Monday, June 23, 2025
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ट्रक-कार की टक्कर में परिवार के 6 लोगों की मौत, मेहंदीपुर बालाजी जा रहे थे दर्शन करने

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उत्तर प्रदेश के कन्नौज (Kannauj) में लखनऊ-आगर एक्सप्रेसवे (Lucknow Agra Expressway) पर तेज रफ्तार कार खड़े ट्रक में जा टकराई। हादसे में कार सवार छह लोगों की मौत हो गई। सभी मृतक एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कन्नौज में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर एक ट्रक खड़ा था। अंदेशा है कि कोहरा होने की वजह से कार ड्राइवर इसे देख नहीं सका और यह भीषण दुर्घटना घट गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं, जो कि मेहंदीपुर बालाजी दर्शन करने जा रहे थे। मृतकों की पहचान लखनऊ के बुधडिया थाना काकोरी निवासी ज्ञानेंद्र यादव (32), कलिया खेडा निवासी सोनू यादव (31), मोहित (36), प्रमोद यादव (35), सतेन्द्र यादव (18) और सूरज (15) के रूप में हुई है। मृतकों के परिजनों को घटना की सूचना देने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

2021-22 के बजट के छह स्तंभों में निपटने को तैयार होगा स्वस्थ भारत

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नई दिल्ली । 2020-21 के आर्थिक सर्वेक्षण की सिफारिश करते हुए बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में 137 फीसद की बढ़ोतरी की गई। बढ़े हुए बजट से पूरे देश में प्राइमरी (प्राथमिक), सेकेंडरी (द्वितीयक) और टर्सियरी (तृतीयक) स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही महामारी की पहचान और जांच के लिए अत्याधुनिक ढांचा तैयार किया जाएगा।

2021-22 के बजट के छह स्तंभों में स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखते हुए निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि आम लोगों को गुणवत्ता और सस्ता इलाज मुहैया कराने के लिए सिर्फ निजी क्षेत्र के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है, बल्कि सरकार इसकी जिम्मेदारी उठाने को तैयार है।

पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ्य भारत के नाम से योजना का ऐलान

सरकार की कोशिश सिर्फ बीमारियों के बेहतर इलाज का ढांचा तैयार करना नहीं है, बल्कि बीमारियों को होने के पहले से रोकने के उपायों पर समान रूप से जोर दिया जाएगा। वहीं, आम जनता के स्वस्थ्य सुखी जीवन के लिए 2018 में आयुष्मान भारत योजना के तहत खोले जा रहे हेल्थ और वेलनेस सेंटर के ढांचे को भी मजबूत किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांच के निर्माण के लिए ‘पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ्य भारत’ के नाम से नई योजना का ऐलान किया।

महामारी ने देश में स्वास्थ्य ढांचे की कमजोरियों को उजागर कर दिया। कोरोना की टेस्टिंग से लेकर इलाज की सुविधाओं का अभाव एक भयावह तस्वीर पेश कर रह रहे थे। लॉकडाउन से लेकर युद्ध स्तर पर शुरू की गई तैयारियों की वजह से भारत अन्य देशों की तुलना में कोरोना से निपटने में बेहतर स्थिति में जरूर है, लेकिन इसने स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को तत्काल मजबूत करने की जरूरत को नकारा नहीं जा सकता है।

बजट में एकमुश्त 137 फीसद की बढ़ोतरी

वित्तमंत्री ने कोरोना महामारी के संदेश को सही तरीके से लिया और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट के आवंटन को 2020-21 के 94,452 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 2,23,846 करोड़ कर दिया। 137 फीसद बढ़ोतरी के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में बजटीय आवंटन दो फीसद से ऊपर आ गया है। ध्यान देने की बात है कि 2017 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट का 2.5 से तीन फीसद आवंटन का लक्ष्य रखा गया था।

बजट में संक्रामक बीमारियों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए देश में सर्विलांस और टेस्ट का मजबूत ढांचा तैयार करने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत बीमारियों की टेस्टिंग, रिपोर्टिंग और मॉनीटरिंग का ब्लाक व जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कई लेबोरेटरी खोले जाएंगे। ऑनलाइन पोर्टल के सहारे देश के विभिन्न भागों में हो रही बीमारियों पर नजर रखी जाएगी।

मिडवाइफ कमीशन बिल पेश करने का ऐलान

नेशनल मेडिकल कमीशन के गठन कर दशकों से व्याप्त भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को खत्म करते हुए मेडिकल शिक्षा में सुधारों की राह आसान करने के बाद सरकार ने अब नर्सिंग शिक्षा में भी सुधार करने का मन बना लिया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके लिए इसी साल नर्सिंग व मिडवाइफ कमीशन बिल पेश करने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि नए बिल से देश में नर्सों और प्रशिक्षित दाइयों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा सरकार नेशनल हेल्थकेयर प्रोफेशनल के लिए राष्ट्रीय कमीशन बनाने का विधेयक पहले ही लोकसभा में पेश कर चुकी है।

कोरोना के चलते डगमगया UK, इकोनॉमी में आई 1709 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट

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लंदन. ब्रिटेन की इकोनॉमी (British Economy) को कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते 2020 में 300 से अधिक सालों में सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा. पिछले साल ब्रिटेन की इकोनॉमी में 9.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. महामारी के चलते ब्रिटेन में दुकान और रेस्टोरेंट बंद हो गए. इसके अलावा महामारी ने ट्रैवल इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग को तबाह कर दिया.

करीब 300 साल बाद आई इतनी बड़ी गिरावट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Office for National Statistics) ने शुक्रवार को कहा कि 2020 में आई आर्थिक गिरावट वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 2009 की गिरावट की तुलना में दो गुने से अधिक है. यह गिरावट 1709 के बाद की सबसे बड़ी है, जब ग्रेट फ्रॉस्ट के रूप में प्रसिद्ध सर्दियां पड़ी थीं. तब ब्रिटेन मुख्यत: कृषि आधारित इकोनॉमी था.

दुनिया भर के देशों ने महसूस किया है झटका
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा, ”आज के आंकड़े बताते हैं कि महामारी के परिणामस्वरूप इकोनॉमी को गहरा झटका लगा है, जिसे दुनिया भर के देशों ने महसूस किया है. हालांकि सर्दियों के दौरान इकोनॉमी के लचीलेपन के कुछ सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन हम जानते हैं कि वर्तमान लॉकडाउन का कई लोगों और व्यवसायों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है.”

सुनक ने कहा कि वह नौकरियों की सुरक्षा के लिए सालाना बजट भाषण में नई योजनाओं की घोषणा करेंगे. वह 3 मार्च को हाउस ऑफ कॉमन्स में बजट संबोधन देने वाले हैं.

फ्रांस के जीडीपी में 8.3 फीसदी की गिरावट
कोविड-19 ने अधिकांश अन्य औद्योगिक लोकतंत्रों (Industrialised Democracies) की तुलना में ब्रिटेन की इकोनॉमी को अधिक प्रभावित किया है. 2020 में फ्रांस के जीडीपी में 8.3 फीसदी, जर्मनी की इकोनॉमी में पांच फीसदी और अमेरिकी की जीडीपी में 3.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

बर्ड फ्लू से पॉल्ट्री उद्योग को ‘काफी नुकसान’, उत्पादों के उपभोग में आई ‘कमी’

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया कि बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) के हालिया प्रकोप के दौरान देश में लगभग 4.5 लाख पक्षियों को मारा गया और इससे पॉल्ट्री उद्योग को ”काफी नुकसान” हुआ तथा पॉल्ट्री उत्पादों के उपभोग में ”कमी” आई।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने कहा कि हालिया बर्ड फ्लू के प्रकोप के दौरान देश में अब तक कुल 4,49,271 पक्षियों को मारा गया है। इससे पॉल्ट्री उद्योग को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से पॉल् ट्री फार्म उद्योग को हुए नुकसान की मात्रा के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।

तथापि, पॉल्ट्री उद्योग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पोल् ट्री पक्षियों की मौत अथवा आबादी ह्रास के रूप में उद्योग को काफी नुकसान हुआ है।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बर्ड फ्लू के प्रसार के भय के कारण पॉल्ट्री तथा पॉल् ट्री उत्पादों के उपभोग में कमी आई है और इसके परिणमस्वरूप पॉल् ट्री अंडों और मांस की कीमत कम हो गई है। बालियान ने बताया कि देश भर में बर्ड फ्लू की निगरानी की जा रही है और मंत्रालय ने निगरानी तथा महामारी विज्ञान संबंधी जांच-पड़ताल करने के लिए राज्यों में केंद्रीय टीमों की तैनाती की है। हाल ही में केंद्र सरकार ने नौ राज्यों -केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब में पॉल्ट्री फार्म के पक्षियों में बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) की पुष्टि की थी।

पतंजलि योगपीठ : चमोली आपदा में अनाथ हुए बच्चों की लेगा जिम्मेदारी, संभव मदद का दिया आश्वासन

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हरिद्वार, चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर का हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आने से काफी जनधन का नुकसान हुआ और कई लोगों ने अपनी जान गवाई। इस विपदा की इस घड़ी में पतंजलि योगपीठ आगे आया है और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही पतंजलि द्वारा अनाथ हुए बच्चों का पालन पोषण और उन को अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी भी उठाई जाएगी।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री और बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि, जैसे ही चमोली में आपदा के बारे में जानकारी हुई तो मेरे द्वारा तुरंत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन किया और उनको हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। क्योंकि हम जानते हैं आपदा के बाद वहां की परिस्थिति क्या होती है। हमारे द्वारा पहले भी आपदा में कार्य किया गया था।

इनका कहना है कि, मेरी मुख्यमंत्री से इस आपदा में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी लेने की भी वार्ता की गई और पतंजलि उन बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ पालन पोषण की जिम्मेदारी भी उठाएगा। बालकृष्ण का कहना है कि, 2013 केदारनाथ आपदा के बाद 100 अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी हमारे द्वारा ली गई थी। उसमें से कुछ बच्चे चले गए, मगर अभी भी उनमें से बहुत सारे बच्चे पतंजलि योगपीठ में अच्छी शिक्षा ले रहे हैं। वही बालकृष्ण में इस आपदा में मारे गए लोगों के लिए भगवान से प्रार्थना की। उनके परिवार भी हिम्मत और साहस रखें और जितने भी मदद उन परिवार को चाहिए हम देने के लिए तैयार हैं।

2013 में केदारनाथ आपदा के बाद भी पतंजलि योगपीठ द्वारा काफी कार्य किया गया था और तकरीबन 100 से ऊपर बच्चे जो अनाथ हुए थे, उनकी अच्छी शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी पतंजलि योगपीठ द्वारा संभाली गई थी और आज भी वो बच्चे पतंजलि योगपीठ में अच्छी शिक्षा ले रहे हैं। इस आपदा के बाद पतंजलि योगपीठ एक बार फिर आगे आया है और अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी लेने के लिए खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने वार्ता की है।

‘धाद’ की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर आयोजित होंगे नौ दिवसीय कार्यक्रम

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देहरादून, सामाजिक संस्था धाद की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस 2021 के उपलक्ष्य में नौ दिन तक विभिन्न साहित्यिक और उत्तराखंड की लोकभाषा पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कविता, कहानी, नाटक, लोकगीत और ग़ज़ल विधा पर चर्चा की जाएगी। कोरोना काल को लेकर सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए अधिकांश कार्यक्रम आनलाइन होंगे। छात्रों के लिए लेखन प्रतियोगिता भी होगी।

 

धाद मातृभाषा एकांश के प्रभारी शांति प्रकश जिज्ञासु ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत 13 फरवरी से होगी। रोजाना शाम 6.30 बजे से धाद के फेसबुक पेज और यू ट्यूब पर इन कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य मातृभाषा को बढ़ावा देना और बच्चों में पढ़ने-लिखने की रुचि पैदा करना है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए इस दौरान लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

20 फरवरी को मातृभाषा दिवस की पूर्व संध्या पर शाम साढे चार बजे आम सभा और पोस्टर प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा 21 फरवरी को मुख्य कार्यक्रम मालदेवता स्थित स्मृति वन में होगा, जिसमें मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी होंगे। इस मौके पर रूम टु रीड द्वारा गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा की 15 कहानियों के रीडिंग कार्ड का लोकार्पण होगा।

साथ ही प्रदेश के २१ स्कूलों में एक कोना मेरी भाषा का के अंतर्गत उत्तराखड की भाषाओं की पुस्तक भेंट की जाएंगी। लाइव कार्यक्रमों में रूम तो रीड से सिम्मी सिक्का और पुष्पलता रावत कहानीकार मुकेश नौटियाल, कवि महावीर रवांल्टा, चंद्रशेखर तिवारी, बीना बेंजवाल, बीना कंडारी प्रेमलता सजवाण योगेश धस्माना, कथाकार महेशानंद, पुष्पा रावत, आशा रावत गढ़वाली साहित्यकार गीतेश नेगी, वीरेंद्र पंवार, रमाकांत बेंजवाल लोकगीतों पर रेखा धस्माना, मधु बेरिया और दीपाली प्रसन्ना कामेश बहुगुणा लोकनाट्य सेव् जुड़े डॉ राकेश भट्ट प्रो. डी आर. पुरोहित डॉ. नंदकिशोर हटवाल,डॉ. योगेश धस्माना,डॉ सुवर्ण रावत बाल साहित्य पर नंदकिशोर हटवाल प्रदीप बहुगुणा अत्रेश सायना, राकेश जुगरान उमेश चमोला आदि लोग जुड़ेंगे।

डोलियों की पूजा अर्चना के बाद पौराणिक बाजार की जातर शुरू, पुरोला में 15 दिवसीय मेला आरम्भ

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‘ओडारू-जखंडी देवता की डोलियों की अगुवाई में बाजार की जातर का आगाज। राम सिराईं कमल सिरांई थोक के 24 गांव के ईष्ट देवता हैं ओडारु-जखण्डी मटिया महासु महाराज’

उत्तरकाशी, पुरोला विकासखण्ड के रामा सिराई व कमल सिरांई के मुख्य बाजार नगर पंचायत क्षेत्र में लगने वाले बाजार की जातर व बसंतोत्सव मेले का शुक्रवार माघ मास की संक्रांति को कमल नदी के तट पर खेल मैदान में क्षेत्र के ईष्टदेव ओडारू-जखंडी देवता की पालकियों की पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ।

शुक्रवार को 43 गांव के ईष्ट देवताओं की पालकियां देवता के थान पुजेली कुमोला से ढोल नगाड़ों के साथ देवथल मंदिर व तहसील परिसर में पूजा अर्चना के बाद देव डोलियों की अगुवानी में मेला स्थल मैदान में पंहुच कर विधिवत सिंराई जातर का शुभारंभ हुआ।

रामा सिरांई व कमल सिरांई के 43 गांव की पौराणिक बाज़ार व सिरांई की जातर के प्रथम दिन दूरदराज गांव से आये दर्शकों ने मेले में ख़ूब आनंद उठाया वहीं महिलाओं ने दुकानों से रोजमर्रा के सामान खरिदारी की व बच्चों ने मेले में लगी चरखी,झूला,ड्रेगन ट्रैन आदि मनोरंजन का भी खुब आंनद उठाया।

मेला आयोजक नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने अतिथियों का आभार व्यक्त कर कहा कि मेले में कोविड19 महामारी को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है,बहार से आनेवाले व्यापारियों को कोरोना जांच रिपोर्ट साथ लाने को कहा गया।

उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों,गायकों,गांव के युवा प्रतिभाओं को सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने को प्रमुखता दी जायेगी साथ ही स्थानीय उत्पादन,रिंगाल काष्ठ -ऊन से बनें सामनों के भी मेले में स्टाल लगाये गयें हैं।

मेले में सरकार की पशुपालन,कृषि,बागवानी, स्वच्छता समेत पर्यावरण सुरक्षा आदि विभिन्न कार्यक्रमों के भी स्टाल लगा कर प्रचार प्रसार किया जायेगा।

मेले के उद्घाटन दिवस पर प्रमुख रीता पंवार ने जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं से रवांई की आतिथ्य सत्कार,रीतिरिवाज व पौराणिक संस्कृति,मेले त्योहारों के संरक्षण को बनाये रखने की अपील करते हुए मेले के सफल संचालन की कामना की।

मेला समिति के आयोजकों ने मुख्य अतिथियों एवम विशिष्ट अतिथियों प्रमुख रीता पंवार,पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष प्यारेलाल हिमानी,धरम सिंह नेगी,अम्मीचंद शाह, शोभाराम नौडियाल, बलदेव रावत आदि का स्वागत कर आभार व्यक्त किया।

मेले के उद्घाटन अवसर पर पार्षद शुष्मा चौहान,गीता पंवार धनवीरी, रजनी शाह,विनोद,भुवनेश्वर,बलदेव नेगी,पूर्व प्रमुख लोकेंद्र रावत,अरविंद पंवार,व्यापार मंडल अध्यक्ष जगमोहन नौडियाल,जयेन्द्र रावत,बिहारी लाल शाह,प्रधान संघ अध्यक्ष धर्मलाल दौरियाल,देवताओं के माली-पुजारी राजाराम,राम लाल,टीकाराम नौडियाल आदि सैकड़ों जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

नाबालिग को भगाने के आरोपी को राजस्थान से पुलिस ने किया गिरफ्तार

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-सांकेतिक तस्वीर

पौड़ी (प्रमोद खण्डूड़ी), पौड़ी: नाबालिग को भगाने के आरोपित युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नाबालिग आरोपित युवक के साथ ही रह रही थी। इस संबंध में नाबालिग के चाचा ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपित के खिलाफ पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

बीते वर्ष 31 दिसंबर को क्षेत्र के एक व्यक्ति ने कोतवाली पौड़ी में अपनी नाबालिग भतीजी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस को दी शिकायत में उक्त व्यक्ति ने बताया था कि उसकी नाबालिग भतीजी बिना बताए घर से कहीं चली गई है। इस संबंध में नाबालिग के चाचा ने एक व्यक्ति पर अपहरण का संदेह जताया था। प्रभारी कोतवाल महेश रावत ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस टीम ने आरोपित की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश भी दी थी। बीते बुधवार को कोतवाली पुलिस ने नाबालिग को कलविंदर निवासी अंधेड़ फार्म बूंदी राजस्थान के साथ कोटा शहर से बरामद किया। रावत ने बताया कि आरोपित कलविंदर के खिलाफ पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अग्रिम कार्यवाही की जा रही है

सीएमओ कार्यालय में चिकित्सक के साथ मारपीट, आरोपी कर्मचारी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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पौड़ी (प्रमोद खण्डूड़ी),पौड़ी सीएमओ कार्यालय परिसर में चिकित्सक के साथ मारपीट के आरोपित कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उक्त कर्मचारी के खिलाफ चिकित्सक ने पौड़ी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।

सीएचसी थलीसैंण में तैनात डा. संजय सिंह व वहीं तैनात कर्मचारी जितेंद्र भाकुनी के बीच लंबे समय से किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों के बीच विवाद की जानकारी पर मुख्यालय से कार्यवाही करते हुए डा. संजय को पोखड़ा विकासखंड स्थानांतरित कर दिया गया था। जबकि जितेंद्र को जनपद मुख्यालय संबद्ध कर दिया गया था। बुधवार को डा. संजय विभागीय कार्य के लिए मुख्यालय पहुंचे थे। यहां डा. संजय का सामना एक बार फिर जितेंद्र से हो गया। दोनों के आमने सामने होते ही एक बार फिर विवाद शुरू हुआ जो हाथापाई तक पहुंच गया था।

इस दौरान यहां मौजूद कर्मचारियों ने बीच बचाव कर इन्हें अलग किया। डा. संजय ने जितेंद्र के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। कोतवाल विनोद गुसाई ने बताया कि आरोपित कर्मचारी जितेंद्र भाकुनी सीएमओ कार्यालय में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत है। आरोपित को सीएमओ कार्यालय परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया है।

वनाग्नि प्रबंधन के लिए जल्द इन्टीग्रेटेड फायर कमांड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर की स्थापना की जायेगी-सीएम

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• वनाग्नि को बुझाने में जान गंवाने वाले फ्रंटलाईन फॉरेस्ट स्टॉफ के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रूपये की जायेगी।
• वनाग्नि प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर अपर प्रमुख वन संरक्षक को जिम्मेदारी दी जाए।
• वन कर्मियों के लिए आवासीय फॉरेस्ट लाईन्स का निर्माण किया जाय।
• वनाग्नि बुझाने के दौरान दो कार्मिकों के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

देहरादून , मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वन मुख्यालय देहरादून में वनाग्नि प्रबंधन एवं सुरक्षा की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन मुख्यालय पर तत्काल इन्टीग्रेटेड फायर कमांड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर की स्थापना की जाय। वनाग्नि प्रबंधन के लिए यह देश का पहला सेंटर होगा। इस सेंटर के माध्यम से सैटेलाईट से सीधे फायर संबंधित सूचनाओं को एकत्रित कर फील्ड लेबल तक पहुंचाने की व्यवस्था की जायेगी। इसमें फॉरेस्ट टोल फ्री नम्बर 1926 की व्यवस्था के साथ ही अन्य आधुनिक व्यवस्थाएं की जायेंगी। 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं तैयार रखी जाय। वनों एवं वन्यजीवों की रक्षा करना सबका दायित्व है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कैम्पा मद से प्राप्त बाईकों को हरी झण्डी दिखाई एवं स्टेट फायर प्लान प्रति का अनावरण भी किया।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि वनाग्नि को बुझाने में जान गंवाने वाले फ्रंटलाईन फॉरेस्ट स्टॉफ के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि 2.5 लाख से बढ़कार 15 लाख रूपये की जायेगी। गढ़वाल वन प्रभाग, पौड़ी के वनकर्मी श्री हरिमोहन सिंह एवं फॉरेस्टर श्री दिनेश लाल को वनाग्नि बुझाते समय कार्यों के निर्वहन के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी। बैठक शुरू होने से पूर्व इन दोनों कार्मिको के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए एक अपर प्रमुख वन संरक्षक स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाय। राज्य में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए इनके द्वारा मॉनिटरिंग की जायेगी। वनाग्नि प्रबंधन हेतु समय कंट्रोल बर्निंग (पहाड़ के टॉप से नीचे की ओर) तथा फॉरेस्ट फायर लाइंस के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसमें आ रही बाधाओं का जल्द निराकरण किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रंटलाईन फॉरेस्ट स्टॉफ वन सुरक्षा एवं प्रबंधन की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उनके लिए आवासीय फॉरेस्ट लाईन्स का निर्माण किया जाय।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रमुख सचिव वन एवं प्रमुख वन संरक्षक को निर्देश दिये कि एक सप्ताह में कैंपा परियोजना से सबंधित कार्ययोजना तैयार कर उसका प्रस्तुतीकरण दिया जाय। टोंगिया ग्रामों का प्रस्ताव भी एक सप्ताह में दिया जाय। वन्य जीवों से सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार के बजाय सोलर फेंसिंग पर अधिक ध्यान दिया जाय। यह कम लागत पर अधिक परिणामकारी है। वनाग्नि को रोकने के लिए लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं जागरूकता के कार्यक्रम किये जाए। स्थानीय लोगों को भी वनाग्नि को रोकने के लिए भागीदार बनाया जाय। वन पंचायतो को सक्रिय रखा जाय।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों एवं डीएफओ को निर्देश दिये कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए सभी व्यवस्थाएं तैयार रखी जाय। आवश्यक उपकरणों की पूर्ण व्यवस्था के साथ ही एसडीआरएफ मद से भी उपकरण ले सकते हैं। वनाग्नि को रोकने के लिए पिरूल एकत्रीकरण की व्यवस्था की जाए एवं समय-समय पर जिलाधिकारी के स्तर पर बैठकें आयोजित की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि वनाग्नि में जान गंवाने वालों को शीघ्र मानकों के अनुसार मुआवजा मिल जाय। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि फायर सीजन के दौरान वन विभाग के नियंत्रणाधीन वाहनों को अधिग्रहण न किया जाय।

बैठक में वन पंचायत सलाहकार परिषद के अध्यक्ष  वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी, प्रमुख सचिव  आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक  राजीव भरतरी, पीसीसीएफ वन पंचायत श्रीमती ज्योत्सना शितलिंग, अपर प्रमुख वन संरक्षक  डी. जे.के शर्मा,  कपिल राज,  आर के. मिश्रा, मुख्य वन संरक्षक  रमेश चन्द्रा,  बी. के. गांगटे,  सुशांत पटनायक, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।