देहरादून, प्रदेश में सरकार एवं निजी क्षेत्र में लाखों की संख्या में श्रमिक संविदा एवं ठेका में कार्य कर रहे हैं परंतु उनकी समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। यह वक्तव्य भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री सुमित सिंघल ने अपने सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किये | उत्तराखंड़ राज्य सलाहकार संविदा श्रम बोर्ड का सदस्य नामित किए जाने पर आयोजित स्वागत सम्मान समारोह में बोलते प्रदेश महामंत्री सुमित सिंघल ने कहा कि प्रदेश में नियमितीकरण, समान कार्य का समान वेतन जैसे अनेक मुद्दों पर उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला है। विभिन्न सरकारी विभागों में 10 वर्ष से अधिक कार्य कर रहे संविदा श्रमिकों को सरकार द्वारा नियमित अभी तक नहीं किया है जिसमें कोर्ट ने भी संविदा श्रमिकों के पक्ष में निर्णय दिया है। आज संविदा श्रमिकों नियमित कर्मचारियों के बराबर या उससे अधिक कार्य लिया जाता है परन्तु उन्हें नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन नहीं दिया जाता और बहुत कम वेतन में संविदा श्रमिकों को मजबूरन अपने परिवार का भरण पोषण करना पड़ता है।
आज निजी उद्योगों में भी संविदा एवं ठेके पर कार्य कर रहे श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। श्रम कानूनों के अनुसार कार्य कर रहे श्रमिकों से निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योग अपना नियमित उत्पादन नहीं करा सकते हैं उनसे मशीन पर कार्य भी नहीं करवा सकते परंतु बहुत ऐसे उद्योग हैं जहाँ श्रम क़ानूनों का पालन नहीं हो रहा है आज श्रमिकों से मशीनों पर कार्य कराया जाता है जिससे आए दिन उनके साथ हादसे होते हैं कुछ का तो जीवन भी चला जाता है और मुआवज़े के नाम पर उन्हें कुछ नहीं दिया जाता।
सुमित सिंघल ने कहा की उनकी प्राथमिकता रहेगी की संविदा एवं ठेका क्षेत्र में कार्य कर रहे लाखों श्रमिकों की समस्याओं और उनकी आवाज को मजबूती से बोर्ड में उठाया जाएगा और श्रमिकों को न्याय दिलाने का काम किया जाएगा।
भारतीय मज़दूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कांत शर्मा ने कहा की सरकार द्वारा सुमित सिंघल जी को संविदा श्रम सलाहकार बोर्ड का सदस्य नामित किए जाने निश्चित रूप से संविदा और ठेका क्षेत्र में काम कर रहे लाखों श्रमिकों के लिये ऐतिहासिक कदम हैं। सुमित सिंघल पहले से ही संविदा और ठेका क्षेत्र में कार्य कर रहे है और हज़ारो कर्मचारियों को न्याय दिला चुके है।
इस अवसर पर प्रदेश कोषाध्यक्ष पदम सिंह धमानदा, वरिष्ठ मार्गदर्शक गोविंद सिंह बिष्ट, प्रदेश सदस्य अर्चना बिष्ट, नगर निगम यूनियन महामंत्री अरविंद पवार, प्रदेश सदस्य विनीत सैनी, जिला संगठन मंत्री सुनील बिष्ट, एमईएस यूनियन से केसर सिंह, राजकुमार, संदीप धीमन ओएनजीसी संविदा यूनियन महामंत्री जितेंद्र चौहान, मनोज कुमार, स्वजल यूनियन से अरविंद पयाल, दून क्लब यूनियन से बुद्धि सिंह राणा, आँचल दुग्ध यूनियन से नरेश कुमार मौजूद रहे ।
संविदा एवं ठेका क्षेत्र में कार्य कर श्रमिकों की आवाज मजबूती से बोर्ड में उठायी जाएगी : सुमित सिंघल
सीएम धामी ने ली टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकासखंड के बाल गंगा एवं बूढ़ा केदार में हुई भारी बारिश और भूस्खलन के संबंध में जानकारी
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भिलंगना विकासखंड के बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र में हुई भारी बारिश और भूस्खलन को लेकर लगातार विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह एवं जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित से राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में लगातार जानकारी ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को तिनगढ़ गांव के अलावा आपदा प्रभावित क्षेत्र के अन्य संवेदनशील गाँवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। इसके साथ स्थानीय निवासियों के मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था करने तथा राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाए जाने के निर्देश दिए है।
जिलाधिकारी ने बताया कि बालगंगा क्षेत्र तोली गांव में 02 जनहानि हुई, मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के राहत राशि के चेक तथा आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक कल ही तत्काल उपलब्ध कराए गए। 2 पशु हानि होने पर संबंधित पशुपालकों को 57 हजार 500 रुपए की मुआवजा राहत राशि के चेक वितरित किए गए।
जिलाधिकारी ने बताया कि तिनगढ गांव को कल ही खाली कराकर प्रभावित परिवारों को अस्थाई राहत शिविर रा.ई.का. बिनकखाल में शिफ्ट किया गया। शिविर में प्रभावितों हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।
आपदाग्रस्त ग्राम तोली, जखाणा, कोट, विशन, थाती बूढाकेदार, पिंसवाड़ उरणी, अगुण्डा, कोटी आदि ग्रामों में सार्वजनिक रास्ते, कृषि भूमि, सड़क, पेयजल लाईन, विद्युत आदि परिसम्पत्तियों के क्षति आंकलन/सर्वे कार्य हेतु कृषि, पशुपालन, स्वास्थ्य, राजस्व, उद्यान, समाज कल्याण, सहकारिता विभाग के अधिकारियों की टीमें गठित की गई हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि 27 जुलाई को अतिवृष्टि/बादल फटने से पिन्सवाड़ में तोली, कोटी, जखाणा, पिन्सवाड़, अगुण्डा में ट्रांसफार्मर व विद्युत पोल क्षतिग्रस्त होने से विद्युत आपूर्ति बाधित है, जिसकी सुचारीकरण की कार्यवाही की जा रही है।
घनसाली के अंतर्गत ग्राम थाती बुढाकेदार, झाला पेयजल योजना, कोट विशन पेयजल योजना, विशन विद्यालय पेयजल, सेन्दुल सिन्सरगाड पेयजल योजना, चमियाला पदोका पेयजल योजना, पिन्सवाड पेयजल योजना, कोट बुढाकेदार पेयजल योजना, अगुण्डा पेयजल, खवाड़ा पेयजल, डालगांव पेयजल, कुण्डयाली पेयजल, कुण्डयाली-सौला पेयजल, गेवाली पेयजल, तोली पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त होने से बाधित है. जिसकी सुचारीकरण की कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही ग्राम तोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत की 01 पेयजल योजना तथा ग्राम जखाणा की 01 पेयजल योजना क्षतिग्रस्त है।
विकासखण्ड भिलंगना में स्योरा तोक तोली, चौरी तोक, सेरा से खंजर, दुगई तोक, घटतोक विशन, फकोरा, केमरियासौड, कोठियाडा, कोठियाडा कीडर, चमियाला, अन्द्रिया मण्टगांव, सिरस, जखाली पिलखी, बौर, सिलासेरा में नहर क्षतिग्रस्त हुई है।
दैवीय आपदा से न्याय पंचायत थाती बुढाकेदार के ग्राम भिगुन में लगभग 0.15 है., तिनगढ़ लगभग 0.20 है. तथा तोली लगभग 0.25 है. कृषि क्षति हुई है।
आपदा मानकों में बदलाव कर प्रभावितों को मिले लाभ: यशपाल आर्य
नई टिहरी(आरएनएस)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने रविवार को बूढ़ाकेदार क्षेत्र के आपदाग्रस्त तोली व तिनगढ़ का भ्रमण कर प्रभावितों से मुलाकात की। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष ने व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों ने प्रभावितों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। रविवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य आपदा प्रभावितों के लिए बनाए गए अस्थाई राहत शिविर राइंका बिनकखाल पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने प्रभावितों से कुशलक्षेम जानी। नेता प्रतिपक्ष ने तोली गांव में अपनी बेटी और पत्नी की मौत के बाद सदमें में आए वीरेंद्र को ढांढस बांधते हुए उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्षों से बूढ़ाकेदार क्षेत्र आपदा से ग्रसित है। जहां पर हर वर्ष आपदा से लोग जान गंवा रहे है। लेकिन सरकार अभी तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाई है। उन्होंने आपदा मानकों में बदलाव कर लोगों को लाभ देने की मांग की।
जेल में पास्को व बलात्कार अपराधों में बंद हैं एक चौथाई कैदी
-देहरादून जिला जेल में क्षमता से ढाई गुना कैदी बंद, 70 प्रतिशत विचाराधीन
-जेल प्रशासन द्वारा नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा
काशीपुर, उत्तराखंड़ की राजधानी में स्थित जिला जेल देहरादून में उसकी क्षमता 580 की अपेक्षा लगभग ढाई गुना 1242 कैदी बंद है जिसमें 70 प्रतिशत 872 विचाराधीन कैदी बंद हैं। जबकि 30 प्रतिशत 370 सिद्वदोष (सजायाफता) कैदी बंद हैं। कुल कैदियों में लगभग एक चौथाई 293 कैदी पास्को व बलात्कार अपराधों में जेल में बंद हैं। यह खुलासा जेल प्रशासन द्वारा नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला कारागार देहरादून के लोेक सूचना अधिकारी से जेल में बंदियों सम्बन्धी विवरण की सूचना चाही थी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/कारापाल पवन कुमार कोठारी ने अपने पत्रांक 3560 से सम्बन्धित विवरण उपलब्ध कराया।
उपलब्ध सूचना के अनुसार जिला जेल देहरादून की क्षमता 580 कैदियों की है जबकि जून 2024 के अंत में इसमें कुल 1242 कैदी बंद थे इसमें 70 प्रतिशत 872 विचाराधीन तथा 30 प्रतिशत 370 सिद्वदोष कैदी बंद थे। इसमें से 5 मृत्युदण्ड तथा 168 आजीवन कारावास से दण्डित हैं।
उपलब्ध सूचना के अनुसार कुल कैदियों में 20 प्रतिशत 249 कैदी पास्को अपराधों तथा 4 प्रतिशत 44 बलात्कार के केसों में बंद हैं जबकि 25 प्रतिशत 306 हत्या, 12 प्रतिशत 154 नशीले पदार्थों, 2 प्रतिशत 31 लूट, 1 प्रतिशत 12 डकैती व 14 अपहरण तथा 35 प्रतिशत 432 अन्य अपराधों में बंद हैं।
सिद्वदोष 370 कैदियों में 18 प्रतिशत 66 पास्को अपराधों, 1 प्रतिशत 2 लूट, 46 प्रतिशत 169 हत्या, 5 प्रतिशत 19 बलात्कार, 1 प्रतिशत 3 अपहरण, 8 प्रतिशत 30 एनडीपीएस (नशीले पदार्थों सम्बन्धी अपराध) 22 प्रतिशत 81 अन्य अपराधों की सजा काट रहे हैं।
विचाराधीन 872 कैदियों में भी 21 प्रतिशत 183 कैदी पास्को अपराधों के आरोप में, 16 प्रतिशत 137 कैदी हत्या, 3 प्रतिशत 25 बलात्कार, 14 प्रतिशत 124 एनडीपीएस, 1 प्रतिशत 11 अपहरण, 3 प्रतिशत 29 लूट, 1 प्रतिशत 12 डकैती तथा 40 प्रतिशत 351 अन्य अपराधों के आरोपों में बंद हैं।
उपलब्ध सूचना के अनुसार 2023 में 14 तथा 2024 में सूचना उपलब्ध कराने तक 10 सजायाफ्रता कैदियों को सजा पूर्व होने से पहले ही सजा माफ करते हुये छोड़ा गया है।
उपलब्ध सजायाफ्रता कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की सूचना के अनुसार वर्ष 2020 में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 20 कैदियों को 2021 में, 47 को वर्ष 2022 में, 35 को वर्ष 2023 में 34 तथा वर्ष 2024 में सूचना उपलब्ध कराने की तिथि तक 6 कैदियों को 15 दिन से दो महीने की पैरोल पर विभिन्न निजि आधारों पर छोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त कारावास की सजा काट रहे 22 कैदियों को 2020 में कोविड-19 के आधार पर, 2021 में 18 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया जिसमें 17 कोविड के आधार तथा 1 पिता की मृत्यु के बाद क्रियाक्रम के आधार पर, वर्ष 2022 में 1, वर्ष 2023 में 1 तथा वर्ष 2024 में 1 कैदी को निजी आधारों पर पैरोल पर रिहा किया गया।
उपलब्ध सूचना के अनुसार जेल में कर्मचारियों के कुल 163 पद स्वीकृत है जबकि केवल 123 पद ही कार्यरत हैं तथा लगभग एक चौथाई 40 पद रिक्त हैं। इसके अतिरिक्त 5 उपनल संविदा कर्मचारियों में 2 सुरक्षा गार्ड, 2 वाहन चालक तथा 1 पफर्मासिस्ट तथा 1 पीआरडी कार्मिक कार्यरत है।
विवरण के अनुसार जेल भवन जनवरी 2008 से प्रयोग किया जा रहा है तथा इसमें बारिश के समय सीलन व रिसाव की स्थिति उत्पन्न होती है।
द्वितीय वार्षिक अंतरविद्यालयी विज्ञान प्रतियोगिता में द हैरिटेज स्कूल रहा अव्वल
देहरादून, द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में द्वितीय वार्षिक अंतरविद्यालयी विज्ञान प्रतियोगिता 2024 में विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए प्रदर्शित किये गये मॉडलों से सभी को आश्चर्य चकित कर दिया और सभी ने इन मॉडलों के माध्यम से लोहा भी मनवाया। इस दौरान सर्वाधिक अंक हासिल करते हुए मेजबान द हैरिटेज स्कूल ने बाजी मारते हुए पहला स्थान अर्जित किया जबकि सेंट जोजफ्स एकेडमी ने दूसरा स्थान हासिल किया।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल के सभागार में द्वितीय वार्षिक अंतरविद्यालयी विज्ञान प्रतियोगिता 2024 आयोजित की गई और इस दौरान द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैम्पस की प्रधानाचार्य दीपाली मेहता मुख्य अतिथि रही। इस अवसर पर राजधानी के चौदह स्कूलों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग करते हुए विभिन्न विषयों पर आधारित अपने अपने मॉडल प्रस्तुत कर उनके बारे में निर्णायकों को विस्तार से जानकारियां प्रदान की गई और लगातार विज्ञान की बारीकियों को भी बताते रहे। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने विज्ञान की नई तकनीकियों को भी साझा किया।
इस प्रतियोगिता में छह विषय निर्धारित किये गये और जिसमें गार्जियन आर्मर, रडार यूजिंग डिफरेंट मोड ऑफ कम्युनिकेशन, प्लास्टिक एस ए फ्यूल, सिवेग ट्रीटमेंट प्लांट, थ्री डी गेम, वैब एप्प शामिल किये गये और इन विषयों के आधार पर प्रतियोगिता में दो दो मॉडल प्रदर्शित किये गये। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दीपाली मेहता ने कहा है कि हम कठिन मार्ग पर चलकर नेता बन सकते है ओर छात्रों से शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता विकसित करने और अपने प्रयासों में निरंतर बने रहने का आग्रह किया और उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम ने भी इस विद्यालय में आये थे और उनसे भी प्रेरणा लेने की जरूरत है।
इस दौरान निर्णायक डा. विपिन श्रीवास्तव ने आज की इस प्रतियोगिता के निर्णय की भूमिका को बहुत कठिन बताते हुए कहा कि क्योंकि सभी छात्र छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मॉडल प्रस्तुत किये। इस अवसर पर गुरूनानक एकेडमी के जीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष डाक्टर विपिन श्रीवास्तव एवं द ब्राइटलैंडस स्कूल के वरिष्ठ रसायन विज्ञान शिक्षक दिनेश पचौरी ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विजेता एवं उप विजेता स्कूलों के प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया और स्कूल की काउंसलर चारू चौधरी एवं प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी ने सभी स्कूलों के प्रभारी शिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया ।
इस अवसर पर प्रतियोगिता में श्रीराम सेन्टिनियल स्कूल शेरपुर, मेजबान द हैरिटेज स्कूल, मां आनंदमयी मैमोरियल स्कूल रायवाला, द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैम्पस सहस्त्रधारा रोड़, क्रस्ट ज्योति एकेडमी सहस्त्रधारा रोड, सेंट थॉमस कालेज, द आर्यन स्कूल मालसी, शिगाली हिल्स इंटरनेशनल एकेडमी गुनियाल गांव, माउंट फोर्ट एकेडमी वसंत विहार, द एशियन स्कूल वसंत विहार, द प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल, भानियावाला, सेंट पैट्रिक्स एकेडमी क्लेमेनटाउन, सेंट जोजफ्स एकेडमी राजपुर रोड, द टोंस ब्रिज स्कूल प्रेमनगर और कैम्ब्रियन हाल गढ़ी कैंट ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विद्यालय की संगणक विभाग की शिक्षिका सविता पाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकायें एवं छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।
उक्रांद स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों को अर्पित की गयी श्रद्धांजलि
हल्द्वानी, उत्तराखंड क्रांति दल का स्थापना दिवस स्वर्गीय डीडी पंत पार्क में मनाया गया। उक्रांद गठन 24 जुलाई 1979 को मसूरी में हुआ था। सर्वप्रथम कार्यक्रम में स्वर्गीय श्री देव सुमन, डीडी पंत, इंद्रमणी बड़ौनी, विपिन त्रिपाठी, जसवंत सिंह बिष्ट और उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में शहीद हुए सभी उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी चन्द्रशेखर कापड़ी द्वारा की गई।
कार्यक्रम में भुवन चंद्र जोशी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थिति आज बहुत सोचनीय स्थिति से गुजर रही है। आज राज्य बने हुए 24 साल हो गए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए उत्तराखंड राज्य आन्दोलन हुआ, वह बेमानी नजर आता है। आज हमारी पार्टी को 45 साल पूरे हो गए और 45 सालों में पार्टी ने बहुत कुछ प्राप्त किया और बहुत कुछ खोया भी है।
इस अवसर पर समाज में अच्छे कार्य करने वाले लोगों को एवं जो राज्य आन्दोलन में सक्रिय रहे लेकिन उनका किसी कारणवश उनका चिन्हींकरण नहीं हो पाया और बुजुर्ग आंदोलनकारियों को भी सम्मानित किया गया। जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें समाजसेवी आर्येंद्र शर्मा, पत्रकार धीरज भट्ट, राज्य आंदोलनकारी जो चिन्हीकरण से वंचित रहे जगमोहन, नरेंद्र कुमार पांड, दिनेश नौटियाल, रवि बाल्मीकि, काजल रावत तथा बुजुर्ग चिन्हित राज्य आंदोलनकारी मोहिनी देवी रावत, पार्वती तिवाड़ी, लीला फर्त्याल, लक्ष्मी डंगवाल, हीरा सिंह बिष्ट इसके अलावा कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया जिसमें गोविन्द गस्याल, प्रदीप गहतोड़ी, प्रदीप पंत, कैप्टन एमसी तिवाड़ी, बीसी तिवाड़ी, रमेश चन्द्र पाठक, उत्तम बिष्ट आदि शामिल थे।
इस अवसर पर खड़क सिंह बगड़वाल, मदन सिंह मेहर, ब्रजमोहन सिजवाली, बच्ची सिंह बिष्ट, प्रकाश जोशी, आनन्द सिंह बिष्ट, करन बोहरा, अजय सुगडा, सीएस भट्ट, नारायण दत्त जोशी, देवेन्द्र सिंह धर्मशतु, नन्दन सिंह जग्गी, साथी संगठन के आरपी सिंह, नवीन चन्द्र तिवाड़ी आदि लोग उपस्थित थे।
राउंड टेबल डायलॉग में वनों की आग पर हुआ मंथन : मजबूत अग्नि प्रबंधन योजना विकसित करने की आवश्यकता
देहरादून, हिमालयी क्षेत्र में लगने वाली जंगलों की आग की समस्या को लेकर एक महत्वपूर्ण राउंड टेबल डायलॉग का शनिवार को आयोजन किया गया, इस बहु-विषयक कार्यक्रम का उद्देश्य अग्नि शमन रणनीतियों का विकास करना और उत्तराखंड में बेहतर अग्नि प्रबंधन के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना था। राउंड टेबल डायलाॕग में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद, ये आग, जो फरवरी से जून तक अधिक होती है, हिमालय को तबाह करती रहती है, जिससे वनस्पति, जैव विविधता और वन संरचना प्रभावित होती है पर गहनता से मंथन किया गया |
दून पुस्तकाल एवं शोध केंद्र के अध्यक्ष प्रो. बी.के. जोशी ने इस चर्चा की शुरुआत करते हुए क्षेत्र में आग के शमन के लिए समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रसिद्ध पारिस्थितिकीविद् और सिडार के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.एस.पी. सिंह ने जंगल की आग के बाद के प्रभावों पर व्यापक अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें मानव-आग इंटरैक्शन, बदलते आग के पैटर्न और पौधों के अनुकूलन लक्षणों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भूतपूर्व प्रमुख वन संरक्षक डॉ. राजीव भर्तरी ने समुदाय के साथ निरंतर संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए एक मजबूत अग्नि प्रबंधन योजना विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अमेरिका और कनाडा में अपने अनुभवों को साझा करते हुए विभिन्न विशेषज्ञों के इनपुट के लिए केंद्रित कार्यशालाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
वन विभाग से सेवानिवृत्त ए.आर.सिन्हा ने वन रक्षकों और समुदाय के अग्निशमन कर्मियों को गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरण प्रदान करने और अग्निशमन प्रयासों के लिए समय पर धनराशि जारी करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बायोमास संचय से आग की गंभीरता बढ़ जाती है, जिससे मृदा सघनता और भूजल पुनर्भरण प्रभावित होता है।
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने 2022 में सिडार द्वारा आयोजित कार्यशाला की सिफारिशों को लागू करने की वकालत की और बेहतर निर्णय लेने के लिए वनाग्नि के प्रभावों के बारे में राजनीतिक नेताओं को सूचित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डब्ल्यू एफ एफ इंडिया के पंकज जोशी और यूसेक के डॉ. गजेंद्र रावत ने अग्नि प्रबंधन की दक्षता बढ़ाने और अग्नि हॉटस्पॉट का पता लगाने में रिमोट सेंसिंग तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। उन्होंने वन-पंचायतों जैसी संस्थाओं को प्रोत्साहन देने की सिफारिश की ताकि आग से सुरक्षा में मदद मिल सके। बीज बचाओ आंदोलन के बीजू नेगी ने भूमिगत पारिस्थितिक तंत्र पर जंगल की आग के गंभीर प्रभाव को उजागर किया और व्यापक अग्नि प्रबंधन और पारिस्थितिक पुनर्स्थापन रणनीतियों की आवश्यकता पर बल दिया।
सिडार के निदेशक डॉ. विशाल सिंह और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक चंद्रशेखर तिवारी ने सम्मेलन का समापन करते हुए कहा कि आग एक जटिल मुद्दा है जिसे भविष्य में होने वाली विनाशकारी आग को रोकने के लिए सहयोगात्मक और सक्रिय प्रबंधन की आवश्यकता है।
वनों के संवर्धन और वगनाग्नि से निपटने के लिये वन भूमि जन मंच का हुआ गठन
-जंगलों की आग से होने वाले प्रभाव एवं उससे निपटने के उपायों को लेकर हुई बैठक
-दून में विभिन्न जन संगठनों एवं जन आंदोलन के साथियों ने की एक दिवसीय बैठक का आयोजन
देहरादून, उत्तराखंड़ में लगातार बढ़ रही वनाग्नि की घटनाओं को लेकर शुक्रवार को दून में विभिन्न जन संगठनों एवं जन आंदोलन के साथियों ने एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया, बैठक में उत्तराखंड़ में बढ़ती जंगलों की आग से होने वाले प्रभाव एवं उससे निपटने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई ।
बैठक में 2024 के दौरान लगी भीषण जंगलों की आग से मारे गए उन 11 लोगों को श्रद्धांजलि दी गई जो अलग-अलग जगह पर जंगल की आग से काल कलावित हुए ।
इस बैठक में उत्तराखंड़ भर के विभिन्न जनपदों से पहुंचे हुए तमाम जन संगठनों के प्रतिनिधि जन आंदोलन के साथी उत्तराखंड़ सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि आदि सबने मिलकर जंगलों की आग से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान परिस्थितिकीय नुकसान एवं सामाजिक तथा आर्थिक नुकसान को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की ।
उपस्थित प्रतिभागियों ने जंगलों की आग तथा उसके प्रभाव से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को न कहीं पाया तथा यह तय किया गया कि उत्तराखंड़ जो मूलत बनवासी प्रदेश है जो वनों से घिरा हुआ है, जहां की संपूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था वनों पर आधारित है और ग्रामीण जनजीवन की आजीविका का मुख्य आधार यहां के वनों की उपज है, उसको बचाए रखने के लिए तथा संवर्धन करने के लिए एक दीर्घ कालीन योजना बनाने पर सहमति बनी, सभी साथियों ने मिलकर वन भूमि जनमंच का गठन किया।
यह मंच आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में वनों पर आधारित जीवन जीने वाले ग्रामीण तथा जनजातियों से संवाद करेगा और एक प्रदेश स्तर की सहमति बनाएगा कि सरकार को उत्तराखंड़ के लिए एक अलग से वन नीति का निर्माण करना चाहिए । जो वन नीति, बदलते मौसम में मौसम परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग के समय में वनों पर आधारित लोगों की आजीविका उनका जीवन तथा उनके सामाजिक सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा कर सके।
साथ ही वनों पर निर्भर पशु नदियों वृक्षों एवं तमाम गैर मानवीय जनजीवन की सुरक्षा तथा संवर्धन किया जा सके ।इसको लेकर आगामी दिनों में एक प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम तय किया गया है जिसमें प्रदेश के समस्त जिलों में एक वृहद संवाद कार्यक्रम तथा 1 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच कौसानी में प्रदेश स्तरीय एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें वन अग्नि एवं वन अधिकारों को लेकर व्यापक स्तर पर चर्चा और संवाद कर एक ठोस रणनीति तैयार करने का निर्णय लिया जायेगा ।
इस बैठक में वरिष्ठ पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा, विनीत शाह, अजय जोशी, रेनू ठाकुर, पर्यावरणविद् द्वारिका प्रसाद सेमवाल, नंदनी आर्य, हीरा जनपंगी, मुन्नी बिष्ट, ईशान अग्रवाल, अमरेंद्र बिष्ट, अनिल मैठाणी, अरुण सरकार, भुवन पाठक, देवांश बलूनी, कृष समेत कई साथियों ने भागीदारी की।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने किया महानगर कार्यकारिणी का गठन
देहरादून, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) महानगर की नई कार्यकारिणी की घोषणा हेतु शनिवार को एस.जी.आर.आर. महाविद्यालय के सभागार में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रांत संगठन मंत्री अंकित सुन्दरीाल, विभाग प्रमुख डॉ. कौशल कुमार, विभाग संगठन मंत्री नागेंद्र बिष्ट, महानगर अध्यक्ष डॉ. जेवीएस रौथान, और महानगर मंत्री उज्ज्वल सेमवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
समारोह में डॉ. जेवीएस रौथान ने सत्र 2023-24 की मंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत की, जबकि डॉ. कौशल कुमार ने संगठन में कार्यकारिणी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संगठन के सिद्धांत “राष्ट्र प्रथम, संगठन द्वितीय, व्यक्ति अंतिम” को रेखांकित किया।
चुनाव अधिकारी श्री रमाकान्त श्रीवास्तव ने नवीन सत्र के लिए डॉ. जेवीएस रौथान को पुनः महानगर अध्यक्ष और यशवंत पाँवर को नव निर्वाचित महानगर मंत्री के रूप में घोषित किया। इसके बाद, महानगर अध्यक्ष डॉ. रौथान ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा की :
महानगर उपाध्यक्ष : डॉ. सुमंगल सिंह, डॉ. प्रगति वर्थवाल, डॉ. मोनिका भटनागर, डॉ. ज्योति सिंगर
महानगर सह मंत्री : पार्थ जुयाल, रोविन तोमर, काजल पयाल, वंशिका राणा, दक्ष शर्मा
महानगर कोषाध्यक्ष : डॉ. विजय बहुगुणा
स्टडी सर्कल संयोजक : शिवानी रावत, सहसंयोजक इरम फ़ातिमा
मीडिया संयोजक : अलंकृत सेमवाल, सहसंयोजक रोहित पाँवर, आँचल
सोशल मीडिया संयोजक : प्रीतम सेमवाल, सहसंयोजक रितेश रावत, दिव्यांश शर्मा
महानगर छात्रावास संयोजक : निखिल तोमर, सहसंयोजक अर्पित गोस्वामी, सुप्रिया यादव
राष्ट्रीय कला मंच संयोजक : अंकित थापा, सह संयोजक रचना महर
SFD संयोजक : यशप्रताप बिष्ट, साधना रतूड़ी, अनुभूति शर्मा
SFS संयोजक : रितिक रावत, सह संयोजक सचिन चमोली, सृष्टि रतूड़ी
खेलो भारत संयोजक : चन्द्र शेखर, सह संयोजक अरमान डोभाल, गौरव राणा
इण्डोजीनस संयोजक : डोली शर्मा
एग्रीविजन संयोजक : आयुष डिमरी
निजी विवि कार्य संयोजक : अमन जोशी, कुश सचदेवा
निजी महाविद्यालय कार्य संयोजक : अंशुल बहुगुणा, ख़ुशी जोशी
स्कूली कार्य संयोजक : उदित मौर्य, सह संयोजक सचिन नेगी, अभय
महानगर एन.सी.सी. कार्य संयोजक : राघवी चौधरी
विशेष आमंत्रित सदस्य : डॉ. राम विनय शर्मा, डॉ. गीता तिवारी, डॉ. शैली गुप्ता, डॉ. कंचन
समापन समारोह में प्रदेश संगठन मंत्री अंकित सुन्दरीाल ने संगठन की मजबूती और कार्यकर्ताओं के विकास पर जोर दिया। उन्होंने विद्यार्थी परिषद की सामाजिक गतिविधियों और रचनात्मक कार्यों के माध्यम से विद्यार्थियों को जोड़ने और संगठन के चौमुखी विकास पर प्रकाश डाला।
वंदेमातरम के पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ममता सिंह, प्रदेश मंत्री ऋषभ रावत, मंच संचालन चंदन नेगी, नितिन चौहान, राहुल जुयाल, बलवीर कुंवर, आकाश सिंह, साहिल, ऋषभ मल्होत्रा, रितिक नौटियाल, नवदीप राणा, देवेंद्र दानु, अमन तोमर, दिव्यांशु नेगी, जिला संयोजक अर्जुन नेगी, आयुषी पेन्युली, प्रियांशु खत्री आदि उपस्थित थे।
कांवड़ियों के भेष में कर रहे थे शराब का कारोबार, जखीरा बरामद, दो गिरफ्तार
हरिद्वार, कांवड़ मेले के दौरान पुलिस, पीएसी व आरपीएफ ने बड़ी कार्यवाही करते हुए हर की पैड़ी क्षेत्र की एक धर्मशाला से भारी मात्रा में शराब का जखीरा बरामद करते हुए दो लोगों का गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार होने वाले आरोपियों में से एक ने कावड़ियों का भेष धारण कर रखा था। बरामद शराब का जखीरा हरिद्वार के एक बड़े शराब माफिया का बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार कावड़ मेले के बीच हर की पैड़ी क्षेत्र से अवैध शराब का जखीरा मेला ड्यूटी में तैनात पुलिस, पीएसी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने पकड़ा है। पकड़ा गया माल हरिद्वार के जाने माने शराब माफिया का बताया जा रहा है। जिसके दो गुर्गे भी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। जिसमें एक आरोपी ने कांवड़िये का वेश धारण किया हुआ था। माना जा रहा है कि कावड़ियों की भीड़ का फायदा उठाते हुए अवैध शराब का भंडारण किया गया था। जिसे मेले के दौरान ही आम दिनों से ज्यादा कीमत पर बेचा जाना था।
हर की पैड़ी क्षेत्र में यह धंधा गंगाराम की हवेली नामक धर्मशाला में चल रहा था। धर्मशाला के भीतर अवैध शराब छिपा कर रखी गई थी। पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम विक्रम गिरी और सोनू बताए हैं। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने शराब का जखीरा प्रमोद बिहारी नामक व्यक्ति का बताया है। कार्रवाई में कावड़ मेला ड्यूटी में तैनात एटीसी, पीएसी व आरपीएफ के अलावा हरकी पैड़ी पुलिस चौकी की टीम भी शामिल रही। रात में हुई इस कार्रवाई से शराब माफिया में हड़कंप मचा रहा।
छोटी गाड़ियों के लिए खुला गौरीकुंड हाईवे, 2500 लोगों का सुरक्षित किया गया रेस्क्यू
रुद्रप्रयाग, राज्य में लगातार होरही भारी बारिश के चलते सोन प्रयाग स्थित सोन नदी का बहाव इन दिनों बेहद तेज हो गया है। शनिवार को तेज बहाव के चलते सोनप्रयाग स्थित शटल सेवा पार्किंग के समीप सड़क का एक हिस्सा बह गया था। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन ने बाधित मार्ग को खोलते हुए करीब 2500 श्रद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया। वहीं यात्रा सुचारू करने के लिए पहाड़ की कटिंग कर छोटी गाड़ियों के लिए रास्ता तैयार कर लिया गया है। वहीं सुरक्षा दीवार का कार्य भी शुरू कर दिया गया है ताकि जल्दी बड़े वाहनों के लिए भी यातायात शुरू हो सके।
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने अवगत कराया है कि देर रात से हो रही भारी बारिश के कारण श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग सोनप्रयाग शटल सेवा के पास सोन नदी के तेज बहाव के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिस कारण यातायाता बाधित हो गया था। उन्होंने अवगत कराया है कि सूचना प्राप्त होते ही अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह, सिंचाई विभाग एवं वह स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सड़क का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के कारण तत्काल विघुत विभाग को सूचित करते हुए विघुत आपूर्ति को बाधित करते हुए क्षतिग्रस्त पोल को हटवाया गया एवं शटल सेवा के ऊपर से आए मलबे को भी जेसीबी के माध्यम से हटाया गया। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त रोड़ पर जेसीबी के माध्यम से त्वरित कार्यवाही करते हुए छोटे वाहनों की आवाजाही हेतु यात्रा मार्ग सुचारू कर दिया गया है तथा बड़े वाहनों की आवाजाही हेतु कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत कुछ समय के लिए यात्रियों को रोक दिया गया था तथा यात्रा मार्ग पर लगभग ढाई हजार यात्री जो फंसे हुए थे उन्हें निकाल दिया गया है तथा दोनों तरफ से यात्रियों की आवाजाही शुरू कर दी गई है।
अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने अवगत कराया है कि वह भी यात्रा मार्ग पर मौजूद हैं तथा यात्रा संचालित हो रही है एवं जहां भी कहीं पर मलबा आने एवं रोड़ बाधित होने पर एनएच के द्वारा जेसीबी के माध्यम से मलबा हटाने की कार्यवाही बाधित हो रहे सड़क मार्ग को आवाजाही हेतु खोल दिया जा रहा है।
दून पुस्तकालय में भारतीय संविधान फ़िल्म के तीसरे भाग का हुआ प्रदर्शन
“एक मज़बूत राष्ट्र के लिये ‘बंधुत्व’ या भाईचारा एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है : डा. हटवाल”
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से भारतीय संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित भारतीय संविधान के दस एपिसोड की श्रंखला के तीसरे भाग का लोगों के मध्य प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में शिक्षाविद व साहित्यकार डॉ. नन्द किशोर हटवाल ने भाईचारा, बंधुत्व और हमारा संविधान पर बोलते हुए कहा कि एक मज़बूत राष्ट्र के लिये ‘बंधुत्व’ या भाईचारा एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। आज हमारे देश के संदर्भ में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। बड़े पैमाने पर विविधता वाले भारत जैसे देश को आपस में एक सूत्र में बांधे रखने के लिए बंधुत्व और भाईचारे की भावना का विकास आवश्यक है। भाईचारे की स्थापना से ही सही अर्थों में भारतीय समाज का पुनर्जागरण हो सकता है। आज कतिपय रुढ़िवादी, धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं बुराई का स्वरूप धारण कर चुकी हैं। इन बुराइयों को दूर करके समाज की जागृति से ही बंधुत्व की भावना का विकास हो सकता है। यही सच्चा राष्ट्रवाद है। उन्होंने आगे कहाँ कि आज़ादी, समानता, न्याय के साथ ‘बंधुत्व’ को हमारे संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया है। वर्तमान समय बंधुत्व और भाईचारे पर संकट का समय है। समाज में भाईचारे की बहाली के लिए शिक्षा एक कारगर माध्यम हो सकता है। खासकर प्रारम्भिक कक्षाओं में शिक्षा के माध्यम से हम बंधुत्व और भाईचारे की बहाली करके संवैधानिक मूल्यों की रक्षा कर सकते हैं। हम देखते हैं कि बाल्यावस्था में ही बच्चे के अंदर बंधुत्व और भाई चारे के विरूद्ध भावनाएं विकसित होने लगती है। बच्चे के अंदर बचपन में ही जाति, धर्म, सम्पद्राय और लिंग भेद पनपने लगता है। उचित शिक्षा के द्वारा बच्चों के अंदर इन भावों के विकास को रोकते हुए भाईचारे और बंधुत्व की भावना का विकास किया जा सकता है।
जन संवाद समिति के प्रमुख सतीश धौलाखंडी ने कार्यक्रम के बारे में कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारी दी |
ठाकुर का कुआं नाटक का हुआ मंचन :
कार्यक्रम के अंत में मुंशी प्रेमचन्द का लिखा ठाकुर का कुआं नाटक का मंचन इप्टा संस्था व भारत ज्ञान विज्ञान समिति के सहयोग किया गया। प्रेमचंद की कहानी पर आधारित ठाकुर का कुआं तत्कालीन समय के एक उस समाज की बात करती है जिसमें कथित निचली जातियाँ जीवित रहने के लिए किस कदर संघर्ष करती हैं। गाँव में पीने के पानी को लेकर दलित महिलाओं की स्थिति पर भी यह नाटक ध्यान केंद्रित करता है। सामाजिक लिंग जाति और वर्ग के भेदभाव की दशा को चित्रित करते इस नाटक की नायिका गंगी अपने बीमार पति को कुएँ से पानी नहीं पिला सकती, जो एक मरे हुए जानवर की र्दुगंध से पीने लायक नहीं रह गया है। समाज में दलित होने के नाते उसे पास के ठाकुर के कुएं का साफ पानी लाने की मनाही है। मूलतः यह नाटक दलितों की इसी गंभीर समस्या को उजागर करता है। जिसे दूर करना हम सबका दायित्व बनता है।
नाटक का निर्देशन सतीश धौलाखंडी ने किया। नाटक के मुख्य पात्रों में गंगी-गायत्री टमटा, जोखू – अमित बहुखंड़ी, ठाकुर-धीरज रावत, ग्रामीण महिला- विनिता रितुंजया व सुमन, भिखू-सैयद अली, हरिया -सतीश धौलाखंडी,पंडित-सुशील पुरोहित आदि ने किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। धन्यवाद सामाजिक चिंतक बिजू नेगी ने किया। इस कार्यक्रम का संचालन इप्टा के उत्तराखंड प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. वी. के. डोभाल ने किया।
इस अवसर पर हरिओम पाली, सहाब नक़वी, सुरेंद्र सजवाण, पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, डॉ.अतुल शर्मा, हिमांशु आहूजा,सुंदर सिंह बिष्ट, जगदीश सिंह महर ,अवतार सिंह, विनोद सकलानी सहित शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार सहित दून पुस्तकालय के अधिसंख्य युवा पाठक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने भिलंगना विकासखंड टिहरी के बाल गंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव एवं राहत कार्य संचालित करने के अधिकारियों को दिए निर्देश
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकासखंड के बाल गंगा एवं बूढ़ा केदार में हुई भारी बारिश और भूस्खलन से हुई क्षति पर गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे एवं जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित को राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाए जाने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने घटना के प्रति दुख व्यक्त करते हुए टिहरी के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को घटना स्थल पर जाकर राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने टिहरी जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्र के संवेदनशील गाँवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि स्थानीय निवासियों के साथ ही मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि राहत कैंप में बिजली, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाए तथा पीड़ितों को अनुमन्य राहत राशि भी तुरंत प्रदान की जाए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकास खण्ड के बालगंगा क्षेत्र में रात को भारी बारिश और भूस्खलन से तोली गांव में एक मकान में मलवे से दो महिलाएं दबने की सूचना प्राप्त हुई थी। एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य विभाग की टीमें तत्काल मौके के लिए रवाना हुई तथा खोज एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मकान के उपर सीसी मार्ग का मलवा आने से क्षतिग्रस्त हुआ। एक अति संवेदनशील श्रीमती पूर्णिमा देवी के घर के समान को शिफ्ट किया गया है।
उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम ने मलवे से सरिता देवी पत्नी वीरेंद्र सिंह तथा अंकिता पुत्री वीरेंद्र सिंह के शवों को निकाला गया है जबकि एक घायल वीरेंद्र सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद पीएचसी बेलेश्वर में भर्ती किया गया है। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के राहत राशि के चेक दिये गये है तथा आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक तत्काल उपलब्ध कराया गया। इसके साथ 2 पशु हानि की जांचोपरांत मुआवजा राहत राशि के चेक वितरित किए गए। इसके अतारिक्त थाती बुढ़ाकेदार नाथ में पूल के पास एक घर बहा है । धाम के गेट के नीचे बाजार में नदी के जलस्तर से खोखली हो रही सड़क के पास स्थित घर और दुकानों को खाली कराया जा चुका है।
तलवारबाजी कर मारपीट करने वाले दो फरार हिस्ट्रीशीटर हुये गिरफ्तार
नैनीताल, नुमाइश के दौरान तलवारबाजी व मारपीट कर फरार हुए दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त तलवार भी बरामद की है। गिरफ्तार दोनो आरोपी जिला उधमसिंहनगर के अलग—अलग थानों के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है जिन पर कई संगीन मुकदमें दर्ज है।
जानकारी के अनुसार बीती 20 जुलाई को अजीत सिंह बगडवाल पुत्र टीकम सिंह बगडवाल निवासी रामड़ी छोटी निकट के.वी.एम. स्कूल गांधी आश्रम मुखानी जिला नैनीताल द्वारा नुमाईस एम.बी. इन्टर कालेज ग्राउण्ड में वाहन पार्किंग को लेकर हुये विवाद के दौरान कुछ नामजद व कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धारदार हथियार से मारपीट व गाली गलौज के सम्बन्ध में दी गयी तहरीर के आधार पर कोतवाली हल्द्वानी पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए बीती 24 जुलाई को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जबकि घटना में दो हमलावर फरार थे। जिन्हे पुलिस व एसओजी ने देर रात मुक्त विश्व विघालय के पास से गिरफ्तार किया गया है। जिनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त तलवार भी बरामद की गयी है। पूछताछ में ज्ञात हुआ कि गिरफ्तार आरोपी सिमरनदीप व आशु उर्फ आशुतोष भण्डारी मुख्य आरोपी देवेन्द्र सिंह बिष्ट जो वर्ष 2022 में एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में मारपीट के मामले में जेल गया था उस दौरान उसकी उन दोनों से जेल में मुलाकात हुई थी। जहाँ से उनकी आपस में दोस्ती हो गयी और 20 जुलाई को नुमाईश मैदान में हुई घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी अपनी स्कार्पियो कार से फरार हो गये थे। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी आशुतोष उर्फ आशु थाना किच्छा का हिस्ट्रीशीटर है जिसके खिलाफ जनपद उ.सि.नगर में हत्या के प्रयास, लूट, बल्वा, मारपीट, अस्लाहों की तस्करी आदि के कुल 15 मुकदमें दर्ज है। वहीं आरोपी सिमरनदीप सिंह थाना पुलबटृा जनपद उ.सिं.नगर का हिस्ट्रीशीटर है जिसके विरूद्ध हत्या के प्रयास, अवैध अस्लाह, गुण्डा अधिनियम, गैंगस्टर अधिनियम के तहत जनपद उ.सिं.नगर में कुल 15 मुकदमें दर्ज है। पुलिस के अनुसार दोनो आरोपी दोनों व्यत्तिQ हार्डकोर अपराधी हैं।
धरने के दौरान बेहोश हुए विधायक तिलकराज बेहड़, अस्पताल में भर्ती
उधमसिंहनगर, जनपद के किच्छा में धरने के दौरान लोगाें को सम्बोधित कर रहे विधायक तिलकराज बेहड़ अचानक बेहोश हो गये। जिससे कार्यकर्ताओं मेंं हड़कंप मच गया, जिन्हे अस्पाल ले जाया गया जहां उनका उपचार जारी है।
किच्छा में एसडीएम को हटाने और व्यापार मंडल के चुनाव को लेकर दिये जा रहे धरने को संबोधित कर रहे विधायक तिलकराज बेहड़ भाषण देने के दौरान अचानक बेहोश हो गए। जिससे कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया। आनन—फानन में त्वरित कार्यवाही करते हुए विधायक तिलकराज बेहड़ को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है। जहंा उनका उपचार जारी है। इस दौरान एडीएम पंकज उपाध्याय भी अस्पताल पहुंचे हैं। जो उनके स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ले रहे है।
भारी बारिश से मकान के ऊपर आया मलबा, दो लोग दबे, एसडीआरएफ सर्च में जुटी
नई टिहरी, उत्तराखंड़ भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर है, राज्य के कई हिस्सों में सड़कें भूस्खलन के कारण बाधित हैं, वहीं जनपद टिहरी के थाना घनसाली से एसडीआरएफ टीम को सूचना मिली की बूढ़ा केदार के सामने तोली गांव में एक मकान में मलबा आने के कारण दो लोग दबे होने की संभावना है, और घटनास्थल बूढ़ा केदार से 10 किलोमीटर दूरी पर है, जिसमें एक किलोमीटर पैदल मार्ग है।
इस सूचना पर पोस्ट घनसाली से मुख्य आरक्षी कुलदीप सिंह एसडीआरएफ टीम के साथ घटनास्थल को रवाना हुए। घटनास्थल पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत करते हुए सर्चिंग आरम्भ की गई।
एसडीआरएफ और जिला पुलिस द्वारा गहन सर्चिंग के दौरान मलबे में दबी एक महिला सरिता देवी का शव रिकवर कर लिया है। दूसरे व्यक्ति की तलाश में सर्च ऑपरेशन अभी जारी है
वहीं पहाड़ से आया मलवे के कारण राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की ईमारत के ऊपर मालवा आने की वजह से विद्यालय की पीछे की दीवार टूट जाने की वजह स्कूल में मालवा घुस गया है, गनीमत यह रही की विद्यालय बंद था।