Saturday, May 10, 2025
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कोरोना ब्रैकिंग : आज 436 कोरोना संक्रमण के नए मामले, 11 लोगों की हुई मौत, दून में मिले 143 कोरोना संक्रमित

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देहरादून, उत्तराखंड़ में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है, राज्य में आज भी 436 नए मामले मिलने के साथ आज आंकड़ा गुरुवार को बढ़कर के 88376 हो गया है जबकि संक्रमण से आज 11 लोगों की मौत हुई है वही आज 579 लोग विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं साथ ही 5331 केस आज भी विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं

उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार आज अल्मोड़ा में 38 तथा बागेश्वर में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है इसके अलावा चमोली में दो चंपावत में 12 तथा आज भी सबसे अधिक देहरादून में 143 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है

वही हरिद्वार में 61 तथा नैनीताल में 103 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है इसके अलावा पौड़ी गढ़वाल में 17 पिथौरागढ़ में 31 रुद्रप्रयाग में दो टिहरी गढ़वाल में 7 उधम सिंह नगर में 12 तथा उत्तरकाशी में आज 8 लोगों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है इस तरह आज 436 नए केस मिलने के साथ राज्य में आंकड़ा बढ़कर के 88376 हो गया है जबकि इस संक्रमण से अब तक 1458 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है ।

जरूरतमंदों के लिए वरदान बनी अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना

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दो साल पहले की ही तो बात है, जब उपचार बेहद महंगा होने के कारण गरीब तबके के मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। अब वो समय है कि बीमार होते ही गरीब पूरे अधिकार के साथ सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अपना उपचार करवाता है, वो भी मुफ्त में। ऐसा संभव हो पाया है जनता को स्वास्थ्य सुरक्षा गारंटी देने वाली राज्य सरकार की अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से। समाज के पिछड़े और असहाय तबके के लिए तो यह योजना वरदान साबित हुई है। उत्तराखण्ड में बीते दो साल की अवधि में 2 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में शुरू की गई इस योजना को आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम माना जाता है। पूरे देश में 25 दिसंबर 2018 को इस योजना की जब शुरूआत हुई तो उत्तराखंड के गरीब तबके के करीब 5.25 लाख लोगों को इसमें शामिल किया गया लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना की अहमियत को समझते हुए हर उत्तराखंडी को इसका लाभ देने का फैसला लिया। नतीजा, आज उत्तराखंड की समस्त जनता इस कल्याणकारी योजना से आच्छादित है। योजना के तहत राज्य व राज्य से बाहर के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कहीं भी लोग पांच लाख रूपए तक का अपना व परिजनों का निशुल्क इलाज करा सकते हैं।

आज इस योजना में लोग कैंसर, हार्ट, गुर्दा रोग जैसी जटिल बीमारियों का मुफ्त इलाज करा रहे हैं। उत्तराखण्ड समूचे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने प्रदेश के समस्त नागरिकों (लगभग 25 लाख परिवार) को ‘अटल आयुष्मान योजना’ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दे रहा है। तमाम गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना के लाभ से नई जिंदगी मिली है। ऐसा कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं जहां इस योजना का लाभान्वित व्यक्ति न मिले। योजना से मिली नई जिंदगी के बदले हजारों हाथ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के लिए दुआ मांगने को उठते हैं। दो सालों में योजना की सफलता के आंकड़े खुद में बहुत कुछ बयां कर रहे हैं। इस अवधि में (बीते 21 दिसंबर 2020 तक) 2,24,661 मरीज इसमें अपना इलाज करा चुके हैं। उनके इलाज पर राज्य सरकार ने तकरीबन 230 करोड़ रूपए खर्च किए। इनमें जटिल रोगों मसलन कार्डिओलॉजी से संबंधित 4142 तो सीटीवीएस में 617, कैंसर के 14038, यूरोलॉजी के 4456 व बर्न से जुड़े 265 लोगों का इलाज इस योजना में हुआ है। वहीं, राज्य में अब तक 40 लाख से ज्यादा लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं।

 

योजना के खास बिंदु _

-राज्य के लोगों को इस योजना में नेशनल पोर्टिबिलिटी की सुविधा दी गई है

-देश के 22 हजार से अधिक सूचीबद्ध अस्पतालों में राज्यवासियों को कैशलेस उपचार की सुविधा

-उत्तराखंड में 99 प्रतिशत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड आधार से लिंक कर दिए गए हैं

-योजना का लाभ लेने वाले कुल मरीजों की संख्या 2,24,661 है जबकि इनके इलाज पर लगभग 230 करोड़ रूपए व्यय किया गया

-प्रदेश की संपूर्ण आबादी को कैशलेस उपचार प्रदान करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य

-उपचार पर व्यय की धनराशिका सूचीबद्ध अस्पतालों को सात दिन में किया जा रहा है भुगतान।

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का हो रहा विस्तार

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की सुधार की दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। राज्य में आपात स्थिति में गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस की सुविधा प्रदान करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। अब इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को तत्काल एयर लिफ्ट कर उन्हें बड़े अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं, राज्य में चिकित्सकों के कुल सृजित 2735 चिकित्सकों के सापेक्ष 2145 चिकित्सकों की तैनाती की जा चुकी है। पूर्व में यह संख्या 1081 थी। इसी तरह कोविड संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 11 कोविड अस्पताल, 27 कोविड हेल्थ सेंटर व 422 कोविड केयर सेंटरों का निर्माण किया है। राज्य में संचालित 108 इमरजेंसी सेवा की सुदृढ़िकरण की दिशा में राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है। 108 सेवा के बेड़े में 139 एंबुलेंस व एक बोट एंबुलेंस शामिल की गई हैं। राज्य के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से इस सेवा का अभूतपूर्व योगदान रहा है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस योजना का विस्तार करते हुए अब देहरादून व हल्द्वानी के अलावा उधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा व श्रीनगर बेस चिकित्सालय में भी यह सुविधा प्रारंभ की गई है। वर्तमान में प्रदेश के 44 ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोश प्रणाली से जोड़ा गया है तो राज्य के दूरदराज के इलाकों तक मरीजों को टेली-मेडिसन के जरिए परामर्श दिया जा रहा है। कोरोना काल में ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से लोगों को घर बैठे डाॅक्टर सेवा दे रहे हैं। ई-संजीवनी ओपीडी के लिए 239 डाॅक्टरों को उत्तरदायी बनाया गया है। वहीं, राज्य के समस्त कार्मिकों, पेंशनर्स एवं उनके परिवार के सदस्यों को उच्च स्तरीय सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की है।

गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों के जीवन में नया सवेरा लाई आयुष्मान योजना

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देहरादून, अटल आयुष्मान योजना के अतंर्गत उत्तराखंड में भी कई नौनिहालों को जीवनदान मिला है। सुखद यह है कि परिवार की आर्थिक तंगहाली के चलते दम तोड़ती लाडलों की जिंदगी फिर से चलने लगी है। लाभार्थियों ने इस कार्यकम को सरकार की कल्याणकारी योजना से ज्यादा भगवान के वरदान की तरह बताया है।
अल्मोड़ा जनपद के तरूला निवासी पूरण सिंह गांव में ही रहकर अपनी आजीविका चलाते हैं। जैसे तैसे चल रही हसंती खेलती उनकी जिंदगी में उस दिन भूचाल आ गया जब उन्हें पता चला कि उनका तीन वर्षीय बालक दिव्यांशू ब्लड कैंसर से पीड़ित है। पूरण कहते हैं कि गरीबी की हालत में बच्चे का इलाज दिन में तारे तोड़ने जैसा यानी असंभव था। पूरा परिवार उम्मीद छोड़ चुका था। आयुष्मान योजना से उनकी करीब 2 लाख से अधिक की मदद हुई और स्वामीराम हिमालयन अस्पताल से उसका उपचार हो गया है। दिव्यांशू के पूरे परिवार ने केंद्र व राज्य सरकार का तहेदिल से आभार जताया है।

जौनसार क्षेत्र की तहसील कालसी के टिमरी गांव निवासी बलवीर सिंह रावत का 13 वर्षीय पुत्र आयुष नेगी हड्डी के कैंसर से पीड़ित था। चिकित्सकों ने जांच के बाद जो स्थितियां बताई उससे मेहनत मजदूरी करने वाले बलवीर व उसके सभी परिजनों के सामने अंधेरा छा गया।था। बलवीर के भाई पूरण सिंह ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना से बच्चे के इलाज में डेढ लाख के रूपए की मदद हुई और केंसर जैसी भंयकर बीमारी से जूझ रहे आयुष की जिंदगी अब पटरी पर लौट गई है। उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का आभार जताया है।

मेहनत मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाने वाले हरिद्वार निवासी नीतू की 4 वर्षीय बेटी पीहू एक नसों की भयंकर की बीमारी से पीड़ित थी। नीतू ने बच्ची के उपचार के लिए आयुष्मान योजना की प्रक्रिया शुरू की। महंत इंद्रेश अस्पताल में पीहू का उपचार हुआ और आयुष्मान योजना से करीब 3 लाख 85 हजार से अधिक का इसमें खर्चा आया। पीहू अब धीरे धीरे सामान्य हो रही है। कल्पनाओं से कहीं अधिक जाकर मिली मदद और बच्ची को जिंदगी लौटाने के लिए पीहू के पिता नीतू व पूरे परिवार ने आयुष्मान के योजनाओं का आभार जताया है।

ड्राइवर का अचरज भरा कॉन्फिडेंस, पतली सी सड़क पर ऐसे मोड़ी बस, देखने वाले….!

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शिमला, पहाड़ों पर वाहन चलना सबसे मुश्किल होता है. ऐसे में अगर जरा ही सावधानी हटना पर बड़ी दुर्घटना घटने का खतरा हमेशा बना रहता है. पहाड़ी सड़कों पर बाइक चलाना हो या फिर कार या बस सब मुश्किल होता है. इसीलिए इन खतरनाक सड़कों पर वाहन चलाने वाले ड्राइवर्स को सबसे अच्छा माना जाता है. सोशल मीडिया में एक ऐसा ही वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जो इन सड़कों पर महारत हासिल कर चुके एक बस ड्राइवर के कारनामे का है. जिसे देखकर हर कोई हैरान. तो किसी की सांसें इस वीडियो को देखकर थम सी गईं. ये वीडियो हिमाचल प्रदेश का है.

जहां ऊंचे पहाड़ी और संकरे रास्ते पर एक ड्राइवर ने बस को ऐसे बैक किया कि देखने वाले हैरान रह गए. ये कारनामा कर दिखाया हिमाचल रोडवेज बस के एक ड्राइवर ने. ये वीडियो 16 दिसंबर को फेसबुक पेज इनक्रेडिबल हिमाचल नाम के एक पेज पर सेशय किया गया था. जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बस ड्राइवर कैसे पहाड़ के पतले रास्ते पर एक बड़ी बस को ना सिर्फ रिवर्स करता है बल्कि उसे दूसरे रास्ते की तरफ मोड़ता भी देता है.

 

बता दें कि अगर कोई मैदानी इलाके का ड्राइवर होगा तो वह इन पतली और संकरी संड़कों पर कार को मोड़ने से पहले भी हजार बार सोचेगा. लेकिन इस ड्राइवर ने बस को ऐसे मोड़ा कि देखने वाले देखते रह गए. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बस पहाड़ी रास्ते बर खड़ी है. बस का ड्राइवर बस को वापस ले जाने के लिए रिवर्स कर रहे है. ड्राइवर बस को मोड़ रहा है वहां एक तरफ ऊंचा पहाड़ है तो दूसरी ओर गहरी खाई. ड्राइवर जब बस को रिवर्स कर रहा था तब किसी ने दूर से इसका एक वीडियो बना लिया सोशल मीडिया में शेयर कर दिया.

https://fb.watch/2A4PGKqPWG/

इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, “यह वीडियो उदयपुर (हिमाचल प्रदेश) से करीब 12 किलोमीटर दूर कहीं केलांग-किलर (खतरनाक रोड) का है. इस वीडियो को फेसबुक यूजर्स खूब पसंद कर रहे हैं. साथ ही इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. इस वीडियो को अब तक करीब दस लाख बार देखा जा चुका है. साथ ही 12 हजार से ज्यादा लाइक्स भी मिल चुके हैं. वीडियो को देख कर बहुत से लोगों ने इस ड्राइवर के जज्बे की तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, हिमाचली ड्राइवर बहुत मजबूत होते हैं भाई हार मानने वाले कम ही मिलते हैं.

https://www.facebook.com/watch/?v=137922314589912

 

समीक्षा – वर्ष 2020 के शिक्षा संबंधी घटनाक्रमों की समीक्षा – आकाश चौधरी, प्रबंध निदेशक, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड

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वर्ष 2020 शिक्षा क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी रहा है। 34 वर्षों के अंतराल के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की शुरुआत हुई। यहां तक कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर के शिक्षकों और छात्रों के लिए काफी अनिश्चितता पैदा कर दी, जिससे दुनिया भर में ऑनलाइन पढाई में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई और इसे स्वीकृति प्रदान की गई।

भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए शिक्षा नीति को बदलने के रोडमैप के रूप में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की घोषणा वर्ष का मुख्य आकर्षण था। नई नीति हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली की कमियों से प्रभावी ढंग से निपटती है और एक बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है। इस नीति के कई पहलुओं में एक प्रमुख पहलू शिक्षा और प्रौद्योगिकी का परस्पर संबंध है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने खुद को एक सूचना से भरपूर समाज में बदल दिया है और कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

लॉकडाउन के कारण, इस वर्ष ई-लर्निंग, और ब्रॉडकास्टिंग क्लासेस की शुरुआत हुई, जिसने भौगोलिक दूरियों के बावजूद शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के तौरदृ तरीकों को तेजी से सक्षम बनाया, महानगरों और टियर 2ध्3 शहरों के बीच डिजिटल विभाजन को कम किया। डिजिटल साक्षरता में वृद्धि और स्मार्टफोन पैठ का विस्तार होने के साथ, ऑनलाइन पढाई का शिक्षा के लिए एक लोकप्रिय कार्यप्रणाली के रूप में उभरना जारी है।

चूंकि इस शैक्षणिक वर्ष में विद्यालयों में वापस पूरी तरह से पढाई की संभावना नहीं दिखती है, इसलिए विशेष रूप से प्राथमिक और माध्यमिक स्तरों के लिए निर्देश के माध्यम के रूप में ऑनलाइन को बढावा देना जारी रहेगा।

2021 में पढाई का हाइब्रिड मॉडल आदर्श बन जाएगा, ऑनलाइन और कक्षा में पढाई का समन्वय होगा। हालांकि कोविड-19 का टीका लगने के बाद स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बड़े पैमाने पर खोला जा सकता है, लेकिन ऑनलाइन पढाई का अनुभव कई लोगों को हाइब्रिड पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए प्रेरित करेगा और छात्र सप्ताह में 3 दिन संस्थान आयेंगे और शेष 3 दिन ऑनलाइन अध्ययन करेंगे।

इस वर्ष के दौरान कठिन समय के अनुकूल खुद को ढालते हुए, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) ने निम्नलिखित कुछ उपायों के माध्यम से ऑनलाइन पढाई के शानदार अनुभव प्रदान किएरू

– सभी नामांकित छात्रों के लिए शीर्ष शिक्षकों के वीडियो के साथ ऑनलाइन अध्ययन योजना

– माइक्रोसॉफ्ट से लाइव ट्यूटरिंग प्लेटफॉर्म पर रोजाना लाइव व्याख्यान

– छात्रों और उनकी पढाई का मूल्यांकन जारी रखने के लिए साप्ताहिक ऑनलाइन असाइनमेंट और टेस्टिंग मंच।

– माता-पिता की चिंताओं को सुनने और उन्हें जल्दी हल करने के लिए अभिभावक शिक्षक बैठकें ऑनलाइन

– एक- एक कर सभी छात्र अकादमिक टीमों से ऑनलाइन वीडियो कॉल से जुड़ते हैं ताकि छात्रों को उनकी पढाई को समझने में मदद मिल सके और उन्हें बेहतर करने में मदद मिल सके

– छात्रों के लिए कम कीमत पर टैबलेट और स्मार्टफोन जैसे सीखने के उपकरणों की खरीद को आसान बनाया

– एईएसएल ने देश के दूरस्थ स्थानों में जेईई ध् एनईईटी उम्मीदवारों को कोचिंग के लिए एयरटेल डिजिटल टीवी के साथ भागीदारी की। इसके साथ, क्लासरूम और डिजिटल के बाद, एईएसएल ने नीट और जेईई के लिए अलग टीवी चैनल उपलब्ध कराने के लिए सैटेलाइट एजुकेशन के क्षेत्र में कदम रखा।

– मेरिटनेशन के माध्यम से प्रदान की जाने वाली निरू शुल्क ऑनलाइन लाइव कक्षाएं रू मेरिटनेशन ने 7 वीं कक्षा से 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए और जेईई ध् नीट जैसी विशेष परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए स्कूल और संस्थानों के बंद होने के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए विशेष निःशुल्क लाइव कक्षाएं प्रदान कीं ताकि उनकी सीखने की प्रक्रिया प्रभावित न हो।

– नीट / जेईई परीक्षा के लिए क्रैश कोर्स जैसे लाइव ऑनलाइन शॉर्ट कोर्स रू आकाश ने नीट और जेईई (मेन और एडवांस्ड) जैसे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों की मदद करने के लिए छात्रों के लिए लाइव ऑनलाइन क्रैश पाठ्यक्रम भी शुरू किया।

चूंकि सरकार ने कोविड -19 वायरस के प्रसार की जांच के लिए शिक्षण केंद्रों और कार्यालयों को बंद करने के बारे में एडवाइजरी जारी की थी, इसलिए एईएसएल ने यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं ताकि छात्रों के लिए पढाई की निरंतरता बनी रहे। एईएसएल के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभी अध्ययन, पठन सामग्री और परीक्षाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए।

महामारी के दौरान जेईई / नीट की तारीखों की घोषणा की गई थी, एईएसएल ने छात्रों को परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए सबसे अच्छे प्रयास किये हैं। इसके अलावा, आकाश में शिक्षक देश भर में छात्रों के साथ आकाश लाइव के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़े हुए थे, जो जेईई ध् नीट उम्मीदवारों के लिए विशेष रूप से बनाया गया लाइव मॉड्यूल है।

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) 2020 के लिए यह आगे बढने का वर्ष रहा है। इस वर्ष की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं

1) तेजी से विकास और व्यावसायिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने प्रबंधन को मजबूत करने और पेशेवर बनाने के लिए कंपनी के निरंतर प्रयासों के अनुरूप, एईएसएल ने श्री अभिषेक माहेश्वरी को कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया। अभिषेक एईएसएल के मुख्य प्रस्तावों की रणनीति तैयार करने और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे जिसमें क्लासरूम, हाइब्रिड और डिस्टेंस लर्निंग के साथ-साथ डिजिटल भी शामिल हैं। उनका फोकस समूह के लिए लाभदायक वृद्धि दिलाने के साथदृ साथ छात्रों को बेहतर समर्थन देने के लिए विभिन्न चैनलों में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया जारी रखना होगा।

2) 2020 में एईएसएल ने 6 नई शाखाएँ खोली है, इस तरह अब 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हमारी कुल 212 शाखाएं हो गई हैं, जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले संस्थानों में सबसे बडा है। आज, हमारे साथ 2.5 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं।

3) हमने यह भी देखा कि आकाश डिजिटल और मेरिटनेशन के साथ ऑनलाइन पढाई के क्षेत्र में हमारी उपस्थिति बढ़ रही है। वास्तव में, डिजिटल क्षेत्र में अपनी वृद्धि जारी रखने के लिए, एईएसएल ने इस वर्ष एक नई सहायक कंपनी, आकाश एडु टेक प्राइवेट लिमिटेड (एईपीएल) का गठन किया।

4) 2020 में आकाश इंस्टीट्यूट से नीट दृ यूजी में 84,200 से अधिक छात्रों ने क्वालीफाई किया थाय आकाशियन ने शीर्ष तीन स्थान हासिल किए, सामान्य श्रेणी में शीर्ष 100 में 34 स्थान हासिल किये, और 7 छात्र स्टेट टॉपर बने।

5) जेईई (एडवांस्ड) में 2020 में आकाश से 1,583 छात्रों ने क्वालीफाई किया। अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 1 आकाशियन ने हासिल किया, जबकि सभी श्रेणियों में शीर्ष 100 में 41 छात्रों ने जगह हासिल की। आकाश इंस्टीट्यूट के 140 छात्रों ने सभी श्रेणियों में शीर्ष 500 में और 247 छात्रों ने शीर्ष 1000 में जगह हासिल की।

6) आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) ने श्रेष्ठ क्रिकेटर युवराज सिंह को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने की घोषणा की। इसके अलावा, इसने युवराज सिंह के साथ एक टीवीसी लॉन्च किया था, जिसने रिकॉर्ड तोड़ दिया और यूट्यूब पर 30 मिलियन व्यूज पार किए।

7) 2020 में, हमने प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया और प्रौद्योगिकी में भारी निवेश करके अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, ताकि हम छात्रों के लिए अपने पाठ्यक्रम में लगातार सुधार करें और क्षमताओं को बढ़ाएं। इसके लिए, कंपनी ने लगभग 2.5 लाख छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट और एसएपी के साथ टाई-अप किया है। यह पहल भारत में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए माइक्रोसॉफ्ट टीमों का सबसे बड़ा कार्यान्वयन था जो एक आम मंच के माध्यम से आकाश की 210 से अधिक शाखाओं में 2.5 लाख से अधिक छात्रों और 2000 शिक्षकों को जोड़ेगा।

8) एईएसएल ने 2020 में अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाई और चिकित्सा के छात्रों के लिए आकाश पीजी प्लस कार्यक्रम शुरू किया। यह कार्यक्रम एक विशेष रूप से डिजिटल कोर्स है जिसे विशेष रूप से एमबीबीएस कर रहे डॉक्टरों और वैसे प्रोफेशनलों को कोच करने के लिए तैयार किया गया है जो एमबीबीएस पूरा कर चुके हैं और पीजी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

9) आकाश क्लासरूम कार्यक्रम के सभी पूर्व छात्रों को संस्थान, शिक्षकों और बैचमेट्स से जोड़ने के उद्देश्य से, एईएसएल ने पहली बार आकाश स्टुडेंट एलुमनी पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में संचार स्थापित करने के लिए संपर्क के प्रभावी माध्यम के रूप में काम करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से पूर्व छात्रों को आकाश इंस्टीट्यूट के बारे में नवीनतम समाचार और अपडेट प्राप्त होंगे और वे शिक्षा उद्योग में होने वाली प्रमुख घटनाओं से खुद को अवगत रख सकते हैं।

देहरादून : 70 लाख किट्टी ठगी के आरोपी दम्पति, 12 साल बाद नोएडा से गिरफ्तार

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देहरादून, धोखाधड़ी के आरोप में 12 साल से फरार चल दंपति को एसओजी और पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। फरार दम्पति पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। दंपति ने वर्ष 2006-08 में सैकड़ों महिलाओं को किट्टी के नाम पर लगभग 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। न्यायालय के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर पुलिस इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है। बुधवार को एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि एसपी सिटी श्वेेता चौबे की निगरानी में सिटी पुलिस डालनवाला के एक मुकदमे में फरार आरोपियों की तलाश में जुटी थी। इसी क्रम में इंस्पेक्टर एसओजी एश्वर्य पाल और डालनवाला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मणिभूषण नेगी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नोएडा से संजीव बस्सी निवासी आदर्श नगर, किशननगर चौक और उसकी पत्नी नविता बस्सी को गिरफ्तार किया है।

एसएसपी ने बताया कि इन दोनों के खिलाफ सुधा पटवाल नाम की महिला की शिकायत पर डालनवाला में वर्ष 2008 में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि इन्होंने अपनी ज्वेलरी शॉप के माध्यम से एक किटी संचालित की थी।
इसमें वर्ष 2006 से 2008 तक सैकड़ों महिलाओं ने दो-दो हजार रुपये कर करीब 65 से 70 लाख रुपये जमा किए थे, लेकिन दंपति ने उनमें से किसी को यह पैसा नहीं लौटाया। इनके ऊपर जब दबाव बनाया गया तो शहर छोड़ दिया। इस दौरान ये कभी गुजरात तो कभी महाराष्ट्र के शहरों में रहे। आरोपी दंपति पर पहले ढाई-ढाई हजार रुपये का इनाम था। पिछले दिनों इसे बढ़ाकर 10-10 हजार रुपये कर दिया गया था,
आरोपी दंपति यहां से सीधे गुजरात चला गया था। दोनों ही हीरा तराशने का काम जानते हैं। यहां भी इनकी दुकान हीरे के ज्वेलरी तैयार करने वाली थी। गुजरात में इन्होंने पहले इस काम को किया और फिर प्रॉपटी डीलर बन गए।

कुछ साल बाद ये वहां से भी निकल गए और मुुंबई में अपनी पहचान छुपाकर रहने लगे। बीते दिनों कोविड काल में काम सब चौपट हो गया। कर्ज भी लिया, लेकिन काम नहीं चला। इसके बाद दो माह पहले ही ये नोएडा आकर रहने लगे। यहां पुलिस ने इन्हें दबोच लिया। पुलिस लगातार इनकी खोजबीन में जुटी थी। इसी बीच पता चला कि दंपति का बेटा यहां एक स्थानीय स्कूल में पढ़ता था। पुलिस ने स्कूल में उसके दस्तावेजों से अहम जानकारी जुटाई। स्कूल से आधार कार्ड आदि के बारे में भी जानकारी मिली। बीते दिनों एक नंबर भी आरोपियों का पुलिस को मिल गया। इसी से लीड लेते हुए पुलिस इन दोनों तक पहुंच गई।

देश में मोदी जैसा नेतृत्व सौभाग्य की बात, हमारी प्रदेश और केन्द्र की सरकार अच्छा कार्य कर रही : दुष्यन्त

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देहरादून, भाजपा मुख्यालय में विधान मंडल दल के सदस्यों के साथ परिचय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
उत्तराखण्ड प्रभारी दुष्यन्त कुमार गौतम ने कहा कि देश की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में होना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मोदी जैसे दूरदर्शी,कुशल रणनीतिकार और विकास पुरुष के नेतृत्व में देश लगातार आगे बढ़ रहा है। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत द्वारा की गई।

भाजपा प्रदेश प्रभारी श्री दुष्यंत ने कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भविष्य की अपार संभावनाएं है और पूरा विश्व आज भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रदेश व केंद्र की सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है लेकिन विरोधी दल तथ्यहीन तरीके से जनता को गुमराहित करने का प्रयास कर रहे हैं इसके लिए हमे कार्यकर्ताओं व जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियों से अवगत कराना है। साथ ही उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं के साथ आत्मीयता का रिश्ता बनाकर उन्हें कार्य मे लगाना चाहिए। आज जो कार्यकर्ता किसी दायित्व में नही हैं ऐसे हरेक कार्यकर्ता को पार्टी के काम में लगाना चाहिए। क्योंकि हरेक कार्यकर्ता राष्ट्रहित के लिए हमारी पार्टी से जुड़ा है।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों को उनके कार्यों की उपलब्धि के साथ उनके व्यवहार से भी लोकप्रियता हासिल होती है इसलिए अपने कार्यकर्ताओ से मधुर व्यवहार स्थापित करना चाहिए।
बैठक में प्रदेश महामंन्त्री संगठन श्री अजेय जी ने प्रदेश भाजपा के आगामी कार्यक्रमो की जानकारी देते हुए कहा कि 25 दिसंबर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप मनाया जारहा है जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र व प्रदेश में सकारात्मक माहौल तैयार करना चाहिए हम सभी संगठन के कारण हैं संगठन हमसे नही है इसलिए सभी लोग अपने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर कार्य करें। बैठक में सभी मंन्त्री गणों व विधायक उपस्थित रहे।

भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारियों की बैठक, केन्द्र और राज्य सरकार के कार्यो को जनता से करें साझा 

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(सुनील घिल्ड़ियाल)

देहरादून, भारतीय जनता पार्टी महानगर कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल द्वारा सभी मंडलों के मीडिया प्रभारियों व सोशल मीडिया प्रभारियों की संयुक्त बैठक ली गई, जिसमें उनके द्वारा भाजपा द्वारा केंद्र व राज्य में किए जा रहे कार्यों की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए सभी उपस्थित मीडिया प्रभारियों को वर्तमान में सोशल मीडिया के महत्व को बताते हुए सरकार द्वारा जनहित में जारी की गई सभी योजनाओं को फेसबुक वट्सएप, इंस्ट्रा ग्राम व ट्वीटर के माध्यम से साझा करने की बात कही गई |

उक्त कार्यक्रम में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल महा नगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट व महा नगर महिला मोर्चा की अध्यक्षा कमली भट्ट व किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजेश कम्बोज भी उपस्थित थे | उक्त कार्यक्रम का संचालन महानगर मीडिया प्रभारी राजीव द्वारा किया गया।

सोना और चांदी हुआ और सस्ता, जानिए आज कहां पहुंची कीमतें

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नई दिल्ली। सोने और चांदी की कीमतों में आज भी गिरावट देखने को मिली है। फिलहाल सोना 50 हजार रुपये के अहम स्तर से नीचे बना हुआ है। वहीं चांदी 67 हजार रुपये प्रति किलो के स्तर से नीचे आ गई है। कीमतों में ये दबाव मांग में सुस्ती की वजह से देखने को मिला है।

क्या रही आज सोने और चांदी की कीमत

स्थानीय सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 252 रुपये गिरकर 49,506 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया। इससे पहले मंगलवार को सोने का भाव 49,758 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी का भाव भी 933 रुपये गिरकर 66,493 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया। इससे पिछले दिन यह 67,426 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना बढ़त के साथ 1,868 डालर और चांदी 25.53 डालर प्रति ट्राय औंस पर बोले गये। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सविर्सिज के उपाध्यक्ष कमोडिटी रिसर्च) नवनीत दमानी ने कहा, ”अमेरिकी उपभोक्ता एवं आवास खंड के कमजोर आंकड़ों और सरकार से आर्थिक सुधार की दिशा में प्रोत्साहन दिये जाने की ताजा उम्मीद से अंतराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी रही।” हालांकि दूसरी तरफ घरेलू बाजार में मांग सुस्त रहने से घरेलू कीमतों में इसका फायदा नहीं मिला।

कैसी रही इस साल सोने की चाल

कोरोना संकट की वजह से इस साल सोने की कीमतों मे रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला है। अगस्त को सोना 56 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंचा वहीं चांदी ने इसी दौरान 76008 रुपये प्रति किलो का रिकॉर्ड स्तर छुआ था। दीवाली के बाद से कीमतों में गिरावट का रुख देखने को मिला। 24 नवंबर को सोने की कीमत 50 हजार रुपये के स्तर से नीचे आई थी, तब से अधिकाश कारोबारी सत्र में कीमतें इस स्तर के नीचे ही बनी रही। हालांकि बीते हफ्ते कोरोना संकट को देखते हुए एक बार फिर सोने और चांदी में बढ़त का रुख देखने को मिला था।

नए कृषि कानूनों के समर्थन में 3.13 लाख किसानों ने कृषि मंत्री को सौंपा पत्र

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नई दिल्ली । नए कृषि सुधार कानूनों के प्रति अपना समर्थन और विश्वास जताते हुए देश के विभिन्न राज्यों के 3 लाख 13 हजार 363 किसानों ने हस्ताक्षर किए हैं। किसानों के समर्थन वाले इन हस्ताक्षर पत्रों को कन्फेडरेशन ऑफएनजीओस ऑफ़ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर उन्हें सौंपा । इस अवसर पर तोमर ने कहा कि देशभर में नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में उत्साह है। लंबे समय से इन रिफार्म्स की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ संकल्पशक्ति का ही परिणाम है कि आज कृषि क्षेत्र में जरूरी सुधारों को हम जमीन पर उतरते देख रहे हैं।

तोमर ने कहा कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता है और आने वाले कल में भी रहेगी। विगत 6 वर्षों में कृषि सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि एवं इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड, 10 हजार एफपीओ बनाने की स्कीम, किसानों को मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति, लागत मूल्य पर कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी प्रदान करने जैसे कई महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाले विद्वान लगातार इन सुधारों की अनुशंसा करते रहे। इन सुधारों का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, उन्हें खुले बाजार की स्वतंत्रता प्रदान करना, युवा पीढ़ी को कृषि के क्षेत्र में आकर्षित करना और देश की जीडीपी में कृषि का योगदान बढ़ाना रहा है। नए कृषि सुधार कानून इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाए गए हैं। समय पर पर इनकी सिफारिशें आती रहीं। इन सुधार कानूनों को लाने से पहले किसान यूनियनों, कृषि क्षेत्र के विद्वानों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, कृषि मंत्रियों इत्यादि से विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

सीएनआरआई, कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वैच्छिक संगठनों का सबसे बड़ा परिसंघ है। सीएनआरआई द्वारा एनजीओ के माध्यम से 20 राज्यों में कृषि सुधार कानूनों पर सहमति के लिए किसानों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान में 3,13,363 किसानों ने समर्थन में हस्ताक्षर किए। हरियाणा में 127653, पंजाब में 12895, मध्यप्रदेश में 1934, आंध्रप्रदेश में 23689, असम में 1256, कर्नाटक में 5467, राजस्थान में 7162 किसानों ने हस्ताक्षर किए। साथ ही अन्य राज्यों में भी किसानों ने कृषि कानूनों के प्रति खुलकर अपना समर्थन व्यक्त किया है। सीएनआरआई देशभर के ढाई लाख सरपंचों को इन कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में जागरूकता के लिए पत्र भी लिखने जा रहा है।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ ही सीएनआरआई के महासचिव विनोद आनंद, कार्यकारी अध्यक्ष रघुपति सिंह तथा अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।