Saturday, April 27, 2024
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बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने मसूरी की वादियों का आनंद लिया, प्रशंसकों से मिले

मसूरी। वााँलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने मसूरी पहुंचने के दूसरे दिन जहां होटल मे आज गुनगुनी धूप का आनंद लिया। वहीं कड़ाके की सर्दी के बीच कैंपटी रोङ पर भ्रमण करने निकले व मसूरी के आस पास के प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लिया। इस दौरान उन्होने कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोरेंट में कुछ देर के लिए रेस्टोरेंट संचालक इंद्र दत्त सेमवाल के पास रुक गये और उनसे मसूरी के बारें में विस्तार से बात करने लग गये। उनके बात करने पर आत्मीयता झलक रही थी। कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोंरेंट संचालक इंद्रदत्त सेमवाल उस समय बङे खुश हो गये जब अनुपम खेर को सामने देखा और अनुपम खेर से बात करने के बाद तो इंद्रदत्त सेमवाल का खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। सेमवाल से अनुपम खेर ने पूछा कितने सालों से रेस्टोरेंट चला रहे है व रेस्टोरेंट में अच्छी बिक्री हो जाती है।

अनुपम खेर ने बङी आत्मीयता से सेमवाल रेस्टोरेंट संचालक इंद्रद्त्त सेमवाल से कहा कि उनसे मिलकर बङी खुशी हुई है। देवभूमि के लोग बेहद अच्छे है यहां सब अच्छा ही होता है। वहीं जब अनुपम खेर की सामने पङे बोर्ड पर नजर पङी जिसमें लिखा था कि कुछ हो जाये तो उन्होने इंद्रदत्त सेमवाल से पूछ लिया कि इसका क्या मतलब है तो इंद्रदत्त सेमवाल ने कहा कि इसमें कुछ हो जाये खटठा मीठा बस जीवन में कुछ भी हो सकता है।

इस पर अनुपम खेर ने कहा कि आदमी कुछ भी कर सकता है। अनुपम खेर करीब दस मिनट तक रेस्टोरेंट संचालक से बात करते रहे और उनसे मसूरी के बारे में जानकारी लेते रहंे। इस बीच अनुपम खेर की नजर रेस्टोरेंट के उपर लगे बोर्ड पर नजर पङी जिसमें आँमलेट की स्पेलिंग गलत लिखी थी जिस पर उन्होने बोर्ड में लिखी स्पेलिग को ठीक करने को कहा। इंद्रदत्त सेमवाल से अनुपम खेर ने कहा कि पहाङो की रानी का मौसम बेहद खुशनुमा है साथ ही यहा के लोग भी अच्छे हैं। ये सारी जानकारी अनुपम खेर ने ट्वीट कर अपने फैंस के बीच साझा की और लिखा की मसूरी के कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोरेंट पिछले तीस सालों से चल रहा है।

छोटी जगह है लेकिन बहुत अच्छी है। उनकी सादगी प्रेरणादायक है। साथ ही अनुपम खेर लिखते है कि वास्तव में मेरी पुस्तक युवर बेस्ट डेय टुडे के दर्शन में विश्वास करता है। साथ ही लोगों से कहा कि जाओ उससे मिलने आओ। साथ ही देहरादून से जब अनुपम खेर मसूरी आ रहे थे तो उन्होने किसी पर्यावरण मित्र को स्कूटी पर झाङू बांधकर चलाते देखा तो ये जानकारी भी उन्होने शेयर करते हुए कहा कि स्कूटर पर बैठे इन भाई साहब ने देसी हैरी पाँटर की याद दिला दी है। साथ ही लिखा कि जुगाङ के मामले में हम हिन्दुस्तानियों का कोई सानी नहीं है। भाई साहब की सोच की जय हो। अनुपम खेर के इस अंदाज व उनके सोचने समझने से उनके अनुभव की झलक मिलती है। इसी लिए वह महान कलाकार हैं।

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