Sunday, May 18, 2025
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10 मार्च से शुरु होगा तीन दिवसीय रेशम कृषि मेला, कृषि मंत्री गणेश जोशी करेंगे शुभारम्भ

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देहरादून । रेशम विभाग द्वारा 10 मार्च से तीन दिवसीय रेशम कृषि मेले का आयोजन देहरादून के सहसपुर में किया जाएगा, जिसका उद्घाटन प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी करेंगे।
वीरवार को देहरादून स्थित कैम्प कार्यालय में रेशम विभाग की बैठक के दौरान कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रेशम कृषि मेले की तैयारियों को अंतिम रुप दिया गया। इस रेशम कृषि मेले में शहतूती एवं ओक तसर रेशम उत्पादन में कार्यरत उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के लगभग 400 रेशम कृषक प्रतिभाग करेंगे। मेले मे रेशम उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रेशम कृषको को कृषि मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा। रेशम मेले में एक रेशम तकनीकी प्रदर्शिनी भी आयोजित की जायेगी, जिसमे उत्पादन की तकनीकियो का सजीव प्रदर्शन किया जायेगा। मेले में रेशम विशेषज्ञों द्वारा कृषको को रेशम उत्पादन से सम्बंधित तकनीकी जानकारी भी प्रदान की जायेगी। मेले में स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित रेशम क्षेत्र से जुडे हुये विभिन्न हितधारक जैसे उत्तराखण्ड रेशम विभाग, केंद्रीय रेशम बोर्ड सहित केंद्रीय रेशम बोर्ड के अनुसंधान संस्थानों के निदेशक सहित बडी संख्या में रेशम किसान प्रतिभाग करेंगे।

 ‘‘रेशम किसानों के हितों के संरक्षण पर सरकार का विशेष ध्यान है। हमारे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले, किसानों के आर्थिक स्तर में सुधार हो, इसके लिए केन्द्र एवं राज्य स्तर पर अनेकों योजनाऐं संचालित की जा रही हैं। मैं रेशम कृषि मेले में अपने सभी रेशम किसानों को आमंत्रित करता हॅू‘‘:

गणेश जोशी, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, उत्तराखण्ड

CEPT University ने फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी 2025 के लिए यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित किए

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विशाखापट्टणम,  सेप्ट यूनिवर्सिटी में प्रौद्योगिकी संकाय (एफटी), जिसे पहले स्कूल ऑफ बिल्डिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसबीएसटी) के रूप में जाना जाता था, वर्ष 2025 के लिए अपने यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित करता है।

सिविल इंजीनियरिंग, बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस, जियोमैटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के लगातार विकसित हो रहे क्षेत्रों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एफटी अपने समस्या-समाधान और परिणाम-आधारित शिक्षाशास्त्र के लिए प्रसिद्ध अद्वितीय इंजीनियरिंग कार्यक्रम प्रदान करता है। यह दृष्टिकोण, स्टूडियो-आधारित परियोजनाओं के माध्यम से व्यावहारिक सीखने पर ज़ोर देने के साथ, स्नातकों को उन कौशल और ज्ञान से लैस करता है, जिनकी तेज़ी से विकसित हो रहे शहरी बुनियादी ढांचे और निर्मित वातावरण क्षेत्रों में उद्योग अग्रणियों द्वारा अत्यधिक मांग की जाती है।

सिविल इंजीनियरिंग में पांच वर्षीय पूर्णकालिक बी.टेक (ऑनर्स) (बी.सी.ई.): भारत में एकमात्र इंजीनियरिंग कार्यक्रम जो स्टूडियो-आधारित शिक्षण को लागू करता है और वास्तुकला, योजना, डिजाइन और प्रबंधन जैसे निर्मित पर्यावरण के अन्य विषयों के साथ मिलकर काम करता है।
यह कार्यक्रम सिविल इंजीनियरिंग के आवश्यक पहलुओं, जैसे संरचनात्मक इंजीनियरिंग, भू-तकनीकी इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, उन्नत सर्वेक्षण, जीआईएस , भवन सेवाएँ, निर्माण इंजीनियरिंग, निर्माण स्वचालन और प्रबंधन में मौलिक शिक्षा प्रदान करता है। उम्मीदवारों के लिए यह कार्यक्रम भारत और विदेशों में निर्माण, टिकाऊ डिजाइन, बुनियादी ढांचे और प्रबंधन क्षेत्रों में अवसर खोलता है।

बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमबीईपी): एमबीईपी के छात्र भिन्न प्रकार के बिल्डिंग की ऊर्जा क्षमता के वैज्ञानिक सिद्धांतों का गहन अध्ययन करते हैं, जिसमें हीट ट्रांसफर, डे लाइटिंग और इलेक्ट्रो- मैकेनिकल सिस्टम शामिल हैं। वे अत्याधुनिक तकनीक के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते हैं, बिल्डिंग की ऊर्जा कार्यक्षमता का मूल्यांकन करते हैं और डिजिटल सिमुलेशन में महारत हासिल करते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित यह कार्यक्रम गर्म जलवायु पर केंद्रित है, जो भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप और उत्तरी अमेरिका मंम ऊर्जा परामर्श, भवन डिजाइन और अनुसंधान में करियर के लिए, और यूरोप और उत्तरी अमेरिका में अनुसंधान करियर के लिए स्नातकों को तैयार करता है।

निर्माण इंजीनियरिंग और प्रबंधन में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमसीईएम): इस कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स को कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में सक्षम प्रोफेशनल्स बनने के लिए प्रशिक्षित करना है। उन छात्रों के लिए आदर्श है जो जटिल प्रोजेक्ट पर काम करना चाहते हैं, निर्माण की उन्नत तकनीकों में विशेषज्ञता हासिल करने और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के मौलिक और उन्नत सिद्धांतों को सीखने के इच्छुक हैं। यह कार्यक्रम भारत और विदेशों में सरकारी और निजी निर्माण संगठनों के साथ-साथ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और कंसल्टेंसी कंपनी में कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में सफल करियर के अवसर प्रदान करता है।

जियोमैटिक्स में मास्टर (एमजीईओ): यह प्रोग्राम जिओस्पेशियल टेक्नोलॉजी की एक विस्तृत शृंखला को कवर करता है, जिसमें रिमोट सेंसिंग, जीआयएस , जीपीएस , लिडर और एआय /एमएल शामिल हैं, ताकि भूमि, इन्फ्रास्ट्रक्चर, समुद्र के नीचे और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी को मापा, विश्लेषण, डिजिटाइज़ और प्रबंधित किया जा सके। यह इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग, स्मार्ट शहरों के विकास, परिवहन, दूरसंचार, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन, कृषि, व्यवसाय प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और मानव जीवन को प्रभावित करने वाले कई संबद्ध क्षेत्रों में अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।

स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिजाइन में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएसईडी) : यह प्रोग्राम देश का एकमात्र स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कार्यक्रम है जो सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स दोनों को महत्वपूर्ण डिज़ाइन कौशल से लैस करता है। इस प्रोग्राम में छात्र व्यक्तिगत रूप से अभ्यास करने वाले स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के साथ लाइव प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम करते हैं, जिससे उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं और प्रथाओं की स्पष्ट समझ प्राप्त होती है। यह कार्यक्रम छात्रों को वैश्विक स्तर पर नवीन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, उद्योग, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, पुल, बंदरगाह स्ट्रक्चर और स्ट्रक्चरल रिहैबिलिटेशन में करियर के विकल्पों की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करता है।

प्रोफेसर आनल शाह, डीन, प्रौद्योगिकी संकाय, सेप्ट यूनिवर्सिटी का कहना है कि सेप्ट के एम टेक प्रोग्राम्स में इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुप्रयोग के द्वारा हम बिल्डिंग एवं बिल्ट एनवायरनमेंट से संबंधित डिज़ाइन समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करते हैं। ये समस्याएँ समाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए, दिन-प्रतिदिन और अधिक जटिल होती जा रही हैं | सेप्ट यूनिवर्सिटी डोमेन विशिष्ट विषयों से परे अपने एम.टेक. कार्यक्रमों में डिज़ाइन और नवाचार और आलोचनात्मक सोच के विचारों को शामिल करने में विश्वास करती है।

 

कंडवाल दसवीं बार बने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, बिष्ट सचिव, कोषाध्यक्ष पर ललित भंडारी निर्विरोध चुने गये

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देहरादून, प्रदेश की राजधानी दून के बार एसोसिएशन में मनमोहन कंडवाल 10वीं बार अध्यक्ष बन गए हैं। उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू को 131 मतों से शिकस्त दी। सचिव पद पर राजबीर बिष्ट अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गए। बिष्ट लगातार तीसरी बार बार एसोसिएशन के सचिव बने। पिछले वर्ष कंडवाल बंटू से 70 वोटों से हार गए थे।

इस साल देहरादून बार एसोसिएशन में 12 पदों पर कार्यकारिणी के चुनाव होने थे,इनमें से कोषाध्यक्ष ललित भंडारी निर्विरोध चुने गए। ऐसे में 11 पदों पर सोमवार को मतदान हुआ था। कुल 2765 अधिवक्ताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। मंगलवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे से मतगणना शुरू हुई। इसमें शुरुआत से ही मनमोहन कंडवाल आगे चल रहे थे। शाम होते होते स्थिति साफ हुई तो मनमोहन कंडवाल अध्यक्ष पद पर विजयी घोषित हो गए। मनमोहन कंडवाल को 1152 मत मिले। जबकि, राजीव शर्मा बंटू को 1021 मत हासिल हुए।

अनिल शर्मा को इस बार 512 मतों से ही संतोष करना पड़ा। जबकि, पिछले साल उन्हें 700 से ज्यादा मत मिले थे। अध्यक्ष पद के चौथे प्रत्याशी सुरेंद्र थपलियाल 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। केवल 62 अधिवक्ता ही उन पर अपना विश्वास जता सके।

बता दें कि मनमोहन कंडवाल 2022 तक लगातार सात बार अध्यक्ष रहे थे। इससे पहले दो बार अध्यक्ष बने थे। वर्ष 2023 में उन्होंने एकाएक अंतिम समय पर चुनाव न लड़ने का फैसला किया। ऐसे में सात सालों तक उनके जोड़ीदार के रूप में सचिव रहे अनिल शर्मा चीनी को इसका फायदा मिला और वह 2023 में अध्यक्ष बने।

अगले साल यानी 2024 में एक बार फिर मनमोहन कंडवाल मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें राजीव शर्मा बंटू से 70 वोटों से हार मिली। इस बार अधिवक्ताओं के चेंबर निर्माण की रणनीति ने चुनाव के समीकरण बदल दिए। दिसंबर में हुई आम सभा में अधिवक्ताओं ने वर्तमान कार्यकारिणी के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई। ऐसे में मनमोहन कंडवाल को इसका सीधा लाभ हुआ और वह एक बार फिर से बार में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गए। लगातार तीसरी बार उनका साथ सचिव राजबीर बिष्ट सचिव देंगे। अधिवक्ता राजबीर बिष्ट तीन बार सचिव चुने गए, लेकिन उनके साथ अध्यक्ष हर बार अलग ही रहा।
उपाध्यक्ष पद पर इस बार सबसे बड़ी जीत हुई। भानू प्रताप सिसौदिया लगातार चौथी बार चुने गए। उन्हें कुल 850 वोट मिले। जबकि, उनके प्रतिद्वंदी को 423 मत मिले हैं। इस पद पर सबसे बड़ी लड़ाई थी। कुल 10 अधिवक्ताओं ने इसके लिए किस्मत आजमाई थी।

कौन किस पद पर काबिज

अध्यक्ष : मनमोहन कंडवाल
सचिव : राजबीर सिंह बिष्ट
उपाध्यक्ष (सामान्य पद) : भानु प्रताप सिसौदिया
उपाध्यक्ष(महिला आरक्षित) : सीमा चड्ढा
सह-सचिव : कपिल अरोड़ा
पुस्तकालय अध्यक्ष : सुभाष परमार
कोषाध्यक्ष/संप्रेषण : ललित भंडारी (निर्विरोध)
कार्यकारिणी सदस्य- दीपक त्यागी, आराधना चतुर्वेदी, अविष्कार रावत, रमन शर्मा, आरती रावत

सीएम धामी ने की महाशिवरात्रि के अवसर पर चकरपुर, खटीमा स्थित  वनखंडी महादेव शिव मंदिर में पत्नी संग जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर चकरपुर, खटीमा स्थित  वनखंडी महादेव शिव मंदिर में सपत्नीक जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने  वनखण्डी महादेव मंदिर में 12 दिवसीय महाशिवरात्रि मेले का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे। उन्होंने कहा वे कई वर्षों  से महाशिवरात्रि के अवसर पर  वनखंडी महादेव शिव मंदिर में आ रहे हैं। राज्य सरकार, प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने पर कार्य कर रही है। शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से किया गया है। अब वर्ष भर हमारे धार्मिक स्थलों में श्रद्धालु आ सकेंगे, जिससे प्रदेश व क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनखण्डी मंदिर को सुन्दर डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। माँ पूर्णागिरि मंदिर में शीघ्र रोपवे, एवं टनकपुर में शारदा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। जिसमें खटीमा व उसके आस पास के क्षेत्रों को रिवर फ्रंट डीपीआर में जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हनोल क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 120 करोड़ की धनराशि दी है। सरकार द्वारा पूरे प्रदेश का समेकित विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा  खटीमा बस अड्डा शीघ्र तैयार होगा। टनकपुर बस अड्डे को 200 करोड़ रूपये की धनराशि से आई.एस.बी.टी बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर धार्मिक स्थलों का कायाकल्प हुआ है। जिससे पूरे देश में धार्मिक पुनर्जागरण हुआ है। उन्होंने कहा केदारनाथ में भीषण आपदा आने से श्रद्धालुओं का आना बहुत कम हो गया था। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कर वहां पूजा अर्चना की एवं रात्रि प्रवास किया। और अब केदारनाथ धाम में हर साल 20 लाख से भी अधिक श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ के आदि कैलाश, जोलीकोंग की यात्रा की, जिससे मानसखंड को भी विश्व पटल नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा आदि कैलाश पर जाने वाले यात्री कुमाऊँ सड़क मार्ग से ही जाते है। जिससे यहाँ के सभी प्रकार के कारोबारियों को वर्ष भर रोजगार मिलेगा। मानसखण्ड योजना के अंतर्गत कुमाऊँ के सभी मंदिरों को जोड़ा जा रहा है। जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम में मेला समिति द्वारा मुख्यमंत्री का मंदिर सौंदर्यकरण हेतु पूर्व में 1 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया। मंदिर समिति ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया।
इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, मंदिर समिति अध्यक्ष गोपाल सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष  कमल जिंदल, गणेश जोशी, सुधीर वर्मा, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

किसान क्रेडिट कार्ड की राशि 10 लाख करोड़ रुपये के पार, 7.72 करोड़ किसानों को मिला लाभ

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नई दिल्ली , लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ऑपरेटिव किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खातों के तहत आने वाली राशि मार्च 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये से दोगुनी से अधिक होकर दिसंबर 2024 में 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गई है।यह कृषि में ऋण उपलब्धता और गैर-संस्थागत ऋण पर निर्भरता में कमी को दर्शाता है। ऑपरेटिव केसीसी के तहत 31 दिसंबर तक कुल 10.05 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिससे 7.72 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किसानों को दिए जाने वाले किफायती कार्यशील पूंजी ऋण की मात्रा में शानदार वृद्धि को दर्शाता है। केसीसी एक बैंकिंग प्रोडक्ट है जो किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे कृषि इनपुट खरीदने के साथ-साथ फसल उत्पादन और संबंधित गतिविधियों से नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए समय पर और किफायती ऋण प्रदान करता है।
केसीसी योजना को वर्ष 2019 में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसी संबंधित गतिविधियों की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया था। संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के तहत, 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के केसीसी के जरिए अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को 1.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान करती है। मंत्रालय के अनुसार, ऋण के समय पर पुनर्भुगतान पर किसानों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जो प्रभावी रूप से किसानों के लिए ब्याज दर को घटाकर 4 प्रतिशत कर देता है।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि 2 लाख रुपये तक के ऋण को बिना किसी जमानत के उपलब्ध करवाया जाता है, जिससे छोटे और मार्जिनल किसानों के लिए ऋण तक परेशानी मुक्त पहुंच सुनिश्चित होती है। केंद्रीय बजट 2025-26 में संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है, जिससे किसानों को और अधिक लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत किसानों के लिए बढ़े सरकारी समर्थन को दर्शाते हुए, 2025-26 के बजट में कृषि के लिए आवंटन में 2013-14 के 21,933.50 करोड़ रुपये से छह गुना वृद्धि कर इसे 1,27,290 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष का चोपता में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत

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रुद्रप्रयाग, भाजपा चोपता मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष अर्जुन सिंह नेगी का आज चोपता में कार्यकर्ताओं ने भब्य स्वागत किया।
चोपता में निवर्तमान मंडल अध्यक्ष त्रिलोचन प्रसाद भट्ट की अध्यक्षता में स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया, अर्जुन नेगी ने मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते हुए बड़े बुजुर्गों व चोपता बाजार में व्यापारियों से आशीर्वाद लेने के बाद सभी को अवगत कराया कि भाजपा संगठन ने जो उन पर विश्वास कर जिम्मेदारी दी है उसे वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी के साथ निभायेगें। उन्होने कहा कि मंडल की मजबूती के लिये कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य करूंगा। मंडल अध्यक्ष ने सभी लोगों को विश्वास भरोसा दिलाते हुए कहा कि मंडल के सभी जेष्ठ,श्रेष्ठ, कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चोपता मंडल को भाजपा को ओर अधिक मजबूत किया जाएगा। इस अवसर पर जीत सिंह मेवाल, लक्ष्मण बर्तवाल, हिम्मत सिंह रावत, राकेश रावत, योगंबर रावत, भूपेंद्र बर्तवाल, दुर्गा करासी, राखी गुसाई, करणवीर सिंह गुसाई, मगन नेगी, चण्डी सेमवाल, सहित सभी बूथों के अध्यक्ष, शक्ति केंद्र संयोजक, शक्ति केंद्र प्रभारी, सभी ज्येष्ठ, श्रेष्ठ कार्यकर्ता, मातृ शक्ति , उपस्थित रही।

धामी सरकार का कड़ा संदेश, उत्तराखण्ड में होली पर मिलावटी उत्पाद बेचे तो खैर नहीं

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प्रदेश भर में छापेमारी अभियान हुआ शुरू, सीमाओं पर कड़ी चौकसी : डा. आर राजेश कुमार

खोया, पनीर, मावा समेत खाद्य उत्पादों की जांच के लिए प्रत्येक जनपद मेंटीमें तैनात: ताजबर जग्गी

देहरादून। राज्य सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए मिलावटखोरों के ख़िलाफ़ प्रदेशभर में ब्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन होली त्योहार के दौरान मिलावटी उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। प्रशासन ने मिलावटखोरों से निपटने के लिए छापेमार दस्तों और सचल वाहन टीमों का गठन किया है। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार का कहना है कि विभाग की प्राथमिकता आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण और मिलावट रहित उत्पाद उपलब्ध कराना है।

होली का त्योहार निकट है। ऐसे में खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन ने प्रदेश व्यापी अभियान शुरू किया है। विभाग के अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी का कहना है कि गढ़वाल और कुमाऊ मंडल में छापेमारी अभियान लगातार जारी है। विभाग ने विजिलेंस सेल का गठन किया है। यहां शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है और साथ ही सर्विलांस के माध्यम से भी मानीटरिंग की जा रही है। ताजबर जग्गी ने बताया हर जिले में नोडल अधिकारी बनाए गये हैं और वो फूड इंस्पेक्टर के माध्यम से विभिन्न प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर सैंपलिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सचल वाहनों में भी सैंपलिंग की व्यवस्था की गयी है।
खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन के अपर आयुक्त ताजबर जग्गी ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में मावा, पनीर,खोया आदि की जांच की जा रही है ताकि आम लोगों को सही और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिल सके। उन्होंने बताया कि हम प्रदेश की सीमा के साथ लगते यूपी के शहरों के ड्रग कंट्रोलर और फूड इंस्पेक्टरों के साथ कार्डिनेट कर संयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।

हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर में हो रही कड़ी जांच

अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा ताजबर जग्गी ने बताया कि देहरादून में आशारोड़ी पर बाहर से आने वाले दूध और उससे बने उत्पादों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक शिकायतें ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार से हैं। यहां सघन चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है और उत्पादों की सैंपलिंग की जा रही है।

तेल एवं गैस संरक्षण को लेकर हुआ साइक्लोथॉन का आयोजन

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देहरादून, ओएनजीसी द्वारा तेल एवं गैस संरक्षण को लेकर साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया, इस साइक्लोथॉन में बड़ी संख्या में छात्रों, कर्मचारियों, महिलाओं और पूर्व ओएनजीसी कर्मचारियों ने भाग लिया, कार्यक्रम की शुरुआत तेल और गैस संरक्षण के प्रति शपथ लेने के साथ हुई, जिसे मुख्य अतिथि आनंद गुप्ता, कार्यकारी निदेशक द्वारा संचालित किया गया।
साइक्लोथॉन रैली ने लगभग 15 किमी की दूरी तय की। रैली केवी ओएनजीसी खेल मैदान से प्रारंभ होकर किशन नगर चौक, बिंदाल ब्रिज, क्लॉक टॉवर, दिलाराम चौक, हाथीबड़कलां, गढ़ी कैंट, ओएनजीसी चौक होते हुये समाप्त हुयी।
इस अवसर पर एस बोस, कार्यकारी निदेशक, नीरज कुमार शर्मा मुख्य महाप्रबंधक हेड कॉरर्पोरेट प्रशासन, अमर सिंह जीएम, जे एस आलरिया जीएम एवं नोडल अधिकारी सक्षम भी उपस्थित थे, जो ऊर्जा संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आनंद गुप्ता ईडी चीफ पी एंड डीडी ने साइक्लोथॉन का झंडा फहराया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हमें अपने भविष्य पीढ़ियों के लिए तेल और गैस का संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी ऊर्जा के संरक्षण के सरल और अर्थपूर्ण तरीकों को अपनाने के लिए तैयार हो सकते हैं जैसे कि जब लाइट का उपयोग न हो, तो उसे बंद करना, लाल बत्ती पर वाहनों को बंद करना, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग आदि।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में पवन कुमार ने सक्षम 2024-25 के दौरान किए गए विभिन्न गतिविधियों का विवरण दिया और स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि पूरे वर्ष साइक्लोथॉन का अभ्यास करें।
इस मौके पर सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए भाग्यशाली विजेताओं को लॉटरी के माध्यम से पुरस्कार दिए गए।

2 मई को खुलेंगे ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट

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उखीमठ/रुद्रप्रयाग- भगवान शंकर के ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 2 मई को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे।

आज शिवरात्रि के पावन अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, दायित्व धारी चंडीप्रसाद भट्ट एवं श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल सहित पंचगाई समिति पदाधिकारियों, तथा सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धर्माचार्यों वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना पश्चात विधि- विधान से श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई।

27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा होगी। जबकि बाबा केदार की पंच मुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। 2 मई प्रात: 7 बजे बैशाख मास, मिथुन राशि, वृष लग्न में विधि- विधान से कपाट खुलेंगे।

आज महा शिवरात्रि के अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुजन श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ दर्शन को पहुंचे इस अवसर पर भोलेनाथ के भजन कीर्तन का आयोजन भी हुआ तथा श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरण किया

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट तय होने के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा की केदारनाथ धाम यात्रा तैयारियों को अधिक गति मिलेगी। मंदिर समिति के स्तर श्री केदारनाथ यात्रा तैयारियां की जा रही है।

कहा कि कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान का कार्यक्रम भी घोषित हो गया।

पंचमुखी डोली के केदारनाथ धाम प्रस्थान कार्यक्रम के तहत 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा-अर्चना होगी।

श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास हेतु प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।

29अप्रैल को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रात्रि प्रवास हेतु द्वितीय पड़ाव फाटा को प्रस्थान होगी।

30 अप्रैल फाटा से रात्रि प्रवास हेतु तृतीय पड़ाव गौरादेवी मंदिर गौरीकुंड पहुंचेगी। 1 मई शाम को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी।तथा 2 मई शुक्रवार को प्रात: 7 बजे वृष लग्न में श्री केदारनाथ धाम के कपाट तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खुलेंगे। बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो गयी है जल्द मंदिर समिति का अग्रिम दल केदारनाथ धाम जाकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगा।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज ही इस यात्रा वर्ष हेतु श्री केदारनाथ धाम, मद्महेश्वर धाम हेतु पुजारियों के नाम घोषित हुए श्री केदारनाथ धाम हेतु बागेश लिंग पुजारी का दायित्व संभालेंगे। शिवलिंग मद्महेश्वर पुजारी रहेंगे तथा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ गंगाधर लिंग तथा श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में शिवशंकर लिंग पूजा-अर्चना का दायित्व निभायेंगे ।इस अवसर पर बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी,सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवान,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी/ केदारनाथ प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, पुजारी शिवशंकर लिंग, टी गंगाधर लिंग, बागेश लिंग,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी , कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित,उमेश शुक्ला ( भंडारी) खुशाल सिंह नेगी सहित बड़ी संख्या यें तीर्थ पुरोहितगण, हकहकूकधारी,आदि मौजूद रहे।

चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी धामी सरकार, जल्द जारी होगी स्वास्थ्य एडवाइजरी, यात्रा मार्ग में 26 मेडिकल रेस्पॉन्स प्वाइंट्स और 50 स्क्रीनिंग पाइन्ट्स

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श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य धाम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालुओं को करना होगा स्वास्थ्य प्रोफाइल अपलोड- डॉ आर राजेश कुमार

स्वास्थ्य मित्रों की नियुक्ति, स्वास्थ्य महानिदेशालय में कंट्रोल रूम की स्थापना, होटल और ढाबों पर स्वास्थ्य सुरक्षा होगी तय- डॉ आर राजेश कुमार

राज्य सरकार आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी औऱ स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने यात्रा के सफल आयोजन के लिए अधिकारियों को समय पर पुख्ता इंतजाम करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के बाद, सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. आर राजेश कुमार ने उत्तराखण्ड शासन में अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में चारधाम यात्रा के स्वास्थ्य संबंधित इंतजामों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और विभिन्न विभागों को अपनी तैयारियाँ समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए। सचिव ने यात्रा मार्ग पर मेडिकल रेस्पॉन्स प्वाइंट्स (एमआरपी) की संख्या बढ़ाने, स्क्रीनिंग पाइन्ट्स की संख्या में सुधार और श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य रजिस्ट्रेशन के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य से संबंधित एडवाइजरी और आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। सभी संबंधित विभागों को यात्रा की शुरुआत से पहले आवश्यक सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

एमआरपी और स्क्रीनिंग पाइन्ट्स का विस्तार
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा मार्ग में कुल 26 मेडिकल रेस्पॉन्स प्वाइंट्स (एमआरपी) और 50 स्क्रीनिंग पाइन्ट्स की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, एमआरपी की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया। साथ ही, स्क्रीनिंग पाइन्ट्स के विस्तार के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की भूमिका
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की यात्रा हेतु सभी आवश्यक तैयारियों को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया गया। चिकित्सा विशेषज्ञों और मेडिकल अफसरों की ड्यूटी रोटेशन के आधार पर निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा, उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण दून और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रदान किया जाएगा, जिससे AIIMS की बजाय स्थानीय ट्रेनिंग का कार्य शुरू किया जाएगा।

स्वास्थ्य पोर्टल और रजिस्ट्रेशन
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा में शामिल सभी श्रद्धालुओं को “स्वास्थ्य धाम पोर्टल” पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य प्रोफाइल अपलोड करने के लिए निर्देशित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने RFID-Band और GIO Tracking सिस्टम के माध्यम से उच्च जोखिम वाले श्रद्धालुओं की ट्रैकिंग के लिए प्रस्ताव और कार्यप्रणाली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

वित्तीय और उपकरण वितरण
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा महानिदेशक को पर्यटन विभाग द्वारा केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए जारी की गई धनराशि की उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC) शीघ्र उपलब्ध कराने और शेष धनराशि के अवमुक्ति के लिए पत्र लिखने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, केदारनाथ में नवनिर्मित चिकित्सालय में पूर्व में आपूर्ति किए गए उपकरणों और फर्नीचर को तत्काल पहुंचाने की कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य एडवाइजरी और सूचनाएं
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा मार्ग, बस स्टॉप, होटल और अन्य प्रमुख स्थानों पर स्वास्थ्य से संबंधित एडवाइजरी, निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्रों का विवरण और मुख्य चिकित्साधिकारियों के संपर्क नंबर की सूचना देने के लिए फ्लेक्स और बैनर लगाए जाएंगे। साथ ही, सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करते हुए जनपदों के जिलाधिकारियों से समन्वय कर इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाएगा।

स्वास्थ्य मित्रों की नियुक्ति
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य संबंधी सहायता के लिए स्वास्थ्य मित्रों की नियुक्ति की जाएगी, जो कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कार्य करेंगे।

कंट्रोल रूम की स्थापना
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा चारधाम यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए महा निदेशालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। यह कंट्रोल रूम यात्रा से जुड़ी सभी स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित निगरानी करेगा और संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।

होटल और ढाबों पर स्वास्थ्य सुरक्षा
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा सभी होटल और ढाबों को श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों, एडवाइजरी और जीवन रक्षा के उपायों से संवेदनशील बनाया जाएगा।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बैठक के समापन पर सभी अधिकारियों को चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में तत्पर रहने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी तैयारियाँ समय पर पूरी हो और यात्रा में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे।