Saturday, May 17, 2025
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सैमसंग भारत में 1,000 इंजीनियरों की करेगा नियुक्ति

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नई दिल्ली, ऐसे समय में जब बड़ी टेक कंपनियां दुनिया भर में हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं, सैमसंग ने कहा कि वह भारत में अपने आरएंडडी संस्थानों में अत्याधुनिक तकनीकों पर काम करने के लिए आईआईटी और शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों से लगभग 1,000 इंजीनियरों को नियुक्त करेगा। नया कार्यबल अगले साल बेंगलुरु में सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट-बैंगलोर (एसआरआई-बी), सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट-नोएडा, सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट-दिल्ली और सैमसंग सेमीकंडक्टर इंडिया रिसर्च में शामिल होगा।

नए कर्मचारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निग, इमेज प्रोसेसिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), कनेक्टिविटी, क्लाउड, बिग डेटा, बिजनेस इंटेलिजेंस, प्रेडिक्टिव एनालिसिस, सिस्टम-ऑन-ए-चिप (एसओसी) जैसी नए जमाने की तकनीकों पर काम करेंगे।

सैमसंग इंडिया के मानव संसाधन प्रमुख समीर वधावन ने कहा, सैमसंग के अनुसंधान एवं विकास केंद्रों का उद्देश्य भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों से नई प्रतिभाओं को नियुक्त करना है, जो भारत-केंद्रित नवाचारों सहित सफल नवाचारों, प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और डिजाइनों पर काम करेंगे, जो लोगों के जीवन को समृद्ध बनाते हैं। यह डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने के हमारे विजन को आगे बढ़ाएगा। सैमसंग कंप्यूटर विज्ञान और संबद्ध शाखाओं, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, एम्बेडेड सिस्टम और संचार नेटवर्क जैसे कई क्षेत्रों से इंजीनियरों की भर्ती करेगा।
इसके अलावा कंपनी मैथमेटिक्स और कंप्यूटिंग और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम से भी हायरिंग करेगी।
हायरिंग के इस सीजन में, सैमसंग आर एंड डी सेंटर शीर्ष आईआईटी से लगभग 200 इंजीनियरों को नियुक्त करेगा। उन्होंने आईआईटी और अन्य शीर्ष संस्थानों में छात्रों को 400 से अधिक प्री-प्लेसमेंट ऑफर भी पेश किए हैं।
भारत में सैमसंग अनुसंधान केंद्रों ने अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 7,500 से अधिक पेटेंट दायर किए हैं। इनमें से कई पेटेंट सैमसंग के फ्लैगशिप गैलेक्सी स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, नेटवर्क उपकरण और डिजिटल एप्लिकेशन सहित अन्य में व्यावसायीकरण किए गए हैं।

कर्मचारी नेता दिनेश लखेडा को पितृ शोक

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हरिद्वार ( कुलभूषण) चिकित्सा सेवा व स्वास्थ्य सेवा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष दिनेष लखेडा के पिता बेलमानंद लखेडा(84)का विगत दिवस अस्वस्थ्य होने के चलते हिमालयन कालोनीहरिपुर कला स्थित उनके आवास पर निधन हो गया निधन की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियो तथ विभिन्न सामाजिक संगठनों से  जुडे लोगो ने उनके आवास पर पहुचकर उन्हे श्रृद्वासुमन अर्पित किये
स्व बेलमानंद के परिवार में उनके तीन पुत्र एक पुत्री व पौत्र तथा नाती भरापूरा परिवार है।
मंगलवार को खडखडी स्थित षमषान घाट पर स्व बेलमानंद लखेडा का अन्तिम संस्कार उनके ज्येठ पुत्र दिनेष लखेडा ने किया इससे पूर्व हरिपुर कला स्थित हिमालयन कालोनी से उनकी अन्तिम यात्रा षुरू हुयी जिसमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रहमचारी वरिश्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल मनोज जखमोला पूर्व वरिश्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा पी के भटनागर पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष्ज्ञ दीपक नौटियाल पूर्व सभासद दिनेष जोषी वरिश्ठ समाज सेवाी गोपाल कृश्ण बडोला श्र्रमिक नेता अखिलेष षर्मा कुलभूशण षर्मा अजय घनसेला वरिश्ठ पत्रकार मनोज रावत जे पी चाहर गंगा सिंह पटवल राजकुमार गुप्ता विजय भण्डारी सहित नगर के विभिन्न गणमान्य लोगो ने प्रतिभाग कर श्रृद्वासुमन अर्पित किये

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत कार्यक्रम को लेकर तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप

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देहरादून, मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत कार्यक्रम को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रपति के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की।
उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रपति के आगमन से सम्बन्धित सभी व्यवस्थाएं समयबद्धता के साथ पूर्ण कर ली जाए। अपर मुख्य सचिव ने राष्ट्रपति के आगमन के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पूर्वाभ्यास का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर सचिव हरीश चन्द्र सेमवाल, प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन, डीआईजी गढ़वाल रेंज करन सिंह नगन्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दिलीप सिंह कुंवर, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट तथा प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे |

प्रदेश को मिलेंगे 1564 नर्सिंग अधिकारी, मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए जाएंगे नियुक्ति पत्र: डॉ. आर. राजेश कुमार

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देहरादून,मंगलवार को सचिव (प्रभारी) चिकित्सा स्वास्य् एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में उत्तराखंड अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा (संशोधन) नियमावली, 2022 निर्गत कर दी गयी है।
डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में नर्सिंग अधिकारी के 1564 रिक्त पद शीघ्र ही भरें जाएंगे। चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी जी व माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी द्वारा दिए जाएंगे।
नियमावली, 2022 के अनुसार नर्सिंग अधिकारी के रिक्त पदों को चयन वर्ष 2022-23 हेतु एक बार के लिए वर्षवार योग्यताक्रम में जैसा कि अभ्यर्थी द्वारा डिग्री/डिप्लोमा में प्राप्त अंकों से प्रकट हो, के आधार पर आरक्षण रोस्टर का अनुपालन करते हुए भरा जाएगा।
संशोधित नियमावली में वर्ष 2022-23 हेतु नर्सिंग अधिकारी के रिक्त पदों पर 80 प्रतिशत महिला अभ्यर्थी व 20 प्रतिशत पुरुष अभ्यर्थी का चयन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त चयन हेतु कुल उपलब्ध रिक्त पदों में से 70 प्रतिशत पद नर्सिंग में डिप्लोमाधारक अभ्यर्थियों तथा 30 प्रतिशत पद नर्सिंग में डिग्रीधारक अभ्यर्थियों में से वर्षवार योग्यताक्रम के आधार पर चयन किया जाएगा।
नियमावली में संशोधन के बाद सीधी भर्ती उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा संपादित की जाएगी जो कि ऑनलाइन एवं व्यापक प्रचार-प्रसार वाले दो दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी कर की जाएगी। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड प्रदेश की अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्ग, आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों तथा अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर आवेदन पत्रों की जांच करेगा। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थियों के डिप्लोमा/डिग्री परीक्षा में प्राप्त अंकों के प्रतिशत के बराबर ही अंक देय होंगे।
उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड डिप्लोमा/डिग्री अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंकों के अनुसार सूचियां तैयार करेगा। यदि दो या अधिक अभ्यर्थी समान अंक प्राप्त करें तो जिस अभ्यर्थी की जन्मतिथि पहले हो उसका नाम पहले, के आधार पर योग्यता क्रम में रखेगा। इसके अतिरिक्त सूची के नामों की संख्या रिक्तियों की संख्या से अधिक (किंतु 25 प्रतिशत से अधिक नहीं) होगी।
सचिव (प्रभारी) चिकित्सा स्वास्य्ि एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि विभाग का प्रयास है कि नर्सिंग अधिकारियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा जिससे प्रदेश के चिकित्सा इकाइयों में आम जनमानस को पूर्ण लाभ मिल सके।

विशेष टीकाकरण सप्ताह को सफल बनाने को जिलाधिकारी ने दिये आवश्यक निर्देश

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रुद्रप्रयाग- 12 दिसंबर से शुरू होने वाले विशेष टीकाकरण सप्ताह के लिये जिला टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए है। विशेष टीकाकरण सप्ताह के तहत जनपद में विभिन्न स्थानों पर विशेष टीकाकरण सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
एनआईसी सभागार में आयोजित डीटीएफ में जिलाधिकारी द्वारा समस्त संबंधित विभागों को टीकाकरण सप्ताह को सफल बनाने के लिए आपसी समन्वय को मजबूत बनाते हुए जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने उन्होंने शिक्षा विभाग से प्रार्थना सभा के दौरान टीकाकरण सप्ताह के प्रति जागरूकता गतिविधि का आयोजन करने, बाल विकास विभाग से टीकाकरण सप्ताह के अंतर्गत टीकाकरण सत्रों की तिथि की जानकारी घर-घर देने व लक्षित आयु वर्ग के बच्चों को टीकाकरण दिवस पर टीकाकरण पर लाने व पंचायती राज विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 एच0सी0एस0 मर्तोलिया ने बताया कि संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के मकसद से दिसंबर, जनवरी व फरवरी माह में विशेष टीकाकरण सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत दिसंबर माह में दिनांक 12 से 22 तक टीकाकरण सप्ताह आयोजित किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा विभाग, बाल विकास विभाग पंचायती राज विभाग से अभियान से अपेक्षित सहयोग की अपील की। बताया कि टीकाकरण सप्ताह के तहत दिनांक 12 दिसंबर को आंगनबाड़ी केंद्र सतेराखाल, आंगनबाड़ी केंद्र कोटगी व प्राथमिक विद्यालय गोर्ती में 13 दिसंबर को आंगनबाड़ी केंद्र बजीरा में व पंचायत भवन सारी, 16 दिसंबर को प्राथमिक केंद्र धनकुराली में, 19 दिसंबर को प्राथमिक विद्यालय डोभासाड में, 20 दिसंबर को प्राथमिक विद्यालय कोट बांगर में, 22 दिसंबर को प्राथमिक विद्यालय धारकुड़ी आदि स्थानों पर विशेष टीकाकण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 विमल गुसाईं, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास विभाग शैली प्रजापति, डा0 हेमा असवाल, डा0 गोपाल सजवाण, डा0 राजीव चौधरी, हिमांशु नौडियाल, दिंगंबर भंडारी, यशवंत सिंह, उमेश जगवाण आदि मौजूद रहे।

बेटी की शादी से पहले ही प्रेमी के साथ दहेज का सामान लेकर फरार हुई मां

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हरिद्वार, प्यार में एक दूसरे के लिये मरने के किस्से तो आपने सुने होंगे, लेकिन जब कोई समाज तमाम बंदिशें तोड़कर अपने प्यार की खातिर ऐसा कर बैठे जिसे सुनकर हरकोई अचरज कर बैठे, किस्सा हरिद्वार जनपद के मंगलौर का है जहां बेटी की शादी के दस दिन पहले महिला अपने प्रेमी संग फरार हो गई। इतना ही नहीं बेटी के लिए जुटाया गया दहेज, जेवरात और एक लाख की नगदी भी महिला अपने साथ ले गई। फिलहाल महिला और उसके प्रेमी का कुछ पता नहीं चल सका है। हैरान कर देने वाली ये घटना मंगलौर की है। यहां गांव में रहने वाली एक महिला के पति की पिछले साल मौत हो गई थी। महिला का एक बेटा एवं तीन बेटियां है। इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी रहते है। 14 दिसंबर को महिला की बड़ी बेटी की शादी थी। लेकिन मां बेटी की शादी की तैयारियों की जगह प्रेमी संग सेटल होने की तैयारी में जुटी थी। इधर शादी के लिए घर पर मेहमान आने लगे थे। रिश्तेदारों को शादी का कार्ड भी भेज दिया गया था, लेकिन बेटी की शादी से ठीक दस दिन पहले महिला अपने प्रेमी संग फरार हो गई। शनिवार को महिला रातभर घर नहीं लौटी तो परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी। इस बीच परिजनों ने महिला के प्रेमी से भी संपर्क किया, लेकिन फोन बंद आ रहा है। ऐसे में अब शादी की सभी तैयारियों को छोड़कर स्वजन महिला की तलाश में जुटे है। पुलिस को दी गई शिकायत में परिजनों ने बताया कि उन्होंने महिला की बेटी की शादी के लिए सोने-चांदी के जेवर और एक लाख रुपये रखे हुए थे। आरोपी महिला सारे जेवर और नकदी भी अपने साथ ले गई। महिला और उसके प्रेमी का फोन भी बंद है। बहरहाल मंगलौर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है। महिला और उसके प्रेमी की तलाश जारी है।

निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ते घर मुहैया करवाने के लिए सरकार देगी विशेष छूट

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देहरादून, अपने घर की चाहत रखने वालों के लिये अच्छी खबर है कि प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार अब निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ते घर मुहैया करवाने के लिए डेवलपर को विशेष छूट देने जा रही है। किफायती आवास बनाने वाले डेवलपर को लैंडयूज और मानचित्र शुल्क में छूट मिलेगी। इसके बाद डेवलेपर को 12 से 18 लाख रुपए की रेंज में घर बनाकर देने होंगे। दरअसल प्रदेश की आवास नीति के तहत पुष्कर सिंह धामी सरकार पूरा फोकस आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आवासहीन परिवारों को घर मुहैया कराने पर कर रही है। इसके लिए सरकार ने डेवलेपर के लिए छह लाख रुपए तक में आवास बनाने की शर्त रखी है।
आवास विकास परिषद खुद डेवलेपर साथ मिलकर, ऐसी एक दर्जन से अधिक परियोजनाएं तैयार कर रहा है। इन आवासों की लागत कम रखने के लिए सरकार डेवलेपर को छूट दे रही है। ईडब्ल्यूएस के बाद वाली श्रेणी के लिए कोई योजना नहीं है। इसलिए विभाग लोअर इनकम ग्रुप (एलआईजी) और लोअर मिडिल इनकम ग्रुप (एलएमआईजी) के लिए भी इसी तर्ज पर आवासीय परियोजना विकसित करने की तैयारी कर रहा है। अपर आवास आयुक्त पीसी दुम्का ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इसका प्रस्ताव शासन को दिया जा चुका है। जल्द इस पर निर्णय होने की उम्मीद है। एलआईजी श्रेणी के आवास 12 से 15 लाख जबकि एमआईजी वर्ग के लिए आवास 15 से 18 लाख के बीच बनेंगे। एलआईजी का क्षेत्र फल 45 वर्गमीटर जबकि एलएमआईजी का क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर प्रस्तावित किया गया है।

निर्मला सीतारमण ने कह दी बड़ी बात, अब इन पर हो सकती है कार्रवाई

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नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों पर अब एजेंसियां कदम उठा सकती है. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रवर्तन एजेंसियों से कहा है कि नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल ‘बड़ी मछलियों’ पर कार्रवाई करें.

सीतारमण ने कहा है कि भारी मात्रा में नशीले पदार्थों को कौन भेज रहा है, इसको पता लगाना चाहिए.

निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश

वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व खुफिया अधिकारियों को प्रत्येक मामले को जल्द से जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए. वित्त मंत्री का कहना है कि तस्कर कुछ सबूत जरूर छोड़ देंगे, जिनको आधार बनाकर बड़े अपराधी तक पहुंचा जा सकता है. सीतारमण का कहना है कि तस्कर आपसे अधिक चालक न हों इस बात का ध्यान रखना होगा.

ड्रग्स जब्त

निर्मला सीतारमण का कहना है कि सिर्फ नशीले पदार्थों के पाउच या कुछ कोकीन के साथ किसी को पकड़ लेने से काम नहीं होने वाला है. देश में नशीले पदार्थों की बड़ी खेप किसके जरिए भेजी जा रही है, उसे पकड़ना होगा. बता दें कि पिछले कुछ वक्त से गुजरात के बंदरगाहों पर बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़े गए थे. वहीं गुजरात में पिछले सप्ताह लगभग 478 करोड़ रुपये की 143 किलोग्राम ड्रग्स को जब्त किया गया था.

बड़े ऑपरेटर्स को पकड़ें

उनका कहना है कि डीआरआई के जरिए नशीले पदार्थों की जब्ती की खबरें भी लोगों के मन में सवाल खड़ा करती है. आखिर इस काम के पीछे कौन है? वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे लोगों को पकड़ना पर्याप्त नहीं है. हालांकि लोगों का भरोसा पाने के लिए यह बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है. ऐसे मामलों के बड़े ऑपरेटर्स को पकड़ें, जो पर्दे के पीछे हैं.

इंटरनेशनल सहयोग

इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने बड़े अपराधियों को पकड़ने के सुझाव भी दिए. निर्मला सीतारमण ने कहा कि डीआरआई अधिकारी को मुख्य अपराधियों तक पहुंचने के लिए इंटरनेशनल सहयोग और वैश्विक समन्वय पर अधिक जोर देना चाहिए. (इनपुट: भाषा)

पेंशन स्कीम में इस विकल्प को चुनने की समय सीमा बढ़ी, पेंशनरों को मिली राहत

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के जरिए कर्मचारी वर्ग को रिटायरमेंट (Retirement) के सामजिक सुरक्षा देने के लिए सरकार कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) चलाती है. रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन पाने के लिए कर्मचारियों को पेंशन स्कीम में अधिक योगदान के लिए कोर्ट ने बीते माह अपने फैसले में राहत दी है. सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) ने पेंशन स्कीम में अधिक राशि योगदान विकल्प को चुनने की समयसीमा को बढ़ाकर 6 माह कर दिया है. पहले यह समयसीमा 4 माह दी गई थी. कर्मचारी पेंशन स्कीम के मामले में बीते दिनों सुप्रीमकोर्ट ने 4 नवंबर को कहा था कि जिन कर्मचारियों ने अभी तक 2014 से पहले बढ़ी हुई पेंशन कवरेज का ऑप्शन नहीं चुना है उनके पास नवंबर 2022 से अगले चार महीने में इसे चुनने का मौका पास है.

बता दें कि इस विकल्प को चुनने के लिए कर्मचारियों को नियोक्ता के साथ मिलकर एक घोषणापत्र ईपीएफओ को देना होगा. रिपोर्ट के अनुसार सुप्रामकोर्ट ने बीते शुक्रवार को कहा है कि जिन कर्मचारियों ने पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया है, उन्हें छह महीने के भीतर ऐसा करना होगा. बेंच ने कहा है कि पात्र कर्मचारी जो अंतिम तिथि तक इस योजना में शामिल नहीं हो सके, उन्हें एक अतिरिक्त मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि केरल, राजस्थान और दिल्ली के उच्च न्यायालयों की ओर से जारी निर्णयों में इस मुद्दे पर स्पष्टता की कमी थी.

अप्रैल 2023 तक का मिला समय

कोर्ट के इस निर्णय के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की प्रमुख सेवानिवृत्ति बचत योजना (retirement saving scheme) के सदस्यों को बड़ी राहत मिली है. क्योंकि अब उन्हें अधिक योगदान विकल्प हासिल करने के लिए 4 की बजाए 6 माह का समय मिल गया है. मतलब, सदस्य नवंबर 2022 से अप्रैल 2023 तक विकल्प को चुन सकते हैं. इस समयसीमा के भीतर कर्मचारियों को अपने नियोक्ता के साथ मिलकर पेंशन स्कीम में अधिक योगदान संबंधी एक घोषणा पत्र कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को देना होगा.

सरकार ने दिये यह संकेत

केंद्र सरकार ने पहले ही यह संकेत दे दिए हैं कि वह पेंशन पाने के लिए अधिक राशि के योगदान को लेकर सैलरी कैप को बढ़ाने बढ़ाने की तैयारी में है. वर्तमान में ईपीएफओ की कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह है. इसे पिछली बार साल 2014 में 6,500 रुपये प्रतिमाह से संशोधित कर बढ़ाया गया था. सरकार अब इस वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह के साथ जोड़ सकती है.

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का रिजल्ट जारी, CM व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए जाएंगे नियुक्ति पत्र : डॉ. आर. राजेश कुमार

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देहरादून, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के अंतर्गत 664 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सी.एच.ओ.), की नियुक्ति को लेकर रिजल्ट जारी किया जा चुका है व काउंसलिंग प्रक्रिया शीघ्र ही आरंभ होगी, जिसके बाद चयनित सी.एच.ओ. को माननीय मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे यह बात प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व एन.एच.एम. मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बतायी गई।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सी.एच.ओ. के पदों हेतु एच.एन.बी. मेडिकल यूनिवर्सिटी के माध्यम से रिजल्ट जारी किया जा चुका है व काउंसीलिंग प्रक्रिया भी शीघ्र ही आरंभ होगी। नवनियुक्त सी.एच.ओ. को नियुक्ति पत्र माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी जी व माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी द्वारा दिए जाएंगे।
डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि सी.एच.ओ. की नियुक्ति के बाद सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में गैर-संचारी रोग जैसे टी.बी., तंबाकू निषेध, मेंटल हेल्थ, डायबिटीज, कैंसर, बल्ड प्रेशर (हाइपरटेंशन), आंखों की कमजोरी, नाक, गले आदि से जुड़ी बिमारियों की स्क्रीनिंग में तेजी आएगी, जिससे समय पर रोगों का पता लग सकेगा व इलाज संभव होगा। सी.एच.ओ. द्वारा टारगेट पोपुलेशन जो कि मैदानी क्षेत्रों में 5,000 व पहाड़ी क्षेत्रों में 3,000 है में 30 से अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है।