Wednesday, April 30, 2025
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लखीमपुर खीरी की घटना : विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत सहित कांग्रेस के 40 कार्यकर्त्ताओं ने दी गिरफ्तार

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देहरादून, यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद हुए बवाल की आग उत्तराखंड तक पहुंच गई है। प्रदेश भर में सोमवार सुबह से धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का दौर जारी है। वहीं लखीमपुर खीरी की घटना और प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में देहरादून एसएसपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कई कांग्रेसी नेताओं और 40 कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया। जिसके बाद हरीश रावत पुलिस लाइन में ही तमाम कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। पुलिस अधिकारी वार्ता कर हरीश रावत को समझाने बुझाने का प्रयास करते रहे। इसी प्रकार गढ़वाल और कुमाऊं के कई क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तार दी।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के आह्रवान पर आज प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में मौनव्रत एवं सामूहिक गिरफ्तारी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सरकार का पुतला दहन किया | नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा किसानों के ऊपर जीप चढ़ाकर कुचलने की घटना बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।Dehradun News (देहरादून समाचार):Dehradun News Paper,Dehradun Samachar - Dainik Jagran

 

गौरतलब हो कि लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर गाड़ी चलाने को लेकर उत्तराखंड में भी आक्रोश है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, किसानों के ऊपर जीप चढ़ाकर कुचलने की घटना बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समेत 40 कांग्रेस कार्यकत्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी दी है।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है। किसानों पर काला कानून थोपने की कोशिश हो रही है, जिसके लिए किसान लंबे समय से आंदोलनरत है । कल लखीमपुर खीरी में हुई घटना शर्मनाक और निंदनीय है। उन्होंने कहा, कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनके ऊपर जुर्म नहीं होने देगी। उन्होंने ये कांग्रेस इस तरह की घटना की निंदा करती है और किसानों का दमन नही होने देगी।

कांग्रेस विधायक और कार्यकर्त्ताओं का हरिद्वार में प्रदर्शन

लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन, फुरकान अहमद और ममता राकेश के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्त्ता और समर्थक रोशनाबाद पहुंचे। काली पट्टी बांधकर कार्यकर्त्ता एसएसपी कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह रावत कांग्रेसी विधायक और कार्यकर्त्ताओं से बात कर रहे हैं। वहीं, शहर कांग्रेस कमेटी की तरफ से देवपुरा चौक के पास उत्तर प्रदेश सरकार का पुतला फूंक कर प्रदर्शन किया गया है।

टिहरी झील थाने के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

टिहरी में डोबरा-चांठी पुल के समीप झील थाने के बाहर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने केंद्र और राज्य सरकार का पुतला फूंका। लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में उन्होंने धरना भी दिया। किशोर उपाध्याय ने कहा कि जब प्रियंका गांधी किसानों के दुख में शरीक होने लखीमपुर खीरी जा रही थी तो उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गाया।

 

डोईवाला में किसानों ने सड़क पर उतर कर किया प्रदर्शन

देहरादून (डोईवाला), उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की गाड़ी से कुचलकर मौत के खिलाफ डोईवाला में किसानों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। तहसील में धरना प्रदर्शन कर किसान मोर्चा की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है। किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सोमवार को तमाम किसानों ने गुरुद्वारा सिंह सभा में बैठक की और पूरे घटनाक्रम पर अपना रोष जताते हुए राष्ट्रपति से न्याय की मांग की।

उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ हुई दुर्घटना के विरोध में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने अपना रोष प्रकट किया। किसानों ने सड़क पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। तहसील पहुंचे किसानों ने यहां भी धरना देकर प्रदर्शन किया। लखीमपुर घटना मामले में हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग किसानों ने की।

भारतीय किसान यूनियन के देहरादून जिला अध्यक्ष सुरेंद्र खालसा ने कहा कि किसान आंदोलन को दबाने की यह सत्ता पक्ष की नाकाम कोशिश है। किसान शांतिपूर्वक ढंग से अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। कांग्रेस नेता सागर मनवाल, मोहित उनियाल, आप नेता अशोक कपरवाण, राजू मौर्य ने भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार और दिल्ली की केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार आज किसानों का उत्पीड़न कर रही है।

Kisan Andolan Farmers protested in Doiwala against the incident of  Lakhimpur Kheri
इतना ही नहीं, अब किसानों के ऊपर जानलेवा हमले भी किए जा रहे हैं। इस मामले में ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो संयुक्त मोर्चा के किसान एक बड़ा आंदोलन को बाध्य होंगे। कांग्रेस,आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी किसान आंदोलन के साथ किसानों को न्याय देने की मांग राष्ट्रपति से की।

इस अवसर पर गुरेंद्र सिंह, तजेंद्र सिंह, हरेंद्र बालियान, इंद्रजीत सिंह, बुद्ध दत्त सेमवाल, लखीम सिंह, आप के राजू मौर्य, अश्वनी त्यागी, सावन राठौर, बलजीत सिंह, जपनीत सिंह, मनमीत सिंह, बलविंदर सिंह, अंकित सोलंकी, जाहिद अंजुम, वसीम अली मौजूद रहे |
लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में सहसपुर रामपुरकला में भी उबाल देखने को मिल रहा है। किसानों ने रोड पर सांकेतिक जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और केंद्र सरकार का पुतला फूंका। घटना पर आक्रोश व्यक्त करने वालों में भारतीय किसान यूनियन नेता चौधरी राजू तोमर,किसान नेता राशिद पहलवान, आलम प्रधान,किसान युवा नेता अनस, इखलाक, राहुल, सुमित, सोनू, बकशूला खान, दिलदार, लियाकत, शाकिर, शाजिद, शालिम और भूरा आदि मौजूद रहे।

सीएम धामी ने की चारधाम यात्रा की समीक्षा, बोले-श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अभद्रता नहीं की जाएगी बर्दाश्त

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा की समीक्षा बैठक ली। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी न होने दी जाए। सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें हर संभव सुविधा दी जाए। वे देवभूमि से अच्छा संदेश लेकर जाएं, ये हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने ये भी साफ किया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में चारधाम यात्रा की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ किसी भी तरह की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में अगर एक भी यात्री को परेशानी होगी तो प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते मुझे परेशानी होगी
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों के साथ ही पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं अच्छी हों। गाइडलाइन के अनुसार श्रद्धालु दर्शन कर सकें। पर्यटक स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो | मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम यात्रा के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद जिन लोगों को परमिशन मिली है, वही लोग उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए आएं। बैठक में मुख्य सचिव डा. एसएस संधु, डीजीपी अशोक कुमार, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, डीआइजी गढ़वाल नीरू गर्ग, अपर सचिव युगल किशोर पंत उपस्थित थे।

कोरोना कर्फ्यू : 19 अक्टूबर तक बढ़ाया गया , राज्य सरकार ने जारी की कोरोना कर्फ्यू की SOP, जानें

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देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर प्रदेश में लगाये गये कोविड कर्फ्यू को 19 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसको लेकर मुख्य सचिव ने SOP जारी कर दी हैं. उत्तराखंड में अब 19 अक्टूबर सबह 6 बजे तक कोविड कर्फ्यू लागू रहेगा. हालांकि उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही हैं.कोविड-19 के संक्रमण की संख्या में आ रही कमी को देखते हुए ‘COVID – Restrictions’ अवधि में विवाह समारोह में विवाह स्थल / वैडिंग प्वाइन्ट की क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत सम्मिलित होने की अनुमति है।

 

 

मुख्यमंत्री ने सूरज कुँवर शाह के निधन पर शोक व्यक्त की

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देहरादून , मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी  सोमवार को पूर्व सांसद टिहरी गढ़वाल स्व. महाराजा मानवेंद्र शाह जी की पत्नी श्रीमती सूरज कुँवर शाह जी के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने मुनीकीरेती घाट, ऋषिकेश, टिहरी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने श्रीमती सूरज कुँवर शाह जी के अंतिम दर्शन कर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने उनके परिजनों से भेंट कर शोक संवेदनाएं व्यक्त की।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत , कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, सांसद श्री तीरथ सिंह रावत , पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत , विधायक श्री खजान दास  सहित अन्य महानुभावों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

6-8 अक्टूबर तक होगी RBI MPC की बैठक, ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद कम

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नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक आगामी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति को कायम रख सकता है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। उनके मुताबिक विदेशी बाजारों में कमोडिटी कीमतों में बढ़ोतरी के बीच महंगाई दर पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से आरबीआइ यह फैसला ले सकता है। आठ अक्टूबर को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होनी है। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार मई, 2020 में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया था। उस समय देश की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित थी। उसके बाद से आरबीआइ ने ब्याज दरों को यथावत रखा है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक छह अक्टूबर से शुरू होनी है। बैठक के नतीजों की घोषणा आठ अक्टूबर को की जाएगी। मार्गन स्टेनली की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों को ना केवल यथावत रखेगा बल्कि अपने नरम रुख को भी जारी रखेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत के आसपास रहेगी। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने हाल में कहा था कि ऐसा लगता है कि ब्याज दरें यथावत रहेंगी। उन्होंने कहा था कि वृद्धि में कुछ सुधार है। ऐसे में मुझे लगता है कि ब्याज दरें नहीं बढ़ेंगी। हालांकि यह माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक की टिप्पणी में मुद्रास्फीति का उल्लेख होगा।

आवास बाजार को मिलेगी रफ्तार

भारत में कोलियर्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमेश नायर ने कहा कि आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इससे आवास बाजार को रफ्तार मिलेगी। घरों की कीमतों में स्थिरता, कुछ राज्यों में स्टांप शुल्क में भारी कटौती और अपना घर खरीदने की इच्छा की वजह से 2020 की चौथी तिमाही से मांग में सुधार हुआ है।

रिजर्व बैंक पर अपने रुख में बदलाव का दबाव

डेलायट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि रिजर्व बैंक पर अपने रुख में बदलाव का दबाव है। इसकी वजह यह है कि कुछ औद्योगिक देशों में मुद्रास्फीति बढ़ रही है और कमोडिटी के दामों में इजाफा हो रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक संभवत: नीतिगत दरों को यथावत रखने का निर्णय ले सकता है। ईवाई इकोनामी वाच के सितंबर संस्करण में डीके श्रीवास्तव ने लिखा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दबाव में है। ऐसे में निकट भविष्य में केंद्रीय बैंक रेपो दरों को घटा सकता है। केंद्रीय बैंक यदि शुक्रवार को भी ब्याज दरों को यथावत रखता है, तो यह लगातार आठवां अवसर होगा जबकि ब्याज दरों में बदलाव नहीं होगा।

खास खबर : राज्य के तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारी छह अक्टूबर से हड़ताल पर रहेंगे, तीन राज्यों के कार्मिक संभालेंगे विद्युत व्यवस्था

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देहरादून, उत्तराखंड में तीनों ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की हड़ताल को देखते हुये रविवार से जलविद्युत उत्पादन से लेकर पारेषण और विद्युत वितरण का जिम्मा भाजपा शासित राज्यों उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल के साथ केंद्र सरकार के ऊर्जा उपक्रमों के अभियंता और कार्मिक संभालेंगे।

ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिकों की छह अक्टूबर से हड़ताल प्रस्तावित है और इसी के तहत सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में मोर्चा संभाल लिया है। विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए राज्य के अन्य अभियंत्रण सेवाओं से जुड़े विभागों पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण निर्माण, जल संस्थान और सिंचाई के करीब 250 अभियंताओं की मदद ली जा रही है। सभी जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों को अलर्ट किया गया है। विद्युत उत्पादन गृहों से लेकर सब स्टेशन पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगी।

राज्य में ऊर्जा निगम, जलविद्युत निगम और विद्युत पारेषण निगम के अभियंताओं और कार्मिकों ने मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई का एलान किया तो सरकार ने भी कमर कस ली है। विद्युत कार्मिकों की हड़ताल के मद्देनजर मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने शनिवार सुबह सचिवालय में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, ऊर्जा सचिव सौजन्या, सभी जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों और ऊर्जा निगमों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में हड़ताल से निपटने के लिए वैकल्पिक बंदोबस्त की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। विद्युत उत्पादन से लेकर विद्युत आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इस कार्य के लिए वैकल्पिक तौर पर करीब 360 कार्मिकों की मदद ली जा रही है। हड़ताल भले ही छह अक्टूबर से होनी है, लेकिन रविवार से ही वैकल्पिक व्यवस्था पर अमल होगा। इसके लिए ट्रायल भी किया गया है।

सभी जिलों में जिला प्रशासन और पुलिस को सतर्कता बरतने और विद्युत उत्पादन से लेकर वितरण तक सभी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने की हिदायत दी गई। अभिसूचना इकाई और पुलिस के खुफिया तंत्र को भी सावधान किया गया है। मुख्य सचिव डा. संधु ने कहा कि इसमें किसी भी सूरत में ढील नहीं बरती जायेगी |
प्रदेश में 10 प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। यमुना नदी परियोजनाओं छिबरो, खोदरी, ढालीपुर, ढकरानी व कुल्हाल का जिम्मा हिमाचल प्रदेश के सतलुज जलविद्युत निगम के अभियंता व कर्मचारी संभालेंगे। इन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। इसीतरह गंगा नदी पर मनेरी भाली फेज-एक, फेज-दो जलविद्युत परियोजनाओं का जिम्मा केंद्र सरकार का उपक्रम टीएचडीसी संभालेगा। चीला जलविद्युत परियोजना व खटीमा परियोजना के संचालन का जिम्मा एनएचपीसी को दिया गया है। हरिद्वार जिले में पथरी व मोहम्मदपुर जलविद्युत परियोजनाओं में वैकल्पिक कार्मिकों की तैनाती की गई है।
प्रदेश में विद्युत पारेषण निगम के पास 132 केवीए, 220 केवीए और 400 केवीए के करीब 44 सब स्टेशन हैं। इनके संचालन के लिए हिमाचल, उत्तरप्रदेश, हरियाणा के वरिष्ठ अभियंताओं, पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के अभियंताओं और कर्मचारियों की मदद ली जा रही है।
लिऐअगर हड़ताल होती है तो सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस दौरान विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने की है। ऊर्जा निगम पूरे प्रदेश में 33/11 केवीए के 367 सब स्टेशनों के माध्यम से सभी घरेलू, वाणिज्यिक व औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति कर रहा है। इनका संचालन के लिए ठेकेदारी व्यवस्था पर कार्यरत कर्मचारियों व उपनल के कर्मचारियों की मदद ली जाएगी।

ठेकेदारी व्यवस्था पर इस कार्य के लिए आउटसोर्स से कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इन कार्मिकों की मदद और मानीटरिंग के लिए लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग, जल संस्थान और सिंचाई विभाग के 125 कनिष्ठ अभियंताओं, 74 सहायक अभियंताओं, 36 अधिशासी अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया है |

प्रदेश सरकार ने अप्रेंटिस अभियंताओं के लिए भी उत्तरप्रदेश से मदद मांगी है। उत्तरप्रदेश में इलेक्ट्रिकल ट्रेड में बीटेक उपाधिधारक युवाओं को अप्रेंटिस अभियंताओं के तौर पर इंटरव्यू के जरिए तैनाती का निर्णय किया है | अब देखना यह होगा हड़ताल होती है या बीच का कोई रस्तॎा निकाल समाधान की ओर बात जा सकती है, फिलहाल कार्मिक हड़ताल पर अड़े हैं |

 

सरकार हुई सख्त : उत्तराखंड में बिजली कर्मियों की छुट्टी पर रोक, एस्मा लागू

देहरादून, अपनी 14 सूत्रीय मांगों लेकर बिजली के तीनों निगमों के अभियंताओं और कार्मिकों की छह अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल से सरकार अब सख्ती से निपटेगी। सरकार ने एस्मा लागू करने के साथ ही तीनों निगमों के कार्मिकों की छुट्टी पर रोक लगा दी है। प्रदेश में जलविद्युत उत्पादन, पारेषण से लेकर बिजली आपूर्ति के लिए वैकल्पिक बंदोबस्त किए गए हैं। भाजपाशासित राज्यों उत्तरप्रदेश, हिमाचल और हरियाणा के साथ ही केंद्रीय ऊर्जा उपक्रमों के अभियंताओं और कार्मिकों को राज्य में तैनात किया गया है। हड़ताल से तीन दिन पहले यानी रविवार से ही राज्य की विद्युत व्यवस्था वैकल्पिक कार्मिकों के सुपुर्द होगी। इसके लिए बाकायदा ट्रायल किया गया है। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने शनिवार को सचिवालय में बैठक कर शासन, निगमों के आला अधिकारियों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। सभी विद्युत प्रतिष्ठानों पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगी।

उत्तराखंड ऊर्जा निगम, जलविद्युत निगम और विद्युत पारेषण निगम में करीब 10 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें चार हजार नियमित और करीब छह हजार संविदा पर कार्यरत हैं। तीनों निगमों के अभियंता और कार्मिक उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले लंबे समय से आंदोलनरत हैं। बीते जुलाई माह में सरकार के साथ समझौते के बाद कार्मिकों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी। इस बीच कार्मिकों की 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत व शासन के अधिकारी कई दौर की वार्ता के बाद भी सहमति नहीं बन पाई। अब असंतुष्ट कार्मिक छह अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर चुके हैं। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के रुख को देखकर अब सरकार ने हड़ताल से निपटने की तैयारी की है। हड़ताल के मद्देनजर एस्मा लागू कर दिया गया है। शनिवार को ऊर्जा निगम और पिटकुल के प्रबंध निदेशक दीपक रावत ने कार्मिकों की हड़ताल को देखते हुए तमाम कार्मिकों की छुट्टी पर रोक के आदेश जारी कर दिए।

अच्छी खबर : राज्य के चार विभागों में 423 पदों पर निकली भर्ती, 18 नवम्बर अंतिम तिथि

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देहरादून, राज्य में अगले साल प्रारंभ में विधान सभा चुनाव होने हैं, मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार विकास को लेकर कई योजनायें घरातल पर उतार रही हैं साथ कई विभागोंमें रिक्त पड़े पदों भरने के लिये प्रयासरत है, इन सब के बीच बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। राज्य के चार सरकारी विभागों में रिक्त समूह ग के 423 पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया आरंभ हो गई है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने शुक्रवार को रिक्त पदों के लिए भर्ती विज्ञप्ति जारी कर दी। इच्छुक अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट पर पांच अक्टूबर (कल) से आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। लिखित परीक्षा मार्च 2022 में होने की सभावना है।

आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने शुक्रवार को प्रेस बयान जारी कर बताया कि कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-तीन के 188 पद, डेयरी विकास विभाग में वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक के तीन, उद्यान विभाग में औद्यानिक विकास शाखा वर्ग-तीन (पर्यवेक्षक) के 181, उद्यान विकास शाखा वर्ग दो के 26 व अन्य संकायों के 20 पद के अतिरिक्त पशुपालन विभाग में चारा सहायक के पांच पद के लिए अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। भर्ती में अधिकतम आयु में एक वर्ष की छूट दी गई है। आवेदन से पहले वन टाइम रजिस्टे्रशन (ओटीआर) भरना अनिवार्य है। इसके उपरांत ही अभ्यर्थी आवेदन पत्र भर सकते हैं। शैक्षणिक योग्यता संबंधी संपूर्ण जानकारी आयोग की वेबसाइट पर है।

महत्वपूर्ण तिथियां

आनलाइन आवेदन : 05 अक्टूबर से शुरू

आवेदन की अंतिम तिथि : 18 नवंबर 2021

परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि : 20 नवंबर 2021

आवेदन यहां करें
www.sssc.uk.gov.in
टोल फ्री नंबर: 9520991172
वाट्सएप: 9520991174
ईमेल: [email protected]

कनिष्ठ सहायक के पदों पर संशोधन का अवसर

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इंटरमीडियट स्तर पर कनिष्ठ सहायक के 746 पदों के आवेदन में संशोधन का अवसर दिया है। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि आयोग की वेबसाइट पर संशोधन प्रारूप दिया गया है। जिस पर अभ्यर्थी छह अक्टूबर तक जानकारी को अपडेट कर सकते हैं।

डाकघर से इस तरह बनवा सकते हैं जीवन प्रमाण-पत्र, जानिये जरूरी डॉक्‍युमेंट्स

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केंद्र या राज्य सरकार के पेंशनर को हर वर्ष एक नवंबर से 31 दिसंबर के बीच में जीवन प्रमाण पत्र देना पड़ता है, ताकि उन्हें पेंशन का पैसा मिलता रहे। किसी भी बैंक में पेंशनर्स का पेंशन आता हो, वे अपना जीवन प्रमाण पत्र डाक घर में बनवा सकेंगे। डाकघर में भी पेंशनर्स जीवन प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। इसके बाद अब कोई भी पेंशनधारी अपने नजदीक के डाकघर में जाकर या पोस्टमैन के माध्यम से अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनवा करवा सकता है। डाकघर में इस सेवा के शुरू होने से पेंशनर को काफी सुविधा होगी। इस सेवा का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के पेंशनर्स अपने नजदीकी शाखा डाकघर में ले सकेंगे। इसके कारण उन्हें दूर शहर या बैंकों में जाकर लाइनों में लगने से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी। इस सेवा का लाभ लेने के लिए पेंशनर्स के पास पीपीओ नंबर, आधार नंबर और मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। डाककर्मी आधार के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र निर्गत कर देंगे, जो स्वत: पेंशन जारी करने वाले विभाग में अपडेट हो जाएगा। पेंशनर्स को इसके लिए मात्र 70 रुपये अदा करने होंगे।

सरकार देती है सामाजिक सुरक्षा पेंशन

सरकार अपने कर्मचारियों के साथ उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराती है। केंद्रीय सिविल सर्विस 1972 के नियम 54 के सब रुल 11 के अंतर्गत अगर पति और पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी है। उनकी मौत होने पर बच्चे दोनों की पेंशन के लिए हकदार है। नियमों के अनुसार नौकरी के दौरान या रिटायरमेंट के बाद किसी एक परिजन की मौत होती है। तब पेंशन जीवित पैरेंट को मिलेगी। लेकिन दोनों के देहांत होने पर बच्चों को फैमिली पेंशन मिलेगी।

क्रूज पर रेव पार्टी मामले में शाहरुख के बेटे आर्यन, 2 अन्य को एनसीबी ने गिरफ्तार किया

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बॉलीवुड मेगा-स्टार शाहरुख खान निर्माता गौरी के बेटे आर्यन खान दो अन्य को रविवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने लक्जरी क्रूज जहाज पर रेव पार्टी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया।
स्टार शाहरुख खान के बेटे दो अन्य, जिनमें से दो लड़कियां समेत आठ लोग शामिल थे,उनको सुबह से ही एनसीबी ने हिरासत में ले लिया था। इन सभी लोगों को जल्द ही एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।

उन्हें मेडिकल जांच के लिए एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन एनसीबी ने अभी तक ताजा घटनाक्रम पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

 

यह कार्रवाई शनिवार शाम को कॉर्डेलिया क्रूज डीलक्स जहाज पर एनसीबी के नाटकीय कार्रवाई के बाद हुई, क्योंकि यह एक निर्धारित मुंबई-गोवा यात्रा की तैयारी कर रहा था। इस घटना ने तमाम लोगों, विशेष रूप से मनोरंजन उद्योग के लोगों को स्तब्ध कर दिया है।

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शाबाश..! त्रिलोक सिंह, पुत्रों के साथ रच दिया इतिहास, साढ़े तीन घंटे में टिहरी झील को तैरकर किया पार

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नई टिहरी, उत्तराखण्ड़ की टिहरी झील में तैर कर कोई इतिहास रच दे है ना अचरज भरी बात, वह भी साथ में दो पुत्रों के साथ | ऐसा ही कुछ कारनामा दिखाया जनपद टिहरी निवासी पिता और पुत्रों ने, देखने वाले लोग रह गये हदप्रद जब यह तैराक परिवार टिहरी झील के एक किनारे भल्डियाणा तक 12 किमी का सफर पूरा किया, उत्साह से सरोबार पिता और दो पुत्रों के इस कारनामे को देखने वाले लोगों के मुख से बरबस निकल ही गया शाबाश…! त्रिलोक कर दिया कमाल |

यह इतिहास गुरुवार को बयालीस वर्ग किमी लंबी टिहरी झील को प्रतापनगर के मोटणा गांव निवासी त्रिलोक सिंह रावत और उनके दो पुत्रों ने टिहरी झील में सवा 12 किलोमीटर तैर कर रच दिया। दोनों पुत्रों ने जहां यह दूरी साढ़े तीन घंटे, वहीं पिता ने सवा चार घंटे में इसे तय किया। किसी भी व्यक्ति ने पहली बार टिहरी झील में तैर कर इतनी दूरी तय की है। इसके लिए विधिवत रूप से जिला प्रशासन से अनुमति ली गई थी। त्रिलोक सिंह रावत का कहना है कि अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए उन्होंने तैरने का फैसला लिया।

टिहरी झील किनारे कोटी कालोनी में गुरुवार सुबह आइटीबीपी की टीम की निगरानी में मोटणा गांव निवासी त्रिलोक सिंह रावत (49) और उनके बेटे ऋषभ (18) और पारसवीर (15) ने तैरकर अपनी यात्रा शुरू की। त्रिलोक सिंह रावत और उनके बेटों ने भल्डियाणा तक सवा 12 किलोमीटर दूरी तैरकर तय की। त्रिलोक सिंह रावत सवा चार घंटे में पहुंचे तो उनके बेटे ऋषभ और पारसवीर साढ़े तीन घंटे में भल्डियाणा तक पहुंचे।

मोटणा गांव त्रिलोक सिंह रावत ने बताया कि टिहरी झील 42 वर्ग किमी में फैली है और लगभग 260 मीटर गहरी है। यहां पर तैरना काफी कठिन था, लेकिन वह कई साल से अपने गांव के पास झील के बैकवाटर में ही प्रैक्टिस करते थे। उन्होंने और उनके बेटों ने टिहरी झील में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैरने का फैसला किया। भविष्य में वह इससे ज्यादा दूरी तय कर कीर्तिमान बनाने का प्रयास करेंगे।

जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि पिता-पुत्रों ने बाकायदा जिला प्रशासन से अनुमति ली थी और उन्हें बाकायदा आइटीबीपी से सुरक्षा दी गई थी। मोटणा गांव निवासी त्रिलोक सिंह रावत क्षेत्रीय विधायक विजय सिंह पंवार के प्रतिनिधि भी हैं और समाज सेवा से भी जुड़े हैं। रावत ने बताया कि वह बचपन से ही नदी किनारे रहे हैं। ऐसे में तैरना बचपन से ही सीख लिया। उसके बाद उन्होंने टिहरी झील में अपने दोनों बेटों को भी तैरना सिखाया। उनके बेटे ऋषभ 12वीं में और पारसवीर 10वीं में पढ़ता है। अगर सरकार का सहयोग मिला तो वह अपने बच्चों को तैराकी के क्षेत्र में भेजने का भी विचार कर सकते हैं।