Wednesday, June 18, 2025
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नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में “हडको क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून को प्रथम पुरस्कार

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देहरादून: ओएनजीसी देहरादून के कौलागढ़ रोड स्थित केडीएमआईपीई सभागार में दिनांक 20 जून, 2024 को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (कार्यालय-2) की वर्ष 2024-25 की प्रथम छमाही बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. छबिल कुमार मेहर, उप निदेशक (कार्यान्वयन), राजभाषा विभाग, भारत सरकार, गाजियाबाद, श्रीमती आर.एस. नारायणी, अध्यक्षा, नराकास – देहरादून, एवं  चंदन सुशील साजन, सदस्य सचिव, नराकास – देहरादून ने की। इस छमाही बैठक में 72 सदस्य कार्यालयों के प्रमुख, हिन्दी अधिकारी एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राजभाषा के प्रचार-प्रसार एवं क्रियान्वयन के संदर्भ में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई एवं आगामी योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ।

बैठक के पश्चात हडको क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून को हिन्दी में उत्कृष्ट कार्यों हेतु “प्रथम पुरस्कार” (शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र) से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार क्षेत्रीय प्रमुख  आकाश त्यागी एवं प्रबंधक(आईटी)/ नोडल सहायक(राजभाषा)  बलराम सिंह चौहान ने ग्रहण किया।

उत्तराखंड में विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाला : अभिनव थापर की जनहित याचिका में हाईकोर्ट के आदेश, सरकार 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करे

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नैनीताल, उत्तराखंड में “विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता” के विषय में दून निवासी कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की जनहित याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है जिस पर आज माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में सुनवाई हुई । इस विषय पर विधानसभा ने एक जाँच समिति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया, किंतु यह घोटाला राज्य 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था जिसपर सरकार ने अनदेखी करी। इस विषय पर अबतक अपने करीबियों को भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है , अतः विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने हेतु व लूट मचाने वालों से ” सरकारी धन की रिकवरी ” हेतु अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर करी । इस याचिका का माननीय हाईकोर्ट ने गंभीरता निर्देश दिए और 29.02.2024 को माननीय हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए की 2000 से 2022 तक सभी विधानसभा बैकडोर भर्तियों को बिना नियमों के नियुक्त किया गया था अतः 06.02.2003 के कार्यवाही पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें l उल्लेखनीय है कि 06.02.2003 के शासनादेश में माननीय गुनहगारों से रिकवरी का प्रावधान स्पष्ट है।

याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट के समक्ष मुख्य बिंदु में सरकार के 6 फरवरी के 2003 शासनादेश जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, सरकारी धन के दुरुपयोग की वसूली, संविधान की आर्टिकल 14, 16 व 187 का उल्लंघन जिसमें हर नागरिक को नौकरियों के समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती का प्रावधान है, उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 व उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमवलयों का उल्लंघन किया गया है ।

याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट ने 29.02.2024 को ‘श्वबड़ा फैसला ” लेते हुये विधानसभा स्पीकर को 6 फरवरी के 2023 शासनादेश के अनुरूप कार्यवाही हेतु निर्देश दिए थे, जिसमें “माननीयों से रिकवरी ” व अन्य प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख है, किंतु चार महीने बाद भी विधानसभा का कोई जवाब नहीं आया । हम प्रदेश के 12 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं को उनका अधिकार दिलवाने की लड़ाई लड़ रहे है, अतः विधानसभा को अब तत्काल जवाब दाखिल करना चाहिए क्योंकि पहले ही 4 महीने का समय सरकार खराब कर चुकी है।याचिका में हमारी मांग को मान लिया गया है की राज्य निर्माण के वर्ष 2000 से 2022 तक विधानसभा में बैकडोर में भ्रष्टाचार से नियुक्तियों करी गयी है। अतः हमारी मांग है कि गलत प्रक्रिया से नौकरी देने वाले अफसरों, विधानसभा अध्यक्षों व मुख्यमंत्रियों भ्रष्टाचारियों से सरकारी धन के लूट को वसूला जाय और युवाओं की नौकरियों की लूट करवाने वाले “माननीयों” के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो । सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य कर अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी है जिससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा किया है, यह सरकारों द्वारा जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है।
जनहित याचिका के हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा युक्त पीठ ने इस याचिका के विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में हुई अनियमितता व भ्रष्टाचार विषय पर विधानसभा और याचिकाकर्ता को तथ्यों से भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार पर 29.02.2024 सहमत हुए और माना की विधानसभा भर्तीयों में बड़ा घोटाला हुआ है। आज माननीय हाईकोर्ट ने सरकार को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए । अगली सुनवाई 16 जुलाई 2024 को तय की गई है।

केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में 10 वा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से संपन्न

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देहरादून, केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में दसवाँ योग दिवस धूमधाम से मनाया गया जिसमें विद्यालय के सभी विद्यार्थी एवं शिक्षकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या बसंती खम्पा ने सभी विद्यार्थियों को योग अपनाने की सलाह दी | योग दिवस के अवसर विद्यालय की योग शिक्षिका रचना पंत ने विभिन्न योगिक क्रियाओं की प्रस्तुति बच्चों के माध्यम से दी | विद्यालय की बारहवीं की छात्रा दिव्यांशी कौशल ने योगदिवस तथा उससे होने वाले फायदे को दर्शाते हुए अपना विचार व्यक्त किया , प्रशिक्षित योग विद्यार्थियों द्वारा योग की विभिन्न क्रियाओं को सभी को समझाया एवं उनका प्रदर्शन कर उन्हे करने की प्रेरणा दी! विद्यालय के शिक्षक अनुज कुमार ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया और योग हमारे जीवन का मूलभूत आधार है योग करने से हमारा मन और मस्तिष्क स्वस्थ रहता है योग के द्वारा हम अपने काम को कुशलता पूर्वक कर सकते हैं यह संदेश बच्चो को दिया ! इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती बसंती खाम्पा ने बच्चो को संदेश दिया कि हमें अपने नित्य कार्य में योग को अपनाना चाहिए तभी हम एक अच्छा जीवन जी सकते हैं !
इस अवसर पर योग शिक्षिका रचना पंत ने योग के महत्व पर अपने विचार प्रकट कि किये उन्होंने कहा कि आज की व्यस्ततम जिंदगी में योग एक जीने की कला के रूप में शामिल हो गया है , हम भी योग के द्वारा अपनी बीमारियों को दूर कर सकते हैं एवं प्रणायाम करके अपनी स्मरण शक्ति बड़ा कर पढ़ाई पर ध्यान देकर उत्कृष्ट परिणाम दे सकते हैं !
अंत में अनुज शास्त्री के स्वस्ति वाचन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ !
इस अवसर पर प्राचार्य बसन्ती खम्पा, उपप्राचार्य मनीषा मखीजा,उर्मिला बामरू , सीमा श्रीवास्तव, अनु थपलियाल, डी एम लखेड़ा, देवेंद्र सिंह, गौरव रावत , सुमित कुमार आदि शिक्षक उपस्थित थे

ईएसआईसी से अप्रैल में जुड़े 16.47 लाख नए कर्मचारी, 7.84 लाख युवाओं को मिला अवसर

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नई दिल्ली । देश में हाल ही में 16 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। रोजगार पाने वालों में बड़ी संख्या में युवा शामिल हैं। इसमें महिलाओं की भागीदारी भी अच्छी खासी है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक इसी साल अप्रैल में 16 लाख से ज्यादा नए कर्मचारी जुड़े हैं। यह जानकारी कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अनंतिम पे-रोल डेटा से पता चला है।
मंत्रालय के मुताबिक ईएसआईसी का पे-रोल का डेटा बताता है कि अप्रैल 2024 में कुल 16.47 लाख नए कर्मचारी जोड़े गए हैं। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल 2024 में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के सामाजिक सुरक्षा दायरे में लगभग 18,490 नए प्रतिष्ठान लाए गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक इससे अधिक श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
उल्लेखनीय है कि आंकड़ों के माध्यम से पता चलता है कि राष्ट्र के युवाओं के लिए अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं। उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में जोड़े गए कुल 16.47 लाख कर्मचारियों में से 7.84 लाख कर्मचारी 25 वर्ष तक की आयु वर्ग के हैं। ये कुल पंजीकरण का लगभग 47.60 प्रतिशत हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी इन आंकड़ों और पेरोल डेटा का लैंगिकवार विश्लेषण बताता है कि अप्रैल 2024 में महिला कर्मचारियों की संख्या भी अच्छी खासी रही है। महिला कर्मचारियों का शुद्ध नामांकन 3.38 लाख रहा है।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय का कहना है कि महिला कर्मचारियों के अलावा, अप्रैल 2024 में ईएसआई योजना के तहत कुल 53 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों ने भी पंजीकरण कराया है। यह हमारे समाज के हर वर्ग तक बीमा लाभ पहुंचाने के लिए ईएसआईसी की प्रतिबद्धता का परिचायक है। हालांकि, मंत्रालय ने यह भी बताया कि पे-रोल डेटा अनंतिम है, क्योंकि आंकड़ों के संकलन की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।

पहाड़ का दर्द : 98 वर्षीय बुजुर्ग को डंडी पर बैठाकर पैदल पहुंचाया अस्पताल

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चमोली, राज्य बने दो दशक से ज्यादा समय बीत गया लेकिन मूलभूत सुविधाओं से गांव के लोग अभी में कौसों दूर हैं, 98 वर्षीय बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने बुजुर्ग को डंडी पर बैठाकर उपचार हेतु अस्पताल पहुँचाने का साहस दिखाया।
पहाडी दुर्गम इलाकों में जिंदगी के लिए जद्दोजहद अभी भी जारी है। चमोली जिले के मुसाउडियार गांव में सड़क न होने के कारण 98 वर्षीय शाखा देवी की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें डंडी पर बैठाकर 3.5 किमी पैदल दूरी तय करके नैणी तक लेकर पहुंचे। जहां से बुजुर्ग को एंबुलेंस के जरिये अस्पताल पहुंचाया गया।
गांव में सड़क का अभाव होने के कारण परिजन उन्हें डंडी पर बैठाकर 3.5 किमी पैदल दूरी तय कर नैणी तक लेकर पहुंचे। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिये अस्पताल पहुंचाया जा सका। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणबगड़ में उपचार के बाद हालत में सुधार आने पर परिजन उन्हें इसी तरह से घर वापस लेकर आए।
सड़क की सुविधा नहीं मिलने के कारण गांव से लोग पलायन करने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत बूंगा का मुसाउडियार अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव है। लेकिन गांव तक सड़क की सुविधा नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीणों को रोज ही तमाम परेशानी उठानी पड़ती है। यहां सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बीमारों को अस्पताल पहुंचाने में होती है।
वर्ष 2016 में सरकार ने नैणी-मुसाउडियार-पटोडी़ मोटर मार्ग की स्वीकृति दी थी। लेकिन वन विभाग से लोनिवि को भूमि हस्तांतरित न हो पाने के कारण सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

बडोला हत्याकांड : परिजन बोले, हमने नहीं मांगा मुआवजा, कुछ लोग कर रहे दुष्प्रचार

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– अभियुक्तों की सम्पत्ति के परिसीमन की चल रही कार्यवाही, अवैध पाये जाने पर की जायेगी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही

– मृतक के परिजनों का बयान- हमने कभी नहीं कि मृतक व घायलों को मुआवजा देने की मांग कुछ व्यक्तियों द्वारा अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जा रहा है दुष्प्रचार

देहरादून, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देश पर उनके प्रतिनिधि के रूप में विधायक रायपुर द्वारा डोभाल चौक पर हुई फायरिंग की घटना में मृतक स्व.  बडोला के आवास पर जाकर उनके पिता व पत्नी से मुलाकात की गई। मुलाकात के दौरान एसएसपी देहरादून भी मौजूद रहे। इस दौरान मृतक  बडोला के परिजनों को घटना में शामिल अभियुक्तों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया गया।
साथ ही उन्हें आश्वस्त किया कि उक्त केस की कोर्ट में मजबूत पैरवी सुनिश्चित करते हुए घटना में शामिल सभी अभियुक्तों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जायेगी।
साथ ही अभियुक्तों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति को चिन्हित करते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत उसके जब्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी।
इसके अतिरिक्त अभियुक्तों के अवैध कारोबार में जो भी व्यक्ति उनके साथ संलिप्त पाये जायेंगे उन सभी के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जायेगी।
अभियुक्तों की सम्पत्ति का सम्बन्धित विभाग से परीसीमिन/आंकलन कराते हुए यदि उक्त सम्पत्ति अवैध पाई जाती है तो शीघ्र ही उसके ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी।

पुलिस के अनुसार  बडोला के परिजनों से मुलाकात के दौरान परिजनों द्वारा बताया गया कि हमने कभी मृतक व घायलों के लिए कोई मुआवजा की मांग नहीं की गई थी कुछ व्यक्तियों द्वारा अपना उद्देश्य पूर्ति के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है।

डीसीबी की कार्यवाही : 60 लाख रुपये ऋण की गिरवी रखी 12 बीघा जमीन व मकान कब्ज़े में लिया

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देहरादून, डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लि. देहरादून, ने उन डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, जो बार-बार अपने ऋण चुकौती दायित्वों को पूरा करने में विफल रहे हैं। डीसीबी देहरादून अब इन डिफॉल्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रहा है, जिसमें उन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेना भी शामिल है, जिन्हें एसएआरएफएईएसआई अधिनियम 2002 के तहत ऋण दिए जाने के समय जमानत के तौर पर गिरवी रखा गया था।
ऐसा ही दो मामले मेसर्स लक्ष्मी स्क्रीनर्स पार्टनर्स मुकुल अग्रवाल और अंशुम अग्रवाल का है, जो 68 बी राजपुर रोड देहरादून के निवासी हैं, जो बैंक को समय पर ऋण भुगतान करने में विफल रहे थे। जीएम कमल के निर्देश पर डीजीएम दीक्षा कंडवाल गौड़ ने पुलिस बल और राजस्व टीम के साथ मौके पर जाकर उनकी गिरवी रखी गई संपति 12 बीघा जमीन सेलाकुई साइड में कब्जा ले ली है। मेसर्स लक्ष्मी स्क्रीनर्स पार्टनर्स ने 2020 में 40 लाख रूपये का दुकान/ बिजनेस के लिए ऋण लिया था। खाता एनपीए हो गया। जबकि एक अन्य गोल्डन बाला के 2013 के 20 लाख रुपये के ऋण में भी बैंक अधिकारियों ने भूमि व प्रॉपर्टी कब्जे में ले ली है।

डीसीबी देहरादून के महाप्रबंधक सीके कमल ने बताया कि, सीजेएम कोर्ट में दो एनपीए मामलों में 54 लाख रुपये के ऑर्डर लिए जाने हैं। जिसके बाद भूमि प्रॉपर्टी कब्जे ली जाएंगे। उन्होंने बताया कि, अन्य तीन मामलों में पुलिस से कब्जा लेने के ऑर्डर की प्रतीक्षा की जा रही है। इसके अलावा 26 लाख रुपये चेक बाउंस पर कार्यवाही तुरंत की जानी है।
यह कदम अन्य डिफॉल्टरों को एक कड़ा संदेश देता है जो अपने ऋण चुकौती दायित्वों की उपेक्षा कर रहे हैं। बैंक के महाप्रबंधक श्री कमल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भविष्य में अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रहने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ एसएआरएफएईएसआई अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करना जारी रखेगा।

यह घटनाक्रम डी.सी.बी. देहरादून बैंक की अपने उधारकर्ताओं के बीच वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डिफॉल्टरों पर अपनी पकड़ मजबूत करके और ऋण चुकौती शर्तों का पालन न करने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करके, बैंक यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि वह गैर-जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा।

मोहित डिमरी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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“अपराधियों के आतंक के खिलाफ और रवि बडोला को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे मोहित”

देहरादून, रवि बडोला को न्याय दिलाने और अपराधियों के बढ़ते आतंक के खिलाफ आंदोलन कर रहे मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया है। उन्हें सुददोवाला जेल ले जाया गया है। मोहित डिमरी के साथ ही एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मोहित डिमरी ने कहा कि आज मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने देहरादून बंद का आह्वान किया था। अधिकतर मूल निवासियों ने अपनी दुकानें बंद रखी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगातार अपराधी घटनाएं बढ़ रही है। मूल निवासियों पर गोलियां चलाई जा रही है। उनकी हत्या हो रही है। उत्तराखंड में मूल निवासी सुरक्षित नहीं रह गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज मूल निवासी अपने सुरक्षित भविष्य के लिए जब सड़कों पर लड़ रहा है तो उनका दमन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से मूल निवास और भू कानून की लड़ाई को लड़ रहे हैं। मूल निवास और भू कानून न होने की वजह से बाहर से बड़ी संख्या में अपराधी उत्तराखंड आ गए हैं। इन पर किसी तरह की नकेल नहीं कसी जा रही है। उन्होंने कहा कि आज 10 से 12 बजे तक 2 घंटे का सांकेतिक बंद का आह्वान किया गया था। आपराधिक घटनाएं न रुकी और रवि बडोला को न्याय न मिला तो संपूर्ण उत्तराखंड बंद का आह्वान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह मूल निवासियों के सुरक्षित भविष्य और उनके अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे।
मालूम हो की 24 दिसंबर 2023 को मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के नेतृत्व में मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली गई थी। जिसमें 20 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। मोहित लंबे समय से पूरे प्रदेश में मूल निवास और मजबूत भू-कानून के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
मोहित डिमरी के साथ संघर्ष समिति के महानगर संयोजक अनिल डोभाल, प्रांजल नौडियाल, ललित श्रीवास्तव, दीप्ति रावत, देवचंद उत्तराखंडी, संजना बडोनी, देवेंद्र सिंह नेगी, यशवीर सिंह चौधरी, राहुल कोहली को गिरफ्तार किया गया।

हरिद्वार की जनता के जनादेश का विश्वास ही मेरी पूंजी:त्रिवेंद्र रावत

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हरिद्वार  (कुलभूषण )हरिद्वार लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का रोड शो प्रारंभ शिव मूर्ति चौक,रेल हाईवे स्टेशन,बस अड्डा,पुरानी कचहरी देवपुरा चौक होते हुए भारत सेवा आश्रम संघ पहुंचा रास्ते में जगह-जगह व्यापारियों और शहर वासियों ने नवनिर्वाचित सांसद का फूल माला पहनकर स्वागत किया
इस अवसर पर अपने संबोधन में सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा हरिद्वार की जनता ने जो जब जनादेश मुझे दिया है उसका मै शीश झुकाकर सम्मान करता हूं और यह विश्वास दिलाता हूं की इस प्रचंड जनमत का जो आशीर्वाद मुझे हरिद्वार विधानसभा सहित पूरी लोकसभा में मिला है मैं सदैव उसका ऋणी रहूंगा और प्राथमिकता से जनसमस्याओं का समाधान करूंगा
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने कहा की हरिद्वार विधानसभा 42000 मतों से जीतकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक इतिहास रचा है आज वे उन सभी बूथ और शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं का सम्मान कर रहे हैं जिन्होंने बूथ स्तर तक मेहनत करके दिन रात परिश्रम किया और नवनिर्वाचित सांसद को प्रचंड जीत दिलाई

पी. एम. श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर देहरादून में पाँच दिवसीय संस्कृत प्रेरण पाठ्यक्रम प्रारम्भ

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देहरादून, पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर देहरादून में नव नियुक्त प्रशिक्षित स्नातक संस्कृत शिक्षकों हेतु पांच दिवसीय प्रेरण पाठ्यक्रम बुधवार को प्रारम्भ हुआ | कार्यक्रम समन्वयक श्री अनुज कुमार ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग के मार्गदर्शन में , रायपुर ,पटना ,भुवनेश्वर और मुंबई संभाग के नव नियुक्त संस्कृत शिक्षकों को केन्द्रीय विद्यालय संगठन की कार्य पद्धति से परिचित कराने और संस्कृत पाठन प्रविधियो का ज्ञान कराने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण वर्ग के वि बीरपुर में आयोजित किया जा रहा है | यह प्रशिक्षण शिविर दिनांक 19.06.2024 से 23.06.2024 तक चलेगा | उद्घाटन सत्र की मुख्यातिथि सहायक आयुक्त श्रीमती स्वाति अग्रवाल एवं सारस्वत अतिथि पाठ्यक्रम निदेशिका , प्राचार्या श्रीमती बसंती खम्पा रही | विद्यार्थियों द्वारा शारदाम्बा स्तुति एवं संस्कृत स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया | प्राचार्या श्रीमती खम्पा द्वारा अतिथियों एवं संसाधकों का हरित स्वागत करने के उपरांत स्वागत उद्बोधन के माध्यम से वाचिक अभिनन्दन किया गया | श्रीमती बसंती खम्पा ने कहा संस्कृत वर्तमान परिप्रेक्ष्य में और अधिक प्रासंगिक है | यह प्रेरण पाठ्यक्रम संस्कृत शिक्षकों में नवीन ऊर्जा का संचार करेगा अपितु विविध प्रविधियों के उपयोग द्वारा संस्कृत शिक्षण को प्रभावी , मूल्यवान और विद्यार्थी केन्द्रित बनाने की दिशा में भी सहयोगी होगा | पाठ्यक्रम सह निदेशक श्री जितेन्द्र शर्मा ने संस्कृत संभाषण का कक्षा – कक्ष और विद्यालय परिसर में प्रयोग करते हुए संस्कृत भाषा और साहित्य के प्रति अभिरुचिवर्धन करने का आग्रह किया | अपने विशिष्ट उद्बोधन में सहायक आयुक्त महोदया श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने नव नियुक्त शिक्षक – शिक्षिकाओं का स्वागत करते हुए उन्हें संस्कृत को व्यवहार में लाने हेतु संस्कृत गीत , हास्य कणिका , संस्कृत श्लोक पाठ एवं लघु नाटिका मंचन आदि का प्रयोग संस्कृत शिक्षण में नियमित रूप से करने हेतु कहा ताकि विद्यार्थियों को यह भाषा दुरूह और कठिन प्रतीत न हो | उप प्राचार्या सुश्री मनीषा मखीजा द्वारा समस्त अतिथियों और प्रतिभागी शिक्षक – शिक्षिकाओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया |
प्रथम दिन हुए पांच सत्रों में पाठ्यक्रम निदेशिका श्रीमती बसंती खम्पा द्वारा शिक्षक आचार संहिता , सह पाठ्यक्रम निदेशक श्री जितेन्द्र शर्मा द्वारा “केन्द्रीय विद्यालय संगठन की रुपरेखा और कार्य शैली विषयक व्याख्यान दिए गये | संसाधक श्री जानकीरमण झा द्वारा चिंतनशील शिक्षण , श्रीमती अनुपमा सेमवाल द्वारा पाठ्यक्रम योजना और शिक्षक दैनन्दिनी , श्री अनुज कुमार द्वारा पाठ्यक्रम विभाजन विषय पर प्रभावी व्याख्यान दिए गये एवं चर्चा सत्र आयोजित किये गये |