Friday, May 2, 2025
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राज्य के विकास में सार्थक सहयोग हेतु हडको निदेशक ने की सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक

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देहरादून, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के उपक्रम हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (हडको) के निदेशक (कॉर्पोरेट प्लानिंग), श्री एम. नागराज द्वारा मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं सचिव(पर्यटन) के साथ बैठक की गई।
उन्होंने मुख्य सचिव, डॉ. एस एस संधू, आईएएस-1988, उत्तराखंड सरकार के साथ बैठक कर उत्तराखंड राज्य में हडको की गतिविधियों से अवगत कराते हुए हडको द्वारा राज्य के विकास में गति देने हेतु विकास योजनाओं में हडको के सहयोग का प्रस्ताव रखा, जिसमें राज्य सरकार की विकास योजनाएं जैसे भूमि अधिग्रहण, शहरी और ग्रामीण आवास, पुलिस आवास, इंफ्रास्ट्रक्चर, पार्किंग, मेट्रो, रिडेवलपमेंट, सड़क विकास व निर्माण, नई टाउनशिप, रेंटल हाउसिंग, भूमि अधिग्रहण आदि विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए हडको ऋण प्रदान कर सकता है।

उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक, श्री अशोक कुमार, आईपीएस, (बैच आरआर-1989) के साथ बैठक कर उन्होंने उत्तराखंड राज्य में पुलिस कर्मचारी आवास और बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं जैसे कार्यालय भवन/ संस्थागत अवसंरचना इत्यादि के विकास व निर्माण राज्य सरकार की गारंटी अथवा बजटीय प्रावधान अंतर्गत वित्तपोषण का प्रस्ताव रखा जिसमें पुलिस विभाग के लगभग 250 करोड़ रुपये में 1000 आवासीय इकाइयों (57 वर्गमीटर के साथ टाइप-II क्वार्टर) आदि का निर्माण किया जा सकता है।

सचिव (पर्यटन), श्री सचिन कुर्वे, आईएएस-2003, उत्तराखंड सरकार के साथ बैठक कर हडको द्वारा निगमित सामाजिक दायित्व(सीएसआर) द्वारा वर्ष 2013 में श्री केदारनाथ धाम में आई प्राकृतिक आपदा में दिये गये सहयोग का भी जिक्र किया एवं इसी क्रम अब पुनः रु10.00 करोड़ की राशि का अनुदान श्री केदारनाथ धाम के विकास एवं पुनर्वास हेतु स्वीकृति करने की जानकारी दी ।

बैठक में क्षेत्रीय प्रमुख, श्री संजय भार्गव एवं श्री अशोक कुमार लालवानी, संयुक्त महाप्रबंधक (वित्त) आदि उपस्थित थे।

खास खबर : हाकम के बाद पेपर लीक मामले में गैंगस्टर बनाए गए चंदन मनराल की संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी

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देहरादून, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने 21 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इसके बाद सभी की अवैध संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू किया गया था। गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई पर आरोपियों की संपत्तियों को जब्त और ध्वस्त करने का भी प्रावधान है। इसी क्रम में एसटीएफ ने पहले हाकम सिंह की संपत्तियों पर कार्रवाई की थी। पिछले दिनों सांकरी स्थित उसके चार रिजॉर्ट गिराए गए थे। जिला प्रशासन की मदद से उसके सेब के बागीचों को उद्यान विभाग को हवाले करने का फैसला हुआ था।

वहीं अब पेपर लीक मामले में गैंगस्टर बनाए गए कुमाऊं के चंदन मनराल की भी अवैध रूप से कमाई गई संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी कर ली गई है। एसटीएफ ने जिला प्रशासन की मदद से जब्त और ध्वस्तीकरण के लिए संपत्तियों की सूची तैयार कर ली है। मनराल को दरोगा भर्ती मामले में भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में उसकी संपत्तियों की जांच विजिलेंस भी करेगी। मनराल एक स्टोन क्रशर चलाता है। एक एनजीओ भी संचालित करता है। उसकी 13 बसें हैं। इनमें से 10 स्कूल में और तीन बसें पहाड़ी रूट पर चलती हैं। पीरूमदारा में 15 एकड़ और 10 बीघा जमीन रामनगर में है। मनराल को भी दो बड़ी पार्टियों के नेताओं का संरक्षण प्राप्त था। वर्तमान में वह दो मुकदमों में जेल में बंद है। उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई है।

सात साल पहले से होगा अवैध संपत्तियों का आकलन
पेपर लीक और दरोगा भर्ती घपले में 10 आरोपियों की संपत्तियों का आकलन अब सात साल पहले से किया जाएगा। सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई है। अभी तक इनके ऊपर 2021 में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप था। ऐसे में उनकी उन संपत्तियों को जब्त और ध्वस्त किया जाना था जो इस दरम्यान की हों। लेकिन, अब इनके खिलाफ 2015 में दरोगा भर्ती धांधली का मुकदमा भी विजिलेंस ने दर्ज कर लिया है। गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, इनकी संपत्तियों का आकलन अब 2015 से किया जाएगा। यानी इन्होंने सात वर्षों में जो भी संपत्तियां अर्जित की हैं, उन्हें जब्त और ध्वस्त किया जाएगा। इन आरोपियों में मुख्य रूप से हाकम सिंह, चंदन मनराल, केंद्रपाल, सादिक मूसा और राजेश कुमार चौहान शामिल हैं।

भर्ती घपलों में गिरफ्तारियां 50 के पार
एसटीएफ इस वक्त चार भर्ती परीक्षाओं में धांधली की जांच कर रही है। इनमें अब तक 51 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वीपीडीओ भर्ती धांधली में छह, वन दरोगा में तीन और सचिवालय रक्षक भर्ती धांधली में एक गिरफ्तारी हुई है।

‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र की अभूतपूर्व पहल

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देहरादून, सत्ता सिर्फ पक्ष से नहीं, विपक्ष से भी चलती है। जनतंत्र की इस खासियत से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बखूबी वाकिफ हैं। संभवतया यही वजह है कि उनके मन में राजनैतिक दुर्भावना लेस मात्र नहीं है। यदि होती तो वह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र को आत्मसात नहीं करते। उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधायकगणों से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की व्यापक जनहित से जुड़ी 10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्राथमिकता के क्रम में उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इससे पहले पूववर्ती सरकारों के मुख्यमंत्रियों (नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर) पर विपक्ष के विधायकों के साथ भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं। विधानसभावार विकास कार्यों की समीक्षा हो या फिर विकास योजनाओं की स्वीकृति, कहीं न कहीं विरोधी दल के विधायक खुद को उपेक्षित महसूस करते रहे। लेकिन अब धामी सरकार इन नकारात्मक परम्पराओं में सुधार करती दिख रही है।

विकास को लेकर मुख्यमंत्री की सोच स्पष्ट है। पहाड़ हो या मैदान, सत्तधारी दल के विधायक का विधानसभा क्षेत्र हो या विरोधी दल के विधायक का, प्रत्येक क्षेत्र का योजनाबद्ध एवं चरणबद्ध रूप से विकास किया जाना है। इसी क्रम में दलगत सियासत से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री धामी ने सभी 70 विधायकों से राज्य के विकास में सहयोग का आग्रह किया है। इसके लिए उन्होंने विधायकों को बाकायदा पत्र जारी भेजा है। पत्र में अनुरोध किया है कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की व्यापक जनहित से जुड़ी 10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव उन्हें भेजें, ताकि शासन स्तर पर राज्य के आर्थिक संसाधनों के समुचित प्रबन्धन के साथ प्रस्तावित योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सके।

मुख्यमंत्री धामी की यह अभूतपूर्व पहल है। कम से कम उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य में तो राजनीतिक कटुता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के दायित्वों को स्पष्ट बंटवारा है। विपक्ष का काम सत्तापक्ष के कार्यों की समीक्षा, विश्लेषण और आलोचना करना है। यह उसका संवैधानिक दायित्व भी है। जबकि सत्ता पक्ष का काम विपक्ष के प्रत्येक सवाल का जवाब जिम्मेदारी से देना है। इन सबके बीच जनता के प्रति दोनों की जवाबदेही सर्वोपिर है। तभी तो कहा गया है कि कम से कम सदन के बाहर किसी प्रकार का पक्ष-विपक्ष नहीं होना चाहिए।

हमेशा सरकार के सभी निर्णय शत-प्रतिशत सही हों यह जरूरी नहीं है पर विपक्ष का कमजोर होना, लिए गए निर्णयों में अपनी बात न रखना, स्वयं के कमजोर होने के साथ-साथ प्रजातंत्र को कमजोर करता है। ठीक इसी तरह जनतंत्र की खासियत यह भी है कि विजेता पार्टी सत्ता में शासन करती है, पर इसका मतलब कतई यह नहीं है कि विपक्ष को हासिये पर धकेल दिया जाए। जनसरोकारों को लेकर विपक्ष को हमेशा ध्वजवाहक की भूमिका में होना चाहिए। उसे सरकार के फैसलों को आम जनता के हितों से जोड़ कर देखना चाहिए और गलत पाए जाने पर उसका संगठित विरोध करना चाहिए।

किसानों के धान के एक-एक दाने का तौल सुनिश्चित हो : सीएम

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खटीमा पहुंचते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने धान मण्डी का औचक निरीक्षण किया

खटीमा/देहरादून ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा पहुंचते ही कृषि उत्पादन मण्डी समिति के एसएमआई के धान क्रय केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान धान क्रय से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी लेते हुए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। उन्होंने नमी मापक यंत्र से धान की नमी भी मापी। कहा कि जितने भी हमारे धान क्रय केन्द्र लगे हैं, उन पर किसान की उपज की तौल ठीक प्रकार से हो और हमारे किसानों का धान का एक-एक दाना तौला जाना चाहिए और एक-एक दाने की खरीद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी जो बारिश हुई है, उसके कारण धान में नमी हैं। निरीक्षण के दौरान किसानों ने धान की नमी का मानक 17 प्रतिशत से 20 प्रतिशत करने तथा प्राथमिकता से प्रदेश के किसानों का धान खरीदने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों को नमी पर हर संभव राहत एवं किसानों की समय की जरूरत के अनुसार सभी पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को पूर्व में ही निर्देशित किया गया है कि प्रदेश के सारे किसानों का पूरे का पूरा धान तौला जाना चाहिए।
निरीक्षण के दौरान विधायक रूद्रपुर शिव अरोरा, किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, उप जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह, कौस्तुभ मिश्रा सहित नन्दन सिंह खड़ायत आदि उपस्थित थे।

Times वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2023 : KIIT ने लगाई ऊंची छलांग, 601-800 कोहार्ट में दिया गया स्थान

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भुवनेश्वर – KIIT डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी ने Times Higher Education ‘वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स’ 2023 में काफी ऊंची छलांग लगाई है और 601-800 में स्थान हासिल किया है जबकि पिछले साल यह 801-1000 के बीच था. यह गुणवत्तापरक शिक्षा, अनुसंधान गतिविधियों पर इसके निरंतर फोकस तथा इसकी वैश्विक प्रतिष्ठा में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है।

Times World University Ranking 2023: KIIT Makes Significant Jump, Ranked In 601-800 Cohort

लंदन स्थित समूह द्वारा नवीनतम रैंकिंग इस यूनिवर्सिटी के लिए एकदम सही समय पर प्रदान की गई है जब यह अपना सिल्वर जुबिली वर्ष मना रही है और इसकी अकादमिक उपलब्धियां प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रमों की एक योजना है। इस रैंकिंग ने दिखाया है कि KIIT ने न केवल ओडिशा बल्कि पूर्वी भारत में अन्य संस्थानों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। Times वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स को अकादमिक जगत में काफी ध्यान से देखा जाता है जिनमें उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपनी पसंद का संस्थान चुनने वाले विद्यार्थी भी शामिल हैं।

अकादमिक जगत के अनेक लोगों ने KIIT की उपलब्धि को सराहा है, जिसने कि प्रतिष्ठित और विरासत वाले संस्थानों की तुलना में अपेक्षाकृत नई यूनिवर्सिटी होने के बावजूद खुद को प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज के समूह में शामिल किया है। उन्होंने KIIT को अल्प समय में वैश्विक प्रतिष्ठित संस्थान बनाने के लिए इसके संस्थापक Dr. Achyuta Samanta के अथक प्रयासों और यूनिवर्सिटी को रूपांतरित करने के लिए उनके दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व की सराहना की है। यूनिवर्सिटीज की रैकिंग करने के लिए Times Higher Education द्वारा शिक्षण परिवेश, अनुसंधान, उद्धरण, अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण, तथा औद्योगिक आय आदि विधियों का उपयोग किया गया।

इस वर्ष भारत से रिकार्ड संख्या में 75 संस्थानों ने विश्व रैंकिंग में अपना स्थान बनाया है जबकि 2020 में केवल 56 और 2017 में केवल 31 भारतीय यूनिवर्सिटी शामिल थीं। Dr. Samanta ने कहा कि यह बेहतरीन रैंकिंग, यहां की फैकल्टी, छात्रों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है, हालांकि KIIT परिवार ने इस सफलता का श्रेय उन्हें दिया है। 2023 के परिणाम परिसर में काफी चर्चित रहे। KIIT को हाल ही में शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्‌यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) द्वारा भारत में 20वीं सर्वोत्तम यूनिवर्सिटी घोषित किया गया था।

‘थॉम्सो22’ – आई.आई.टी. रुड़की स्टूडेंट फेस्ट के दौरान 200 से अधिक छात्रों ने स्टेम सेल डोनर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाया

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रुड़की,  ब्लड स्टेम सेल डोनेट करने के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को किसी की जान बचाने वाले व्यक्ति के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया ने इन दिनों चल रहे ‘थॉम्सो22’ स्टूडेंट फेस्ट के दौरान आई.आई.टी. रुड़की में ब्लड स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन अभियान चलाया।

इस जागरूकता अभियान के पहले दिन 200 से अधिक छात्रों ने संभावित डोनर्स के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाया। ब्लड कैंसर और खून से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ लड़ने का काम करने वाले एक गैर-लाभकारी संस्थान, डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. को आई.आई.टी. रुड़की में चल रहे छात्रों के तीन दिनों के फ़ेस्टिवल के दौरान कई और छात्रों का रजिस्ट्रेशन करने की उम्मीद करता है।

भारत में, बहुत से बच्चे और जवान लोग ब्लड कैंसर के रोगी जिनके ठीक होने की बस एक ही उम्मीद है – स्टेम सेल ट्रांसप्लांट। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के सफल होने लिए रोगी को उसी के जैसे एक एच.एल.ए. (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) डोनर को ढूँढना पड़ता है। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले लगभग 30% रोगियों को उनके ही परिवार के लोगों में से उनसे मेल खाने वाले डोनर मिल सकते हैं, बाकी 70% रोगियों को उनसे मेल खाने वाले किसी डोनर को ढूँढने पर निर्भर होना पड़ता है जो उनका रिश्तेदार न हो।

डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया के सी.ई.ओ. पैट्रिक पॉल ने कहा, “भारतीय मूल के रोगियों और डोनर्स के पास अनूठी एच.एल.ए. विशेषतायें होती हैं जो पूरे विश्व के डेटाबेस में बहुत ही कम दिखायी देती हैं, जिससे सही डोनर ढूँढना और भी मुश्किल हो जाता है। ब्लड स्टेम सेल के सफल ट्रांसप्लांट के लिए एच.एल.ए. टिश्यू का सही-सही मेल खाना ज़रूरी होता है। रजिस्ट्री में भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व सबसे कम है। भारत के एक युवा देश होने के नाते, हमारा उद्देश्य छात्रों के ज़रिए ब्लड स्टेम सेल डोनेट करने के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता फैलाना है।”

थॉम्सो’22 के कन्वीनर नितिन साहू कहते हैं, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि थॉमसो’22 डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. के साथ अपने उद्देश्य का प्रचार करने के लिए अपने ऑफिशिअल सोशल इनिशिएटिव पार्टनर के तौर पर मिलकर काम कर रहा है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा जवान और सेहतमंद लोग ब्लड सेल्स को डोनेट करने और ज़िंदगियाँ बचाने में मदद करने के लिए आगे आयें। डी.के.एम.एस.- बी.एम.एस.टी. का खून के कैंसर और खून से जुडी बीमारियों से लड़ने का उद्देश्य और मिशन है, जो काबिले तारीफ़ है। वे ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के बारे में जागरूकता फैलाकर और ब्लड स्टेम सेल डोनेट कर सकने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन करके भारत और दुनिया भर में ब्लड कैंसर और खून से जुड़ी बीमारियों के रोगियों की हालतों को बेहतर बनाने का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं।

कानपुर के रहने वाले 33 साल के रोहित, जिन्होंने हाल ही में अपने ब्लड स्टेम सेल्स को दान करके एक ज़िंदगी को बचाया, अपने अनुभव के बारे में बताने और छात्रों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए भी वहाँ मौजूद थे। डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. की टीम ने छात्रों को ब्लड कैंसर से पीड़ित लोगों पर स्टेम सेल डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन के प्रभाव के बारे में भी बताया।

पैट्रिक पॉल ने कहा, “रजिस्ट्रेशन ड्राइव का आयोजन करने में हमारी मदद करने के लिए हम आई.आई.टी. रुड़की और उसके छात्रों के आभारी हैं। डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. का लक्ष्य देशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीयों में खास तौर पर जवान लोगों को ध्यान में रखते हुए ऐसी कई जागरूकता ड्राइव्स और रजिस्ट्रेशन ड्राइव्स आयोजित करना है, क्योंकि वे लंबे समय तक रजिस्ट्री में रहते हैं और उनके स्टेम सेल के जल्दी से मेल खाने की संभावना ज़्यादा होती है।”

 

स्टेम सेल डोनेट कर सकने वाले व्यक्ति के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए, आपको 18 से 50 साल की उम्र वाले एक सेहतमंद भारतीय होना चाहिए। जब आप रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तैयार हों, तो आपको केवल एक कॉन्सेंट फॉर्म भरना होता है और अपने गालों के अंदर से स्वैब द्वारा टिश्यू सैंपल देना होता है । आपके टिश्यू सैंपल को लेबोरेटरी में भेजा जाता है, वहाँ उसका विश्लेषण किया जाता है और स्टेम सेल डोनर्स के साथ मिलाने के लिए इंटरनेशनल सर्च प्लैटफॉर्म पर बिना नाम बताए लिस्ट किया जाता है।

 

इस समय, 39 मिलियन से ज़्यादा ऐसे संभावित डोनर्स को स्टेम सेल डोनर केंद्रों और रजिस्ट्रियों के साथ दुनिया भर में लिस्ट किया गया है जो किसी रोगी के रिश्तेदार नहीं हैं, जिनमें से केवल 0.04% भारतीय हैं। भारत से बहुत से संभावित ब्लड स्टेम सेल डोनर्स का रजिस्ट्रेशन करके ही इस स्थिति को बदला जा सकता है। यदि आप इसके लिए योग्य हैं, तो www.dkms-bmst.org/register पर अपने होम स्वॉब किट का ऑर्डर देकर ब्लड स्टेम सेल डोनर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पहला कदम उठायें।

 

डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया के बारे में:

ब्लड कैंसर और खून से जुडी दूसरी बीमारियों, जैसे थैलेसीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया के खिलाफ लड़ाई के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी संस्थान है। हमारा उद्देश्य ब्लड स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बारे में जागरूकता फ़ैलाकर और ब्लड स्टेम सेल डोनेट कर पाने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन करके भारत और दुनिया भर में ब्लड कैंसर और खून से जुड़ी दूसरी बीमारियों से पीड़ित रोगियों की स्थिति में सुधार करना है। ऐसा करके डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की ज़रूरत वाले रोगियों को ज़िंदगी में एक और मौका देता है।

डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. दो जाने-माने गैर-लाभकारी संस्थानों को मिलाकर बनाया गया एक संस्थान है: बी.एम.एस.टी. (बैंगलोर मेडिकल सर्विसेज ट्रस्ट) और डी.के.एम.एस., दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्लड स्टेम सेल डोनर सेंटर्स में से एक है। अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें dkms-bmst.org

 

पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मिली मंजूरी, आठ घंटे की पैदल दूरी रोपवे से 30 मिनट में होगी पूरी

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देहरादून, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिल गई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए करीब 13 किलोमीटर लंबे रोपवे के बनने से धाम तक की दूरी 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी। बोर्ड बैठक में रामबाड़ा से गरुड़चट्टी में लगभग साढ़े पांच किलोमीटर पैदल मार्ग के नव निर्माण की भी अनुमति मिली है।

प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु के मुताबिक हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए बोर्ड की अनुमति की जरूरत नहीं है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ही स्वीकृति दे रखी है। बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें दोबारा स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं समझी गई।

प्रमुख सचिव के मुताबिक दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे निर्माण की अनुमति मिली है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनने वाले रोपवे के लिए एनवायरमेंट क्लियरेंस की आवश्यकता नहीं है।

हालांकि राज्य वन विभाग से इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही लगभग 12 किलोमीटर के इस रोप-वे का निर्माण शुरू हो सकेगा। प्रमुख सचिव वन के मुताबिक केदारनाथ में पुराने पैदल मार्ग के पुननिर्माण में .983 हेक्टेयर वन भूमि आ रही है।

वन भूमि हस्तांतरण को बोर्ड बैठक में मंजूरी मिली है। केदारनाथ धाम रोपवे के निर्माण में 1200 करोड़ व हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट के लिए 850 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एनएचएआई की एजेंसी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने दोनो रोपवे की डीपीआर तैयार की है।

जैविक कूड़े से बनेगी खाद तो अजैविक कूड़े का

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पृथक्कीकरण । नगर पंचायत गजा में जैविक और अजैविक कूड़े का पृथक्कीकरण करते हुए जहां जैविक कूड़े से खाद तो वहीं अजैविक कूड़े को भी पृथक-पृथक किया जा रहा है , जैविक व अजैविक कूड़े का पृथक्कीकरण किया ही जा रहा है लेकिन अजैविक कूड़े का पृथक्कीकरण भी किया जा रहा है , अजैविक कूड़े में कांच , गत्ता , प्लास्टिक बोतल, रैपर , बायोमेडिकल वेस्ट को अलग-अलग करके जालियों से केबिन बनाये गये हैं । नगर पंचायत गजा अध्यक्ष श्रीमति मीना खाती व अधिशासी अधिकारी हरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कूड़ा प्रबंधन करने के साथ ही वहीं पर टिन शेड तैयार किया गया है ताकि सूखा कूड़ा अलग अलग करने के बाद उसका उपयोग किया जाता रहेगा। गीला कूड़ा प्रबंधन के लिए आम जन को भी जागरुक किया गया है कि घरों में भी खाद बनाई जा सकती है साथ ही नगर पंचायत द्वारा भी दो गड्ढे बनाये गये हैं ताकि वहां पर रखा जा सके ,इससे प्रदूषण मुक्त शहर बनाने में मदद मिलेगी और साफ सफाई भी रहेगी , अध्यक्ष श्रीमति मीना खाती और अधिशासी अधिकारी हरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कूड़ा प्रबंधन , निस्तारण काम शहर से दूर टिनसेड में किया जाता है । सूखा कूड़ा एकत्रीकरण के बाद नगर पंचायत की आय में वृद्धि होगी, नगर पंचायत गजा के सभी व्यापारियों का सहयोग मिल रहा है तथा सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त अभियान सफलता की ओर है ।

कृषकों के उत्पाद खरीदने को प्रशासन ने किये क्रय केन्द्र स्थापित

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रुद्रप्रयाग-  जनपद के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों के लिए मंडुवा, झंगोरा, चौलाई व सोयाबीन खरीद हेतु 06 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। कृषक अपने उत्पादों को इन क्रय केन्द्रों पर बेच सकते है।
जिला प्रशासन की पहल पर बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समिति लि. बरसूड़ी, चैक बाजार, अंद्रवाड़ी, डांगी जाखाल, उत्तर्सू व कंडाली में क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। क्रय केंद्रों पर सहकारी समितियां किसानों से दो हजार सात सौ रुपए प्रति कुंतल की दर से मंडुवा, दो हजार पांच सौ रुपए की दर से झंगोरा, पांच हजार की दर से चैलाई तथा सोयाबीन चार हजार रुपए प्रति कुंतल की दर से क्रय करेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी सहकारी समितियों के माध्यम से 15 अक्टूबर, 2022 से 15 दिसंबर, 2022 तक मंडुवा, झंगोरा एवं चैलाई खरीद का कार्य किया जाएगा।

जीओ-एयरटेल को टक्कर देंगे अडानी, टेलीकॉम सर्विस के लिए मिला लाइसेंस

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नई दिल्ली, अडानी डेटा नेटवर्क्स लिमिटेड (एडीएनएल) को पहुंच प्रदान करने वाली सेवाओं के लिए एकीकृत लाइसेंस प्रदान किया गया है। इस लाइसेंस के जरिए कंपनी देश में हर तरह की टेलीकॉम सर्विसेज दे सकती है। इस लाइसेंस के मिलने के बाद कंपनी भविष्य अपनी 5जी सेवाओं को विस्तार दे सकती है। अडानी की एंट्री से जियो, एयरटेल के अलावा वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियों के सामने नई चुनौती होगी।

इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अडानी डेटा नेटवर्क्स को यूएल (एएस) लाइसेंस मिल गया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह लाइसेंस सोमवार को जारी किया गया। हालांकि इस संबंध में अडानी समूह की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बता दें कि अडानी समूह ने हाल में हुई नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदकर देश के दूरसंचार क्षेत्र में प्रवेश किया था। उस समय कंपनी ने कहा था कि वह इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल समूह के भीतर की कारोबारी गतिविधियों के लिए करेगी। एडीएनएल ने हाल में हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 20 वर्षों के लिए 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम खरीदा था।