Monday, April 28, 2025
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ऐतिहासिक गीत “बीर बाला तीलू रौतेली” का हुआ विमोचन

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देहरादून,  ए प्लस स्टूडियो देहरादून में एक ऐतिहासिक गीत “बीर बाला तीलू रौतेली” का विमोचन किया गया । इस गीत के रचनाकार व गायक संतोष खेतवाल  हैं व उनके साथ में प्रसिद्ध गायिका अनुराधा निराला ने इस गीत को गाया है, साथ ही इस गीत को उत्तराखण्ड के बहुचर्चित संगीतकार रणजीत सिंह ने अपने सुमधुर संगीत से साजाया है। व इसके रिकाॅर्डिस्ट हैं अश्वजीत सिंह।

इस गीत का अलाप गायन संकल्प खेतवाल (स्टार प्लस के दिल है हिन्दुस्तानी फेम) ने किया है। इस गीत में गौरी बख्शी ने विशेष आर्ट का प्रदर्शन किया है व इसकी ऐडिटिंग आर. के. सी. जी. टीम के द्वारा की गयी है।
श्रीमती पुष्पा खेतवाल जी इस गीत की निर्मात्री हैं। इस उपलक्ष में संतोष खेतवाल, रणजीत सिंह, गायक मिलन आजाद, ऐडिटर प्रदीप चमोली, गित्यार ललित, गायिका सुषमा कुमारी व अश्वजीत सिंह मौजूद रहे। इस गीत में आपको तीलू रौतेली की सम्पूर्ण जीवनी सुनने व देखने को मिलेगी, यह गीत संतोष खेतवाल जी के ही यूट्यूब चैनल एस. के गढ़वाली फोक म्यूजिक से रिलीज हुआ है।

परिजनों की डांट से नाराज किशोर ने फांसी लगा की आत्महत्या

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रुडकी। परिजनों की डांट से नाराज किशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसका शव पंखे से लटका देख परिजनों की चीख-पुकार निकल गई। शोर-शराबा होने पर क्षेत्रवासी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कमरे से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के शक्ति विहार पाडली गुर्जर निवासी 17 वर्षीय किशोर को परिजनों ने काम में लापरवाही बरतने को लेकर रविवार को डांट दिया।

इसके बाद आहत किशोर ने परिजनों से बातचीत करना बंद कर दिया। शाम के वक्त परिजन किसी काम से घर से बाहर गए। इस बीच किशोर घर में अकेला था। परिजनों की गैरमौजूदगी में देर शाम उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन घर वापस लौटे तो उन्हें आत्महत्या करने की जानकारी मिली। शोर-शराबा सुनकर क्षेत्रवासी घटनास्थल पर पहुंचे। लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।

सूचना पाकर गंगनहर पुलिस मौके पर पहुंची और किशोर के शव को कमरे से बरामद किया। इंस्पेक्टर मनोज कुमार मैनवाल ने बताया कि किशोर काफी समय से नाई का काम सीख रहा था लेकिन कुछ दिनों से काम पर ध्यान नहीं दे रहा था। इसी बात को लेकर परिजनों की उससे कहासुनी हो गई थी। इससे नाराज होकर नाबालिग ने रविवार देर शाम परिजनों की गैरमौजूदगी में पंखे पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

उत्तराखंड : कोरोना के प्रदेश में आज मिले 473 संक्रमित,सात की मौत, दून में 164 संक्रमित मिले

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‘राज्य में 68365 मरीज हुए है ठीक, कोरोना संक्रमण से अबतक 1238 लोगों की हुई मौत’

देहरादून | उत्तराखंड में 01 दिसम्बर को हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार कोरोना मरीजो की संख्या हुई 75268 आज कुल 473 नए मामले मिले , वही 68365 मरीज हुए है ठीक जबकि कोरोना संक्रमण से अबतक 1238 लोगों की मौत हुई है | हेल्थ बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज 07 लोगों की मौत हुई | मंगलवार 1 दिसम्बर को देहरादून में 164, हरिद्वार में 40, पौड़ी में 26, नैनीताल में 24, पिथौरागढ़ में 51, अल्मोड़ा में 32, चमोली में 43, उधमसिंहनगर में 24, टिहरी में 25 कोरोना संक्रमण के नए मामले मिले है |

निर्माण कार्यो में मानको को दर किनारे कर किया जा रहा है निर्माण कार्य: भाटी

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हरिद्वार 01 दिसम्बर (कुल भूषण शर्मा) दूधाधारी चौक से सूखी नदी तक सड़क के दोनों ओर चल रहे इंटर लॉकिंग टाईल्स फुटपाथ निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमितताओं व मानकों की अनदेखी से आक्रोशित संतजनों, व्यापारियों व स्थानीय जनों ने क्षेत्रीय पार्षद अनिरूद्ध भाटी, पार्षद विनित जौली, पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा के नेतृत्व में मानकों के अनुरूप कार्य न होने पर कार्य को रूकवाकर बरती जा रही अनियमितताओं के जांच की मांग की।।

भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि कुम्भ मेले में लोक निर्माण द्वारा दूधाधारी चौक से सुखी नदी तक सड़क के दोनों ओर टाईल्स लगाने का कार्य ठेकेदार के माध्यम से करवाया जा रहा है। लोक निर्माण के अधिकारियों की लापरवाही से ठेकेदार टाईल्स निर्माण के कार्य में मानकों की धज्जियां उड़ा रहा है। दूधाधारी से सुखी नदी तक 10 स्थानों पर पानी की लीकेज हो रही है। जिस संदर्भ में ठेकेदार व जल संस्थान के अधिकारियों को अनेक बार अवगत भी कराया गया। हठधर्मिता दिखाते हुए ठेकेदार ने पानी की लीकेज की मरम्मत कराये बिना टाईल्स बिछाने का कार्य किया जा रहा है। ।

निर्माण कार्य में घटिया सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है। मौके पर न तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, कर्मचारी गुणवत्ता की जांच करते हैं न ही ठेकेदार की ओर से निर्माण स्थल पर इंजीनियर रहते हैं। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि कुछ अधिकारी भाजपा सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ।
महंत स्वामी कमल दास ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार में यात्रियों व संतों का सर्वाधिक दवाब रहता है। निर्माण कार्यों में जिस प्रकार लापरवाही बरती जा रही है यदि अधिकारियों ने अपनी कार्यशैली नहीं सुधारी तो संत समाज आन्दोलन को बाध्य होगा।।

पार्षद विनित जौली ने कहा कि लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार की मिलीभगत से घटिया साम्रगी का प्रयोग निर्माण कार्य में किया जा रहा है। ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मां गंगा भागीरथी व्यापार मंडल के अध्यक्ष सूर्यकान्त शर्मा, अनुपम त्यागी, संतोष महेश्वरी, आदर्श पांडे, जसवीर, मुकेश राणा, दिनेश शर्मा, इन्दर कपूर, नरेश पाल, प्रमोद पाल, इन्दर कौशिक, रूपेश शर्मा, नीरज शर्मा, संदीप गोस्वामी, अनिल प्रजापति, मुनीश सिंह, भारत नन्दा, आदित्य राणा, सोनू पंडित, सुखेन्द्र तोमर, रामदयाल यादव सहित आश्रमांे और धर्मशालाओं के प्रबंधक उपस्थित रहे।।

हिमालय को शोध के केंद्र में रखें हिमालय क्षेत्र के विश्वविद्यालय : डाॅ. निशंक

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“गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मानव जाति की सेवा कर देवभूमि का ऋण चुकाएं डिग्री धारक छात्र”

(डॉ.वीरेन्द्र बर्त्वाल)
देहरादून, आप लोगों ने हिमालय में साधना की है, अध्ययन-ज्ञानार्जन किया है, हिमालय के गुण ग्रहण किए हैं। अब समय आ गया है इन सबको पूरे भारत और विश्व के लिए उपयोगी बनाएं, मानवजाति की सेवा करें और इस पुण्य देवभूमि का ऋण चुकाएं। हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए यह भावभरा आह्वान था केंद्रीय मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक का। मौका था-विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह का।
पर्यावरण में हिमालय के योगदान और मानवजाति के कल्याण में हिमालय के महत्त्व को रेखांकित करते हुए डाॅ. निशंक ने पीजी और पीएचडी कर चुके छात्रों का आह्वान किया कि कठिन परिश्रम के बूते स्वयं को अपने-अपने क्षेत्रों में सिद्ध करें, क्योंकि आप लोगों के सामने असली चुनौतियां और सवाल अब खड़े हैं।

जिस प्रकार गंगा उत्तराखंड से निकलकर करोड़ों लोगों के पाप धोते हुए गंगा सागर में मिल जाती है, उसकी प्रकार आप लोग इस धरती से निकलकर देश-दुनिया के दुःख हरने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाएं। उन्होंने कहा कि हिमालयी विश्वविद्यालयों को हिमालय पर केंद्रित शोध को प्राथमिकता देकर इसका उपयोग पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए करना होगा। हिमालय में जैवविविधता है, यह जड़ी-बूटियों का उत्पादक है, यहां नाना प्रकार की वनस्पति है, यह पर्यावरण की पहली पाठशाला है, यह संपदाओं का खजाना है, इसकी अद्भुत संरचना है,

इस पर बहुत अध्ययन और शोध की आवश्यकता है। हिमालय पलायन रोकने में कारगर साबित हो सकता है। हिमालय उत्तराखंड के लिए ही हितकारी नहीं, पूरे भारत और विश्व के लिए कल्याणकारी है। नरेंद्र को विवेकानंद बनाने वाला यह हिमालय ही है।
अध्ययन और शोध में गढ़वाल विश्वविद्यालय की प्रगति की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं भी इस विश्वविद्यालय का छात्र रहा हूं। उन्होंने विश्वविद्यालय का आह्वान किया कि वह नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए। यह नीति आत्मनिर्भर भारत का सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज है। दुनिया के अनेक देश आज इसकी खूबियों के लिए हमारी सराहना कर रहे हैं और इसे अपने यहां लागू करने को उत्सुक हैं। यह नीति रोजगार ही नहीं देगी, विश्वशांति स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाएगी, क्योंकि यह ’वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा और मानव मूल्यों पर आधारित और केंद्रित है।

विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो.धीरेंद्र पाल सिंह ने गढ़वाल विश्वविद्यालय में बिताए अपने शोध काल के समय को याद करते हुए छात्रों का आह्वान किया कि वे संस्कारों को साथ लेकर जाएं।
कुलाधिपति डाॅ. योगेंद्र नारायण ने डाॅ. निशंक का परिचय देते हुए कहा कि 75 से अधिक पुस्तकों के रचयिता, अनेक देशों से पुरस्कार प्राप्त और नई शिक्षा नीति जैसी महत्त्वपूर्ण पाॅलिसी को लाने वाले ऐसे केंद्रीय मंत्री पर पूरे देश को गर्व है। उन्होंने डाॅ. निशंक को हाल ही में ’वातायन’ अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मान से अलंकृत किए जाने और कैंब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति में बेहतर सुधारों के लिए सम्मानित किए जाने का जिक्र करते हुए उन्हें बधाई दी।

कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने विश्वद्यालय की उपलब्धियां गिनाते हुए आत्मनिर्भर भारत, वोकल फाॅर लोकल जैसे अभियानों और नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय की ओर से यथासंभव योगदान देने की घोषणा की। पर्यावरण के क्षेत्र में डाॅ. निशंक की उपलब्धियों और स्पर्श गंगा, नमामि गंगे, स्पर्श हिमालय अभियान में उनकी महत्त्वपूर्ण भागीदारी की सराहना करते हुए प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की प्रगति में डाॅ. निशंक का बड़ा योगदान है, क्योंकि वे यहां के हर कार्य और विकास में गहन रुचि लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय कोविड-19 काल की चुनातियों का बखूबी सामना कर रहा है। कुछ माह पहले तीनों परिसरों में कोविड नियमों का पालन करते 48 हजार छात्र-छात्राओं की आॅनलाइन परीक्षाएं आयोजित की गईं। छात्रों को आॅनलाइन अध्ययन कराया जा रहा है, हमारे यहां ई-बुक उपलब्ध हैं।

कार्यक्रम में कला, संचार एवं भाषा, लाॅ, जीव विज्ञान, प्रबंधन, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के 1117 विद्यार्थियों को पीजी, 137 को पी-एचडी, 12 को एमफिल डिग्रियां दी गयीं तथा 42 विद्यार्थियों को स्वर्णपदक प्रदान किए गए। कुलपति डाॅ. एनएस पंवार ने अतिथियों का धन्यवाद किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में डाॅ. बीए बौड़ाई, डाॅ. एससी बागड़ी, प्रो. एएन पुरोहित, डाॅ. दिनेश नौरियाल,प्रो. सुमित्रा कुकरेती, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, डाॅ. कैलाशचंद्र शर्मा, प्रो. मृदुला जुगरान समेत विभिन्न संकायों के अध्यक्ष तथा अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।

 

सात समुद्र पार फहरी संस्कृत की पताका : न्यूजीलैंड के भारतीय मूल के सांसद डाॅ. गौरव ने ली संस्कृत में शपथ

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डॉ. गौरव का यह कदम करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणादायक : डाॅ. निशंक

(डाॅ. वीरेंद्र बर्त्वाल)

देहरादून, हम भले ही अंग्रेजी का इस्तेमाल कर अपने को समाज में बड़ा आदमी दिखाने की कोशिश करें, लेकिन हकीकत यह है कि हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत का महत्त्व भारत ही नहीं, सात समुद्र पार तक फैला हुआ है। देववाणी के नाम से विख्यात इस समृद्ध भाषा को कंप्यूटर के लिए सर्वश्रेष्ठ भाषा करार दिया जा चुका है। यह इसकी वैज्ञानिकता का प्रमाण है। हाल ही में न्यूजीलैंड के सांसद भारतीय मूल के डाॅ. गौरव शर्मा के संस्कृत में शपथ लेने से देश-दुनिया में इस भाषा का गौरव बढ़ा है। यह भारत में अंग्रेजी को बेवजह अपना रहे लोगों के लिए यह एक सबक है।

डाॅ. गौरव शर्मा न्यूलीलैंड के हैमिल्टन पश्चिम से लेबर पार्टी के सांसद चुने गए हैं। 33 वर्षीय गौरव का पैतृक घर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के लोअर हड़ेटा गांव में है। उनका जन्म 01 जुलाई, 1087 को हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर मे हुआ था। वे 2017 में चुनाव हार गए थे। उनकी जीत पर वहां रह रहे भारतीय मूल के अनेक नागरिकों ने प्रसन्नता व्यक्त की। शपथ ग्रहण समारोह में डाॅ. शर्मा ने पहले वहां की भाषा मोरी और इसके बाद संस्कृत में शपथ ली। उनके इस फैसले की सर्वत्र सराहना की गयी, क्योंकि उन्होंने अपने वर्तमान क्षेत्र की भाषा के साथ ही अपने मूल देश की पुरातन भाषा में भी शपथ ली। न्यूलीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त मुक्तेश परदेशी ने डाॅ. गौरव शर्मा के इस कदम की सराहना करते हुए इसे दोनों देशों का सम्मान बताया है।

डाॅ. गौरव ने इस संबंध में ट्विटर पर लिखा है कि माना जाता है कि दुनिया की सभी भाषाओं का जन्म संस्कृत से हुआ है। मैं उत्तर भारत की कई भाषाओं को जानता और समझता हूं। मैं किसी एक भाषा में शपथ लेता तो दूसरी भाषा के लोगों के साथ भेदभाव होता, इसलिए संस्कृत में भी शपथ ली।
उधर, इस संबंध मंे केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल का कहना है कि डाॅ. गौरव शर्मा का यह निर्णय अपने मूल देश के प्रति उनके प्रेम और अपनी पुरातन भाषा के प्रति उनकी श्रद्धा का द्योतक है। अपनी जड़ों से जुड़े रहने वाले लोग ही जीवन में प्रगति और प्रतिष्ठा हासिल करते हैं। डाॅ. गौरव का यह कदम करोड़ों भारतवासियों और अप्रवासी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है। हमारी देववाणी संस्कृत ने एक बार सात समुद्र पार अपना महत्त्व प्रतिपादित किया है। इस भाषा की समृद्धि और वैज्ञानिकता इसे अन्य भाषाओं से श्रेष्ठ बनाती है।

विश्व का सबसे बडा सुरक्षा बल है देश का सीमा सुरक्षा बल: डा0 शिव कुमार

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हरिद्वार 01 दिसम्बर (कुल भूषण शर्मा) भारत का सीमा सुरक्षा बल (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) विश्व का सबसे बडा सीमा रक्षक बल बनने का गौरव हासिल किये है।  भारत में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है जिसका गठन 1 दिसम्बर 1965 में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी देश मे अमन शांति के साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है। इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और यह 6,385.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। “जीवन पर्यन्त कर्तव्य” इस बल का आदर्श वाक्य है। भारतीय पुलिस सेवा के के एफ रुस्तम इस संगठन के पहले महानिदेशक रहे। यह उदगार गुरूकुल कांगडीसमविष्वविद्यालय के असि0 प्रोफेसर डा0 षिव कुमार चौहान ने सीमा सुरक्षा बल के जवानो को नमन करते हुए व्यक्त किये उन्होने कहा कि सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर 1965 को सर्वप्रथम अस्तित्व में आया।

सन् 1971 के भारत-पाकिस्तानी युद्ध में बीएसएफ की क्षमताओं का इस्तेमाल पाकिस्तानी ताकतों के खिलाफ किया गया। बीएसएफ, जिसे लंबे समय तक नर बुर्ज माना जाता है, ने अब सीमा पर महिला कर्मियों के पहले बैच को नियमित रूप से सीमा संरक्षण सहित अपने पुरुष समकक्षों द्वारा किए गए अन्य कर्तव्यों को पूरा करने के लिए तैनात किया है। भारत में अत्यधिक अस्थिर भारत-पाक सीमा पर 100 से ज्यादा महिलाएं तैनात की गई हैं, जबकि लगभग 60 भारतीयों को भारत-बांग्ला सीमा पर तैनात किया जाएगा। कुल मिलाकर, विभिन्न चरणों में सीमा पर 595 महिला कॉन्स्टेबल तैनात किए जाने की योजना है।

देश के इस अद्वितीय सशस्त्र सीमा बल के पराक्रम एवं दृढ इच्छा शक्ति के कारण दुनिया मे एक अलग पहचान है तथा दुनिया का एकमात्र सीमा रक्षक बल बनने का गौरव हासिल किये है। इसके वीर जवानों के बल-पराक्रम की अपनी एक अमरगाथा है जिसके लिए इसके जवान अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को सदा तैयार रहते है। अपने वीर सपूतों के पराक्रम पर देश का यह अनूठा संगठन अपना 55 वाॅ स्थापना दिवस मना रहा है। ऐसे वीर सपूतों के बल पर हम स्वयं को सुरक्षित महसूस करते है।

 

 

 

 

गुणता ही प्रगति का आधार: गुलाटी

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हरिद्वार 01 दिसम्बर (कुल भूषण शर्मा)बीएचईएल हरिद्वार में गुणता माह का समापन एक ऑनलाइनसमारोह के माध्यम से हुआ। कार्यक्रमके मुख्य अतिथि भेल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी थे । इस वर्ष के गुणता माह की थीम थी“गुणवत्ता सर्वप्रथम –सही काम, पहली बार एवं हर बार”

समारोह को सम्बोधित करते हुए संजय गुलाटी ने सभी को गुणता माह के सफल आयोजन हेतु बधाई दी । उन्होंने कहा कि आज के कठोर प्रतिस्पर्धा के युग में हम उच्च गुणताके द्वारा ही विश्व व्यापार में टिके रह सकते हैं। अपनी जिस उत्पाद गुणवत्ता के लिए हम जाने जाते हैं उसे हमें बरकरार रखना है ।  संजय गुलाटी ने प्रोसेस कंट्रोल सम्बंधित कार्यों में सभी कर्मचारियों की सहभागिता बढ़ाने पर भी विशेष बल दिया । प्रमुख (गुणता एवं व्यापारिक उत्कृष्टता) नरेश कुमार मनवानी ने भी प्रक्रिया नियंत्रण से संबंधित विषयों पर अपने विचार रखे ।इससे पहले अपर महाप्रबंधक (गुणता) प्रशांतो माजी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान में गुणता से सम्बंधित किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी । अपर महाप्रबंधक (गुणता) प्रदीप कुमार बंसल ने पूरे गुणता माह में आयोजित किए गए कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया ।

गुणता माह के दौरान भेल हरिद्वार में गुणता से सम्बन्धित 40 से अधिक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें अनेक कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने बढ-चढ कर भाग लिया । इस अवसर पर अनेक वरिष्‍ठ अधिकारी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित थे ।

 

कोरोना वैक्सीन को लेकर उप जिला अधिकारी ने ली विभागों की बैठक

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मसूरी। जिला अधिकारी देहरादून के निर्देश पर उप जिला अधिकारी मसूरी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर कोरोना वैक्सीन के आने पर वितरण के लिए मंथन किया ताकि यह वैक्सीन सभी स्थानों पर आम जनता तक पहुंचाई जा सके।
एसडीएम कार्यालय में आयोजित बैठक में एसडीएम प्रेम लाल ने कहा कि आगामी समय में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन आने वाली है जिस पर यह वैक्सीन हर घर तक पहुंचे इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि कोई इससे छूटे नहीं। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने इस पर अपने विचार रखे व गहन मंथन किया व सुझाव दिए।

नगर पालिका परिषद उप जिला चिकित्सालय, वन विभाग मसूरी, अग्निशमन विभाग, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण आदि के अधिकारियों के साथ बैठक कर ब्लॉक टास्क फोर्स के संबंध में जानकारी दी गई। एसडीएम प्रेमलाल ने बताया कि ब्लाक टास्क फोर्स कोरोना वैक्सीन के आम जन तक पहुंचाने के लिए गठित किया गया है जो कि तय करेगा कि आमजन तक किस प्रकार कोरोना वैक्सीन का वितरण किया जा सके और किस प्रकार से आम लोगों को इससे लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन शीघ्र ही उपलब्ध हो जाएगी और इसे आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

वहीं उन्होंने क्विक रिस्पांस टीम क्यूआरटी के संबंध में अधिकारियों को जानकारी दी व बताया कि क्विक रिस्पांस टीम के तहत सभी विभागों को जनता के साथ मिलकर कार्य करना है तथा जनता की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निवारण करना है। सरकार का भी उद्देश्य है कि जो भी जनता की शिकायतें आती हैं उनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाए उसमें कोई चूक न हो व सभी शिकायतों का संज्ञान लेकर उसका निस्तारण किया जाय।

बैठक में मौजूद उपजिला चिकित्सालय के डॉ प्रदीप राणा ने बताया कि मसूरी में लगभग 5000 लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है यहां पर स्थिति अभी नियंत्रण में है और आगे भी कोरोना टेस्ट जारी रहेंगे जिसके लिए समय-समय पर सरकार से जानकारी ली जा रही है वहीं कहा कि कोरोना की वैक्सीन के लिए सभी विभागों से सहयोग की अपेक्षा की गई है वहीं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयारी में जुट गया है। बैठक में फायर से शंकर चंद, एमडीडीए से महिपाल सिंह अधिकारी,जल संस्थान से अभय भंडारी, नगर पालिका विरेंद्र बिष्ट, स्वास्थ्य विभाग से डा. प्रदीप राणा व बीएस रावत, कोतवाल देवेंद्र सिंह असवाल आदि मौजूद रहे।

महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सौ किलो ऊन वितरित की

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मसूरी। सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने लंढौर घंटाघर के निकट एक सिलाई प्रशिक्षण केंद्र में जाकर महिला समूह को बुनाई के लिए 100 किलो ऊन वितरित की। वहीं कहा कि इससे जो भी स्वेटर या अन्य बुनाई होगी उसका पैसा दिया जायेगा व उसे बेचकर और ऊन दी जायेगी। ताकि उन्हंे स्वरोजगार मिलता रहे।

सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल लगातार मसूरी में कोरोना संक्रमण के बाद से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है तथा महिला समूह बनाकर उन्हें जरूरी सामान उपलब्ध करा रहे हैं इसी कड़ी में लंढौर जैन धर्मशाला के निकट एक महिला सिलाई केंद्र में मनीष गौनियाल ने युवती संस्था के माध्यम से करीब पचास महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें 100 किलो ऊन वितरित की व कहा कि इससे जो भी बच्चों के बेबी सूट बनेगे या स्वेटर आदि बनेगें वह उन्हें बुनाई का पैसा देंगे व उसे बेचकर और ऊन लाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह महिलाओं को स्वरोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं ताकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके व लगातार इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा िकवह अगले सप्ताह महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित करेंगे जिसके माध्यम से महिलाएं जूट के बैग बना कर रोजगार सृजन करें। उन्होंने बताया कि मसूरी के साथ ही उन्होंने जैंतुन वाला, गढी डाकरा, हुसैन गंज आदि क्षेत्रों में भी महिलाआंे के समूह बनाकर रोजगार देने का प्रयास किया है। इस मौके पर पालिका सभासद जसोदा शर्मा ने कहा कि मनीष गौनियाल का यह कार्य सरानीय है क्यों कि कोरोना काल में जब हर घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं ऐसे में उन्होंने महिलाओं को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि मसूरी में अधिकतर महिलाएं बेरोजगार है चाहे वह पढी लिखी हो या सामान्य, वहीं महिलाएं बुनाई सिलाई का कार्य करती थी लेकिन संक्रमण के दौर में वह भी नहीं रहा ऐसे में उनका प्रयास महिलाओं के लिए प्रोत्सिाहित करेगा व आगे उन्होंने विश्वास दिलाया है कि वह सिलाई, बुनाई के साथ ही महिलाओं को अचार बनाने, पापड़ बनाने, मोमबत्ती बनाने आदि में भी समूह बनाकर रोजगार देने का प्रयास करेंगे। इस मौके पर युवती संस्था की अध्यक्ष मेघा मल्ल, नेहा गौनियाल, भावना बडोनी, गुडडी, जमुना लेखवार, सुनीता डबराल, कमला पैन्यूली, प्रमिला पंवार, सुशीला पंवार, कविता आदि मौजूद रही।