– डीएम ने तीन अनाथ-असहाय बेटियों की पढ़ाई को प्रदत्त किये 97955 धनराशि के चैक
– अब तक 11 बालिकाओं की हो चुकी है, स्कूल, स्नातक, स्नात्कोत्तर पुनः आरंभ; 20 और बेटियों का चयन भी इसी माह
देहरादून(आरएनएस)। सीएम के मार्गदर्शन एवं जिला प्रशासन की नई पहल नंदा सुनंदा योजना निर्धन, असहाय और अनाथ बेटियों की पढ़ाई और कौशल विकास के लिए वरदान साबित हो रही है। जिला प्रशासन का प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ 2.0 बेटियों की पढाई की चिंगारी को भव्य रूप देना इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को तीन और असहाय बेटियों की पढ़ाई के लिए 98 हजार की आर्थिक सहायता धनराशि वितरित की। नंदा सुनंदा योजना के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 11 बेटियों की पढ़ाई और कौशल विकास के लिए आर्थिक सहायता जारी की जा चुकी है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि गरीब, अनाथ, असहाय और विषम परिस्थितियों रह कर पढ़ने और आगे बढ़ने की इच्छा और सोच रखने वाली बेटियां ही हमारे वास्तविक जीवन की नंदा और सुनंदा देवी है। कठिन परिस्थितियों में रहकर भी ये बेटियां खुद और अपने परिवार को सशक्त बनाना चाहती है। जिलाधिकारी ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री का भी यही संकल्प है कि समाज के ऐसे कमजोर वर्गों को सशक्त और सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाए। कहा कि नंदा सुनंदा योजना में कमजोर वर्ग की बालिकाओं के चयन के लिए जिला स्तर पर समिति गठन के साथ एसओपी तैयार की गई है। बालिकाओं का चयन जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविरों में जनपद में विभिन्न सरकारी कार्यालयों के माध्यम ये प्राप्त प्रार्थना पत्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी के अधीन बालिका गृहों में निवासरत बालिकायें, जनपद की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से सर्वे के आधार पर किया जा रहा है और असहाय बालिकाओं की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही उनको समाज की मुख्यधारा जोडा जा रहा है।
जनपद में प्रोजेक्ट ‘‘नंदा-सुनंदा’ ’ के तहत आज जिलाधिकारी सविन बंसल एवं मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने 03 बालिकाओं को संयुक्त रूप से रू0 97955 की धनराशि का चौक वितरण किया। जिसमें अस्मित कौर, त्रिशा कण्डारी और खुशबू शामिल है। इन बालिकाओं का चयन उनकी विषम परिस्थितियों और गरीबी को देखते हुए किया गया। बालिका अस्मित कौर को कक्षा-4 की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्चुलेर हेइम विद्यालय देहरादून के खाते में रु0-12250 की धनराशि प्रदान की गई। बालिका त्रिशा कण्डारी को कक्षा-7 की पढ़ाई के लिए न्यू दून ब्लोसम स्कूल देहरादून में प्रवेश हेतु रु0-63480 की धनराशि और बालिका खुशबू को श्री गुरू राम राय विश्व विद्यालय से बीएसी की पढ़ाई के लिए रु0-22225 की आर्थिक सहायता धनराशि विद्यालय के खाते में डाली गई।
आर्थिक तंगी और पारिवारिक त्रासदी के कारण जिन बालिकाओं को अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़नी पड़ रही है उन बालिकाओं के लिए जिलाधिकारी की यह अभिवन पहल नंदा सुनंदा वरदान साबित हो रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में फंड की कमी नही होने दी जाएगी। जो भी बालिकाएं आर्थिकी तंगी से जुझ रही है वही हमारे जीवन की असली नंदा सुंनदा है। ऐसी बेटियों की पढ़ाई एवं सहायता के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
नैनीताल जिले के जिलाधिकारी रहते हुए संविन बंसल ने ‘नंदा-सुनंदा’ योजना की शुरुआत की। नैनीताल में उन्होंने 60 बालिकाओं को शैक्षणिक विकास में समृद्ध, सशक्त, सुदृढ़ बनाकर भविष्य को संवारने का काम किया। देहरादून जनपद में भी योजनाओं की शुरुआत कर जिलाधिकारी सविन बंसल जरूरतमंदों बेटियों का भविष्य की उम्मीद जगाने का काम में जुटे है। अभी तक 11 असहाय बालिकाओं की पढ़़ाई को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर चुके है और गरीब अनाथ, असहाय बालिकाओं स्नातक, स्नात्तकोत्तर एवं कौशल शिक्षा की जिम्मेदारी उठाते बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, डीपीओ (आईसीडीएस) जितेन्द्र कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी और बालिकाओं के परिजन मौजूद थे।
बेटियों की पढाई की चिंगारी को भड़काना प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ का उद्देश्य
उत्तराखंड की लोक-संस्कृति और विरासत को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी
देहरादून(आरएनएस)। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, सिंचाई, लोक निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम में
ष्पर्वतीय प्रवासी जन कल्याण समितिष् द्वारा आयोजित उत्तरैंणी-मकरैंणी कौथिग महोत्सव-2025 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर समिति द्वारा किए जा रहे हैं जन कल्याणकारी योजनाओं की जमकर तारीफ की।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तरैंणी-मकरैंणी कौथिग महोत्सव-2025 के भव्य आयोजन के लिए ष्पर्वतीय प्रवासी जन कल्याण समितिष् इंदिरापुरम के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रसन्नता की बात यह है कि समिति गाजियाबाद क्षेत्र में प्रवास कर रहे उत्तराखंड के लोगों को एक सूत्र में पिरोने, अपनी लोक-संस्कृति और विरासत को जीवित रखने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि ष्पर्वतीय प्रवासी जन कल्याण समितिष् अपने स्थापना काल से ही पर्वतीय समाज के साथ-साथ गाजियाबाद क्षेत्र की जनता के लिए कई जन-कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित कर रही है। होली, दीपावली, दशहरा के अलावा समिति द्वारा अपने उत्तराखंड के लोक सांस्कृतिक पर्व फूल देई तथा उत्तरैणी-मकरैणी (कौथिग) महोत्सव का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड से बाहर रहने के बावजूद भी हम सभी अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं। इसमें दो राय नहीं की मातृभूमि की प्रति हमारा अटूट प्रेम ही राष्ट्रीय एकता की कुंजी है।
श्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में भी हमारी सरकार पर्यटन एवं लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चार धाम शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है, जिसमें हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री शीतकाल में भी उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सागर रावत, संरक्षक विजय रावत, गणेश रौतेला, महासचिव दिनेश बडोला, उपाध्यक्ष सुबोध कोटनाला, आशीष नेगी, मोहन नेगी, चिरंजीलाल भट्ट, रूप सिंह रौथाण, उमेद पुंडीर, चंपा मनराल एवं रजनी इष्वाल आदि मौजूद थे।
होली के रंग प्रकृति के संग : दून पुस्तकालय में बच्चों के लिए हुआ कार्यशाला का आयोजन
देहरादून, ‘स्पेक्स’ संस्था के सहयोग से दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में होली के प्राकृतिक रंगों को बनाने की एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गयी. इसमें होली के दौरान सुरक्षित व प्राकृतिक रंगों के उपयोग के लाभ और रासायनिक रंगों के खतरों के बारे में बच्चों को जागरूक किया गया। इस अवसर पर हिमज्योति स्कूल के बच्चों ने कुछ सुंदर होली गीत भी प्रस्तुत किये।
‘स्पेक्स’ संस्था के डॉ. बृजमोहन शर्मा ने बताया कि होली के दौरान बाजार में अधिकतर चमकीले रंग आते हैं, जो कई तरह के रसायनों से बनते हैं, और स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक माने जाते हैं.इन रंगों से परहेज, प्राकृतिक रंगों के उपयोग तथा सामजिक जागरूकता पैदा करना इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य रहा है. कार्यशाला के जरिये बच्चे सब्जियों , फलों और फूलों द्वारा स्वयं रंग बनाने कि विधि के साथ -साथ स्वस्थ होली कैसे मनाये उसके बारे में सहज रूप से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
डॉ. शर्मा ने आसान तरीकों से बच्चों को सुरक्षित होली मनाने में प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की सलाह देते हुए कहा कि प्राकृतिक रंग का उपयोग स्वास्थ्य कि दृष्टि से आसान व अच्छा उपाय है। उन्होंने इस कार्यशाला में हरे, लाल, नीले, गुलाबी, केसरिया, और भूरे रंग बनाने की सरल विधियों को साझा किया गया।
बच्चों से कहा गया कि वे प्राकृतिक हरा रंग शुद्ध मेहंदी, पोदीना, धनिया,पालक आदि से लाल रंग, लाल चंदन, अनार के छिलके, चकुंदर आदि से व नीला रंग नील के पौधे से तथा केसरिया रंग टेसू या पलाश के फूलों से बनाया जा सकता है l
बच्चों को रासायनिक रंगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे आगाह करते हुए कहा कि हाल के अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि बाजार में मिलने वाले प्रमुख रंगों में जो घातक रसायनों का उपयोग होता है वह स्वास्थ्य से उचित रहते. उन्होंने बताया कि हरे रंग में मैलेकाइट ग्रीन और कॉपर सल्फेट,बैंगनी रंग में क्रोमियम आयोडाइड,सिल्वर रंग में एल्यूमिनियम ब्रोमाइड,काले रंग में लेडऑक्साइड पीले रंग में मेथिल येलो,लाल रंग में रोडामिन बी और मरक्यूरिक सल्फाइट होते हैं.ये सभी धातकीय रसायन, त्वचा रोग, आंखों में जलन, अंधापन, कैंसर जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकते हैं और पानी और मिट्टी को भी प्रदूषित करते हैं।
कार्यशाला में उपस्थित बच्चों से डॉ. बृजमोहन शर्मा ने सुरक्षित होली मनाने के उपायों को अपनाने कि अपील करते हुए कहा कि वे होली के दिन अपने शरीर पर नारियल का तेल या क्रीम अवश्य लगाएं,बालों में तेल लगाना न भूलें,पूरे बाजू की शर्ट और पैंट पहनें, धूप के चश्मे का प्रयोग करें। प्राकृतिक और हर्बल रंगों से होली खेलें।रंग छुड़ाने के लिए हल्के गर्म पानी का प्रयोग करें।यदि कोई रंग न छूटे तो दही और बेसन का लेप लगाएं।
साथ ही डॉ. शर्मा ने होली से एक सप्ताह पहले किसी प्रकार का कोई ब्यूटी ट्रीटमेंट न कराने,आंख, कान, नाक या खुले घाव पर रंग न लगने देने,सिंथेटिक रंगों से दूर रहने जैसे सुरक्षा टिप्स भी दिये,
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्र शेखर तिवारी ने सभी बच्चों का स्वागत किया और डॉ. बृजमोहन शर्मा के इस तरह के वैज्ञानिक जागरूकता के कार्यक्रमों को सराहनीय बताया l
कार्यशाला में स्पेक्स के अध्यक्ष डॉ. बृजमोहन शर्मा, ग्रासरूट अवेयरनेस एंड टेक्निकल इंस्टीट्यूट फॉर सोसायटी के सचिव नीरज उनियाल,राम तीरथ मौर्या, बाल प्रभाग प्रभारी मेघा विल्सन, शोध सहायक सुंदर सिंह बिष्ट, डॉ. योगेश धस्माना, बिजू नेगी,सुनील भट्ट, कुल भूषण नैथानी सहित अन्य लोग मौजूद रहे l
कार्यक्रम में हिमज्योति स्कूल, आसरा ट्रस्ट औ रफऐल स्कूल के बच्चे अन्य बच्चे और उनके अभिभावक व युवा पाठकों ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया.
स्वास्थ्य विभाग को मिले 117 और सीएचओ : डॉ धन सिंह रावत
-कहा, चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को शीघ्र मिलेगी तैनाती
-राज्य चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने विभाग को सौंपी चयन सूची
देहरादून, सूबे के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 117 और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मिल गए हैं। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने प्रतीक्षा सूची में शामिल इन चयनित सीएचओ की सूची विभाग को सौंप दी है। इन सभी चयनित सीएचओ को शीघ्र ही आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनाती दी जाएगी। जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर उपचार सुलभ कराना है। इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। डॉ रावत ने बताया कि प्रदेश में संचालित वेलनेस सेंटरों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिये विभाग द्वारा एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय से और सीएचओ की मांग की गई थी, जिसके तहत विश्वविद्यालय द्वारा प्रतीक्षा सूची से चयनित 117 सीएचओ की जनपदवार चयन सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी गई है। चयनित अभ्यर्थियों में अल्मोड़ा व हरिद्वार में 16-16, बागेश्वर व चमोली में 7-7, देहरादून व नैनीताल 15-15, पिथौरागढ़ व टिहरी 12-12, उधमसिंह नगर 6, उत्तरकाशी 5, रुद्रप्रयाग 4 और चंपावत में 2 सीएचओ का चयन किया गया है। जिन्हें शीघ्र ही जिलावार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दी जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि इससे पहले विभाग ने 1683 पदों के सापेक्ष 1515 सीएचओ की तैनाती कर दी थी। जिसमें से कुछ अभ्यर्थियों का चयन नर्सिंग अधिकारी के पद पर हो जाने से सीएचओ के पद खाली हो गए थे। जिन्हें भरने के लिये एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को सीएचओ प्रतीक्षा सूची से और चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित वेलनेस सेंटरों पर शत प्रतिशत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है ताकि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की सामान्य जांचें आसानी हो सके।
उत्तराखंड भाषा संस्थान बना चाटुकारों का अड्डा
– इन्हीं चाटुकार और स्वनामधन्य साहित्यकारों की सलाह पर हर साल ठिकाने लगाया जा रहा लाखों रुपए का बजट
– उत्कृष्ट पुस्तक अनुदान योजना में किताबों के नाम पर छप रहा कूड़ा, एक भी किताब नहीं समझी जा रही पुरस्कार लायक
“दो साल से नहीं हो रहे सरकारी स्तर के कवि सम्मेलन, मेले-ठेले के कवि सम्मेलनों में चुनींदा कवियों का कब्जा”
(लक्ष्मी प्रसाद बडोनी)
देहरादून, उत्तराखंड भाषा संस्थान और संस्कृति निदेशालय चाटुकार साहित्यकारों का अड्डा बन गया है और हर साल इनके जरिए लाखों रुपए के बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है। हर नीति इन्हीं चाटुकारों की सलाह से बनाई जा रही है। स्थिति यह है कि उन पुस्तकों को भी पुरस्कृत कर दिया जा रहा है, जिनमें कन्टेंट कुछ नहीं है, जबकि गलतियों की भरमार है। संस्थान के अनुदान से छापी गई एक भी पुस्तक को पुरस्कार लायक नहीं समझा जा रहा है, या अपने चहेतों को उन किताबों पर अधिमान देकर नज़रंदाज़ किया जा रहा है।
उत्तराखंड भाषा संस्थान के गड़बड़झाले की सिलसिलेवार पड़ताल करते हैं। सबसे पहले, संस्थान की उत्कृष्ट पुस्तक अनुदान योजना की ही बात करें, तो यह योजना अपने लक्ष्य से भटक गई है। पहले इस योजना के अंतर्गत गरीब लेखकों की अच्छी पांडुलिपि को किताब की शक्ल में प्रकाशित करने के लिए अनुदान देने का प्रावधान किया गया था। इसके अंतर्गत पांच लाख से कम वार्षिक आमदनी वाले लेखकों की उत्कृष्ट पांडुलिपि के लिए अनुदान दिया जाना था। लेकिन कुछ तथाकथित और चाटुकार साहित्यकारों की सलाह पर लेखकों की पात्रता की आमदनी पिछले साल 15 लाख रुपए सालाना कर दी गई। यानी यदि किसी की आमदनी सवा लाख रुपए महीना भी है, तो उसे आसानी से किताब प्रकाशित करने के लिए अनुदान मिल जाएगा। सवाल यह है कि जिस लेखक को सवा लाख रुपए महीना वेतन मिल रहा है, उसे अनुदान की क्या जरूरत। यही नहीं, अनुदान के लिए भी कोई मापदंड नहीं है। मनमर्जी के मुताबिक 10 से 50 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाता है। संस्कृति निदेशालय तो इससे कई कदम आगे है और चाटुकारों को दो-दो लाख रुपए तक का अनुदान दे दे रहा है और इस तरह हर साल लाखों रुपए का बजट ठिकाने लगाया जा रहा है। पुरस्कार प्रक्रिया गोपनीय रखने की बात कहकर अधिकाश अपने चहेतों या चाटुकारों को पुरस्कृत किया जा रहा है।
इसके अलावा, संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों के लिए कब समिति गठित हो जाती हैं, इसका भी कोई मापदंड नहीं है। कुछ समितियां तो ऐसी हैं, जिनमें दो-तीन बड़के साहित्यकारों का ही कब्जा जमाया हुआ है। मीडिया संस्थानों को भी यह लोग मैनेज कर लेते हैं, जिससे इन संस्थानों का कोई गड़बड़झाला सामने नहीं आ पाता। दो-तीन साल से राष्ट्रीय पर्वों पर सरकारी स्तर से होने वाले कवि सम्मेलन की परंपरा भी खत्म कर दी गई है। विभिन्न जिलों में मेलों में होने वाले कवि सम्मेलन में भी कुछ चुनींदा कवियों ने कब्जा जमाया हुआ है।
माणा हिमस्खल आपदा : 50 निकाले, 4 की मौत, 5 अभी भी दबे हुए
जोशीमठ, यहां के माणा गांव के पास शुक्रवार सुबह एबलांच में दबे सड़क निर्माण कार्य के 55 श्रमिकों में से 50 को बाहर निकाल लिया गया है। इनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है। बर्फ के मलबे में अभी पांच श्रमिक फंसे हुए हैं। आज सुबह से दोपहर तक 14 अन्य लोगों को भी बचाया गया है, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। रेस्क्यू आपरेशन अभी जारी है।
आईटीबीपी कमांडेंट विजय कुमार के अनुसार जिन मजदूरों का रेस्क्यू किया गया है उनमें से 2 से 3 मजदूरों को फ्रैक्चर और सिर में चोट आई है। उन्हें भर्ती कराया गया है। आईजी पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। बाकी बचे मजदूरों को जल्द ढूंढ लिया जाएगा। डीआईजी ग्राउंड पर काम कर रहे हैं इसलिए शाम तक अच्छी खबर आने की उम्मीद है। बचाए गए सभी मजदूर जोशीमठ अस्पताल में भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके से लौटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बर्फ में 55 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 50 लोगों को निकाल लिया गया है। 5 मजदूर को निकालने की कोशिश जारी है। बर्फबारी बहुत ज्यादा हुई है। जल्द से जल्द नेटवर्क स्थापित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 200 से ज्यादा जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। सेना, ITBP, एयरफोर्स, बीआरओ, एसडीआरएफ, फायर सर्विस और अन्य लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। सीएम ने कहा कि बीआरओ के मजदूर 8 स्टील कंटेनर में थे। 5 कंटेनरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
वहीं शुक्रवार रात को बर्फ के नीचे से निकाले गए मजदूरों को माणा गांव के पास सेना के कैंप ले जाया गया था, जिनमें 3 की हालत गंभीर थी, उनको इलाज के लिए आर्मी चिकित्सालय ज्योर्तिमठ में भर्ती कराया गया है। सेना और ITBP के जवान बर्फ में दबे बाकी मजदूरों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं। उत्तराखंड सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। वहीं पीएम मोदी ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
घटना स्थल से 30 किलोमीटर सड़क पर बर्फ जमी होने की वजह से वहां पहुंचने में रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस बात को माना कि बचाव काम चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास करीब सात फुट तक बर्फ जमी हुई है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने उत्तराखंड राजमार्गों पर भूस्खलन शमन के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, देहरादून के साथ परामर्श भूमिका का विस्तार किया
ऋषिकेश, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आरo केo विश्नोई ने बताया कि ऊर्जा के विभिन्न रूपों से ऊर्जा उत्पादन करने के अलावा, टीएचडीसीआईएल समग्र भारत में ढलान स्थिरीकरण समाधानों के लिए अग्रणी परामर्शी सेवा प्रदाता के रूप में भी उभर रहा है। बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में अपनी भूमिका को सुदृढ करते हुए, टीएचडीसीआईएल ने अतिरिक्त तीन वर्षों के लिए अपनी परामर्श सेवाओं के विस्तार के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), देहरादून के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। श्री विश्नोई ने कहा कि एमओयू के तहत, टीएचडीसीआईएल भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों का अध्ययन करने और उत्तराखंड में चारधाम मार्ग, कैलाश मानसरोवर मार्ग के एक हिस्से और अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों सहित विकास के तहत खंडों के लिए शमन उपायों की सिफारिश करने के लिए एक सलाहकार के रूप में जारी रहेगा। इस परामर्शी कार्य से लगभग ₹ 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा ।
टीएचडीसीआईएल के निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेंद्र गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि संगठन विशिष्ट स्थलीय चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए लचीले और पारंपरिक तरीकों को एकीकृत करते हुए उन्नत भू-तकनीकी समाधान अपना रहा है। यह पहल उत्तराखंड में सड़क के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और विश्वसनीयता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।
समझौता ज्ञापन पर टीएचडीसीआईएल के कार्यपालक निदेशक(तकनीकी) श्री संदीप सिंघल एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, देहरादून के मुख्य अभियंता एवं आरओ श्री दीपक कुमार शर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की ओर से महाप्रबंधक डॉ. नीरज कुमार अग्रवाल और प्रबंधक (परिकल्प एवं अभियांत्रिकी) श्री अमित श्याम गुप्ता के साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, देहरादून की ओर से अधीक्षण अभियंता श्री पूरन सिंह तथा अधिशासी अभियंता श्री सुमित रूपम सौरव भी मौजूद थे।
टीएचडीसीआईएल अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, एनएचएआई पुणे, एनएचएआई शिलांग, उत्त्तराखंड राज्य लोक निर्माण विभाग एवं एनएचआईडीसीएल सहित विभिन्न क्षेत्रों में इसी तरह के परामर्श कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल है। इसके अतिरिक्त, कंपनी श्री माता वैष्णो देवी और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के लिए महत्वपूर्ण ढलान संरक्षण और रॉकफॉल शमन समाधान प्रदान कर रहा है, जो लचीले एवं नवीनतम उपायों को अपनाते हुए बुनियादी ढांचे को सुरक्षा प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ करता है।
स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स से होगी 1300 चतुर्थ श्रेणी पदों पर भर्ती
देहरादून। स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स से चतुर्थ श्रेणी के खाली 1300 पदों पर भर्ती होगी। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू किए जाने को अफसरों को निर्देश दिए। यमुना कालोनी सरकारी आवास में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में लंबे समय से खाली चल रहे चतुर्थ श्रेणी के 1300 पदों पर जल्द भर्ती होगी। इसके लिये विभागीय अधिकारी सभी औपचारिकता पूरी कर आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके अलावा विभाग के विभिन्न संवर्गों में खाली पदों को भरा जाए। देहरादून में 98, हरिद्वार 110, चमोली 190, टिहरी 78, पौड़ी 49, पिथौरागढ़ 137, ऊधमसिंह नगर 76, नैनीताल 356, अल्मोड़ा 30, उत्तरकाशी 46, रुद्रप्रयाग 85, चम्पावत 42 और बागेश्वर में दो पद खाली हैं। कहा कि लंबे समय से चतुर्थ श्रेणी के पद खाली होने से अस्पतालों की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। इसे दुरुस्त करने को चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की भर्ती जरूरी है।
कहा कि 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को न्यूनतम किया जाए। अस्पतालों में कैंटीन संचालन को दुरुस्त कर मरीजों को स्वच्छ, पौष्टिक भोजन सुनिश्चित किया जाए। डॉक्टरों के लिए आवासीय सुविधा मुहैया कराई जाए। इसके अलावा टीबी मुक्त भारत अभियान और एनीमिया मुक्त भारत अभियान को और प्रभावी रूप से चलाने को ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार, मिशन निदेशक एनएचएम स्वाति भदौरिया, अपर स्वास्थ्य आनंद श्रीवास्तव, अनुराधा पाल, प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सुनीता टम्टा, डॉ अजीत मोहन जौहरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
छोटे छोटे प्रयासों ऊर्जा संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण : अमित सिन्हा
देहरादून। उत्तराखंड में सक्षम 2024-25 के राज्य स्तरीय समन्वयक(एसएलसी) के रूप में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में शुक्रवार को समापन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें तेल विपणन कंपनियों की ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया गया। सक्षम का आयोजन 14 से 28 फरवरी तक पूरे देश में किया गया। जिसके तहत वॉकेथॉन, साइक्लोथॉन, समूह चर्चाएं, एलपीजी पंचायतों सहित कई गतिविधियां की गई। मुख्य अतिथि आईपीएस और विशेष खेल सचिव अमित कुमार सिन्हा ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास भी ऊर्जा संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर सतत आदतों को अपनाने और ऊर्जा खपत के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रोत्साहित किया। विशिष्ट अतिथि कार्यकारी निदेशक आईओसीएल यूपी हेमंत राठौड़ ऊर्जा जागरूकता अभियान, ऊर्जा दक्षता उपाय, स्वच्छ हरित भविष्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। आईआईपी निदेशक डॉ. हरेंद्र सिंह बिष्ट ने सतत ऊर्जा समाधान प्राप्त करने में अनुसंधान और नवाचार के महत्व पर जोर दिया। मौके पर तेल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता के महत्व को लेकर नुक्कड़ नाटक भी किया गया। अंत में सक्षम 2024-25 पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में आईआईपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक, विभागाध्यक्ष, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और इंडियन ऑयल के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
महाविद्यालय में किया गया कैरम प्रतियोगिता का आयोजन
हरिद्वार(कुलभूषण)महाविद्यालय में आज खेलकूद विभाग द्वारा कैरम प्रतियोगिता (छात्र व छात्रा वर्ग) का आयोजन किया गया। कैरम प्रतियोगिता छात्र वर्ग में तरूण व शशांक तथा कैरम प्रतियोगिता छात्रा वर्ग में मानसी वर्मा व कशिश ठाकुर की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
उक्त जानकारी देते हुए महाविद्यालय के मुख्य खेलकूद अधीक्षक प्रो. तेजवीर सिंह तोमर ने समस्त टीम को अपनी शुभकामनायें करते हुए बताया कि कैरम प्रतियोगिता छात्रा वर्ग में टीम 1 में बी.ए. षष्टम् सेमेस्टर की छात्रा मानसी वर्मा तथा बीकॉम चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा काशिश ठाकुर, टीम 2 में बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा संजना व बी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा कोमल ने प्रतिभाग किया। कैरम प्रतियोगिता छात्र वर्ग में टीम 1 में
बीकॉम चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र तरूण व शशांक तथा टीम 2 में बीकॉम. चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र सुमित जोशी व बी.एससी. द्वितीय सेमेस्टर के छात्र अर्जुन ने प्रतिभाग किया।
खेलकूद अधीक्षक विनय थपलियाल ने समस्त प्रतिभागियों व विजयी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनायें प्रेषित करते हुए बताया कि कैरम प्रतियोगिता में छात्र वर्ग में तरूण व शशांक तथा कैरम प्रतियोगिता छात्रा वर्ग में मानसी वर्मा व कशिश ठाकुर की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने समस्त प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनायें प्रेषित करते हुए कहा कि खेलों से हमारे जीवन में अनेक प्रकार के गुणों का विकास होता है।
कैरम प्रतियोगिता के समस्त प्रतिभागियों व विजयी टीम की समस्त़ छात्र-छात्रा
खिलाड़ियों को डा संजय कुमार माहेश्वरी, खेलकूद अधीक्षक डा सुषमा नयाल, खेलकूद प्रशिक्षक कु. रंजीता व मधुर अनेजा, डा लता शर्मा, डा रजनी सिंघल, डा पल्लवी राणा डा विनीता चौहान, डा मोना शर्मा, डा आशा शर्मा, डा पुनीता शर्मा, डा पूर्णिमा सुन्दरियाल, डा विजय शर्मा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि ने अपनी शुभकामनायें प्रेषित की।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर मानक क्लब द्वारा कार्यक्रम आयोजित
हरिद्वार(कुलभूषण)एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार में महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, विज्ञान संकाय तथा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक क्लब के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ सी वी रमन की याद में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘विकसित भारत के लिये विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना’ रखा गया । कार्यक्रम सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारंभ किया गया । कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने विज्ञान दिवस पर अपनी बात रखते हुये कहा कि विज्ञान के द्वारा ही हम आत्मनिर्भर बन रहे है, हमारे वैज्ञानिक नए आविष्कारों तथा वैज्ञानिक गतिविधियों से संपूर्ण विश्व में भारत की कीर्ति को दूर दूर तक प्रसारित कर रहे है । प्रो बत्रा ने कार्यक्रम के आयोजन हेतु विज्ञान संकाय तथा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक क्लब के विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा जनसामान्य में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा की प्रवृति प्रबल होती है । उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार, गुणवत्ता तथा मानकों का समन्वय आवश्यक हैं। राष्ट्रीय विज्ञान के इस कार्यक्रम में छात्र छात्राओं के द्वारा पोस्टर एवं मॉडल की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसके अतिरिक्त अनेक छात्र छात्राओं ने प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के किरदार को अपनाकर अपनी अपनी प्रस्तुति दी। छात्र कल्याण अधिष्ठाता तथा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ० संजय माहेश्वरी ने अपने संबोधन में विज्ञान दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानकों को निर्धारित किए बिना उच्च कोटि के वैज्ञानिक शोध संभव नहीं हो सकते। इस अवसर पर मानक क्लब के मेंटर डॉ विजय शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्ता तथा मानकों के प्रति जागरूक करने से उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने में सहायता मिलती हैं। इस कार्यक्रम में निर्णायक मण्डल की भूमिका डॉ० सरोज शर्मा , डॉ० मोना शर्मा एवं आंकाक्षा पांडे ने निभाई।
मॉडल प्रतियोगिता में सृजिता, खुशी एवं स्नेहा को प्रथम, विकास, प्रतिमा को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार तथा अदिति को तृतीय पुरस्कार मिला I जबकि पोस्टर प्रतियोगिता में स्नेहा सिंघल को प्रथम, आकांक्षा पाल को द्वितीय तथा प्रेरणा, जिया, अनु एवं हिमांशी को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार मिला । कार्यक्रम में डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ लता शर्मा, डॉ आशा शर्मा , डॉ मोना शर्मा , विनित सक्सेना , डॉ सरोज शर्मा , डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ पद्मावती तनेजा, डॉ पुनीता शर्मा, दीपिका आनंद, डॉ पल्लवी ,डॉ मीनाक्षी ,डॉ रजनी सिंघल ,डॉ रेनु सिंह, डॉ यादवेंद्र सिंह, प्रिंस श्रोत्रिय, डा विजय शर्मा,निष्ठा चौधरी, भव्या , साक्षी गुप्ता ,आकाक्षां पांडे, रिंकल गोयल ,रिचा मनोचा, रचना गोस्वामी, संदीप सकलानी, राजीव कुमार आदि ने सहभाग किया ।