Thursday, May 15, 2025
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नवनियुक्त एसएसपी योगेन्द्र सिंह रावत ने संभाला चार्ज, पुलिस अधिकारियों को दिये निर्देश

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देहरादून, जनपद देहरादून के नव नियुक्त एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार देर शाम चार्ज संभाल लिया। चार्ज संभालते ही उन्होंने एसपी सिटी श्वेता चौबे, एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल और एसपी यातायात पीसी आर्य के साथ बैठक की। इसके बाद जिले के थानाध्यक्षों के साथ भी बैठक की।

जिले के नए एसएसपी रावत ने आते ही साइबर अपराध, युवाओं में बढ़ते नशे की लत और ट्रैफिक जाम को चुनौती के रूप में लिया है। उन्होंने कहा कि अपराध का तरीका लगातार बदलता जा रहा है। अब आसानी से साइबर ठगी की जा रही है। वहीं ठगी का ट्रेंड लगातार बदल रहा है। बोले पुलिस को साइबर अपराध के ट्रेंड पर समय पर प्रशिक्षित कर इसके रोका जाएगा। एसएसपी ने कहा कि युवा पीढ़ी तेजी से नशे की तल का शिकार हो रही है। इसे रोकने के लिए तस्करों पर नकेल कसी जाएगी। इसके साथ ही जमीन धोखाधड़ी के मामलों में उन्होंने सख्त कार्यवाही जरूरत के हिसाब से किए जाने की बात कही।

किसानों को MSP पर पीएम मोदी का भरोसा, सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर आंकड़ों के साथ रखी बात

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नई दिल्ली, देश में कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के किसानों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक तरफ किसानों के लिए उनकी सरकार की तरफ से किए गए कामकाज को गिनाते हुए अपनी नीयत को गंगाजल और नर्मदा के जल जितना पवित्र बताया तो विपक्ष पर जमकर पलटवार किया। पीएम ने कहा कि राजनीति करने वालों को दिक्कत इस बात से है कि इनके किए गए वादों को मोदी ने कैसे पूरा कर दिया। वह मोदी को मिलने वाले क्रेडिट से परेशान हैं। पीएम ने किसानों की हर चिंता को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि यदि अब भी कुछ किसानों को शंका रह गई हो तो उनकी सरकार सिर झुकाकर, किसानों के सामने हाथ जोड़कर देश हित में उनसे हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।

पीएम मोदी ने कहा, ”किसानों की उन मांगों को पूरा किया गया है जिन पर वर्षों से सिर्फ मंथन चल रहा था। किसानों के लिए जो कानून बने हैं, ये रातोंरात नहीं आए हैं। पिछले 20-22 साल से देश की हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। सभी संगठनों ने विमर्श किया है। देश के किसान, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आ रहे हैं। किसानों को उनसे सवाल पूछना चाहिए कि जो पहले अपने घोषणा पत्र में ये वादे करते थे, वोट बटोरते रहे, लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया। क्योंकि उनकी प्राथमिकता में किसान नहीं था।”

 

‘मोदी को क्रेडिट मिलने से हैं परेशान’
मोदी ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा, ”आज यदि सभी राजनीतिक दलों के घोषणापत्र देखे जाएं, बयान देखे हैं तो आज जो भी सुधार हुए हैं उनसे अलग नहीं है। वे जिन बातों का वादा करते थे उन्हें ही पूरा किया गया है। उन्हें तकलीफ इस बात से नहीं है कि कृषि सुधार क्यों हो गया, उन्हें तकलीफ है कि मोदी ने यह काम कैसे कर दिया, मोदी को कैसे क्रेडिट मिल गया। मैं हाथ जोड़कर कहता हूं क्रेडिट आप ले लो, लेकिन किसानों को बरगलाना छोड़ दीजिए। मैं सारा क्रेडिट आपके पुराने घोषणा पत्रों को देता हूं, मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए। मैं केवल किसानों की जिंदगी आसान बनाना चाहता हूं। उन्हें समृद्ध बनाना चाहता हूं।”

‘कानून लागू होने के छह-सात महीने बाद फैलाया भ्रम’
पीएम मोदी ने कहा, ”यह कानून लागू हुए छह सात महीने से ज्यादा हो गया है। अब अचानक भ्रम का जाल फैला दिया गया है। आपने देखा होगा सरकार बार बार पूछ रही है आपको कानून में किस धारा में क्या दिक्कत है। तो इन राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता। यही इन दलों की सच्चाई है। किसानों को जमीन चली जाएगी का डर दिखाकर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। जब इन लोगों को सरकार चलाने का मौका मिला तो इन लोगों ने क्या किया, यह याद रखना चाहिए।”

‘कानून के बाद भी पहले की की तरह एमएसपी पर खरीदारी’
पीएम मोदी ने एमएसपी पर भरोसा देते हुए कहा, ”हमें एमएसपी हटानी ही होती तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू क्यों करते? हमारी सरकार हर बार बुआई से पहले एमएसपी की घोषणा करती है। इससे किसानों को पहले ही पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी एमएसपी मिलेगी। छह महीने पहले यह कानून लागू हो चुका। कानून बनने के बाद भी वैसे ही एमएसपी की घोषणा की गई, जैसे पहले की जाती थी। उन्हीं मंडियों में पहले की तरह खरीदादारी हुई। कानून बनने के बाद भी यदि उसी तरह उन्हीं मंडियों में खरीदारी हुई तो कोई समझदार यकीन कर सकता है कि एमएसपी बंद हो जाएगी? मैं देश के हर किसान को भरोसा दिलाता हूं कि एमएसपी बंद नहीं होगी।”

एमएसपी पर दिए आंकड़े
पीएम मोदी ने यूपीए-2 के दौरान मिलने वाली एमएसपी और उनकी सरकार में दी जा रही एमएसपी और खरीद की आंकड़ों के साथ तुलना की। पीएम मोदी ने कहा, ”पिछली सरकार के समय गेहूं पर एमएसपी 1400 रुपए प्रति क्विंटल थी, हमारी सरकार 1900 रुपए दे रही है। पिछली सरकार धान पर 1310 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी दे रही थी हमारी सरकार 1870 रुपए दे रही है। पिछली सरकार के समय मसूर पर 1950 रुपए एमएसपी थी अब प्रति क्विंटल 51 सौ रुपए है। चने पर 31 सौ रुपए एमएसपी थी अब 51 सौ रुपए है। तूर दाल पर 41 रुपए एमएसपी थी हमारी सरकार छह हजार रुपए दे रही है। ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार एमएसपी बढ़ाने को कितनी गंभीरता देती है। एमएसपी बढ़ाने के साथ सरकार का जोर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा खरीदारी एमएसपी पर की जाए। पिछली सरकारों ने 1700 मीट्रिक टन धान खरीदा था, हमारी सरकार ने 3 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा। पिछले सरकार ने पौने चार लाख टन तिलहन खरीदा था हमारी सरकार ने 56 लाख टन खरीदा है।”

‘डर फैलाने वाले जमात से सावधान रहें किसान’
पीएम मोदी ने कहा, ”जो हुआ ही नहीं है, जो होने वाला ही नहीं है उसका डर दिखाया जा रहा है। किसान भाइयों से आग्रह है कि डर फैलाने वाली जमात से सवाधान रहिए। इन लोगों ने हमेशा किसानों को धोखा दिया है। उनका इस्तेमाल किया है। और आज भी यही कर रहे हैं। सरकार के इन प्रयासों के बाद भी यदि कुछ किसानों को आशंका है तो सिर झुकाकर, किसानों के सामने हाथ जोड़कर देश के हित में उनकी चिंता की निराकरण के लिए हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।”

कर्जमाफी पर घेरा
पीएम मोदी ने कहा, ”हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को निकाला और किसानों को लागत पर डेढ़ गुना एमएसपी दिया। जब दो साल पहले एमपी में चुनाव होने वाले थे तो कर्जमाफी का वादा किया गया था। वादा किया गया था कि 10 दिन के भीतर सभी किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। सरकार बनने के बाद कितने किसानों का कर्ज माफ किया गया, कैसे-कैसे बहाने बनाए गए यह मुझसे बेहतर एमसी के किसान जानते हैं। इनकी कर्जमाफी का फायदा मिलता था इनके करीबियों और रिश्तेदारों को। यही उनका चरित्र रहा है। किसानों की राजनीति का दम भरने वालों ने कभी इसके लिए प्रदर्शन नहीं किया।”

‘गंगाजल जैसी पवित्रता’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ”देश हमारी नीयत में गंगाजल और मां नर्मदा जैसी पवित्रता देख रहा है। इन लोगों ने 10 साल में एक बार 50 हजार का कर्ज माफ किया। हमारी सरकार पीएम किसान योजना के तहत हर साल लगभग 75 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। यानी 10 सालों में करीब साढ़े सात लाख रुपया। वह भी डायरेक्ट खाते में, कोई बिचौलिया या कट नहीं।”

विपक्ष को आंकड़ों के साथ दिया जवाब

नई दिल्ली, देश में कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के किसानों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक तरफ किसानों के लिए उनकी सरकार की तरफ से किए गए कामकाज को गिनाते हुए अपनी नीयत को गंगाजल और नर्मदा के जल जितना पवित्र बताया तो विपक्ष पर जमकर पलटवार किया। पीएम ने कहा कि राजनीति करने वालों को दिक्कत इस बात से है कि इनके किए गए वादों को मोदी ने कैसे पूरा कर दिया। वह मोदी को मिलने वाले क्रेडिट से परेशान हैं। पीएम ने किसानों की हर चिंता को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि यदि अब भी कुछ किसानों को शंका रह गई हो तो उनकी सरकार सिर झुकाकर, किसानों के सामने हाथ जोड़कर देश हित में उनसे हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।

पीएम मोदी ने कहा, ”किसानों की उन मांगों को पूरा किया गया है जिन पर वर्षों से सिर्फ मंथन चल रहा था। किसानों के लिए जो कानून बने हैं, ये रातोंरात नहीं आए हैं। पिछले 20-22 साल से देश की हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। सभी संगठनों ने विमर्श किया है। देश के किसान, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आ रहे हैं। किसानों को उनसे सवाल पूछना चाहिए कि जो पहले अपने घोषणा पत्र में ये वादे करते थे, वोट बटोरते रहे, लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया। क्योंकि उनकी प्राथमिकता में किसान नहीं था।”

 

‘मोदी को क्रेडिट मिलने से हैं परेशान’
मोदी ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा, ”आज यदि सभी राजनीतिक दलों के घोषणापत्र देखे जाएं, बयान देखे हैं तो आज जो भी सुधार हुए हैं उनसे अलग नहीं है। वे जिन बातों का वादा करते थे उन्हें ही पूरा किया गया है। उन्हें तकलीफ इस बात से नहीं है कि कृषि सुधार क्यों हो गया, उन्हें तकलीफ है कि मोदी ने यह काम कैसे कर दिया, मोदी को कैसे क्रेडिट मिल गया। मैं हाथ जोड़कर कहता हूं क्रेडिट आप ले लो, लेकिन किसानों को बरगलाना छोड़ दीजिए। मैं सारा क्रेडिट आपके पुराने घोषणा पत्रों को देता हूं, मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए। मैं केवल किसानों की जिंदगी आसान बनाना चाहता हूं। उन्हें समृद्ध बनाना चाहता हूं।”

‘कानून लागू होने के छह-सात महीने बाद फैलाया भ्रम’
पीएम मोदी ने कहा, ”यह कानून लागू हुए छह सात महीने से ज्यादा हो गया है। अब अचानक भ्रम का जाल फैला दिया गया है। आपने देखा होगा सरकार बार बार पूछ रही है आपको कानून में किस धारा में क्या दिक्कत है। तो इन राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता। यही इन दलों की सच्चाई है। किसानों को जमीन चली जाएगी का डर दिखाकर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। जब इन लोगों को सरकार चलाने का मौका मिला तो इन लोगों ने क्या किया, यह याद रखना चाहिए।”

‘कानून के बाद भी पहले की की तरह एमएसपी पर खरीदारी’
पीएम मोदी ने एमएसपी पर भरोसा देते हुए कहा, ”हमें एमएसपी हटानी ही होती तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू क्यों करते? हमारी सरकार हर बार बुआई से पहले एमएसपी की घोषणा करती है। इससे किसानों को पहले ही पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी एमएसपी मिलेगी। छह महीने पहले यह कानून लागू हो चुका। कानून बनने के बाद भी वैसे ही एमएसपी की घोषणा की गई, जैसे पहले की जाती थी। उन्हीं मंडियों में पहले की तरह खरीदादारी हुई। कानून बनने के बाद भी यदि उसी तरह उन्हीं मंडियों में खरीदारी हुई तो कोई समझदार यकीन कर सकता है कि एमएसपी बंद हो जाएगी? मैं देश के हर किसान को भरोसा दिलाता हूं कि एमएसपी बंद नहीं होगी।”

एमएसपी पर दिए आंकड़े
पीएम मोदी ने यूपीए-2 के दौरान मिलने वाली एमएसपी और उनकी सरकार में दी जा रही एमएसपी और खरीद की आंकड़ों के साथ तुलना की। पीएम मोदी ने कहा, ”पिछली सरकार के समय गेहूं पर एमएसपी 1400 रुपए प्रति क्विंटल थी, हमारी सरकार 1900 रुपए दे रही है। पिछली सरकार धान पर 1310 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी दे रही थी हमारी सरकार 1870 रुपए दे रही है। पिछली सरकार के समय मसूर पर 1950 रुपए एमएसपी थी अब प्रति क्विंटल 51 सौ रुपए है। चने पर 31 सौ रुपए एमएसपी थी अब 51 सौ रुपए है। तूर दाल पर 41 रुपए एमएसपी थी हमारी सरकार छह हजार रुपए दे रही है। ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार एमएसपी बढ़ाने को कितनी गंभीरता देती है। एमएसपी बढ़ाने के साथ सरकार का जोर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा खरीदारी एमएसपी पर की जाए। पिछली सरकारों ने 1700 मीट्रिक टन धान खरीदा था, हमारी सरकार ने 3 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा। पिछले सरकार ने पौने चार लाख टन तिलहन खरीदा था हमारी सरकार ने 56 लाख टन खरीदा है।”

‘डर फैलाने वाले जमात से सावधान रहें किसान’
पीएम मोदी ने कहा, ”जो हुआ ही नहीं है, जो होने वाला ही नहीं है उसका डर दिखाया जा रहा है। किसान भाइयों से आग्रह है कि डर फैलाने वाली जमात से सवाधान रहिए। इन लोगों ने हमेशा किसानों को धोखा दिया है। उनका इस्तेमाल किया है। और आज भी यही कर रहे हैं। सरकार के इन प्रयासों के बाद भी यदि कुछ किसानों को आशंका है तो सिर झुकाकर, किसानों के सामने हाथ जोड़कर देश के हित में उनकी चिंता की निराकरण के लिए हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।”

कर्जमाफी पर घेरा
पीएम मोदी ने कहा, ”हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को निकाला और किसानों को लागत पर डेढ़ गुना एमएसपी दिया। जब दो साल पहले एमपी में चुनाव होने वाले थे तो कर्जमाफी का वादा किया गया था। वादा किया गया था कि 10 दिन के भीतर सभी किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। सरकार बनने के बाद कितने किसानों का कर्ज माफ किया गया, कैसे-कैसे बहाने बनाए गए यह मुझसे बेहतर एमसी के किसान जानते हैं। इनकी कर्जमाफी का फायदा मिलता था इनके करीबियों और रिश्तेदारों को। यही उनका चरित्र रहा है। किसानों की राजनीति का दम भरने वालों ने कभी इसके लिए प्रदर्शन नहीं किया।”

‘गंगाजल जैसी पवित्रता’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ”देश हमारी नीयत में गंगाजल और मां नर्मदा जैसी पवित्रता देख रहा है। इन लोगों ने 10 साल में एक बार 50 हजार का कर्ज माफ किया। हमारी सरकार पीएम किसान योजना के तहत हर साल लगभग 75 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। यानी 10 सालों में करीब साढ़े सात लाख रुपया। वह भी डायरेक्ट खाते में, कोई बिचौलिया या कट नहीं।”

 

 

राज्य के सभी जिलाधिकारियों को कोविड वेक्सिनेशन की सभी तैयारी समय पर पूरी करने के सीएम ने दिये निर्देश

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देहरादून, मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों से कोविड वेक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये प्राथमिकतायें निर्धारित करते हुए वेक्सिनेशन सेन्टरों के चिन्हीकरण एवं आवश्यक उपकरणों के साथ ही मैन पॉवर की उपलब्धता का पूरा प्लान समय पर सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने स्कूलों के बजाय अस्पतालों एवं उसके आस पास क्षेत्रों में वेक्सिनेशन सेन्टर स्थापित करने को कहा है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में मण्डलायुक्तों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोविड 19 के बचाव से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिये है कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी लैब में प्रतिदिन हो रहे टेस्टो एंव उनकी क्षमता आदि का पूरा विवरण उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड डेथ रेट को कम करने के लिए विशेष प्रयास किये जाए। कोविड के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, किसी अन्य रोग से ग्रसित होने, देरी से अस्पताल में पहुंचने या अन्य किस कारण से हो रही है, इसका पूरा विश्लेषण किया जाए। किसी भी कोविड के मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाना है, तो इसमें बिल्कुल भी विलम्ब न किया जाए। रिकवरी रेट बढ़ाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में टेस्टिंग और तेजी से बढ़ाई जाए। आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए। यदि व्यक्ति सिम्पटोमैटिक है, तो उनका शत प्रतिशत आरटीपीसीआर हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि सैंपल लेने के बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्दर व पर्वतीय क्षेत्रों में 48 घण्टे के अन्दर लोगों को कोविड की रिपोर्ट मिल जाए। कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोविड कन्ट्रोल रूम एवं ट्रोल फ्री नम्बर पर कॉल करें। जो लोग होम आईसोलेशन में हैं, उनके नियमित स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विजिट किया जाए। कोविड के लक्षण पाये जाने पर भी यदि कोई टेस्ट कराने के लिए मना कर रहें है, तो ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाए। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती है, तब तक पूरी सर्तकता बरती जाए।

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाए। इसके लिए अस्पतालों की नियमित रूप से मोनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी हेल्थ वर्करों को भी मोटिवेट करने पर ध्यान देने के साथ ही प्रदेश में टेस्टिंग के लिये पूरी क्षमता का उपयोग किये जाने पर ध्यान देने को कहा।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने अपने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में कोविड के प्रभाव, उसके रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में टेस्टिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही वेक्सिनेशन प्लान आवश्यक तकनीकि कार्मिकों वैक्सीन सेन्टरों की स्थापना आदि का पूरा प्लान तैयार करने को कहा ताकि जनवरी के प्रथम सप्ताह में यदि वैक्सीन उपलब्ध हो जाती है तो निर्धारित मानकों के अनुरूप तद्नुसार त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, प्रभारी सचिव श्री एस.ए. मुरूगेशन, श्री युगल किशोर पंत, डी.आई.जी. श्रीमती रिद्विम अग्रवाल सहित वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आयुक्त कुमाऊं श्री अरविन्द ह्यांकी, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन एवं सभी जिलाधिकारी जुड़े थे।

हरिद्वार : मनीष सिसोदिया ने की मां गंगा की पूजा, आरती में भी हुये शामिल

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हरिद्वार, उत्तराखंड़ में अपनी जमीन तलाशने आये आप के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आज हरिद्वार पहुंचे। सिसोदिया हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा की पूजा अर्चना के साथ ही गंगा आरती में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मां गंगा की कृपा आप पार्टी उत्तराखंड में तीसरा विकल्प जरूर बनेगी।

पार्टी सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री के स्वागत कार्यक्रम को लेकर बहादराबाद मार्ग स्थित आरकेपुरम कॉलोनी में आप कार्यकर्ताओं ने बैठक की। बैठक में सह प्रभारी उत्तराखंड राजीव चौधरी, जोनल सह-प्रभारी सुनील लोहिया, श्रीचंद्र वोहरा, गौतम, नवीन कौशिक,मनोज द्विवेदी, नवीन सेतिया, प्रवीण सिंह, हरवेंद्र त्यागी, अनिल कुमार, आशीष गिरि आदि उपस्थित रहे |

कोटद्वार : अतिक्रमण हटाने दौरान तीन मंजिले भवन में पानी की टंकी से मिला नर कंकाल, 10 साल से खाली पड़ा था भवन

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कोटद्वार, उत्तराखंड के कोटद्वार अतिक्रमण हटाने के कार्य में लगा प्रशासन को झंडाचौक के पास एक पुराने भवन के ध्वस्तीकरण के दौरान नर कंकाल मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने नर कंकाल को कब्जे में ले लिया, नर कंकाल का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है। कोतवाल नरेंद्र बिष्ट ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए झंडाचौक के पास एक तीन मंजिला पुराने भवन का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। भवन स्वामी की ओर से लगाए गए मजदूर जब पानी की टंकी तोड़ रहे थे, तो मलबे के साथ पहले कंकाल की खोपड़ी बाहर निकली।

मलबा हटाने पर नर कंकाल के कई हिस्से बरामद हुए। उन्होंने बताया कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि कंकाल महिला का है या पुरुष का। भवन दस साल से खाली पड़ा था। जर्जर हालत होने के कारण वहां कोई जा भी नहीं रहा था। मामले की जांच की जा रही है।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर कोटद्वार में बदरीनाथ मार्ग के फुटपाथ और नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने का काम लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। नगर आयुक्त और एसडीएम की अगुवाई में बनाई गई टीमों ने झंडाचौक के पास दो भवनों के आगे का अतिक्रमण जेसीबी से हटवाया।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बहुमंजिला भवनों के लिए अतिक्रमण हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। एक सप्ताह में अतिक्रमण नहीं हटा तो बलपूर्वक हटवाया जाएगा।
शुक्रवार को नगर आयुक्त पीएल शाह और एसडीएम योगेश मेहरा ने लालबत्ती चौक से लेकर मालवीय उद्यान और बेस अस्पताल तक सड़क पर हटाए जा रहे अतिक्रमण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने झंडाचौक पर दो भवनों के आगे अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी चलवा दी।

गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर द्वारा पांच वरिष्ठ नागरिकों को किया गया सम्मानित

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द्वाराहाट (अल्मोड़ा), गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की ओर से आयोजित पेंशनर्स दिवस समारोह में वरिष्ठ सदस्यों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान यह भी निश्चय किया गया कि शीघ्र ही संगठन अध्यक्ष केपीएस अधिकारी की अध्यक्षता डीएम से वार्ता कर स्वास्थ्य गोल्डन कार्ड शिविर द्वाराहाट में लगाने की मांग की जाएगी।

मुख्य अतिथि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से पेंशनरों की समस्याओं का समाधान होता है। इस दौरान नैथना के लीलाधर पाठक, उभ्याडी के केशर सिंह, मांसों के नंदन प्रसाद, कुई की देवकी देवी मैनाली और बूंगा की देवकी चौधरी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। सम्मेलन में बचे सिंह बिष्ट, प्रताप सिंह बिष्ट, मोहन सिंह बिष्ट, प्रताप सिंह मेहरा, खीमानंद कांडपाल, डुंगर सिंह, नारायण सिंह, किशन राम, शेखर चंद्र कांडपाल, किशन सिंह भंडारी, पद्मादत्त, माधवी देवी, कमला देवी, हर सिंह, केसर सिंह, दयाकृष्ण तिवारी, चंद्रशेखर मठपाल सहित तमाम सदस्यों ने भाग लिया। सम्मेलन का संचालन लक्ष्मी चंद्र त्रिपाठी ने किया।

पूर्व सैनिक संगठन ने 22वां पेंशन दिवस मनाया
पूर्व सैनिक संगठन द्वाराहाट की ओर से एसबीआई के सहयोग से 22वां पेंशनर्स दिवस मनाया गया। एसबीआई शाखा प्रबंधक दीप चंद्र भारती ,पीएनबी शाखा प्रबंधक सुंदर लाल सुमन, आरती सिंह की मौजूदगी में पूर्व सैनिक संगठन कार्यालय में आयोजित शिविर में आठ वरिष्ठ पेंशनरों को सम्मानित किया गया। जिसमें लक्ष्मण सिंह, प्रेम राम, बचे सिंह, आनंद राम, नंदन सिंह, नंदी देवी, बाला देवी व मोहिनी देवी शामिल थीं। सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। यहां मोहन चंद्र जोशी, हिम्मत सिंह, राजेंद्र पांडेय, चंद्र दत्त मठपाल, राजेंद्र सिंह, किशोरी लाल, आन सिंह, किशन सिंह, नर सिंह, शेर सिंह आदि थे। कार्यक्रम अध्यक्षता पूर्व सैनिक संगठन अध्यक्ष नंदाबल्लभ मठपाल ने और संचालन पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष विनोद जोशी ने किया।

यूकोस्ट निरन्तर शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है: डोभाल

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हरिद्वार, 18 दिसम्बर (कुल भूषण) अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा निर्देशित, फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन समारोह (समविश्वविद्यालय) के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में प्रोफेसर राजेंद्र डोभाल डायरेक्टर जनरल, यूकोस्ट, देहरादून शामिल हुए। गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दी। संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर पंकज मदान, आयोजक, डॉक्टर मयंक अग्रवाल और सह आयोजक डॉक्टर सुयश भारद्वाज को प्रोत्साहित करते हुए इस कार्यशाला के सफल आयोजन पर बधाई दी तथा सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और उनसे नित्य नहीं विधा सीखने का आश्वासन भी लिया।

संकाय अध्यक्ष, प्रोफेसर पंकज मदान ने सभी प्रतिभागियों को अपने उद्बोधन से प्रोत्साहित करते हुए कहा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय कई वर्षों से नयी तकनीकी पर कार्यशाला आयोजित करता रहा है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय को 5 फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित कराने का अवसर प्राप्त हुआ जिसमें संकाय की ओर से उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजन करके विभिन्न प्रतिभागियों को लाभ पहुंचा है।

गगनदीप सिंह डायरेक्टर, सेल्स कोर्स ने अपने वक्तव्य में कहा की इस तरह की कार्यशाला में जो सीखने को मिलता है वूमेन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (ड्ब्ल्युआईटी), देहरादून से शामिल हुए निदेशक, प्रोफेसर आर पी एस गंगवार, आयोजन सचिव डॉक्टर मयंक अग्रवाल, आयोजन सह सचिव डॉ. सुयश भारद्वाज एवं सम्पूर्ण आयोजन समिति को हार्दिक बधाई देते हुए इस कार्यक्रम के सफल आयोजन पर शुभकामनाएं दी और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करने के लिए प्रेरित किया।

प्रोफेसर अलकनंदा अशोक, डीन, कालेज आफ टेक्नोलाजी, गोविन्द बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी, पंत नगर ने प्रतिभागियों, विषय विशेषज्ञों एवं आयोजन समिति को इस आयोजन के सफल सम्पन्न कराने के लिये बधाई दी, तथा भविष्य में ऐप्लीकेशन बनाने पर जोर दिया जिससे उत्तराखण्ड सरकार भी इससे लाभांवित हो सके।

उत्तराखंड काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) के डायरेक्टर, प्रोफेसर राजेंद्र डोभाल ने सभी प्रतिभागियों को बताया कि यूकोस्ट निरंतर शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। यूकोस्ट और गुरुकुल कांगड़ी का बहुत पुराना संबंध रहा है, गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) अपने आप में एक अग्रणी संस्थान है। विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक निरंतर कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। आशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में जो सीखा उसे वे आगे प्रयोग में लेकर आएंगे और उन्नति के पथ पर आगे बढ़ेंगे।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ मयंक अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम में शामिल हुए सभी मुख्य वक्ताओं के बारे में परिचित कराया  कार्यक्रम मे देश के लगभग 20 राज्यों से 400 से ज्यादा प्रतिभागियों की सहमति प्राप्त हुई, जिसमें से 140 प्रतिभागी चुने गए।  कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर सुयश भारद्वाज ने कुलपति, प्रोफेसर राजेंद्र डोभाल, प्रोफ़ेसर अलकनंदा अशोक, प्रोफेसर आरपीएस गंगवार एवं गगनदीप सिंह का धन्यवाद करते हुए सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की समाप्ति शांति पाठ से हुई। कार्यक्रम में डॉ. निशांत कुमार, नामित खंडूजा, देव आनंद जोशी, अश्वनी, दीपक पैन्यूली, सुमित बंसल, अमन त्यागी एवं चन्दर सिंह राणा ने विशेष योगदान दिया।

अनुशासन व शैक्षिक वातावरण के चलते उन्नति के पथ पर अग्रसर है कालेज: गुलाटी

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हरिद्वार, 18 दिसम्बर (कुल भूषण) एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में संजय गुलाटी, कार्यपालक निदेशक, भेल, हरिद्वार द्वारा महाविद्यालय परिसर में भेल के सौजन्य से निर्मित छात्राओं हेतु प्रसाधन कक्ष का लोकार्पण किया गया।

उन्होंने कहा कि अपनी विभिन्न शैक्षणिक तथा शिक्षणेत्तर गतिविधियों के कारण यह महाविद्यालय जनपद की अग्रणी शिक्षण संस्थानों के रुप में निरन्तर विकास के मार्ग पर अग्रसर है। जिसे यहाँ की धर्मिक संस्था श्रवणनाथ मठ के संतों और मनीषियों ने निरंजनी अखाड़ा श्री पंचायती के सक्रिय सहयोग से सन् 1961 ई. में स्थापित किया था। उन्होंने भविष्य में भी सामाजिक दायित्व निभाने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी ने संजय गुलाटी, कार्यपालक निदेशक, भेल के सामाजिक दायित्व की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।

काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक बड़ी ही खुशी की बात है कि 1961 हमारा काॅलेज प्रारम्म हुआ वहीं 1961 में जन्मे संजय गुलाटी भेल हरिद्वार के 22वें प्रमुख बने। वर्ष 2013 में श्री संजय गुलाटी जी को महाप्रबन्धक टरबाईन का दायित्व सौंपा गया, । हरिद्वार में संजय गुलाटी के नेतृत्व में सुपर क्रिटिकल तकनीकि पर आधरित 660, 700, 800 मेगावाॅट रेटिंग की टरबाईनों का भारत में पहली बार सफलतापूर्वक निर्माण किया गया।

मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने सभी अतिथियांे को धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम में सत्र 2019-20 में बी.ए. की छात्रा कु. आरती गोस्वामी पुत्री सुरेन्द्र गोस्वामी को विश्वविद्यालय में श्रेष्ठ अंक (95.6 प्रतिशत) प्राप्त करने पर पुरस्कृत भी किया गया।  इस अवसर पर मुख्य रूप से भेल, हरिद्वार के आर.आर. शर्मा, महाप्रबन्धक, एच.आर., जीत बहादुर, डी.जी.एम., सी.एस.आर., राकेश माणिक ताला, ए.जी.एम., सी.एम.पी.आर., अजीत अग्रवाल, वरिष्ठ प्रबन्धक, पी.के. मौराना, डी.जी.एम. फाईनैंस, सुभाष चन्द, सीनियर मैनेजर, सिविल डिपार्टमेंट, सहित काॅलेज के डाॅ. मन मोहन गुप्ता, मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. जेसी.आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, डाॅ. सुषमा नयाल, विनय थपलियाल, श्रीमति रिकंल गोयल, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, वेद प्रकाश चैहान, मोहन चन्द्र पाण्डेय, अंकित अग्रवाल, दिव्यांश शर्मा, पंकज यादव, होशियार सिंह चैहान, श्रीमती हेमवंती, संजीत कुमार आदि शिक्षकगण व कर्मचारी उपस्थित थे।

कोरोना ब्रैकिंग : उत्तराखंड़ में आज 580 नए कोरोना पॉजिटिव मिले, संक्रमितों का आंकड़ा 85269 पहुंचा

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देहरादून, उत्तराखंड़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 580 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। राज्य में बीते 24 घण्टे में कोविड से 15 की हुई मौत, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 85269 पहुँचा, प्रदेश में अभी तक 76770 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हो चुके हैं। इस समय प्रदेश में मौजूदा कोरोना संक्रमितों के 6067 एक्टिव केस। राज्य में कोरोना संक्रमितों का रेट पहुचा 90.03 प्रतिशत, राज्य में अभी तक 1399 कोरोना पॉजिटिव मरीजो की हो चुकी है मृत्यु। राज्य में अभी तक 1501141 सैम्पल की रिपोर्ट आ चुकी है निगेटिव।

17979 मरीजों की सैम्पल रिपोर्ट आना अभी बाकी, जबकि आज 18579 सैम्पल की रिपोर्ट आई है निगेटिव, आज टेस्टिंग के लिए 15646 सैम्पल लैब में भेजे गए |

राज्य हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव के जिलेवार आंकड़ों पर एक नजर

देहरादून – 156
नैनीताल – 127
पिथौरागढ़ – 73
हरिद्वार – 52
यूएसनगर – 32
चंपावत – 22
चमोली – 20
उत्तराकाशी – 20
पौडी – 20
बागेश्वर – 19
अल्मोड़ा – 17
टिहरी – 13
रुद्रप्रयाग – 09

बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने मसूरी की वादियों का आनंद लिया, प्रशंसकों से मिले

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मसूरी। वााँलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने मसूरी पहुंचने के दूसरे दिन जहां होटल मे आज गुनगुनी धूप का आनंद लिया। वहीं कड़ाके की सर्दी के बीच कैंपटी रोङ पर भ्रमण करने निकले व मसूरी के आस पास के प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लिया। इस दौरान उन्होने कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोरेंट में कुछ देर के लिए रेस्टोरेंट संचालक इंद्र दत्त सेमवाल के पास रुक गये और उनसे मसूरी के बारें में विस्तार से बात करने लग गये। उनके बात करने पर आत्मीयता झलक रही थी। कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोंरेंट संचालक इंद्रदत्त सेमवाल उस समय बङे खुश हो गये जब अनुपम खेर को सामने देखा और अनुपम खेर से बात करने के बाद तो इंद्रदत्त सेमवाल का खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। सेमवाल से अनुपम खेर ने पूछा कितने सालों से रेस्टोरेंट चला रहे है व रेस्टोरेंट में अच्छी बिक्री हो जाती है।

अनुपम खेर ने बङी आत्मीयता से सेमवाल रेस्टोरेंट संचालक इंद्रद्त्त सेमवाल से कहा कि उनसे मिलकर बङी खुशी हुई है। देवभूमि के लोग बेहद अच्छे है यहां सब अच्छा ही होता है। वहीं जब अनुपम खेर की सामने पङे बोर्ड पर नजर पङी जिसमें लिखा था कि कुछ हो जाये तो उन्होने इंद्रदत्त सेमवाल से पूछ लिया कि इसका क्या मतलब है तो इंद्रदत्त सेमवाल ने कहा कि इसमें कुछ हो जाये खटठा मीठा बस जीवन में कुछ भी हो सकता है।

इस पर अनुपम खेर ने कहा कि आदमी कुछ भी कर सकता है। अनुपम खेर करीब दस मिनट तक रेस्टोरेंट संचालक से बात करते रहे और उनसे मसूरी के बारे में जानकारी लेते रहंे। इस बीच अनुपम खेर की नजर रेस्टोरेंट के उपर लगे बोर्ड पर नजर पङी जिसमें आँमलेट की स्पेलिंग गलत लिखी थी जिस पर उन्होने बोर्ड में लिखी स्पेलिग को ठीक करने को कहा। इंद्रदत्त सेमवाल से अनुपम खेर ने कहा कि पहाङो की रानी का मौसम बेहद खुशनुमा है साथ ही यहा के लोग भी अच्छे हैं। ये सारी जानकारी अनुपम खेर ने ट्वीट कर अपने फैंस के बीच साझा की और लिखा की मसूरी के कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोरेंट पिछले तीस सालों से चल रहा है।

छोटी जगह है लेकिन बहुत अच्छी है। उनकी सादगी प्रेरणादायक है। साथ ही अनुपम खेर लिखते है कि वास्तव में मेरी पुस्तक युवर बेस्ट डेय टुडे के दर्शन में विश्वास करता है। साथ ही लोगों से कहा कि जाओ उससे मिलने आओ। साथ ही देहरादून से जब अनुपम खेर मसूरी आ रहे थे तो उन्होने किसी पर्यावरण मित्र को स्कूटी पर झाङू बांधकर चलाते देखा तो ये जानकारी भी उन्होने शेयर करते हुए कहा कि स्कूटर पर बैठे इन भाई साहब ने देसी हैरी पाँटर की याद दिला दी है। साथ ही लिखा कि जुगाङ के मामले में हम हिन्दुस्तानियों का कोई सानी नहीं है। भाई साहब की सोच की जय हो। अनुपम खेर के इस अंदाज व उनके सोचने समझने से उनके अनुभव की झलक मिलती है। इसी लिए वह महान कलाकार हैं।