Wednesday, April 30, 2025
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जिला पंचायत चुनाव में जनता ने भाजपा को दिया आर्शीवाद : निशंक

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हरिद्वार ( कुलभूषण शर्मा)  हरिद्वार संसदीय क्षेत्र लोक सभा क्षेत्र से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव के परिणाम को लेकर डामकोठी मे पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा की जनपद में भाजपा जिला पंचायत मे अपना बोर्ड सहित सभी ब्लाकों मे अपने ब्लाक प्रमुख बनाने जा रही है।
उन्होंने कहा की ग्रामीण क्षेत्र मे जनता ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों मे विश्वास व्यक्त करते हुए भाजपा के पक्ष मे अपना समर्थन व आर्शीवाद दिया है। इस चुनाव मे बडी संख्या मे भाजपा ने ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों पर जीत दर्ज कर सबसे बडे दल के रूप मे उभरी है।इसके लिए वह जनपद की जनता का दिल से आभार व्यक्त करते है।उन्होंने कहा की भाजपा किसानों व युवाओं के हीतो का ध्यान रखने वाली पार्टी है। पिछले सात आठ सालों मे भाजपा ने किसानों के हीतो के लिए बहुत कार्य किया है।
जितना का पिछले सात सालों मे केंद्र की भाजपा सरकार ने किया है उतना पिछले सत्तर सालों मे नहीं हुआ है।
चुनाव मे बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की जनहित नीतियों के चलते व पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज सहित जिलाध्यक्ष डा.जयपाल सिंह की टीम बधाई की पात्र है जिन्होंने दिन रात कार्य कर जनता का विश्वास जितने की दिशा मे कार्य किया । इस मौके पर पूर्व कैबनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज जिला अध्यक्ष डा.जयपाल सिंह सांसद प्रतिनिधि ओम प्रकाश जमदग्नि लव शर्मा सहित विभिन्न कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

ONGC में निकली बंपर वैकेंसी : ग्रेजुएट कैंडिडेट्स 12 अक्टूबर तक कर सकेंगे आवेदन

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नई दिल्ली, सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) ने 817 पदों पर वैकेंसी निकली हैं। जिसके लिए ग्रेजुएट कैंडिडेट्स ओएनजीसी की ऑफिशियल वेबसाइट ongcindia.com पर जाकर 12 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिसमें कैंडिडेट्स का सिलेक्शन गेट-2022 स्कोर के आधार पर किया जाएगा।

सैलरी :
ONGC द्वारा 817 पदों पर भर्तियां पोस्ट लेवल E-1 के लिए हो रही हैं। ऐसे में इन पर 7th पे-कमीशन के तहत बेसिक पे 60 हजार से लेकर 1.80 लाख प्रति महीना तक होगा। इसके साथ ही डीए, एचआरए, अन्य भत्तों के साथ ही इन्क्रिमेंट, समेत हर महीने एक लाख से ज्यादा शुरुआती सैलरी होगी।

फीस :
भर्ती प्रक्रिया में अप्लाई करने वाले सामान्य / ईडब्ल्यूएस / ओबीसी श्रेणी के कैंडिडेट्स से 300 रुपए फीस ली जाएगी। जबकि एसटी / एससी और पीडब्ल्यूबीडी कैंडिडेट्स को फीस भुगतान से छूट दी गई है।

सिलेक्शन प्रोसेस :
ओएनजीसी की इस भर्ती में कैंडिडेट्स का चयन गेट 2022 (GATE 2022) स्कोर के जरिए होगा।

ऐसे करें आवेदन :

ओएनजीसी की वेबसाइट ongcindia.com पर क्लिक करें।
होम पेज पर दिख रहे Career टैब पर क्लिक करें।
इसके बाद दिख रहे लिंक “Online Registration for Recruitment of GTs in Geoscience & Engineering disciplines (E1 Level) through GATE-2022 22 Sep, 2022” पर क्लिक करें।
अपना रजिस्ट्रेशन कराएं और आवेदन फॉर्म भरें। आवेदन शुल्क जमा कराएं।
आवेदन कम्प्लीट होने के बाद सबमिट करें और आगे की जरूरत के लिए प्रिंटआउट लेकर रख लें।

 

ONGC Recruitment 2022 Age Limit :
ओएनजीसी भर्ती 2022 के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष तक रखी गई है। इसमें केवल AEE पद हेतु अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष रहेगी। इस भर्ती में आयु की गणना 31 जुलाई 2022 को आधार मानकर की जाएगी। इसके अलावा आरक्षित वर्गों को सरकार के नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है।

 

सेंचुरी मिल के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे श्रमिक को प्रशासन ने जबरन उठाया

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(मुन्ना अंसारी)

लालकुआँ, सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल के खिलाफ चल रहा धरना प्रदर्शन आज 64 दिनों में भी जारी रहा, जहां तीन दिनों से आमरण अनशन (भूख हड़ताल) पर बैठे श्रमिक राजीव दुम्का के स्वास्थ्य में हो रही गिरावट को देखते हुए धरना स्थल पर प्रशासन की टीम ने पहुँचकर भूख हड़ताल में बैठे आंदोलनकारी राजीव दुम्का को जबरन उठा लिया, इस दौरान अनशनकारियों की तहसीलदार सचिन कुमार और कोतवाल डी आर वर्मा के साथ काफी देर तक झड़प होती रही, लेकिन भारी पुलिसबल के साथ पहुँची प्रशासन की टीम ने जबरन भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारी राजीव दुम्का को उठा लिया | जिन्हें डॉक्टरों की देखरेख में एम्बुलेंस के माध्यम से हल्द्वानी अस्पताल भेजा गया ।
वहीं धरना प्रदर्शन कर रहे राजीव दुम्का को उठाये जाने के बाद आंदोलनकारी श्रमिक मुकेश कबड़वाल ने भूख हड़ताल शुरू करते हुए सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए तानाशाही का आरोप लगाया ।

पहाड़ के मेडिकल कॉलेज को सरकार का बड़ा तोहफा, मेडिकल फैकल्टी को मिलेगा 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता

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देहरादून, उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज अब फैकल्टी की समस्या से नहीं जूझेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की पहल पर राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में नियमित एवं संविदा पर तैनात मेडिकल फैकल्टी को उनके वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश शीघ्र जारी कर दिया जायेगा। राज्य सरकार के इस फैसले से पर्वतीय क्षेत्रों में राजकीय मेडिकल कॉलेजों को आवश्यकतानुसार फैकल्टी मिल सकेगी।

प्रदेश सरकार सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के लिये निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में राज्य कैबिनेट ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय के तहत पर्वतीय जनपदों के मेडिकल कॉलेजों में नियमित एवं संविदा पर तैनात मेडिकल फैकल्टीज को उनके वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिया जायेगा। जिससे फैकल्टी की कमी से जूझ रहे मेडिकल कॉलेजों को बड़ी राहत मिलेगी।

राज्य के पर्वतीय जनपदों में स्थित मेडिकल कॉलेज शुरू से ही प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की भारी कमी से जूझ रहे हैं। यहां विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए हर बार साक्षात्कार तो किया जाता है, लेकिन सेलेक्शन के बावजूद अधिकतर विशेषज्ञ चिकित्सक इन कॉलेज में योगदान नहीं देते हैं। मेडिकल फैकल्टी की इसी कमी को दूर करने के लिये सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने एक नया विकल्प राज्य सरकार के समक्ष रखा। जिस पर उन्होंने श्रीनगर, अल्मोड़ा तथा पिथौरागढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेज हेतु मेडिकल फैकल्टी को वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा। राज्य कैबिनेट ने डॉ0 रावत के प्रस्ताव पर अपनी सहमति देते हुये इसे सराहनीय पहल बताया। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने इस प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश दे दिये हैं। जिसका शासनादेश शीघ्र जारी होने की उम्मीद है। राज्य कैबिनेट द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार मेडिकल फैकल्टी को मिलने वाला 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता मेडिकल टीचर्स डिफिसेंसी कॉम्पेन्सेटरी स्कीम के अंतर्गत दिया जायेगा। जिसके लिये संबंधित विभाग में एक कॉर्पस फंड बनाया जायेगा, जिसका संचालन संबंधित कॉलेज के प्राचार्य द्वारा किया जायेगा। मेडिकल फैकल्टी को 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता मिलने पर पूर्व में स्वीकृत 20 फीसदी डिफिकल्ट हिल एरिया एलाउंस देय नहीं होगा। विभाग को उम्मीद है कि इस नई पहल से पहाड़ के मेडिकल कॉलेजों में लम्बे समय से चली आ रही फैकल्टी की कमी दूर हो सकेगी।

माननीय मंत्री जी का बयान-
लम्बे समय से पर्वतीय क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी महसूस की जा रही थी। जिसके मध्यनज़र एक नई पहल शुरू की गई है। जिसको राज्य कैबिनेट से मंजूरी के बाद लागू किया जा रहा है। निश्चित तौर पर आने वाले समय में इस नई पहल का लाभ वहां के मेडिकल छात्रों को पर्याप्त फैकल्टी के रूप में मिल सकेगा। इस पहल के लिये मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट के समस्त सदस्यों का आभार एवं धन्यवाद। – डॉ0 धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।

सेमिनार के पहले दिन भारतीय अंतरिक्ष उद्योग में इन्फ्लेटेबल संरचनाओं और लाईटवेट मटीरियल की भूमिका पर हुई चर्चा

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रूड़की,  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रूड़की के मैकेनिकल एवं इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग ने विभाग के सभागार में आईएसएलएमएसडीए 2022 विषय (Inflatable Structures and Lightweight Materials: A new era of Space and Defence Applications) पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन जा रहा है। बृहस्पतिवार को पहले दिन के आयेाजन में इन्फ्लेटेबल संरचनाओं, लाईटवेट मटीरियरल, उनके डिज़ाइन, उत्पादन तकनीकों तथा युवा अकादमिकज्ञों, इंजीनियरों एवं उद्योगपतियों में इनके विशेष अनुप्रयोगों के बारे में जागरुकता बढ़ाना इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य था। इसरो, डीआरडीओ, अकादमिक संस्थानों एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने इन्फ्लेटेबल संरचनाओं के डिज़ाइन, विश्लेषण, निर्माण, लाईटवेट मटीरियरल और इनकी जांच आदि विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

अकादमिक संस्थानों जैसे आईआईटी, एनआईटी एवं शोध संस्थानों जैसे इसरो, टीआईएफआर, डीआरडीओ और एनएएल तथा कई निजी उद्योगों के विशेषज्ञों ने सेमिनार में हिस्सा लिया। सेमिनार के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों को कवर किया गया जैसे भूमि एवं अंतरिक्ष में इन्फ्लेटेबल संरचनाओं के अनुप्रयोग, अंतरिक्ष एवं भूमि के लिए इन्फ्लेटेबल संरचनाओं के लिए मटीरियल, अंतरिक्ष वातावरण के लिए इनकी योग्यता, इन्फ्लेटेबल सिस्टम की जांच तथ मेम्ब्रेन संरचना की फोल्डिंग एवं डिप्लॉयमेन्ट आदि। इन्फ्लेटेबल संरचनाओं, लाईटवेट मटीरियल के डिज़ाइन, विकास एवं उत्पादन में सक्रिय इंजीनियर, वैज्ञानिक, निर्माता और अकादमिकज्ञ इन चर्चाओं से लाभान्वित होंगे।
हरी बाबू श्रीवास्तव, महानिदेशक (टेक्नोलॉजी मैनेजमेन्ट एवं सिस्टम एनालिसिस एण्ड मॉडलिंग), डीआरडीओ, इस मौके पर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने संस्थान द्वारा 175 वर्षों की सफल अकादमिक यात्रा पूरी करने की उपलब्धि पर आईआईटी रूड़की के डायरेक्टर, फेकल्टी, रीसर्च फेलो एंव छात्रों को बधाई दी।

सेमिनार में हिस्सा लेने वाले मुख्य प्रवक्ताओं में डॉ एच एन सुरेश, ग्रुप डायरेक्टर, यूआरएससी/ इसरो; श्री संतोष कुमार, हैड, एफडी ग्रुप, आर एण्ड डीई (ई) पुणे; प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य, डिपार्टमेन्ट ऑफ मैकेनिकल एण्ड मैकट्रोनिक्स इंजीनियरिंग, युनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू, कनाडा; डॉ एच एम वाय सी मल्लिकराच्ची, डिपार्टमेन्ट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग, युनिवर्सिटी ऑफ मोराटुवा, श्री लंका; श्री एस जे राव, गरवारे टेकनिकल फाइबर्स लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र; श्री स्वर विकामशी और रमेश चौधरी, विकामशी फैब्रिक्स प्रा. लिमिटेड, महाराष्ट्र; श्री एसी माथुर, ग्रुप डायरेक्टर (रिटायर्ड), एसएसी/ इसरो; डॉ पीसी जैन, डायरेक्टर स्ट्रक्चर्स डीआरडीएल, डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय, हैदराबाद; प्रोफेसर अनिरवन, दासगुप्ता, डिपार्टमेन्ट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी खड़गपुर; प्रोफेसर व्सेवोलोड कोरयानोव, डायनामिक्स एण्ड फ्लाइट कंट्रोल ऑफ मिसाइल्स एण्ड स्पेस व्हीकल डिपार्टमेन्ट, बौमैन मॉस्को स्टेट टेकनिकल युनिवर्सिटी, रूस; डॉ सतीश कुमार, डिपार्टमेन्ट ऑफ अप्लाईड मैकेनिक्स, एमएनएनआईटी, अलाहाबाद, प्रयागराज; श्री सी आर सावंत, जेनिथ इंडस्ट्रियल रबड़ प्रोडक्ट्स प्रा. लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र शामिल रहे।

सभा को सम्बोधित करते हुए श्री एच बी श्रीवास्तव, महानिदेशक (टेक्नोलॉजी मैनेजमेन्ट एण्ड सिस्टम एनालिसिस एण्ड मॉडलिंग), डीआरडीओ ने कहा ‘‘ उन्होंने इन्फ्लेटेबल संरचनाओं और अंतरिक्ष, अंतरक्षि विज्ञान, रक्षा, प्राकृतिक आपदा एवं अन्य इंजीनियरिंग एवं कमर्शियल क्षेत्रों में अनुप्रयोगों के बारे में बात की। उन्होंने रक्षा बलों के लिए इन्फ्लेटेबल संरचनाओं की उपयोगिता पर रोशनी डाली जैसे पुरूषों और सामग्री की पैराट्रूपिंग, मरीज़ों की गहन देखभाल के लिए तैनात की जा सकने वाली संरचनाएं और सैनिकों की मांसपेशियों को मजबूत बनाना। उन्होंने बताया कि इन तकनीकों का उपयोग सैटेलाईट, अंतरिक्ष यान एवं अंतरिक्ष अन्वेषण में भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश में अकादमिक संस्थानों तथा डीआरडीओ, इसरो और सीआरआईआर के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने इन्फ्लेटेबल संरचनाओं और लाईटवेट मैटेलिक एवं नॉन-मैटेलिक मटीरियल पर अनुसंधान के महत्व पर रोशनी डाली और अकादमिक एवं उद्योग जगत में इस अनुसंधान के लिए डीआरडीओ के सहयोग और प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’

भारतीय अंतरिक्ष उद्योगके विकास में इन्फ्लेटेबल संरचनाओं के महत्व पर बात करते हुए प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, डायरेक्टर आईआईटी रूड़की ने कहा, ‘‘आज भारत 500 छोटे, मध्यम एवं बड़े उद्यमों के लिए शीर्ष पायदान के प्लेयर्स में से एक है जो हार्डवेयर के डिज़ाइन, इंजीनियरिंग एवं फैब्रिकेशन के रूप में स्पेस प्रोग्रामों में योगदान दे रहा है।’

“हडको क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून में राजभाषा हिन्दी पखवाडा धूमधाम से आयोजित किया ”

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देहरादून, हडको देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय में दिनांक 15 से 30 सितम्बर, 2022 तक राजभाषा हिन्दी पखवाडा का आयोजन अंतर्गत राजभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार एवं प्रतियोगिता का आयोजन अंतर्गत आशुभाषण, स्लोगन, दिए गए चित्र से शीर्षक व लेख, शब्द ज्ञान, निबंध एवं कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय प्रमुख, संजय भार्गव की अध्यक्षता में  अशोक कुमार लालवानी, नोडल अधिकारी (रा.भा.) ने हडको देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा हिंदी में किए जा रहे कार्यों एवं हिंदी से सम्बंधित नियमों भी अवगत कराया। पखवाडा समापन की पूर्व संध्या पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार  जीतेन ठाकुर को आमंत्रित किया गया। हडको कार्यालय में क्षेत्रीय प्रमुख, संजय भार्गव द्वारा निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं की भी घोषणा की गई। अधिकारी वर्ग में  अशोक लालवानी प्रथम, विवेक प्रधान द्वितीय एवं बलराम सिंह एवं शंकर चौधरी संयुक्त रूप तृतीय स्थान पर रहे। कर्मचारी वर्ग में रविंद्र प्रथम, प्रताप लाल द्वितीय, लक्ष्य तृतीय एवं धर्मानंद भट्ट व वैशाली तृतीय स्थान पर रहे । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री जीतेन ठाकुर एवं विशेष अतिथि डॉ अजीत गैरोला ने विजेताओं को बधाई दी।  जीतेन ठाकुर द्वारा अपनी लिखी कहानी भी सुनाई । कार्यक्रम का समापन राजभाषा नोडल अधिकारी,  अशोक कुमार लालवानी एवं नोडल सहायक,  शंकर चौधरी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ ।

कैबिनेट की बैठक में रेलवे को लेकर बड़ा फैसला, 10 हजार करोड़ से होगा तीन स्टेशनों का पुनर्विकास

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नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी और अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपए अनुमोदन राशि स्वीकृति दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अभी कुल 199 रेलवे स्टेशन के पुनर्निमार्ण का कार्य भी चल रहा है। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदा अगले 10 दिनों में जारी की जाएगी। इन 3 प्रमुख स्टेशनों सहित 199 स्टेशनों के पुनर्विकास की कुल लागत 60,000 करोड़ रुपये है
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बसों, ऑटो और मेट्रो रेल सेवाओं के साथ ट्रेन सेवाओं को एकीकृत करेगा। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का नया स्वरूप मोडेरा के सूर्य मंदिर से प्रेरित है। सीएसएमटी के हेरिटेज भवन को छुआ नहीं जाएगा, लेकिन आसपास की इमारतों को फिर से विकसित किया जाएगा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, अहमदाबाद रेलवे स्टेशन और सीएसएमटी, मुंबई का लगभग 2 साल से 3.5 साल की अवधि में पुनर्विकास किया जाएगा। इन स्टेशनों के पुनर्विकास में मॉड्यूलर तकनीक इस्तेमाल होगी।

इन पर भी लगी मुहर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले तीन महीने (अक्टूबर 2022-दिसंबर 2022) के लिए बढ़ाने को मंज़ूरी दी है। अगले तीन महीनों में लगभग 122 एलएमटी खाद्यान्न देश भर के 80 करोड़ से ज़्यादा गरीबों को मिलेगा। इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने 1 जुलाई, 2022 से देय केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को 4% की दर से लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दी है।

 

वाह रे शिक्षा विभाग : सप्ताह भर पहले किया शिक्षिका को निलंबित, अब कर दिया बहाल

पौड़ी, वाह रे शिक्षा विभाग पहले किया निलंबित अब फिर कर दिया बहाल, मामला पौड़ी जिले का है, जहां बीते करीब एक सप्ताह पूर्व निलंबित हुई थलीसैंण ब्लाक के प्राइमरी स्कूल बगवाड़ी में कार्यरत सहायक अध्यापिका को शिक्षा महकमे ने बहाल कर दिया । शिक्षिका के निलंबन को प्राथमिक शिक्षक संघ और एसएमसी ने गलत ठहराते हुए अविलंब बहाली की मांग की थी। शिक्षिका को 21 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।
इस मामले में उपशिक्षाधिकारी थलीसैंण को जांच अधिकारी बनाया गया था। आरोप था कि बिना अनुमति के सहायक अध्यापिका शीतल रावत ने गांव की एक लड़की को पठन-पाठन के लिए रखा है और उसे ढाई हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है। स्कूल का औचक निरीक्षण बीती 20 सितंबर को सीईओ पौड़ी ने किया था। जिस पर उनके वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई थी। लेकिन दूसरे ही दिन डीईओ बेसिक ने शिक्षिका को निलंबित कर दिया। शिक्षका पर लड़की के भुगतान देने संबंधी अभिलेख नहीं मिले और अध्यापिका ने कहा बताया कि उन्हें नियमों की जानकारी नहीं है। छात्र हित में यह कदम उठाया गया था। जांच में अध्यापिका पर लगाए गए अन्य आरापों की पुष्टि नहीं हुई।
डीईओ बेसिक डा. शिव पूजन सिंह ने अध्यापिका शीतल रावत के बहाली के आदेश जारी किए हैं। हालांकि हितायद भी दी गई वह भविष्य में ऐसे कृत्य न करे। अध्यापिका के निलंबन को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी कड़ी नाराजगी जताई थी।
अध्यापिका के पक्ष में एसएमसी भी उतर गई थी और उन्होंने विभागीय कार्रवाई का विरोध करते हुए आंदोलन की भी चेतावनी दी थी। प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस निलंबन को लेकर 29 सितंबर को भी धरने की भी चेतावनी दी गई थी। संघ के जिलाध्यक्ष मनोज जुगरान ने बताया कि अध्यापिका की बहाली के बाद धरने को भी स्थगित कर दिया गया है।

 

ब्रेकिंग : सल्ट में रजिस्ट्रार कानूनगो दस हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तारपटवारी गिरफ्तार, लोकायुक्त पुलिस ने 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

अल्मोड़ा, कुमाऊं की विजिलेंस टीम ने जिले के सल्ट तहसील में कार्यरत एक रजिस्ट्रार कानूनगो को दस हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपित रजिस्टार कानूनगो का नाम हबीब अहमद बताया गया है। इससे पहले विजिलैंस की टीम ने हल्द्वानी में एक रजिस्ट्रार कानून गो को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
एसपी विजिलेंस प्रह्लाद नारायण मीणा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत के बाद बुधवार को एक टीम सल्ट भेजी गई थी। विजिलेंस की टीम ने सल्ट तहसील में अपना जाल बिछाया और जैसे ही कानूनगो ने रिश्वत की रकम अपने हाथ से पकड़ी टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एसपी मीणा ने कहा कि मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के अगले सीडीएस नियुक्त

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नई दिल्ली, भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्त किया है। पिछले साल हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से ही यह पोस्ट खाली पड़ी थी। जिसके बाद अब करीब 10 महीने बाद सरकार ने अगले सीडीएस की नियुक्ती की है। रावत देश के पहले सीडीएस भी थे।
रक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किया। वे भारत सरकार में सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।

गौरतलब है कि बीते वर्ष 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सेना के जवान सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन एयरबेस के लिए हेलिकॉप्टर में सवार हुए थे। हेलिकॉप्टर के अपने गंतव्य तक पहुंचने के कुछ मिनट पहले सुलूर एयरबेस कंट्रोल रूम का हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया था और विमान हादसे का शिकार हो गया था।

दुर्घटना से पहले स्थानीय लोगों द्वारा कैप्चर किए गए हेलीकॉप्टर के दृश्यों से पता चला था कि हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और बादल छाए हुए थे। दुर्घटना में मारे गए 13 अन्य लोगों में बिपिन रावत के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भी शामिल थे।

कैसे NDF और SIMI हो गए पीएफआई में तब्दील, तीन दशकों से चला आ रहा आतंक का दुष्चक्र

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नई दिल्ली, वर्ष1993 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद केरल में स्थापित हुआ एनडीएफ जल्द ही देश में कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। 2006 में यह पीएफआई के नाम से जाना जाने लगा। फिर तीन दशकों के भीतर इसने 17 राज्यों में कार्यालय और 22 राज्यों में अपना प्रभाव स्थापित किया। 2010 में शिक्षक के हाथ काटने से लेकर 2018 में आईएस आतंकी संगठन से जुड़ने तक। पढ़ें, पीएफआई कैसे धीरे-धीरे अपनी असलियत दिखाने लगा…

देश में कथित तौर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते केंद्र सरकार ने पीएफआई संगठन पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। संगठन के खिलाफ केंद्र ने डिजिटल स्ट्राइक भी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी सरकार इन संगठनों के ग्रुप को ब्लॉक करने जा रही है। तीन दशकों से चल रहे आतंक के इस दुष्चक्र की शुरुआत बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मानी जाती है। आइए, जानते हैं यह संगठन कब-कब हाईलाइट हुआ…

1993: बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद केरल में कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा (एनडीएफ) की स्थापना की। बाद के वर्षों में, तमिलनाडु में कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (केएफडी) और मनीथा नीति पासारी (एमएनपी) जैसे समान संगठन बनाए गए।

1997: स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया की स्थापना उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुई। इसने कई राज्यों में अपना आधार फैलाया।

2001: सिमी को “यूएपीए के तहत राष्ट्र विरोधी गतिविधियों” के लिए “आतंक” में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित किया गया था।

2004: एनडीएफ, केएफडी और एमएनएफ का विलय हुआ और दक्षिण राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और फिर एकीकृत आंध्र प्रदेश में संयुक्त कार्रवाई के लिए दक्षिण भारत परिषद का गठन हुआ।

2006: 9 दिसंबर को, साउथ इंडिया काउंसिल को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के रूप में नया नाम दिया गया, जिसमें सिमी के कई पूर्व सदस्य संगठन में शामिल हो गए। पीएफआई ने अपने कैडरों के लिए एनडीएफ की वर्दी, मार्शल आर्ट प्रशिक्षण को अपनाया और इसके सदस्यों का रोल नहीं बताया ताकि संगठन में कुछ भी पता नहीं लगाया जा सके।

2009: पीएफआई ने अपनी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की स्थापना की।

2010: पीएफआई ने देश का ध्यान उस वक्त खींचा जब उसके कार्यकर्ताओं ने मुवत्तुपुझा (एर्नाकुलम) में न्यू मैन्स कॉलेज में मलयालम शिक्षक प्रोफेसर टी जे जोसेफ के हाथ काट दिए। उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था।

2015: जोसेफ मामले में पीएफआई के 13 कार्यकर्ताओं को उम्रकैद की सजा हुई।

2017: केरल सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि पीएफआई सदस्य 106 आपराधिक मामलों में शामिल थे, जिसमें 27 हत्याएं शामिल थीं, जिनमें से अधिकांश सीपीआईएम और आरएसएस में इसके राजनीतिक विरोधियों की थीं।

2018: अफगानिस्तान में आईएस में शामिल होने के लिए उत्तर केरल के एक गांव से महिलाओं और बच्चों सहित 2018 में कम से कम 22 लोग गायब हो गए। इनमें से कुछ पीएफआई के सदस्य बताए गए।

2019: जैसे-जैसे पीएफआई का प्रभाव बढ़ता गया, उसने अपना मुख्यालय केरल के कोझीकोड से दिल्ली में शिफ्ट कर दिया।

2022: पीएफआई के 17 राज्यों में कार्यालय हैं और 22 राज्यों में प्रभाव है। यूएपीए, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत लगभग 1,400 मामलों में इसके कार्यकर्ता आरोपी है।

29 अगस्त: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएफआई गतिविधियों पर हाई लेवल बैठक की और पीएफआई पर ऐक्शन के लिए एक कार्य योजना तैयार की।

22 सितंबर: देश भर में पीएफआई कार्यालयों और प्रमुख पदाधिकारियों के घरों पर देशव्यापी छापेमारी की गई और 106 पीएफआई नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

27 सितंबर: उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में एक और देशव्यापी छापेमारी हुई। पीएफआई से जुड़े 170 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया।

क्यों ? हो रही है दीपिका पादुकोण की बार-बार तबीयत खराब, क्या रणवीर सिंह से जुड़ी है टेंशन की तार

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मुम्बई, दीपिका पादुकोण को 27 सितंबर की रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया। एक्ट्रेस ने बेचैनी की शिकायत की थी। शाम को अस्पताल में एक्ट्रेस के कई टेस्ट किए गए। बॉलीवुड एक्ट्रेस अब बेहतर महसूस कर रही हैं और आज शाम तक उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है। जहां उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, वहीं यह माना जा रहा है कि उनके काम के शेड्यूल ने उनके स्वास्थ्य पर भारी असर डाला है। साथ ही दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के बीच अनबन की भी चर्चा है। इन सभी अफवाहों के बीच, अभिनेत्री के परिवार या टीम की ओर से उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर कोई बयान नहीं आया है।

इससे पहले जून में, तेलुगु स्टार प्रभास और अमिताभ बच्चन के साथ नाग अश्विन की फिल्म के सेट पर उनकी तबीयत खराब हो गई थी। उसकी हृदय गति बढ़ गई थी, जिसके बाद वह हैदराबाद के एक अस्पताल में पहुंच गई। इसके कुछ दिनों बाद अभिनेत्री ने फिल्म की शूटिंग फिर से शुरू कर दी थी।
आपको बता दे कि दीपिका पादुकोण एक लंबे समय तक डिप्रेशन से जूझ चुकी हैं। वह अपने डिप्रेशन के बारे में कई बार खुलकर बात कर चुकी हैं।

 

काम के मोर्चे पर, दीपिका शाहरुख खान-स्टारर ‘पठान’ में अपने ‘देसी बॉयज़’ के सह-कलाकार जॉन अब्राहम के साथ दिखाई देंगी। SRK और दीपिका अपनी ब्लॉकबस्टर ‘ओम शांति ओम’, ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ और ‘हैप्पी न्यू ईयर’ को देखते हुए अब तक की सबसे बड़ी ऑन-स्क्रीन जोड़ियों में से एक हैं।
‘प्रोजेक्ट के’ की बात करें तो यह फिल्म दीपिका और प्रभास की एक साथ पहली फिल्म है। यह दीपिका की पहली तेलुगु फिल्म भी है। फिल्म में अमिताभ बच्चन और दिशा पटानी भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं, और नाग अश्विन द्वारा निर्देशित है। इनके अलावा वह ऐनी हैथवे और रॉबर्ट डी नीरो स्टार्टर द इंटर्न के बॉलीवुड रीमेक के लिए अपने पीकू सह-कलाकार अमिताभ बच्चन के साथ फिर से जुड़ने के लिए तैयार हैं। नैन्सी मेयर्स द्वारा निर्देशित, मूल फिल्म एक 70 वर्षीय विधुर (रॉबर्ट डी नीरो) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ऑनलाइन फैशन वेबसाइट पर एक वरिष्ठ प्रशिक्षु बन जाता है, जहाँ वह कंपनी के वर्कहॉलिक सीईओ जूल्स के साथ एक अप्रत्याशित दोस्ती बनाता है, जिसे ऐनी हैथवे ने निभाया है(साभार प्रभासाक्षी)।