Saturday, April 20, 2024
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आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल ‘विरासत’ का दून में आयोजन, रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक पखवाड़ा चलेगा महोत्सव

‘महोत्सव में ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. अलका मित्तल को विरासत सम्मान भी प्रदान किया जायेगा’

देहरादून, कोरोना काल के बाद एक बार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी दून में हो रही है, यह आयोजन 15 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल 2022 तक अंबेडकर स्टेडियम कौलागढ़ में होगा। संस्था रीच दो साल बाद विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 का आयोजन फिर से करने जा रही है। विरासत को लेकर रीच संस्था के पदाधिकारियों ने गुरुवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में 15 दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव की जानकारी दी।

रीच संस्था के वरिष्ठ सदस्यों आरके सिंह और लोकेश ओहरी ने बताया कि महामारी के कारण इसका आयोजन 2 साल बाद हो रहा है। इस बार देहरादून वासियों को रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बहुत कुछ देखने को मिलेगा। कार्यक्रमों में मुख्य रूप से क्राफ्ट विलेज, फूड फेस्टिवल, क्लासिकल म्यूजिक एंड डांस, फोक म्यूजिक एंड डांस, कर्न्सट के साथ-साथ क्राफ्ट वर्क शॉप, विंटेज एंड क्लासिक कार एंड बाइक रैली एवं क्विज आदि प्रोग्राम होगा।

एक पखवाड़ा तक आयोजित ‘विरासत’ अपनी रजत जयंती संस्करण के तहत पदम भूषण परवीन सुल्ताना, गजल गायक तलत अजीज, वडाली ब्रदर्स, लांगा मांगनियार, कत्थक और बांसुरी वादन के साथ-साथ फोटोग्राफी प्रतियोगिता, आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क शॉप जैसे कार्यक्रमों का संगम लेकर आया है। इस वर्ष विरासत महोत्सव ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक डॉ अलका मित्तल को विरासत सम्मान भी प्रदान करेगा। जो उनकी और ओएनजीसी द्वारा वर्षों से इस उत्सव को जबरदस्त समर्थन देने के लिए है।

‘रीच’ की स्थापना 1995 में देहरादून में हुई थी, तबसे रीच देहरादून में विरासत महोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। उदेश बस यही है कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए और इन सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। विरासत महोत्सव कई ग्रामीण कलाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा है जो दर्शकों के कमी के कारण विलुप्त होने के कगार पर था। विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन, आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन्हीं वजह से हमारी शास्त्रीय और समकालीन कलाओं को पुणः पहचाना जाने लगा है। विरासत 2022 आपको मंत्रमुग्ध करने और एक अविस्मरणीय संगीत और सांस्कृतिक यात्रा पर फिर से ले जाने का वादा करता है।

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