हरिद्वार, (कुलभूषण) आगामी अर्द्धकुम्भ मेला-2027 हेतु की जाने वाली व्यवस्थाओं के सुचारु सम्पादन एवं नीतिगत निर्णय लिये जाने हेतु आयुक्त गढ़वाल मण्डल विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में मेला नियंत्रण भवन, सी०सी०आर० की महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गयी है।
आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डे ने अर्द्धकुम्भ 2027 के भव्य और दिव्य तथा सफल आयोजन हेतु दीर्घकालिक कार्यों की कार्य योजना शीघ्रता से तैयार कर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज में जैसे भव्य कुंभ का आयोजन हुआ वैसे ही माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज की धरती से घोषणा की हमारा 2027 का जो मेला होगा वह कुंभ मेला के नाम से जाना जाएगा और उसी स्तर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले 2027 आयोजन में किसी भी स्तर पर कोई भी कमी न रहे, जो भी आवश्यक कार्यों हों, उनकी समय से डीपीआर तैयार कर ली जाये। उन्होंने अल्प कालिक तथा दीर्घकालिक कार्यों की अलग-अलग सूची बनाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को उच्च कोटि की सुविधाए मिलें उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, श्रद्धालुओं हेतु यातायात तथा सुरक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित कार्य योजना पर विशेष ध्यान दिया जाये मेले के आयोजन में 02 वर्ष बचे है उसकी तैयारी युद्ध स्तर पर करी जाए। उन्होंने विद्युत, पुलिस, परिवहन आदि की व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य किये जाये। उन्होंने कुम्भ मेले के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करने, अतिरिक्त ट्रान्सफर्मरों की व्यवस्था रखने, के निर्देश विद्युत विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने अस्थायी पुल निर्माण, पुलों तथा घाटों की मरम्मत पर विशेष ध्यान देने के निर्देश सिंचाई विभाग के अभियन्ताओं को दिये।
आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय को जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने आगामी कुंभ मेले-2027 की तैयारियों की जानकारी दी। आयुक्त गढ़वाल ने आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य आदि की देखभाल के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी का आवश्यक औषधियां एवं एंबुलेस की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था रखी जाने की कार्ययोजना तैयार करें, उन्होंने पेयजल निगम और जल संस्थान को आवश्यक व्यवस्थाएं की रूप रेखा तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए कुम्भ मेले में ट्रैफिक प्लान की व्यवस्थाओं के संबंध एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल तथा एसपी सिटी पंकज गैरोला चर्चा की तथा अगले एक हफते में अभ्यास कर फाइनल ब्लू प्रिंट तैयार करने के निर्देश दिए जिससे की मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आगामी बैठक में अंतिम रूप दे सकें।
बैठक में गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामत्री तन्मय वशिष्ट, मुख्य चिकित्साधिकारी आर.के सिंह, एसपी हरिद्वार जितेन्द्र मेहरा, नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह, एचआरडीए वीसी अंशुल सिंह, डीओ पीआरडी पीसी पाण्डे, ईई पीडब्लूडी दीपक कुमार, जिला आपदा अधिकारी मीरा रावत, एचआरडीए अभिनव रावत, डीएसओ तेजबल सिंह, एईयूपीसीएल प्रियंका अग्रवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर (गंगा) मिनाक्षी मित्तल सहित जनपद के सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
दीर्घकालिक कार्यों की कार्य योजना शीघ्रता से तैयार कर पूर्ण करने के निर्देश-आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डे
हरिद्वार में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए
हरिद्वार ( कुलभूषण) उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर, हरिद्वार में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए जिनमें अधिकांश संख्या बालिका छात्रों की थी। राज्यपाल ने इस उपलब्धि को नारी सशक्तीकरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि बेटियाँ हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक वैज्ञानिक पद्धति है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को आयुर्वेद के क्षेत्र में नवाचार एवं अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद में विभिन्न प्राकृतिक औषधियों और उपचार विधियों के माध्यम से संक्रमण से लड़ने की शक्ति होती है जो बिना किसी हानिकारक प्रभाव के रोग निरोगी गुण प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं लेकिन यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम आयुर्वेद के गुणों का अधिक से अधिक प्रचार एवं प्रसार करें।
राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड, ज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र होने के साथ-साथ चेतन के उत्थान की समृद्ध परंपरा का वाहक है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दुनिया की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक होने के साथ-साथ विश्व को भारत की एक अमूल्य देन है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखते हुए समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन पर बल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता बढ़ने के साथ-साथ हमने इस पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करना कम कर दिया था लेकिन अब जागरूकता बढ़ने और आयुर्वेद के लाभ की सटीक जानकारी मिलने से हमारी यह प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर जन-जन में लोकप्रिय हो रही है।
राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली का आधार है। उन्होंने वर्तमान समय में बढ़ते तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं के समाधान में आयुर्वेदिक औषधियों, पंचकर्म एवं योग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि योग और ध्यान, प्राचीन भारतीय परंपरा के वह अमूल्य उपहार हैं, जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक संतुलन को बनाए रखते हैं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे आयुर्वेद के क्षेत्र में नवीन शोध एवं अनुसंधान पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं औषधीय पौधों के वैज्ञानिक अध्ययन से हम वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान निकाल सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल तकनीक एवं आधुनिक विज्ञान के साथ समन्वय स्थापित करने पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा श्री रविनाथ रामन ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सक होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन संहिताओं में वर्णित आयुर्वेद के ज्ञान को चिकित्सकों ने अपने अध्ययनकाल में ग्रहण किया है जिसका लाभ समस्त मानवता को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रथम बार अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए हैं, साथ ही व्यावहारिक उपयोगिता की दृष्टि से महत्वपूर्ण सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष स्वास्थ्य पर्यटन, जड़ी-बूटियों की खेती एवं उनके विक्रय को गतिशीलता देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार वचनबद्ध है।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अरुण कुमार त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अनुपालन में प्रकृति परीक्षण अभियान को बड़े पैमाने पर समन्वित किया गया है और साथ ही छात्र हित में विभिन्न फार्मा कंपनियों के साथ एमओयू किए गए हैं एवं विश्वविद्यालय में आयुर्वेदिक दवाओं के नैदानिक परीक्षण भी किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर अपर सचिव एवं निदेशक आयुष डॉ. विजय जोगदण्डे, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव रामजी शरण शर्मा सहित सभी प्राचार्यगण, संकाय अध्यक्ष, विद्यार्थी एवं अभिभावकगण उपस्थित रहे।
दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र बनाए पर लगायी जाए रोक-पंडित अधीर कौशिक
हरिद्वार,(कुलभूषण )। श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र बनाए जाने पर रोक लगाने की मांग की है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम हरिद्वार द्वारा संयुक्त रूप से शहर में सरकारी भूमि पर सड़कों के दोनों तरफ दीवारें बनाकर एक तरफ सड़कों को संकरा किया जा रहा है। जिससे हरिद्वार में कुंम्भ मेलों में कठिनाईयों का सबब बनना अवश्यंभावी है। वहीं दूसरी तरफ इन दीवारों पर हिन्दु देवी-देवताओं के चित्र बनाकर सनातन संस्कृति का अपमान किया जा रहा है। देवी देवताओं के चित्र बनी दीवारों पर कोई भी अशिक्षित व्यक्ति जाने-अनजाने पेशाब कर देवी-देवाओं का अपमान कर सकता है। इस प्रकार की घटना वर्ष 2021 के कुम्भ पर्व पर घटित हो चुकी है। जिसके बाद प्रशासन द्वारा देवी-देवताओं के चित्रों का हटवा दिया गया था। यह आश्चर्य का विषय है कि सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी जो दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र बनाने की संस्तुति कर रहे है वे इतनी सामान्य जानकारी से अनभिज्ञ है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि दीवारों पर देवी देवताओ के चित्र न बनाकर उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौन्दर्य को दर्शाया जाये या पशु पक्षियों व पेड़ पौधे की आकृतियां बनाई जाये। जिससे बच्चे उन्हें देखकर प्रेरणा ले सकें और स्वयं उस कला को सीख सकें। इसके साथ ही गीता सार, रामायण की चौपाईयां, प्रेरणादायक श्लोक, सूक्तियों, महात्मा गांधी, डा.भीमराव अम्बेडकर, सुभाष चन्द्र बोस के विचार, सत्यमेव जयते, वसुधैव कुटुम्बकम जैसे विचारों को लिखा जाये जो हमारी धार्मिक व आध्यात्मिक प्रेरणा के प्रमुख स्रोत है। उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी में दीवारों पर हिन्दु देवी-देवताओं का प्रदर्शन करने पर तत्काल रोक लगायी जाये और जहां इनके चित्र बनाये गये हैं। उन्हें तत्काल हटाया जाये और ऐसी संस्तुति करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये।
मुख्यमंत्री ने दुगड्डा के शहीद मेले में लगाई घोषणाओं की झड़ी
-कहा – शहीद व उनके परिवार सरकार की प्राथमिकता
-महिलाओं व युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लिया है संकल्प
-ऐसे मेलों को आने वाले पीढ़ियों के लिए आदर्श बताया
कोटद्वार (दुगड्डा), प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद के कोटद्वार तहसील के अंतर्गत नगर पालिका दुगड्डा पार्क में दीप प्रज्ज्वलित कर तीन दिवसीय शहीद मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री ने दुगड्डा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, स्व. बल्देव सिंह आर्य और स्व. भवानी सिंह रावत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किये। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीदों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका साहस और बलिदान हमें देश की सेवा में समर्पण और कर्तव्य का मार्गदर्शन देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति युवाओं को जागरूक करते हैं, जिनसे हमें शहीदों के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों से शहीदों के योगदान को हमेशा याद रखने और उनके मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की गौरवशाली गाथाओं का नई पीढ़ी को पुनः स्मरण कराने के लिए पूरे देश में स्मारकों और संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य में भी सरकार द्वारा ऐसे वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गयी है। इस कड़ी में उत्तराखंड का पांचवा धाम सैनिक धाम देहरादून के गुनियाल गांव में बनाया जा रहा है। सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाओं और आवासीय योजना में भी प्राथमिकता दे रही है।
साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के मूल अस्तित्व को बनाये रखने के लिये राज्य के भीतर अवैध अतिक्रमण हटा कर पूरे राज्य में 5 हजार हेक्टेयर से भी अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। भूमि को जिस प्रयोजन के लिए खरीदा गया है, उसका उपयोग उसी प्रयोजन के लिए होना चाहिए, प्रायोजित भूमि के अन्यत्र उपयोग पर भूमि जब्त करने का अभियान प्रारम्भ कर दिया है। सरकार ने चार दिन पहले विधानसभा सत्र में सशक्त भू कानून को पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया गया है। इस प्रकार प्रकार से जमीनों की बंदर बांट नहीं होगी इससे प्रदेश में भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर रोक लगाएगा।
उन्होंने कहा कि 2023-24 भारत सरकार के नीति आयोग के इंडेक्स में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कहा की अभी वनाग्नि की समस्या के समाधान के लिए भी प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने जनता से भी अनुरोध किया कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए प्रशासन का भी सहयोग करें। कहा कि जिस भी वन क्षेत्र में आग लगेगी संबंधित वन विभाग के आधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही जो आग लगाने वाले के खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्यवाही की जाएगी व आग से हुए नुकसान की भरपाई भी उन्हीं लोगों से की जाएगी। कहा कि इसके लिए सख्त कानून भी बनाया जायेगा। इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष और विकास बनाम वन संरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार के साथ चर्चा की जाएगी। इससे चुनौतियों का समाधान होगा और जो विकास कार्य नहीं हो पाते हैं उन पर काम हो सकेगा। साथ ही वन्यजीव हमलों के सबंध में संबंधित अधिकारियों को विधि सम्मत कार्यवाही को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ उन्होंने कहा कि सबकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। कहा कि वन्य जीवों के हमलों को लेकर भी जल्द कानून बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री द्वारा की क्षेत्र के विकास के लिए लिए 08 घोषणाएं की गई। जिसमें नगरपालिका दुगड्डा के क्षेत्रान्तर्गत एक आधुनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण, पालिका की मा० अध्यक्ष/अधिशासी अधिकारी हेतु एक आधिकारिक वाहन की व्यवस्था, भवानी सिंह रावत शहीद स्मृति स्थल संरक्षण, सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्य पालिका प्रबंधन द्वारा किये जाने, नगर पालिका परिषद् दुगड्डा क्षेत्रान्तर्गत निराश्रितों के लिए एक स्थायी रैन बसेरा बनाये जाने, दुगड्डा नगर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का नियोजन व विकास के साथ ही इसका नामकरण स्व० श्री मोहनलाल बौंठियाल के नाम पर किये जाने, दुगड्डा ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम की स्थापना किये जाने, फतेहपुर में सिलगाड नदी पर पुल का निर्माण कराए जाने, दुगड्डा ब्लॉक के अन्तर्गत स्थित मटियाली में सिद्धबाबा मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य कराए जाने की घोषणाएं शामिल हैं।
विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट ने कहा कि यह पहला अवसर है जब कोई मुख्यमंत्री दुगड्डा में कदम रख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों व उनके परिजनों के प्रति विशेष सामान रखती है। इसलिए शहीदों के परिजनों के हित में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र वीरों की भूमि है जहां भवानी सिंह रावत जैसे क्रांतिकारियों का जन्म हुआ है जिन्होंने देश की दिशा वह दशा बदलने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है।
शहीद मेले में रीप परियोजना, बाल विकास, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान, सहकारिता, समाज कल्याण, डेयरी विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।
कार्यक्रम में यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, लैंसडौन महंत दिलीप रावत, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मेयर कोटद्वार शैलेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद दुगड्डा शांति बिष्ट, जिला अध्यक्ष भाजपा वीरेंद्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मंडी परिषद के अध्यक्ष सुमन कोटनाला, नगर आयुक्त वैभव गुप्ता, उपजिलाधिकारी कोटद्वार सोहन सैनी, लैंसडौन शालिनी मौर्य व यमकेश्वर अनिल चन्याल, ब्लॉक प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणा, जयहरीखाल दीपक भंडारी, कल्जीखाल बीना राणा व नैनीडांडा प्रशांत कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, समाज कल्याण अधिकारी रोहित सिंह दुबरिया, जिला पूर्ति अरुण वर्मा, उद्यान अधिकारी राजेश तिवारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राम सलोने, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा, सहकारिता अधिकारी पान सिंह राणा, बाल विकास अधिकारी देवेंद्र थपलियाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल की जिला योजना बैठकों का बहिष्कार करूंगा : नेगी
देहरादून, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान संसदीय कार्य मंत्री के आचार व्यवहार पर रोष व्यक्त किया और इसे उत्तराखंड़ की अस्मिता पर हमला है । विधायक निवास में पत्रकारों से रूबरू होते हुये उन्होंने कहा कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जिस असंसदीय अमर्यादित भाषा भाषा का प्रयोग किया वो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है और इससे उनकी संकीर्ण मानसिकता का पता चलता है। जो कि दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।
विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल जो कि टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री है उनकी जिला योजना की बैठकों का बहिष्कार किया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को सरकार व पार्टी का संरक्षण है जिस वजह से वो इस तरह के कृत्य करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है सेना के सैनिकों से लेकर सेना प्रमुख और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में ख्याति प्राप्त की है देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है जिसका हमें गर्व है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) थोपने का कार्य किया है लिव इन रिलेशन का प्रचार करके इस कुप्रथा को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सशक्त भू कानून की मांग जिसके लिए जनता आंदोलनरत है का झुनझुना देकर हरिद्वार उधमसिंह नगर को अलग करके जनता को भ्रमित करने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच विकासवादी है भाजपा मूलभूत समस्याओं से ध्यान भटकाने को इस तरह का कृत्य करती आई है। कांग्रेस जन भावना के अनुरूप प्रदेश में विकास कार्य हो लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेश जोशी एवं सुरेश जुयाल आदि मौजूद थे।
यूसर्क द्वारा दून पी जी कॉलेज में तीन दिवसीय “एग्रोइकोलॉजी” विषय पर हैंड्स ऑन प्रशिक्षण प्रारंभ
देहरादून, उत्तराखंड़ विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए “एग्रोकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सेलाकुई के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज के परिसर में प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा “एग्रोइकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।
इसके अंतर्गत सॉइल साइंस, एग्रोनॉमी, फिशरीज, ऑर्गेनिक फार्मिंग, वर्मी कंपोस्टिंग, एजोला फार्मिंग, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, प्रोटेकटिव कल्टीवेशन आदि को केंद्रित करते हुए उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जो उनके ज्ञान को बढ़ाने के साथ साथ उनके शोध, अनुसंधान की दिशा में कौशल विकास (Skill Development), उद्यमिता विकास के साथ साथ करियर के लिए भी सहायक होगा।
संस्थान के निदेशक श्री संजय चौधरी ने कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी बताया।
इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक यूसर्क वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखंड के पांच उच्च शिक्षण संस्थानों कोर विश्वविद्यालय रुड़की, अल्पाइन इंस्टीट्यूट देहरादून, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और दून पीजी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के 30 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ।
इस अवसर पर यूसर्क के वैज्ञानिक डॉक्टर ओमप्रकाश नौटियाल ने अपने संबोधन में यूसर्क द्वारा प्रदेश भर में विद्यार्थियों के लिए शोध एवं अनुसंधान, नवाचार की दिशा में किये जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर. आर. द्विवेदी ने अपने संबोधन में बताया कि उनके संस्थान में एग्रोइकोलॉजी विषय से संबंधित समस्त प्रकार के कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक डॉ. रूप किशोर शर्मा ने किया । तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान संस्थान के प्राध्यापक डॉ मृत्युंजय राय ने “प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन” विषय पर दिया तथा सभी प्रतिभागियों को फील्ड में ले जाकर प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन, पॉलीहाउस के अंदर विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन, फूलों के उत्पादन आदि को प्रयोगात्मक रूप से दिखाया और सिखाया।
अपराहन में तकनीकी सत्र का दूसरा व्याख्यान डॉक्टर विपिन वर्मा ने “मशरूम कल्टीवेशन” विषय पर दिया तथा व्याख्यान के पश्चात सभी प्रतिभागियों को मशरूम कल्टीवेशन यूनिट ले जाकर मशरूम का कल्टीवेशन किस प्रकार किया जाता है, प्रयोगात्मक रूप से सिखाया एवं उनके प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम का संचालन दून पीजी कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आर.के. मिश्रा ने किया ।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ रूप किशोर शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से अनिल पुंडीर, डॉ. काजल श्रीवास्तव, डॉ. गौरव वर्मा, यूसर्क के विशेषज्ञ श्री उमेश जोशी, 30 प्रशिक्षणार्थियों, विशेषज्ञ एवं शिक्षकगणों सहित 50 से अधिक लोग उपस्थित रहे।
मौसम के बदलते मिजाज ने रोकी मोदी की राह, उत्तरकाशी दौरा फिलहाल टला
देहरादून, मौसम के बदलते मिजाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तरकाशी दौरे की राह रोक दी है। मोदी शीतकालीन यात्रा का संदेश देने के उद्देश्य से पीएम गंगोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा और हर्षिल आ रहे थे। अब संभावना जताई जा रही है कि वे मार्च में आ सकते हैं।
राज्य सरकार उनके 27 फरवरी को आने की संभावना के हिसाब से तैयारी कर रही थी। सोमवार को प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हर्षिल और मुखबा पहुंचे थे लेकिन देर रात आधिकारिक सूचना जारी की गई कि मौसम के बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पीएम का उत्तरकाशी के हर्षिल और मुखबा का दौरा रद्द कर दिया गया है। मौसम विभाग ने उस दिन बारिश और ऊंचाई वाले स्थानों बर्फबारी का यलो अलर्ट जारी किया है।
फिलहाल पीएम का दौरा स्थगित कर दिया गया है। अब पीएम के पांच मार्च तक उत्तराखंड आने की संभावना जताई जा रही है।
साहित्यकार मदन डुकलान को मिलेगा उत्तराखंड़ साहित्य गौरव सम्मान
देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), साहित्य हमारी संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का सम्मान है, समय समय पर साहित्य कलाधर्मियों ने समाज को अपने लेखन के जरिये दिशाबोध कराने का कार्य किया, ऐसे ही एक साहित्यिक तपस्वी मदन मोहन डुकलान को ‘तेरि किताब छौ’ के लिये उत्तराखंड़ साहित्य गौरव सम्मान (कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार) 2024 से विभूषित किया जायेगा | आगामी 3 मार्च को होने वाले उत्तराखण्ड़ भाषा संस्थान द्वारा आयोजित अलंकरण समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जायेगा l
उल्लेखनीय हो कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2023 में शुरू हुआ यह सम्मान लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाऊँनी, गढ़वाली, राज्य की बोलियों व उपबोलियों, हिन्दी, पंजाबी, उर्दू में महाकाव्य, खंडकाव्य रचना, काव्य रचना और साहित्य व अन्य गद्य विधाओं के क्षेत्र में कार्य कर रहे साहित्य कलाधर्मियों को प्रत्येक वर्ष दिया जा रहा है l
एक नजर मदन डुकलान की रचना धर्मिता पर :
पौड़ी जनपद के ग्राम खनेता में माता श्रीमती कपोतरी देवी और पिता गोविंद राम डुकलान के घर 10 मार्च 1964 को जन्में गढवाली़ के मूर्धन्य साहित्यकार मदन मोहन डुकलान ने अपनी मातृभाषा गढवाली़ में साहित्य सेवा का प्रारंभ सन् 1985 में एक गढवाली़ पत्रिका “चिट्ठी” के सम्पादन व प्रकाशन से किया। इसके उपरान्त उन्होंने एक गढवाली़ कविता पोस्टर (1991) और पहला गढवाली़ कैलेण्डर (1993) का सम्पादन व प्रकाशन भी किया जिसमें समकालीन लब्ध-प्रतिष्ठित गढवाली़ साहित्यकारों की रचनाएँ प्रकाशित हुयी। कालान्तर में मदन डुकलान के इन अभिनव प्रयोगों ने एक त्रैमासिक पत्रिका “चिट्ठी-पत्री” का रूप ले लिया जो निरन्तर पुराने व नये रचनाकारों को मंच प्रदान करती आ रही है व गढवाली़ साहित्य, समाज व सृजन के दस्तावेज़ के रूप प्रकाशित हो रही है। इसके अतिरिक्त ‘अंग्वाल़’ के नाम से 250 से अधिक गढवाली़ कवियों की कविताओं का संकलन व सम्पादन तथा ‘हुंगरा’ शीर्षक से 100 उत्कृष्ट गढवाली़ कथाओं का संकलन व सम्पादन गढवाली़ साहित्य के संरक्षण एवं सम्वर्धन में मदन मोहन डुकलान का ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय योगदान है। इसके साथ ही समकालीन 18 प्रतिनिधि कवियों के गढवाली़ कविता संग्रह ‘ग्वथनी का गौं बटे’ का सम्पादन भी मदन मोहन डुकलान द्वारा किया गया है। लेखन का यह ‘बटोही’ ओएनजीसी से उप महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत होने के बाद भी आज निर्बाध रूप से रचना संसार को गतिशील बनाने में लगा है।
प्रकाशित कृतियाँ :
-इन दिनो (हिन्दी कवियों का सह संकलन)
-आंदी जांदी साँस (गढ़वाली काव्य संग्रह)
-प्रयास (हिन्दी कवियों का सह संकलन)
-तेरि किताब छौं (गढ़वाली कविता संग्रह)
-अपणो ऐना अपणी अंद्वार (गढ़वाली काव्य संग्रह)
-चेहरों के घेरे (हिन्दी काव्य संग्रह)
सम्मान :
-सर्वश्रेष्ठ अभिनेता- प्यादा नाटक (गोकुल आर्ट्स नाट्य प्रतियोगिता) वाराणसी-1993
-उत्तराखंड संस्कृति सम्मान- 2005-06
-दून श्री सम्मान- 2008
-अखिल गढ़वाल सभा सम्मान- 2009
-डा० गोविंद चातक- उत्तराखंड भाषा सम्मान 2010-11
-सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फिल्म ‘याद आली टिहरी यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड 2011
-उत्तराखंड शोध संस्थान सम्मान 2011
-सर्वश्रेष्ठ खलनायक- फिल्म “अब त खुलाली रात यन्ग उत्तराखंड सिने अवार्ड-2012
-यूथ-आइकॉन अवार्ड- 2013
-महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल साहित्य सम्मान- 2017
-हाईलैंडर अवार्ड 2019
रंगमंच तथा क्षेत्रीय सिनेमा में अभिनय :
स्वयंवर (गढ़वाली), राजा का बाजा, खाडू लापता (गढ़वाली), घर जवें (गढ़वाली), वीर चक्र (गढ़वाली), महाभोज, फ्री स्टाइल गवाही, संध्या छाया, चारु लता, आस औलाद (गढ़वालीद्ध), कोयला भाई न राख, नई सड़क, केंद्र से छुड़ाना है, नमन मातृ शक्ति, प्यादा आछरी (गढ़वाली)
क्षेत्रिय सिनेमा : तेरी सौं, औंसी की रात, गढ़वाली शोले, हंत्या, इखरी माया, याद आली टिहरि, ल्या ढुंगार, बाबा कालू सिद्ध, गहू अर कलजुगी द्यबता, अब त खुलली रात, सजा, श्रीदेव सुमन,
कन्यादान, मेरू गौ, असगार याद, घपरोळ, खुद तेरी (वेब सीरीज) l
विशेष :
-‘आंदि-जांदि सांस’ कविता संग्रह श्री गुरूरामराय विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम (एम.ए. गढ़वाली) में शामिल।
-श्रीमती आशा मंमगाई द्वारा एम.ए. (गढ़वाली) विषय में मदन मोहन डुकलान की कविताओं में वैशिष्टय एवं दर्शन विषय से लघु शोध। ये शोध पूर्णतया गढ़वाली भाषा में है और पुस्तक के रूप में प्रकाशित है जो गढ़वाली भाषा में प्रकाशित प्रथम शोध ग्रन्थ है।
-कुछ कवितायें मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल हैं।
सिमरन जोशी ने नेट पास कर बढ़ाया क्षेत्र का मान, 300 में से 212 अंक हासिल किए
होनहार बेटी की सफलता से परिवार और गांव में खुशी की लहर
देहरादून : चमोली जनपद के विकासखंड पोखरी के ग्राम शरणा चाईं की सिमरन जोशी ने अंग्रेजी विषय में यूजीसी-नेट परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है। 7 जनवरी 2025 को आयोजित इस परीक्षा के परिणाम 22 फरवरी को घोषित किए गए, जिसमें सिमरन ने 300 में से 212 अंक और 99.70 परसेंटाइल अर्जित किए हैं। यह उपलब्धि उन्हें सहायक प्रोफेसर और पीएचडी के लिए योग्य बनाती है।
अध्यापक पिता विनोद जोशी और माता बीना देवी की होनहार पुत्री सिमरन वर्तमान में परिवार के साथ देहरादून के बंजारावाला में रहतीं हैं और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट किया है।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार व विशेषकर खुद के अथक परिश्रम को दिया है। सिमरन की सफलता से परिवार, मित्रों और ग्राम वासियों में खुशी की लहर है। उनकी यह सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के बावजूद उच्च शिक्षा के लिए संकल्पित हैं। सिमरन का मानना है कि कड़ी मेहनत और परिवार का विश्वास ही सफलता की कुंजी है। यह सफलता न केवल सिमरन के व्यक्तिगत संकल्प, बल्कि उनके परिवार की सामूहिक मेहनत का भी प्रतीक है। होनहार सिमरन ने अपनी मेहनत और बिना किसी कोचिंग के साबित किया है कि लक्ष्य के प्रति समर्पण हर चुनौती को पार करा देता है।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया ‘‘मेरी योजना-केंद्र सरकार’’ पुस्तक का विमोचन
देहरादून(आरएनएस)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को राजभवन में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग उत्तराखण्ड शासन द्वारा तैयार की गई ‘‘मेरी योजना-केंद्र सरकार’’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में केंद्र सरकार के उत्तराखण्ड में स्थित 82 प्रतिष्ठानों की 384 योजनाओं और सेवाओं को संकलित किया गया है। इससे पूर्व विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 में ‘‘मेरी योजना-राज्य सरकार’’ पुस्तकों का भी निर्माण किया गया था जिसमें राज्य सरकार के 122 विभागों, संस्थाओं की योजनाओं एवं सेवाओं का उल्लेख है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि योजनाएं बनाने के साथ ही उन्हें धरातल पर क्रियान्वित करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए, ताकि प्रत्येक व्यक्ति योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सके और हर व्यक्ति राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बन सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंचाया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के द्वारा गरीब, महिला, किसान और युवा हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी केवल योजनाएं बनाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि ये योजनाएं लोगों तक सही समय पर पहुंचें और उनके जीवन में वास्तविक सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक इस दिशा में एक सशक्त पहल है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी योजनाओं का लक्ष्य केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करना ही नहीं होना चाहिए बल्कि एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करना भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को शासन की योजनाओं की जानकारी सरल भाषा में मिलनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति जटिल प्रक्रियाओं के कारण अपने हक से वंचित न रह जाए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग ‘‘सरकार जनता के द्वार’’ एवं ‘‘हमारा संकल्प अनुशासित प्रदेश’’ जैसे अभियानों के माध्यम से प्रशासन को नागरिकों के करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जो सराहनीय कार्य है।
राज्यपाल ने कहा कि तकनीक के इस युग में सूचना का अधिकतम प्रसार सुनिश्चित करने के लिए इस पुस्तक को राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट एवं सभी विभागीय वेबसाइटों और केन्द्र सरकार के प्रतिष्ठानों की वेबसाइटों पर भी अपलोड किया गया है। कोई भी नागरिक संबंधित पुस्तकों को राज्य सरकार की वेबसाइट www.uk.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सिर्फ लाभार्थी ही नहीं अपितु शोधार्थियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।
इस अवसर पर सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग श्री दीपक कुमार, अपर सचिव श्री राज्यपाल श्रीमती स्वाति एस भदौरिया एवं उत्तराखण्ड राज्य में भारत सरकार के 82 प्रतिष्ठित संस्थाओं यथा सीबीआरआई, आईआईटी, आईआईएम, सीपेट एवं अन्य संगठनों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।