Thursday, May 1, 2025
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शादी में फैला कोरोना, दूल्हे की मौत, दुल्हन सहित 9 लोग पॉजिटिव

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फीरोजाबाद, । उत्तर प्रदेश के फीरोजाबाद जिले में नवविवाहिता महिला सहित परिवार के नौ सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इस परिवार में चार दिसंबर को दूल्हे की मौत हुई थी। दूल्हे को बुखार और सांस लेने में दिक्कत थी, लेकिन उसका कोरोना वायरस टेस्ट नहीं कराया गया था। शंका होने पर परिवार की कोरोना जांच कराई गई तो नौ लोग संक्रमित मिले।  इस परिवार में करीब 10 दिन पहले एक शादी हुई थी। शादी के कुछ ही दिन बाद दूल्हे की मौत हो गई । हालांकि दूल्हे की कोरोना जांच नहीं कराई गई थी। शक होने पर परिवार के लोगों ने जांच कराई तो दुल्हन समेत 9 लोगों को कोरोना आया। सभी पीड़ितों का इलाज चल रहा है।

चार दिसंबर को दूल्हे की मौत हुई थी तो दूल्हे को बुखार और सांस लेने में दिक्कत थी, लेकिन उसका कोरोना टेस्ट नहीं कराया गया था। इसके बाद शंका होने पर परिवार की कोरोना जांच कराई गई तो नौ लोग संक्रमित निकले।

फिरोजाबाद की सीएमओ डॉ नीता कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जसराना क्षेत्र के गांव नगला सावंती के रहने वाले युवक की शादी करीब 10 दिन पहले हुई थी। इसके तुरंत बाद वह अस्वस्थ हो गया और 4 दिसंबर को दूल्हे की मृत्यु हो गई। उसका कोविड टेस्ट नहीं हुआ था। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि उसकी मौत कोविड-19 से हुई थी। कोरोना टेस्ट में दुल्हन समेत 9 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसमें दुल्हन की सास भी शामिल है. फिलहाल सभी का इलाज चल रहा है।

सीएमओ ने बताया कि जिले में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 3673 मामले सामने आए हैं। इसमें से फिलहाल 171 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि कोविड-19 की चपेट में आकर 67 लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी के लोग इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।

गौंडार वासियों को मिले मूलभूत सुविधाएं : राणा

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“मुख्यमंत्री त्वरित कार्यवाही कार्यक्रम के तहत गॉव पहुंचे विभागीय अधिकारियों के सामने ग्रामीणों ने रखी अपनी समस्याएं”

(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग/ऊखीमठ- मद्महेश्वर घाटी के सीमांत गॉव गोंडार के ग्रामीणों की समस्याओं को अधिकारी प्राथमिकता से लें व सड़क, विजली, पानी, व संचार जैसी मूलभूत सुविधाएं ग्रामीणों को उपलब्ध कराई जाय। यह बात कालीमठ वार्ड से जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने मुख्यमंत्री त्वरित कार्यवाही कार्यक्रम के तहत गौंडार में आयोजित बैठक में कही।

आज जनपद के सीमांत गॉव गौंडार में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री त्वरित कार्यवाही कार्यक्रम के तहत जनता की समस्याएं सुनी गई कई विभागीय अधिकारियों कार्यक्रम में न पहुंचने पर जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने नाराजगी ब्यक्त की व अधिकारियों को ग्रामीणों की समस्याओं को गम्भीरता से लेने को कहा । ग्राम प्रधान गौंडार बीर सिहं ने गॉव के नीचे सुरक्षा दीवार सहित यातायात, बिद्युत, संचार जैसी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया।

जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने जिला पंचायत निधि से दो लाख देने की घोषणा की। कार्यक्रम में कृषि, उद्यान, लो.नि.विभाग, विद्युत, पेयजल, सहकारिता, बन विभाग , समाज कल्याण, पर्यटन , राजस्व विभाग आदि विभागों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर झेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण राणा, संरपंच मदन पंवार महिला मंगल दल अध्यक्ष कविता देवी, शाकम्बरी देवी, आलम सिहं पंवार, मातबर सिंह पंवार सहित ग्रामीण मौजूद थे।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा नया संसद भवन, आज नए संसद भवन का शिलान्यास करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) गुरुवार को नए संसद भवन का भूमि पूजन (New Parliament House Bhoomi Pujan) करेंगे. अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो सके. बता दें कि नए संसद भवन में लोक सभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा. वहीं राज्य सभा का भी आकार बढ़ेगा. PM Narendra Modi will today lay the foundation stone of new Parliament  Building 971 crores will be spent know its specialties - PM नरेंद्र मोदी आज  करेंगे नए संसद भवन का शिलान्यास

Tata प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कराएगी निर्माण
कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा. नए संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है. शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नया संसद भवन नए भारत की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप होगा. यह अगले 100 साल की जरूरतों के मद्देनजर बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत न आए.

मंत्रालय के मुताबिक, नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा. सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी. मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी. नई लोक सभा (New Lok Sabha) मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्य सभा (New Rajya Sabha) के आकार में भी वृद्धि की गई है. नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा. डिजाइन योजना में केंद्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है. आम लोग इसे देख सकेंगे. इसके अलावा पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली का इस्तेमाल भी होगा. नए भवन में उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि तथा दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी. इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी. भूकंप के तेज झटके भी इमारत झेल लेगी

भूमि पूजन के लिए 200 लोगों को दिया गया निमंत्रण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे. इस समारोह में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla), संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी (Pralhad Joshi), आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) और राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह (Harivansh Narayan Singh) शामिल होंगे. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, संसद सदस्य, सहित लगभग 200 लोग लाइव वेबकास्ट के जरिए भूमि पूजन समारोह में मौजूद रहेंगे.

कोरोना वैक्सीन : टीका लगवाने के लिए Co- WIN एप पर करना होगा रजिस्ट्रेशन

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नई दिल्ली, वैश्विक महामारी कोरोना से पूरे विश्व हड़कंप मचा है, और इससे निजात पाने के लिये दुनिया के कई देश कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लगे हैं और इस वायरस की वैक्सीन को लेकर अंतिम ट्रायल कर रहे हैं। इस लिस्ट में भारत का भी नाम है। इसी बीच देश की तीन बड़ी कंपनियों ने अपनी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है, हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वैक्सीन प्रक्रिया को लेकर अभी तक कोई तारीख या निर्देश सामने नहीं आया है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि सरकार ने वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए एक एप बनाया है जो टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेगा। इस एप का नाम Co-WIN है। Co-WIN को फ्री में डाउनलोड किया जा सकेगा, हालांकि अभी तक Co-WIN गूगल प्ले-स्टोर या एपल के स्टोर पर उपलब्ध नहीं है, क्या है Co-WIN एप, जानिये…

वैक्सीन लगवाने वालों का रहेगा पूरा लेखा-जोखा

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि Co-WIN एक ऐसा मोबाइल एप है जो फ्री में डाउनलोडिंग के लिए सभी को उपलब्ध होगा। इस एप में टीकाकरण की प्रक्रिया से लेकर प्रशासनिक क्रिया-कलापों, टीकाकरण कर्मियों और जिन्हें वैक्सीन दी जानी है, उनकी पूरी जानकारी रहेगी। इसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन का भी विकल्प होगा। किसी पंचायत का मुखिया भी अपने पंचायत के लोगों के टीकाकरण के लिए इस एप से अप्लाई कर सकेगा।

तीन चरण में होगा टीकारण

भारत में कोरोना टीकाकरण का काम शुरुआती तौर पर तीन चरणों में होगा। इसमें चरणवार ढंग से लोगों को टीका लगाया जाएगा। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों (हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स) को और दूसरे चरण में आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। राज्य सरकारों को इन लोगों का डाटा इकट्ठा करने का जिम्मा मिला है। वहीं तीसरे चरण में उन लोगों को टीका लगेगा जो किसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। इन सभी का Co-WIN एप पर ही रजिस्ट्रेशन होगा।

Co-WIN एप के हैं पांच मॉड्यूल

स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि Co-WIN एप में पांच मॉड्यूल हैं जिनमें प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां रिपोर्ट मॉड्यूल शामिल हैं। इनमें से पहला मॉड्यूल प्रशासनिक मॉड्यूल है जिसमें वैक्सीन के लिए सेशन का निर्धारण होगा और टीका लगवाने वाले लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन भेजा जाएगा।

रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल में आप खुद वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इस मॉड्यूल के लिए कोई संस्था थोक में उन लोगों का रजिस्ट्रेशन कर सकती है, जिन्हें वैक्सीन की जरूरत है। लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल में क्यूआर कोड आधारित एक टीकाकरण सर्टिफिकेट मिलेगा। राजेश भूषण के मुताबिक देश में उन सभी लोगों को टीका लगेगा, जो लगवाना चाहते हैं।

दोनों हाथों में बंदूक लेकर ऐसे की लूट, बाजार में मच गई सनसनी, देखें वीडियो

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नई दिल्ली: बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। बिहार के दरभंगा में एक ज्वैलरी शॉप में लुटेरों ने लूट को ऐसे अंजाम दिया कि जिसने भी देखा, उसके होश उड़ गए। घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। ज्वैलरी शॉप में दिनदहाड़े लूट को अंजाम देने के बाद लुटेरे फिल्मी स्टाइल में फरार हो गए।

एक आधिकारिक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार 14 किलोग्राम सोना और 2 लाख रुपये नकद लूटे गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।वीडियो में दिख रहा है कि गली में से एक शख्स भागता नजर आ रहा है। इसके कुछ ही देर बाद कुछ और लोग भागकर आते हैं। वहीं, थोड़ी ही देर बाद हाथ में बंदूक लहराते हुए आते हैं। घटना के बाद लोग इतने सहम गए कि उन्होंने तुरंत दुकानें बंद कर दीं। घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।

 

बंद हो गया देश का एक और बैंक, जानिए लाखों ग्राहकों की जमा रकम का क्या होगा…?

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भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने महाराष्ट्र के एक और सहकारी बैंक को बड़ा झटका दिया है. RBI ने कराड जनता सहकारी बैंक (Karad Janata Sahakari Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई ने बताया कि पूंजी की कमी और कम कमाई की वजह से यह कदम उठाया गया है. बता दें अब से ये बैंक बैंकिग व्यवसाय नहीं कर पाएगा. अगर आपका भी इस बैंक में पैसा जमा है तो आइए आपको बताते हैं कि आपके पैसे का क्या होगा… क्या आपको पूरा पैसा वापस मिलेगा या नहीं…

क्या होगा ग्राहकों के पैसे का…?

बैंक के ग्राहकों को राहत देते हुए आरबीआई ने कहा है कि जमाकर्ता के पैसों को वापस देने के लिए एक सामान्य प्रक्रियी को अपनाया जाएगा, जिसके तहत सभी ग्राहकों का पैसा वापस किया जाएगा. जमाकर्ता को निर्धारित नियमों और शर्तों के तहत 5 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाएगा.

आपको बता दें यह भुगतान इंश्योरेंस और क्रेडिड गारंटी कार्पोरेशन करेगा. इस प्रक्रिया के तहत बैंक के 99 फीसदी जमाकर्ताओं को उनकी पूरी जमाराशि वापस मिल जाएगी.

खुशखबरी! कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को दी मंजूरी, 48 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा

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नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच बढ़ी बेरोजगारी (Unemployment) केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) के लिए परेशानी का कारण बन गई है. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के दौरान देश में रोजगार बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Atamnirbhar Bharat Employment Scheme) को मंजूरी दे दी गई. केंद्र सरकार इस योजना पर 22,810 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वहीं, योजना से 58 लाख से ज्‍यादा कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. मौजूदा वित्त वर्ष में केंद्र सरकार इस योजना पर 1,584 करोड़ रुपय खर्च करेगी. बता दें कि देश में बेरोजगारी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने हाल में आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 का ऐलान किया था.

इन कर्मचारियों को मिलेगा इस योजना का फायदा
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार (Santosh Gangwar) ने बताया कि आत्‍मनिर्भर भारत रोजगार योजना से कर्मचारियों के साथ ही रोजगार देने वालों (Employers) को भी फायदा मिलेगा. मोदी सरकार की इस योजना का लाभ नए कर्मचारियों को मिलेगा. बता दें कि योजना का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्हें किसी ईपीएफओ-रजिस्टर्ड संस्‍थान में नौकरी मिलती है. इसके अलावा कोरोना संकट के दौरान नौकरी गंवाने वाले उन कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलेगा, जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे. योजना के तहत 1 अक्टूबर 2020 या उसके बाद नियुक्त हुए नए कर्मचारियों के पीएफ को कवर करने के लिए दो साल की सब्सिडी (Subsidy) दी जाएगी. यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी. योजना से 58.5 लाख कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा.

लॉकडाउन के दौरान गई थी लाखों लोगों की नौकरी
कोविड-19 के दौरान लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण सभी सेक्‍टर्स में गतिविधियां ठप हो गई थीं. इससे बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरियों से हाथ धोना (Job Loss) पड़ा था. देश में बेरोजगारी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. विपक्षी दल भी सरकार पर रोजगार को लेकर निशाना साध रहे थे. ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना काफी मददगार साबित होगी. इसके अलावा कैबिनेट ने देश में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने के लिए पीएम-पब्लिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस को भी मंजूरी दी. इसके तहत देश में पब्लिक डाटा ऑफिस खोले जाएंगे. इनके लिए लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन या फीस की जरूरत नहीं होगी. (साभार- न्यूज18)

लॉकडाउन के दौरान मेरिटनेशन ने प्रीमियम यूजर्स में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज कियाः लाइव क्लास के उपयोग में चार गुना वृद्धि दर्ज किया

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– अक्टूबर और नवंबर 2020 में प्रीमियम यूजर्स के द्वारा अटेंड किये गये लाइव क्लास के मिनटों में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई।

– दसवीं कक्षा के छात्रों में लगभग 300% और ग्यारहवीं कक्षा (विज्ञान) के छात्रों में लगभग 400% वृद्धि दर्ज की गई।

– छठी से नौंवी कक्षा में पढ़ने वाले लाइव क्लास के छात्रों में महामारी के दौरान लगभग 200% (3 गुना) वृद्धि दर्ज की गई।

देहरादून- कोविड -19 के अचानक उभरने के कारण पैदा हुए व्यवधान के कारण, शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से ऑफलाइन से ऑनलाइन में बदल गई है। एडटेक क्षेत्र में हो रही वृद्धि के मद्देनजर, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले संस्थानों में अग्रणी आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) की सहायक कंपनी, भारतीय एडटेक प्रमुख मेरिटनेशन ने लॉकडाउन के दौरान भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं के मामले में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। मेरिटनेशन ने केवल अक्टूबर और नवंबर 2020 में ही प्रीमियम उपयोगकर्ताओं द्वारा अटेंड किये गये लाइव क्लास के मिनटों में चार गुना वृद्धि दर्ज की है। विज्ञान और गणित के छात्रों द्वारा अटेंड किये गये लाइव क्लास में लगभग चार गुना वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रतिशत में वृद्धि की गणना प्रीमियम उपयोगकर्ताओं द्वारा लाइव क्लासेस के हालिया मासिक उपयोग की लॉकडाउन की शुरुआत में उनके उपयोग से तुलना कर की जाती है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, दसवीं कक्षा के छात्रों में लगभग 300ः और ग्यारहवीं कक्षा (विज्ञान) के छात्रों में लगभग 400% वृद्धि दर्ज की गई है जिन्होंने कोविड -19 के दौरान अध्ययन के लिए मेरिटनेशन के प्रीमियम लाइव क्लास प्लेटफॉर्म में दाखिला लिया है।

छठी से नौंवी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों में महामारी के दौरान लगभग तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई जो कि 200% के बराबर है। यह औसतन दर्ज किया गया है कि एक प्रीमियम उपयोगकर्ता ने मेरिटेशन पर हर दिन लगभग 70 मिनट तक अध्ययन किया।

प्रभावशाली वृद्धि पर बात करते हुए, आकाश एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ श्री नरसिम्हा जय कुमार ने कहा, ष्मार्च 2020 से कोविड -19 के उभरने के साथ ऑनलाइन लर्निंग पढाई का एक नया तरीका बन गया है। अध्ययन की प्रक्रिया को जारी रखने के लिए, बड़े प्रतिशत में छात्र वर्चुअल लर्निंग मोड को अपना रहे हैं और वे कोविड युग के बाद वाले समय में भी ऐसा करना जारी रखेंगे। मेरिटनेशन प्लेटफॉर्म पर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हमारे शिक्षण, संकाय और पाठ्यक्रम की स्वीकृति को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। हम निकट भविष्य में छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार अपने पाठ्यक्रमों को अनुकूलित करना जारी रखेंगे ताकि उन्हें अपने घरों के आरामदायक वातावरण में अध्ययन करने में सक्षम बनाया जा सके।”

मेरिटनेशन भारत में ऑनलाइन लर्निंग के क्षेत्र में अग्रणी है, जिसने 2014 में लाइव कक्षाएं शुरू की हैं। अब तक इसमें 2.5 करोड़ से अधिक पंजीकृत छात्र हैं, 10 मिलियन से अधिक ऐप इंस्टॉल हैं और 47 मिलियन से अधिक टेस्ट अटेम्प्ट किये गये हैं। आकाश एजुकेशनल सर्विसेस लिमिटेड (एईएसएल) ने एप्पलेक्ट लर्निंग सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए इंफो एज (इंडिया) लिमिटेड के साथ एक निश्चित समझौता कर ज्ञ12 छात्रों की पढाई संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए एड-टेक कंपनी मेरिटनेशन का जनवरी 2020 में अधिग्रहण किया।

आकाश एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड के बारे में

आकाश एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड (एईपीएल) भारत की अग्रणी ऑनलाइन टेस्ट प्रीपरेशन और लाइव ट्यूटोरियल कंपनी है जो ज्ञ12 सेगमेंट को पूरा करती है और मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए परीक्षा की व्यापक ऑनलाइन तैयारी करने की सेवाएँ भी प्रदान करती है। प्रतिष्ठित एईएसएल समूह (आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड) की सहायक कंपनी, एईपीएल में आकाश डिजिटल और मेरिटनेशन नामक दो अलग-अलग प्रभाग शामिल हैं।

आकाश डिजिटल

आकाश डिजिटल छात्रों को एक एडु-टेक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए आकाश की 30 से अधिक वर्षों की शैक्षणिक परम्परा और अनुशासन का पूरी तरह से लाभ उठाता है, जो गुणवत्ता पूर्ण कोचिंग के माध्यम से जेईई, एनईईटी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उनके लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैबलेट और मोबाइल पर ऑनलाइन उसी प्रकार से तैयारी करने में उनकी मदद करता है, जैसी तैयारी आकाश क्लासरूम में करायी जाती है।

मेरिटनेशन के बारे में

मेरिटनेशन स्कूली छात्रों के लिए भारत का पहला ऑनलाइन शिक्षण मंच है और सीबीएसई, आईसीएसई और अग्रणी राज्य बोर्डों के 2.5 करोड़ से अधिक छात्र इससे जुड़े हैं। यह छात्रों की सीखने की जिज्ञासा को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत और आकर्षक सामग्री प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी की ताकत का उपयोग करता है। 2014 में लाइव क्लासेस को पहली बार शुरू करने वाला, मेरिटनेशन का लाइव क्लास प्लेटफॉर्म आज भारत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को उनके घरों के सुरक्षित माहौल में और सुविधा के साथ छात्रों के साथ जोड़ता है। यह ʺसेल्फदृ स्टडीʺ पाठ्यक्रम की भी सुविधा प्रदान करता है, जहां सीखने वाले विभिन्न प्रकार के अध्ययन सामग्रियों की मदद से अपनी गति से अध्ययन करते हैं, जिसमें कॉन्सेप्ट वीडियो से लेकर टेस्ट और स्मार्ट रिपोर्ट तक शामिल हैं।

किसान आंदोलन : कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करेगी सरकार, शंकाओं के लिए दिया प्रस्ताव

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नई दिल्ली, कृषि कानूनों को सरकार निरस्त नहीं करेगी इधर किसानों को विरोध में दिल्ली में डेरा डाले दो हफ्ते हो रहे हैं। सरकार के साथ कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही, अब सरकार की ओर से किसानों को एक प्रस्ताव भेजकर उनकी शंकाओं का समाधान करने की बात कही गई है।

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने के लिए सरकार ने आज एक प्रस्ताव उनके पास भेजा है। इसमें कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं। आइए जानते हैं कि किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सरकार ने लिखित रूप में क्या आश्वासन दिया है। यहां प्रस्ताव को हूबहू बिंदुवार तरीके से रखा जा रहा है।

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020 उठाए गए मुद्दों पर प्रस्ताव।

मुद्दा 1- आशंका है कि मंडी समितियों द्वारा स्थापित मंडियां कमजोर होंगी और किसान निजी मंडियों के चंगुल में फंस जाएगा।

• नए प्रावधान पुराने विकल्प को चालू रखते हुए फसल बेचने के अधिक विकल्प उपलब्ध कराते हैं। किसान अब मंडी के बाहर किसी भंडारगृह से, कोल्ड स्टोरेज से या अपने खेत से भी फसल बेच सकेगा।
• किसान की फसल को खरीदने में अधिक प्रतिस्पर्धा होगी क्योंकि नए व्यापारी भी फसल के खरीदार हो सकेंगे जिससे किसान को अधिक मूल्य प्राप्त हो सकेगा।
• अंतर-राज्य एवं राज्य के भीतर व्यापार के सभी बंधन हट जाएंगे।
• किसान को नए विकल्पों के अतिरिक्त पूर्व की तरह मंडी में बेचने तथा समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी केंद्र पर बेचने का विकल्प यथावत रहेगा।

प्रस्ताव –
• अधिनियम को संशोधित करके यह प्रावधानित किया जा सकता है कि राज्य सरकार निजी मंडियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर सके। साथ ही ऐसी मंडियों से राज्य सरकार एपीएमसी मंडियों में लागू सेस/शुल्क की दर तक सेस/शुल्क निर्धारित कर सकेगी।

मुद्दा 2- व्यापारी के पंजीकरण की व्यवस्था न करके मात्र पैन कार्ड के आधार पर किसान से फसल खरीद की व्यवस्था है जिससे धोखा होने की आशंका है।
• नए अधिनियमों में किसान को विपणन के अधिक विकल्प प्रदान करने की दृष्टि से पैन कार्ड के आधार पर व्यापारी को कृषि व्यापार करने की व्यवस्था है।
• कानून में केंद्र सरकार को व्यापारियों के पंजीकरण, व्यापार के तरीके तथा भुगतान की व्यवस्था के संबंध में नियम बनाने की शक्ति है।
• पैन कार्ड के अतिरिक्त अन्य दस्तावेजों को आधार बनाकर पंजीकरण की व्यवस्था लागू करने का प्रावधान पूर्व से है।

प्रस्ताव –
• उठाई गई शंका के समाधान हेतु राज्य सरकारों को इस प्रकार के पंजीकरण के लिए नियम बनाने की शक्ति प्रदान की जा सकती है जिससे स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार राज्य सरकारें किसानों के हित में नियम बना सकें।

मुद्दा 3- किसान को विवाद समाधान हेतु सिविल न्यायालय में जाने का विकल्प नहीं है जिससे न्याय न मिलने की आशंका है।
• किसानों को त्वरित, सुलभ एवं कम व्यय पर न्याय मिल सके तथा विवाद का समाधान स्थानीय स्तर पर 30 दिन के भीतर हो सके, ऐसा प्रावधान किया गया है।
• दोनों अधिनियमों में प्रथम व्यवस्था सुलह बोर्ड के माध्यम से आपसी समझौते के आधार पर विवाद निराकरण की है।

प्रस्ताव –
• शंका के समाधान हेतु विवाद निराकरण की नए कानूनों में प्रावधानित व्यवस्था के अतिरिक्त सिविल न्यायालय में जाने का विकल्प भी दिया जा सकता है।

मुद्दा 4- कृषि अनुबंधों के पंजीकरण की व्यवस्था नहीं है।

• कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020 के अंतर्गत पूर्व से ही राज्य सरकार द्वारा करारों के पंजीकरण की व्यवस्था बनाने का प्रावधान है।
• पंजीकरण प्राधिकरण की स्थापना का अधिकार भी राज्य सरकार को है।

प्रस्ताव –

• जब तक राज्य सरकारें रजिस्ट्रीकरण की व्यवस्था नहीं बनाती हैं तब तक सभी लिखित करारों की एक प्रतिलिपि करार पर हस्ताक्षर होने के 30 दिन के भीतर संबंधित एसडीएम कार्यालय में उपलब्ध कराने हेतु उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी।

मुद्दा 5- किसान की भूमि पर ब़ड़े उद्योगपति कब्जा कर लेंगे। किसान भूमि से वंचित हो जाएगा।
• कृषि करार अधिनियम के अंतर्गत कृषि भूमि की बिक्री, लीज तथा मार्टगेज पर किसी प्रकार का करार नहीं हो सकता है।

• यह प्रावधान है कि किसान की भूमि पर किसी प्रकार की संरचना का निर्माण नहीं किया जा सकता, और यदि निर्माण किया जाता है तो उसे करार की अवधि समाप्त होने पर फसल खरीददार हटायेगा।
• यदि संरचना हटाई नहीं जाती तो उसकी मिल्कियत किसान की होगी।

प्रस्ताव –

• प्रावधान पूर्व से ही स्पष्ट है फिर भी यह स्पष्ट कर दिया जाएगा कि किसान की भूमि पर बनाई जाने वाली संरचना पर खरीददार (स्पांसर) द्वारा किसी प्रकार का ऋण नहीं लिया जा सकेगा और न ही ऐसी संरचना उसके द्वारा बंधक रखी जा सकेगी।

मुद्दा 6- किसान की भूमि की कुर्की हो सकेगी।
• कृषि करार अधिनियम की धारा 15 के अंतर्गत यह स्पष्ट प्रावधान है कि किसान की भूमि के विरुद्ध किसी प्रकार की वसूली हेतु कुर्की नहीं की जा सकती है।

• इस अधिनियम में किसान के ऊपर कोई पेनाल्टी नहीं लग सकती जबकि खरीददार व्यापारी के विरुद्ध बकाया राशि के 150 प्रतिशत का जुर्माना लग सकता है।
• जहां व्यापारी करार के अंतर्गत फसल को पूरे मूल्य पर खरीदने के लिए बाध्य है वहीं किसान पर कोई बंधन नहीं है।

प्रस्ताव –

• प्रावधान स्पष्ट है, फिर भी किसी भी प्रकार के स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उसे जारी किया जाएगा।

मुद्दा 7- किसान को अपनी उपज समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसी के माध्यम से बेचने का विकल्प समाप्त हो जाएगा और समस्त कृषि उपज का व्यापार निजी हाथों में चला जाएगा।
• नए अधिनियमों में समर्थन मूल्य की व्यवस्था तथा सरकारी खरीदी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

• समर्थन मूल्य के केंद्रों की स्थापना का अधिकार राज्य सरकारों को है तथा वह इन केंद्रों को मंडियों में स्थापित करने के लिए स्वतंत्र हैं।
• केंद्र सरकार द्वारा लगातार समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था मजबूत की गयी है जिसका उदाहरण इस वर्ष की रबी और खरीफ की बम्पर खरीदी है।

प्रस्ताव –

• केंद्र सरकार एमएसपी की खरीदी व्यवस्था के संबंध में लिखित आश्वासन देगी।

मुद्दा 8- बिजली संशोधन विधेयक, 2020 को समाप्त किया जाए।
• बिजली संशोधन विधेयक अभी चर्चा हेतु रखा गया है।

• डीबीटी के संबंध में प्रस्तावित है कि राज्य सरकार अग्रिम तौर पर सब्सिडी का भुगतान सीधे उपभोक्ता के खाते में जमा कराएगी।

प्रस्ताव –
• किसानों से बिजली वितरण कंपनी द्वारा विद्युत बिल भुगतान की वर्तमान व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

मुद्दा 9- एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आफ एनसीआर ऑर्डिनेंस, 2020 को समाप्त किया जाए।
• वर्तमान प्रावधान के अंतर्गत पराली के जलाने पर जुर्माना तथा आपराधिक कार्रवाई हो सकती है।

प्रस्ताव –
• पराली को जलाने से संबंधित प्रावधान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आफ एनसीआर आर्डिनेंस, 2020 के अंतर्गत किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जाएगा।

मुद्दा 10– कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करना।

प्रस्ताव
•कानून के वे प्रावधान जिन पर किसानों को आपत्ति है, उन पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है(साभार NBT)|

Netflix Film ‘ए के वर्सिस ए के’ में अनिल कपूर के सीन पर भारतीय वायु सेना ने जताया कड़ा एतराज़, दृश्य हटाने की मांग

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नई दिल्ली, । नेटफ्लिक्स की फ़िल्म AK VS AK के एक सीन पर विवाद हो गया है। इस दृश्य में अनिल कपूर को भारतीय वायु सेना की वर्दी पहने हुए दिखाया गया है। वायु सेना ने यूनिफॉर्म को सम्मानजनक ढंग से ना दिखाने पर कड़ा एतराज़ जताया है और दृश्य को फ़िल्म से हटाने की मांग की है।

एके वर्सेज़ एके का ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया था। इस फ़िल्म में अनिल कपूर और अनुराग कश्यप लीड रोल्स में हैं। ट्रेलर के कुछ दृश्यों में अनिल कपूर वायु सेना की यूनिफॉर्म पहने हुए हैं। इसका संज्ञान लेते हुए भारतीय वायु सेना ने ट्रेलर को रीट्वीट करके लिखा- इस वीडियो में इंडियन एयरफोर्स की वर्दी ग़लत ढंग से पहने हुए दिखाया गया है और जिस भाषा का उपयोग किया गया है, वो भी सही नहीं है। सशस्त्र सेना बल में इस तरह का व्यवहार नियमों के विपरीत है। इस दृश्य को फ़िल्म से हटाने की ज़रूरत है।

 

बता दें, एके वर्सेज़ एके को विक्रमादित्य मोटवाने ने निर्देशित किया है। 24 दिसम्बर को रिलीज़ हो रही फ़िल्म में अनिल कपूर फ़िल्म कलाकार बने हैं और अनुराग कश्यप निर्देशक ही बने हैं। दोनों के बीच तकरार फ़िल्म की कहानी है। अनिल और अनुराग एक-दूसरे के लिए काफ़ी कुछ कहते हुए नज़र आ रहे हैं। ट्रेलर आने से पहले भी दोनों के बीच सोशल मीडिया के ज़रिए इस तरह का माहौल बनाया गया, जैसे एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं।

वैसे, यह पहली बार नहीं है, जब नेटफ्लिक्स की फ़िल्म को लेकर भारतीय वायु सेना ने आपत्ति जताई हो। इससे पहले अनिल कपूर की भतीजी जाह्नवी कपूर की फ़िल्म गुंजन सक्सेना को लेकर भी काफ़ी विवाद हुआ था। पूर्व आईएएफ अधिकारी गुंजन सक्सेना की बायोपिक में जिस तरह से पुरुष अधिकारियों को दिखाया गया था, उसको लेकर इंडियन एयरफोर्स ने एतराज़ जताया था। मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा था।((साभार-जेएनएन)