Friday, May 2, 2025
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आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल ‘विरासत’ का दून में आयोजन, रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक पखवाड़ा चलेगा महोत्सव

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‘महोत्सव में ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. अलका मित्तल को विरासत सम्मान भी प्रदान किया जायेगा’

देहरादून, कोरोना काल के बाद एक बार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी दून में हो रही है, यह आयोजन 15 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल 2022 तक अंबेडकर स्टेडियम कौलागढ़ में होगा। संस्था रीच दो साल बाद विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 का आयोजन फिर से करने जा रही है। विरासत को लेकर रीच संस्था के पदाधिकारियों ने गुरुवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में 15 दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव की जानकारी दी।

रीच संस्था के वरिष्ठ सदस्यों आरके सिंह और लोकेश ओहरी ने बताया कि महामारी के कारण इसका आयोजन 2 साल बाद हो रहा है। इस बार देहरादून वासियों को रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बहुत कुछ देखने को मिलेगा। कार्यक्रमों में मुख्य रूप से क्राफ्ट विलेज, फूड फेस्टिवल, क्लासिकल म्यूजिक एंड डांस, फोक म्यूजिक एंड डांस, कर्न्सट के साथ-साथ क्राफ्ट वर्क शॉप, विंटेज एंड क्लासिक कार एंड बाइक रैली एवं क्विज आदि प्रोग्राम होगा।

एक पखवाड़ा तक आयोजित ‘विरासत’ अपनी रजत जयंती संस्करण के तहत पदम भूषण परवीन सुल्ताना, गजल गायक तलत अजीज, वडाली ब्रदर्स, लांगा मांगनियार, कत्थक और बांसुरी वादन के साथ-साथ फोटोग्राफी प्रतियोगिता, आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क शॉप जैसे कार्यक्रमों का संगम लेकर आया है। इस वर्ष विरासत महोत्सव ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक डॉ अलका मित्तल को विरासत सम्मान भी प्रदान करेगा। जो उनकी और ओएनजीसी द्वारा वर्षों से इस उत्सव को जबरदस्त समर्थन देने के लिए है।

‘रीच’ की स्थापना 1995 में देहरादून में हुई थी, तबसे रीच देहरादून में विरासत महोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। उदेश बस यही है कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए और इन सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। विरासत महोत्सव कई ग्रामीण कलाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा है जो दर्शकों के कमी के कारण विलुप्त होने के कगार पर था। विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन, आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन्हीं वजह से हमारी शास्त्रीय और समकालीन कलाओं को पुणः पहचाना जाने लगा है। विरासत 2022 आपको मंत्रमुग्ध करने और एक अविस्मरणीय संगीत और सांस्कृतिक यात्रा पर फिर से ले जाने का वादा करता है।

अल्मोड़ा पंहुचे माननीय राज्यपाल : जनपद में संचालित विभिन्न विकास कार्यों के बारे में ली जानकारी

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उत्तराखण्ड़ में ग्रामीण आजीविका के मुख्य धुरी यहां की मेहनतकश महिलायें हैं : राज्यपाल

(अशोक पांडेय)

अल्मोड़ाउत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह बुधवार को अपने निर्धारित कार्यक्रमानुसार जनपद अल्मोड़ा पहुंचे। अल्मोड़ा पंहुचने पर माननीय राज्यपाल महोदय का स्थानीय सर्किट हाउस में जिलाधिकारी वन्दना द्वारा जनपद के पर्यटन स्थलों से सम्बन्धित प्रकाशित कॉफी टेबल बुक देकर स्वागत किया। इससे पूर्व पुलिस टीम द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
राज्यपाल ने सर्किट हाउस में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, वनाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ बैठक कर जनपद में संचालित विभिन्न विकास कार्यों, गतिविधियों स्वास्थ्य व्यवस्थाओं, स्वरोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों, कानून एवं शांति व्यवस्था सहित जनपद में किए जा रहे अभिनव प्रयासों के बारे में जानकारी ली।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राज्यपाल को जनपद में संचालित विभिन्न विकास कार्यों, अभिनव प्रयासों के साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में कराये जाने वाले महत्वपूर्ण प्रस्तावित कार्यों से अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि गत वित्तीय वर्ष में कोविड संक्रमण के बावजूद भी जनपद अल्मोड़ा में जिला योजना अन्तर्गत विभागों द्वारा शत-प्रतिशत धनराशि व्यय कर विकास कार्य सम्पन्न कराए गए। उन्होंने कहा कि जनपद में विशेष उपलब्धि के अन्तर्गत अल्मोड़ा नगर हेतु पेयजल की किल्लत के समाधान के लिए पूर्व में कोसी नदी से बनायी गयी पम्पिंग पेयजल योजना से 8 एमएलडी पानी उपलब्ध होता था जबकि नगर की पेयजल की मॉग 16 एमएलडी थी जिसकी पूर्ति हेतु कोसी द्वितीय पम्पिंग योजना बनायी गयी जो *इस वर्ष पूर्ण हुई है इसी माह अप्रैल से द्वितीय पम्पिंग योजना से 8 एमएलडी कुल 16 एमएलडी पानी अल्मोड़ा नगर एवं आसपास के गॉवों की आपूर्ति हेतु उपलब्ध हो जायेगी।
मा. राज्यपाल ने कहा कि पेजयल की समस्या एक चुनौती है, इसके समाधान हेतु इस प्रकार की योजनाओं के साथ ही जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य नियमित रूप से करने होंगे।
जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में जिले में कोसी नदी पुर्नजनन अभियान चलाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत कोसी कैचमेंट एरिया के अन्तर्गत रिचार्ज जोन तैयार करते हुए इस क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। इस कार्य हेतु जनपद अल्मोड़ा को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र में ग्राम पंचायतों की मदद से पौधारोपण के अतिरिक्त छोटे-छोटे जलाशयों, चाल-खाल आदि का निर्माण किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों की मदद से जल संरक्षण एवं संवर्द्वन के अधिकाधिक कार्य कराये जाय।
जिलाधिकारी ने मा0 राज्यपाल को अवगत कराया कि विकासखण्ड धौलादेवी के ग्राम धसपड़ के अन्तर्गत ग्राम्या परियोजना अन्तर्गत जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से जल संवर्धन, जल प्रबन्धन के क्षेत्र में कार्य करते हुए ग्रामवासियों की आजीविका के क्षेत्र में कार्य किया गया जिस हेतु ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। इस कार्य की प्रंशसा करते हुए मा0 राज्यपाल ने कहा कि ग्राम पंचायत धसपड़ द्वारा किए गये इस उल्लेखनीय कार्य से अन्य ग्राम पंचायत भी प्रेरणा लें इस हेतु विभिन्न स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार किया जाय। उन्होंने कहा कि यहॉ के ग्राम प्रधान के द्वारा कराए गये कार्य से निश्चित रूप से कृषि व औद्यानिकी के क्षेत्र में एक परिर्वतन होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रगतिशील को ब्राण्ड एम्बसेडर/रोल मॉडल बनाया जाय।
जिलाधिकारी द्वारा जिले में विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे अभिनव प्रयासों एवं कार्यों के बारे में मा0 राज्यपाल को अवगत कराया जिसमें ताड़ीखेत के ग्राम पंचायत स्यू मल्ला में जंगली जानवरों से कृषि फसल को हो रहे नुकसान के रोकथाम हेतु मनरेगा के अन्तर्गत सुअररोधी दीवार का निर्माण करायें जाने सम्बन्धी विभिन्न कार्यों से अवगत कराया। मा0 राज्यपाल ने कहा कि छोटे-छोटे इस प्रकार के कार्यों से ही अनुभव प्राप्त कर आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होते है इस प्रकार के कार्यों को प्राथमिकता से करते हुए अन्य ग्राम पंचायतों को प्रेरित् किया जाय। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद स्तर पर अभिनव प्रयास के अन्तर्गत हवालबाग में ग्रामीण उत्पादों की बिक्री एवं उनके बाजार उपलब्ध कराये जाने के साथ ही तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु रूरल बिजनेस इन्क्यूवेटर सेन्टर बनाया गया है जिसका क्षेत्रवासियों को लाभ मिल रहा है, विशेष रूप से इसमें महिलाओं को अधिकाधिक लाभ मिल रहा है। उक्त सम्बन्ध में मा0 राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में ग्रामीण आजीविका के मुख्य धुरी यहां की मेहनतकश महिलायें है, यहां के उत्पादों को बाजार, ब्राण्ड (नाम), पैकेजिंग तथा उनके दाम हेतु इस क्षेत्र में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि यहां के उत्पादों का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों से कराया जाय।
पर्यटन क्षेत्र के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए मा0 राज्यपाल ने कहा कि जनपद अल्मोड़ा धर्मिक, पर्यटन, सांस्कृतिक के रूप में विश्व विख्यात है। पर्यटन की दृष्टि से अल्मोड़ा अपने आप में एक स्थान रखता है। यहॉ ग्रामीण व्यवसाय के साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाय। वैज्ञानिकों की रिसर्च को किसानों तक पहुचाने हेतु कार्य किया जाय ताकि आजीविका क्षेत्र में स्थानीय लोग आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि यहॉ के उत्पादों को आगे बढ़ाने हेतु एक क्रान्ति शुरू हो चुकी है, निश्चित रूप से आने वाले समय में इसका लाभ यहॉ के लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो लोग यहॉ से पलायन कर चुके है उन्हें पुनः यहॉ वापस लाने हेतु हमें विशेष प्रयास करने होंगे इस हेतु उन्होंने यहॉ के ऐसे प्रवासियों जो देश-विदेश में रह रहे है उनसे अपील की कि वह इस जिले के विकास के लिए आगे आए। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि जनपद में रोजगारपरक सम्बन्धी योजनाओं को अधिकाधिक बढ़ायें जिसमें होम-स्टे, कृषि, औद्यानिकी, पशुपालन के क्षेत्र को विकसित करते हुए पहाड़ में आजीविका के संसाधनों को बढ़ायें। उन्होंने कहा कि जिले में रिवर्स पलायन कैसे हो इस सम्बन्ध में कार्य करते हुए जनपद के पलायन कर चुके लोगों को जिले में वापस लाये जाने हेतु जिम्मेदारी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि पहाड़ में शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है इन तीनों क्षेत्र में भी प्राथमिकता से कार्य कराया जाय। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जिले में किये जा रहे अभिवन प्रयास के तहत सरकारी विद्यालयों में रूपान्तरण अभियान के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों, होम-स्टे को बढाये जाने हेतु किए जा रहे कार्यों अल्मोड़ा नगर को संस्कृतिक के शहर के रूप में विकसित किए जाने हेतु मल्ला महल किले का संरक्षण कार्य, ताकुला क्षेत्र में पॉली हाउस तथा विकास के कार्यक्रम, भगरतोला में सब्जी उत्पादन के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की आजीविका को बढ़ाये जाने हेतु किए जा रहे कार्याें की जानकारी दी।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जनपद के विकास हेतु प्रस्तावित कार्यों के बारे में विस्तार से मा0 राज्यपाल को अवगत कराया जिसमें जिला मुख्यालय में हेरिटेज पुस्तकालय एवं पटाल बाजार का जीर्णोद्वार कार्य, अल्मोड़ा शहर में ड्रेनेज व्यवस्था मास्टर प्लान तैयार कर जी0आई0एस0 बेहतर कार्य कराए जाने, विभिन्न क्षेत्रों में पार्किंग निर्माण कार्य, सिकुड़ा बैण्ड से लोअर माल रोड तक टनल निर्माण एवं टनल पार्किंग का निर्माण आदि प्रस्तावित कार्यों की जानकारी दी। मा0 राज्यपाल ने कहा कि पार्किंग समस्याओं के समाधान हेतु टनल पार्किंग के भी प्रस्ताव तैयार कराये जाय। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव द्वारा जिले में कानून व्यवस्था आदि के बारे में मा0 राज्यपाल को अवगत कराया।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 आर0सी0 पंत द्वारा जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के साथ ही कोविड संक्रमण के दौरान किए गये कार्यों आदि मा0 राज्यपाल को अवगत कराया। डा0 पंत ने अवगत कराया कि जिले में कोविड संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य सुविधा में बढ़ोत्तरी हुयी है मेडिकल कालेज बनने से जिले में और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया हो रही है। जिले में कोविड के दौरान उपलब्ध करायी गयी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं एवं निकट भविष्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में तैयार प्रस्ताव की राज्यपाल द्वारा प्रंशसा की। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद एवं मर्म चिकित्सा के क्षेत्र में भी जनपद स्तर पर बेहतर कार्य किया जा रहा है जो सराहनीय है।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने जनपद में वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु किए जा रहे कार्यों के बारे में आवश्यक जानकारी देते हुए अवगत कराया कि वन विभाग द्वारा वनाग्नि की रोकथाम हेतु तत्परता से कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जंगली सूअरों की बढ़ती संख्या एवं उनके द्वारा खेतों को हो रहे नुकसान की रोकथाम हेतु सूअर रोधी दीवार का निर्माण किया जा रहा है। बन्दरों के किए जा रहे नुकसान की रोकथाम हेतु भी अल्मोड़ा मिनी जू में बन्दरबाड़ा तैयार कर उनका बध्याकरण किये जाने पर भी कार्य किया जा रहा है। डीएफओ द्वारा जनपद में वन क्षेत्रान्तर्गत संचालित पर्यटन गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी। डीएफओ ने अवगत कराया कि जिले में वनाग्नि की रोकथाम हेतु आम जन सहभागिता हेतु ग्राम स्याहीदेवी में विगत माह औढ दिवस मनाया गया जिसके अन्तर्गत ग्राम की महिलाओं द्वारा खेत में एकत्रित कूड़े को न जलाने की कसम खायी इस हेतु शपथ भी ली गयी। उक्त सम्बन्ध में मा0 राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास एक सराहनीय कार्य है अन्य लोग भी इससे सीख लें इस हेतु इन कार्यों का बेहतर प्रचार-प्रसार किया जाय। मा0 राज्यपाल ने कहा कि सभी को मिलकर वनाग्नि को रोकने को प्रयास करने होंगे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे ने अवगत कराया कि कोविड संक्रमण के कारण जनपद में कई हजार लोग जनपद में वापस आये इन्हें स्वरोजगार से जोड़ने हेतु 6 हजार अतिरिक्त मनरेगा कार्ड बनाये गये। 2 हजार बेरोजगारों को स्वरोजगार एवं लघु उद्योग स्थापित करने हेतु विभिन्न योजनान्तर्गत ऋण प्रदान किया गया।
मा0 राज्यपाल ने जिले के पूर्व सैनिकों के साथ बैठक कर सैनिकों की समस्याओं/समाधान के लिए सैनिकों से सुझाव भी लिये। उन्होंने कहा कि एक सैनिक द्वारा देश की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया जाता है। सेवानिवृत्ति के उपरान्त भी वह सामाजिक कार्यो, सेवाओं में अपना योगदान देता रहता है। उन्होंने कहा कि उनकी जो भी समस्या है वह कभी भी उन्हें अवगत करा सकते है उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान किया जायेगा। इस दौरान पूर्व सैनिकों द्वारा वन रैंक वन पेंशन एवं सैनिकों को हाउस टैक्स दिए जाने वाली छूट सम्बन्धी अपनी समस्याओं से मा0 राज्यपाल को अवगत कराया। मा0 राज्यपाल ने कहा कि इस सम्बन्ध में पत्राचार गतिमान है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से अपील कि, कि सेना में युवाओं की भर्ती हेतु जनपद स्तर पर एनडीए एवं सीडीएस कोचिंग सेन्टर खोले जाने हेतु कार्य करें इस कार्य में जिलाधिकारी द्वारा उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान किया जायेगा।
भ्रमण के दौरान मा0 राज्यपाल ने सर्किट हाउस में विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा लगाये गये स्टॉलों के निरीक्षण के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों से भी मिले तथा उनके उत्पादों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने स्थानीय उत्पादों, हस्तकला, शिल्पकला ताम्रशिल्प मशरूप उत्पादन, कृषि, उद्यान, आजीविका अन्तर्गत हिलांस के उत्पादों का अवलोकन करने के साथ ही उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीण महिला ही गांव की अर्थव्यवस्था में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं, इन्हें और अधिक मजबूत बनाने हेतु जो महिला स्वयं सहायता समूह वर्तमान में आजीविका के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं उन्हें प्रोत्साहित करते हुए उनके उत्पादों को बाजार तक लाने की व्यवस्था के साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाय। उनके उत्पादों के सही दाम बाजार में मिले इस हेतु बेहतर पैकेजिंग हेतु मशीन व उपकरण उपलब्ध कराए जाय। उन्होंने कहा महिलायें अपने हुनर को और अधिक निखारे जिस पर जो काबिलियत है वह उसी कार्य को करें। इस दौरान जिला रेडक्रास सोसायटी के प्रतिनिधियो ंद्वारा भी मा0 राज्यपाल से भंेट कर जिले में कोविड के दौरान किए गये कार्यों को आदि के बारे में जानकारी दी। भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी वन्दना, प्रभारी पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे, एडीसी मा0 राज्यपाल मेजर तरूण कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 आर0सी0 पंत सहित अन्य अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

सरकार अपनी लापरवाही का ठीकरा सरकारी अधिवक्ताओं के सर पर फोड़ रही : महेन्द्र सिंह

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कोटद्वार, उत्तराखण्ड़ राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने कोटद्वार के पदमपुर सुखरौ में एक पत्रकार वार्ता आयोजित की, जिसमें राज्य निर्माण आंदोलनकारी मोर्चा के अध्यक्ष तथा पृथक उत्तराखण्ड आंदोलन की नींव कहलाने वाले नेता महेन्द्र सिंह रावत तथा उत्तराखण्ड़ आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एडवोकेट रमन शाह द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस को सम्बोधित किया गया। जिसमें अधिवक्ता रमन शाह ने राज्य आंदोलनकारियों के दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर सरकार द्वारा नैनीताल उच्च न्यायालय 1403 दिन के बाद जाने पर नाराजगी जताई जबकि उच्च न्यायालय द्वारा 2018 में इसके विरुद्ध फैसला दिया गया था | उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों ने नैनीताल उच्च न्यायालय से फैसला आने के 30 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर कर दी गई थी। उन्होनें कहा कि यदि सरकार उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारियों के हित के लिए सोचती तो 2015 का क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राज्यपाल से हस्ताक्षर करवाकर मंगवाती या आंदोलनकारियों के समर्थन में सुप्रीमकोर्ट मे पैरवी करती जबकी सरकार अपनी लापरवाही का ठीकरा सरकारी अधिवक्ताओं के सर पर फोड़ रही है जो उचित नही है। उन्होने कहा कि 10प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के तहत मिली नौकरियों में सचिव राधा रतूड़ी द्वारा नोटिस देना पूर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इसको लेकर आंदोलनकारी सुप्रीम कोर्ट में पंहुचे हैं तथा यह कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है आंदोलनकारी इस संबध में भारत के महान्यायवादी को नोटिस देगा व एक माह व्यतीत होने सुप्रीम कोर्ट में सचिव के खिलाफ कटैम्ट दायर करेंगे इसके साथ ही मुजफ्फरनगर आंदोलनकारी संगठन व बार एशोसिएशन मुजफ्फरनगर के साथ मिलकर न्यायिक संघर्ष आगे बढ़ाने के लिए कौर्डिनेटर एडवोकेट अनुराग वर्मा व नीरज को नियुक्त किया गया है।

वहीं उत्तराखण्ड आंदोलन की नीव कहलाने वाले नेता महेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि चिन्हीकरण और दूसरे आंदोलनकारियों के हितों के लिए सरकारें चुनाव के दौरान शासनादेश तो जारी कर देती हैं किंतु उस पर ठोस कार्यवाही नही होती, सितम्बर 2019 में सरकार चिन्हीकरण व मृतक आश्रित पेंशन के सम्बंध में शासनादेश तो जारी कर दिया गया किंतु उस पर ठोस कार्यवाही नही हुई, जबकि कई जिलों मे जिलाधिकारियों द्वारा आवेदकों के आवेदन पर भी कोई कार्यवाही तक नही की गई। जब इस संदर्भ में हम जिला प्रशासन से वार्ता करते हैं तो उनका रटा रटाया जवाब होता है कि आवेदकों की राजस्व जांच हो रही है जबकि शासनादेश को सात माह से अधिक का समय हो चला है जबकि उनका संगठन इस संदर्भ में लम्बें समय से मांग करता रहा है, उन्होने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों के लिए स्पष्ट नीति बनाये,सरकार एडवोकेट जनरल उत्तराखण्ड स्थाई महाधिवक्ता ,उत्तराखण्ड सरकार व राज्य चिन्हित आंदोलनकारियों और अधिवक्ताओं की एक कमेटी बनाये जो आंदोलनकारियों से सम्बंधित कोर्ट की कार्यवाही के साथ दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण व मुजफ्फरनगर कांड पर कार्यवाहक कर सकें आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेस में आचार्य राकेश लखेड़ा, बीरेन्द्र सिंह रावत ,गुलाब सिंह रावत आदि नेता उपस्थित थे |

द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 मई, तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 6 मई को खुलेंगे

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रुद्रप्रयाग, राज्य में चारधामा यात्रा की तैयारी जोरशोर चल रही है, इसके साथ ही द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 मई सुबह 11 बजे खुलेंगे। 15 मई को देव डोली पंचकेदार ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ परिसर में स्थापित होगी, जबकि 17 मई डोली रांसी के लिए प्रस्थान करेगी। 18 मई को डोली गौंडार प्रवास करेगी तथा 19 मई को प्रात: 11 बजे भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोले जाएंगे। वैशाखी के शुभ अवसर पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचाग गणना पश्चात विधि-विधान पूर्वक कपाट खुलने की तिथि तय हो गयी है।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं केदारनाथ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, आचार्य हर्ष जमलोकी, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, विपिन तिवारी, वेदपाठी यशोधर मैठाणी तथा विश्वमोहन जमलोकी, पुजारी शिवलिंग, मनोज शुक्ला, प्रेम सिंह रावत, दफेदार विदेश शैव, मुकुंद पंवार सहित रांसी-गौंडार के हक हकूकधारी मौजूद रहे। वहीं
वैशाखी के पर्व पर तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय की गई। भगवान की शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में वैशाखी के पर्व पर पंचांग गणना के अनुसार छह मई को दोपहर 12 बजे तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय हुई।

राजपुर थाना क्षेत्र के पेइंग गेस्ट हाउस से मिला महिला का सड़ा गला शव, पुलिस जांच में जुटी

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देहरादून, जनपद के एक पेइंग गेस्ट हाऊस में शव मिलने से हड़कंप मच गया, मिली जानकारी के मुताबिक दून के राजपुर थाना क्षेत्र स्थित पेइंग गेस्ट हाउस के बेड में तीन महीने तक महिला का शव सड़ता रहा। लेकिन बीती बुधवार की रात हाल में बदबू आने पर करीब एक बजे कमरे का ताला तोड़कर बेड खोला गया। इस दौरान बेंड के अंदर कंबल में लिपटा महिला का सड़ा गला शव मिला। पुलिस गेस्ट हाउस पहुँच जांच में जुट गयी |

थानाध्यक्ष राजपुर मोहन सिंह के अनुसार कपूर गेस्ट हाउस में रीफैन बीवी उम्र करीब तीस वर्ष निवासी मातपारा, कटुवा, बर्धमान पश्चिम बंगाल अपने पति अजरुल लश्कर निवासी भगवान खाली, पश्चिम बंगाल के साथ रहती थी। 18 फरवरी को अजरुल लश्कर गेस्ट हाउस में अपने कमरे का ताला लगाकर पश्चिम बंगाल चला गया। कहा कि उसकी पत्नी पहले चली गई थी। कहकर गया कि वह कुछ दिन में लौट आएगा। जनवरी से अब तक वह वापस नहीं लौटा और बीते दो महीने का किराया भी नहीं चुकाया। बुधवार शाम को तेज हवा चली तो कमरे की बदबू गेस्ट हाउस में फैल गई। रात करीब एक बजे कमरे का ताला तोड़ा गया। अंदर देखा तो बेड के बॉक्स में कंबल से लिपटा रीफैन का शव सड़ रहा था। तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया। हत्या को लेकर महिला के पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। राजपुर थानाध्यक्ष मोहन सिंह ने बताया कि महिला मसूरी स्थित किसी स्पा सेंटर में काम करती थी।

1500 फीट की ऊंचाई पर कैसे टकराईं थी ट्रॉलियां, घटना से पहले का Video Viral

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नेशनल डेस्क: झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर पर्यटकों के लिए बने रोपवे की केबल कारों में दस अप्रैल की शाम हुई टक्कर के बाद 1500 से 2000 फीट की ऊंचाई पर 25 केबल कारों में फंसे 48 लोगों में से 46 लोगों को लगभग 46 घंटे के अथक प्रयास के बाद वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और सेना के जवानों ने एमआई 17 हेलीकॉप्टरों की मदद से बचा लिया जबकि तीन की मौत हो गई एवं 12 अन्य घायल हो गए।

दो की मौत हेलीकॉप्टर से बचाए जाने के दौरान नीचे गिर जाने से हुई।
देवघर रोपवे हादसे का एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे दो ट्रॉलियां आपस में टकरा गईं। टक्कर होते ही ट्रॉलियों में बैठे लोगों के बीच चीख-पुकार मच गई। वीडियो में लोगों की चीख-पुकार को साफ सुना जा सकता है। इस वीडियो को ट्रॉली में सवार लोगों ने बनाया है। केबल कार का रोलर टूटते ही तीन केबल कारें (ट्रॉलियां) पहाड़ से टकरा गईं-और उनमें से दो ट्रॉलियां लुढ़कर नीचे जा गिरीं। ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जब तक कोई कुछ समझ पाता कई श्रद्धालु ट्रॉलियों से जमीन पर गिर चुके थे। रविवार को अंधेरा होने के कारण वायुसेना अपना बचाव अभियान नहीं प्रारंभ कर सकी लेकिन सोमवार को तड़के 5 बजे से लोगों को बचाने का अभियान प्रारंभ किया गया। बचाव दल के अधिकारियों ने बच्चों को बिस्किट और फ्रूटी देकर बहलाने की कोशिश की लेकिन भयभीत बच्चे और बड़े कुछ खा-पी नहीं पा रहे थे। त्रिकुट पहाड़ी पर बने इस रोपवे को अपनी तरह का देश का सबसे ऊंचा रोपवे माना जाता है जिसमें एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी पर जा रहे रोपवे को कई स्थानों पर 60 डिग्री तक के कोण पर ऊपर चढ़ना होता है।

हाईकोर्ट पहुंचा मामला
झारखंड हाईकोर्ट इस मामले में 26 अप्रैल को सुनवाई करेगा। राज्य सरकार को अदालत ने एक हलफनामे के जरिए विस्तृत जांच रिपोर्ट दाखि़ल करने को कहा है। अदालत ने कहा कि वर्ष 2009 में इस तरह की गड़बड़ी हुई थी, लेकिन उससे सबक नहीं लिया गया और दोबारा घटना हुई है। अदालत ने इस मामले की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर महाधिवक्ता ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है तथा बचाव एवं राहत कार्य जोरों पर है एवं अब कुछ लोग ही फंसे हैं जिन्हें निकाला जा रहा है। रविवार को इस दुर्घटना के बाद अंधेरा हो जाने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया था। यद्यपि केन्द्र सरकार के निर्देश पर सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान मौके पर पहुंच गए थे।

 

बड़ी खबर : फिर गरजेगा बुलडोजर, हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में अवैध अतिक्रमण पर फिर कार्यवाही के निर्देश

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‘आयुक्त गढवाल मण्डल ने ली अधिकारियों की बैठक, शीघ्र कार्यवाही करने के दिये दिशा-निर्देश’

देहरादून, उत्तराखंड़ उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में आज आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार ने सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर शीघ्र कार्यवाही हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए साथ ही देहरादून में अभियान के तहत अवैध अतिक्रमण पर की गई कार्यवाही की अद्यतन जानकारी लेते हुए गढवाल आयुक्त ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि रेखीय विभाग अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में तेजी लाना सुनिश्चित करेंगे तथा भूमि पर मजबूत दीवार एवं फैसिंग बाड़ लगाना सुनिश्चित करें इस हेतु पर्याप्त मात्रा में बजट की उपलब्धता रहेगी साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण से मुक्त की गई भूमि को सामुदायिक विकास के कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाए। अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि का नक्शे के माध्यम से अवलोकन कराया जाय ।

बैठक में आयुक्त गढवाल मण्डल ने गत बैठक में दिए गए निर्देश के अनुपालन मेें की गई कार्यप्रगति की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण के सम्बन्ध में दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध प्रशासनिक दण्डात्मक कार्यवाही कर आख्या प्रस्तुत करने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन अधिकारियों के कारण बताओ नोटिस के जवाब आ गए हैं उन पर कार्यवाही की जानी है अथवा नहीं की जानी है का विनिश्चय कर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। 22 कर्मचारी जिनके कारण बताओ नोटिस के उत्तर प्राप्त नहीं हुए हैं ऐसे कार्मिकों पर तत्काल विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ करने हेतु सम्बन्धित विभागाध्यक्ष/नियुक्त अधिकारी को पत्रावली प्रेेषित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून को 05 कार्मिकों पर कार्यवाही हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारी को पत्रावली प्रेषित करने के निर्देश दिए साथ ही 20 अप्रैल तक कार्यवाही की सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मनमोहन लखेड़ा बनाम राज्य व आदि में उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल द्वारा पारित आदेशों के परिपालन में कार्यवाही तेजी लाने के निर्देश दिए।

बैठक में सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया, मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम अभिषेक रूहेला, अपर नगर आयुक्त जगदीश लाल, मुख्य अभियन्ता सी.एम पाण्डेय, एस.ई (एनएच) लो.नि.वि हरीश पांगती, नगर निगम से अनुपम भटनागर, वेद प्रकाश बधानी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

बिस्‍सू पर्व की धूम : खुशहाली की मन्नतें मांगी, देवता को अर्पित किये बुरांस के फूल

विकासनगर, जौनसार बावर में 67 साल बाद खत मझियारना के समाल्टा में बिस्सू का फुलियात पर्व मनाया गया। पर्व पर चालदा महाराज मंदिर समाल्टा में हर गांव से ग्रामीण ढोल-दमाऊ रणसिंगे की गूंज के साथ ग्रामीण पहुंचे। जिन्होंने देवदर्शन कर खुशहाली की मन्नतें मांगी और देवता को बुरांस के फूल अर्पित किए।

स्थानीय ग्रामीणों ने लोक संस्कृति के प्रतीक ठोड़ा नृत्य की प्रस्तुति से युद्व कला का प्रदर्शन किया। बिस्सू देखने बाहर से आए पर्यटकों के लिए ठोड़ा नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

बैसाखी की संक्राति से एक दिन पहले मंगलवार को रायगी गांव स्थित शेडकुडिया महाराज और चालदा महासू मंदिर कोटी-बावर में मने बिस्सू मेले के साथ जौनसार-बावर में बिस्सू पर्व का आगाज हो गया था। जिसके बाद अन्य स्थानों पर बिस्सू पर्व की शुरूआत हुई, फुलियात पर्व मनाने बड़ी संख्या में जुटे स्थानीय ग्रामीणों व महिलाओं ने देवता के दरबार में मत्था टेकने के बाद ढोल-दमोऊ व रणसिंघे की थाप पर हारुल के साथ तांदी नृत्य की प्रस्तुति से समा बांधा।

देवघार खत के रायगी गांव में शेडकुडिया महाराज का प्राचीन मंदिर है। देव परंपरा के अनुसार यहां प्रतिवर्ष बैसाखी की संक्राति से एक दिन पहले बिस्सू मेला मनाने का रिवाज है। इसके बाद जौनसार-बावर के अन्य इलाकों में पूरे एक माह तक बिस्सू का जश्न परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा।

 

क्षेत्र में बिस्सू मेले की शुरुआत रायगी मंदिर से होती है। लोकपरंपरा के अनुसार बिस्सू के दिन रायगी मंदिर के गर्भगृह से शेडकुडिया महाराज की देव पालकी गाजे-बाजे के साथ श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ बाहर निकली। देवता के दर्शन को बड़ी संख्या में जुटे श्रद्वालुओं ने देव पालकी को कंधा लगाकर पुण्य कमाया।
जौनसार-बावर में हर साल अप्रैल से मई माह के बीच मनाए जाने वाले बिस्सू मेले का विशेष एवं परंपरागत महत्व है। ढोल-बाजे के साथ आए ग्रामीणों ने जौनसारी जनजाति समाज की लोक संस्कृति के प्रतीक माने जाने वाले ठोड़ा नृत्य की शानदार प्रस्तुति से अपनी युद्व कला का प्रदर्शन कर समाज की नई पीढ़ी को विरासतन संस्कृति को बचाने के साथ जडों से जुड़े रहने की सीख दी।

लोक संस्कृति के जानकारों ने ठोड़ा नृत्य के समय तीर-कमान से एक दूसरे पर निशाना साधा। सटीक निशान लगाने पर युद्व कला के माहिर देवघार-बावर के ग्रामीणों ने युवाओं के साथ बिस्सू का जश्न मनाया।

 

प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी, नाराज उक्रांदने डीएम कार्यालय में किया प्रदर्शनउक्रांद: मान्यता मिली पर खत्म नहीं हुआ 'किस्सा कुर्सी का'

देहरादून, प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी से नाराज उक्रांद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया और अपर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेजा। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि प्राइवेट स्कूलों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि प्राइवेट स्कूल हर वर्ष फीस वृद्धि कर मनमानी करने लगे हैं। बेलगाम स्कूलों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। यही नहीं, प्राइवेट स्कूलों और प्रकाशकों की मिलीभगत से किताबों के दामों में भी वर्षवार वृद्धि की जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सख्त निर्देश हैं कि भारत के किसी भी राज्य में कोई भी निजी स्कूल तीन वर्ष में अधिकतम 10 फीसदी ही फीस वृद्धि कर सकता है। हर स्कूल वेबसाइट पर फीस का ढांचा देगा। जिलेवार कमेटी बनाने के भी निर्देश हैं जिसके चेयरमैन डीएम होेंगे और यह कमेटी आयोग की गाइडलाइन का पालन करवाएगी लेकिन उत्तराखंड में आयोग की गाइडलाइन का कहीं पालन नहीं हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं सरकार प्राइवेट स्कूलों को संरक्षण दे रही है।

आरोप लगाया कि कोरोनाकाल के बाद सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में फीस कम करने की जगह मनमानी करने की छूट का आदेश दे दिया है। इसके तहत प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य चार्ज भी पहले की तरह ले सकते हैं। अपर सिटी मजिस्ट्रेट मायाराम जोशी को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नियमावली अविलंब लागू करने, जिलेवार फीस नियंत्रण कमेटी का गठन कर आयोग की गाइडलाइन लागू करवाने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी, जय प्रकाश उपाध्याय, लताफत हुसैन, विजय बौड़ाई, विपिन रावत, अनिल डोभाल, किरन रावत, सुलोचना ईष्टवाल, देवेंद्र रावत, पंकज उनियाल, टीकम राठौर, मनोज मिश्रा, जितेंद्र, संजीव शर्मा, मनोज कांबोज शामिल थे।

 

ईपीएफओ दफ्तरों पर सीबीआई की टीमों ने मारे ताबड़तोड़ छापे, मचा हड़कंपशिमला: ईपीएफओ कार्यालय में सीबीआई की दबिश, कब्जे में लिया रिकॉर्ड

देहरादून, हल्द्वानी और देहरादून में ईपीएफओ के दफ्तरों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर सीबीआई की टीमों ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। सीबीआई की पांच-पांच सदस्यीय टीम ईपीएफओ दफ्तरों में पहुंची और एक-एक अभिलेख की गहनता से जांच की। इस दौरान ईपीएफओ दफ्तर के अफसर और कर्मचारियों में हड़कंप और खलबली मची रही। सीबीआइ की टीम सुबह से ही दस्तावेजों की जांच कर रही है।

सीबीआई सूत्रों की मानें तो ईपीएफओ देहरादून और हल्द्वानी में लगातार गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। बुधवार को सीबीआई देहरादून ने 5-5 सदस्यीय दो टीम बनाकर देहरादून जीएमएस रोड और हल्द्वानी स्थित दफ्तर भेजी। आज दोनों टीमें दफ्तर खुलते ही अंदर छापेमारी में जुट गई। आज बुधवार को सीबीआई की एक टीम ने हल्द्वानी में कर्मचारी भविष्य निधि के ऑफिस में 2021-22 वित्तीय वर्ष के अभिलेखों को जांचा। टीम के पहुंचने के बाद से कर्मचारियों में खलबली मच गई। दोनों दफ्तर में पड़ताल की फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद जो भी खामियां सामने आएंगी, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। भविष्य निधि एक ऐसा संस्थान है जो हर दूसरे व्यक्ति चाहे वह निजी हो या सरकारी सेवा में हो, संबंध जरूर रहता है। कई लोग अपने पीएफ का पैसा निकालने से लेकर नया खाता बनाने और अन्य संबंधित मामलों में हेराफेरी की अक्सर शिकायत करते रहे हैं |

 

अध्यापकों की नियुक्ति एवं पदोन्नति से सम्बन्धित प्रकरणों के लिए स्पष्ट रोड मैप तैयार किया जाय : विद्यालयी शिक्षा मंत्री

देहरादून, विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने आज शिक्षा विभाग की विभागीय समीक्षा की गयी। समीक्षा बैठक राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, उत्तराखण्ड के सभाागार कक्ष में आयोजित की गयी। बैठक में सचिव, विद्यालयी शिक्षा श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम एवं महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। बैठक के प्रारम्भ में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा माननीय मंत्री जी, विद्यालयी शिक्षा का अभिवादन किया गया तथा उनकी अनुमति के साथ डॉ. मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक से सम्बन्धित बिन्दुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। मंत्री जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, एस0सी0ई0आर0टी0, समग्र शिक्षा एवं मध्याह्न भोजन योजना की अलग-अलग समीक्षा की गयी तथा तद्नुसार निम्नवत् दिशा-निर्देश दिये गये-
– प्रत्येक स्तर पर अध्यापकों की नियुक्ति एवं पदोन्नति से सम्बन्धित प्रकरणों के लिए स्पष्ट रोड मैप तैयार किया जाये तथा निर्धारित समयान्तर्गत कार्य पूरा भी किया जाये। इसी क्रम में उनके द्वारा प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति से सम्बन्धित कार्य को 15 मई, 2022 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गये। अधिकारियों के डी.पी.सी. के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि शासन को यथावश्यक प्रस्ताव उपलब्ध कराये जायं तथा शासन स्तर पर यथावश्यक समन्वयन भी किया जाय। मिनिस्ट्रियल स्टाफ के रिक्त पदों को पदोन्नति में भी तेजी लायी जाय तथा निर्धारित समयसीमा का पालन किया जाय। सुविधा जनक स्थानों से पदोन्नति पर न जाने वाले कार्मिकों के द्वारा बार-बार पदोन्नति को स्थगित रखने पर उन्हें अगली पदोन्नति में सम्मिलित न किये जाने के लिए यदि नियमावली में परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता हो तो विभागीय स्तर से तदनुसार प्रस्ताव तैयार किया जाने के निर्देश दिये गये।
– राज्य में विद्यालयी शिक्षा से वंचित बच्चों की वास्तविक संख्या की जानकारी प्राप्त करने एवं सभी बच्चों को विद्यालयी शिक्षा से जोड़े जाने हेतु सर्वेक्षण किये जाने के निर्देश दिये गये तथा इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा के लिए नोडल अधिकारी भी नामित करने के निर्देश दिये गये। सचिव विद्यालयी शिक्षा द्वारा इस सन्दर्भ में निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर से श्रम विभाग से समन्वयन स्थापित करते हुए बाल श्रम में लगे बच्चों की सूचना प्राप्त कर ली जाय।
– बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल में सुधार हो सके, इसके लिए माननीय मंत्री जी द्वारा प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किये जाने निर्देश दिये गये तथा अगले वर्ष हेतु लक्ष्य 90 प्रतिशत रखा जाय।
– विद्यालयों में भौतिक संसाधनों के अभाव को देखते हुए माननीय मंत्री जी द्वारा प्रकरण की विस्तरित समीक्षा की गयी। उनके द्वारा प्रत्येक स्तर पर भौतिक संसाधनों के गैप का विश्लेषण करने तथा गैप को दूर किये जाने के लिए सभी सम्भावित स्रोतों यथा- राज्य सेक्टर, जिला योजना, नाबार्ड, एम0पी0/एम0एल0ए0 फण्ड, विशेष सहायतित योजना, समग्र शिक्षा, औद्योगिक घराने, सी0एस0आर0 के अन्य स्रोत आदि का संज्ञान लेते हुए आगामी तीन वर्षों में विद्यालयों में सभी भौतिक संसाधनों को उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। इसी क्रम में उनके द्वारा राज्य सरकार के स्तर से की जाने वाली माँग से सम्बन्धित बजट प्रस्ताव से अवगत कराये जाने के निर्देश दिये गये। इस वित्तीय वर्ष में उनके द्वारा शत्-प्रतिशत विद्यालयों में शत् प्रतिशत बच्चों को फर्नीचर उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए विभागीय योजना बनाने के निर्देश दिये गये।
– विद्यालयों के उच्चीकरण के संदर्भ में उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि माननीय विधायकों द्वारा उच्चीकरण हेतु उपलब्ध कराये जाने वाले प्रस्तावों का तत्काल संज्ञान लेते हुए निर्धारित मानकों के अनुरूप उनकी मैपिंग की जाये।
– राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पृथक से चर्चा करने के निर्देश के साथ ही उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि राज्य में बाल वाटिका संचालित किये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वयन बैठक आयोजित की जाये तथा बाल वाटिका के संदर्भ मंे जनसमुदाय से ऑनलाइन सुझाव भी लिये जाने की कार्यवाही की जाये।
– राज्य के कमजोर वर्गों के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को मेडिकल एवं इंजिनियरिंग की तैयारी के लिए अवसर उपलब्ध कराये जाने के लिए सुपर-100 कार्यक्रम के लिए ठोस रणनीति बनाई जाये तथा इन्हें आवासीय कोचिंग दी जाये, जिसमें बच्चों एवं कोचिंग देने वाले शिक्षकों का चयन पारदर्शिता के आधार पर किया जाये।
– माननीय मंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर पर जो नियमावली बननी है यथा डायट, राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय, सीमैट आदि उनके लिए विभागीय स्तर पर अधिकारी नियुक्त किये जायें तथा तत्काल नियमावली तैयार कर सक्षम स्तर पर अनुमोदन हेतु उपलब्ध करायी जाये।
– निजी विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों के शुल्क के सम्बन्ध मंे समय-समय पर अभिभावकों की शिकायत न रहे इसके लिए फीस अधिनियम बनाये जाने हेतु तत्काल कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये।
– विद्यालयों एवं शिक्षकों को समय-समय पर प्रोत्साहित किये जाने के दृष्टिगत निर्देश दिये गये कि प्रत्येक पाँच अच्छे विद्यालयों तथा उनके शिक्षकों को चिह्नित किये जाने के निर्देश दिये गये तथा उन्हें प्रत्येक वर्ष पुरस्कार दिये जाने हेतु कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। शैलेश मटयानी पुरस्कार के अन्तर्गत राज्य सरकार सीधे पाँच श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कृत कर सके इसके लिए शैलेश मटयानी पुरस्कार की नियमावली में आवश्यक संशोधन किये जाने हेतु कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये।
– माननीय मंत्री जी द्वारा शिक्षा व्यवस्था एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अन्य राज्यों में किये जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों का संज्ञान लेते हुए उनमें से राज्य हित में अच्छे प्रयासों का क्रियान्वयन किये जाने के लिए आवश्यक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिये गये।
– शिक्षकों के स्थानान्तरण के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाये जाने के लिए अन्य राज्यों एवं केन्द्र की स्थानान्तरण नीति का अध्ययन कर लिया जाये तथा तद्नुसार जनहित में राज्य के लिए स्थानान्तरण अधिनियम में यथावश्यक संशोधन किये जाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाये।
– सचिव विद्यालयी शिक्षा द्वारा प्रत्येक कक्षा के लर्निंग आउटकम को प्राप्त करने हेतु किये जा रहे प्रयासों के साथ ही बच्चों में तर्क शक्ति के विकास आदि के लिए भी कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। उनके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत निर्धारित टॉस्क को समय सीमा के अन्तर्गत प्राप्त किये जाने हेतु ठोस रणनीति बनाये जाने एवं उसे क्रियान्वित किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में श्री आर0के0 कुँवर, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, श्रीमती बन्दना गर्ब्याल, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा, श्री आर0के0 उनियाल, अपर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, डॉ0 आर0डी0 शर्मा, अपर निदेशक, एस0सी0ई0आर0टी0, मो0 गुलफाम अहमद, वित्त नियंत्रक आदि उपस्थित रहे।

कमर में तमंचा लगाकर घूम रही थी टीचर, पकड़े जाने पर पुलिस पर झाड़ा रौब, पहुंची सलाखों के पीछे

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मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक महिला के पास से तमंचा बरामद किया है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पुलिस ने आरोपी शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे जेल भेज दिया है.

क्या है पूरा मामला?
मामला मैनपुरी के कोतवाली क्षेत्र के जेल चौराहे का है. यहां किसी ने पुलिस को सूचना दी कि एक महिला तमंचा लेकर जा रही है. इसके बाद पुलिस उस महिला के पास पहुंची. महिला कांस्टेबल ने उसकी तलाशी ली, तो उसके जीन्स से तमंचा बरामद हुआ. यह देखकर पुलिसकर्मियों के भी होश उड़ गए. आसपास के लोगों ने इस घटना की वीडियो बना ली. इसके बाद उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. पेशे से टीचर बताई जा रही महिला
इस मामले में कोतवाली प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी महिला का नाम करिश्मा पुत्री पूरन सिंह यादव है. वह फिरोजाबाद की रहने वाली है. वह पेशे से टीचर बताई जा रही है. रठेरा गांव निवासी उमेश के यहां उसका ननिहाल है. मंगलवार को वह मैनपुरी किसी काम से आई थी. इस दौरान किसी ने उसके पास तमंचा देख लिया था. तभी इसकी सूचना पुलिस को दी गई. मामले की गंभीरता को देखते पुलिस ने मौके पर पहुंचकर और महिला से पूछताछ शुरू की. पूछताछ के दौरान शिक्षिका पहले तो ना नुकुर करती रही. इसके साथ उसने पुलिसकर्मियों पर रौब गालिब भी किया. इसके बावजूद महिला कांस्टेबल ने तलाशी शुरू की, जिसमें उसकी जीन्स से 315 बोर का तमंचा निकला.

आरोपी महिला को जेल भेजा
एसपी अशोक कुमार राय ने बताया कि जिले में जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. उसी में पता चला कि एक महिला के पास तमंचा बरामद किया गया है. मामला दर्ज करके उसे जेल भेज दिया गया है. पता लगाया जा रहा है कि वह कहां पर पोस्टेड है.

 

सहकारिता बैंक भर्ती घोटाले की जांच को लेकर महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, मंत्री का आवास घेरा

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देहरादून, प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्री के आवास पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया, आज प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्‍योति रौतेला के नेतृत्व में महिला कांग्रेस ने सहकारिता मंत्री डा.धन सिंह रावत के आवास का घेराव किया। मांग की कि सहकारिता बैंक भर्ती घोटाले की जांच प्रभावित न हो इसलिए विभागीय मंत्री इस्तीफा दें।

बुधवार दोपहर करीब दो बजे महिला कांग्रेस सहकारिता मंद्धी डा. धन सिंह रावत के यमुना कालोनी सरकारी आवास के बाहर पहुंचे। हालांकि, आवास पर डा.धन सिंह रावत मौजूद नहीं थे। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्त्‍ताओं को संबोधित किया।

उन्‍होंने कहा भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का दावा करने वाली उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। एनआरएचएम घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला व अब को-आपरेटिव बैंक में नियुक्तियों में हुए घोटाले इस बात के प्रमाण है।

उन्होंने आरोप लगाए कि को-आपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले सहित कोरोना महामारी में मेडिकल सामग्री, दवाई, वैक्सीन खरीद व टेस्टिंग सहित सभी मामलों की सीबीआइ से निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है। जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त का दंभ भरने वाली सरकार की नाक के नीचे कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग महाघोटाले का मामला जनता के सामने है।

जिसमें इस महामारी में आपदा में अवसर का लाभ लेते हुए आम जनता की गाड़ी कमाई से लूट हुई। लेकिन भाजपा सरकार ने इस मामले की जांच को भी ठंडे बस्ते मे डाल दिया है।

इस दौरान महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश रमन, नजमा खान, अल्का पाल, चंद्रकला नेगी, आशा शर्मा, पुष्पा पंवार, नीलम, विमला मन्हास, बाला शर्मा, उर्मिला थापा, प्रियंका भंडारी, सुमित्रा ध्यानी, मुन्नी देवी, रेनू नेगी, रजनी रावत, अंजुम अख्तर, रेखा सोनकर, मीरा सोनकर आदि मौजूद रहे।

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले युवक को अदालत ने दिया दस साल का कारावास व पांच हजार अर्थ दंड़

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नई टिहरी, धनोल्टी क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले युवक को विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अनुज कुमार की अदालत ने दस साल के कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड़ की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजक चंद्रवीर नेगी ने बताया कि धनोल्टी क्षेत्र की एक गांव की महिला ने गांव के ही युवक मनीष उर्फ मोनू पर आरोप लगाया कि उसने उसके घर में घुसकर उनकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया।

महिला ने इस मामले में 24 अक्टूबर 2016 को थाना थत्यूड़ में युवक के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने युवक के खिलाफ पोक्सो में मुकदमा दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। न्यायालय में विवेचना के दौरान लोक अभियोजक ने कई गवाह व साक्ष्य प्रस्तुत किए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पोक्सो अनुज कुमार ने अभियुक्त मनीष उर्फ मोनू को मामले में दोषी मानते हुए दस साल की कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही सरकार को पीड़ित के भरण-पोषण के लिए आर्थिक मदद के लिए 15 हजार की राशि देने के आदेश दिए।