Wednesday, April 30, 2025
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कांग्रेस ने की कोविशिल्ड प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, चुनावी चंदे पर भी उठाए सवाल देहरादून,

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उत्तराखंड़ कांग्रेस कमेटी ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को ज्ञापन भेज कर मांग की है कि कोविड रोधी टीके कोविशिल्ड प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उक्त वैक्सीन लेने से पीड़ित नागरिकों को सम्यक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए और जो लोग टीके के कारण तमाम अवांछित बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके उपचार की गारंटी कंपनी ले, साथ ही टीका निर्माता कंपनी को लाभ पहुंचाने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के कोष से वसूली की जाए।
कांग्रेस ने मांग की है कि देश की जनता के अमूल्य स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के दोषी लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि राजनीतिक स्वार्थों के वशीभूत गंभीर आपराधिक कृत्य के लिए दोषी लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य को इस तरह के आपराधिक षड्यंत्र की पुनरावृत्ति न हो सके।

कांग्रेस नेताओं ने यह ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा है। जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में ज्ञापन देहरादून के सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष कुमार को सौंपा गया।
ज्ञापन देने वालों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि, पूर्व महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी, चंद्रमोहन कंडारी, सुनील नौटियाल, संजय शर्मा, रोहित ठाकुर, प्रदेश सचिव उत्तराखंड कांग्रेस विकास नेगी, अमित मसीह सहित अन्य नेता मौजूद थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि देश-दुनिया में तमाम मीडिया रिपोर्टों के कारण कोविशिल्ड के घातक दुष्प्रभावों के मामले की उच्चस्तरीय जांच कर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के दोषी लोगों को कानून के शासन के तहत दंडित किया जाए। कोरोना काल में जब समूची मानवता संकट में थी, उस समय कोविड वैक्सीन को अमृत के रूप में माना जा रहा था, क्योंकि मौत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे थे। लेकिन आज जिस तरह से मीडिया रिपोर्ट सामने आ रही हैं, उन्होंने समूची मानवता को न सिर्फ झकझोर दिया है बल्कि चिंता भी बढ़ा दी है।
कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन में कहा है कि ब्रिटेन के अदालत में पेश दस्तावेजों में कोविड वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्रोजेनेका ने साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार कर भारतीय समाज की चिंता को अत्यंत बढ़ा दिया है। यह रिपोर्ट भारत के लिए इसलिए भी ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि भारत में कोविड-19 के प्रसार के दौरान बड़े पैमाने पर ऑक्सफोर्ड- एस्ट्रोजेनेका की इसी वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था और इसका निर्माण पूना की सीरम इंस्टीट्यूट ने किया। भारतीय नागरिकों को सर्वाधिक टीके इसी कंपनी के लगाए गए हैं। इसलिए उक्त टीके के दुष्प्रभावों के बारे में कंपनी की स्वीकारोक्ति से जनता के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है।
ज्ञापन में इस बात का खासतौर पर उल्लेख किया गया है कि भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्रोजेनेका से हासिल लाइसेंस के तहत देश में इस वैक्सीन का उत्पादन किया था और इसे सिर्फ भारत के कोविड टीकाकरण अभियान में ही नहीं इस्तेमाल किया गया था, बल्कि दुनिया के कई देशों को भी निर्यात किया गया। एस्ट्रोजेनेका पर पीड़ित लोगों की ओर से दायर मुकदमों में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि इस टीके को लेने के बाद लोग ब्रेन डैमेज के शिकार हुए। इस कारण भारतीय समाज में भी स्वाभाविक रूप से चिंता बढ़ गई है। कोविड के बाद ऐसी मौतों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई थी, जिनमें कारण का स्पष्ट पता नहीं चला था। इनमें से अधिकांश को किसी न किसी शारीरिक समस्या से जोड़ कर देखा गया और सरकार व स्वास्थ्य जगत ने यह कभी नहीं माना कि कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण ऐसा हो सकता है। अब कंपनी ने स्वीकार किया है कि इस टीके के दुष्प्रभाव के परिणामस्वरूप शरीर में खून का थक्का जमने, थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की स्थिति बन सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि टीटीएस का संबंध मस्तिष्क या अन्य भीतरी अंगों की रक्त वाहिकाओं में थक्का जमने एवं प्लेटलेट काउंट कम होने की बीमारी से है। इस स्थिति में निसंदेह कोविड रोधी टीकों ने उस समय कई मौतों को रोकने में मदद की है, फिर भी इसके साइड इफेक्ट गंभीर चिंता का विषय हैं।
ज्ञापन में उन मीडिया रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया है जिनमें कहा गया है कि जनस्वास्थ्य को लेकर चिंता ने आग में घी का काम किया है। यही नहीं भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद निर्वाचन आयोग के सुपुर्द किए गए विवरण के मुताबिक भारत में कोविड रोधी टीका बनाने वाली कंपनी ने सत्तारूढ़ दल को 52 करोड़ रुपए से ज्यादा का चुनावी चंदा दिया है और यह चंदा इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के रूप में उसी अवधि में दिया गया, जब देश कोविड के संकट से गुजर रहा था। इस लिहाज से सत्तारूढ दल द्वारा आम जनता के स्वास्थ्य के बजाय कंपनी के हितों को तरजीह दी गई। इस कारण संदेह और ज्यादा बढ़ जाता है कि महज चुनावी चंदे के फेर में आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर कंपनी के हितों को तरजीह दी गई, इस तरह यह कृत्य न सिर्फ अक्षम्य है बल्कि विधिक, नैतिक और मानवीय, हर दृष्टि से यह राष्ट्र के प्रतिकूल है। राष्ट्रपति से मांग की गई है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों को दंडित कर जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

 

सरकार व विभाग की लापरवाही की वजह से पेयजल संकट : सूर्यकांत धस्माना

-एक सप्ताह में संकट का समाधान नहीं हुआ तो सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस

-राजधानी में पानी संकट को लेकर मुख्य महाप्रबंधक का जबरदस्त घेराव, खाली घड़े के साथ सौंपा ज्ञापन

देहरादून, राजधानी देहरादून में गहराते पेयजल संकट के खिलाफ गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में जल संस्थान के नेहरू कालौनी स्थित मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और नीलिमा गर्ग का घेराव कर महानगर में व्याप्त पेयजल संकट का एक सप्ताह में समाधान करने की मांग की। आज प्रातः साढ़े ग्यारह बजे श्री धस्माना के नेतृत्व में महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह गोगी, महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला थापा ब्लॉक सेवला अध्यक्ष ललित भद्री, ब्लॉक यमुना कालोनी अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता ब्लॉक कांवली अध्यक्ष विक्रांत राठी,महिला अध्यक्ष कैंट सुशीला बेलवाल शर्मा, निवर्तमान पार्षद इलियास अंसारी, मुकीम अहमद सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ नेहरू कालोनी स्थित जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे और जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करते हुए मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग के कक्ष का घेराव शुरू कर दिया। धस्माना ने मुख्य महाप्रबंधक से नाराजगी जताते हुए कहा कि महानगर में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए सरकार जल संस्थान व जल निगम गंभीर नहीं है अन्यथा गर्मियां शुरू होते ही पूरे महानगर में इतना गंभीर पेयजल संकट खड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि राजपुर डाक पट्टी कैनाल रोड किशन नगर, जाखण, आर्यनगर, डीएल रोड,करणपुर, भगत सिंह कालौनी, रक्षा पुरम, डालनवाला, बंजारावाला, कांवली, द्रोणपुरी,संगम विहार, न्यू पटेलनगर, शास्त्रीनगर, कालीनिदी एनक्लेव, खुड़बड़ा, बल्लूपुर, कालीदास रोड, हाथीबड़कला , ब्रह्मपुरी और ब्राह्मणवाला आदि इलाकों में पीने के पानी का सबसे ज्यादा गंभीर संकट बना हुआ है। उन्होंने कहा कि राजधानी में पिछले चौबीस वर्षों में आबादी का घनत्व पांच गुणा बढ़ गया है और इसी अनुपात में रिहायशी इलाके भी बड़े हैं लेकिन पीने के पानी के स्रोत वही पुराने हैं उनमें कोई वृद्धि नहीं हुई और यही कारण है कि आज देहरादून के अधिकांश इलाके गर्मी शुरू होने से पहले ही पानी के लिए तरस रहे हैं। महानगर अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि बार बार मांग करने के बावजूद जल संस्थान ने पेयजल संकट को दूर करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया।
महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला थापा ने कहा कि राजपुर डाकपट्टी में कभी पानी की किल्लत नहीं होती थी किंतु पिछले तीन वर्षों से वहां गर्मियां शुरू होते ही पानी की किल्लत होने लगी है। उन्होंने कहा कि कैनाल रोड पर ट्यूबवेल के लिए नगर निगम की अनापत्ति दिए महीनों हो गए किंतु अभी तक वहां ट्यूबवेल स्वीकृत नहीं किया गया। भगत सिंह कालोनी के निवर्तमान पार्षद इलियास अंसारी ने रक्षा पुरम और आजाद कालोनी में पानी की लाइन की समस्या और ब्रह्मपुरी के निवर्तमान पार्षद मुकीम अहमद ने ब्राह्मण वाला की लाइन की समस्या को उठाया, कांवली के पूर्व पार्षद राजेश पुंडीर ने शास्त्रीनगर में मिनी ट्यूबवेल की मांग की ।
मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने धस्माना और अन्य प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि वे युद्ध स्तर पर शहर की पेयजल समस्या के समाधान हेतु काम करवाएंगी और जिन जिन इलाकों में पेयजल आपूर्ति की कमी होगी वहां टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा लेकिन किसी भी इलाके में पीने के पानी की कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्य महाप्रबंधक श्रीमति नीलिमा गर्ग के इस आश्वासन के बाद धस्माना ने इस चेतावनी के साथ कि अगर एक सप्ताह बाद भी संकट का समाधान नहीं हुआ तो वे सड़कों पर उतरने व सचिवालय व मुख्यमंत्री आवास घिराव के लिए मजबूर होंगे।

आज प्रदर्शन में महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह गोगी, महानगर अध्यक्ष महिला कांग्रेस उर्मिला थापा, कैंट महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशीला बेलवाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता श्रीमति पिया थापा, गोरखा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बस्नेत, विजय गुप्ता, विजय उनियाल, सोनू काजी, आदर्श सूद, राम कुमार थपलियाल, वीरेश शर्मा,आशीष नेहरा,संजय भारती, अवशेष कथिरिया,अमीचंद सोनकर,सलीम अंसारी, मेहताब, राजेश उनियाल,राजेंद्र धवन,उदयवीर पंवार, मेहमुदन, इकराम, विजय शाही,शुभम सैनी, प्रवीन कश्यप,नन्हें,गौरव वर्मा,राजीव थापा,राजेंद्र राज,सुलतान,शैलेंद्र सैनी, अंजू भारती समेत बड़ी संख्या में विभिन्न वार्डों के कार्यकर्ता शामिल रहे।

देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल अल्मोड़ा के पदाधिकारी जल निगम के अधिशासी अभियंता से मिले

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* सड़क जाखन देवी मोटर मार्ग में सीवर लाइन व डामरीकरण का कार्य रात्रि में शुरू कर जल्दी से जल्द पूर्ण करने को लेकर की मुलाकात

अल्मोड़ा, देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल अल्मोड़ा के पदाधिकारियों ने अल्मोड़ा नगर के अत्यंत महत्वपूर्ण सड़क जाखनदेवी मोटर मार्ग में सीवर लाइन व डामरीकरण का कार्य रात्रि में शुरू कर जल्द से जल्द पूर्ण करवाने को लेकर नगर के व्यपारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरोला के साथ संयुक्त प्रतिनिधि मंडल जल निगम के अधिशासी अभियंता से मिला। प्रतिनिधिमंडल के द्वारा डामरीकरण व आगे बनने वाली सीवरलाइन का कार्य रात्रि में करने की पूर्वजोर माग की गयी।
देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष मनोज सिंह पवार ने अधिशासी अभियंता से वार्ता कर बताया कि आपके विभाग द्वारा 3 जनवरी से 31 जनवरी 2024 की तिथि तक उक्त सड़क मार्ग में शिविर लाइन के कार्य को पूर्ण कर लेने की जानकारी प्रेस नोट के मध्यम से सभी दैनिक अखबारों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित की गई थी। जिसके उपरांत ही 3 जनवरी से उक्त सड़क मार्ग को वाहनों के आवागमन हेतु बंद कर दिया गया था। परंतु 4 माह का समय बीत जाने के पश्चात् भी अभी तक उक्त सड़क मार्ग पर केवल आधा कार्य ही किया जा सका है। आपको अत्यंत दुख के साथ ये भी अवगत कराना पड़ रहा है कि इतनी धीमी गति एवं लापरवाही से कार्य करने की वजह से जाखनदेवी सड़क मार्ग पर निवास करने वाले बड़े, बुजुर्गों, बच्चों, व व्यापार करने वाले व्यापारीयों को आए दिन चोटिल होना पड़ रहा है। साथ ही पिछले 4 माह से उक्त सड़क मार्ग पर व्यापार करने वाले व्यापारियों को अत्यधिक आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऊपर से जाखनदेवी मोटर मार्ग के कार्य को आपके विभाग द्वारा पूरा करने के लिए 31 मई तक कि तिथि का और अधिक समय लिया जा रहा है। जो कार्य आपके विभाग द्वारा नियत समय जनवरी में पूरा होना था विभागीय लापरवाही के चलते अब व्यापार के पीक समय में पूर्ण करने की बात कही जा रही है। गाड़ियों के आवागमन अवरोध होने के कारण अमजनमानस को परेशान करने के साथ ही अल्मोड़ा नगर के व्यापारियों व व्यापार को भी बुरी तरह से प्रभावित कर उनका आर्थिक नुकसान जबरन किया जा रहा है जिसे अब सहन नहीं किया जायेगा।अधिशासी अधिकारी जल निगम को चेताते हुआ जिला अध्यक्ष मनोज सिंह पवार ने कहा कि यदि विभाग द्वारा उक्त सड़क मार्ग पर बिछाई जा रही सीवर लाइन व डामरीकरण के कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण नही किया गया तो अभी तक उनके द्वारा पेय जल विभाग की लापरवाही की शिकायत सी.एम. हेल्पलाइन में की गई है अन्यथा वे विभाग के खिलाफ न्यायालय में जाने को मजबूर हो जायेगे।
प्रतिनिधि मंडल ने सुझाव दिया कि जनभावनाओं व व्यापारीयों के व्यापार को ध्यान में रखते हुए उक्त सड़क मार्ग के कार्य को सांय 7 बजे से शुरू कर देर रात्रि तक कराया जाए और सुबह से सांय 7 बजे तक तक सड़क मार्ग को हल्के वाहनों के लिए खोला जाए।
वही देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल अल्मोड़ा के नगर अध्यक्ष संजय साह ‘रिक्खू’ ने विभाग को दो टूक कहा कि व्यपारियों का हित सर्वप्रिय है व्यपारियों का नुकसान किसी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा, डामरीकरण व सोलिग का कार्य रात में किया जाय,चुकी रात में कार्य करने के लिए मौसम भी अनुकूल है।
प्रतिनिधि मंडल ने संयुक्तरुप से कहा कि रात्रि में कार्य करने में सभी लोग पूर्ण रूप से विभाग को सहयोग करेंगे।
प्रतिनिधि मंडल के सदस्य विनय किरौला ने बताया कि एक लंबे संघर्ष के बाद जाखनदेवी मोटर मार्ग का कार्य प्रारम्भ हो पाया है,इस कार्य को जनवरी-फरवरी में हो जाना चाहिए था,चुकी पहाड़ो में ये समय टूरिस्ट के आगमन का समय है,व्यपारियों के लिए साल भर में यह समय व्यापार को बढ़ाने का समय है,निर्माण कार्य के चलते जाखनदेवी मोटर मार्ग वन-वे है,जिस कारण टुरिस्ट अल्मोड़ा माल रोड में न् आकर कर्बला बायपास से निकल जा रहे है,जिससे अल्मोड़ा नगर में व्यपार का भारी नुकसान हो रहा है।
अधिशासी अभियंता द्वारा प्रतिनिधि मंडल को पूर्ण आश्वस्त किया गया है कि ठेकेदार से वार्ता कर जल्द ही रात्रि में सोलिंग-डामरीकरण का कार्य किया जाएगा।

शिष्टमंडल में देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल अल्मोड़ा के जिला अध्यक्ष मनोज सिंह पवार, नगर अध्यक्ष संजय साह रिक्खू, नगर महामंत्री दीप चंद्र जोशी, उपाध्यक्ष आनन्द सिंह भोज, सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला, नीकेष उपाध्याय, उमेश उपाध्याय, हेम चन्द्र गुरुरानी, विक्रम साह, सुधीर गुप्ता, मनीष मल्होत्रा रहे।

सोशल मीडिया का क्रेज : सहेली के साथ रेलवे लाइन पर रील बनाते बनाते ट्रेन की चपेट में आई युवती, मौके पर हुई मौत

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देहरादून, इन दिनों सोशल मीडिया का क्रेज इतना बढ़ गया है कि ज्यादा लाइक्स और व्यूज पाने के चक्कर में आज की युवा पीढ़ी कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। अपने फोल्लोवेर्स की संख्या बढ़ाने और लाइक्स व्यूज को कैसे बढ़ाना है बस इसी सोच में खोये कुछ युवा कुछ बड़ा और हैरतंगेज़ कारनामे करने के चलते हादसे का शिकार हो जाते है।
उत्तराखंड़ के रूड़की से जुडी ऐसी ही घटना आज हम आपको बताने जा रहे है, जहाँ दोनों सहेली रेलवे फाटक पर रील बनाने तो पहुंची लेकिन सहेली के साथ युवती को रील बनाना भारी पर गया, मिली जानकारी के मुताबिक दोनों सहेली साथ में रहीमपुर रेलवे फाटक गई थी। इस दौरान दोनों सहेलियां मोबाइल से रेलवे पटरी के किनारे खड़े होकर रील बनाने में लगी हुई थी। तभी ट्रेन आ गई और युवती की उसकी चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई, उसके साथ गई सहेली ने घर पहुंचकर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है।
गंगनहर कोतवाली पुलिस के अनुसार, वैशाली (20) निवासी हरिपुर टोंगिया बुग्गावाला, रुड़की में शिवपुरम स्थित अपने मामा नरेश के घर में रहती थी। बताया जा रहा है कि बुधवार शाम करीब छह बजे वह अपनी सहेली के साथ शिवपुरम कॉलोनी के पास रहीमपुर रेलवे फाटक गई थी। इस दौरान दोनों सहेलियां मोबाइल से रेलवे पटरी के किनारे खड़े होकर रील बनाने लगीं थी और इतने में ही युवती हादसे का शिकार हो गयी।

बताया जा रहा है कि इस दौरान हरिद्वार से सहारनपुर की तरफ एक ट्रेन जा रही थी, उसकी चपेट में वैशाली आ गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सहेली से मिली सूचना पर मामा के परिवार के लोगों सहित पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। कोतवाली प्रभारी गोविंद कुमार ने बताया कि पता चला है कि हादसा मोबाइल पर रील बनाते समय हुआ है। शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

माँक ड्रिल- केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चीरवासा में बादल फटा 10 की मौत कई घायल

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(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चीरवासा में आज बादल फटने की घटना सामने आई है। आज प्रात: 10 बजे जिला नियंत्रण कक्ष को सूचना प्राप्त हुई कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चीरबासा हैलीपैड के समीप बादल फटने के कारण उक्त स्थान से गुजर रहे तीर्थ यात्रियों समेत मलबे के चपेट में आने से कई व्यक्ति घायल एवं हताहत हो गये हैं। सूचना मिलते ही त्वरित कार्यवाही करते हुए राहत एवं बचाव कार्य हेतु घटना स्थल के लिए आवश्यक उपकरणों सहित पुलिस, फायर, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ, जिला प्रशासन की टीमें रवाना हुई। घटना स्थल पर पहुंचते ही टीमों ने रेस्क्यू कार्य प्रारम्भ किया गया। May be an image of 5 peopleइस घटना में 10 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है जिसमें 6 पुरुष 4 महिला शामिल हैं जबकि 6 लोगों के गम्भीर रूप से घायल होने की पुष्टि हुई है। घायल व्यक्तियों को हैलीकॉप्टर के माध्यम से उपचार हेतु एम्स ऋषिकेश भेजा गया तथा 17 घायल व्यक्तियों को उपचार हेतु स्टेजिंग एरिया सोनप्रयाग में लाया गया। घटना में 5 घोड़े एवं 7 खच्चर भी घायल हुए हैं जिनका पशु चिकित्सक द्वारा उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि आगामी 10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने हैं , यात्रा को सुरक्षित, सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए तथा आपदा जैसी घटना घटित होने पर त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किए जाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा माँक ड्रिल किया गया जिसमें सभी विभागों ने आपसी समन्वय व माॅक ड्रिल में अपना पूर्ण योगदान दिया गया।

मारा गया गोल्डी बराड़, अमेरिका में गोलियों से भून देने का दावा

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नई दिल्ली, पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की हत्या की खबर सामने आई है। बताया जाता है कि गोल्डी को अमेरिका में गोलियां मारकर कत्ल किया गया। हालांकि गोल्डी की माैत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और इस खबर को मीडिया रिपोर्टस का दावा ही बताया जा रहा है। दरअसल एक अमेरिकी न्यूज चैनल ने दावा किया कि अमेरिका के फेयरमोंट और होल्ट एवेन्यू में मंगलवार (30 अप्रैल) शाम 5:25 बजे गोल्डी बराड़ को गोलियां मारी गईं। एक विदेशी न्यूज वेबसाइट ने दावा किया कि फ्रैजनो पुलिस लेफ्टिनेंट लेसली विलियम्स ने बताया है कि सेंट्रल फ्रैजनों में गोली लगने के बाद मंगलवार शाम दो व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इनमें से एक की माैत हुई। दावा किया जा रहा है कि उसका नाम गोल्डी बराड़ था। हालांकि इस वारदात की कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। दरअसल गोल्डी बराड़ की आखिरी लोकेशन फ्रैजनों में ही मिली थी। उल्लेखनीय है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्याकांड का मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ है और लारेंस बिश्नोई का खास साथी है।

नाराज हुई मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, दें डाली एक सप्ताह की डेड लाइन

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‘उत्तराखण्ड़ में जलस्रोतों, धाराओं व नदियों के पुनर्जीवीकरण के सम्बन्ध में जिलों से एक्शन प्लान प्राप्त ना होने पर सख्त नाराजगी’

देहरादून, उत्तराखण्ड़ में जलस्रोतों, धाराओं व नदियों के पुनर्जीवीकरण के सम्बन्ध में जिलों से एक्शन प्लान प्राप्त ना होने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को एक सप्ताह की डेडलाइन दी है। विषय की गम्भीरता को देखते हुए सीएस ने जिलाधिकारियों को इस कार्य हेतु जिलें में तत्काल एक पूर्णकालिक समर्पित जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को तत्काल तीन दिन के भीतर जिला स्तरीय Spring and river rejuvenation authority (SARRA) की बैठक लेने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को इस अभियान से प्रमुखता से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने अपर मुख्य सचिव वित्त को निर्देश दिए कि विभिन्न माध्यमों जैसे मनेरगा, नाबार्ड, कैम्पा, पीएमकेएसवाई से जलस्रोतों व नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु फण्डिंग यूटिलाइजेशन के सम्बन्ध में बैठक करने हेतु पत्र जारी किया जाए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को राज्य के जलस्रोतों, नदियों, सहायक नदियों, धाराओं के पुनर्जीवीकरण हेतु जिलावार योजना के स्थान पर Holistic and Integrated पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में जल संरक्षण के सम्बन्ध में आज की महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत प्रत्येक ब्लॉक में 10 Critical सूख रहे स्प्रिंग तथा जिलें में 20 Critical सूख रहे जलधाराओं/सहायक नदियों के चिन्हीकरण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक जिले में दीर्घ अवधि के योजना के तहत एक नदी के पुनर्जीवीकरण की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने मैदानी जिलों में सूख चुके तालाबों के चिन्हीकरण एवं पुनर्जीवीकरण के एक्शन प्लान पर भी कार्य के करने के निर्देश दिए हैं।

 

 

मिस रेडिएंट स्किन और ब्यूटीफुल हेयर सब-कांटेस्ट का हुआ आयोजन

देहरादून, सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से आयोजित कमल ज्वेलर्स- ब्लेंडर्स प्राइड मिस उत्तराखंड-2024 के मिस रेडियंट स्किन और मिस ब्यूटीफुल हेयर सब कांटेस्ट का आयोजन किया गया। इस मौके पर मॉडल्स ने आकर्षक ड्रेसेस पहन कर कैट वॉक की।

सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से बुधवार को सुभाष रोड स्थित जेबीसीसी लाउंज में आयोजित इस सब कांटेस्ट में 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सब कांटेस्ट का रिजल्ट ग्रैंड फिनाले के दिन ही घोषित किया जाएगा।
इन सब कांटेस्ट में प्रतिभागियों ने आकर्षक हेयर स्टाइल बनाया हुआ था । साथ ही उन्होंने जजेज के सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान देहरादून सहित हल्द्वानी, हरिद्वार, ऋषिकेश, पौड़ी और रुड़की की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर सिनमिट कम्युनिकेशन्स के डायरेक्टर और आयोजक दलीप सिंधी और राजीव मित्तल ने बताया कि प्रतिभागियों की लगातार ग्रूमिंग के बाद ही फिनाले का आयोजन होगा। बताया कि कांटेस्ट कमल ज्वैलर्स और ब्लेंडर्स प्राइड की ओर से प्रेजेंट किया जा रहा है।आयोजकों ने बताया कि हयात सेंट्रिक, न्यू इरा फ़ोटो स्टूडियो और इंस्पिरेशन पीआर की ओर से इवेंट में विशेष सहयोग किया जा रहा है। कांटेस्ट की पूरी कोरियोग्राफी जेश पुष्कर सोनी और स्टाइलिंग अदिति की ओर से की जा रही है।
इस मौके पर जेबीसीसी के डायरेक्टर जावेद, फैशन डिजाइनर मनु आहूजा, मेकअप एक्सपर्ट जाकिर जजेज की भूमिका में रहे।

 

उक्रांद नेता की कार को युवक ने कर दिया आग के हवाले, घटना सीसीटीवी में कैद, केस दर्ज

हरिद्वार, यूकेडी और व्यापारी नेता की कार पर मंगल—बुधवार की रात एक युवक ने आग लगा दी। आग लगने से कार पूरी तरह से जल गई। नेता ने शहर कोतवाली में खड़खड़ी निवासी युवक के खिलाफ नामजद शिकायत की है। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। बताया जा रहा है कि कार में रंजिश के चलते आग लगाई गई।
उत्तराखंड क्रांति दल के व्यापार प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष सुमित अरोड़ा ने शिकायत कर बताया कि वह अपने घर के बाहर अपनी कार खड़ी करते हैं। बुधवार की सुबह करीब ढाई बजे उनकी कार पर एक युवक ने आग लगा दी। आरोप है कि कार पर आग खड़खड़ी निवासी युवक ने लगाई दी। घटना का पता सुबह चला।
सीसीटीवी में देखने के बाद मालूम हुआ कि खड़खड़ी निवासी युवक ने पेट्रोल छिड़ककर कार पर आग लगाई थी। बताया जा रहा है कि युवक पिछले कुछ दिनों से सुमित से रंजिश रखे हुए था। इधर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

नैनी-दून एक्सप्रेस के ट्रेक पर एक कुंतल का पत्थर, बड़ा हादसा होने से टला, रेलवे ने शुरू की जांच

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मुरादाबाद, उत्तर रेल मंडल मुरादाबाद में मंगलवार को बड़ा हादसा होने से उस समय टल गया जब 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही 1100 से अधिक यात्रियों से भरी नैनी— दून एक्सप्रेस के सामने करीब 100 किलो से भी भारी पत्थर आ गया। इससे इंजन का पहिया एक ओर से उठ गया और गाड़ी 100 मीटर से अधिक दूरी तक घीसटती हुई चलने लगी। ड्राइवर ने समझदारी से जैसे तैसे ट्रेन को काबू करके रोका। जिस क्षेत्र में घटना हुई वहां आरपीएफ पेट्रोलिंग नहीं करती है, लेकिन रेलवे के ट्रैकमैन वहां पेट्रोलिंग करते हैं। इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदारों से पूछताछ की जा रही है।
घटना मंगलवार रात देर शाम 7:30 बजे की है। देहरादून से काठगोदाम के बीच चलने वाली (12091) नैनी दून एक्सप्रेस स्योहारा से आगे बढ़ी तो ट्रैक पर रखा बड़ा पत्थर पहियों के नीचे आ गया। ट्रेन की रफ्तार तेज होने के कारण जोर से कट-कट की आवाज आई और बोगियां हिलने लगीं। ट्रेन में सवार यात्री घबरा गए।
जानकारी के मुताबिक लोको पायलट ने ट्रेन की रफ्तार धीमी की और फिर ब्रेक लगाकर रोका। उन्होंने उतरकर देखा तो बड़ा पत्थर पटरियों और पहियों के बीच में था। ड्राइवर ने फौरन कंट्रोल को सूचना दी। मैकेनिकल विभाग की टीम ने मेवानवादा पहुंचकर औजारों से पत्थर के टुकड़े किए। इसके बाद बमुश्किल पहियों के बीच फंसे पत्थर को निकाला गया। इसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।
ड्राइवर ने मेवानवादा से ट्रेन को आगे बढ़ाया जिससे अन्य ट्रेनें प्रभावित न हों। इसके बाद कांठ में ट्रेन को रोककर घटनाक्रम रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। ट्रेन के ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड व यात्रियों के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान ट्रेन कांठ में 36 मिनट खड़ी रही। घटनाक्रम को रेल अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा गया। सारे मामले की जानकारी होने के बाद रेलवे प्रशासन ने फौरन इस मामले की जांच बैठा दी है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पत्थर 100 किलो से ज्यादा वजनी था। इतना बड़ा पत्थर ट्रैक पर कहां से आया, यह सवाल रेलवे अधिकारियों को परेशान कर रहा है। जिस क्षेत्र में घटना हुई वहां आरपीएफ पेट्रोलिंग नहीं करती है, लेकिन रेलवे के ट्रैकमैन वहां पेट्रोलिंग करते हैं। इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदारों से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जहां घटना हुई वहां आम लोगों की आवाजाही भी नहीं है। ट्रैक पर बड़ा पत्थर कैसे आया, इसकी जांच कराई जा रही है।
रेलवे के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि ड्राइवर की समझदारी से हादसे को समय पर टाल दिया गया । ट्रेन संचालन भी प्रभावित नहीं हुआ। हम इस मामले की तह तक जाएंगे की ट्रैक पर इतना बड़ा पत्थर कैसे आया। रेलवे स्टाफ ने वहां पेट्रोलिंग भी की थी। इस घटना की जांच शुरू की जा चुकी है।

अंग्रेजी शराब की दुकान का विरोध, 50 से अधिक के खिलाफ अभियोग पंजीकृत

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– गुमानीवाला में खुली अंग्रेजी शराब की दुकान का विरोध करने के दौरान सड़क जाम करने का आरोप

– राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ १अस्कूली बच्चो ़ तथा एम्स आने जाने वाले मरीजों को करना पड़ा था परेशानियों का सामना

– पुलिस के समझाने के बावजूद ढाई घंटे तक बाधित रखा राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन

ऋषिकेश, कोतवाली ऋषिकेश में सूचना प्राप्त हुई की कुछ स्थानीय व्यक्तियों द्वारा गुमानीवाला क्षेत्र में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान के विरोध में गुमानीवाला मुख्य सड़क मार्ग को अवरूद्ध किया जा रहा है।
उक्त सूचना पर कोतवाली ऋषिकेश से प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश मय पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचे तो देखा कि कुछ स्थानीय व्यक्तियों के द्वारा गुमानीवाला में अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने को लेकर विरोध करते हुए मुख्य मार्ग को अवरूद्ध किया गया था।
सड़क जाम होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूली वाहनों तथा एम्स जाने वाले मरीजों की एम्बुलेंस का आवागमन बाधित हो गया तथा स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ एम्स जाने वाले मरीजों को भी अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पुलिस द्वारा उक्त व्यक्तियों को समझाने का काफी प्रयास किया गया परन्तु वह लोग नहीं माने तथा उनके द्वारा लगभग ढाई घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया गया। जिस पर पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने वाले व्यक्तियों की पहचान करते हुए वीरेंद्र रमोला, राजेंद्र गैरोला, विकास सेमवाल, उषा चौहान, निर्मल उनियाल सहित 50 से अधिक व्यक्तियों के विरूद्ध राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने पर धारा 341 आईपीसी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है।

दिल्ली से घूमने आया युवक गंगा में डूबा, तलाश में जुटी पुलिस व एसडीआरएफ की टीम

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ॠषिकेश, मुनिकिरेती थाना क्षेत्र के तपोवन में दिल्ली निवासी एक युवक गंगा में डूब गया। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम युवक की तलाश में जुटी है।
कनिष्क राणा नीम बीच पांडू पत्थर के पास नहाते समय गंगा जी के तेज बहाव की चपेट में आकर डूब गया। जल पुलिस मौके पर है सर्चिग अभियान चल रहा है। वहीं करीब डेढ़ सप्ताह पूर्व नीमबीच के समीप गंगा में डूबे दिल्ली निवासी युवक का शव बैराज जलाशय से बरामद किया है।
मुनिकिरेती थाना क्षेत्र के तपोवन क्षेत्र में दिल्ली निवासी एक युवक गंगा में डूब गया। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम युवक की तलाश में जुटी है। बुधवार को दोपहर 12:10 बजे कनिष्क राणा (21 वर्ष) निवासी विजय विहार फेस 2 रोहिणी नियर शमशान घाट दिल्ली अपने दो दोस्तों के साथ वंश गौड़ और हिमांशु लकड़ा के साथ दिल्ली से घूमने आए थे। जिनमें से कनिष्क राणा नीम बीच पांडू पत्थर के पास नहाते समय गंगा जी के तेज बहाव की चपेट में आकर डूब गया। जल पुलिस मौके पर है सर्चिंग अभियान चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव को फिर झटका, माफीनामे की मांगी ओरिजिनल कॉपी

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नई दिल्ली, पतंजलि विज्ञापन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे तक सुनवाई हुई। रामदेव और बालकृष्ण पांचवीं बार जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में पेश हुए। पतंजलि की ओर से मुकुल रोहतगी और बलबीर सिंह ने पैरवी की।
उत्तराखंड़ सरकार की ओर से ध्रुव मेहता पेश हुए। आज की सुनवाई में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी शामिल हुआ। सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने मूल कॉपी पतंजलि के वकील को दे दी। माफी की जगह ई-फाइलिंग (समाचार पत्रों की कॉपी) करने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- बहुत बड़ा कम्युनिकेशन गैप है। कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। पतंजलि के वकील ज्यादा होशियार हैं। पूरा अखबार दाखिल करना पड़ा। कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ समय पर कार्रवाई न करने पर उत्तराखंड सरकार को भी फटकार लगाई। साथ ही एक दिन पहले आईएमए प्रमुख द्वारा दिए गए इंटरव्यू को भी रिकॉर्ड करने को कहा है।
कोर्ट ने पतंजलि को अखबार में माफीनामा का विज्ञापन पेश करने की इजाजत दे दी। ई-फाइलिंग और कटिंग की अनुमति नहीं थी। अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष के मीडिया साक्षात्कार का मुद्दा भी सुना, जिसमें वह उंगली उठाने के लिए आईएमए की आलोचना कर रहे हैं। कोर्ट ने ये इंटरव्यू इसलिए मांगा है ताकि फैसला लिया जा सके कि क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी की ओर से दाखिल हलफनामे की आलोचना की है। कहा कि जब कोर्ट ने आदेश दिया तब अधिकारी जागे। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को खुद ही सावधानी बरतनी होगी। पूछा कि कोर्ट के आदेश से पहले और बाद में क्या कार्रवाई की गयी। राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी को 14 मई तक जवाब देने का निर्देश दिया गया है। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।