Saturday, June 21, 2025
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बीकेटीसी सीईओ योगेंद्र सिंह ने बदरीनाथ-केदारनाथ धाम पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण

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“श्री बदरीनाथ- केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं को दुरस्त कर रहा अग्रिम दल”

रूद्रप्रयाग/गोपेश्वर, श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अजेंद्र अजय के निर्देश पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बीते बुद्धवार को श्री बदरीनाथ धाम पहुंच कर यात्रा व्यवस्धाओं का निरीक्षण किया |
वहीं विगत सोमवार 22 अप्रैल को मुख्य कार्याधिकारी ने श्री केदारनाथ धाम पहुंच कर यात्रा व्यवस्थाओं तथा श्री मंदिर व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। ज्ञातब्य है कि इसी दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी केदारनाथ धाम में यात्रा तैयारियों का जायजा लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये थे।
बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बुद्धवार को मंदिर के सिंहद्वार परिसर, मंदिर समिति गेस्ट हाउसों, दर्शन पंक्ति, तप्तकुंड परिसर, मंदिर मार्ग, बस टर्मिनल स्थित कार्यालय का मौके पर निरीक्षण किया तथा अग्रिम दल को आवश्यक कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिये।
मुख्य कार्याधिकारी बदरीनाथ में शीतकाल में सुरक्षा में तैनात मंदिर समिति स्वयंसेवकों तथा आईटीबीपी, पुलिस के जवानों से भी मिले। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ दोनों धामों में मंदिर समिति के अग्रिम दल यात्रा व्यवस्थाओं को दुरस्त कर रहा है।इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को प्रातः खुल रहे है जबकि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुल रहे है।
मुख्य कार्याधिकारी ने श्री बदरीनाथ धाम में आधारभूत अस्थाई संरचनाओं के निर्माण हेतु भी निर्देश दिये वीआईपी तथा वीवीआईपी दर्शन व्यवस्था हेतु किये गये निर्माण का भी जायजा लिया।
बीकेटीसी मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा मास्टर प्लान के चलते पूर्व प्रस्तावित आवश्यक ढांचागत निर्माण कार्यों को प्रारम्भ किया गया है ताकि दोनों धामों में कपाट खुलने से पहले सभी आवश्यक कार्य सम्पादित हो सकें।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ जानकारी दी कि विगत 13 अप्रैल बैशाखी के शुभ अवसर पर अवर अभियंता गिरीश रावत औ के साथ मंदिर समिति का 20 सदस्यीय अग्रिम दल मंदिर कर्मियो- स्वयंसेवकों तथा मजदूरों सहित श्री बदरीनाथ पहुंच गया था तथा आजकल यात्रा पूर्व तैयारियों मंदिर परिसर की साफ सफाई, रंग-रोगन, बिजली, पानी आवास आदि व्यवस्थाये दुरस्त कर रहा है।
वहीं अवर अभियंता विपिन कुमार सहित बीस सदस्यीय अग्रिम दल श्री केदारनाथ धाम यात्रा व्यवस्थाओं को दुरस्त कर रहा है आज कल अग्रिम दल द्वारा केदारनाथ मंदिर पहुंच मार्ग की मरम्मत, बिजली पानी व्यवस्था सुचारू करने तथा प्रवचन हाल की मरम्मत साफ सफाई एवं कर्मचारियों के आवास हेतु व्यवस्था हेतु कार्य चल रहा है।
बदरीनाथ धाम में इस अवसर पर अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, सहायक अभियंता गिरीश देवली सहित अवर अभियंता गिरीश रावत, सुपरवाइजर भागवत मेहता,संजय भंडारी सहित मंदिर समिति के शीतकालीन सुरक्षा में तैनात स्वयंसेवक / मंदिर कर्मी दर्शन कोटवाल, मोहन सिंह राणा, दिलबर रावत, प्रेम भंडारी आदि भी मौजूद रहे।

 

 

चारधाम यात्रा : श्रद्धालुओं से गेस्ट हाउसों की बुकिंग में जीएमवीएन ने कमाये आठ करोड़

देहरादून, अगले माह चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, सरकार लगातार तैयारियों में जुटी है, इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। जिस प्रकार से बड़ी संख्या में यात्री अपना पंजीकरण करवा रहे हैं और यात्रा शुरू होने से पूर्व ही यात्रा मार्गो पर स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउसों की बुकिंग में लगातार इजाफा हो रहा है उसे देखकर संभावना है कि इस बार भी चारधाम यात्रा पिछले वर्ष के 56.31 लाख श्रद्धालुओं के रिकॉर्ड को तोड़ेगी।

चारधाम यात्रा से पूर्व यात्रा मार्गो पर स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउसों के लिए श्रद्धालुओं ने 22 फरवरी 2024 से अभी तक 80533229.00 (आठ करोड़ पांच लाख तैंतीस हजार दो सो उनतीस) की बुकिंग करवा ली है और यह आंकड़ा लगातार बढता जा रहा है, चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 अप्रैल 2024 से पंजीकरण प्रारम्भ कर दिये गये थे। अभी तक गंगोत्री के लिए 273691, यमुनोत्री 249864, केदारनाथ, 512976, बद्रीनाथ 429949 और हेमकुण्ड साहिब के लिए 22961 यात्रियों सहित कुल 1489441 श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण कराया है।
चारधाम यात्रा के दृष्टिगत एक स्टेट लेवल कन्ट्रोल रूम की स्थापना देहरादून स्थित उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय की गई है जो कि पूरे यात्रकाल के दौरान संचालित रहेगा। प्रतिदिन प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक संचालित कन्ट्रोल रूम वर्तमान में भी संचालित है।
पर्यटकों और यात्रियों को देव दर्शनों के दौरान लम्बी कतारों एवं अधिक समय तक प्रतिक्षा न करनी पड़े इसके लिए चारधाम यात्रा में धामों के दर्शन के लिए टोकन/स्लॉट की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी है।। इस हेतु पंजीकरण / टोकन / सत्यापन व्यवस्था हेतु कार्यरत एजेन्सी के साथ पर्यटन विभाग के अधिकारियों द्वारा धामों का स्थलीय निरीक्षण जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारियों के साथ कर स्थल भी चयनित किये जाने प्रस्तावित हैं। इस व्यवस्था के लागू हो जाने पर किसी भी यात्री को कतार/लाईन में एक घंटे से अधिक का इंतजार नहीं कराना होगा। यात्रा काल में 115 उपनल और पी०आर०डी० के माध्यम से पर्यटक सुरक्षा, सहायता मित्रों की तैनाती की जा रही |
चारधाम यात्रा के दौरान सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया जायेगा। यात्रा मार्गो पर
वर्तमान में सुलभ इन्टरनेशनल संस्था के माध्यम से 1584 सीटों वाले 147 स्थाई शौचालयों की व्यवस्था है। इसके अतिरिकत चारधाम यात्रा मार्गो यथा गंगोत्री तथा यमुनोत्री मार्ग पर 82 सीट, जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत विभिन्न स्थलों पर निर्मित कुल 251 सीट, जनपद चमोली के यात्रा मार्ग पर 60 सीट एवं हेमकुण्ड साहिब यात्रा मार्ग पर 80 सीट स्टील फ्रेम शौचालयों का संचालन किया जा रहा है।

स्थानीय ग्रामीणों एवं स्कूली बच्चों को जंगल की आग से कैसे करें बचाव को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला

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देहरादून, सामाजिक सरोकार से जुड़ी संस्था देव भूमि स्वराज फाउंडेशन द्वारा आज ग्राम गैरबारम, जिला चमोली एवं जनता हायर सेकेंडरी स्कूल, गैरबारम में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं जो नजदीक के ग्रामों से आते है, उत्तराखंड राज्य विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के सहयोग से प्रायोजित “जंगल की आग के सन्दर्भ में ग्रामीणों को व्यावहारिक प्रशिक्षण ” विषय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के ग्राम गैरबारम में दिनेश कंडारी, मोहन सिंह बिष्ट (वन अधिकारी, पश्चिमी पिंडर), डॉ पुष्पेंद्र सेमवाल, इन्दर सिंह, ने अपने उद्बोधन में उन्होंने ग्रामीण लोगों एवं जन प्रतिनिधियों को जंगल की आग के सन्दर्भ में प्रशिक्षण एवं जानकारी दी, इसके साथ गैरबारम के जनता हायर सेकेंडरी स्कूल में दिनेश कंडारी, मोहन सिंह बिष्ट (वन अधिकारी, पश्चिमी पिंडर), डॉ. पुष्पेंद्र सेमवाल, इन्दर सिंह, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य अनिल मनोरी, अध्यापक बिक्रम सिंह, देवी प्रसाद, सूर्या प्रकाश के साथ विद्यालय के छात्र छात्राओं को जंगल की आग सम्बंधित प्रमुख कारण, आग का पर्यावरण प्रभाव, उपचारात्मक उपाय / सुझाव एवं इससे नुकसान की बारीकियों से विषय पर जानकारी के साथ ही यह भी बताया कि इसको भविष्य में जानकारी से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है तथा भविष्य में कभी भी कही जंगल या किसी भी क्षेत्र में आग लगने पर सम्बन्ध में लोगों को जानकारी देना एवं किस विभाग से तुरंत संपर्क करना है, आज ग्राम वासियों और स्कूल के छात्र-छात्राओं, शिक्षक वर्ग ने गंभीरता से इस और ध्यान और सतर्क रहने का प्रण किया। विद्यालय के छात्र छात्राओं ने भी अपने जानकारी अनुसार जानकारी दी, जो कि इस विषय में बहुत लाभकारी होगी।
इस कार्यक्रम में ट्रस्ट के डायरेक्टर इन्दर सिंह , मोहन सिंह बिष्ट (वन अधिकारी, पश्चिमी पिंडर), डॉ पुष्पेंद्र सेमवाल, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य अनिल मनोरी, अध्यापक त्रिबिक्रम सिंह, देवी प्रसाद, सूर्या प्रकाश सहित ग्रामीणों एवं नवी एवं दसवीं कक्षा के छात्र-छात्रायें एवं अध्यापकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन गैरबारम ग्राम में गजपाल सिंह नेगी एवं जनता हायर सेकेंडरी स्कूल, गैरबारम में देवी प्रसाद द्वारा किया गया ।

गंगा की तेज धारा में बह गया युवक, दोस्तों के साथ हरिद्वार नहाने आया था

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हरिद्वार, हरियाणा से अपने दोस्तों के साथ आया युवक हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र के चित्रकूट घाट पर नहाने के दौरान डूब गया। एसडीआरएफ का युवक की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है।
पुलिस के मुताबिक कल 23 अप्रैल को सिटी कंट्रोल रूम, हरिद्वार द्वारा एसडीआरएफ को सूचित किया गया कि सप्तऋषि क्षेत्रान्तर्गत दुधिया वन चित्रकूट घाट के पास एक युवक नहाते समय डूब गया है। सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची |
इन दिनों मैंदान से लेकर पहाड़ों तक गर्मी बढ़ने लगी है जिस कारण पर्यटक उत्तराखंड की वादियों का रुख करने लगे हैं। अक्सर गर्मियों के इन दो-तीन महीनों में ऋषिकेश और हरिद्वार के घाटों पर स्नान करने वालों की संख्या बढ़ जाती है। हर बार पर्यटक लापरवाही बरतते हुए हादसों का शिकार हो जाते हैं।
इसी बीच खबर आ रही है कि बीते दिन 23 अप्रैल को 40 वर्षीय नरवीर पुत्र हुकुम सिंह निवासी आल्दो (हरियाणा) के नूंह जनपद से दोस्तों के साथ हरिद्वार घूमने आया था। दोपहर के समय सभी दोस्त उत्तरी हरिद्वार में ठोकर नम्बर 11 अग्रसेन घाट पर नहा रहे थे। इस दौरान नरवीर गंगा के तेज बहाव में आकर डूब गया। जिसके बाद उसके दोस्तों ने पहले अपने स्तर से उसकी तलाश की फिर पुलिस को सूचना दी। SDRF टीम द्वारा एसआई सचिन रावत के नेतृत्व में संभावित स्थानों पर राफ्ट तथा डीप डाइविंग के जरिए लगातार सर्च किया जा रहा है।

 

रेस्टोरेंट में लगी आग में फंसे 03 व्यक्तियों को पुलिस ने सकुशल किया रेस्क्यू

देहरादून, समय पर सूचना मिलने और त्वरित कार्यवाही होने पर आग में फंसे लोगों के लिये पुलिस देवदूत साबित हुई। घटना दून के सेलाकुंई क्षेत्र की है, जहां एक रेस्टोरेंट में लगी आग में फंसे 03 व्यक्तियों को पुलिस ने सकुशल रेस्क्यू किया। यही नहीं पुलिस के जवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर भरे हुए गैस सिलेण्डरों को हटाकर बड़ी अनहोनी होने से रोक दी। इस दौरान गैस पाइप के फटने से रेस्टोरेंट में अचानक आग धधकने लगी। पुलिस और फायर ब्रिगेड ने त्वरित कार्यवाही कर आग पर काबू पाया।

बता दें कि आज थाना सेलाकुई को सूचना मिली कि ICFAI यूनिवर्सिटी के पास स्थित समित भोजनालय में आग लग गई है और दुकान में भरे हुए गैस सिलेण्डर भी रखें हुए हैं, जिससे सम्भवत: कोई बडी दुर्घटना घटित हो सकती है। सूचना पर थानाध्यक्ष सेलाकुई मय पुलिस बल के तत्काल मौके पर पहुंचे और फायर स्टेशन सेलाकुई से दमकल के वाहनों को मौके पर पहुंचने के लिए अवगत कराया।

मौके पर समित भोजनालय में लगी आग के कारण आस पास खडे वाहन भी उसकी चपेट में आ गये थे। पुलिस ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू करते हुए दुकान के अन्दर फंसे 3 व्यक्तियों को सकुशल बाहर निकालकर एम्बुलेंस के माध्यम से उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए सुभारती अस्पताल भिजवाया। आग को फैलने से रोकने के लिये दुकान में रखे गैस सिलेण्डरों को तुरंत बाहर निकालते हुए सुरक्षित स्थान पर रखा गया। मौके पर दमकल के वाहनों द्वारा आग पर काबू पाया गया। पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही से घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है, मौके पर आग से दुकान पर रखा सामान और दुकान के पास खड़ी चार मोटर साइकिलें जल गई हैं।

आग से हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया गैस सिलेण्डर बदलते समय गैस पाइप के फट जाने के कारण आग लगना प्रकाश में आया है। आग लगने के विस्तृत कारणों की जांच की जा रही है।

घायल व्यक्ति :
मनीष शर्मा पुत्र राजेन्द्र शर्मा निवासी: राजा रोड सेलाकुई।यशपाल गुलेरिया पुत्र नरेश गुलेरिया निवासी: तलवार टावर झाझरा प्रेमनगर।
अभिषेक मिराडी छात्र ICFAI यूनिवर्सिटी

पुलिस टीम :

उ0नि0 सैंकी कुमार, थानाध्यक्ष सेलाकुई
उ0नि0 अनित कुमार
कां0 मुकेश पुरी
कां0 मुकेश भट्ट
कां0 सुधीर
कां0 उपेन्द्र भण्डारी
चालक संदीप रावत

भाषण देते हुए मंच पर अचानक बेहोश हुए गडकरी, गर्मी की वजह से हुये असहज

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मुम्बई, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार दोपहर महाराष्ट्र के यवतमाल में एक चुनावी रैली में बोलते समय बेहोश हो गए। रतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता को तुरंत उपचार मिला और वह थोड़े समय के अंतराल के बाद मंच पर वापस आने और अपना भाषण जारी रखने में सक्षम हुए। अपना भाषण पूरा करने के तुरंत बाद गडकरी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि पुसद, महाराष्ट्र में रैली के दौरान गर्मी की वजह से असहज महसूस किया। लेकिन अब पूरी तरह से स्वस्थ हूँ और अगली सभा में सम्मिलित होने के लिए वरूड के लिए निकल रहा हूँ। आपके स्नेह और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। घटना का वीडियो एक्स पर लाइव स्ट्रीम हो गया था। इस वीडियो में नितिन गडकरी को मंच पर मौजूद लोगों द्वारा ले जाते हुए दिखाया गया।
गडकरी नागपुर से उम्मीदवार हैं। इस सीट पर पहले चरण में वोट डाले जा चुके हैं। यह सीट उन्होंने 2014 और 2019 में जीती थी। गडकरी यवतमाल में राजश्री पाटिल के लिए प्रचार कर रहे थे। राजश्री शिंदे गुट की उम्मीदवार हैं। इस साल की शुरुआत में गडकरी के राजनीतिक भविष्य के बारे में अटकलें लगाई गई थीं, जब बीजेपी की तरफ से उन्हें नागपुर लोकसभा उम्मीदवार के रूप में नामित करने में देरी की गई थी। जिस पर चुटकी लेते हुए उद्धव ठाकरे ने शिवसेना उद्धव गुट के साथ जुड़ने का निमंत्रण भी दिया था।
उद्धव ने कहा था कि मैंने यह बात दो दिन पहले ही गडकरी को बता दी थी और मैं इसे दोबारा दोहरा रहा हूं। यदि आपका अपमान किया जा रहा है, तो भाजपा छोड़ दें और महा विकास अघाड़ी में शामिल हो जाएं। हम आपकी जीत सुनिश्चित करेंगे। जब हमारी सरकार सत्ता में आएगी तो हम आपको मंत्री बनाएंगे और यह शक्तियों वाला पद होगा। गडकरी ने ठाकरे की पेशकश पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अपरिपक्व और हास्यास्पद बताया।

 

पृथ्वी की जैव-विविधता एवं प्राकृतिक सुंदरता का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

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“राष्ट्रपति ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में परिवीक्षार्थियों को प्रदान किए प्रमाण पत्र और पदक”

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षणरत व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के भारतीय वन सेवा के परिवीक्षार्थियों के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किये।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बैच में 10 महिला अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के प्रगतिशील बदलाव की प्रतीक हैं। राष्ट्रीय वन अकादमी की पर्यावरण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों पर जंगलों के संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण की जिम्मेदारी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये अधिकारी अपने इस अप्रतिम दायित्व के प्रति सजग और सचेत होंगे एवं पूर्ण निष्ठा से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा की हमारी प्राथमिकताएं मानव केंद्रित होने के साथ-साथ प्रकृति केंद्रित भी होनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पृथ्वी की जैव-विविधता एवं प्राकृतिक सुंदरता का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे हमें अति शीघ्र करना है। वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण और संवर्धन के जरिए मानव जीवन को संकट से बचाया जा सकता है। भारतीय वन सेवा के पी. श्रीनिवास, संजय कुमार सिंह, एस. मणिकन्दन जैसे अधिकारियों ने ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्राण न्योछावर किए हैं। देश को भारतीय वन सेवा ने बहुत अधिकारी दिये हैं, जिन्होंने पर्यावरण के लिए अतुलनीय कार्य किए हैं। उनकी चर्चा बहुत सम्मान से की जाती है। उन सभी को आप अपना रोल मॉडल बनाएं एवं उनके दिखाए आदर्शों पर आगे बढ़ें।Uttarakhand News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इन्हें प्रमाण पत्र और पदक से  किया सम्मानित... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा

राष्ट्रपति ने भारतीय वन अकादमी के विशेषज्ञों से अपेक्षा की कि जलवायु की आपातकालीन स्थिति को देखते हुए प्रशिक्षार्थियों के पाठ्यक्रम में यथोचित संशोधन करने पर विचार करें। विश्व के कई भागों में वन संसाधनों की क्षति बहुत तेजी से हुई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से हम क्षति-पूर्ति तेज गति से कर सकते हैं। विभिन्न विकल्पों का आकलन करके भारत की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप समाधान विकसित करने की आवश्यकता है |
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास-रथ के दो पहिये होते हैं – परंपरा और आधुनिकता। आज मानव समाज पर्यावरण संबंधी कई समस्याओं का दंश झेल रहा है। इसके प्रमुख कारणों में विशेष प्रकार की आधुनिकता है, जिसके मूल में प्रकृति का शोषण है। इस प्रक्रिया में पारंपरिक ज्ञान को उपेक्षित किया जाता है। जनजातीय समाज ने प्रकृति के शाश्वत नियमों को अपने जीवन का आधार बनाया है। जनजातीय जीवन शैली मुख्यतः प्रकृति पर आधारित होती है। इस समाज के लोग प्रकृति का संरक्षण भी करते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सदियों से जनजातीय समाज द्वारा संचित ज्ञान के महत्व को समझा जाए और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए उसका उपयोग किया जाए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वन सेवा के सभी अधिकारियों को भारत के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संवर्धन ही नहीं करना है, बल्कि परंपरा से संचित ज्ञान का मानवता के हित में उपयोग करना है। आधुनिकता एवं परंपरा का समन्वय करके वन संपदा की रक्षा करनी है तथा वनों पर आधारित लोगों के हितों को आगे बढ़ाना है। जब भी आप किसी दुविधा में हों, तब आप संविधान के मूल्यों और भारत के लोगों के हितों को ध्यान में रख कर फैसला लें।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह के अवसर पर कहा कि यह समारोह हमारे राष्ट्रीय वन धरोहर के संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में नए योग्य नेतृत्व का उत्थान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय वन्य जीवन और वन्यजीव अध्ययन में उत्कृष्टता के लिए एक प्रमुख संस्था के रूप में, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी ने अपने क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संस्था ने वन्य जीवन के प्रबंधन, और संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के मानकों को स्थापित किया है और नए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड, हिमालय की गोद में बसा हुआ है, जो इसे प्राकृतिक सौंदर्य की एक अतुलनीय धरोहर प्रदान करता है। उत्तराखंड अपनी समृद्ध और विविध वन संपदा के लिए जाना जाता है। हमारे राज्य की प्रमुख संपत्ति इसके वन हैं, जो बहुत समृद्ध जैव विविधता का घर हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड जड़ी-बूटियों और सुगंधित पौधों की कई दुर्लभ प्रजातियों का घर है। उत्तराखण्ड के आम जन मानस वनों को देवतुल्य स्थान देते हुए इन्हें पूजते हैं, वास्तव में वनसंरक्षण के मामले में हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। भारतीय वन सेवा एक सम्मानित सेवा है जिसके साथ राष्ट्रसेवा की गौरवशाली परंपरा जुड़ी है। पश्चिमी घाट के घने जंगलों से लेकर विशाल हिमालय तक, सुंदरवन के मैंग्रोव क्षेत्रों से लेकर राजस्थान की मरुभूमि तक, आप अनेक विविधतापूर्ण स्थानों पर अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को उस ज्ञान, कौशल और मूल्यों से परिपूर्ण किया गया होगा, जिसके बल पर वे प्रत्येक परिस्थिति में हर कसौटी पर खरे उतरेंगे।
उन्होंने कहा कि वानिकी पेशेवरों के रूप में, हमारे इन अधिकारियों का एक महत्वपूर्ण चरण आरंभ होने जा रहा है जहां उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों के विषम क्षेत्रों में वनाग्नि और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने की चुनौतियाँ सामने होंगी। इनका सामना केवल तकनीकी विशेषज्ञता के बल पर नहीं, बल्कि तकनीकी लचीलेपन, बेहतर अनुकूलन क्षमता और संरक्षण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के द्वारा ही किया जा सकता है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके भारतीय वन सेवा सभी अधिकारी राष्ट्र की पारिस्थितिक सुरक्षा की रक्षा करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं तथा संरक्षण की अनिवार्यताओं को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, वन महानिदेशक और विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार, इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक जगमोहन शर्मा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

दून में 25 से 28 अप्रैल तक होगी रोल बॉल राष्ट्रीय चैंपियनशिप, 27 प्रदेशों से 45 टीमें लेंगी भाग

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), राज्य के लिये बड़े ही गर्व कि बात है की रोल बॉल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने रोल बॉल एसोसिएशन उत्तराखण्ड़ को अंडर -14 रोल बॉल राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। यह चैंपियनशिप बुधवार 25 अप्रैल से 28 अप्रैल 2024 तक दून के मल्टीपर्पस हॉल परेड ग्राउंड में आयोजित की जाएगी।
स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुये रोल बॉल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया से आये टूर्नामेंट डायरेक्टर मधु शर्मा ने बताया कि इस चार दिवसीय चैंपियनशिप में लगभग 27 प्रदेशों से 45 टीमों ने दावेदारी प्रस्तुत की है जिसमें लगभग 700 खिलाड़ी व 100 रोल बॉल तकनीकी अधिकारी प्रतिभाग कर रहे हैं |
उन्होंने कहा कि चैंपियनशिप में भाग लेने के लिये खिलाड़ी काफी उत्सुक हैं क्योंकि उत्तराखंड़ पर्यटक के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।

उत्तराखंड़ रोल बॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज भरद्वाज ने बताया कि इस प्रतियोगिता के दौरान उत्तराखंड में पहली बार वीडियो रेफेरल का प्रयोग किया जा रहा है क्योंकि रोल बॉल एक फ़ास्ट गेम है ।
पत्रकार वार्ता का संचालन उत्तराखंड रोल बॉल एसोसिएशन की सचिव चित्रांजलि नेगी ने किया, उन्होंने बताया के इस कॉन्फ्रेंस के दौरान उत्तराखंड रोल बॉल एन आई एस कोचेस शिवम् भरद्वाज , वशिष्ठ कुमार, प्रियंक शर्मा, आर्यन भरद्वाज व् उत्तराखंड रोल बॉल कमिटी के चैयरमेन श्री विजय चंदेल व् कमेटी के सदस्य मोहिनी नेगी, पूजा भरद्वाज, सतीश कुमार, सूरज शंकर धीमान, रीना धीमान, अभिमन्यु प्रताप सिंह नेगी, आशीष नेगी, अमित भाटिया, फ़िरोज़ खान अदि मौजूद रहे।

चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाली टीमें :

नॉर्थ जोन : उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरयाणा, चंडीगढ़, जम्मू एंड कश्मीर, लदाख, उत्तराखंड, हिमांचल पदेश।

साउथ जोन : तमिल नाडु, केरला, पॉन्डिचेरी, आंध्रा प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, अंडमान।

वेस्ट जोन : महाराष्ट्रा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, दमन एंड दिउ,
ईस्ट जोन : असम, ओडिशा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार, वेस्ट बबंगाल।

कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है – मदन कौशिक

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हरिद्वार ( कुलभूषण)  भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरिद्वार विद्यायक मदन कौशिक ने प्रेस वार्ता कर कंाग्रेस पार्टी द्वारा जारी घोषणा पत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के घोषणा पत्र को तुष्टीकरण की राजनीति करार देते हुए कहा कि इस घोषणा पत्र में देश के बहुसंख्यक लोगो के हीतो को दरकिनारे करते हुए इस वर्ग की अनदेखी की गयी है।
मध्य हरिद्वार स्थित होटल में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए  भाजपा के इस दिग्गज नेता ने कहा कि हरिद्वार लोकसभा सीट भाजपा भारी अन्तर से जीतने जा रही है। हरिद्वार लोकसभा सीट पर हुयी कम वोटिंग को नकारते हुए उन्होने कहा कि सारे में देश में इस प्रकार का रूझान मतदान को लेकर सामने आ रहा है ऐसे में 2019 की अपेक्षा 2024 में पांच प्रतिशत कम हुए मतदान से भाजपा के विजयी अभियान पर कोई प्रभाव नही पडने वाला है।
कंाग्रेस पर हमला बोलते हुए मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस ने साठ के दशक से ही देश में तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए अल्प संख्यको विशेषकर एक वर्ग विशेष को लाभ पहुचाने की दिशा में काम किया है। उन्होने कहा कील भारतीय जनता पार्टी देश का एक प्रमुख व जिम्मेदार राजनैतिक दल होते हुए कंाग्रेस के घोषणा पत्र को देश की जनता के सामने लाने व कांग्रेस से उसके चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वायदो पर अपनी नियत व नीति स्पष्ट करने की बात कही। उन्होने कहा की कांग्रेस द्वारा पूर्व में लागू किये गये कई निर्णयो को समय समय पर बदलने का कार्य किया गया। परन्तु एक बार फिर कंाग्रेस अपनी पूर्व की नीति पर चलकर समाज को बाटने का काम कर रही है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को सफल नही होने देगी। तथा देश व समाज तथा समाज के विभिन्न वर्गो के हीतो की आवाज को उठाने का काम करेगी। प्र्र्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष सन्दीप गोयल विकास तिवारी डा विशाल गर्ग उपस्थित रहे।

 

पूर्व सांसद सवेश सिंह की अस्थियां गंगा में प्रवाहितपूर्व सांसद कुंवर सर्वेश सिंह की अस्थियां गंगा जी में विसर्जित,सैकड़ो  समर्थक रहे मौजूद - shouryagatha

हरिद्वार  (कुलभूषण)मुरादाबाद (ठाकुरद्वारा)से पूर्व सांसद व भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे स्व०ठाकुर सवेश सिंह की अस्थिया विधि विधान के साथ नमामि गंगा घाट पर गंगा में उनके पुत्र सुशांत सिंह ने प्रवाहित की।
इससे पूर्व मुरादाबाद से उनके अस्थि कलश यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हुयी जिस पर विभिन्न मार्गों पर श्रद्धाजलि अर्पित की।
अस्थि कलश यात्रा मे बडी संख्या मे उनके समर्थकों ने अपने नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किये।
विदित हो की सवेश सिंह क्षेत्र के कददावर नेता रहे।श्रद्धाजलिं देने वालों मे उनके समधी संजीव कौशल,आशुतोष शर्मा,भूषण ननकानी,भारत भूषण शर्मा,विवेक मिश्रा,अधीर कौशिक,उत्तम सिंह चौहान एडवोकेट सहित हरिद्वार व रुडकी से विभिन्न संगठनों से जुड़े पद्वाधिकारी शामिल हुए।

वनाग्नि की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को तत्काल समुचित कदम उठाने के दिये निर्देश

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देहरादून, मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में वनाग्नि की रोकथाम के लिए मुख्य सचिव को समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में वनाग्नि की दृष्टि से समय बहुत चुनौतीपूर्ण हैं। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए तत्काल समुचित व्यवस्थाएं करने के निर्देश उन्होंने मुख्य सचिव को दिए हैं। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की घटना की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जाए। साथ ही विभागीय अधिकारी बेहतर तालमेल से कार्य करें ताकि इस तरह की घटनाओं को समय रहते रोका जा सके। सभी संबंधित विभागों की बैठक कर आवश्यक कार्यवाही की जाए।इस कार्य में स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  ने  किया परमार्थ निकेतन मे गंगा आरती में सहभाग

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ऋषिकेश(आरएनएस)। भारत की माननीय राष्ट्रपति   द्रौपदी मुर्मू जी, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त), उत्तराखंड के राज्यपाल  गुरमीत सिंह जी और माननीय राष्ट्रपति जी की सुपुत्री इति मुर्मू जी परमार्थ निकेतन पधारे। परमार्थ निकेतन में दोनों दिव्य विभूतियों का शंख ध्वनि, पुष्पवर्षा और वेदमंत्रों से दिव्य अभिनन्दन किया।
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर माननीय राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू जी और माननीय राज्यपाल  गुरमीत सिंह जी ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के दिव्य प्रांगण में स्वामी जी की साधना स्थली में विराजित माँ लक्ष्मी जी प्रतिमा को पुष्पहार अर्पित कर माननीय राष्ट्रपति जी ने शक्ति के प्रति श्रद्धा और भक्ति समर्पित की।
माननीन राष्ट्रपति   द्रौपदी मुर्मू जी ने कहा कि परमार्थ आश्रम, माँ गंगा के सन्निकट में गंगा आरती के इस पावन अवसर पर यहां उपस्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, उत्तराखंड के राज्यपाल महोदय और उपस्थित आश्रम के सभी अनुयायीगण, आज इस पावन अवसर पर यहां उपस्थित होने के लिये आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ। आज एक संयोग है कि आज हनुमान जयंती भी है, मंगलवार भी है और पूर्णिमा भी है। इस पावन दिवस में और इस पावन अवसर पर गंगा जी की आरती के समय आप सभी से मिलकर मैं अपने आप को धन्य महसूस कर रही हूँ। आप ने इस पावन अवसर पर बुलाया यह एक संयोग ही है। मुझे पता नहीं था कि आज इतना अच्छा दिन है। ये मेरे लिये माँ गंगा का आशीर्वाद ही होगा। परमार्थ गंगा आरती में मैं दूसरी बार सहभाग कर रही हूँ। पुनः मैं धन्यवाद देना चाहती हूँ कि इस पावन अवसर पर आप ने मुझे बुलाया; गंगा जी ने मुझे बुलाया। आप सभी से मिलकर मुझे आरती करने का मौका मिला इसलिये मैं बहुत -बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ।
तत्पश्चात माननीय राष्ट्रपति जी व माननीय राज्यपाल जी, स्वामी जी और साध्वी जी ने विभिन्न राष्ट्रोन्मुखी, उत्तराखंड राज्य के विकास, आध्यात्मिक तथा परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित सेवा पहलों के विषय में विचारों का आदान-प्रदान किया।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने परमार्थ निकेतन व डिवाइन शक्ति फाउंडेशन द्वारा संचालित कई प्रभावशाली, धर्मार्थ और मानवीय व पर्यावरणीय सेवा पहलों के विषय में जानकारी माननीय राष्ट्रपति जी के साथ साझा की। इन सेवा क्षेत्रों में सेवायें प्रदान कर रहें कुछ चयनित कार्यकर्ताओं और प्रतिभागियों को माननीय राष्ट्रपति जी से मिलने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।
दिव्यांगता मुक्त भारत अभियान के लाभार्थी युवा, नारी शक्ति, बेटियां, बच्चों तथा परमार्थ विजय पब्लिक स्कूल, उत्तरकाशी, जो कि नेत्रहीन बच्चों को समर्पित एक उत्कृष्ट स्कूल है, परमार्थ नारी शक्ति केंद्र, ऋषिकेश, जो कि स्लम क्षेत्रों के बच्चों व युवाओं की शिक्षा हेतु समर्पित है वहां के विद्याथियों और शिक्षिकाओं से माननीय राष्ट्रपति   द्रौपदी मुर्मू जी और माननीय राज्यपाल जी ने भेंट की।
परमार्थ निकेतन द्वारा इन सभी सेवा पहलों के माध्यम से दिव्यांगों को सम्मान के साथ सशक्त जीवन जीने का कौशल व हौसला प्रदान किया जा रहा है। परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित ये सभी उत्कृष्ट पहल दिव्यांगों के समर्थन व सम्मान हेतु समर्पित है। इनके माध्यम से महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाया जा रहा हैं साथ ही निःशुल्क कौशल विकास कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला संचालित की जा रही हैं।
माननीय राष्ट्रपति जी को वल्र्ड टॉयलेट कॉलेज सहित ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस (जीवा) के माध्यम से परमार्थ निकेतन द्वारा जल, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में भी जानकारी दी गयी। जीवा, स्वच्छता के मानकों और स्तर को बढ़ाने के लिये अद्भुत कार्य कर रहा है। स्वच्छता कर्मियों की सेवा का जश्न मनाना, जीवन में बदलाव लाने तथा समावेशी सशक्तिकरण के लिये विलक्षण सेवा कार्य किये जा रहे हैं।
तत्पश्चात माननीय राष्ट्रपति जी और माननीय राज्यपाल जी ने माँ गंगा के पवित्र तट होने वाली प्रसिद्ध माँ गंगा जी की आरती में सहभाग किया। हनुमान जयंती के अवसर पर परमार्थ निकेतन के  हनुमान घाट पर हनुमान जी की पूजा -अर्चना, गंगा पूजा और विश्व शांति हेतु पवित्र यज्ञ में आहुति समर्पित की।
स्वामी जी के पावन सान्निध्य में माननीय राष्ट्रपति जी और माननीय राज्यपाल जी, साध्वी जी, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों और देश विदेश से आये परमार्थ परिवार के सदस्यों ने परमार्थ गंगा तट पर दिव्य भक्तिमय वातावरण में हरिनाम संकीर्तन और गंगा जी की आरती की।
आज की संध्या का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। सभी देवभक्ति के साथ देशभक्ति के रंग मे ंरंग गये। पूरे परमार्थ गंगा तट पर देशभक्ति का अद्भुत उत्साह था। सभी भारत की राष्ट्रपति की गरिमामय उपस्थिति से अत्यंत प्रसन्न थे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय राष्ट्रपति   द्रौपदी मुर्मू जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा, इलायची की माला और हनुमत महोत्सव के पावन अवसर पर  हनुमान जी की दिव्य प्रतिमा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।   मुर्मू जी की शालीनता और राष्ट्र को समर्पित भावों को देखकर सभी गद्गद हो गये।
माननीय राज्यपाल  गुरमीत सिहं जी और इति मुर्मू जी को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया।

रिलायंस जियो ने डेटा खपत के मामले में बनाया नया रिकॉर्ड, बना दुनिया का नंबर एक ऑपरेटर

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नई दिल्ली, भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में अपनी धाक जमाने के बाद रिलायंस जियो ने डेटा खपत के मामले में भी एक नया वैश्विक रिकॉर्ड कायम किया है, डेटा ट्रैफिक के मामले में वह नंबर एक सेवा प्रदाता बन गई है।

टेलीकॉम कंपनियों के डेटा ट्रैफिक, ग्राहक आधार पर नजर रखने वाली फर्म टीएफिशियंट की रिपोर्ट के अनुसार पिछली तिमाही में रिलायंस जियो के नेटवर्क पर कुल डेटा ट्रैफिक 40.9 एक्साबाइट रहा। डेटा खपत का यह स्तर तय करते हुए इस भारतीय दूसरसंचार सेवा ऑपरेटर ने चाइना मोबाइल को पहले स्थान से विस्थापित कर दिया है। चीन की कंपनी अब दूसरे पायदान पर खिसक गयी है। चाइना मोबाइल के नेटवर्क पर आलोच्य अवधि में डेटा खपत 40 एक्साबाइट से भी कम रही।

चीन की एक और कंपनी चाइना टेलीकॉम डेटा खपत के मामले में तीसरे नंबर पर, तो भारत की एयरटेल चौथे नंबर पर रही। रिलायस जियो के एक अधिकारी ने कहा, 5जी सेवाओं के शुरु होने के बाद, रिलायंस जियो के डेटा खपत में पिछले वर्ष के मुकाबले 35.2 फीसदी का उछाल देखने को मिला। इस उछाल की मुख्य वजह है जियो का ट्रू 5जी नेटवर्क और जियो एयर फाइबर का विस्तार।

रिलायंस जियो के तिमाही नतीजों के मुताबिक जियो ट्रू 5जी नेटवर्क पर 10 करोड़ 80 लाख ग्राहक जुड़ चुके हैं और जियो के कुल डेटा ट्रैफिक का करीब 28 फीसदी हिस्सा अब 5जी नेटवर्क से आ रहा है। दूसरी तरफ जियो एयर फाइबर ने भी देश भर के 5,900 शहरों में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं।

सोमवार को जारी तिमाही नतीजों में कंपनी ने जो आंकड़े मुहैया कराए हैं उनके मुताबिक जियो नेटवर्क पर प्रति ग्राहक मासिक डेटा खपत बढ़कर 28.7 जीबी हो गई है, जो तीन साल पहले केवल 13.3 जीबी थी। गौरतलब है कि 2018 में भारत में एक तिमाही का कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक मात्र 4.5 एक्साबाइट था।