Thursday, May 15, 2025
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उत्तराखंड बना नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला प्रदेश, ये होंगे बदलाव

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(राजेन्द्र चौहान)

देहरादून, उत्तराखंड में आज से नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। सीएम धामी (CM Pushkar Singh Dhami) आज राज्य में नई शिक्षा नीति का शुभांरभ करेंगे। जिसके साथ ही उत्तराखंड नई शिक्षा नीति लागू (new education policy implemented) करने वाला देश में पहला राज्य बन जाएगा। इस नीति के तहत शिक्षा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। बताया जा रहा है कि अभी तक स्कूलों में जो सिस्टम था उस पैटर्न को नई शिक्षा नीति में बदला गया है।
शिक्षा महानिदेशालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) बालवाटिकाओं का उद्घाटन कर सूबे में नई शिक्षा नीति का औपचारिक रूप से विधिवत शुभारंभ करेंगे। पहले चरण में प्राथमिक स्कूलों में चल रहे पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिकाओं का संचालन शुरू होगा। विकासखंड स्तर पर क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में चिह्नित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिकाओं का शुभारंभ किया जाएगा। इसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहेंगे।
नई शिक्षा नीति में नए पैटर्न को इसमें फॉलो किया जाएगा, जिसमें 3 से 8, 8 से 11, 11 से 14 और 14 से 18 साल की उम्र के बच्चे शिक्षा लेंगे। इस नीति को स्कूल, कॉलेज में फेज वाइज शुरू किया जा रहा है। सभी स्कूलों में प्राइमरी क्लास से ही बाल वाटिका के तौर पर इसे शुरू किया जायेगा। यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था।
नई शिक्षा व्यवस्था को कई मायनों में अहम माना जा रहा है। उत्तराखण्ड में भी एनईपी को लेकर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों में उत्साह है। ऐसे में बड़े बदलाव के साथ- साथ यह टीचर्स के लिए काफी चैलेन्जिग होने जा रहा है। एजुकेशन फील्ड से जुड़े लोगों का मानना है कि पहले सिर्फ किताबी ज्ञान को माध्यम मानते हुए स्टूडेंट्स की काबिलियत का आंकलन किया जाता था, लेकिन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी समझ को प्राथमिकता देती है।
इस नीति के तहत ग्रेजुएशन कोर्स 3 या 4 साल के हो सकते हैं, जिसमें एग्जिट ऑप्शन भी होगा। अगर स्टूडेंट्स ने 1 साल ग्रेजुकेशन कोर्स में पढ़ाई की है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा। 2 साल के बाद एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा। 3 साल के बाद डिग्री दी जाएगी और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर की डिग्री प्रदान कर दी जाएगी।

रामनगर में धनगढ़ी नाले में फिर एक कार फंसी, सवार चार शिक्षकों ने कूदकर बचाई जान

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नैनीताल/रामनगर, मानसून की बारिश ने पर्वतीय क्षेत्रों में मुसीबतें पैदा कर दी, लगातार हो रहे भूस्खलन के पूरे उत्तराखण्ड़ में कई सड़कें बंद हैं, कई लोग बारिश के बाद आए मलबे, पत्थर और पानी की चपेट में आने से अपनी जान भी गंवा रहे हैं। पांच दिन पहले ही रामनगर में रोड पर बारिश के बाद आने वाले रपटे में बही एक पंजाब की अर्टिगा कार में सवार 9 युवक-युवतियों की मौके पर ही मौत हो गई थी, इस हादसे में एक युवती को स्थानीय लोगों ने बचा लिया था।

रामनगर इलाके में धनगढ़ी नाले में आज फिर एक और हादसा हो सकता था, लेकिन किसी तरह कार सवार लोगों ने अपनी जान बचा ली। जानकारी के मुताबिक रामनगर इलाके के धनगढ़ी नाले में आज तड़के करीब पांच बजे चार शिक्षकों की कार पलट गई। किसी तरह सभी आॅल्टो कार सवार शिक्षकों ने कूदकर अपनी जान बचाई अन्यथा पांच दिन पहले हुए हादसे की तरह यहां पर भी एक बड़ा हादसा हो सकता था, नैनीताल जिले के रामनगर इलाके का धनगढ़ी नाला भी आज उफान पर था।

आज मंगलवार तड़के करीब पांच बजे चार शिक्षकों की आॅल्टो कार धनगढ़ी नाले को पार करते समय बह गई। गनीमत यह रही कि आॅल्टो कार में सवार शिक्षकों वाहन पलटते ही छलांग लगाकर अपनी जान बचा ली। बता दें कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडल को जोड़ने वाले एनएच 309 पर स्थित धनगढ़ी नाला फिर उफान पर आ गया। जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह करीब पांच बजे तड़के चार शिक्षक धनगढ़ी नाले को पार कर रहे थे। नाले में पानी के बहाव का कार चालक अंदाजा नहीं लगा पाया। काफी समय तक शिक्षकों ने नाले में पानी कम होने का इंतजार किया। इस नाले में शिक्षकों की कार बहने के बाद मौके पर जाम लगता रहा। इससे लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

एग्रीगेटर्स के चलते बढ़ रहा है OTT Market, दर्शकों को मिल रहे हैं ओरिजिनल कंटेंट देखने के कई विकल्प

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देहरादून। भारतीय ओवर द टॉप (ओटीटी) बाजार में आज 55 से अधिक वीडियो मनोरंजन ऐप मौजूद हैं और इनकी संख्या बढती जा रही है। बाजार में इतने सारे विकल्प मौजूद होने से भारतीय ओटीटी ग्राहकों के सामने कई वीडियो सब्सक्रिप्शन सर्विस की मेम्बरशिप लेना आर्थिक रूप से थोड़ा कठिन तो है ही, साथ ही इनकी मेम्बरशिप मैनेज करना भी टेढ़ी खीर है। इसका समाधान निकालने के लिए एक क्लिक के जरिये से कई ओटीटी प्लेटफार्मों की सदस्यता का परेशानी मुक्त अनुभव देने के लिए ओटीटी एग्रीगेटर्स प्लेटफॉर्म सामने आ रहे हैं।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कई ओटीटी एप्स की बंडलिंग से ग्राहकों तक बड़ी संख्या में आसानी से कंटेंट पहुंचाना में मदद मिलती है, साथ ही यह छोटे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए भी एक वरदान के रूप में सामने आया है, जो तकनीकी और वित्तीय कारणों से बड़े यूजर बेस तक नहीं पहुंचा पाते थे। एयरटेल एक्सस्ट्रीम और टाटा प्ले जैसे ओटीटी एग्रीगेटर्स बड़ी संख्या में ग्राहकों तक पहुंचने और कंटेंट की उनकी जरूरतों को पूरा करने में अपनी का भरपूर सहयोग दे रहे हैं। एग्रीगेटर्स के मैदान में आने से बिना वितरण की चिंता किये बड़ी संख्या में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए ओटीटी कारोबार में आने के अवसर खुलेंगे जो ओरिजिनल कंटेंट में विविधता दे पाएंगे।

ओटीटी उद्योग 2030 तक $15 बिलियन का होने वाला है, विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद से ओटीटी ऐप पर टीवी शो और फिल्मों की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग लगातार बढ़ रही है। नवीनतम फिक्की-ईवाई मीडिया और मनोरंजन उद्योग की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 53 मिलियन ओटीटी वीडियो सब्सक्रिप्शन के लिए लगभग 29 मिलियन ग्राहकों ने भुगतान किया गया था, जो कि पूर्व-महामारी परिदृश्य से एक महत्वपूर्ण छलांग है। इस वृद्धि के साथ, ओटीटी उद्योग 2025 तक 2 अरब डॉलर का हो जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2020 में ओटीटी बाजार का आकार $1.7 बिलियन (वीडियो और ऑडियो दोनों) के दायरे में था। घरेलू स्वतंत्र लेनदेन सलाहकार फर्म आरबीएसए एडवाइजर्स का मानना है कि इस उद्योग में अगले 9-10 वर्षों में 15 अरब डॉलर का उद्योग बनने की क्षमता है। पार्टनर्स एशिया (एमपीए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 तक 1 बिलियन वीडियो स्क्रीन होंगी, जिसमें 85% ब्रॉडबैंड रेडी होंगी।

किसी ऐसे व्यक्ति के दृष्टिकोण से सोचें जो अपने गृहनगर से दूर किसी दूसरे शहर में रह रहा हो। यह जानते हुए कि उनके पास उन्हें आराम देने के लिए कुछ है, उनके स्थानीय संगीत की आवाज़ और उनके पसंदीदा भोजन की महक उन्हें एक अज्ञात शहर में जीवन व्यतीत करने में मदद करती है। इसी तरह, सिनेमा और मनोरंजन सामग्री सिर्फ मनोरंजन से कहीं ज्यादा प्रभाव डालती है, यह संस्कृति, लोगों और रीति-रिवाजों के साथ एक अनदेखा बंधन बनाती है, खासकर भारत जैसे विविधता वाले देश में।

क्षेत्रीय कंटेंट प्रोवाइडर्स ने इस आवश्यकता को महसूस किया और बाजार पर कब्जा करने के लिए कई बड़े पैमाने के खिलाड़ियों के साथ मिलकर काम किया। एयरटेल एक्सस्ट्रीम दर्शकों को सोनी लिव, इरोज नाउ, लायंसगेट प्ले, होइचोई, मनोरमामैक्स, शेमारू, अल्ट्रा, हंगामाप्ले, एपिकॉन जैसे प्लेटफॉर्म से 10,500 से अधिक फिल्मों और शो के साथ-साथ लाइव टीवी वाले 15 से अधिक भारतीय और वैश्विक वीडियो ओटीटी की सामग्री तक पहुंच प्रदान करता है।डॉक्यूबे, डिवोटीवी, क्लिक, नामाफ्लिक्स, डॉलीवुड, शॉर्ट्स टीवी, चौपाल टीवी और काचा लंका की कीमत 148 रुपये से कम है, जो इसके दर्शकों के लिए मोबाइल फॉर्मेट के लिए मासिक शुल्क है। एग्रीगेटर्स के साथ इस साझेदारी ने ओटीटी प्लेयर्स को टियर II, III और IV शहरों में बहुत कम कीमत पर कंटेंट उपलब्ध कराने में सक्षम बनाया है।

इसी तरह, टाटा प्ले हंगामा प्ले, इरोज नाउ, शेमारूमी, वूट किड्स, डिज्नी+ हॉटस्टार प्रीमियम, ज़ी5, सोनी लिव, वूट सेलेक्ट, सननेक्स्ट और क्यूरियोसिटीस्ट्रीम के साथ ओटीटी स्पेस में जगह बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है।

ओटीटी विकास: भविष्य में क्या है?
ऑन-द-गो मनोरंजन की बढ़ती मांग के साथ, आने वाले वर्षों में तेज़ इंटरनेट की आवश्यकता बढ़ेगी। इंटरनेट की यह नई पीढ़ी इंटरनेट का और अधिक विस्तार करेगी, यहां तक कि भारत के सबसे दूर-दराज इलाकों तक भी। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, 2027 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 4.4 बिलियन 5G सब्सक्रिप्शन का अनुमान है, जो उस समय के सभी मोबाइल सब्सक्रिप्शन के लगभग आधे के बराबर है।

पांचवीं पीढ़ी के इंटरनेट के आने के साथ, नई तकनीकों जैसे एआर/वीआर, और मनोरंजन को मेटावर्स में पेश किया जाएगा, जिससे आने वाले वर्षों में लोग सामग्री का उपभोग कैसे करेंगे, इसकी गतिशीलता बदल जाएगी। जी और एयरटेल एक्सस्ट्रीम सहित बड़े खिलाड़ियों ने पहले ही मेटावर्स में अपने लॉन्च की घोषणा कर दी है, जिससे उनके दर्शकों को एक व्यापक अनुभव और कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन के नए एडवांस तरीके मिल रहे हैं।

14 जून को, भारत की कैबिनेट ने 26 जुलाई से शुरू होने वाले 20 साल के लिए हाई-स्पीड 5G, टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दी। 5G नेटवर्क के देश में मौजूदा 4G सेवाओं की तुलना में 10 गुना तेज होने की उम्मीद है। इस दशक के अंत तक 6जी लॉन्च करने की दृष्टि के साथ, भारत सरकार पांचवीं पीढ़ी के इंटरनेट के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में काम कर रही है, यह एक डिजिटल भारत की योजना के साथ, ब्रांडों को नवीनतम तकनीक के साथ प्रयोग करने की अनुमति देता है जिससे दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपभोग करने के साथ-साथ सामाजिक जुड़ाव की गुंजाइश मिलती है।

पद्मश्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश कौशल नहीं रहे, आज सुबह हो गया निधन

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देहरादून, पद्मश्री और सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश कौशल का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। दून के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। 80 के दशक में दून-मसूरी के बीच लम्बे समय से चल रही चूना भट्टा खदानों को बंद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अवधेश कौशल “रुलेक” संस्था के जरिये शिक्षा, पर्यावरण आदि सामाजिक कार्य कर रहे थे। वर्ष 2003 में वीक पत्रिका ने उन्हें मैन आफ द ईयर सम्मान से नवाजा था।

उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सरकार की तरफ से फायदों को भी अवधेश कौशल ने ही बंद करवाया था | 86 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री अवधेश कौशल के निधन पर समाज के कई वर्गों ने दुख प्रकट किया।

EPFO ने बनाया खास प्लान, 30 जुलाई को देशभर के 73 लाख पेंशनधारकों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी!

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EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपनी 29 और 30 जुलाई को होने वाली बैठक में केंद्रीय पेंशन वितरण प्रणाली की स्थापना के प्रस्ताव पर विचार के बाद इसे मंजूरी देगा. इस प्रणाली की स्थापना से देशभर में 73 पेंशनभोगियों के खातों में पेंशन को एक बार में एक साथ स्थानांतरित किया जा सकेगा.

इस समय अलग-अलग दिन मिलती है पेंशन
अभी EPFO के 138 क्षेत्रीय कार्यालय अपने क्षेत्र के लाभार्थियों के खातों में पेंशन डालते हैं. ऐसे में पेंशनभोगियों को पेंशन अलग-अलग दिन और समय पर मिलती है. एक सूत्र ने ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की 29 और 30 जुलाई को होने वाली बैठक में केंद्रीय पेंशन वितरण प्रणाली के गठन का प्रस्ताव रखा जाएगा.

एक साथ ट्रांसफर होगी पेंशन
सूत्र ने कहा कि इस प्रणाली की स्थापना के बाद पेंशन का वितरण 138 क्षेत्रीय कार्यालय के डेटाबेस के आधार पर किया जाएगा. इससे 73 लाख पेंशनभोगियों को एक साथ पेंशन दी जा सकेगी.

अभी अलग-अलग दिन होता है भुगतान
सूत्र ने बताया कि सभी क्षेत्रीय कार्यालय अपने क्षेत्र के पेंशनभोगियों की जरूरतों को अलग-अलग देखते हैं. इससे पेंशनभोगियों को अलग-अलग दिन पेंशन का भुगतान हो पाता है.

20 नवंबर 2021 को दी थी मंजूरी
सीबीटी की 20 नवंबर, 2021 को हुई 229वीं बैठक में न्यासियों ने सी-डीएसी द्वारा केंद्रीकृत आईटी आधारित प्रणाली के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. श्रम मंत्रालय ने बैठक के बाद बयान में कहा था कि इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालयों के ब्योरे को चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय डेटाबेस में स्थानांतरित किया जाएगा. इससे सेवाओं का परिचालन और आपूर्ति सुगम हो सकेगी. (साभार : ABP Live)

सुधीर चौधरी ने ज्वाइन किया आज तक, बतौर कंसल्टिंग एडिटर के रूप में करेंगे कार्य

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“सुधीर का शो DNA काफी पॉपुलर था, लेकिन उन्होंने Zee News Media ने इस्तीफा देने के बाद अपना न्यूज़ चैनल शुरू करने की बात कही थी। लेकिन अब आजतक ज्वाइन कर उन्होंने सबको हैरान कर दिया है।”

 

नई दिल्ली, देश के जाने माने जी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ और CEO रहे सुधीर चौधरी को लेकर बड़ी खबर आ रही है। सुधीर चौधरी आज India Today Group के साथ जुड़ गए हैं। बताया जा रहा है उन्होंने Aaj Tak न्यूज चैनल में बतौर कंसल्टिंग एडिटर के रूप में चैनल को ज्वाइन कर लिया है।मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सुधीर चौधरी के आजतक ज्वाइन करने की जानकारी इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने ट्वीट करते हुए दी है। उन्होंने लिखा है कि “सुधीर चौधरी और ‘आज तक’ हमारे 10 करोड़ दर्शकों के लिए एक नया और रोमांचक शो के लिए एक साथ हो रहे हैं, जिसके एंकर वही होंगे। ये न्यूज़ शो न्यूज़ डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद के मार्गदर्शन में लाया जाएगा। मुझे पता है कि लोग काफी चर्चाएं कर रहे होंगे, लेकिन इस खबर से उन्हें विराम मिलेगा। ख़बरों के लिए हर घर में स्वाभाविक रूप से एक ही नाम है और वो है – आज तक।”

वित्त मंत्री ने किया ऐलान, 18 तारीख से दही, लस्‍सी समेत कई चीजें होंगी महंगी

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बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को फिर झटका लगने वाला है. 18 जुलाई से अब रोजमर्रा की कई वस्तुओं के लिए आपको अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे. दरअसल, जीएसटी की 47वें बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये जानकारी दी.

वित्त मंत्री ने बताया कि कुछ नए उत्पादों और कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर GST की दरें 18 जुलाई से बढ़ जाएंगी.

वित्त मंत्री ने दी जानकरी

18 जुलाई से प्री-पैकेज्ड लेबल वाले कृषि उत्पादों जैसे पनीर, लस्सी, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ जैसे प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे. यानी इन पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. फिलहाल ब्रांडेड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जबकि अनपैक और बिना लेबल वाले सामान कर मुक्त हैं. आइये जानते हैं कौन सी चीज 18 जुलाई से सस्ती होगी और कौन सी महंगी?

ये वस्तुएं होंगी महंगी

– टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क महंगे होंगे, क्योंकि इस पर 18 जुलाई से 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले नहीं लगता था.
– चेक बुक जारी किए जाने पर बैंकों की तरफ से लिए जाने वाले फीस पर अब 18% जीएसटी लगेगा.
– अस्पताल में 5,000 रुपये (गैर-आईसीयू) से अधिक किराए वाले कमरे पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा.
– इसके अलावा एटलस सहित मैप और चार्ज पर अब 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा.
– होटलों के 1,000 रुपये प्रति दिन से कम किराए वाले रूम पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा, जो पहले नहीं लगता था.
– एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर 18 फीसदी जीएसटी लेगा जो पहले नहीं लगता था.
– ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक-सर्वर्स आदि पर पहले 12 फीसदी जीएसटी लगता था, जो अब 18 फीसदी की दर से लगेगा.

ये वस्तुएं होंगी सस्ती

– 18 जुलाई से रोपवे के जरिए यात्रियों और सामानों को लेकर आना-जाना सस्ता हो जाएगा, क्योंकि इस पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है.
– स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, बॉडी इंप्लाट्स, इंट्रा ओक्यूलर लेंस पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.
– इंधन की लागत से माल ढुलाई करने वाले ऑपरेटरों के किराए पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत हो जाएगा.
– डिफेंस फोर्सेज के लिए इंपोर्ट की जाने वाली कुछ खास वस्तुओं पर IGST लागू नहीं होगी.

चिकित्साधिकारी डॉ संजय जैन ने जिला चिकित्सालय में किया पखवाड़े का शुभारम्भ

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(राजेन्द्र चौहान)

नई टिहरी, जिला चिकित्सालय बौराड़ी में डॉ० संजय जैन, मुख्य चिकित्साधिकारी टिहरी गढ़वाल द्वारा पखवाड़ा का शुभारम्भ किया गया | शुभारम्भ के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि यह पखवाड़ा आज से 24 जुलाई तक चलाया जायेगा, पखवाडा के दौरान जनपद के सभी चिकित्सा ईकाइयों में पखवाड़ा से सम्बन्धित सामग्री निशुल्क वितरित की जायेगी एवं काउसलिंग की जायेगी। जिस हेतु सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी कर दिये है | कार्यक्रम के दौरान डॉ० अमित राय चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय बौराड़ी, ऋषभ उनियाल जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, दर्मियान सिंह, शकुन्तला सेमवाल, रेखा, ए०एन०एम० एवं आशा कार्यक्रम में उपस्थित रहें।

 

खास खबर : सचिवालय में अब अधिकारियों से मिल सकेंगे आमजन

(राजेन्द्र चौहान)

देहरादून, उत्तराखंड सचिवालय में आने वाले लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रशासन ने एक अच्छी पहल की है। अब आम जन सचिवालय स्तर के अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्याओं को बता सकेंगे। इसके लिए एक दिन तय किया गया है। अब हर सोमवार को अधिकारी आम जन से मिल सकेगे। जिसका आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के अनुसार शासन / सचिवालय स्तर के अधिकारियों के द्वारा जन सामान्य से भेंट एवं जन समस्याओं के निस्तारण के लिए सुलभ रहने के निर्मित सम्यक विचारोपरात निर्णय लिया गया है कि शासन / सचिवालय स्तर पर प्रत्येक सोमवार को कोई बैठक (तात्कालिकता के दृष्टिगत अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर) आहूत नही की जायेगी तथा समस्त अधिकारीगण सोमवार को (अवकाश होने की स्थिति को छोड़कर) अपने कार्यालय कक्ष में जन सामान्य / जन प्रतिनिधियों से भेंट के लिए सुलभ रहेंगे।
उक्त के क्रम में सम्यक विचारोपरांत यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक सोमवार प्रवेश मंत्र कार्यालय द्वारा जन सामान्य जन प्रतिनिधियों को सचिवालय में प्रवेश के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाईन प्रकियों के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों के निजी स्टाफ द्वारा आगन्तुक पर्ची के आधार पर भी जारी किये जा सकेंगें। समस्त आगन्तुको को अपना पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आई.डी. ऑफिस आई.डी. तथा ड्राइविंग लाईसेंस आदि) दिखाने पर ही प्रवेश पत्र जारी किये जायेंगे। यह व्यवस्था प्रत्येक सोमवार को ही मान्य होगी। अन्य दिनों के लिये पूर्व की व्यवस्था लागू रहेगी।

खास खबर : कैबिनेट मंत्री महाराज ने ब्रिडकुल के 55 कर्मचारियों को नियमित करने के दिये आदेश

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“नई तकनीकी की जानकारी के लिए सभी विभागों को साथ लेकर करें सेमिनार”

देहरादून, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने ब्रिडकुल में 2012 से कार्यरत 55 कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश देते हुए निर्माण कार्यों में नई तकनीकी की जानकारी और उसके क्रियान्वयन हेतु सेमिनार आयोजित करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिये।

प्रदेश के विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में ब्रिज, रोपवेज, टनल एंड अदर इन्फ्रस्टेक्चर डेवलपमैंट, कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (ब्रिडकुल) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होने ब्रिडकुल अधिकारियों को आदेशित किया कि वह 2012 से कार्यरत सभी 55 कर्मचारियों को नियमित करें और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता लाने के लिए नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें।

कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि निर्माण कार्यों में नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और उसकी जानकारी के लिए ब्रिडकुल, लोक निर्माण, ग्रामीण निर्माण, सिंचाई, पर्यटन और पीएमजीएसवाई सभी साथ मिलकर एक सेमिनार आयोजित करें।

मंत्री सतपाल महाराज ने समीक्षा बैठक के दौरान जानकारी दी कि ब्रिडकुल के माध्यम से विभिन्न जनपदों में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं कार्य चल रहा है। ब्रिडकुल द्वारा राज्य में विभिन्न विभागों जिनमें लोक निर्माण विभाग (सीआरएस), पर्यटन, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, पंचायती राज, नागरिक उड्डयन, सेवायोजन व प्रशिक्षण तथा पीएमजीएसवाई की कई परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होने बताया कि विगत वर्षों में ब्रिडकुल द्वारा भवन, सड़क, सेतु व हवाई पट्टी के लगभग 445.80 करोड़ की लागत की परियोजनाओं को पूरा किया गया।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिडकुल ने नैनी सैनी हवाई पट्टी का निर्माण तथा करोना काल में 200 बैडेड हॉस्पिटल का निर्माण कार्य करने के साथ-साथ विगत 2 वर्षों में पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 50 करोड़ से अधिक की लागत की सड़कों का निर्माण कार्य भी किया। उन्होने यह भी बताया कि ब्रिडकुल द्वारा खाद्य आयुक्त कार्यालय भवन, देहरादून को राज्य के पहले हरित भवन के रूप में भी निर्मित किया है।

समीक्षा बैठक में ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक कुंदन सिंह, महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद उनियाल, लोक निर्माण विभाग प्रमुख अभियंता अयाज अहमद, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता मुकेश मोहन सहित अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

 

राज्य आंदोलनकारियों का 10%क्षैतिज आरक्षण की बहाली को लेकर धरना लगातार जारी, जल्द ही किया जायेगा सचिवालय या मुख्यमंत्री आवास कूच का आयोजन

देहरादून, सयुंक्त मंच द्वारा शहीद स्मारक देहरादून में राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में देय 10% क्षैतिज आरक्षण की बहाली को लेकर चल रहा धरना 40 वें दिवस और क्रमिक अनशन 30 वें दिवस भी जारी रहा।
आज क्रमिक अनशन में द्वाराहाट अल्मोड़ा के वीरेंद्र सिंह बजेठा, दान सिँह राणा और गोपाल सिंह राणा बैठे ।
आज पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में धरने का आयोजन किया गया, जिसमें धरने को संबोधित करते हुए ऋषिकेश से आई श्रीमती विमला बहुगुणा ने कहा आज लोगों को समझने की जरूरत है कि यह धरना किसी के व्यक्तिगत हित के लिए नहीं चलाया जा रहा है यह हमारी आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य के लिए है। इसलिये सभी को इसमें सभी को बढ–चढ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने दो दिन पूर्व धरना समाप्त होने की अफ़वाह फैलाने वालों को खरी खोटी सुनते हुऐ कि इस तरह के लोग सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए भोली–भाली महिलाओं को झूठी कहानियां सुना कर बहकाने का कार्य कर रहें हैं। इससे किसी का भला नहीं होने वाला। जो भी बात हो वह स्पष्ट तरीके से सबके बीच होनी चाहिए।
जनगीतकार जयदीप सकलानी (दीपू भाई) ने आंदोलनकारी कोटे से सेवारत कर्मचारियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आखिर वह लोग किस बात का इंतजार कर रहें हैं ! क्या जब उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा तब आंदोलन करेंगे।
उनको सम्मान स्वरूप मिली व्यवस्था आज कोर्ट के आदेश के बाद भीख में बदल चुकी है और वह खामोशी से उसे स्वीकार कर रहें हैं। क्या उनका ज़मीर भी खत्म हो चुका है ?

जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष हरजिंदर सिंह ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुऐ कहा की वह चाहती तो है कि यह धरना समाप्त हो जाए मगर उनकी मांगों पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं देना चाहती।
सभा के अंत में जगमोहन नेगी ने जयदीप सकलानी (दीपू भाई) की बात का समर्थन करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों के 10% के बाद, महिलाओं के 20% पर भी कुठाराघात हो चुका है मगर सरकारी तनख़ाह ले रहे महाधिवक्ता और उनके करिंदे किसी भी मामले में राज्य–हित से जुड़े किसी भी मुद्दों को बचाने का प्रयास भी नही कर रहें हैं। यह प्रदेश जिस मातृ शक्ति के बदौलत बना उन्हीं के 20% पर प्रदेश की किसी भी क्रांतिकारी महिला संगठन ने कोई विरोध आज तक नहीं किया।
संयुक्त मंच के सह संयोजक अंबुज शर्मा ने जल्द ही सचिवालय या मुख्यमंत्री आवास कूच के आयोजन की बात रखी जिस पर 2–3 दिनों में निर्णय लिए जाने पर सहमति बनी।
इसके अलावा आज धरने को राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी के अध्यक्ष नवनीत गुसाईं, रामलाल खंडूरी, द्वारिका बिष्ट आदि ने भी संबोधित किया।
आज के धरने का संचालन संयुक्त मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती द्वारा किया गया।
आज संयुक्त मंच के धरने में सुरेश नेगी, सुमित राज थापा,पंकज सिंह रावत, सुरेश कुमार ,धर्मेंद्र बिष्ट, लाखन सिंह, रुकम सिंह पोखरियाल, पुष्प लता सिलमाना,प्रेम सिंह नेगी, चंद्र किरण राणा, रेनू नेगी, सुनीता बहुगुणा, संगीता उनियाल, मनीष बहुगुणा,मीरा गुसाईं, वीना बहुगुणा, सरोजिनी थपलियाल, ईशा नेगी, वीना भट्ट, आशा, सरोज रावत, रवि नेगी, सुरेशी रावत,सरोजिनी रावत, सुशीला चंदोला, सुशील विरमानी, शकुंतला देवी असवाल, उपेंद्र प्रसाद सेमवाल, प्रभात डंडरीयाल,संतोष सेमवाल, शैलेंद्र सिंह,पी.एस. नेगी,आशा डंगवाल, सुलोचना मैन्दोलिया, ,शेर सिंह रावत, दिग्विजय कैंतुरा, उमेश कुमार कंडवाल,दिवाकर उनियाल,संगीता रावत, सरोजिनी थपलियाल, लीला कुकरेती, मोहन खत्री,राजेश कैंतुरा, गुरु प्रसाद,अनुराग भट् , रामकिशन, सुदेश सिंह आदि सम्मिलित थे।

दो नटवरलाल जज बनकर जमाते थे अफसरों पर रोब, अब पहुंचे सलाखों के पीछे

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(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी/देहरादून, पुलिस ने संदिग्ध नंबर और संदिग्ध गिरोह के संबंध में गोपनीय सूचनाएं संकलित की और प्रमाणित सूचना और तथ्यों के आधार पर 9 जुलाई को पुलिस ने नोएडा, सेक्टर 50 महागुन मेपल सोसाइटी में दबिश देकर दो लोगों को अरेस्ट किया। जानकारी के मुताबिक 8 जुलाई को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि एक गिरोह जज की फोटो अपनी डीपी पर लगाकर सीनियर अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेकर आम लोगों से काम करवाने के एवज में ठगी का प्रयास कर रहा है।
पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि दोनों नोएडा के रहने वाले हैं। पुलिस को एक संदिग्ध मोबाइल नंबर भी मिला, जो मनोज कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड था। इस नंबर से उक्त व्यक्ति ने खुद को जज बताकर दून में एक आईएएस अधिकारी से भी बात की थी। उक्त अधिकारी ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने खुद को जज बताकर उनसे मिलने का टाइम लिया था। वह कुछ लोगों के साथ मिलने आया था।

आरोपियों की पहचान
– मनोज कुमार पुत्र जुगल किशोर, निवासी 110 महागुन मेपल सेक्टर, 50 नोएडा, उत्तर प्रदेश, उम्र 52 वर्ष।
– राजीव अरोड़ा पुत्र हेमराज, निवासी बरनाला, पंजाब, उम्र 54 वर्ष, हाल पता महागुन मेपल सेक्टर 50 नोएडा।

पूछताछ में मनोज कुमार ने बताया गया कि वह और राजीव अरोड़ा बचपन के दोस्त हैं। उसने मोदी रबर में 5 वर्ष नौकरी की। कम पैसा मिलने के कारण लोगों को विदेश भेजने का काम भी किया। कई लोगों को फर्जी कागजात तैयार कर विदेश भेजा। बाद में एम्बेसी ने चाणक्यपुरी थाने में केस दर्ज कराया। कई और केस इस मामले में दर्ज हुए। कई बार वह जेल गया, लेकिन बाहर आकर ठगी का धंधा करता रहा। 2015 में पान मसाला की दो कंपनियां खोली, लेकिन 2017 में इनकम टैक्स विभाग ने 850 करोड़ रुपए का टैक्स लगा दिया। टैक्स न भरने के कारण वह तीन साल मेरठ जेल में बंद रहा। जेल से बाहर आने के बाद राजू अरोड़ा के साथ मिलकर लोगों के काम करवाने के नाम पर ठगी शुरू कर दी।
दून में करवानी थी जमीन खाली
इस दौरान उन्हें दून के किसी व्यक्ति की जमीन खाली करवाने का 50 लाख रुपये का ऑफर मिला। इसे उन्होंने मंजूर कर दिया। दून आकर पार्टी के साथ एक आईएएस अधिकारी से मिलने की योजना बनाई। नया सिम लिया। ट्रू कॉलर में जज का नाम सेट किया। जज की डीपी लगाई और एक आईएएस अधिकारी से जज बनकर मिला। अधिकारी से जमीन खाली करवाने में मदद करने को कहा।

 

भारी बारिश से दो बाॕर्डर रोड़ सहित 18 सड़कें हुई बंद, परेशानी में 80 हजार से अधिक आबादी

पिथौरागढ़, सीमांत में बारिश के बाद दो बॉर्डर रोड सहित 18 सड़कें बंद हैं। इन सड़कों पर आवाजाही थमने से 80 हजार से अधिक की आबादी को खासी परेशानी झेलनी पड़ी है। इनमें से 10 से अधिक सड़कों को एक हफ्ते बाद भी नहीं खोला जा सका है, जिससे 60 से अधिक गांव अलग-थलग पड़े हैं और यहां राशन व अन्य जरूरी सामान की किल्लत शुरू हो गई है।

सीमांत में हुई भारी बारिश के बाद यहां भारत-चीन सीमा के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों को जोड़ने वाली दो बॉर्डर रोड तवाघाट-घटियाबगड़, तवाघाट-सोबला सहित 18 सड़कें बंद हैं। इन सड़कों के बंद रहने से 80 हजार से अधिक की आबादी खासी परेशान है। करीब 60 गांवों अलग-थलग पड़े हैं। वहीं इनमें से 10 से अधिक सड़कें को बंद हुए एक सप्ताह से अधिक का समय हो गया है। लेकिन इन्हें खोलने के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं, बावजूद इसके आपदा के दौरान राहत के दावे हो रहे हैं। ग्रामीण सड़कों के बंद रहने से गांवों में राशन व अन्य जरूरी सामान की किल्लत शुरू हो गई है। लोग किसी तरह बदहाल सड़कों व रास्तों के बीच बाजार पहुंचकर जरूरी सामान व राशन की व्यवस्था करने को मजबूर हैं।

भारी बारिश से मुनस्यारी में एक मकान ध्वस्त

पिथौरागढ़, जनपद में भारी बारिश से जलथ गांव में एक मकान ध्वस्त हो गया है। गनीमत रही कि घर में रह रहे लोग सुरक्षित बच गए। सूचना के बाद प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हुई है। मुनस्यारी में हुई भारी बारिश से जलथ गांव की शांति देवी का दो मंजिला मकान ध्वस्त हो गया। उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। मकान ध्वस्त होने से घर में रखा सामान बर्बाद हो गया। पीड़िता ने पड़ोसियों के यहां शरण लेनी पड़ी है। ग्रामीणों ने घटना की सूचना प्रशासन को दी। सूचना के बाद प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हुई है। एसडीएम भगत सिंह फोनिया ने कहा टीम को मौके पर भेजा गया है। नुकसान का आंकलन कर मुआवजे की कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रांगण में बारिश से पड़ी दरारें
भारी बारिश से थल स्थित ऐतिहासिक मंदिर बालेश्वर मंदिर के प्रांगण में दरारें पड़ गई हैं, जिससे मंदिर को खतरा पैदा हो गया है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष गणेश दत्त भट्ट व पुजारी गोविंद बल्लभ भट्ट ने कहा शुरूआती बारिश में ही मंदिर प्रांगण में दरार पड़ गई हैं। बारिश के चरम पर मंदिर को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में प्रशासन को इसकी सुरक्षा के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए।

 

बीमार महिला को 30 किलोमीटर डोली से लाये ग्रामीणMay be an image of 3 people, people standing and outdoors

(त्रिभुवन जोशी)

पिथौरागढ़, तहसील मुनस्यारी ग्राम सभा बोना में राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में पिछले 8 महीनों से डॉक्टर नहीं होने से बोना तोमिक गोल्फा के लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है | आज श्रीमती_गीतादेवी पत्नी कुंदनमबृजवाल के अचानक तबीयत खराब होने से डोली के सहारे 30 किलोमीटर पैदल मदकोट लाया गया | जबकि पिथौरागढ़ जिलाधिकारी महोदय जी के द्वारा राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय बोना के लिए डॉक्टर अहमद राज की नियुक्ति किया गया था पर डॉक्टर अहमद राज जी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मदकोट अटैच कर दिया गया, जबकि मदकोट में पहले से दो डॉक्टरों की नियुक्ति है,झापुली से बोना तक मोटर मार्ग पिछले सप्ताह से बंद पड़ी हुई है जगह जगह पर रोड खराब है |लोनिवि विभाग को बार-बार मोटर मार्ग खोलने की मांग करने के बाद भी अभी तक सुध नहीं लिया है |

 

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने किया भवाली-अल्मोड़ा राजमार्ग का स्थलीय निरीक्षण

‘निरीक्षण के दौरान अधीक्षण अभियंता मिले अनुपस्थित नाराजगी व्यक्त करते हुए अधीक्षण अभियंता से मांगा स्पष्टीकरण’May be an image of 6 people, people standing, tree and road

(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने सोमवार को भवाली-अल्मोड़ा राजमार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अधीक्षण अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग, हल्द्वानी बिना अनुमति के अवकाश पर है। मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अधीक्षण अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा कि आपदा के दृष्टिगत बिना अनुमति के अवकाश पर रहना शासन के आदेशों की लापरवाही को इंगित करता है।

आयुक्त ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य प्राकृति आपदा की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील है तथा मानसून अवधि में राज्य में अतिवृष्टि, बाढ, भूस्खलन, बादल फटने जैसी प्राकृति आपदाओं से राज्य के कई जनपद अत्यधिक प्रभावित होते है। इसी को दृष्टिगत रखते हुये मानूसन अवधि में राहत एंव बचाव कार्यो में व्यवधान उत्पन्न न हो इसलिए सभी राज्य कार्मिकों को 30 सितम्बर 2022 तक अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर अवकाश स्वीकृत नहीं किये जायेगे। अवकाश को लेकर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन देहरादून द्वारा दिनांक 4 जुलाई 2022 को आदेश भी जारी किये गये है।