Friday, May 3, 2024
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महबूबा के ‘तिरंगे’ पर दिये बयान के बाद मचा बवाल, पुतला फूंके, राजनैतिक पार्टियां भी विरोध में उतरी

नई दिल्ली, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के तिरंगे पर दिए गए बयान के बाद पूरे देश में बवाल मच गया है। आम लोगों समेत राजनीतिक पार्टियां भी महबूबा के विरोध में उतर आई हैं। शनिवार को शिव सेना के डोगरा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मुफ्ती का विरोध किया। वहीं जम्मू-कश्मीर बीजेपी ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब तक उनके हाथ में जम्मू-कश्मीर का झंडा नहीं आ जाता वह तिरंगा नहीं थामेंगी।

इस बीच मुफ्ती के आवास पर ही पीपल्स अलायंस फॉर गुपकर डेक्लेरेशन की बैठक हुई जिसमें नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख और उमर अब्दुल्ला भी मौजूद रहे। बैठक के बाद फारूख अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम कोई राष्ट्र विरोधी जमात से नहीं हैं। हम केवल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके अधिकार वापस दिलाना चाहते हैं। हमें धर्म के आधार पर नहीं बांटा जा सकता। यह कोई धार्मिक युद्ध नहीं है।’ जम्मू-कश्मीर की मुख्य पार्टियों ने यहां अनुच्छेद 370 फिर से लागू करवाने के लिए यह अलायंस बनाया है। इससे पहले भी अब्दुल्ला के बयान पर विवाद हो गया था जब उन्होंने कहा था कि कश्मीर में दोबारा धारा 370 लगाने के लिए वह चीन की मदद लेंगे, बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग की है कि महबूबा मुफ्ती के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। बीजेपी ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लागू नहीं करवा सकती है। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा, ‘हम तिरंगे के लिए बलिदान दे सकते हैं। जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है इसलिए वहां केवल एक ही झंडा फहराया जा सकता है |
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था जिसमें महबूबा मुफ्ती भी शामिल थीं। 14 महीने के बाद उन्हें 13 अक्टूबर को रिहा किया गया है। रिहा होने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही मुफ्ती ने कहा था कि वह चुनाव लड़ने में इंटरेस्टेड नहीं हैं। उन्होंने मेज पर रखे जम्मू-कश्मीर के झंडे की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि जब यह झंडा वापस आ जाएगा तभी वह कोई दूसरा झंडा उठाएंगी।

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