुरानी ए.सी. एवं पी.वी.सी पाईप लाईन के स्थान पर नई एम.एस. एवं जी.आई. पाईप लाईन बिछाने हेतु 1 करोड़ 95 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र लालकुंआ बिन्दुखत्ता क्षेत्र में 200 शौचालय स्थापित किये जाने हेतु 50.00 लाख रूपये की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद नैनीताल के गांधी ग्राम ताकुला का गांधी स्टडी सेंटर एवं आरकाइव के रूप में विकास किये जाने हेतु 77.89 लाख रुपये, मुनस्यारी को पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने हेतु अवशेष धनराशि 27.95 लाख रुपये की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इस सम्बन्ध में शासनादेश भी निर्गत कर दिया गया है।

ऊर्जा निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की हड़ताल : कर्मियों ने शहर में निकाला जुलूस

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हरिद्वार (रुड़की), ऊर्जा निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छह अक्टूबर को प्रस्तावित हड़ताल को संयुक्त मोर्चा ने अंतिम रूप दिया है। शाम के समय जुलूस और कैंडल मार्च निकाला गया। साथ ही एलान किया कि मांगों को लेकर अधिकारी एवं कर्मचारी गिरफ्तारी देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। लाठी-डंडे के बलबूते कर्मचारियों को जो डराने की कोशिश की जा रही है, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

छह अक्टूबर को होने वाली बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर सरकार और ऊर्जा निगम अधिकारी एवं कर्मचारी आमने-सामने आ गए हैं। ऐसे में इस हड़ताल को टालना सरकार और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती बना हुआ है। सोमवार को विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की एक बैठक अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर हुई। इस दौरान तीनों निगमों के कार्मिकों ने बैठक में भाग लिया।

बैठक में आगामी छह अक्टूबर को होने वाली हड़ताल को लेकर रणनीति बनाई गई। संगठन के महामंत्री दीपक शांडिल्य ने कहा कि जुलाई में हुई वार्ता में सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उनकी चौदह सूत्रीय मांगें आज तक पूरी नहीं की गई। कहा कि सरकार ने हड़तालियों को डराने के लिए एस्मा लागू कर दिया है। साथ ही अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब कार्मिकों ने सरकार और प्रशासन से आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है। इसलिए एस्मा लागू होने पर वे स्वयं गिरफ्तारी देंगे और जेल जाएंगे। इस दौरान संजीव चौहान, सौरभ कौशिक, राजेंद्र अतुल गिरि, विनित सैनी, विकास जैन, अनुप गोरिया, सुरेंद्र दत्त शर्मा, भरत सिंह, नीरज कपिल, सर्वेश कुमार, सुनील मोगा, मयंक सिंह, दीपक शुक्ला, आदेश टंडन, अमित शर्मा, मुकेश कुमार, पुष्कर सिंह आदि मौजूद रहे |

विभिन्न कार्यों के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किये 58 करोड़

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लोनिवि को 25 करोड़ तथा लैंसडाउन में डाप्लर रडार हेतु 46.5 लाख मिले

गढ़वाल मंडल में हेलीकाप्टर की तैनाती के लिए 44 लाख स्वीकृत

देहरादून, सूबे में आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य ने आपदा मोचन निधि से विभिन्न विभागों को आपदा एवं पुनर्वास संबंधित कार्यों के लिए करीब 58 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। आपदा एवं पुनर्वास विभाग ने रेखीय विभागों से प्राप्त मांग के आधार पर विभिन्न मदों में रूपये 58 करोड़ का प्रस्ताव शासन द्वारा अनुमोदन के लिए भेजा गया था जिसको विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राज्य में आपदा की संवेदनशीलता के प्रति सरकार खासी गंभीर है। जिसको देखते हुए सरकार ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मानकों के अंतर्गत विभिन्न विभागों के मांग के क्रम में विभिन्न मदों में 58 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने बताया कि जंगली जानवरों द्वारा सरकारी कर्मचारियों एवं जनता को जानमाल नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य आपदा मोचन निधि से वन विभाग को रूपये 13 करोड़ 27 लाख 37 हजार की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों एवं सेतुओं की मरम्मत हेतु लोक निर्माण विभाग को रूपये 25 करोड़, उत्तराखंड जल संस्थान को प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण हेतु रूपये 5 करोड़, राजस्व विभाग के अंतर्गत वाहन विहीन आपदा प्रबंधन कार्यों के लिए रेस्क्यू वाहन अनुमन्य कराने हेतु

रूपये 9 करोड़ 81 लाख, राज्य में स्थापित सैटेलाइट फोनों की वैधता अवधि बढ़ाने व रख-रखाव के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को रूपये 73 लाख 39 हजार, पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के लिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी को रूपये 40 लाख 63 हजार, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग देहरादून को आपदा मोचन निधि के क्षमता विकास मद से 68 लाख 88 हजार, एसडीआरएफ द्वारा राज्य के संचार विहीन आबादी क्षेत्र वाली ग्राम सभा एवं पंचायतों में वितरित 92 जीएसपीएस सैटेलाइट फोनों को रिचार्ज करने हेतु

पुलिस विभाग को रूपये 19 लाख 54 हजार, लैंसडाउन में डाप्लर मौसम रडार की स्थापना हेतु रूपये 46 लाख 44 हजार, वन विभाग की प्रत्येक रेंज में 02 ड्रोन तथा चयनित संवेदनशील क्रू-स्टेशन के लिए 01 लीफ ब्लोअर हेतु रूपये 2 करोड़ तथा गढ़वाल मंडल में मानसून काल में संभावित अतिवृष्टि से प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए सिंगल इंजन हैलीकॉप्टर की तैनाती हेतु रूपये 44 लाख 25 हजार की धनराशि आवंटित की गई है। डॉ. रावत ने कहा कि आपदा मोचन निधि से रेखीय विभागों के विभिन्न मदों में सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि स्वीकृत कर दी है जिससे संभावित आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यो में आसानी होगी। उन्होंने सभी रेखीय विभागों के अधिकारियों से आपदा मोचन निधि के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि को ससमय उपयोग करने की अपेक्षा की है।

कांग्रेसियों ने व्यासी परियोजना स्थल तक किया कूच, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित कई गिरफ्तार

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देहरादून, निर्माणाधीन व्यासी जल विद्युत परियोजना कूच कर रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका तो भीड़ ने बैरिकेड ध्वस्त कर दिया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस को बाड़वाला से करीब चार किलोमीटर दूर तक छकाया।
देहरादून में निर्माणाधीन व्यासी जल विद्युत परियोजना कूच कर रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका तो भीड़ ने बैरिकेड ध्वस्त कर दिया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस को बाड़वाला से करीब चार किलोमीटर दूर तक छकाया। इसके बाद जब पुलिस अधिकारी नेताओं से अनुरोध करने लगे तब जाकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी। सभी को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन देहरादून लाया गया।
व्यासी में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना में शामिल डूब क्षेत्र के किसानों के आंदोलन का आंदोलन चल रहा है। रविवार को वहां आंदोलनरत किसानों की गिरफ्तारी की गई थी। इसके विरोध में आज कांग्रेस मुख्यालय से कार्यकर्ताओं की भीड़ ने परियोजना स्थल की ओर कूच किया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय से सुबह साढ़े दस बजे निकले।

उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत, राजेन्द्र शाह, पछवा दून जिला अध्यक्ष संजय किशोर, परवादून अध्यक्ष गौरव चौधरी, मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, डॉक्टर प्रतिमा सिंह, भूपेंद्र नेगी, गौतम सोनकर, मंजू तोमर, परिणीता बडूनि, अनिता निराला व कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ थी। लगभग साढ़े ग्यारह बजे बाड़वाला पहुंचने पर वहां एसपी देहात स्वतंत्र सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौजूद थे। व्यासी परियोजना की ओर जाने वाले रास्ते में पुलिस ने बैरेकेडिंग लगा कर रास्ता रोका हुआ था। बैरिकेडिंग पर प्रीतम सिंह की गाड़ियों के काफिले के पहुंचते ही वहां पहले से उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गगनभेदी नारेबाजी के साथ ही बैरेकेडिंग उखाड़ दी।

पुलिस अधिकारी प्रीतम सिंह से आगे न जाने का आग्रह करते रहे, लेकिन कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ आगे बढ़ गया। पुलिस मजबूर हो कर काफिले के पीछे चलती रही और बीच बीच में प्रीतम सिंह से आगे न जाने का आग्रह करती रही। चार किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद पुलिस ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। जहां पुलिस व कार्यकर्ताओं में आधे घंटे से ज्यादा देर तक धक्का मुक्की होती रही और अन्तोगत्वा प्रीतम सिंह गिरफ्तारी देने को तैयार हो गए। पुलिस ने प्रीतम सिंह, सूर्यकांत धस्माना समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया।

कांग्रेसियों ने व्यासी परियोजना स्थल तक किया कूच, पुलिस को चार किमी तक  दौड़ाया, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित कई गिरफ्तार - Lok Saakshya

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को लोहारी जाने से रोकने को बाड़वाला पुलिस छावनी में तब्दील

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को लोहारी जाने से रोकने को बाड़वाला पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। बाड़वाला तिराहे पर व्यासी बांध परियोजना प्रभावितों के समर्थन में पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर भारी संख्या में जुटे कांग्रेस समर्थकों के साथ प्रीतम सिंह ने जुड्डो के लिए कूच किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। आपको बता दें कि जुड्डो में धरनारत 17 ग्रामीणों को गिरफ्तार करने से ग्रामीण भी काफी आक्रोशित हैं, जिसको देखते हुए व्यासी परियोजना स्थल क्षेत्र में भी पुलिस और पीएसी तैनात है।

जमीन के बदले जमीन की मांग को लेकर चल रहा ग्रामीणों का धरना

लोहारी के ग्रामीण यमुना घाटी लखवाड़ व्यासी बांध प्रभावित समिति के बैनर तले जमीन के बदले जमीन की मांग को लेकर
121वें दिन धरना दे रहे थे। रविवार सुबह प्रशासनिक अमले ने धरनास्थल खाली कराकर लंबे समय से बंद व्यासी परियोजना का निर्माण कार्य यूजेवीएनएल ने शुरू करा दिया था। व्यासी विद्युत परियोजना के कार्यों में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन व आंदोलन कर कार्य को प्रभावित करने, काफी समझाने की कोशिश के बावजूद आंदोलन को और उग्र रूप से चलाने और शांति व्यवस्था प्रभावित करने पर पुलिस ने धरनारत 17 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

 

दरअसल, ग्रामीणों को धरनास्थल से हटाने के लिए प्रशासनिक और पुलिस अमले ने चार दिन पहले भी कोशिश की थी, लेकिन उस समय ग्रामीणों के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह धरने पर बैठ गए थे। नेता प्रतिपक्ष ने ग्रामीणों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को प्रशासनिक अधिकारियों से कहा था, लेकिन रविवार को एडीएम प्रशासन एसके बरनवाल, एसपी देहात स्वतंत्र कुमार, उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, एसडीएम चकराता सौरभ असवाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी वीडी उनियाल, लखवाड़ व्यासी के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल, कोतवाल प्रदीप बिष्ट आदि पुलिस बल के साथ धरना स्थल पर पहुंचकर 17 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया था।

इसके विरोध में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सोमवार को लोहारी जाने का एलान किया था, जिसे देखते हुए बाड़वाला में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अभी तक मौके पर नेता प्रतिपक्ष कांग्रेसियों के साथ नहीं पहुंचे हैं, हालांकि कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं की बाड़वाला में भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।