हरिद्वार 19 अगस्त( कुलभूषण ) उत्तराखंड मेडीकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन हरिद्वार का गठन ब्लड बैंक हरिद्वार में प्रांतीय सचिव महावीर चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
जिसमे सुरेश बेलवाल को सर्वसम्मति से जिला अध्यक्ष बनाया गया।जिला सचिव अरविंद सैनी कोषाध्यक्ष सारिका कोठियाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष उपेंद्र पंवार उपाध्यक्ष प्रदीप मौर्या प्रवक्ता नितिन शर्मा संरक्षक संजय चन्दसौर्य उमेश वर्मा संगठन मंत्री अजय मौर्य संप्रेक्षक प्रकाश रावत सलाहकार नरेंद्र पाल सिंह चौहान को निर्विरोध निर्वाचित हुए।
इस अवसर पर पवन कश्यप उमेश सैनीप्रांतीय उपाध्यक्ष पंकज वर्मा उपस्थित थे।
उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन की जिला इकाई का गठन
गुरुकुल कांगड़ी के 10 छात्रा हुए इंटर्नशिप के लिए चयनित
हरिद्वार 19 अगस्त (कुलभूषण )गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट अधिकारी डा0 राजुल भारद्वाज ने बताया कि हाल ही में हिरेय एवं इंटर्नशाला ने विश्वविद्यालय के एम बी ए बी बी ए एवं बी टेक 2021 बैच के छात्रों को इंटर्नशिप के लिए चयनित करने हेतु ऑनलाईन ड्राइव किया। चयन प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात् हिरेय कम्पनी ने 8 छात्र जिसमें निखिल त्यागी पूर्णिमा गौर शिवानी विरमानी स्मृति हर्षित चौधरी मानव कुमार ओमेन्द्र प्रताप एवं राधव अग्रवाल को तथा इंटर्नशाला कम्पनी ने 02 छात्र जिसमें शिवम पंत एवं शिवानी विरमानी को चयनित घोषित किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रूप किशोर शास्त्री कुलसचिव डॉण् सुनील कुमार प्रोफेसर इनचार्ज प्रो पंकज मदान ने छात्रों के चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनायें दी हैं। इस अवसर पर प्लेसमेंट टीम से ओमेन्द्र विकास सक्सेना एवं मनोज शर्मा उपस्थित रहें
अलौकिक दिव्य शक्ति : टिहरी के बटखेम की मां कालिंका के दरबार में संकटों का चुटकियों में समाधान
( प्रेम पंचोली)
टिहरी, अलौकिक और दिव्य शक्ति का अनुपम दृश्य टिहरी जनपद के बटखेम गांव में देखने को मिल रहा है। हर रविवार को यहाँ मां कालिंका के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है। देव शक्ति का अद्भुत नजारा यह कि देव डोली झूलकर लोगों के संकट को बताती ही नही बल्कि उसके प्राकृतिक व आध्यात्मिक उपाय भी बताती है। देवडोली झूलती है, कभी कभी लोगों के संकट तथा उपायो को अपने छत्र के माध्यम से दीवाल पर लिख देती है जिसे मां के मुख्य पुजारी सुधीर बेलवाल समझते हैं।
उल्लेखनीय यह है कि माता के दरबार में सर्वाधिक निसंतान महिलायें संतान प्राप्ति के लिए पहुंचती है। खास बात यह है कि माता की डोली दरबार में पहुंची महिलाओं से एक एक कर बात करती है, उन्हें स्पर्श करती है और उपाय बताती है। दरबार में हर रविवार को 50 महिलाओं से अधिक की संख्या रहती है। इलाहबाद से आये आवंत कुमार द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने देशभर के सभी चिकित्सालयों में संतान प्राप्ति के लिए सात वर्ष तक उपचार करवाया, मगर उन्हें सफलता नही मिली। जब उन्हें टिहरी के बटखेम गांव में मां कालिंका के दरबार का मालूम हुआ तो वे यहां पहुंच गए। माता के बताए रास्ते पर चले और एक वर्ष के अंतराल में उन्हें संतान प्राप्ति हो गई।
टिहरी जनपद के देवप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत बंगारी गांव निवासी 65 वर्षीय सबल सिंह बंगारी व 55 वर्षीय चंखा देवी पति-पत्नी दोनो संतान बावत निराश हो गए थे। उन्हें जैसे मालूम हुआ कि मां कालिंका के दरबार में जाकर उन्हें संतान प्राप्ति हो सकती है। उन्होंने ने भी ढलती उम्र में माता के बताए रास्ते पर चलने का प्रण लिया, अतः उन्हें भी एक वर्ष में उनकी 55 वर्षीय पत्नी ने एक साथ तीन बच्चें जन दिए। उनका कहना है कि यह दिव्य शक्ति दुनिया के किसी भी कोने में नही है। यहाँ पहुंचे थत्यूड़ के मैड तल्ला गांव के मुकेश नौटियाल का कहना है कि माता के दरबार मे वे सभी निराश लोग खुश होकर लौटते है जिन्होंने अलग अलग खतरनाक समस्याओं का सामना किया है। उन्होंने बताया कि माता की डोली न कि सिर्फ पूजा आराधना की बात करती है बल्कि चिकित्सकीय उपायों की बात भी करती है। इधर देशभर के कोनों कोनों से आये लोग इसी बात को एक स्वर में कहते है। माता के दरबार में हर रविवार को लगभग 200 से अधिक लोग माथा टेकने व मन्नत पूरी करने आते हैं, अर्थात भूत, पिसाच, डायन या तांत्रिक आदि अदृश्य शक्तियों से परेशान लोग मां कालिंका के दरबार से मुक्ति पाकर घर लौटते हैं
कालिंका मां के मुख्य पुजारी सुधीर बेलवाल ने बताया पिछले नौ वर्षो में मां कालिंका के दरबार मे सैकड़ों लोग संतान प्राप्ति की मन्नत करने आये हैं। जिनमें से 644 दाम्पत्य को संतान प्राप्ति हो चुकी है। यह उनके रजिस्टर में भी अंकित है।
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-पाम ऑयल के क्रियान्वयन को मंजूरी दी
नईदिल्ली,। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ताड़ के तेल (पाम ऑयल) के लिये एक नये मिशन की शुरुआत को मंजूरी दी गई है, जिसका नाम राष्ट्रीय खाद्य तेल–पाम ऑयल मिशन (एनएमईओ-ओपी) है। यह केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना है और इसका फोकस पूर्वोत्तर के क्षेत्रों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर है। खाद्य तेलों की निर्भरता बड़े पैमाने पर आयात पर टिकी है, इसलिये यह जरूरी है कि देश में ही खाद्य तेलों के उत्पादन में तेजी लाई जाये। इसके लिये पाम ऑयल का रकबा और पैदावार बढ़ाना बहुत अहम है।
इस योजना के लिये 11,040 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें से केंद्र सरकार 8,844 करोड़ रुपये का वहन करेगी। इसमें 2,196 करोड़ रुपये राज्यों को वहन करना है। इसमें आय से अधिक खर्च होने की स्थिति में उस घाटे की भरपाई करने की भी व्यवस्था शामिल की गई है।
इस योजना के तहत, प्रस्ताव किया गया है कि वर्ष 2025-26 तक पाम ऑयल का रकबा 6.5 लाख हेक्टेयर बढ़ा दिया जाये और इस तरह आखिरकार 10 लाख हेक्टेयर रकबे का लक्ष्य पूरा कर लिया जाये। आशा की जाती है कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) की पैदावार 2025-26 तक 11.20 लाख टन और 2029-30 तक 28 लाख टन तक पहुंच जायेगी।
इस योजना से पाम ऑयल के किसानों को बहुत लाभ होगा, पूंजी निवेश में बढ़ोतरी होगी, रोजगार पैदा होंगे, आयात पर निर्भरता कम होगी और किसानों की आय भी बढ़ेगी।
वर्ष 1991-92 से भारत सरकार ने तिलहन और पाम ऑयल की पैदावार बढ़ाने के अनेक प्रयास किये थे। वर्ष 2014-15 में 275 लाख टन तिहलन का उत्पादन हुआ था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 365.65 लाख टन हो गया है। पाम ऑयल की पैदावार की क्षमता को मद्देनजर रखते हुये वर्ष 2020 में भारतीय तेल ताड़ अनुसंधान संस्थान (आईआईओपीआर) ने पाम ऑयल की खेती के लिये एक विश्लेषण किया था। उसने लगभग 28 लाख हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती के बारे में अपने विचार व्यक्त किये थे। लिहाजा, ताड़ के पौधे लगाने की अपार क्षमता मौजूद है, जिसके आधार पर कच्चे ताड़ के तेल की पैदावार भी बढ़ाई जा सकती है। मौजूदा समय में ताड़ की खेती के तहत केवल 3.70 लाख हेक्टेयर का रकबा ही आता है। अन्य तिलहनों की तुलना में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ताड़ के तेल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 10 से 46 गुना अधिक होता है। इसके अलावा एक हेक्टेयर की फसल से लगभग चार टन तेल निकलता है। इस तरह, इसकी खेती में बहुत संभावनाएं हैं।
उपरोक्त को ध्यान में रखें और यह तथ्य भी देखें कि आज भी लगभग 98 प्रतिशत कच्चा ताड़ का तेल आयात किया जाता है। इसे मद्देनजर रखते हुए योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि देश में ताड़ की खेती का रकबा और पैदावार बढ़ाई जाये। प्रस्तावित योजना में मौजूदा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तेल ताड़ कार्यक्रम को शामिल कर दिया जायेगा।
इस योजना में दो प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। पाम ऑयल के किसान ताजे फलों के गुच्छे (एफएफबी) तैयार करते हैं, जिनके बीज से तेल-उद्योग तेल निकालता है। इस समय इन एफएफबी की कीमतें सीपीओ के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में उतार-चढ़ाव के आधार पर तय होती हैं। पहली बार केंद्र सरकार इन एफएफबी की कीमत के लिए किसानों को आश्वासन दे रही है। यह व्यवहार्यता मूल्य (वीपी) कहलाएगा, यानी किसानों को कोई घाटा नहीं होने दिया जाएगा। इसके जरिये सीपीओ की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी। यह व्यवहार्यता मूल्य पिछले पांच वर्षों के दौरान वार्षिक औसत सीपीओ कीमत के आधार पर होगा तथा थोक मूल्य सूचकांक में दिये गये पाम ऑयल के आंकड़े में 14.3 प्रतिशत का इजाफा कर दिया जायेगा।
यानी व्यवहार्यता मूल्य इन दोनों को मिलाकर तय होगा। इसे तय करने की शुरुआत एक नवंबर से होगी और अगले वर्ष 31 अक्टूबर तक की अवधि तक जारी रहेगी, जिसे ‘पाम ऑयल वर्षÓ कहा जाता है। इस आश्वसन से भारत के ताड़ की खेती करने वाले किसानों में विश्वास पैदा होगा और वे खेती का रकबा बढ़ायेंगे। इस तरह ताड़ के तेल का उत्पादन भी बढ़ेगा। फार्मूला मूल्य (एफपी) भी निर्धारित किया जायेगा, जिसके तहत क्रेता-विक्रेता अग्रिम रूप से कीमतों पर राजी होंगे। यह महीने के आधार पर सीपीओ का 14.3 प्रतिशत होगा। अगर जरूरत पड़ी तो व्यवहार्यता मूल्य व फार्मूला मूल्य के आधार पर आय-व्यय के अंतराल की भरपाई की जायेगी, ताकि किसानों को घाटा न हो। इस धनराशि को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के रूप में सीधे किसानों के खातों में भेज दिया जायेगा।
किसानों को व्यवहार्यता अंतराल की भरपाई के रूप में आश्वासन दिया गया है। उद्योग सीपीओ कीमत का 14.3 प्रतिशत का भुगतान करेंगे, जो 15.3 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। योजना में यह प्रावधान भी किया गया है कि एक निश्चित अवधि के बाद नियम-कानून स्वत: समाप्त हो जायेंगे। इसकी तारीख एक नवंबर, 2037 तय की गई है। पूर्वोत्तर और अंडमान में इस सम्बन्ध में तेजी लाने के लिये केंद्र सरकार सीपीओ की दो प्रतिशत लागत अतिरिक्त रूप से वहन करेगी, ताकि यहां के किसानों को देश के अन्य स्थानों के किसानों के बराबर भुगतान सुनिश्चित हो सके। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित तौर-तरीकों को अपनाने वाले राज्यों को योजना में उल्लिखित व्यवहार्यता अंतराल भुगतान का लाभ मिलेगा। इसके लिये उन्हें केंद्र सरकार के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने होंगे।
योजना का दूसरा प्रमुख पहलू यह है कि विभिन्न तरह की भूमिकाओं और गतिविधियों में तेजी लाई जाये। ताड़ की खेती के लिये सहायता में भारी बढ़ोतरी की गई है। पहले प्रति हेक्टेयर 12 हजार रुपये दिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर 29 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। इसके अलावा रख-रखाव और फसलों के दौरान भी सहायता में बढ़ोतरी की गई है। पुराने बागों को दोबारा चालू करने के लिये 250 रुपये प्रति पौधा के हिसाब से विशेष सहायता दी जा रही है, यानी एक पौधा रोपने पर 250 रुपये मिलेंगे।
देश में पौधारोपण साजो-सामान की कमी को दूर करने के लिये, बीजों की पैदावार करने वाले बागों को सहायता दी जायेगी। इसके तहत भारत के अन्य स्थानों में 15 हेक्टेयर के लिये 80 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जायेगी, जबकि पूर्वोत्तर तथा अंडमान क्षेत्रों में यह सहायता राशि 15 हेक्टेयर पर एक करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसके अलावा शेष भारत में बीजों के बाग के लिये 40 लाख रुपये और पूर्वोत्तर तथा अंडमान क्षेत्रों के लिये 50 लाख रुपये तय किये गये हैं। पूर्वोत्तर और अंडमान को विशेष सहायता का भी प्रावधान है, जिसके तहत पहाड़ों पर सीढ़ीदार अर्धचंद्राकार में खेती, बायो-फेंसिंग और जमीन को खेती योग्य बनाने के साथ एकीकृत किसानी के लिये बंदोबस्त किये गये हैं। पूर्वोत्तर राज्यों और अंडमान के लिये उद्योगों को पूंजी सहायता के संदर्भ में पांच मीट्रिक टन प्रति घंटे के हिसाब से पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें यह भी देखा जायेगा कि अमुक समय में कितना काम हुआ और उसके हिसाब से क्षमता बढ़ाने का प्रावधान भी शामिल किया गया है। इस कदम से इन क्षेत्रों के प्रति उद्योग आकर्षित होंगे।
ट्रेन की चपेट में आने हाथी और उसके बच्चे की हुई मौत
हल्द्वानी, लालकुआं से रामनगर जा रही आगरा फोर्ट ट्रेन से दो हाथियों के कटने की खबर है, दोनों हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई है। सवन विभाग के अधिकारीगण मौके पर पहुंचे।
मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह तराई पूवी वन प्रभाग के पीपल पड़ाव रेंज में एक हाथी और उसका बच्चा ट्रेन की चपेट में आ गए , अपने साथियों के ट्रेन से हुई मौत से गुस्साए हाथियों ने रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर हटने का नाम नही ले रहे थे , लोको पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ट्रेन को बैक कर स्टेशन की ओर वापिस ले गया वहीं, घटना के बाद से वन विभाग और रेल प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे ,फिलहाल, वन विभाग के कर्मचारियों ने हाथी के झुंड को जंगल की ओर भगा दिया।
बताया जा रहा है कि ट्रेन लालकुआं से रामनगर के लिए रवाना हुई थी और सिडकुल स्टेशन से आगे तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपल पड़ाव रेंज में दो हाथी ट्रेन की चपेट में आ गए. घटना के बाद से अन्य हाथी उग्र हो गए और रेलवे ट्रैक पर ही खड़े रहे घना जंगल होने के चलते रेलवे प्रशासन और वन विभाग हाथियों को रेलवे ट्रैक से हटाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी।
मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त राहुल सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम द्वारा हाथियों के झुंड को जंगल की ओर भगा दिया गया है, ट्रेन की चपेट में आकर हाथी और उसके एक बच्चे की मौत हुई है उन्होनें बताया डॉक्टरों की टीम द्वारा मृत हाथियों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा
सिपाही ने गोली मारकर की आत्महत्या, मृतक कलेक्ट्रेट ट्रेजरी गार्ड में था तैनात
हरिद्वार, जनपद से एक सिपाही की आत्महत्या करने खबर है, मिली जानकारी के मुताबिक हरिद्वार में कलक्ट्रेट ट्रेजरी गार्ड में तैनात सिपाही ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर एसएसपी समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले की जांच में पुलिस जुटी है।
पुलिस के मुताबिक रोशनाबाद कोषागार के डबल लॉक की सुरक्षा गार्द में तैनात सिपाही सुनील कुमार ने सरकारी राइफल (थ्री नोट थ्री) से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर एसएसपी समेत आला अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया, एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस के मुताबिक सिपाही सिपाही सुनील कलक्ट्रेट के ट्रेजरी गार्ड में तैनात था। बुधवार की सुबह उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली, सूचना मिलते ही एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ सदर डॉक्टर विशाखा अशोक भदाणे समेत अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक सिपाही के बेटे का कुछ समय पहले एक्सीडेंट हुआ था और घर से भी तनाव चल रहा था।
बॉलीवुड के कई सितारे पहुंचे उत्तराखंड़, नैनीताल, देहरादून और मसूरी में होगी शूटिंग
देहरादून, उत्तराखण्ड़ की खूबसूरत वादियां अब बालीवुड को भाने लगी है, फिल्म निर्माता अब लगातार देवभूमि का रूख कर रहे है, आजकल फिल्मों की शूटिंग के लिए फिर बालीवुड के स्टार आने लगे हैं । अभिनेत्री तापसी पन्नू, राधिका आप्टे, मधुरिमा राय, अभिनेता विक्रांत मैसी, करण वाडवानी, राहुल राय अपनी-अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए उत्तराखंड पहुंचे हैं।
अभिनेत्री तापसी पन्नू जहां नैनीताल में फिल्म ‘ब्लर’ की शूटिंग कर रही हैं, वहीं अभिनेता विक्रांत मैसी और अभिनेत्री राधिका आप्टे देहरादून और मसूरी में फिल्म ‘फारेंसिंक’ की शूटिंग में व्यस्त हैं। वहीं, देहरादून और मसूरी में ही फिल्म ‘काबुम’ की शूटिंग भी चल रही है। काबुम में अभिनेता राहुल राय, करण वाडवानी और अभिनेत्री मधुरिमा राय भी अहम भूमिका निभा रहे हैं, अभिनेत्री तापसी पन्नू महिला प्रधान फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। नैनीताल में शूट हो रही फिल्म ‘ब्लर’ की कहानी भी महिलाओं पर बेस्ड है। यह तापसी के प्रोडेक्शन हाउस की पहली फिल्म है। नैनीताल समेत उसके आसपास के इलाकों में फिल्म की शूटिंग हो रही है। टीम यहां करीब 80 दिन फिल्म की शूटिंग करेगी ।
पर्वतों की रानी मसूरी और देहरादून में फिल्म ‘फारेंसिक’ की शूटिंग चल रही है। यह फिल्म थ्रिलर बेस्ड है। अभिनेता विक्रांम मैसी और अभिनेत्री राधिका आप्टे फिल्म में अहम भूमिका निभा रहे हैं। देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी की अलग-अलग लोकेशन में करीब चालीस दिन फिल्म की शूटिंग चलेगी।
देहरादून और मसूरी में शूट हो रही फिल्म ‘काबुम’ तीन दोस्तों की कहानी है। फिल्म में अभिनेता राहुल राय, करण वाडवानी और अभिनेत्री मधुरिमा राय भी महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में कैरियर को लेकर युवाओं की तैयारियों को दिखाया गया है। किस तरह से युवा अपना स्टार्टअप बनाते हैं और उन्हें सफलता मिलती है या नहीं, यह इस फिल्म में दिखाया गया है।
फिल्म में स्थानीय कलाकारों को भी मौका मिल रहा है। इस फिल्म के लिए स्थानीय स्तर पर आडिशन हुआ था |
बॉलीवुड : क्या कैटरीना कैफ और विकी कौशल ने सगाई कर ली, औपचारिक ऐलान अभी बाकी, पर चल रही रूमर्स
नई दिल्ली, बॉलीवुड में कई जोडियां गुपचुप तरीके शादी के बन्धन में बंध जाते और कुछ खुल कर ऐलान भी कर देते हैं और चर्चाओं में रहते हैं, फिर एक ऐसे की बाॕलीवुड से सगाई करने की खबरें आ रही है कि कैटरीना कैफ और विकी कौशल ने सगाई कर ली है, बॉलीवुड के गलियारों में इस खबर के आने से खलबली मच गई है, फिलहाल, सगाई की खबरों की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है | अभी इसे रूमर के तौर पर ही देखा जा रहा है |
कैटरीना कैफ ने विकी संग की सगाई ?
बता दें, विरल भयानी के इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया गया है. इसमें बताया गया, ‘सगाई की रूमर्स हैं. कहा जा रहा है कि दोनों ने रोका कर लिया है. आधिकारिक ऐलान का इंतजार है. तब तक के लिए ये खबरें रूमर्स, कैटरीना कैफ और विकी कौशल की सगाई में कितनी सच्चाई है ये आधिकारिक ऐलान के बाद ही पता चलेगा. वैसे विरल की ओर से इंस्टाग्राम पोस्ट डिलीट कर दिया गया है.
दोनों साथ होते हैं स्पॉट
बता दें, बीते महीनें भी ऐसी खबरें सामने आई थीं कैटरीना कैफ और विकी कौशल शादी करने वाले हैं. दोनों अपने अफेयर को लेकर चर्चा में बने रहते हैं, लेकिन दोनों ने आज तक अपने अफेयर की खबरों पर कभी बात नहीं की. दोनों अक्सर ही साथ स्पॉट किए जाते हैं. वहीं कई बार विकी कौशल को कैटरीना के घर के बाहर भी स्पॉट किया गया था. साथ ही दोनों के साथ वेकेशन पर जाने, सैलिब्रेशन करने की भी खूब चर्चाएं थीं |
दोनों की झोली में हैं कई फिल्में
वर्क फ्रंट की बात करें तो कैटरीना कैफ अब रोहित शेट्टी की डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘सूर्यवंशी’ में अक्षय कुमार के साथ नजर आएंगी. इसके अलावा वह ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी के साथ फिल्म ‘फोन भूत’ में नजर आएंगी. वहीं कटरीना कैफ, सलमान खान के साथ फिल्म ‘टाइगर 3’ में भी नजर आएंगी. वहीं विकी कौशल भी कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, उम्मीद है दोनों जल्द ही फिल्मी पर्दे पर भी साथ नजर आएंगे(साभारZee News Desk)|
महाराज ने की रक्षा मंत्री से शिष्टाचार भेंट, उत्तरकाशी स्थित जादूंग वैली को पर्यटकों के लिए खोलने पर हुई चर्चा
देहरादून, प्रदेश के पर्यटन लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बुधवार को देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट कर जनपद उत्तरकाशी स्थित जादूंग वैली को पर्यटकों लिए खोले जाने का अनुरोध किया।
प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बुधवार को देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से उनके नई दिल्ली स्थित कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान श्री महाराज ने उनसे 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सुरक्षा कारणों के चलते खाली कराए गए नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तरकाशी जनपद स्थित जादूंग गांव को पर्यटन की दृष्टि से खोलने का अनुरोध किया। रक्षा मंत्री ने श्री महाराज से कहा कि वह इस संबंध में शीघ्र प्रस्ताव बनाकर उन्हें दें। निश्चित रूप से इस पर विचार किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में सहयोग के लिए भी उनसे कहा। जिस पर उन्होंने उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से यह भी कहा कि डीआरडीओ के वैज्ञानिक ऐसे नकाब या हेलमेट बनाएं जिससे कि हवाई जहाज में हवा आने के स्थान से उनको जोड़ा जा सके। ऐसा करने से मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं रहेगी। श्री महाराज के सुझाव पर रक्षा मंत्री ने कहा कि वह डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को निश्चित रूप से यह काम सौंपेंगे।
उत्तराखंड में सेना में भर्ती के विषय में चर्चा करते हुए श्री सतपाल महाराज ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से कहा कि सेना में महिलाओं की भर्ती होनी चाहिए। इसके लिए देहरादून एवं हल्द्वानी में शीघ्र ही भर्ती कैंप आयोजित किए जाने चाहिए।
कोविड-19 टीकाकरण की शत प्रतिशत पहली डोज करने वाला जिला बना बागेश्वर
देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए बताया कि जनपद बागेश्वर एवं जनपद पौड़ी के विकास खण्ड खिर्सू द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु के समस्त नागरिकों का प्रथम डोज कोविड-19 टीकाकरण शत-प्रतिशत किया जा चुका है। जनपद बागेश्वर एवं विकास खण्ड खिर्सू को 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों हेतु दिया गया लक्ष्य (2011 सेन्सस के सापेक्ष 2021 की सम्भावित जनसंख्या) कमशः 172210 एवं 29374 है। जिसके सापेक्ष दिनांक 12 अगस्त, 2021 तक जनपद बागेश्वर एवं विकास खण्ड र्खिसू द्वारा क्रमशः 176776 एवं 37789 लाभार्थियों का प्रथम डोज़ टीकाकरण किया जा चुका है।
इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने विशेषकर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की जमकर सराहना की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि डॉ धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलते ही कोविड वैक्सीनशन कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किये। इसी का नतीजा है कि प्रदेश शतप्रतिशत वैक्सीनेशन की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डॉ रावत ने स्वास्थ्य में नई जान फूंक दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में देश में दुनिया का सबसे बङा कोविड टीकाकरण अभियान चल रहा है। प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड को विशेष सहयोग मिला है। इस महीने अभी तक 17 लाख डोज मिल चुकी हैं। हम दिसम्बर अंत तक उत्तराखंड मे शतप्रतिशत वैक्सीनैशन कर दिया जाएगा।
भारत सरकार के मार्ग दर्शन में 16 जनवरी 2021 से सफलता पूर्वक कोविड-19 टीकाकरण अभियान आयोजित कर रहा है। टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए लगातार राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। दिनांक 17 अगस्त 2021 के कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के अनुसार 45 वर्ष और उससे अधिक के लाभार्थियों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 2326374 (83% ) एवं द्वितीय खुराक 1336923 (48%) तथा 18 से 44 वर्ष के नागरिकों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 3027666 (61%) एवं द्वितीय खुराक 211958 (4%) है।
राज्य में आतिथि तक कोविड-19 टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत कुल 7435124 खुराक दी जा चुकी हैं। जिसमें प्रथम खुराक 5661943 (73% ) एवं द्वितीय खुराक 1773181 (23%) हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा जनपद बागेश्वर एवं विकास खण्ड र्खिसू को जनपदो से प्राप्त सूचना अनुसार राज्य में कोविड-19 टीकाकरण शत-प्रतिशत पूर्ण करने वाले प्रथम जनपद एवं विकास खण्ड के रूप में प्रमाणित किया गया एवं उपरोक्त उपलब्धियों की सराहना की गयी। इसी के क्रम में उक्त अभियान में जनपद बागेश्वर के जिला अधिकारी (श्री विनीत कुमार मीणा), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डा० सुनीता टम्टा), जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डा० प्रमोद सिंह जंगपांगी) एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों / कार्मिकों तथा जनपद पौडी के जिला अधिकारी (डा० के० विजयकुमार जोगडण्डे), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डा० मनोज शर्मा). जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डा० गम्भीर सिंह तालियान) एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों/ कार्मिकों को बधाई दी।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में योजनाबद्ध तरीके से कोविड टीकाकरण अभियान संचालित किया जा रहा है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों का सहयोग मिल रहा है। हमने दिसम्बर माह तक शतप्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। डॉ रावत ने कहा कि बागेश्वर जनपद और खिर्सू ब्लॉक में हमने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस लक्ष्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, डॉक्टर्स, नर्सेज और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।