देहरादून, उत्तराखण्ड़ सरकार ने वन्यजीवों के हमले में मौत होने पर चार लाख रुपये की जगह अब छह लाख का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की गई है, लेकिन इसके साथ ही सरकार ने कुछ नए प्रावधान भी जारी किए हैं।
मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली 2024 की अधिसूचना जारी हो गई है। जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान के मुआवजा प्रबंधन के लिए प्रमुख वन संरक्षक की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति गठित की जाएगी। इस समिति की देखरेख में 20-20 लाख रुपये सभी वन प्रभागों के खातों में भेजे जाएंगे। अगर कोई संस्था इस निधि में दान करेगी तो उसे आयकर अधिनियम तहत आयकर छूट मिलेगी।
मानव-वन्य जीव संघर्ष की लगातार बढ़ रही घटनाओं के बीच सरकार ने मुआवजे की राशि बढ़ा दी है। इसके साथ ही फसलों, मकानों, पशुओं पर भी जंगली जानवरों के नुकसान पर मुआवजा मिलेगा, स्थानीय जनप्रतिनिधि व वन विभाग के कर्मियों की पुष्टि के बाद 48 घंटे के भीतर मानव हानि पर 30 प्रतिशत, पशु हानि पर 20 प्रतिशत मुआवजा मिल जाएगा। वहीं, फसलों के हानि की घटना की सूचना दो दिन के भीतर स्थानीय वन अधिकारी को लिखित रूप से देनी होगी, जिस पर जांच के बाद 15 दिन के भीतर मुआवजा मिल जाएगा। मुआवजे की राशि राज्य आपदा मोचन निधि और मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि से मिलेगी।
जानिए किन जानवरों के हमले पर मिलेगा मुआवजा :
बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू, लकडबग्घा, जंगली सुअर, मगरमच्छ, घड़ियाल, सांप, मधुमक्खी, ततैया, लंगूर और बंदर से मानव को हानि होने पर। बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू, लकडबग्घा, जंगली सुअर, मगरमच्छ, घड़ियाल, सांप से पशुओं को हानि होने पर। जंगली हाथी, जंगली सुअर, नील गाय, काकड़, सांभर, चीतल, लंगूर और बंदरों से फसलों को हानि होने पर। जंगली हाथी व तीनों प्रजाति के भालुओं से मकान को हानि होने पर मुआवजा मिलेगा।
लालच में जंगल भेजा तो होगा मुकदमा
अगर मुआवजे के लालच में किसी ने अपने परिवार के सदस्य या बाकी व्यक्ति को जो बुजुर्ग, बीमार , विकलांग या मानसिक रूप से असंतुलित है , ऐसे व्यक्तियों को जंगल में भेजा तो उसे मुआवजा नहीं मिलेगा। मुआवजे के दावे के अवैध होने की पुष्टि पर मुकदमा दर्ज होगा।
हमले में मानव क्षति पर इतना मुआवजा :
-साधारण घायल 15,000-16,000
-गंभीर घायल 1,00,000
-आंशिक रूप से अपंग 1,00,000
-पूर्ण रूप से अपंग 3,00,000
-हमले में मृत्यु होने पर 6,00,000
पशुओं को हानि होने पर इतना मुआवजा :
-गाय, जबू व जुमो 37,500
-बकरी, भेड़, सुअर 5,000
-ऊंट, घोड़ा, बैल 32,000
-बछड़ा, गधा, खच्चर 20,000
-तीन वर्ष से अधिक
आयु की भैंस 37,500
-घोड़ा, खच्चर 40,000
-तीन वर्ष से अधिक
आयु के बैल 32,000
-बछिया 20,000
फसलों को हानि होने पर इतना मिलेगा मुआवजा :
-गन्ना संपूर्ण फसल 25,000 प्रति एकड़
-धान, गेहूं, तिलहन संपूर्ण फसल 15,000 प्रति एकड़
-बाकी सभी फसलों की क्षति पर 8,000 प्रति एकड़
जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू से मकान को हानि पर मिलेगा इतना मुआवजा :
-पक्का मकान पूर्ण क्षति 1,50,000
-कच्चा मकान पूर्ण क्षति 1,30,000
-कच्चा मकान आंशिक क्षति 20,000
-झोपड़ी आदि से निर्मित आवास क्षति 8,000
-पक्के मकान की चहारदीवारी की क्षति या मकान को आंशिक क्षति 15,000
दो नए पशु भी शामिल, मृत्यु पर मुआवजा :
वन्यजीवों की ओर से पशु क्षति में पहली बार उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले दो नए पशुओं को भी शामिल किया गया है। इसमें जबू और जुमो की मृत्यु होने पर 37,500 रुपये का मुआवजा मिलेगा।
राज्य की सभी विधान सभाओं में होगा ‘नमो नव मतदाता’ सम्मेलन का आयोजन, प्रथम बार वोट करने वाले मतदाता लेंगे भाग
देहरादून, भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा नमो नव मतदाता सम्मेलन के निमित एक प्रेस वार्ता का आयोजन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर किया गया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री विपुल मैंदोली ने बताया की 25 जनवरी को पूरे भारत में नमो नव मतदाता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
नमो नव मतदाता सम्मेलन को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाइव संबोधित किया जाएगा। नव मतदाता सम्मेलन में प्रधान मंत्री फर्स्ट टाइम वोटर से सीधा संवाद करेंगे।
इस दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तराखंड की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं नमो नव मतदाता की प्रदेश संयोजक दिव्या राणा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की पूरे उत्तराखंड प्रदेश में 70 की 70 विधानसभाओं में नव मतदाता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।।
नमो नव मतदाता सम्मेलन में प्रत्येक विधान सभा में 18 से 25 वर्ष की आयु के कम से कम 1000 नव मतदाता जो इस बार के लोक सभा चुनाव में प्रथम बार वोट करेंगे इस सम्मेलन में प्रतिभाग करेंगे। इस नमो नव मतदाता सम्मेलन के माध्यम से पूरे उत्तराखंड में एक लाख से अधिक नव मतदाताओं से संपर्क किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अर्चित डावर, प्रदेश मीडिया प्रभारी अंशुल चावला, युवा मोर्चा महानगर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदेश मंत्री राजेश रावत, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यालय प्रभारी विमल चौधरी एवं युवा मोर्चा महानगर महामंत्री तरुण जैन आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
प्रदेश में लूट रही करोड़ों-अरबों की वन संपदा, वन मंत्री गहरी नींद में : जन संघर्ष मोर्चा
-बहुमूल्य खनिज माफियाओं की गिरफ्त में
-कम राजस्व प्राप्त होने के चलते नीलाम करने पड़ रहे कीमती उपहार
विकासनगर(दे.दून), जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में खनन माफियाओं एवं अधिकारियों की मिली भगत के चलते प्रदेश की करोड़ों-अरबों रुपए की वन संपदा लूटी जा रही है, लेकिन इन सबसे बेखबर वन मंत्री सुबोध उनियाल गहरी निंद्रा में हैं। वन मंत्री के इस निकम्मेपन की वजह से सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रुपए की चपत लग रही है। प्रदेश के अधिकांश विधायक/मंत्री अपने गुर्गों के माध्यम से इस काले सोने के कारोबार में रात दिन व्यस्त हैं। यह भी संभव है कि वन मंत्री पर इनका गहरा दबाव हो। वन मंत्री का अधिकारियों पर दबाव न होने के चलते इस काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है।
नेगी ने कहा कि प्रदेश के उपखनिज एवं बहुमूल्य खनिजों से जो राजस्व सरकार को प्राप्त होना चाहिए था, उसका 20 फ़ीसदी भी सरकार को नहीं मिल पा रहा है। इस खेल में माफिया-अधिकारी रातों-रात लखपति बन रहे हैं। नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि कम राजस्व वसूली के चलते सरकार को अपने कीमती उपहारों की नीलामी करने तक करने की नौबतन आन पड़ी है। नेगी ने कहा कि नदियों का सीना पूरी रात चीरा रहा है तथा परिवहन की जा रही उक्त अवैध उप खनिज को जंगलात चेक पोस्टों पर रोकने/पूछने वाला कोई नहीं है, सिर्फ खाना पूर्ति कर अपने हित साधे जा रहे हैं। प्रदेश में हो रहे इस काले कारोबार से सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
पत्रकार वार्ता में मो. असद एवं प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे।