Friday, May 3, 2024
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पर्यटन मंत्रालय अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिये सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहन देता है : जी. किशन रेड्डी

नई दिल्ली ,। पर्यटन मंत्रालय अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिये सीमावर्ती क्षेत्रों सहित देश में पर्यटन को प्रोत्साहन देता है। यह स्वदेश दर्शन और राष्ट्रीय तीर्थयात्रा कायाकल्प तथा आध्यात्मिक मिशन, विरासत संवर्धन अभियान (पीआरएएसएचएडी) की प्रमुख योजनाओं के तहत सीमावर्ती राज्यों सहित देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वित्तीय सहायता विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने, धन की उपलब्धता और योजना के दिशा-निर्देशों के पालन के आधार पर दी जाती है। इसके अलावा, मंत्रालय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग से आरसीएस उड़ान-3 के तहत चिन्हित पर्यटन मार्गों के विकास के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने राज्य पर्यटन विभागों और अन्य हितधारकों के साथ निकट समन्वय में सीमावर्ती जिलों, पर्यटन विकास, संस्थागत पर्यावरण और सुरक्षा बाधाओं की चुनौतियों का समाधान करने के लिए पहल की है। वहीं, मंत्रालय सीमावर्ती राज्यों सहित ’देशीय प्रोत्साहन और प्रचार सहित आतिथ्य’ (डीपीपीएच) तथा ’विदेशी प्रोत्साहन और प्रचार सहित बाजार विकास सहायता (ओपीएमडी)’ की अपनी योजनाओं के तहत विभिन्न पहलों के माध्यम से समग्र रूप से भारत का संवर्धन करता है। अपनी चालू गतिविधियों के तहत मंत्रालय देश में विदेशी पर्यटकों के आगमन को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ’अतुल्य भारत’ ब्रांड-लाइन के तहत अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, ऑनलाइन और आउटडोर मीडिया अभियान नियमित रूप से चला रहा है। पर्यटन मंत्रालय नियमित रूप से अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया प्रचार के माध्यम से विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों को बढ़ावा देता है।
इसके अलावा, भारत की पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करने और देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से विदेशों में भारत पर्यटन कार्यालयों के माध्यम से महत्वपूर्ण और संभावित पर्यटक उत्पादक बाजारों में श्रृंखलाबद्ध तरीके से प्रचार गतिविधियों चलाई जा रही हैं। इन प्रचार गतिविधियों में यात्रा मेले और प्रदर्शनियां, रोड शो, भारत को जानो’ संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन, भारतीय खाद्य उत्सवों का आयोजन और प्रोत्साहन, मंत्रालय के आतिथ्य कार्यक्रम के तहत विज्ञापन-पत्र का प्रकाशन, संयुक्त विज्ञापन और विज्ञापन-पत्र के प्रोत्साहन की पेशकश तथा मीडिया की हस्तियों, टूर ऑपरेटरों और अभिमत निर्माताओं को देश का दौरा करने के लिए आमंत्रित करना, शामिल है। सीमावर्ती राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय की कुछ प्रमुख पहलें और प्रयासों का उल्लेख नीचे किए गए हैं:
पंजाब के अटारी स्थित संयुक्त चेक पोस्ट पर पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सीमा सुरक्षा बल को 1312 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई।
असम (नेमाती, पांडु, जोगीघोपा और विश्वनाथ घाट) सहित राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 और 2 पर नदी क्रूज के 9 मुख्य स्थलों पर जेटी निर्माण के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) को 2803.05 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई।
पीएचडीसीसीआई के समन्वय से की गई एक अलग पहल में देश के संबंधित सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के साथ-साथ संबंधित हितधारकों के बीच पर्यटन शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए वेबिनार का आयोजन किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय के तहत भारतीय स्कीइंग एंड माउंटेनीरिंग इंस्टीट्यूट (आईआईएसएस), गुलमर्ग ने जनवरी 2021 में द्रास, कारगिल में आइस-स्केटिंग कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय स्तर की आइस हॉकी चैम्पियनशिप का आयोजन किया है।
सडक़ संपर्क और रास्ते के किनारे की सुविधाएं – पर्यटन मंत्रालय ने पहले चरण में सडक़ संपर्क में सुधार के लिए सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ प्रतिष्ठित स्थलों और यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों सहित 50 पर्यटन स्थलों की एक सूची साझा की थी। जहां अच्छा सडक़ संपर्क पहले से मौजूद है, सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से अनुरोध किया गया था कि वह पर्यटन स्थल की सडक़ों के दोनों ओर 15-20 किलोमीटर की दूरी पर सुविधाएं, प्रमुख संकेत और क्षेत्र के सौंदर्यीकरण पर विचार करें। सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा चिन्हित 50 गंतव्य स्थलों में से 23 सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय/भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दायरे में आते हैं, जहां काम प्रगति पर है, तीन सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) के तहत आते हैं।
1. पैंगोंग झील, लद्दाख
2. कारगिल, लद्दाख
3. ऋषिकेश, उत्तराखंड

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