प्रेम, विरह और उत्तराखंड की सांस्कृतिक आत्मा को संजोय म्युज़िकल राब्ता की सार्थक प्रस्तुति”
देहरादून, उत्तराखंड़ की लोकसंस्कृति और भावनाओं को संजोए हुए, ‘म्यूज़िकल राब्ता’ के बैनर तले नया गढ़वाली युगल गीत ‘आस -त्वेसे मिलणै की’ श्रोताओं के बीच दस्तक दे चुका है। इस गीत को अपनी सुरीली आवाज़ से संवारा है उत्तराखंड की जानी-मानी गायिका श्रद्धा कूहुप्रिया और नवोदित गायक नियो फर्स्वान ने। गीत के बोल लिखे हैं प्रदीप फर्स्वान ने और संगीत संयोजन किया है हैदर अली ने।
‘आस’ एक सोलफुल गढ़वाली प्रेम गीत है, जिसमें प्रेम, विरह और मिलन की भावनाओं के साथ उत्तराखंड की सांस्कृतिक जड़ों को बड़े ही भावुक अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। यह गीत न केवल संगीतप्रेमियों को भावुक करता है, बल्कि उन्हें पहाड़ की मिट्टी और भावनाओं से जोड़ता है।
*रैथल, हर्षिल और भंगेली गाँव में हुई शूटिंग :*
इस गीत की शूटिंग उत्तरकाशी ज़िले के सुंदर स्थलों रैथल, भंगेली गाँव और हर्षिल में की गई। दो दिनों तक चली इस शूटिंग में कलाकारों और टीम ने रात-दिन की मेहनत के साथ कई यादगार दृश्य कैद किए। इस गीत का निर्देशन किया है युवा निर्देशक युद्धवीर सिंह नेगी (युवी) ने, जिन्होंने इस भावनात्मक कहानी को बहुत ही खूबसूरती से परदे पर उतारा है।
श्रद्धा कूहुप्रिया उत्तराखंड़ की एक विशिष्ट आवाज़ बन चुकी हैं, जो हर भाव और शैली को पूरी आत्मा से निभाती हैं। चाहे जागर हो, प्रेम गीत, या कोई नृत्य गीत, हर विधा में उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है।
इससे पहले उनके चर्चित गीत रहे हैं :
1. ‘धुन्याल जीतू बगड़वाल’ – पांड़वाज़ के साथ जागर शैली में
2. ‘सौं खैकी बोल’ – एक लोकप्रिय प्रेम गीत
3. ‘छुबकू यारा’ – नरेन्द्र सिंह नेगी जी द्वारा प्रस्तुत नृत्य गीत
‘आस -त्वेसे मिलणै की’ न केवल संगीत का एक सुंदर नमूना है, बल्कि यह उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा, प्रकृति और भावनाओं का एक जीवंत चित्र भी है।