Sunday, May 11, 2025
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सोने-चांदी के दाम बढ़ने की आशंका बरकरार, जानिए क्या है वजह

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नई दिल्ली, पीटीआइ। घरेलू सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने और चांदी की हाजिर कीमतों में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। एचडीएफसी सिक्युरिटीज के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को सोने के भाव में 877 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़त दर्ज की गई। इस बढ़ोत्तरी से सोने का भाव 50,619 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर कीमती धातुओं के भाव में बढ़ोत्तरी के चलते सोने की घरेलू कीमत में यह उछाल देखने के मिला है। गौरतलब है कि पिछले सत्र में सोना 49,742 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

सोने के साथ ही चांदी की घरेलू हाजिर कीमत में भी सोमवार को बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। चांदी के हाजिर भाव में 2,012 रुपये प्रति किलोग्राम की भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इस बढ़त से चांदी का भाव 69,454 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। गौरतलब है कि चांदी पिछले सत्र में 67,442 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोमवार शाम सोने की वायदा और हाजिर दोनों कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, सोमवार शाम सोने का वैश्विक वायदा भाव कॉमेक्स पर 2.36 फीसद या 44.70 डॉलर की बढ़त के साथ 1,939.80 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखाई दिया। इसके अलावा सोने का वैश्विक हाजिर भाव इस समय 1.90 फीसद या 36.07 डॉलर की बढ़त के साथ 1,934.74 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोमवार शाम चांदी की भी वायदा और हाजिर दोनों कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। ब्लूमबर्ग के अनुसार, सोमवार शाम कॉमेक्स पर मार्च, 2021 वायदा की चांदी का भाव 4.21 फीसद या 1.11 डॉलर की बढ़त के साथ 27.53 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखाई दिया। इसके अलावा इस समय चांदी का वैश्विक हाजिर भाव 3.59 फीसद या 0.95 डॉलर की बढ़त के साथ 27.35 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखाई दिया।

छात्राओं को स्कूल जाने पर 100 रुपये प्रतिदिन देगी ये राज्य सरकार, जल्द शुरू होगी स्कीम

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गुवाहाटी: असम सरकार छात्राओं को स्कूल जाने पर 100 रुपये प्रतिदिन दे सकती है. असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने की अपनी तरह की पहली पहल के तहत स्कूल जाने वाली प्रत्येक छात्राओं को कक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रतिदिन 100 रुपये मिलेंगे.

 

सरमा ने रविवार को शिवसागर में कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार राज्य बोर्ड से कक्षा 12वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को प्रज्ञान भारती योजना के तहत 22,000 दोपहिया वाहन वितरित कर रही है. राज्य सरकार इस उद्देश्य के लिए 144.30 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

 

मंत्री ने कहा कि इस महीने के अंत तक 100 रुपये प्रतिदिन की योजना शुरू की जाएगी. हालांकि उन्होंने इसके क्रियान्वन पर सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभावों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन सभी छात्राओं को स्कूटर मुहैया कराएगी, जो राज्य बोर्ड से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई हैं, भले ही यह संख्या एक लाख के पार हो जाए. उन्होंने कहा कि 2018 और 2019 में प्रथम श्रेणी में कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली सभी छात्राओं को भी स्कूटर प्रदान किए जाएंगे.

 

मंत्री ने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्राओं के बैंक खातों में जनवरी के अंत तक 1,500 रुपये और 2,000 रुपये की राशि जमा की जाएगी जिससे उन्हें किताब और अन्य अध्ययन सामग्री खरीदने में मदद मिल सके.

 

मंत्री ने आगे कहा कि दोनों वित्तीय प्रोत्साहत योजना पहले पिछले साल ही शुरू की जानी थी लेकिन कोविड-19 के प्रसार के कारण इसमें देरी हुई.

चालक की सूझ-बूझ से टला बड़ा हादसा

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ऋषिकेश। यातायात परिवहन कंपनी की डाक सेवा में लगी बस का आज सुबह अचानक ब्रेक फेल हो गया। लेकिन बस चालक ने सूझबूझ दिखाई और एक बड़ा हादसा टल गया। मिली जानकारी के अनुसार, हरिद्वार और उत्तरकाशी के बीच डाक सेवा में लगी बस आज सुबह तकरीबन 6 बजे ऋषिकेश में लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस के सामने से होकर गुजर रही थी। तभी चालक को गाड़ी के ब्रेक फेल होना महसूस हुआ।

लेकिन घबराने के बजाए बस चालक गंगा राम ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए बस को सड़क के बीच मे लगे डिवाइडर से टकरा दिया। इससे एक बड़ा हादसा टल गया। बस चालक ने बताया कि बस में चार लोग सवार थे, बस में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। हालांकि दो को मामूली चोट जरूर आई है। जिस जगह पर बस का ब्रेक फेल हुआ, वह बेहद ही व्यस्त सड़कों में से एक है। गनीमत रही कि जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस समय सड़क पर आवाजाही कम थी, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।

 

20 जनवरी को शपथ ग्रहण समारोह में बाइडन के लिए एस्कॉर्ट और डिजिटल परेड का आयोजन

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वाशिंगटन, प्रेट्र। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को अमेरिकी संसद में एक सादे समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे। शपथ ग्रहण के बाद व्हाइट हाउस के ईस्ट फ्रंट पर ना केवल ‘पास इन रिव्यू’ होगा बल्कि व्हाइट हाउस तक राष्ट्रपति के लिए एस्कॉर्ट का आयोजन किया जाएगा। इतना ही नहीं पूरे देश में डिजिटल परेड होगी।

अमेरिकी संसद के ईस्ट फ्रंट पर होगा ‘पास इन रिव्यू’

अमेरिकी संसद के वेस्ट फ्रंट पर आधिकारिक शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसके बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति, प्रथम महिला जिल बाइडन, नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके पति डगलस एम्होफ सेना के सदस्यों के साथ ईस्ट फ्रंट पर ‘पास इन रिव्यू’ में शामिल होंगे।

‘पास इन रिव्यू’ सैन्य परंपरा है जो सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को प्रतिबिंबित करती है

‘पास इन रिव्यू’ एक पुरानी सैन्य परंपरा है जो नए कमांडर इन चीफ को सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को प्रतिबिंबित करती है। इस दौरान नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सैन्य बलों की तैयारी की समीक्षा करते हैं।

अमेरिकियों के साथ काम करने का उत्साहजनक अवसर

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कोरोना महामारी के चलते शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह समिति के सीईओ टोनी एलेन ने रविवार को कहा, ‘यह विविध, समावेशी और एकजुट देश के प्रति नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन और नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति हैरिस की प्रतिबद्धता दिखाने के लिए देशभर में अमेरिकियों के साथ काम करने का उत्साहजनक अवसर है।’

शपथ ग्रहण के बाद वाहनों का काफिला राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस तक लेकर जाएगा

शपथ ग्रहण समारोह के बाद वाहनों का काफिला राष्ट्रपति को ‘फिफ्टींथ स्ट्रीट’ से व्हाइट हाउस तक लेकर जाएगा। इस दौरान सेना की हर शाखा को काफिले में शामिल किया जाएगा।

पूरे देश में होगी डिजिटल परेड

महामारी के मद्देनजर समिति अमेरिका में एक डिजिटल परेड की व्यवस्था करेगी, जिसका अमेरिकियों के लिए टीवी पर प्रसारण किया जाएगा।

सियासी मैदान में उतरेगी प्रियंका वाड्रा, जारी सस्पेंस पर अगले महीने पटाक्षेप होने की संभावना

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सियासी मैदान में प्रियंका गांधी वाड्रा के उतरने को लेकर लंबे समय से जारी सस्पेंस पर अगले महीने पटाक्षेप होने की संभावना है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सियासी दौड़ में लाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ प्रियंका नए साल में अब सूबे में अपना प्रवास बढ़ाएंगी। साथ ही जिले स्तर पर कांग्रेस संगठन का ढांचा दुरुस्त करने की पहल शुरू करते हुए प्रियंका फरवरी से सूबे के सभी जिलों का दौरा भी शुरू करेंगी।

यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका ही होंगी कांग्रेस का सियासी चेहरा

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर चल रहे असमंजस और अंदरूनी घमासान के बावजूद पार्टी में इस बात पर कोई संशय नहीं है कि उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव में प्रियंका ही कांग्रेस का सियासी चेहरा होंगी। कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक प्रकरण के दौरान हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव ने मौजूदा संकट को थामने के प्रयासों में खासी सक्रिय भूमिका भी निभाई है। विशेषकर पार्टी के सियासी चाणक्य अहमद पटेल के निधन के बाद उनकी पहल को लेकर कांग्रेस के अंदरूनी गलियारों में चर्चा खासी गरम है।

प्रियंका ने असंतुष्ट नेताओं को हाईकमान के साथ वार्ता के लिए राजी करने में निभाई अहम भूमिका

मालूम हो कि कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की अगुआई कर रहे जी-23 समूह के प्रमुख नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा आदि से सीधे संवाद कर उन्हें हाईकमान के साथ बातचीत के लिए राजी करने में प्रियंका की भी अहम भूमिका रही। वैसे उत्तर प्रदेश के अहम मुद्दों को लेकर उनकी सक्रियता बीते कुछ अर्से से लगातार जारी है मगर सूबे के सियासी मैदान में उनकी गैर-मौजूदगी पार्टी के लिए चुनौती रही है।

प्रियंका के लिए उत्तर प्रदेश प्रवास की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा

पिछले एक साल से तो उनके लखनऊ को अपना नया ठौर बनाने की चर्चा गरम रही और यहां तक की एक घर का रंग-रोगन भी हुआ, लेकिन कोविड-19 महामारी की चुनौती ने इस बीच पार्टियों की सियासी सक्रियता को बेहद सीमित कर दिया। अब जब राजनीतिक गतिविधियां सामान्य ट्रैक पर लौट रही हैं तब विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका के भी उत्तर प्रदेश प्रवास की योजना को अंतिम रूप दिया जाने लगा है।

एमपी के कृषि मंत्री ‘द ग्रेट खली’ के माध्यम से किसानों को कृषि बिलों के बताएंगे फायदे

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भोपाल (प्रतुल पाराशर): WWE सुपरस्टार द ग्रेट खली अब कृषि मंत्री कमल पटेल की पहल पर पंजाब के किसानों को कृषि बिलों के फायदे बताएंगे। खली अपने इस दांव से आंदोलन को पटखनी देने के लिए तैयार हैं।

कृषि मंत्री कमल पटेल की आज इंदौर में प्रसिद्ध पहलवान द ग्रेट खली से सौजन्य भेंट हुई। इस दौरान उन्हें पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी। भेंट के दौरान मंत्री कमल पटेल ने खली को नए कृषि विधेयकों के बारे में जानकारी दी, और आग्रह किया कि वे भी पंजाब में कृषकों को इन विधेयकों के बारे में बताएं। खली ने कमल पटेल के इस आग्रह को स्वीकार कर लिया है।

कृषि विधेयकों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल लगातार किसानों को नये कानून के फायदे बताकर जागरूक कर रहे हैं। मंत्री कमल पटेल के इस प्रयास का ही नतीजा है कि प्रदेश में किसान आंदोलन का माहौल ही नहीं बन पाया। कृषि मंत्री कमल पटेल ने फिर दोहराया कि जो कृषि बिल लाए गये हैं वह किसानों की तकदीर बदलने वाले हैं। लेकिन किसानों को बहकाकर उन्हें आंदोलन के लिए उकसाया जा रहा है।

रिलायंस कंपनी का स्पष्टीकरण : किसानों को माना अन्नदाता, कॉन्टै्रक्ट फार्मिंग की कोई प्लानिंग नहीं, किसानों से सीधे गेहूँ की खरीद नहीं करेगी कंपनी

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नई दिल्ली, नए कृषि कानून के विरोध के बीच रिलांयस कंपनी ने कॉन्टै्रक्ट फार्मिंग को लेकर स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। इसमें साफ तौर पर कंपनी ने कहा है कि कंपनी की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कोई प्लानिंग नहीं और कंपनी किसानों से सीधे तौर पर गेहूँ की खरीद भी नहीं करेगी। बता दें कि पिछले दिनों पंजाब व हरियाणा में दोनों राज्यों में उपद्रवी तत्वों ने कंपनी के जरूरी कम्युनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सर्विसेज आउटलेट्स पर तोडफ़ोड़ की थी। इसके बाद कंपनी ने इसको लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के हवाले से रिलांयस ने नए कृषि कानूनों को लेकर दिए गए अपने स्पष्टीकरण में साफ तौर पर कहा है कि वो न तो किसानों से सीधे तौर पर अनाज खरीदती है और न ही कभी खरीदेगी। कंपनी ने यह भी कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की भी कोई प्लानिंग नहीं है। उपद्रवियों द्वारा तोडफ़ोड़ को लेकर कंपनी ने कहा है कि मौजूदा किसान आंदोलन की आड़ में व्यापार प्रतिद्वंद्वी अपनी चाल चलने में लगे हैं। रिलायंस ने नए कृषि कानूनों के नाम पर किए गए दावों को लेकर एक स्पष्टीकरण जारी किया है।

 

कंपनी द्वारा जारी किए स्पष्टीकरण की मुख्य बातें
रिलायंस रिटेल लिमिटेड, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और किसी अन्य सहायक कंपनी ने पहले कभी भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग नहीं की है। आगे भी कंपनी का ऐसा कोई प्लान नहीं है।
न तो रिलायंस और न ही किसी अन्य सहायक कंपनी ने कृषि जमीन को पंजाब/हरियाणा या देश में कहीं भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खरीदा है। आगे भी कंपनी इस बारे में कोई योजना नहीं बना रही है।

रिलायंस रिटेल देश के संगठित खुदरा बाजार की एक प्रमुख कंपनी है। सभी तरह के रिटेल प्रोडक्ट्स में अनाज, फल, सब्जियों समेत रोजाना इस्तेमाल होने वाले कई उत्पाद शामिल हैं। ये सभी उत्पाद स्वतंत्र मैन्युफैक्चरर्स और सप्लायर्स के जरिए आते हैं। कंपनी कभी भी किसानों से सीधे तौर पर अनाज नहीं खरीदती है। कंपनी ने कभी भी किसानों का फायदा उठाने के लिए लंबी अवधि में खरीद को लेकर कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया है। कंपनी ने यह भी नहीं कहा है कि उसके सप्लायर्स किसानों से सीधे कम कीमत पर खरीदी करें। कंपनी ऐसा कभी नहीं करेगी।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सभी किसानों के प्रति आभार व आदर व्यक्त किया है। कंपनी ने बयान में कहा कि ये किसान देश के 1.3 अरब आबादी के अन्नदाता हैं। रिलायंस और उसकी सहायक कंपनी किसानों के सशक्किरण के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी भारतीय किसानों के साथ समृद्धि, समावेशी विकास और न्यू इंडिया के लिए मजबूत भागीदारी में विश्वास करती है।
कंपनी ने कहा कि वो अपने सप्लायर्स से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी का पालन करने के लिए जोर देगी। यह सरकार द्वारा पूर्वनिर्धारित नियमों के आधार पर ही होगा।

 

 

कंपनी ने गिनाए किसानों के लाभ के लिए गए कार्य
कंपनी ने स्पष्टीकरण जारी करने के साथ ही कंपनी की ओर से किसानों के लाभ के लिए किए जाने वाले कामों को भी गिनाया। इसमें कंपनी ने कहा कि किसानों को नुकसान पहुंचाने के बजाय उसने कई ऐसे काम किए हैं, जिससे किसानों के साथ-साथ आम जनता को भी लाभ मिला है।

 

कंपनी ने किसानों का कैसे किया भला
रिलायंस रिटेल ने आधुनिक तकनीक और जबरदस्त सप्लाई चेन की मदद से देश का सबसे बड़ा संगठित रिटेल बिजनेस खड़ा किया है। इससे भारतीय किसानों और आम ग्राहकों को लाभ मिला है।
कोविड-19 महामारी के दौरान करोड़ों किसानों के लिए जियो नेटवर्क ने एक लाइफलाइन की तरह काम किया है। जियो नेटवर्क के जरिए किसान, ट्रेडर्स और कंज्यूमर्स डिजिटल कॉमर्स के भागीदार बने हैं। इसकी मदद से प्रोफेशनल्स घर से काम करने में सक्षम हुए हैं। स्टूडेंट्स भी घर बैठे पढ़ाई कर पा रहे हैं। टीचर्स, डॉक्टर्स, मरीज, कोर्ट से लेकर विभिन्न तरह के सरकारी और प्राइवेट ऑफिस को मदद मिली है।

जियो के 4 जी डेटा की पहुँच गांव – गांव तक
जियो के 4जी डेटा की पहुंच देश के हर एक गांव तक है। भारत में डेटा का खर्च का दुनियाभर के मुकाबले बेहद सस्ता है। 4 साल की छोटी अवधि में जियो के पास करीब 40 करोड़ ग्राहक हैं। 31 अक्टूबर 2020 तक जियो के पास 1.40 करोड़ सब्सक्राइबर्स पंजाब में और 94 लाख हरियाणा में हैं। दोनों राज्यों में कुल सब्सक्राबर्स में यह हिस्सेदारी क्रमश: 36 और 34 फीसदी है।

 

स्पष्टीकरण देने के पीछे क्या है कारण?
कृषि कानूनों को लेकर चल रही चारों ओर अफवाह को लेकर रिलांयस कंपनी को यह स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा। इन दिनों सोशल मीडिया में एक खबर काफी वायरल हो रही है कि जियो रिलांयस किसानों से कम कीमत पर गेहूँ खरीद कर अधिक कीमत पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। इस प्रकार की खबर से चारों ओर अफवाहों बाजार गर्म हो गया कि अब भारतीय कृषि का पूरी तरह निजीकरण होने वाला है और सरकार इसमें पूर्ण रूप से भागीदारी निभा रही है। इन सब बातों को देखते हुए कंपनी की ओर से स्पष्टीकरण जारी करना बेहद जरूरी हो गया था ताकि कंपनी की छबि खराब न हो और किसानों के हित को भी नुकसान नहीं पहुंचे। अब चूंकि रिलांयस कंपनी ने सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण जारी करके ऐसी अपवाहों पर पूर्ण रूप से विराम लगा दिया है।

कोरोना से जंग के लिए भारत कितना तैयार? वैक्सीन से जुड़ी हर आशंकाओं को स्वास्थ्य मंत्री ने किया दूर

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नई दिल्ली, कोरोना से जंग के लिए भारत कितना तैयार? वैक्सीन से जुड़ी हर आशंकाओं को स्वास्थ्य मंत्री ने किया दूर
हर्षवर्धन ने भारत बायोटेक के टीके से जुड़ी अन्य आशंकाओं को भी दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षणों के दूसरे चरण में और पहले चरण में जिन लोगों को टीका लगाया गया, उनमें ‘सीरोकंवर्जन’ नहीं पाया गया।

पूरी दुनिया में अब भी कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार जारी है। इन सबके बीच भारत के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी, जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औषधि नियामक द्वारा दो टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के बाद कहा कि देश में कोरोना वायरस को काबू करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है। उन्होंने ‘भारत में निर्मित’ टीकों के लिए वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है। लेकिन इन दो टीकों को मंजूरी मिलने के बावजूद इनकी प्रभाविकता पर सवाल भी उठ रहे हैं। इन्हीं सवालों का जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दिया है। डॉ हर्षवर्धन ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर भारत में निर्मित स्वदेशी कोरोना टीका को लेकर कई सवालों का जवाब दिया।

सबसे पहला सवाल तो यही है कि इन टीकों की प्रभाविकता क्या है? इसको लेकर डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि जीन एन्कोडिंग स्पाइक प्रोटीन पर आधारित विश्व स्तर पर स्वीकृत टीकों की सुरक्षा प्रभावकारिता 90% से अधिक है। हालांकि, पूरे निष्क्रिय वायरस पर आधारित COVAXIN में स्पाइक प्रोटीन के अलावा अन्य एंटीजेनिक एपिटोप्स हैं। इसलिए, अन्य टीकों की तरह इसकी भी सुरक्षात्मक प्रभावकारिता की संभावना है।

 

इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि ब्रिटेन में पाए गए वायरस के नये प्रकार (स्ट्रेन) के खिलाफ ‘कोवैक्सीन’ के कहीं अधिक कारगर रहने की संभावना है। हर्षवर्धन ने कहा कि कोवैक्सीन के एन 501वाई (ब्रिटेन में पाए गये प्रकार) जैसे नये स्वरूपों और आगे चलकर सामने आने वाले इस वायरस के किसी अन्य प्रकारों के खिलाफ कहीं अधिक काम करने की संभावना है क्योंकि इसमें स्पाइक प्रोटीन के अलावा अन्य जीनों से लिये गये एपीटोप हैं।

 

अब यह भी सवाल उठ रहा है कि जो टीकों का परीक्षण हुआ है उससे क्या निकल कर सामने आया है? इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि COVAXIN चरण I और II के ​​परीक्षणों के डेटा से पता चलता है कि यह न केवल सभी प्रतिभागियों में तटस्थ एंटीबॉडी का उत्पादन करता है, बल्कि सीडी 4 टी लिम्फोसाइटों को संवेदनशील बनाता है जो टिकाऊ रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है

किसी भी साइड इफेक्ट के बारे में बात करते हुए डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि जिन लोगों पर यह टीके लगाए गए थे उनमें कोई प्रतिकूल घटना देखने को नहीं मिली। उन्होंने यह भी कहा कि 6 माइक्रोग्राम खुराक लेने वाले केवल 7% व्यक्तियों में ही कोरोनावायरस के हल्के लक्षण थे, हर्षवर्धन ने भारत बायोटेक के टीके से जुड़ी अन्य आशंकाओं को भी दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षणों के दूसरे चरण में और पहले चरण में जिन लोगों को टीका लगाया गया, उनमें ‘सीरोकंवर्जन’ नहीं पाया गया। सीरोकंवर्जन, वायरल संक्रमण के स्तर से बदलाव की वह प्रक्रिया है, जब वायरस की एंटीबॉडी रक्त में मौजूद रहती है

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की बैठक में युवाओं को सिखाया संगठन को मजबूत करने का पाठ

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हरिद्वार, 4 जनवरी ( कुल भूषण) मायापुर ब्लाक कांग्रेस की मासिक बैठक का महानगर कंग्रेस अध्यक्ष संजय अग्रवाल की अध्यक्षता व ब्लाक अध्यक्ष रवि कष्यप के में आहुत की गयी। बैठक में उपस्थित प्रदेश महासचिव डॉक्टर संजय पालीवाल ने कहा 2021 का पूरा वर्ष चुनावी वर्ष है कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी पूरी लगनता के साथ कांग्रेस को बूथ स्तर से लेकर वार्ड स्तरों तक एक एक कार्यकर्ता अपनी क्षमता के अनुसार कांग्रेस के लिए अपना पूरा साल समर्पित करें ताकि हरिद्वार में एवं प्रदेश में कांग्रेसी सरकार बने तो हमें गर्व हो कि सरकार बनाने में हमारी भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

संजय अग्रवाल एवं पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा की संगठन को ऐसी बैठक हर मासिक करनी चाहिए और प्रत्याशी चाहे कोई भी हो हमें कांग्रेस के लिए तन मन धन से कार्य करना है। ब्लॉक अध्यक्ष रवि कश्यप एवं मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने कहा कि अब समय आ गया है जनता को साथ लेकर एक एक कांग्रेसी को अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का।

बैठक को पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रविश भटीजा कैलाश भट्ट महावीर वशिष्ठ ने  भी सम्बोधित किया। बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रदीप अग्रवाल राजेंद्र नाथ गोस्वामी शिवकुमार व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष शिव कुमार कश्यप  डॉक्टर दिनेश पुंडीर  राहुल प्रियंका गांधी के ब्लॉक अध्यक्ष सनी मल्होत्रा  धर्मपाल सिंह अनिल शर्मा मधुकांत गिरी  शुभम जोशी  हिमांशु ठाकुर  विजय कुमार एवं समस्त ब्लॉक के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर पिछले वर्ष अक्टूबर माह में शुरू हुआ था मुख्यमंत्री त्वरित समाधान सेवा कार्यक्रम

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देहरादून, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए आमजन को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। यह सुनिश्चित करने के लिए माह अक्टूबर में शुरू किया गया मुख्यमंत्री त्वरित समाधान सेवा कार्यक्रम यानि सीएम क्यूआरटी(क्विक रेस्पॉन्स टीम) तेजी से अपने लक्ष्यों को हासिल करने की ओर अग्रसर है। बीते तीन माह में इस सेवा के जरिए 70 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की समस्याओं का निराकरण किया गया। जबकि शेष शिकायतों पर भी कार्यवाही गतिमान है।

उत्तराखंड सरकार की दूरगामी नीति के अंतर्गत जरूरतमंदों की बुनियादी समस्याओं के निदान की दिशा में गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार आदि शामिल हैं। राज्य सरकार का मानना है कि प्रदेश के निवासियों को मूलभूत सुविधाएं समय पर मिलें और कोशिश है कि सबकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति समय पर सुनिश्चित हो सके। यदि कहीं पर किसी की कोई शिकायत हो तो उसका तत्काल निदान किया जाए।

इसी उद्देश्य के साथ अक्टूबर माह में प्रदेश के सात जिलों में मुख्यमंत्री त्वरित समाधान सेवा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसमें जिला स्तर पर शिविरों का आयोजन जिलाधिकारी-सीडीओ के स्तर से किया जा रहा है। यूं तो 21 सितंबर को इस सेवा को शुरू किया गया लेकिन आधिकारिक रूप से जिलों में इस सेवा ने 1 अक्टूबर 2020 से कार्य करना प्रारंभ किया। तब से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक इस शिविरों के जरिए प्रदेशभर में लोगों की कुल 4025 शिकायतें विभिन्न विभागों को प्राप्त हुई जिनमें से 2904 शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है। यानि अब तक 70 प्रतिशत शिकायतों का निस्तरण किया जा चुका है।

इस विभागों की शिकायतों का हो रहा निदान

बिजली, सड़क, सिंचाई, वन, जलसंस्थान, पेयजल निगम, जल संस्थान, स्वजल, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास, कृषि विभाग, राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग, समाज कल्याण, उरेडा, जिला पंचायत, दूरसंचार, मंडी समिति, उद्यान विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि एवं भूमि संरक्षण, पर्यटन विभाग, पुलिस, पीएमजीएवाई, नलकूप विभाग, खाद्य आपूर्ति, उपकोषागार, ग्रामीण निर्माण विभाग, नगर पालिका आदि

अक्टूबर माह में निस्तारित समस्याएं

जिला       समस्या         निदान

पौड़ी        542           475

रूद्रप्रयाग    120             90

टिहरी       220            168

उत्तरकाशी   112             87

चमोली      167            100

नवंबर माह में निस्तारित समस्याएं

जिला       समस्या        निदान

पौड़ी        430          400

रूद्रप्रयाग     110          78

टिहरी       195          108

देहरादून     330          225

उत्तरकाशी   167           98

चमोली      221          178

दिसंबर माह में निस्तारित समस्याएं

जिला      समस्या       निदान

पौड़ी        697         500

रूद्रप्रयाग    157          90

टिहरी       282         147

देहरादून     275         160

उत्तरकाशी  267         179