देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार ने एक फिर शासन में अधिकारियों के दायित्वों बड़ा फेर बदल किया है, सरकार ने देर रात आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के विभागों में फेरबदल किया | राधा रतूड़ी को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व वैकल्पिक ऊर्जा की दी जिम्मेदारी गई, वहीं रमेश कुमार सुधांशु से प्रमुख सचिव राज्य संपत्ति तथा सूचना प्रौद्योगिकी लिया गया वापस, अमित सिंह नेगी सह सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा की जिम्मेदारी ली गई वापस सचिव सूचना प्रौद्योगिकी की दी गई जिम्मेदारी, आर. मीनाक्षी सुंदरम को मुख्य परियोजना अधिकारी यूजीवीएस आईएपी की दी गई जिम्मेदारी, शैलेश बगोली को आबकारी सचिव बनाया गया रितेश झा को सचिव तकनीकी शिक्षा बनाया गया सचिन कुर्वे से आबकारी लिया गया वापस ग्रामीण निर्माण विभाग की दी गई जिम्मेदारी, सौजन्य से सचिव वित्त ऊर्जा के वैकल्पिक ऊर्जा लिया गया वापस हरबंस सिंह चुघ से सभी विभाग लिए गए वापस क्योंकि वह आज रिटायर हो गए हैं बीवीआरसी पुरुषोत्तम से सचिव राजस्व लिया गया वापस विजय कुमार यादव को परियोजना निदेशक उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई सुशील कुमार को आयुक्त गढ़वाल वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी चारधाम देवस्थानम बोर्ड की दी गई जिम्मेदारी आयुक्त कुमाऊं मंडल के पद से हटाया गया रविनाथ रमन को सचिव राजेश को बनाया गया आयुक्त गढ़वाल मंडल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चारधाम देवस्थानम बोर्ड के पद से हटाया गया रंजीत कुमार सिन्हा के सचिव परिवहन की जिम्मेदारी दी गई वापस चंद्रेश कुमार यादव को सचिव श्रम व अध्यक्ष उत्तराखंड भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की दी गई जिम्मेदारी विनोद कुमार सुमन को सचिव राज्य संपत्ति की जिम्मेदारी दीपेंद्र कुमार चौधरी को सचिव परिवहन की जिम्मेदारी तकनीकी शिक्षा वायु परिवहन के जिम्मेदारी ली गई वापस आनंद श्रीवास्तव को परियोजना प्रबंधक यूएओपी की दी गई जिम्मेदारी रंजना से जिलाधिकारी उधम सिंह नगर का परिवार हटाया गया अपर सचिव पर्यटन नागरिक उड्डयन की दी गई जिम्मेदारी अहमद इकबाल को परियोजना निदेशक यूजीवीएस की जिम्मेदारी जुगल किशोर पंत को जिलाधिकारी उधम सिंह नगर बनाया गया रणवीर सिंह चौहान को अपर सचिव संस्कृति धर्मस्व महानिदेशक संस्कृति व आयुक्त परिवहन बनाया गया, जबकि नितिन सिंह भदौरिया को आयुक्त आबकारी बनाया गया, स्वाति भदौरिया से अपर सचिव संस्कृति नागरिक उड्डयन की जिम्मेदारी ली गई वापस, सुमन सिंह वल्दिया को अपर सचिव लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी दी गई, प्रदीप सिंह रावत को अपर सचिव राजस्व की दी गई जिम्मेदारी, सुरेश चंद्र जोशी को अपर सचिव बाल विकास व सामान्य प्रशासन की जिम्मेदारी दी गई, राजेंद्र कुमार को अपर सचिव समाज कल्याण अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण की जिम्मेदारी दी गयी, बीएस फिर माल को निदेशक समाज कल्याण की जिम्मेदारी बंशीधर तिवारी को निदेशक पंचायती राज की भी जिम्मेदारी दी गई चंद्र सिंह धर्मशक्तु को अपर सचिव समाज कल्याण व आयुक्त निशक्तजन की जिम्मेदारी विनोद गिरी गोस्वामी से परियोजना निदेशक उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी ली गई वापस प्रकाश चंद दुमका को सचिव रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की जिम्मेदारी दी गई बंसी लाल राणा को सचिव सूचना आयोग की जिम्मेदारी और श्याम सिंह राणा को स्टाफ ऑफसर अध्यक्ष राजस्व परिषद के पद पर भेजा गया |
चक्रब्यूह मंचन में अभिमन्यु बध देख भाव विभोर हुये दर्शक
रुद्रप्रयाग- तल्लानागपुर छैत्र की ग्राम पंचायत गडमिल में पॉडव नृत्य के 16वें दिन चक्रब्यूह का भब्य मंचन किया गया। हजारों की संख्या में दर्शकों की भीड़ के बीच कलाकारों ने अपने अभिनय से खूब समा बांधा वहीं अभिमन्यु बध के मार्मिक दृश्य दर्शकों के आंसू नहीं रोक पाया।
ग्राम पंचायत गडमिल मे 18 दिवसीय पॉडव नृत्य का आयोजन विगत 14 नवम्बर से शुरु हुआ । आज चक्रब्यूह का भब्य मंचन किया गया इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में रूद्रप्रयाग विधायक भरत सिंहं चौधरी ने रिवन काटकर चक्रब्यूह मंचन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित जनता से सत्य ओर असत्य में पहचान कर धर्म का अनुसरण करने की बात कही।
चक्रब्यूह में अभिनय कर रहे पात्रों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी अभिमन्यु व दसरथ के पात्रों का अभिनय चक्रब्यूह मंचन का मुख्य आकर्षण रहा। ग्राम प्रधान यशवंत बुटोला ने बताया कि 2 दिसंबर को मोरु डाली कौथिग के बाद पांडव नृत्य का समापन होगा।
इस अवसर पर सभासद नगरपालिका रुद्रप्रयाग संतोष रावत, ग्राम प्रधान यशवंत सिंह बुटोला, पूर्व प्रधान नारायण सिंहं बुटोला, अनिल रावत , मथुरा प्रसाद नौटियाल, रमेश खंडूरी, सहित छैत्र की जनता व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
केन्द्र की नई शिक्षा नीति का 14 नोडल अधिकारी करेंगे क्रियान्वयन,शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को जारी किया पत्र
देहरादून, केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने 16 नोडल अधिकारी और 31 सहायक नोडल अधिकारियों को नामित किया है। ये अधिकारी नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किए जा रहे पाठ्यक्रमों को लेकर पूर्व में गठित राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ के साथ समन्वय बनाएंगे। संपूर्ण पाठ्यक्रम को 16 अध्याय में बांटा गया है। एक नोडल अधिकारी व दो सहायक नोडल अधिकारी एक अध्याय की समीक्षा करेंगे।
महानिदेशक विद्यालय शिक्षा ने सोमवार को शिक्षा महानिदेशालय से जुड़े सभी उच्च अधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन हो, इसके लिए वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। इनमें अत्रेश सयाना व प्रदीप रावत को दो-दो अध्याय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राय सिंह रावत, आकाश सारस्वत, पल्लवी जैन, आशारानी पैन्यूली, एसबी जोशी, कंचन देवराड़ी, डा. हेमलता, वर्षा भारद्वाज, एसपी सिंह, एमएम जोशी व कुलदीप गैरोला एक-एक अध्याय के नोडल अधिकारी होंगे। विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने निर्देश दिया है कि नामित नोडल अधिकारी सप्ताहवार कैलेंडर के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ के साथ समन्वय स्थापित कर इस बारे में प्रकोष्ठ को ई-मेल से जानकारी दें।
दून नगर महाविद्यालय में प्रवेश चार दिसम्बर तक
दून के नवसृजित राजकीय महाविद्यालय, में स्नातक में प्रवेश चार दिसंबर तक होंगे। हाल ही में सरकार ने दून शहर के लिए एक नए महाविद्यालय की घोषणा की। यहां प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति भी कर दी गई है। इस नए महाविद्यालय का अपना भवन नहीं है। लिहाजा इस विद्यालय के लिए बीए, बीएससी व बीकाम प्रथम वर्ष में प्रवेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर मालदेवता व राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में लिए जा रहे हैं। प्रभारी प्राचार्य डा. प्रभात द्विवेदी ने बताया कि इच्छुक छात्र-छात्राएं दोनों महाविद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं। चार दिसंबर के बाद प्रवेश नहीं होंगे।
कोटद्वार में धार्मिक स्थल निर्माण पर भड़के हिंदू संगठन, पुलिस ने रुकवा निर्माण कार्य
पौड़ी, जनपद के कोटद्वार स्थित वार्ड नंबर चार गाड़ीघाट में एक समुदाय की ओर से करवाए जा रहे निर्माण कार्य पर हिंदू संगठन भड़क उठे। हिंदू संगठनों ने समुदाय के व्यक्तियों पर क्षेत्र में धार्मिक स्थल बनाने का आरोप लगाया है। वहीं, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। हिंदू संगठनों ने पूरे मामले की जांच नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बजरंग दल के जिला संयोजक आशीष सतीजा ने बताया कि गाड़ीघाट क्षेत्र में खोह नदी के तट पर पिछले कई दिनों से निर्माण कार्य चल रहा था। मंगलवार सुबह जब उन्होंने निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उक्त भूमि पर एक समुदाय की ओर से धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। आसपास मौजूद वार्डवासियों ने इसकी सूचना हिंदू संगठनों को दी। इसके बाद मौके पर विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पहुंचने लगे। हिंदू संगठनों की भीड़ देख निर्माण कार्य कर रहे मजदूर भी वहां से भाग गए। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को काबू में किया।
वहीं, निर्माण करवा रहे गाड़ीघाट निवासी शाहीन ने बताया कि वह बच्चों को ट््यूशन पढ़ाने के लिए उक्त भूमि पर दो कमरे बनवा रहा है। उक्त निर्माण कार्य को धार्मिक स्थल से जोड़कर विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगमोहन रमोला ने बताया कि बढ़ते विवाद को देखते हुए फिलहाल निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। इस मौके पर बजरंग दल के नगर अध्यक्ष हर्ष भाटिया, हिंदू युवा वाहिनी के राजेश जदली, संजय थपलियाल, दुर्गेश ममगाईं, तेजपाल, मुकेश आदि मौजूद रहे।
बॉलीवुड फिल्म ‘बूंदी रायता’ और कोविड महामारी पर बनी ‘उखड़ी सांसे’ की चल रही दून में शूटिंग
देहरादून, उत्तराखंड़ की हसीन वादियां अब बाॕलीवुड को भाने लगी, कोरोना काल के बाद अब प्रदेश में लगातार फिल्मों की शूटिंग का सिलसिला जारी है, आजकल फिल्म बूंदी रायता की शूटिंग दून के विभिन्न स्थानों पर चल रही है, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों द् फिल्म का शुभारंभ किया गया, इस दौरान विधायक श्री विनोद चमोली भी मौजूद रहे | मूवी हिंदी फिल्म ‘बूंदी रायता’ राधिका जी फिल्म्स के बैनर तले बन रही है | इस फिल्म में स्टार कास्ट हिमांशु कोहली शिल्पा शिंदे रवि किशन और निर्देशन कमल चंद्रा कर रहे हैं || बॉलीवुड के फेमस कैमरामैन और फोटोग्राफर रामा भट्ट फिल्म का महत्वपूर्ण सहभागिता निभा रहे हैं, इसी के साथ ही एक अन्य फिल्म की शूटिंग भी साथ साथ चल रही चल रही है, रिद्धि सिद्धि फिल्म प्रोडक्शन एवं प्रतिमा फिल्म एंटरटेनमेंट बैनर तले
“उखड़ी सांसे ” फिल्म का निर्माण किया जा रहा है | “उखड़ी सांसे “फिल्म का डायरेक्शन बालकराम जी कर रहे हैं इस फिल्म में उत्तराखंड, मुंबई के काफी कलाकार को जगह दी गई है | दोनों ही फिल्में शानदार तरीके से शूट हो रही है जो की उत्तराखंड ऋषिकेश हरिद्वार टिहरी मसूरी हसीन पहाड़ी वादियों पर फिल्माई जा रही हैं, फिल्म ” बूंदी रायता ” कॉमेडी सब्जेक्ट है जबकि “उखड़ी सांसेे ” अंडर कोविड-19′ पर आधारित है, निर्माणधीन दोनों फिल्मों सशक्त कहानी दर्शकों को काफी पसंद आएंगी |
देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा : केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी में निकाली विजयी रैली बांटी मिठाई
रुद्रप्रयाग, प्रदेश के मुख्यमंत्री की देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा के बाद केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी में विजयी रैली निकालकर मिठाई बांटी। साथ ही एक-दूसरे को बधाई दी गई। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने भी सरकार के इस फैसले को तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के संघर्षो की जीत बताया।
देवस्थानम बोर्ड भंग करने का फैसला आते ही पूरी केदारघाटी में तीर्थपुरोहित समाज और व्यापारियों में खुशी की लहर है। मंगलवार सुबह से ही तीर्थपुरोहित समाज सरकार के फैसले का इंतजार कर रहा था। ऊखीमठ एवं गुप्तकाशी में तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी, व्यापारी एवं स्थानीय जनता ने रैली निकालकर पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहित समाज के व्यक्तियों ने ऊखीमठ स्थित शहीद राज्य आंदोलनकारी अशोक कैशिव के चित्र पर फूल माला पहनाकर प्रसन्नता जताई। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि सरकार का यह निर्णय सराहनीय है, तीर्थपुरोहित लंबे समय से अपनी मांग को लेकर आंदोलनरत थे। वहीं तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, राजकुमार तिवारी एवं तेजप्रकाश त्रिवेदी ने कहा कि जब तक कैबिनेट के साथ ही विधानसभा में बिल लाकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर सरकार प्रस्ताव नहीं लाती, तब तक प्रदेश सरकार को इसका श्रेय नहीं दिया जाएगा।
वहीं देवस्थानम बोर्ड के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने तीर्थपुरोहितों की भावनाओं को ख्याल रखते हुए निर्णय लिया है। देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा को लेकर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करना सरकार की मजबूरी थी और तीर्थपुरोहितों के आंदोलन से सरकार डर गई थी।
निगम पार्षदों ने दी चेतावनी, जल्द ठीक नहीं हुई स्ट्रीट लाइटें तो धरने पर बैठेंगे
देहरादून, नगर निगम द्वारा शहर को तकरीबन 80 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट की रोशनी से जगमग करने का जिम्मा जिस कंपनी को दिया उसकी लचर कार्यशैली पर पार्षदों ने सवाल खड़े कर दिये। पिछले महीने कंपनी के दफ्तर में ताला लगाने और उसके बाद निगम में हड़ताल के बाद महापौर सुनील उनियाल गामा व नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला की ओर से कंपनी को दी गई चेतावनी भी बेअसर साबित होने लगी है। इससे नाराज पार्षदों ने सोमवार को नगर आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत की और चेतावनी दी कि यदि लाइटें जल्द ठीक नहीं हुई तो पार्षद धरने पर बैठ जाएंगे, नगर निगम की ओर से दिल्ली की एक कंपनी से शहर में पुराने साठ वार्डों में पुरानी सोडियम लाइटें हटाने एवं नईं एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने का करार किया गया था। उक्त कंपनी की कार्यशैली शुरुआत से विवादों में रही। निर्धारित समय के बजाए कंपनी ने दो साल की देरी से यह काम पूरा किया। नगर निगम ने इसके बावजूद नए 40 वार्डों में भी एलईडी लाइटें लगाने का काम इसी कंपनी को दे दिया। कंपनी को जुलाई में काम पूरा करना था, जो अब तक आधा भी नहीं हो पाया है। इधर, पुराने वार्डों में लगाई आधी से ज्यादा एलईडी लाइटें खराब हो चुकी हैं। पार्षद लगातार इसकी शिकायत कर रहे हैं, मगर निगम अधिकारी कुछ करने को तैयार नहीं। ज्यादातर वार्डों में लगी सैकड़ों स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं और कंपनी इन्हें ठीक ही नहीं कर रही। निगम के शिकायत प्रकोष्ठ में बंद स्ट्रीट लाइटों को लेकर रोजाना सौ से ज्यादा शिकायतें आ रही है |
सोमवार को निगम के नेता प्रतिपक्ष डा. बिजेंद्रपाल सिंह के नेतृत्व में कुछ पार्षदों ने नगर आयुक्त से मुलाकात कर वार्डों में नई लाइटों के खराब होने की समस्या उठाई व कंपनी से काम छीनने की मांग की। पार्षदों ने कहा कि लाइटें ठीक करने में कंपनी की लापरवाही से आमजन में नाराजगी है और पार्षदों को रोज खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। इस दौरान पार्षद हरिप्रसाद भट्ट, राजेश परमार आदि मौजूद थे।
ATM से कैश निकालने के बदल गए नियम, जान लीजिए वरना अटक जाएंगे पैसे
नई दिल्ली: SBI New Rule: एटीएम से कैश निकासी के नियमों में बदलाव हुआ है. SBI ने एटीएम से ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक नई पहल की है. अब एसबीआई एटीएम से कैश निकालने के लिए आपको ओटीपी दर्ज करने की जरूरत होगी. इस नए नियम में ग्राहक बिना ओटीपी के कैश नहीं निकाल सकेंगे. कैश निकासी के समय ग्राहकों को उनके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी मिलेगा जिसे डालने के बाद ही एटीएम से कैश निकाला जा सकेगा.
बैंक ने ट्वीट कर दी जानकारी
बैंक ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है. ट्वीट में कहा गया है, ‘एसबीआई एटीएम में लेनदेन के लिए हमारी ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली धोखेबाजों के खिलाफ टीकाकरण है. आपको धोखाधड़ी से बचाना हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. एसबीआई के ग्राहकों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली कैसे काम करेगी.’
जानिए क्या है नियम?
आपको बता दें कि 10,000 और उससे ज्यादा रकम निकासी पर ये नियम लागू होंगे. एसबीआई के ग्राहकों को उनके बैंक खाते से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए एक ओटीपी और उनके डेबिट कार्ड पिन के साथ हर बार अपने ATM से 10,000 रुपये और उससे अधिक निकालने की अनुमति देगी.
– एसबीआई एटीएम से नकदी निकालने के लिए आपको एक ओटीपी (OTP) की जरूरत होगी.
– इसके लिए आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा.
– ये ओटीपी एक चार अंकों की संख्या होगी जो ग्राहक को सिंगल ट्रांजैक्शन के लिए मिलेगा.
– एक बार जब आप वह राशि दर्ज कर लेते हैं जिसे आप निकालना चाहते हैं, तो एटीएम स्क्रीन पर ओटीपी डालने को कहा जाएगा.
– आपको कैश निकासी के लिए इस स्क्रीन में बैंक के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करना होगा.
Our OTP based cash withdrawal system for transactions at SBI ATMs is vaccination against fraudsters. Protecting you from frauds will always be our topmost priority.#SBI #StateBankOfIndia #ATM #OTP #SafeWithSBI #TransactSafely #SBIATM #Withdrawal pic.twitter.com/9EnJH883bx
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) November 21, 2021
बैंक ने बताया क्यों पड़ी इसकी जरूरत
बैंक की तरफ से ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ग्राहकों को फ्रॉड से बचाया जा सके. देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI के पास भारत में 71,705 BC आउटलेट्स के साथ 22,224 शाखाओं और 63,906 ATM/CDM का सबसे बड़ा नेटवर्क है. इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या लगभग 9.1 करोड़ और 2 करोड़ है.
दोगुनी होगी पेंशन! हटने वाली है 15000 रु की लिमिट, EPS पर जानिए नया अपडेट
नई दिल्ली: Employee Pension Scheme: एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तहत निवेश पर लगे कैप को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. कर्मचारियों को अब कोर्ट से बहुत उम्मीद है. लेकिन इस सुनवाई और इस मामले का आप से क्या लेना देना है और इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा आज हम यहां आपको समझाते हैं.
क्या है EPS सीमा को हटाने का मामला
इस मामले पर आगे बढ़ने से पहले ये समझ लेते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या. अभी अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपये प्रति महीने तक सीमित है. मतलब, आपकी सैलरी चाहे जितनी हो, लेकिन पेंशन की कैलकुलेशन 15,000 रुपये पर ही होगी. इस लिमिट को हटाने को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को भारत संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से दायर याचिकाओं के उस बैच की सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों की पेंशन को 15,000 रुपये तक सीमित नहीं किया जा सकता. इन मामलों की सुनवाई 17 अगस्त 2021 से रोजाना चल रहा है.
अभी क्या है EPS को लेकर नियम?
जब हम नौकरी करने लगते हैं और EPF के सदस्य बन जाते हैं, तो उसी समय हम EPS के भी सदस्य बन जाते हैं.कर्मचारी अपनी सैलरी का 12% हिस्सा EPF में देता है, इतनी ही रकम उसकी कंपनी की ओर से भी दी जाती है, लेकिन इसमें से एक हिस्सा 8.33 परसेंट EPS में भी जाता है. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अभी पेंशन योग्य वेतन अधिकतम 15 हजार रुपये ही है, मतलब कि हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15,000 का 8.33%) 1250 रुपये होता है.
जब कर्मचारी रिटायर होता है तब भी पेंशन की गणना करने के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपये ही माना जाता है, इस हिसाब से एक कर्मचारी EPS के तहत अधिकतम पेंशन 7,500 रुपये ही पा सकता है.
ऐसे होती है पेंशन की कैलकुलेशन
एक बात जरूर ध्यान दें कि अगर आपने EPS में योगदान 1 सितंबर, 2014 से पहले शुरू किया है तो आपके लिए पेंशन योगदान के लिए मंथली सैलरी की अधिकतम सीमा 6500 रुपये होगी. 1 सितंबर, 2014 के बाद अगर आप EPS से जुड़े हैं तो अधिकतम सैलरी की सीमा 15,000 रुपये होगी. अब देखिए कि पेंशन की कैलकुलेशन होती कैसे है.
EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला
मंथली पेंशन= (पेंशन योग्य सैलरी x EPS योगदान के साल)/70
यहां मान लेते हैं कर्मचारी ने 1 सितंबर, 2014 के बाद EPS में योगदान शुरू किया तो पेंशन योगदान 15,000 रुपये पर होगा. मान लीजिए कि उसने 30 साल तक नौकरी की है.
अधिकतम और न्यूनतम पेंशन
ध्यान रहे कि कर्मचारी की 6 महीने या इससे ज्यादा की सर्विस को 1 साल माना जाएगा और इससे कम हुआ तो उसकी गिनती नहीं होगी. मतलब अगर कर्मचारी ने 14 साल 7 महीने काम किया है तो उसे 15 साल माना जाएगा. लेकिन 14 साल 5 महीने काम किया है तो सिर्फ 14 साल की ही सर्विस काउंट होगी. EPS के तहत मिनिमम पेंशन की राशि 1000 रुपये प्रति महीना होती है, जबकि अधिकतम पेंशन 7500 रुपये होती है.
Jio के सबसे सस्ते प्लान के सामने Airtel का सस्ता रिचार्ज हुआ फेल, जानें कैसे
पिछले सप्ताह एयरटेल और वोडाफोन आइडिया द्वारा प्री-पेड प्लान महंगे किए जाने के एक हफ्ते बाद Reliance Jio ने भी अपने प्री-पेड प्लान की कीमतों में 20 फीसदी का इजाफा कर दिया है जिसके बाद जियो का सबसे सस्ता प्लान अब 91 रुपये का हो गया है जिसकी कीमत पहले 75 रुपये थी।
हालांकि, यह प्लान जियोफोन यूजर्स के लिए ही है। लेकिन, अगर इस कीमत में देखा जाए तो इसी प्राइस रेंज में Airtel यूजर्स को 99 रुपये का प्रीपेड प्लान भी ऑफर करता है। आइए आपको बताते कि जियो और एयरटेल में कौन सा प्लान बेहतर है। इससे पहले आपको बता दें कि एयरटेल और के नए प्लान की कीमत लागू हो चुकी है और जियो के नए प्लान 1 दिसंबर से लागू होंगे।
Reliance Jio Rs 91 Plan
जियो का सबसे सस्ता प्रीपेड रिचार्ज प्लान 91 रुपए का हो गया है। पहले यह जियो प्लान 75 रुपये का आता था। यह प्लान जियोफोन यूजर्स के लिए है।
प्लान में मिलने वाले बेनिफिट्स की बात करें तो यह जियो प्लान 28 दिनों की वैधता के साथ आता है।
इस प्लान के तहत कंपनी की ओर से कुल 3 जीबी डाटा दिया जाता है। इस डाटा की कोई डेली लिमिट नहीं है।
इसके अलावा Jio Rs 91 Plan में 28 दिनों के लिए अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और 50 एसएमएस मिलते हैं।
Airtel Rs 99 Plan
एयरटेल के सबसे सस्ते प्रीपेड टैरिफ प्लान्स में 99 रुपए का हो गया है।
एयरटेल की ओर से इस प्लान में अपने यूजर्स को कुल 200 एमबी डाटा दिया जाता है जिसका यूज़ 28 दिनों के भीतर किया जा सकता है।
Airtel Rs 99 Plan में कंपनी 99 रुपये का ही टॉकटाइम मिलता है। हालांकि, प्लान में कॉलिंग अनलिमिटेड फ्री नहीं है।
यूजर को 1 पैसा प्रति सेकेंड की दर से वॉयस कॉलिंग की कीमत देनी होगी।
निष्कर्ष: अगर दोनों ही प्लान की बात करें तो आप देख सकते हैं कि जियो और एयरटेल दोनों के प्लान में मिलने वाले बेनिफिट्स काफी अलग हैं। साथ ही जियो का प्लान एयरटेल के रिचार्ज से 8 रुपए सस्ता है। इस हिसाब से जियो का प्लान ज्यादा बेहतर कहा जाएगा। लेकिन, जियो का रिचार्ज स्मार्टफोन यूजर्स के लिए नहीं है।
मुख्यमंत्री ने जसपुर में 1650.66 लाख रूपये की विभिन्न विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं शिलान्यास
यूएस नगर, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को जनपद उधम सिंह नगर के जसपुर स्थित मंडी परिसर पहुँचकर 1650.66 लाख रूपये की योजनाओं का लोकार्पण एंव शिलान्यास किया। जिसमें 61.43 लाख रुपए लागत की 3 योजनाओं का लोकार्पण व 1589.23 लाख रुपये लागत की 9 योजनाओं का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने जिन योजनाओं का लोकार्पण किया उनमें नगर पंचायत महुआडाबरा में 19.85 लाख रुपये की लागत के मानसरोवर झील निर्माण कार्य, 35 लाख रुपये की लागत के वार्ड नम्बर 2 व 5 के निर्माण कार्य, 6.58 लाख रुपये लागत से शहीद स्थल पुनर्निर्माण कार्य शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही 169.82 लाख रुपए लागत की गणेशपुर-केशपुरी ग्राम समूह पेयजल योजना, 199.40 लाख रुपये लागत की तलाबपुर ग्राम समूह पेयजल योजना, 444.67 लाख रूपये लागत की राजपुर ग्राम समूह पेयजल योजना, 445.18 लाख रूपये लागत की नारायणपुर ग्राम समूह पेयजल योजना, 49.20 लाख की लागत से विकास खण्ड जसपुर की ग्राम पंचायत गढ़ीहुसैन में हाईवे से टयुबवैल व नहर की पुलिया से होते हुए टांडा प्रभावपुर लिंक मार्ग की ओर सी.सी.मार्ग का निर्माण, 49.20 लाख की लागत के ग्राम पंचायत कलियावाला में ग्राम कल्याणपुर से नहर होते हुए कलियावाला तक सी.सी.मार्ग का निर्माण, 30 लाख की लागत से नगर क्षेत्र जसपुर के नत्था सिंह मोहल्ला (अनुसूचित जाति) में बारात घर का निर्माण, 30 लाख की लागत से विकास खण्ड जसपुर के ग्राम श्यामनगर में बारातघर का निर्माण कार्य, 175.76 लाख की लागत से नेहरू रा.इ.का. महुआडाबरा में 01 पुस्तकालय कक्ष,01 कम्प्यूटर कक्ष,04 ए.सी.आर. कक्ष, एंव 03 प्रयोगशाला (जीव विज्ञान प्रयोगशाला,रसायन विज्ञान प्रयोगशाला एवं भौतिक विज्ञान प्रयोशाला ) निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
उन्होंने स्टेडियम बनाने एवं गढ़ीनेगी क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि भोगुपुर क्षेत्र को राजस्व ग्राम बनाने की जो भी प्रक्रिया होगी, उसको मंत्रीमण्डल में लाकर उस प्रकिया को पूरा करेंगें। उन्होंने कहा कि राजनीति से हटकर काम किया है, राजनीति के नजरिये से विकास को नही देखते है। सतत् विकास चलते रहना चाहिए। नेपा की 1000 एकड भूमि पर सिडकुल स्थापना का सरकार प्रयास करेगी जिससे राजस्व, रोजगार के साथ ही व्यापार की प्राप्ति हो सके।
उन्होंने जसपुर की एतिहासिक भूमि को नमन करते हुए कहा कि जसपुर किसान बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र भी है, आस-पास की रोजगार की बहुत सारी चीजे़ यहॉ से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सितारंगज की चीनी मिल को चलाने का संकल्प लिया था, 29 नवम्बर को सितारगंज चीनी मिल शुरू की है जोकि एतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मजदूरो, उद्योग-धन्धों के साथ ही सरकार भी प्रभावित हुई है। इसके बावजूद भी एक-एक कर, सभी समस्याओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की सहयोगी के रूप में काम कर रही है। गन्ने के मूल्य निर्धारण हेतु यूपी का अध्ययन करते हुए गन्ने की अगेती प्रजाति के लिए 355 तथा सामान्य प्रजाति के लिए 345 रूपये निर्धारित किया है, जोकि 29.50 रूपये प्रति कुन्तल की वृद्धि की है। भाड़ा 11 से घटा कर 9.50 रूपये किया है। किसाना भाईयों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, उसके लिए लगातार काम करेंगे। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि किसान भाईयों का जीवन स्तर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि में 9.50 लाख से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिला है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का प्रदेश से विशेष लगाव है। सड़कों के क्षेत्र मे तेजी से काम हो रहा है। जसपुर, जाने वाली विभिन्न सड़कों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अफजलगढ़ से नजीबाबाद को सीधे सड़क निकलने वाली है, सड़क स्वीकृत है, शीघ्र ही प्रधानमंत्री जी शिलांयास करने वाले हैं। एम्स की दूसरी शाखा उधम सिंह नगर में खुलने जा रही है।
उन्होंने कहा कि 3.50 लाख से ज्यादा लोगो ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ अभी तक उठाया है। यह विश्व की सबसे बड़ी स्कीम है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिये कि जिन चिन्ह्ति अस्पतालों में योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है या किसी भी प्रकार की शिकायत आने पर सम्बन्धित अस्पताल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। योजना के क्रियान्वयन में कोताही नहीं होनी चाहिए, जो भी उत्तरदायी होगा, उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में कार्य करने वालों के साथ सहयोगी एवं साझेदार के रूप में कार्य कर रहे हैं। खेल नीति लाये हैं, जिनके अन्दर प्रतिभा, योग्यता, रूचि है उन्हें किसी की ओर हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा, नीति में सरकार ने सभी व्यवस्थाऐं की है। एक-एक पल, एक-एक क्षण प्रदेश की जनता के लिए लगाया जा रहा है। आज देव स्थानम बोर्ड को वापस लेने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार आम जन की सुविधाओं के लिए कार्य कर रही है। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण के मंत्र पर कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, क्षेत्रीय विधायक श्री आदेश सिंह चौहान, श्री हरभजन सिंह चीमा, अध्यक्ष एससी आयोग श्री मुकेश कुमार, उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग सायरा बानो, मेयर ऊषा चौधरी, पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल आदि उपस्थित थे।
जनभावनाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री का निर्णय स्वागत योग्य : महाराज
देहरादून, पर्यटन, लोक निर्माण, धर्मस्व, सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के पश्चात जनभावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की जो घोषणा की है वह स्वागत योग्य कदम है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर मंत्री गणों की उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के बाद पंडा, पुरोहितों, पुजारियों और जन भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का जो निर्णय लिया है वह एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा उसके पश्चात विधानसभा में भी इसे प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होने कहा कि उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के परिपेक्ष में चारों धामों के हितधारकों पंडा, पुरोहितों और पुजारियों द्वारा समय-समय पर विरोध, आंदोलन के मध्येनजर वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत हमने जो रिर्पोट मुख्यमंत्री जी को सौंपी उसके आधार पर जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जो निर्णय उन्होने लिया है वह उचित और स्वागत योग्य है।
खास खबर : एनसीसी का 73वां स्थापना दिवस : एनसीसी एक संगठन से ज्यादा एक मिशन : धामी
आने वाले समय में 1 लाख नए कैडेट तैयार किए जाएं, जिनमें से एक तिहाई युवतियां होंगी : सीएम
देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को 73वें एन.सी.सी. स्थापना दिवस के अवसर पर एन.सी.सी. निदेशालय घंघोड़ा में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने 15 एन.सी.सी कैडेटों, 6 ऐ.एन.ओ, 4 पी आई स्टाफ (जे.सी.ओ,एन.सी.ओ) एवं तीन सिविल स्टाफ को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी एक संगठन से ज्यादा एक मिशन है, जिसका उद्देश्य है देश की युवाशक्ति में अनुशासन, दृढ़ निश्चय निर्धारण और राष्ट्र के प्रति निष्ठा को मजबूत करना है। आज यह देख कर बेहद हर्ष की अनुभूति हो रही है कि एनसीसी अपने इन लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। एनसीसी देश के युवाओं को उनकी वास्तविक क्षमता का अनुभव करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान का एक शानदार अनुभव प्रदान करता है। एनसीसी का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। सेनाओं से अलग भी, देश का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां एनसीसी के बहादुर कैडेट्स ने अपनी प्रतिभा का परचम न लहराया हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए एनसीसी कैडेट्स के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश के किसी भी हिस्से में यदि कभी कोई संकट आया, कोई आपदा आई या कभी सामान्य जनजागरण का ही कोई कार्य हो, एनसीसी के कैडेट्स हमेशा पूरे समर्पण भाव से मौके पर मौजूद रहे है। यह न केवल संगठन बल्कि हमारे लिए भी गर्व करने वाली बात है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ही एनसीसी कैडेट्स रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीसी के पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार हमारी सेनाओं के सशक्तिकरण का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी वो नर्सरी है, जहां भविष्य के वीर सैनिक तैयार होते हैं। एनसीसी के विस्तार और आधुनिकीकरण पर भी सरकार की तरफ से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री का प्रयास है कि आने वाले समय में 1 लाख नए कैडेट तैयार किए जाएं, जिनमें से एक तिहाई युवतियां होंगी। सरकार की योजना सीमावर्ती इलाकों में एनसीसी के कार्यक्षेत्र को और अधिक बढ़ाने की भी है। एनसीसी राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देने वाले युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस देश के युवा में अनुशासन हो, दृढ़ इच्छाशक्ति हो, निष्ठा हो, लगन हो, उस देश का तेज गति से विकास कोई नहीं रोक सकता।
एन.सी.सी. के अपर महानिदेशक मेजर जनरल पी०एस० दहिया ने कहा कि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों का प्रदेश है। उत्तराखण्ड के लोगों का सेना में शामिल होना न केवल रोजगार है, इससे भी बढ़कर एक परंपरा है। एनसीसी संगठन भी उनकी वीरता और समर्पण से प्रेरित होते हैं।
इस अवसर पर ब्रिगेडियर एस०एस० डड्वाल, रवीन्द्र गुरूंग, एन०एस० ठाकुर, वी०के० तोमर, कर्नल रमन अरोड़ा, कर्नल जे०बी० क्षेत्री, लेफ्टिनेंट कर्नल राहुल चौहान, एल.बी.मल्ल, समीर सक्सेना, हरीश डबराल, एन०के० उनियाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
खास खबर : धामी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, देवस्थानम् बोर्ड होगा भंग
देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने आज चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर बड़ा फैसला लेते हुए त्रिवेंद्र सरकार के फैसले को पलट दिया। सीएम धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान किया। इसी के साथ उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर तीर्थपुरोहितों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है। देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति एवं मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि, दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के विरोध और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था। देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के विरोध के मद्देनजर उनकी शंकाओं के समाधान के लिए सरकार ने राज्य सभा के पूर्व सदस्य मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी।
बीते रोज सोमवार को समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी। सीएम धामी ने समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की। समिति के अन्य सदस्यों में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व स्वामी यतीश्वरानंद शामिल किए गए। उपसमिति को दो दिन के भीतर संस्तुति सहित परीक्षण रिपोर्ट देने को कहा गया था। इसके बाद आज सीएम ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान कर दिया।