Thursday, May 1, 2025
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एसबीआई के करोड़ों ग्राहकों के लिए गुड न्यूज , जानकर खुश हो जाएंगे आप

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नई दिल्ली ,। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने अपने करोड़ों ग्राहकों को तोहफा दिया है। एसबीआई ने करीब 5 महीने बाद एफडी पर इंटरेस्ट बढ़ा दिया है। पिछली बार बैंक ने दिसंबर 2023 को एफडी पर ब्याज दरों को रिवाइज किया था।
एसबीआई ने एफडी पर ब्याज 0.75 फीसदी तक बढ़ा दिया है। एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, एफडी ब्याज दरों में बढ़ोतरी आज 15 मई 2024 से लागू हो गया है। बैंक ने 2 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं।
एसबीआई अपने ग्राहकों को सबसे कम 7 दिन की एफडी ऑफर करता है। अलग-अलग अवधि की एफडी के लिए वह अलग-अलग ब्याज दर ऑफर करता है। जबकि वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य लोगों की तुलना में 0.50 प्रतिशत तक एक्स्ट्रा ब्याज भी देता है। एसबीआई की अलग-अलग अवधि की अलग-अलग ब्याज दरें इस प्रकार हैंज्
* 7 दिन से 45 दिन तक की अवधि के लिए एफडी पर सामान्य लोगों को 3.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को अब 4 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
* 46 दिन से 179 दिन तक की एफडी पर सामान्य लोगों को अब 4.75 प्रतिशत की जगह 5.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। सीनियर सिटीजंस के लिए ब्याज दर 6 प्रतिशत होगी।
* 180 दिन से 210 दिन की अवधि के लिए अब ब्याज दर 5.75 प्रतिशत नहीं बल्कि 6 प्रतिशत होगी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये 6.5 प्रतिशत होगी।
* 211 दिन से लेकर एक साल से कम की अवधि तक की एफडी पर लोगों को पहले 6 प्रतिशत ब्याज मिलता था। अब ये 6.25 प्रतिशत होगा. सीनियर सिटीजंस के लिए ये 6.75 प्रतिशत होगा।
* 1 साल से लेकर 2 साल से कम की अवधि के लिए अब ब्याज दर 6.8 प्रतिशत होगी। सीनियर सिटीजंस के लिए ये 7.3 प्रतिशत होगी।
इसके अलावा 2 साल से अधिक लेकिन 3 साल से कम की अवधि के लिए नई ब्याज दर 7 प्रतिशत, 3 साल से अधिक लेकिन 5 साल से कम की अवधि के लिए 6.75 प्रतिशत और 5 साल से लेकर 10 साल तक की एफडी के लिए ब्याज दर 6.5 प्रतिशत होगी।

ग्राफिक एरा में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी : आपदाओं से बचाएंगी नई निर्माण तकनीकें

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देहरादून, विशेषज्ञों ने कहा कि बिल्डिंग बनाने की नई तकनीकें हिमालयी क्षेत्रों में आपदाओं से राहत देने में मददगार साबित होंगी।
विशेषज्ञों यह बात आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही। संगोष्ठी का उद्घाटन कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक शांतनु रॉय और उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने दीप प्रज्वलित करके किया।

सिविल, एनवायरनमेंट एंड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी:

इकोलॉजिकल, रेसिलियंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंटीग्रेशन विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह ने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना होना चाहिए। भारत अर्थ मूवर्स के मुख्य प्रबंध निदेशक शांतनु राय ने नवाचार, सुधार और बदलाव को सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए समय के साथ खुद में बदलाव करना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने विकास के लिए पर्यावरण के साथ संतुलित संबंध बनाने को मनुष्य के लिए आवश्यक बताया।

संगोष्ठी में नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद के पूर्व निदेशक पद्मश्री डॉ. वी. पी. डिमरी, चैंगक्विंग यूनिवर्सिटी, जापान के डॉ. यूकिओ तामूरा, क्योटो यूनिवर्सिटी, जापान के प्रो. ताईची हायाशी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बैंगलोर के प्रो. सिवाकुमार बाबू, थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला के डॉ. नवीन क्वात्रा व अन्य विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। वे इस संगोष्ठी में ऑफलाइन व ऑनलाइन तौर पर शामिल हुए।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और भारत अर्थ मूवर्स के बीच शैक्षिणिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एमओयू किया गया। कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह और भारत अर्थ मूवर्स के हेड कॉरपोरेट कम्युनिकेशन, तपस तालुकदार ने इसपे हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर सूवेनियर का विमोचन किया गया। संगोष्ठी के पहले दिन, आज 15 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े गए।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने किया। इसमें डीन प्लैनिंग एंड डेवलपमेंट, डॉ. अजय गैरोला, एचओडी डॉ. के. के. गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संजना जॉन, आयोजन सचिव डॉ. दीपशिखा शुक्ला, कार्यक्रम संयोजक प्रो. संजीव कुमार व डॉ. अमित श्रीवास्तव, अनेक शोधकर्ता, शिक्षक- शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

 

बालिका इंटर कॉलेज धारचूला के टॉपर्स हुए सम्मानित, जिपंस पुरस्कार 2023 से नवाजा गयाMay be an image of 9 people and tree

-सामुदायिक पुस्तकालय तथा संडे क्लास की अवधारणा पर हुई कार्यशाला

धारचूला, सामुदायिक पुस्तकालय के तत्वाधान में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धारचूला के टॉपर विद्यार्थियों को शुक्रवार को जिला पंचायत सदस्य पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सामुदायिक पुस्तकालय तथा संडे क्लास की अवधारणा के बारे में जानकारी दी गई। विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों के साथ शैक्षिक वातावरण को और अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए बातचीत की गई।
मुनस्यारी के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया द्वारा नगर में सामुदायिक पुस्तकालय के लिए जिला पंचायत बोर्ड से पांच लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत कराया गया था।पुस्तकालय की समस्त सामाग्री यहां पहुंच गई है।
विद्यार्थियों, अभिभावको एवं शिक्षकों को जोड़ने के लिए बालिका इंटर कॉलेज में सामुदायिक पुस्तकालय पर आज एक दिवसीय वर्कशॉप भी आयोजित किया गया।
सामुदायिक पुस्तकालय के जनक तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया द्वारा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के कक्षा 6 की कीर्तिका को 67 प्रतिशत अंक, कक्षा 7 की कुमारी विद्या को 68 प्रतिशत अंक, कक्षा 8 की कविता सामंत को 83 प्रतिशत अंक,कक्षा 9 की दीपा रावल को 72 प्रतिशत अंक ,कक्षा 10 की उषा बिष्ट को 73 प्रतिशत अंक, कक्षा 11 की प्राची ततवाल को 62 प्रतिशत अंक तथा कक्षा 12 की टॉपर दीक्षा महर को 80 अंक लाने पर जिला पंचायत सदस्य पुरस्कार 2023 के रूप में प्रशिक्षित पत्र तथा डिक्शनरी देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर टॉपर विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों द्वारा अपनी सफलता की कहानी सभी विद्यार्थियों के बीच में रखी गयी।
इस अवसर पर कमला नेहरू पुरस्कार वर्ष 2022-23 के लिए चयनित विद्यार्थियों को भी नगद धनराशि वितरित की गई।
विद्यालय की प्रधानाचार्या शकुंतला टम्टा ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के भीतर शिक्षा को समझने की ललक को पैदा करना आवश्यक है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि सामुदायिक पुस्तकालय का उद्देश्य है कि विद्यार्थी तोता ना बने। वह अपने दिमाग का बखूबी से इस्तेमाल करना सीखे। उन्होंने कहा कि संडे क्लास बच्चों के भीतर झिझक को बाहर करने के लिए सबसे अच्छा अवसर देता है। उन्होंने बताया कि नगर में शीघ्र ही सामुदायिक पुस्तकालय शुरू होने को जा रहा है।
उन्होंने क्षेत्र के शिक्षा क्षेत्र से जुड़े समस्त लोगों का आवाहन किया कि वे सामुदायिक पुस्तकालय की सफलता के लिए अपना योगदान दें। कॉलेज की छात्राओं के द्वारा स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया गया।

 

तीन दिवसीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता शुरूMay be an image of 6 people

देहरादून बॉक्सिंग संघ एवं गौतम बॉक्सिंग संस्था के समन्वय से एलिट एवं यूथ बालक बालिका जिला बॉक्सिंग टूर्नामेंट का शुभारंभ करते हुए गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज देहरादून में मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं रेडक्रॉस के राज्य कोषाध्यक्ष मोहन खत्री ने सभी बॉक्सर्स को आशीर्वाद प्रदान करते हुए किया इस अवसर पर उन्होंने डेंगू से सावधान रहने की भी अपील की और युवाओं से रक्तदान का भी आह्वान किया | उन्होंने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य ही हमें अच्छे भविष्य की ओर ले जाता है। लगातार बॉक्सिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिए उन्होंने देहरादून बॉक्सिंग संघ की सराहना की है। तीन दिवसीय यह प्रतियोगिता 19 मई तक चलेगी |
इस अवसर पर गौतम बॉक्सिंग संस्था के अध्यक्ष कर्नल डी के प्रधान रामेंद्र सिंह डॉ माया डॉ रजत शर्मा एवं डॉ. मिमोह के साथ ही रिंग ऑफिशियल के रूप में देहरादून बॉक्सिंग संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह बुटोइया उपाध्यक्ष कैप्टन वी एस रावत महासचिव दुर्गा थापा छेत्री नरेश गुरुंग पदम बहादुर गुरुंग उमेश कुमार मौर्य अनिल कंडवाल प्रदीप कुमार संध्या थापा प्रियंका सिंह पूजा नेगी प्रदीप थापा विजय ठाकुर संजय चौहान अश्वनी थापा ने आयोजन में सहयोग किया।
आज के मुकाबले में 54 से 57 किलोग्राम में हर्षित ने अंश 63 से 67 में अनमोल ने प्रांजल 67 से 71 में सौरभ ने अनुराग एवं हर्ष ने अपूर्व 45 से 48 में यशस्विनी ने रौनक पाल व आरती ने सुधा 54 से 57 में ओशिन ने कौशल्या 48 से 51 में सूर्यांश ने आरिफ 51 से 54 में सागर ने रवि 54 से 57 में संदीप ने देव 57 से 60 में सुमित ने दीपराज 57 से 60 में आदित्य ने आर्यन 60 से 63 में जीवितेश ने दीपक 75 से 80 में अवनीत ने वंश को हराकर पदक तालिका में अपना स्थान बनाया।

 

आर्यन स्कूल में पंडित अभय रुस्तम सोपोरी द्वारा संतूर व्याख्यान हुआ आयोजितMay be an image of 11 people, flute, violin, temple and text

देहरादून, स्पिक मैके के तत्वावधान में आर्यन स्कूल ने आज प्रसिद्ध पंडित अभय रुस्तम सोपोरी द्वारा संतूर व्याख्यान प्रदर्शन का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन स्कूल परिसर में हुआ, जिसके दौरान संगीत और शिक्षा के मिश्रण ने छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंडित सोपोरी के साथ तबले पर चंचल सिंह और पखावज पर ऋषि शंकर उपाध्याय ने संगत की।

इस अवसर पर पंडित सोपोरी ने अपनी तकनीकों को दर्शाते हुए छात्रों को संगीत के इतिहास और लोकाचार के बारे में बताया और वाद्ययंत्रों के बारे में चर्चा भी करी।

प्रस्तुति के दौरान पंडित सोपोरी ने छात्रों के साथ संतूर के बारे में रोचक जानकारी साझा करते हुए कहा, “संतूर ईरान से नहीं आया है। यह एक स्वदेशी कश्मीरी वाद्य है, और इसे शत तंत्री वीणा के रूप में भी जाना जाता है। तारों को बजाने वाली लकड़ी की पट्टियों को कलम कहा जाता है।”

पंडित सोपोरी का प्रदर्शन के दौरान विभिन्न राग रचनाओं की प्रस्तुति देखी गई। उन्होंने राग पटदीप में भावपूर्ण झोर, झाला और आलाप से शुरुआत की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ध्रुत लय में एक गायन रचना और एक गत (वाद्य रचना) प्रस्तुत की, जिसमें गायन और वाद्य दोनों पर उनकी महारत का प्रदर्शन देखा गया।

संतूर वादक और संगीतकार पंडित अभय रुस्तम सोपोरी संगीत के दिग्गज पंडित भजन सोपोरी के बाद एकमात्र भारतीय शास्त्रीय संगीतकार हैं, जिन्होंने सूफी और लोक संगीत समूहों और ऑर्केस्ट्रा की रचना और संचालन किया है। उनके कई पुरस्कारों में यूनाइटेड नेशंस महात्मा गांधी सेवा पदक (2020), ऑल इंडिया रेडियो द्वारा शीर्ष ग्रेड कलाकार (2019), और ध्रुपद सम्मान (2019) शामिल हैं। उन्होंने विश्व स्तर पर प्रदर्शन किया है, प्रतिष्ठित ऑर्केस्ट्रा के साथ प्रस्तुति दी है और विभिन्न फिल्मों और वृत्तचित्रों के लिए संगीत प्रदान किया है।

कश्मीर में जन्मे पंडित सोपोरी 10 पीढ़ियों से अधिक समय तक फैली सोपोरी सूफियाना घराने की समृद्ध संगीत विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने संतूर के आयामों को नया रूप दिया है और नई तकनीकें व रचनाएँ पेश कर उसका विस्तार किया है। उनके योगदान ने जम्मू और कश्मीर में एक सांस्कृतिक क्रांति पैदा की है, दुनिया भर में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया है और संगीत पारखी लोगों की एक नई पीढ़ी को बढ़ावा दिया है।

इस मौके पर आर्यन स्कूल के प्रिंसिपल बी. दासगुप्ता ने कहा, “आर्यन स्कूल में पंडित अभय रुस्तम सोपोरी की प्रस्तुति से हमें गर्व महसूस हो रहा है। उनका गायन सिर्फ़ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारे छात्रों के लिए एक समृद्ध अनुभव रहा, जिसमें शिक्षा और संस्कृति का सहज मिश्रण था। संगीत के प्रति उनका समर्पण और छात्रों को प्रोत्साहित करने के उनके प्रयास वाकई प्रेरणादायक हैं।”

 

यूसर्क द्वारा “सीपेट में उत्तराखंड के विद्यार्थियों के अध्ययन एवं करियर के अवसर” विषय पर कार्यक्रम का आयोजनMay be an image of 9 people, people studying, people standing, office and text that says 'จ่ उतराखण्ड शासन उत्तराखंड विजञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसरक) देहरादू सृचना एवं विजान प्रोद्योगिकी विभाग, उत्तराखंड शासन বনদোেরি ギャシャンチオンル!'

देहरादून, यूसर्क द्वारा आज शुक्रवार को यूसर्क के डिजिटल लर्निग प्लेटफार्म के अन्तर्गत देहरादून के डोईवाला स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रो केमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीपेट) के संयुक्त तत्वावधान में सीपेट में उत्तराखंड के विद्यार्थियों हेतु अध्ययन एवं करियर के अवसर विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डा.) अनीता रावत ने कहा कि यूसर्क उत्तराखंड राज्य के विद्यार्थियों के कौशल विकास, नवाचार एवं उनके करियर को सही दिशा देने के उद्देश्य के साथ राज्य तथा राज्य के बाहर अवस्थित विभिन्न शोध, अनुसंधान एवं शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। इसी दिशा में आज सीपेट संस्थान (भारत सरकार) के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हमारे राज्य के विद्यार्थियों को इसका लाभ प्राप्त होगा।

सीपेट के संयुक्त निदेशक श्री अभिषेक राजवंशी ने अपने संबोधन में बताया कि सीपेट में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अध्ययन के साथ साथ उनके कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिससे उनका अच्छे स्थानों पर शत प्रतिशत प्लेसमेंट हो जाता है ।

सीपेट के विशेषज्ञ श्री शादाब ने संस्थान में चलने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों, प्रवेश प्रक्रिया तथा सीपेट में प्रयोगात्मक रूप से सिखाये जाने वाले कौशल विकास कार्यक्रमों एवं अन्य सभी गतिविधियों पर विस्तार से बताया।

कार्यक्रम का संचालन यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने किया तथा कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ भवतोष शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में डा. राजेन्द्र सिंह राणा, राजद्वीप जंग, उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, यूसर्क के विज्ञान चेतना केंद्रों के शिक्षकों सहित 250 से अधिक छात्र छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

 

दून पुस्तकालय में लगी बीट्राइस डे फेज द्वारा संवर्धित वास्तविकता पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनीMay be an image of 5 people

देहरादून, पुस्तक वाचन और चर्चा, संगीत, वृत्तचित्र फिल्म, लोक परंपराओं व कलाओं, इतिहास, सामाजिक विज्ञान पर आधारित विविध कार्यक्रमों के अंर्तगत दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र ने फ्रेंच एलाइंस चण्डीगढ़ शाखा के साथ मिलकर अंतरिक्ष: बीट्राइस डे फेज द्वारा संवर्धित वास्तविकता पर आधारित नव कार्यों की एक प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। यह प्रदर्शनी दून पुस्तकालय के तीसरे तल पर स्थित गैलरी में लगाई गयी है।

अंतरिक्ष वस्तुतः एक प्रदर्शनी है जिसमें 12 पेंटिंग शामिल हैं जिनमें से एक कहानी संवर्धित वास्तविकता में सामने आती है। यह कथन एक भ्रामक दुनिया के विनाश और एक चरित्र, कथावाचक की आरंभिक यात्रा के साथ है, जो खुद को उसकी कैद, उसकी सीमाओं और उसके द्वंद्व से मुक्त करता है। भारत में दक्षिण के पठार पर हैदराबाद की ग्रेनाइट चट्टानों से प्रेरित होकर, वह विलक्षण प्राणियों, संस्थाओं, स्थानों, ऊर्जाओं, अवधारणाओं का सामना करती है।

संवर्धित वास्तविकता और प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्र 2 डी पेंटिंग्स की तरह दिखते हैं। जब संवर्धित वास्तविकता ऐप डाउनलोड और लागू किया जाता है, तो कथा की परतें एक-एक कर खुलती जाती हैं और दृश्य को सामग्री का एक वैकल्पिक अंतरिक्ष प्रदान करती हैं। दर्शक इसे पदण्ेचंबम एप डाउनलोड करके और स्थानिक कथा और ध्वनि आयामों के खोज के लिए हर पेंटिग को स्कैन करके उन्हें जीवंत रुप में देख सकते हैं।

यह प्रदर्शनी आज से आगामी शनिवार, 1 जून, 2024 तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक आम दर्शकों के लिए निशुल्क तौर पर देखने के लिए खुली रहेगी।

प्रदर्शनी के शुभारम्भ के अवसर पर कई कलाप्रेमी, बुद्विजीवी, साहित्यकार ,लेखक तथा, पुस्तकालय सदस्य व बड़ी संख्या में पुस्तकालय के युवा पाठक उपस्थित रहे।

चारधाम यात्राएं : व्यवस्थाओं को लेकर सीएम ले रहे हैं समीक्षा बैठक, बड़कोट भी जायेंगे, यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाओं का करेंगे निरीक्षण

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा को लेकर बेहद गंभीर है तथा लगातार बैठकों का दौर जारी है इस बीच मुख्यमंत्री श्री धामी शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सचिवालय में समीक्षा बैठक कर रहे हैं जिसके बाद श्री धामी यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाओं को लेकर बड़कोट जाकर यात्रा की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे।

उधर सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुंदरम ने यमुनोत्री क्षेत्र का भ्रमण कर यात्रा व्यवस्था का जायजा लेने के साथ ही यात्रा से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ यात्रा एवं यमुनोत्री क्षेत्र के विकास के बारे में विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यमुनोत्री के लिए मास्टर प्लान बनाकर धाम में सुविधाओं के विकास के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। श्री सुंदरम ने कहा कि धामों में अत्यधिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बिना पंजीकरण के यात्रा पर आने वाले लोगों को सख्ती से रोका जाएगा जाम की समस्या को रोकने के लिए यात्रा मार्गों पर बड़ी बसों के आवागमन को हतोत्साहित किया जाएगा।
सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुंदरम यात्रा व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण के लिए गत दिन से जिले के भ्रमण पर हैं। श्री सुंदरम ने आज जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी के साथ यमुनोत्री धाम व आस-पास के क्षेत्रों व यात्रा मार्ग का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही खरसाली एवं जानकीचट्टी में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सचिव मुख्यमंत्री ने जानकीचट्टी में मंदिर समिति के पदाधिकारियों, तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों व यात्रा व्यवस्था से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर यात्रा के बारे में फीडबैक लेने के साथ ही यमुनोत्री धाम क्षेत्र के विकास के बावत विस्तार से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम का मास्टर प्लान बनाकर यहां आवागमन की बेहतर सुविधा और अवस्थापना विकास के लिए कारगर प्रयास किए जाएंगे। धाम के लिए वैकल्पिक पैदल मार्ग के निर्माण के लिए भी तेजी से कार्रवाई होगी और रोप-वे के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि धाम में हेलीपैड एवं अन्य सुविधाओं के विकास की योजनाएं तैयार की जा रही हैं। कुछ सालों के भीतर इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से धाम की वहनीय क्षमता बढ जाएगी और अधिक संख्या में यात्री यहां आ सकेंगे। सचिव मुख्यमंत्री ने कहा कि पालीगाड से जानकीचट्ी तक सड़क के चौड़ीकरण के लिए वनभूमि से संबंधित स्वीकृति के मामले का जल्द निस्तारण होने की उम्मीद है और यह काम आने वाले दो-तीन साल के भीतर पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा सड़क के चौड़ीकरण होने से यात्रा सुगम व सुविधाजनक हो जाएगी और ट्रैफिक का निर्बाध संचालन सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जानकीचट्टी में पार्किंग व अन्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर स्थानीय लोगों के सुझावों के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चत की जाएगी। श्री सुंदरम में कहा कि यात्रा से जुड़े व्यवसाय हमारे रोजगार एवं पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लिहाजा सभी पक्ष सकारात्मक रवैया अपनाते हुए यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुव्यस्थित बनाने में सहयोग दें और कोई भी ऐसा काम न करें जिससे यात्रा व्यवस्था प्रभावित हो और हमारे क्षेत्र की छवि व हितों पर बुरा असर पड़े। श्री सुंदरम ने कहा कि यात्रा में बड़े आकार की बसों के आने से संकरे मार्गों पर जाम लग रहा है, जिसे देखते हुए आगामी सितंबर-अक्टूबर माह से बड़ी बसों को यात्रा पर न आने देने का प्रयास किया जाएगा। यह कोशिश सफल रहने पर अगले साल से पूरी तरह से बडे़ वाहनों को रोकने पर विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री धाम के लिए वैकल्पिक पैदल मार्ग बनाए जाने के अत्यावश्यक बताते हुए कहा कि इसके लिए शुरूआती सर्वेक्षण की कार्रवाई की जा रही है।उन्होंने रोप-वे के निर्माण को जल्द पूरा करने और हैलीपैड बनाए जाने व पालीगाड से आगे के संकरे मार्ग को जल्द चौड़ीकरण किये जाने पर जोर देते हुए इस बावत प्रशासन के स्तर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने कहा कि शुरूआती दिनों में अत्यधिक यात्रियों के आने के कारण कुछ समस्याएं आई थी लेकिन अब इन समस्याओं का समाधान कर यात्रा को सुव्यवस्थित व सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने यात्रा मार्गों पर जाम से बचने के लिए लागू किए गए ट्रैफिक प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि सड़कों पर वाहनों का दबाव कुछ कम होते ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।
इस मौके पर यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरूषोत्तम उनियाल, पवन उनियाल, भरत सिंह राणा, महावीर पंवार, शरत सिंह रावत, संदीप राणा सहित क्षेत्र के अनेक जन-प्रतिनिधियों ने यात्रा व्यवस्था व धाम के विकास से जुड़े मामलों पर अनके सुझाव रखे। इस दौरान उप जिलाधिकारी एवं यमुनोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष मुकेश रमोला, उप जिलाधिकारी डुंडा नवाजिश खलीक सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

दिये 1000 और खाते से उड़ गए 23 लाख, बड़े रिटर्न का दिया था लालच

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नई दिल्ली, देशभर में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे है। साइबर ठगों की तरफ से बड़ी ही चतुराई से ठगी की जा रही है।
ऐसा ही मामला दिल्ली से भी सामने आया है। जहां आरोपियों ने दिल्ली की एक महिला को बड़े रिटर्न का लालच देकर 23 लाख रुपये ठग लिए।
साइबर ठगों ने महिला को भरोसे में लेने के लिए पहले 1000 रुपये का निवेश कराकर कुछ ही घंटे में पैसे डबल करके दे दिए। इसके बाद ठग धीरे-धीरे करके महिला से निवेश की रकम बढ़वाते रहे और ऐसे महिला के खाते से लाखों रुपये निकलवाने के बाद आरोपियों ने उसके खाते को ही सील कर दिया। महिला से ठगी के लिए आरोपियों ने एक फर्जी मोबाइल एप भी बनाया था। पुलिस की जांच में पता चला कि महिला को टेलीग्राम और इंस्टाग्राम के अलग-अलग चैनल पर ज्वाइन करवाया गया था और इन्ही चैनल के माध्यम से महिला से निवेश के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई।

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर भी लाखों की ठगी :
ऐसा ही एक मामला दिल्ली से सटे गाजियाबाद से भी सामने आया है। गाजियाबाद के रहने वाले एक शख्स ने पुलिस को बताया है कि शेयर ट्रेडिंग के नाम पर आरोपियों ने इस शख्स 70 लाख रुपये की ठगी की है। ठगी के शिकार शख्स ने बताया उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर आरोपियों का एक विज्ञापन देखा था। वो उस वीडियो में शेयर ट्रेडिंग के जरिए ज्यादा मुनाफा कमाने का दावा कर रहे थे। इसके लिए आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया हुआ था जिसका नाम राम इंवेस्टमेंट एकेडमी रखा गया।

कवियों ने अपनी रचनाओं से दिया भाईचारे और प्रकृति प्रेम का संदेश

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देहरादून: द्रोणनगरी में साहित्यनुरागी राय दंपती के सेवक आश्रम रोड स्थित आवास पर आयोजित भव्य कवि गोष्ठी में ओज, वीर रस, श्रृंगार और हास्य रस से ओत-प्रोत रचनाओं के माध्यम से कवियों ने देशप्रेम, भाईचारा और प्रकृति प्रेम का संदेश दिया।
कथाकार नरेन्द्र उनियाल ने प्रभावशाली लघु कथाएं सुनाकर गोष्ठी का सात्विक साहित्यिक शुभारंभ किया। उनियाल की लघुतम संरचना वाली तेजधार कहानियों की विषयवस्तु के साथ विशिष्ट प्रस्तुतीकरण शैली ने उपस्थित साहित्य प्रेमियों को सोचने पर मजबूर कर दिया। तत्पश्चात मंच के सुविख्यात ओजस्वी कवि श्रीकांत शर्मा ने जब पन्ना धामी पर अपनी खोज से परिपूर्ण कविता सुनाई तो सभाकक्ष करतल ध्वनियों से गूंज उठा। राष्ट्रीय वंदना के स्वरों में अपनी रचनाओं की नीरा समावेशित कर राजेन्द्र डोभाल ने परिवेश को स्वदेश प्रेम से सराबोर कर दिया। प्रोफेसर सुनीत नैथानी ने अपने मुक्तकों व पर्यावरणीय चेतना जागृत करती रचनाओं के माध्यम से अपनी उपस्थिति की सार्थकता को प्रमाणित किया।आपके ही सहकर्मी दून विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रोफेसर सबरंग ने विविधतापूर्ण रचनाओं की प्रस्तुतियों से अपने साहित्यिक हस्ताक्षर अंकित किए। सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर सुभाष सैनी जी ने संभावमि युगे युगे की आधारशिला पर अपनी काव्य स्थापत्य कला का परिचय दिया। संयुक्त शिक्षा निदेशक राकेश चंद्र जुगराण ने हास्य व्यंग्य से सुशोभित कविता का पाठ कर श्रोताओं को ठहाके लगाने पर विवश कर दिया।
अर्चना राय एवं रतन राय जी ने संयुक्त रूप से गायन करते हुए जुगलबंदी का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। गीतों के क्रम में संजीव वर्मा ने अपने सुंदर गायन के माध्यम से काव्य रसिकों को भरपूर आनंद प्रदान किया। एससीईआरटी से पधारे अवनीश उनियाल और दर्द गढ़वाली की ग़ज़लें भी महफ़िल लूटने में कारगर रहीं।
इसके अलावा, नीरज नैथानी ने ‘चट्टान से बात’ कविता सुनाकर पर्वतीय सौंदर्य एवं पर्यावरणीय संदर्भ को चित्रांकित किया।डीएवी कॉलेज में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर रामविनय सिंह ने जब ‘आग आग खेली है तुमने, हिम के आंगन में’ गीत का सुमधुर कंठ से गायन कर धधकते पहाड़ों की पीड़ा को व्यक्त किया तो समस्त संवेदनशील रचनाकार अत्यंत भावुक हो गए। प्रवीण ममगाईं जी ने कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए आयोजन को सफल बताया।

दून विश्वविद्यालय के 241 मेधावी छात्रों को मिली 42 लाख की मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति

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मेधावी छात्रों को मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति से संस्थानों में उत्कृष्ट शिक्षण वातावरण बनेगा : प्रो. सुरेखा डंगवाल

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना मेधावी विद्यार्थी अध्ययन के लिए होंगे प्रेरित : प्रो. सुरेखा डंगवाल

 

देहरादून, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना को धरातल पर उतरते हुए उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड के द्वारा दून विश्वविद्यालय के 241 मेधावी छात्रों को उच्च अध्ययन के दौरान 42 लाख की छात्रवृत्ति प्रदान करना प्रारंभ कर दिया गया है, उच्चतर माध्यमिक/कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजों के आधार पर दी जाती है।
यह राशि राज्य के विश्वविद्यालय परिसरों और सरकारी कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले छात्रों को प्रदान की गई थी।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने हर्ष के साथ बताया यह स्कॉलरशिप उन मेधावी विद्यार्थियों को को दी जा रही है जो स्नातक और परास्नातक में अध्ययन कर रहे हैं इसके लिए स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की संकायवार मेरिट सूची बनाई गई है जिसमें 12वीं कक्षा में न्यूनतम 80% अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर 3000, 2000 और 1500 रुपए की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
प्रोफेसर डंगवाल ने बताया कि इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवारों के छात्रों की प्रतिभा को आगे लाना है। उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उच्च शिक्षा में इतने बड़े स्तर पर छात्रवृत्ति शुरू करना उत्तराखंड सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है जो मेधावी छात्रों को शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना की घोषणा 31 मई 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी।
यह छात्रवृत्ति के लिए केवल स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र ही छात्रवृत्ति के लिये पात्र हैं। यह योजना उत्तराखंड के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है ताकि वे अपनी पढ़ाई को बिना किसी बाधा के जारी रख सकें। यह योजना उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो अल्प आय वर्ग से हैं और उच्च शिक्षा की ओर बढ़ना चाहते हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान दोनों विश्वविद्यालय के रजिस्टर डॉ एस मंद्रवाल, वित्त नियंत्रक सुनील कुमार रतूड़ी, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर एच सी पुरोहित, डॉ महीप सिंह, डॉ राजेश भट्ट, नरेंद्र लाल, दिवेंदु रावत, रोहित जोशी, संदीप रावत और प्रमोद तिवारी आदि उपस्थित रहे।

चारधाम में 200 मीटर के दायरे में मोबाइल प्रतिबंध, रील बनाने वालों पर होगी सख्ती

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देहरादून, चारधाम में 200 मीटर के दायरे में मोबाइल प्रतिबंध, रील बनाने वालों पर सख्ती के
नियमों के उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी, यात्रा शुरू होने के बाद केदारनाथ में सामने आया था एक प्रपोज वीडियो, जिसकी जमकर आलोचना हुई थी। इस तरह की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए अब उत्तराखंड सरकार एफआईआर दर्ज कराएगी।
चारधाम यात्रा आस्था और विश्वास का प्रतीक है। तभी तो इसे सामान्य पर्यटन की जगह तीर्थाटन का नाम दिया गया है। यहां आने वाले लोग भी पर्यटक नहीं, बल्कि श्रद्धालु कहलाते हैं। बावजूद इसके चारधाम यात्रा पर आने वाले तमाम लोग बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को पिकनिक की भांति समझ रहे हैं। इन पवित्र धामों में आकर फूहड़ नृत्य कर रहे हैं, रील बनाई जा रही है और आस्था को मनोरंजन का जरिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे लाखों-करोड़ों लोगों की भावना भी आहत हो रही है। लिहाजा, सरकार ने इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए चारों धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। भलाई इसी में है कि आप आस्था भाव के साथ यात्रा करें। नहीं तो कहीं रील बनाने के फेर में पुलिस आपकी ‘रेल’ न बना दे।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी गुरुवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी। राज्य सरकार के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग (डीआईपीआर ) ने एक्स के माध्यम से मुख्य सचिव के इन निर्देशों को साझा किया। बीते दिनों केदारनाथ धाम में कुछ युवकों के रील बनाने का मामला सामने आया था। जिस पर केदारसभा के सदस्यों के कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। पूर्व में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। लिहाजा, मुख्य सचिव ने चारों धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश स्थानीय पुलिस और प्रशासन को जारी किए हैं। जो भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, उन पर एफआईआर दर्ज की जाए।

वहीं मुख्य सचिव ने सभी तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि वह पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराए बिना चारधाम यात्रा पर न निकलें। क्योंकि, इससे भीड़ अधिक होने पर व्यवस्था बिगड़ रही है। उन्होंने सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि चेकपोस्टों पर सघनता के साथ तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण की स्थिति देखी जाए। बिना पंजीकरण किसी भी यात्री को आगे न बढ़ने दिया जाए। मुख्य सचिव ने उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अपील की है कि वह व्यवस्था बनाने में प्रदेश सरकार का सहयोग करें।

 

विधायक विधायक निधि से रखे गेस्ट टीचर, विधानसभा अध्यक्ष को भेजा प्रस्ताव

“शिक्षकों के नहीं होने से खस्ताहाल हुए सरकारी विद्यालय”

पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों के चलते शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है।
चीन सीमा से लगे जनप्रतिनिधियों ने सरकार तथा विधायकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जनप्रतिनिधियों ने उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को पत्र भेजकर विधायक निधि से सरकारी विद्यालयों में गेस्ट टीचर रखे जाने पर खर्च करने के लिए पहल करने की मांग की।
उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के सैकड़ो पद रिक्त है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इस राज्य की जनता को आशा थी कि यहां की स्थानीय सरकार और जनप्रतिनिधि सरकारी शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन लाने का कार्य करेंगे, लेकिन जनता को आज तक निराशा ही हाथ लगी है।
चीन सीमा क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य तथा उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूरी को आज ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजकर एक नई मांग उठा दी है।
उन्होंने कहा कि चॉकलेट मीटिंग, सामुदायिक पुस्तकालय तथा क्षेत्रीय महापुरुषों की जयंती के अवसर पर उन्हें विद्यालयों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से बातचीत करने पर ज्ञात हुआ है कि सरकारी विद्यालयों में 70 से 80 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे है।
उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद किसी भी सरकार ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था को पटरी में लाने के लिए कोई प्लानिंग नहीं बनाई।
उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थियों का को भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते श्रीमती रितु खंडूरी जी को यह प्रस्ताव भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से यह अनुरोध किया गया है कि वह स्वयं विधानसभा के आगामी सत्र में य प्रस्ताव लाकर उत्तराखंड की जनता को एक उपहार दे, कि विधायक निधि की समस्त धनराशि से उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष गैस फैकल्टी को रखा जाएगा।

 

विधायक निधि बनी कार्यकर्ता निधि

पिथौरागढ़, जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने उत्तराखंड के 70 विधायकों से सवाल किया कि अगर 24 वर्षों में विधायक निधि से किसी भी विधायक ने कोई नवाचार किया है, तो वह अपनी सक्सेस स्टोरी को सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा कि विधायक निधि का प्रयोग केवल कार्यकर्ताओं की सेवा के लिए हो रहा है। इसलिए यह विधायक निधि कम कार्यकर्ता निधि ज्यादा हो गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के विधायकों को स्वयं आगे आकर इस विधायक निधि से सरकारी विद्यालयों में गेस्ट टीचर रखने की पहल करने के लिए आगे आना चाहिए।

 

 

टीनेजर्स ने ब्यूटीफुल स्माइल से जीता सबका दिल

देहरादून, इम्बेलिश टैलेंट मैनेजमेंट की ओर से मिस टीन उत्तराखंड का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें गुरुवार को मिस ब्यूटीफुल स्माइल प्रतियोगिता कराई गई। इस दौरान टीनेजर्स ने अपनी स्माइल का जादू बिखेरा।
इम्बेलिश टैलेंट मैनेजमेंट की ओर से मिस टीन उत्तराखंड के चौथे सीजन का आयोजन किया रहा है। जिसमें देहरादून सहित टिहरी, पौड़ी, चमोली, नैनीताल की टीनएजर्स लड़कियां प्रतिभाग कर रही हैं। इस दौरान गुरुवार को रेसकोर्स में एंबेलिश टैलेंट मैनेजमेंट ने डा. ए अग्रवाल्स के साथ मिलकर मिस ब्यूटीफुल स्माइल का आयोजन किया। इस दौरान प्रतिभागियों ने कैटवॉक कर जजेस के सवालों के जवाब दिए और अपनी ब्यूटीफुल स्माइल से सबका दिल जीता।आयोजक ख्याति शर्मा ने बताया कि 13 से 19 साल की लड़कियां इसमें हिस्सा ले रही हैं। अलग-अलग सब टाइटल के बाद 19 मई को इसका ग्रैंड फिनाले होगा। यहां से विनर मॉडल को नेशनल इम्बेलिश मिस इंडिया टीन एशिया पैसिफिक के लिए जयपुर भेजा जाएगा। जहां देश भर की मॉडल्स पहुंचेंगी। वहां से चयन होने के बाद विनर को इंटरनेशनल के लिए भी भेजा जाएगा। ख्याति ने बताया ये कांटेस्ट उन टीनेजर्स लड़कियों के लिए है जो बचपन से ही अपनी आंखों में कुछ अलग करने का सपना तो रखती हैं लेकिन उनको सही प्लेटफार्म नहीं मिल पाता है। एक महिला और मॉडल होने के नाते लड़कियों के सपनों को पूरा करने का भरसक प्रयास हमारी ओर से किया जा रहा है इस मौके पर जजिस की भूमिका में डेंटिस्ट अंजुम अग्रवाल, युगांशी नेगी उपस्थित थे, साथ ही कोरियोग्राफर निहारिका सिंह और फोटोग्राफर कुमार पीयूष ने विशेष सहयोग किया।

 

बीस से अधिक कलाकारों ने किया प्रदर्शनकारी कला का अभिनव प्रदर्शन

“इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल (आईबीएएफ) के समूह कलाकारों ने किया प्रदर्शन”

देहरादून, इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल (आईबीएएफ) के समूह कलाकारों द्वारा दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार में दोपहर से लेकर सायं तक अपनी प्रदर्शन कला का प्रस्तुतिकरण किया। इसमें बीस से अधिक कलाकारों ने अपनी प्रदर्शनकारी कला को बेहतरीन रुप से प्रस्तुत किया। कलाकारों की ओर से प्रस्तुत यह कला कई दृष्टिकोण से अपने आप में अभिनव, विचित्र और विस्मयकारी थी जिसे उपस्थित लोगों ने बहुत सराहा। निकोलस हाॅफलैण्ड ने कलाकारों के प्रदर्शन होने से पूर्व इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल, हैक्सी डेक्सी बाॅक्स और समूह कलाकारों की प्रदर्शनकारी कला के बारे में परिचय दिया।
साल 2018 में हैक्सी डेक्सी बाॅक्स के दो सदस्यों के साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यवहार कला से अपनी यात्रा शुरू कर इस महत्वपूर्ण कला रूप के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ायी गयी थी। इस सफलता से उत्साहित होकर, इन्होनें दिल्ली में अपना पहला कार्यक्रम किया जो उनके मिशन में एक महत्वपूर्ण क्षण था। सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ, उन्होनें कला और सांस्कृतिक जागरूकता को पूरे भारत में विस्तारित किया। इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल (आईबीएएफ) 2020 से विश्व स्तर पर लाइव बॉडी आर्ट और सहयोगी परियोजनाओं का प्रदर्शन कर रहा है, जो महत्वपूर्ण कार्यों को संरक्षित करने के लिए एक अभिलेखीय केंद्र के रूप में काम कर रहा है। एक समावेशी समुदाय को बढ़ावा देते हुए, आईबीएएफ नवाचार को बढ़ावा दे रहा है और उभरती प्रतिभाओं का स्वागत कर रहा है। सम्पूर्ण भारत में कार्यक्रमों के माध्यम से, यह कलाकारों और दर्शकों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और संवाद को भी प्रोत्साहित करता है। आईबीएएफ का मुख्य उद्देश्य कलाकारों को पर्यावरणीय और मानवीय समस्याओं से निपटने के लिए अपनी रचनात्मकता का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना है।
इसमें अधिकार संबंधी मुद्दे. पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक न्याय के विषयों को अपनी कलाकृति में एकीकृत करके प्रदर्शनकारी कलाकारों का लक्ष्य दर्शकों के बीच जागरूकता बढ़ाना और कार्रवाई को प्रोत्साहित करना है। वहीं आईबीएएफ कलात्मक हस्तक्षेप, सामूहिक जिम्मेदारी और सक्रिय जुड़ाव को बढ़ावा देकर दर्शकों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा में शामिल करने का प्रयास करता है। सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के अतिरिक्त, आईबीएएफ सभी शैलियों और लिंगों के अनुभवी कलाकारों का स्वागत करते हुए व्यवहार कला में सादगी, रचनात्मकता और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है।
क्यूरेटर की टिप्पणी
पर्यावरण-अनुकूल सुंदरता की घटना एक मिथक है पर्यावरण-अनुकूल सुंदरता की अवधारणा आशा के लिए एक मिथक की तरह लग सकती है, लेकिन वास्तव में, यह टिकाऊ जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू का प्रतीक है जो आज की दुनिया में तेजी से महत्वपूर्ण है। पर्यावरण हितैषी होने का अर्थ है ऐसे तरीके से जीना जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो, यह पहचानते हुए कि हमारे कार्यों का उस ग्रह पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिसमें हम रहते हैं। हमारे जीवन का हर पहलू, हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों से लेकर हमारे द्वारा चुने गए विकल्पों तक, या तो पर्यावरणीय क्षरण में योगदान करने या स्थिरता को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है। हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से लेकर हमारे पहनने वाले कपड़ों तक, व्यक्तियों के लिए स्थायी परिवर्तन करने के अनगिनत अवसर हैं जो इसे कम करते हैं। हमारे दैनिक जीवन का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता के बारे में लगातार चेतावनी जारी करता है। निष्क्रियता के परिणाम गंभीर हैं, जलवायु संबंधी घटनाओं के कारण हर साल लाखों लोग पहले ही विस्थापित हो रहे हैं। यह स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और सुरक्षा के लिए कठोर उपायों की आवश्यकता है। विभिन्न प्रकार से पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकता है ।ऊर्जा की खपत कम करने से लेकर पर्यावरण-अनुकूल व्यवसायों का समर्थन करने तक के तरीके हैं। जागरूकता बढ़ाकर और सचेत विकल्प चुनकर, हम और अधिक सृजन कर सकते हैं। हम अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए टिकाऊ भविष्य बना सकते हैं।
सामाजिक न्याय के लिए प्रदर्शन के रूप में कलाकृति की मौखिक अभिव्यक्ति ने सौंदर्यवादी डायस्पोरा में व्यवहारिक प्रदर्शन कला के समझ का दृष्टिकोण बनाया। व्यापक कलाकार-प्रवासी लोगों को सामाजिक व्यवहार के रूप में व्यवहारिक दृष्टिकोण से जोड़ना हमारा उद्देश्य है। प्रायः यह ग्लोबल वार्मिंग को भी संबोधित करने के साथ ही पारिस्थितिक जागरूकता और मानवाधिकारों की वकालत भी करता है।
कार्यक्रम में देहरादून के अनेक कलाकार, संगीत प्रेमी, बुद्धजीवी, पत्रकार, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी और पुस्तकालय के युवा पाठक व अन्य लोग उपस्थित रहे।

वनाग्नि पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार से कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि : सूर्यकांत

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-चार धाम यात्रा व्यवस्थाएं एक सप्ताह में धड़ाम : धस्माना

-अव्यव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदारों पर मुकद्दमा कायम करें बजाय पत्रकारों को डराने के लिये किये जा रहे मुकदमे

देहरादून, उत्तराखंड़ की चार धाम यात्रा को शुरू हुए अभी एक सप्ताह हुआ है और एक दर्जन तीर्थ यात्री अपनी जान गवां चुके हैं, यमुनोत्री हो या गंगोत्री केदारनाथ हो या बद्रीनाथ यात्रा रूट सभी तरफ लंबे लंबे जाम लगे हैं और यात्री हल्कान हैं और सरकार बजाय अव्यवस्था को दुरुस्त करने के पत्रकारों पर रिपोर्टिंग करने के जुर्म में मुकदमे कायम किए जा रहे हैं जो लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश है जिसकी कांग्रेस कड़े शब्दों में निंदा करती है यह बात आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने से ही कांग्रेस राज्य सरकार से चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने की मांग कर रही थी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को सुझाव पत्र सौंप कर आए थे। श्री धस्माना ने कहा कि अभी यात्रा शुरू हुए एक सप्ताह हुआ है और एक दर्जन यात्रियों की मौत चिंता पैदा करने वाली है। उन्होंने कहा कि यात्रा रूटों पर लंबे लंबे जाम लग रहे हैं और अनेक जगहों पर यात्रियों को भोजन पीने के पानी व ठहरने की मुश्किल पेश आ रही हैं। श्री धस्माना ने कहा कि अभी यात्रा का पीक जून तक आएगा जिसमें यात्रियों की संख्या में कई गुणा इजाफा हो सकता है ऐसे में अगर व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हुईं तो कोई अनहोनी हो सकती है इसलिए सरकार को युद्ध स्तर पर यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करना चाहिए।
धस्माना ने कहा कि कांग्रेस यात्रा के बारे में किसी प्रकार की नकारात्मक बात नहीं करना चाहती क्यूंकि यात्रा हमारे राज्य की आर्थिकी का बड़ा स्रोत है और इससे देश और दुनिया के करोड़ों करोड़ों सनातनियों की आस्था और विश्वास जुड़ा है लेकिन यात्रा में अव्यवस्थाओं से भी उन लोगों की भावना को ठेस पहुंचती है जो यहां अध्यात्म और भक्ति भाव से श्रद्धापूर्वक यात्रा के लिए आते हैं किंतु अव्यवस्थाओं का शिकार हो दुखी होते हैं। धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार को बजाय पत्रकारों को धमकाने और उनके विरुद्ध झूठे मामले दर्ज कराने के यात्रियों के पंजीकरण, स्वास्थ्य परीक्षण व भोजन पानी और ठहरने की व्यवस्था तथा यातायात को सुचारू रखने के लिए फौरी कदम उठाने चाहिए।

राज्य में वनाग्नि के मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को फटकार लगाए जाने व राज्य की मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट में तलब किए जाने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोंग्रेस ने बनाग्नी के बारे में जो बातें कहीं थीं सुप्रीम कोर्ट ने उन पर मोहर लगाते हुए हमारे आरोपों की पुष्टि की है।
धस्माना ने कहा कि वन अग्नि के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की लापरवाही पर फटकार लगाई और समय पर आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम न करने पर भी नाराजगी व्यक्त की। केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा अग्नि बुझाने के उकरणों की खरीद न करने व वन कर्मियों की चुनाव ड्यूटी लगाने पर भी कोर्ट का रुख सख्त था जिस बात को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया था।
धस्माना ने कहा कि इस सब के बावजूद आज तक राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव से सरकार ने कोई जवाब तलब नहीं किया जो यह दर्शाता है कि राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव , मुख्य सचिव,मंत्री व मुख्यमंत्री सबसे बड़े हैं क्यूंकि आज तक आपदा के इतने ज्वलंत विषय पर उनसे किसी ने कोई सवाल नहीं किया कार्यवाही तो दूर बात ठहरी। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शीश पाल सिंह भी उपस्थित रहे ।

श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात DDRF, SDRF एवं सेक्टर अधिकारी की टीमें बनी हैं देवदूत

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रूद्रप्रयाग, श्री केदारनाथ धाम दर्शन करने पहुंच रहे किसी तीर्थ यात्री का स्वास्थ्य खराब होने एवं घायल होने की स्थिति में केदारनाथ यात्रा मार्ग में तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं सेक्टर अधिकारी की टीमें देवदूत बनी हैं, जो बीमार एवं घायल व्यक्तियों को तत्काल यात्रा मार्ग में तैनात की गई एमआरपी में उपचार हेतु पहुंचाया ही नहीं जा रहा है बल्कि उनके जीवन को भी बचाया जा रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि सेक्टर अधिकारी भीमबली ने अवगत कराया है कि छोटी लिनचोली में एक यात्री का स्वास्थ्य अति खराब है जो चलने में असमर्थ है। सूचना मिलते ही यात्रा पड़ाव भीमबली में तैनात डीडीआरएफ की टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मौके पर पहुंचकर घायल यात्री को एमआरपी छोटी लिनचोली से एमआरपी भीमबली लाया गया।

प्राथमिक उपचार के बाद यात्री को गौरीकुंड के लिए रैफर किया गया तथा डीडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा उपचार हेतु गौरीकुंड लाया गया। जहां चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि उक्त यात्री की स्थिति सामान्य है। भैंरों मंदिर के पास एक यात्री की अचानक तबियत खराब होने पर डीडीआरएफ की टीम जंगलचट्टी द्वारा यात्री का रेस्क्यू कर गौरीकुंड अस्पपाल उपचार हेतु पहुंचाया गया।
उन्होंने यह भी अवगत कराया कि गौरीकुंड गेट के ऊपर किसी यात्री द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि एक महिला यात्री केदारनाथ दर्शन करने घोड़े से जा रही थी महिला यात्री घोडे़ से गिरने के कारण घायल हो गई जिसे सूचना प्राप्त होते ही डीडीआरएफ की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर उक्त महिला (शकुतंला देवी उम्र 65 वर्ष निवासी इंदौर, मध्य प्रदेश) को स्ट्रेचर के माध्यम से गौरीकुंड लाया गया। जिसका चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार करने के बाद महिला को सोनप्रयाग चिकित्सालय के लिए रैफर किया गया।
उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि थारू कैंप के पास घोड़े की टक्कर से एक यात्री के घायल होने पर छोटी लिनचोली आरएमपी ले जाया गया जहां उसे त्वरित उपचार दिलाया गया। व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक है। यात्रा मार्ग में तैनात सभी सुरक्षा बल की टीमें अपने दायित्वों का निर्वहन बड़ी कुशलता से करते हुए बीमार एवं घायल यात्रियों को सूचना प्राप्त होते ही तत्काल उपचार हेतु नजदीकी एमआरपी में पहुंचाकर यात्रियों को त्वरित गति से उपचार दिलाते हुए उनकी जान को बचाया जा रहा है।

बच्चे, बुजुर्ग रहें सावधान, 5 दिन लू का कहर और 45 डिग्री होगा तापमान; ऑरेंज अलर्ट जारी

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नई दिल्ली (आरएनएस)। आगामी पांच दिन के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में लू चलने की आशंका है और इसका सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली पर पड़ने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा, 18 मई से पूर्वी और मध्य भारत में भी गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा।
मौसम कार्यालय ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया जिसमें बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों एवं गरीबी में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधित चिंता पर जोर दिया गया। चेतावनी में कहा गया है कि लंबे समय तक धूप में रहने वाले या भारी काम करने वाले लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारियां बढ़ने की आशंका है।
आईएमडी ने कहा, ’17-20 मई के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में और 18-20 मई के दौरान पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्रचंड लू चलने के आसार हैं।’ राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार तक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है। मौसम कार्यालय ने इससे पहले मई में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और मध्य भारत में लू चलने के दिनों की संख्या सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान जताया था। आम तौर पर उत्तरी मैदानी इलाकों, मध्य भारत और प्रायद्वीपीय भारत के आसपास के क्षेत्रों में मई में लगभग तीन दिन लू चलती है। इस बार अप्रैल में ही पूर्व, पूर्वोत्तर और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अधिकतम तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। यहां तक की, सरकारी एजेंसियों को स्वास्थ्य संबंधित चेतावनियां जारी करनी पड़ीं और कई राज्यों ने स्कूलों में कक्षाएं बंद कर दीं। कई स्थानों पर अप्रैल में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो कि अप्रैल में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। केरल में संदिग्ध तौर पर लू लगने से कम से कम दो लोगों की मौत हो ग