Friday, May 16, 2025
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‘अर्बन ट्री क्लस्टर’अभियान का तीर्थनगरी में शुभारंभ, सत्गुरू माता सुदीक्षा की पहल पर 22 राज्यों के 280 शहरों चलाया जा रहा अभियान

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(सतीश पुण्डीर ) ऋषिकेश, स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर संत निरंकारी मिशन द्वारा शुरू किए गए अर्बन ट्री क्लस्टर’अभियान का तीर्थनगरी ऋषिकेश में भी शुरूआत हो गई। इसको लेकर देश भर में उत्साह का माहौल है।

सत्गुरू माता सुदीक्षा की पहल पर 22 राज्यों के 280 शहरों में चयनित लगभग 350 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है। जिसमें लगभग 1,50,000 वृक्षों का रोपण किया गया। इस महाअभियान में संत निरंकारी मिशन के सेवादारों एवं श्रद्धालुओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

इस मुहिम में संत निरंकारी मिशन के अतिरिक्त केंद्र व राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, शैक्षणिक संस्थान एवं आर. डब्ल्यू. ए. आदि के लोग भी सम्मिलित होंगे। इस अभियान का शुभारम्भ करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि प्राण वायु जो हमें इन वृक्षों से प्राप्त होती है धरती पर इसका संतुलन बनाने के लिए हमें स्थान स्थान पर वनों का निमार्ण करना आवश्यक है; जिससे कि अधिक मात्रा में आक्सीजन का निर्माण होगा और उतनी ही शुद्ध वायु प्राप्त होगी।

जिस प्रकार ‘वननेस वन’ का स्वरूप अनेकता में एकता का दृश्य प्रस्तुत करता है उसी प्रकार मानव को भी समस्त भेदभावों को भूलाकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के भाव में रहकर संसार को निखारते चले जाना है।
माता सुदीक्षा जी वर्ल्ड सीनियर सिटिजन डे का ज़िक्र करते हुए उदाहरण दिया कि जिस प्रकार बड़े, बुर्जुगों का आशीष हमारे लिए अनिवार्य है उसी प्रकार से वृक्ष भी हमारे जीवन के लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण है।

‘वननेस वन’ नाम की इस परियोजना के अन्तर्गत संपूर्ण भारत के भिन्न भिन्न स्थानों पर वृक्षों के समूह ;लगाये जायेंगे। जिनकी अधिक संख्या के प्रभाव से आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से बचेगा और स्थानीय तापमान भी नियंत्रित रहेगा। सभी वृक्षों को स्थानीय जलवायु एवं भौगोलिक परिवेश के अनुसार ही रोपा जायेगा।

संत निरंकारी मिशन के सेवादार वृक्षों को लगाने के उपरांत तीन वर्षो तक निरंतर उनकी देखभाल भी करेंगे। इसमें वृक्षों की सुरक्षा, खाद एवं जल की सुचारू रूप से व्यवस्था करना सम्मिलित है।

संत निरंकारी मिशन एवं ‘गिव मी ट्री’ संस्था के सहयोग द्वारा इतने बड़े स्तर पर ‘पर्यावरण संरक्षण’ की नींव रखी जा रही है। गिव मी ट्री’ संस्था द्वारा पिछले 44 वर्षों में 3.25 करोड़ से अधिक वृक्षों को लगाया गया।

संत निरंकारी मिशन एवं गिव मी ट्री’ संस्था का सहयोगात्मक प्रयास राष्ट्र को ‘पर्यावरण संरक्षण’ के उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक नया आयाम स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगा।संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मुक्ति पर्व दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह पर्व पूर्व की भांति वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया।

एक ओर सदियों की पराधीनता से मुक्त कराने वाले भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को इस दिनस्मरण करते हुए उन्हें नमन किया जाता है वहीं दूसरी ओर जन-जन की आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली दिव्य विभूतियाँ; जैसे शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी, जगत माता बुद्धवन्ती जी, निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी, सत्गुरू माता सविंदर हरदेव जी तथा अनेक ऐसे भक्तों को ‘मुक्ति पर्व’ के रुप में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है।

सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज द्वारा इस वर्ष 74वें अंतराष्ट्रीय निरंकारी संत समागम की तिथियां 27, 28 एवं 29 नवम्बर 2021 सुनिश्चित की गई हैं।सभी प्रभु प्रेमी समागम में आपसी मिलवर्तन की भावना से युक्त होकर स्वयं को इस निराकार से जोड़कर, संसार के लिए एक उदाहरण बनेंगे कि कैसे प्रभु की रज़ा में रहकर आनंद की अवस्था प्राप्त की जाती है।

इसी अवसर पर ऋषिकेश में डोबरा विस्थापित बारात घर परिसर में 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर ब्रांच ऋषिकेष द्धारा 75 विभिन्न परजातियों के पौधे रोपे गये। जिसमें नीम, अर्जून, चम्पा, अषोका, एरिकापाम, चांदनी आदि के पौधे लगाये गये। पौधे सुरक्षित रहे इसके लिए मिषन से जुडे परिवारों के महात्माओं को जिम्मेदारी दी गई पांच पांच पौधों की देख रेख उनके द्धारा की जाएगी। समय समय पर पानी खाद व खतपतवार से बचाव करते हुए तीन वर्ष तक उनकी देखभाल करेग। कार्यक्रम में क्षेत्रीय संचालक, संयोजक, संचालक, ज्ञान प्रचारक शिक्षक सेवादल अधिकारीयों ने सहभाग किया।

एम्स के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हुआ शुरू

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ॠषिकेश, कोविड वैक्सीन लगाने के लिए अब गर्भवती महिलाओं को अब प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। एम्स ऋषिकेश स्थित कोविड टीकाकरण केंद्र में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण शुरू हो गया है।

कोविड की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक नुकसान गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ा था। कारण यह है कि कोविड गाइडलाइन के अनुरूप उस समय गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड वैक्सीन अनुकूल नहीं बताई गई थी। लेकिन विभिन्न परीक्षणों के उपरांत स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई और गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण अभियान में शामिल करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रालय से सहमति मिल जाने के बाद अब एम्स ऋषिकेश के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सुविधा शुरू कर दी गई है। इस मौके पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन अनिवार्य रूप से लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह सभी के लिए सुरक्षित है, लिहाजा अब किसी भी स्टेज की गर्भवती महिला कोविड वैक्सीन लगा सकती है। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीन लगने से गर्भ में पल रहे बच्चे और गर्भवती महिला, दोनों को सुरक्षा कवच मिल सकेगा।

कोविड प्रतिरक्षा अभियान की अध्यक्ष और सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना जी ने बताया कि कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद है। गर्भवती महिला को कोविड संक्रमण होने पर मां और गर्भ में पल रहे बच्चे, दोनों को खतरा हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक गर्भवती महिला कोविड का टीकाकरण अनिवार्यरूप से कराए। उन्होंने बताया कि एम्स में कोविशील्ड और को-वैक्सीन दोनों वैक्सीन उपलब्ध हैं। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार जिन गर्भवती महिलाओं को पिछले 90 दिनों के दौरान कोविड संक्रमण नहीं हुआ हो और जिन्हें किसी प्रकार की एलर्जी की शिकायत नहीं हो, उन्हीं को यह वैक्सीन लगाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण केंद्र में वैक्सीन लगाने के लिए गर्भवती महिलाओं को वरीयता दी जा रही है।

एम्स के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के प्रभारी और सीएफएम विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह जी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में वैक्सीन की पहली डोज एम्स की नर्सिंग ऑफिसर सुशीला चौधरी को लगाई गई। टीकाकरण केंद्र में अब तक कुल 36 हजार 374 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अवकाश के दिनों में भी कोविड वैक्सीन लगाई जा रही है।

श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है रक्षा बंधन, बहनें भाइयों की सुख-समृद्धि के लिए बांधती कलाई पर ‘राखी’

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हिन्दुओं का पवित्र पर्व रक्षाबंधन श्रावन मास की पूर्णिमा को देशभर में मनाया जाता है। यह पर्व स्लोनो के नाम से भी जाना जाता है, फारसी में जिसका अर्थ है-नववर्ष का दिन।
इस दिन बहनें अपने भाइयों की सुख-समृद्धि के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधती है और कामना करती है कि हर खतरे और कठिनाई में यह राखी उनकी रक्षा करेगी। महाराष्ट्र में इस पर्व पर समुद्र को नारियल अप्रित किए जाते हैं इसलिए इस दिन को नारियली पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन नारियल फोड़कर किसी नये कार्य को आरम्भ करना शुभ माना जाता है। पारसी लोग इस दिन समुद्र को नारियल भेंट करके जल देवता की अर्चना करते हैं।

यह बात अत्यन्त रोचक है कि हमारे प्रत्येक सामाजिक एवं धार्मिक संस्कार – जन्म-मृत्यु, पूजा-पाठ, विवाह, व्रत और त्यौहार – के साथ नारियल जुड़ा है। क्या कभी हमने सोचा है कि उसके पीछे क्या कारण है? यदि हम नारियल को ध्यान से देखें तो हमें इसके ऊपर तीन आँखें बनी हुई दिखती हैं जिसमें तीसरी आँख, शिवनेत्र का द्योतक है जो कि दोनों आँखों के मध्य स्थित दिव्य-चक्षु का स्मरण कराता है। नारियल के मीठे पानी का स्वाद पाने के लिए हमें उसमें छेद करना होगा। इसी तरह अपने भीतर स्थित प्रभु को पाने के लिए हमारी तीसरी आँख का खुलना जरूरी है।

गुरू से ग्रहण किए गए मंत्र में निहित संदेश की याद दिलाता है और वो है आत्म-ज्ञान की प्राप्ति एवं प्रभु का साक्षात्कार। एक पूर्ण सत्गुरु प्रभु-प्राप्ति के लक्ष्य को पाने में मददगार होता है और हर प्रकार से शिष्य की रक्षा और संभाल करता है।
एक बहन जब अपने भाई को राखी बाँधती है तो वह उसकी रक्षा करने का वचन देता है। लेकिन भाई की रक्षा कौन करेगा? कौन है जो इस जीवन में और इसके बाद हमारी रक्षा करने में समर्थ है? केवल एक सच्चा गुरु, जीवन के उतार-चढ़ाव और संकट में हमारी सहायता करता है।

वह हमें दीक्षा देकर एक अदृश्य रक्षाबंधन से बाँध देता है जो पल-पल हमारी रक्षा करता है। पूर्ण सत्गुरु से दीक्षा पाना, यह सुनिश्चित करना है कि हम जन्म-मृत्यु के चक्र से छूटकर, जीते-जी मोक्ष प्राप्त करें। हमारे सत्गुरु, दया और करुणा से भरकर हमें दीक्षा का वरदान देते हैं। वह अपनी तेजोमयी शक्ति से हमें उभारते है ताकि हमारा ध्यान सिमटकर शिवनेत्र पर एकाग्र हो सके। बाइबिल में आता है, ‘यदि तुम्हारी दो आँखों की एक आँख बन जाए तो तुम्हारा संपूर्ण अस्तित्व ज्योतिर्मय हो उठेगा।’ समर्थ सत्गुरु हमें सिद्ध मंत्र देकर, हमारे मन को शांत करता है और हमें इस योग्य बनाता है कि हम आत्मा के केन्द्र दिव्य चक्षु पर ध्यान केन्द्रित कर सकें।

इस बिन्दु पर ध्यान केन्द्रित होने के बाद हम अपने अन्तर में दिव्य मण्डलों की ज्योति और अनहद संगीत का अनुभव करते है। अंतरीय ज्योति एवं शब्द पर निरंतर ध्यान एकाग्र करने से हमारी आत्मा देहाभास से ऊपर उठकर दिव्य मण्डलों में प्रवेश करती है। वहाँ सत्गुरु के ज्योतिर्मय स्वरूप से उसका मिलाप होता है। जो आत्मा को उच्च आध्यात्मिक मंडलों में ले जाते हैं अर्थात स्थूल, सूक्ष्म, और कारण मण्डलों के परे आत्मा के स्रोत, परमात्मा तक। ये दिव्य मण्डल, शांति एवं आनन्द से पूर्ण हैं। देहरूपी पिंजरे से बाहर आकर हमारी खुशी का पारावार नहीं रहता और हम एक पक्षी की भाँति उच्च से उच्चतर रूहानी मण्डलों में पर्वाज़ करने लगते हैं।

दिव्य चेतनता से भरपूर इन मण्डलों में पहुँचकर जो नशा और मदहोशी हमें मिलती है, शब्दों में उसका वर्णन सम्भव नहीं है। अपने स्रोत, परमात्मा से मिलकर जो परम आनन्द आत्मा को मिलता है वह अतुलनीय और वर्णनातीत है। तब दोनों मिलकर एक हो जाते हैं। यह दिव्य आनन्द और खुशी की अवस्था है। यही हमारे जीवन का परम लक्ष्य है। इस प्रकार का आत्मिक अनुभव और रक्षाबंधन हमें किसी सगे-संबंधी से नहीं मिल सकता। एक संत-सत्गुरु हमें आवागमन के चक्र से छुड़ाकर हमारे जीवन को सार्थक बनाता है। इस तरह वह हमारा सच्चा रक्षाबंधन करता है तथा इस जीवन में और इस जीवन के बाद भी हमारी रक्षा करता है।H.H. Sant Rajinder Singh Ji Maharaj in Chandigarh | NewZNew

(संत राजिन्दर सिंह जी महाराज)

ऋतु परिवर्तन से केवल मनुष्य ही नहीं सभी प्राणी प्रभावित होते है :  डा भटट

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हरिद्वार 21 अगस्त( कुलभूषण) गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के अन्तर्राष्ट्रीय पक्षी वैज्ञानिक वं  एमेरिटस (सेवानिवृति के बाद विष्वविद्यालय को ष्षोध के क्षेत्र में योगदान कर रहे। प्रोफेसर दिनेश भट्ट की टीम पक्षियों के संवाद एवं प्रजनन पर विगत कई वर्षों से शोधरत  है प् प्रोफेसर दिनेश भट्ट ने बताया कि ऋतु परिवर्तन से केवल मनुष्य ही नहीं अपितु सभी प्राणी प्रभावित होते हैं । ग्रीष्म ऋतु में 21 जून ;जिस दिन उत्तरी गोलार्ध पर सूर्य की रोशनी सबसे अधिक देर तक रहती हैद्ध के बाद बया पक्षी में प्रजनन की इच्छा जागृत करने वाले हार्मोन जैसे एलएचए एफ एस एच एवं टेस्स्टटीरॉन का स्राव होने लगता है और नर बया पक्षी (विबर बर्डद्) के सिरए गर्दन एवं चेस्ट का भाग चटक पीला हो जाता है और नर मादा की तुलना में ज्यादा आकर्षक लगने लगता है ।

प्रोफेसर भट्ट ने  पक्षियों की जैविक घड़ी पर भी अध्ययन किया है अनुसार बरसात में प्रजनन में लिप्त होने का कार्य जैविक घड़ी के अधीन हैंप् यह घड़ी दिनमान व तापमान के घटते बढ़ते क्रम के अनुरूप पक्षियों को टाइम और सीजन बता कर उनके मस्तिष्क को सक्रिय करती है और तभी हार्मोन निकलते हैं। यूं तो उत्तर भारत में अधिकांश पक्षी जैसे कोयल मैगपाई रोबिन सनबर्ड इत्यादि वसंत ऋतु में दिनमान के बढ़ने के कारण गायनवादन के साथ प्रजनन शुरू करते हैं  किंतु कुछ पक्षी प्रजातियां जैसे स्पॉटेड मुनिया और बया दिनमान अधिकतम पहुंचने के बाद वर्षा ऋतु  में ही प्रजनन करती हैंप् ताकि वर्षा ऋतु के बाद धानए कंगनी व समां इत्यादि फसलों के बीज इनके बच्चों को भोजन के रूप में खिलाया जा सके ।
प्रोफेसर दिनेश भट्ट ने बताया कि यह प्रकृति की एक विचित्र देन है कि लगभग हर पक्षी प्रजाति को आंतरिक जैविक घडी से यह ज्ञात हो जाता है कि प्रजनन कब करना है। उसी के अनुसार ऋतु का चयनए नर मादा पेयरिंग और घोंसला निर्माण का कार्य प्रारंभ होता है।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पक्षीविद डॉ विनय ने बताया कि बया का घोंसला पक्षी प्रजातियों में सबसे अनोखाए इंजीनियरिंग की दृष्टि से बेजोड़ अटूट एवं आंधी तूफान व  बरसात से अप्रभावित रहता है। घोंसले का निर्माण नर पक्षी द्वारा किया जाता है।

घोंसले के अर्ध . निर्माण के बाद मादाएं घोसले का निरीक्षण करती हैं। यदि निरीक्षण में घोंसला फिट पाया गया तो मादा उस नर के साथ प्रजनन हेतु पेयरिंग कर लेती है। घोंसला रिजेक्ट करने पर मादा अन्य नरो के घोसले का निरीक्षण करती है और अनुकूल घोंसला पाने पर नर को घोंसला पूर्ण करने का संकेत देती है और इस तरह प्रजनन के लिए दोस्ती हो जाती है। इसके बाद मादा बया भी घोंसले के ब्रूड चेम्बर को सजाने एवं सवारने का कार्य करती है।

प्रोफेसर भट्ट की शोध टीम ने अवगत कराया कि बया पक्षी समूह में घोंसला बनाती है ताकि प्रिडेटरों यानी शिकारी जन्तुओ से सामूहिक रूप से रक्षा की जा सके। उत्तर भारत में बया द्वारा प्रायः बेरए अकेसिया या अन्य कटीले पेड़ पर घोंसला बनाया जाता है ताकि सांप और चील इत्यादि पेड़ पर ना आ सके। घोंसले का निचला हिस्सा लंबा और एंट्री भी यहीं से होती है। घोंसले के मध्य भाग में ब्रूड चेंबर होता है जिसमें अंडे दिए जाते हैं और चूजों का लालन.पालन होता है।
प्रोफ़ेसर भट्ट की शोध टीम ने बताया कि बया उत्तराखंड के हिमालयी  क्षेत्रों में नहीं पाई जाती है।

इसका विस्तार केवल तराई क्षेत्र तक ही सीमित है। टीम ने अपने सर्वेक्षण में बया के कुछ घोसलों  में जुगनू को जगमगाते हुए देखा है। दुर्भाग्य से जुगनू तो कई क्षेत्रों से विलुप्त हो चुके हैं। प्रोफ़ेसर भट्ट की टीम द्वारा उत्तराखंड में किया गया वर्तमान सर्वेक्षण  व  मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी का अध्ययन बताता है कि बया के घोसले के समूह में भी कमी आई है। प्रोफेसर भट्ट की शोध टीम ने बया के प्रजनन व्यवहार में परिवर्तन भी पाया है।  अब नर बया पेड़ों की जगह बिजली और टेलीफोन के तारों पर भी नेस्ट बनाने लगी है। यह शोध कार्य सन 2022 में डरबन में आयोजित होने वाली ष्वर्ल्ड ओर्निथोलॉजिकल कांग्रेसष् में प्रस्तुतीकरण हेतु भेजा जा रहा है। पक्षी संवाद एवं विविधता शोध टीम में पारुल रेखा आशीष शिप्रा सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

 शांतिकुंज से पुराना नाता जेपी नड्डा

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हरिद्वार 21 अगस्त( कुलभूषण) दो दिवसीय प्रवास पर आये भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नडडा ने  षांतिकुज पहुच गायत्री परिवार प्रमुख व देव संस्कृति विष्वविद्यालय के कुलाधिपति डा प्रणव पाण्डया व गायत्री परिवार की अध्यक्षा षैल जीजी के साथ भेट की । इस मौके पर डा0 पाण्डया ने ष्षातिकुंज पहुचने पर जे पी नडडा का स्वागत किया इस मौके पर उनके साथ प्रदेष के मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी प्रदेष भाजपा अध्यक्ष मदन कौषिक उपस्थित रहे।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एप्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सहित सभी आगंतुक शांतिकुंज में गायत्री परिवार प्रमुख संग रात्रि भोज लिया। गायत्री परिवार प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या ने  पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित पुस्तके  भेंट स्वरूप जेपी नड्डा  पुष्कर धामी  और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को भेट की।
इस अवसर पर शांतिकुंज की स्वर्ण जयंती के अवसर पोस्टल विभाग द्वारा  जारी डाक टिकट का स्मृति चिन्ह प्रतीक को भेंट स्वरूप दिया गया।

इस मौके पर जे पी नडडा ने कहा कि उनका शांतिकुंज से पुराना नाता है। उनकी दीक्षा भी यहीं संपन्न हुई।छात्र जीवन का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बुआ गायत्री परिवार से लंबे समय से जुड़ी हैं। जब भी उनके घर जाते हैं शांति कुंज की ओर से प्रकाशित अखंड ज्योति पत्रिका का अध्ययन करने का अवसर मिलता है।इस अवसर पर शांतिकुंज के व्यवस्थापक महेंद्र शर्मा एदेव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या     उपस्थित  थे।

हरिद्वार : दुष्कर्म की शिकार मृतक बच्ची को कांग्रेस अनुसूचित विभाग ने दी गई श्रद्धांजलि

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हरिद्वार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नौ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म कर जलाने पर कांग्रेस अनुसूचित विभाग ने दुख जताया। जिला अध्यक्ष सुनील कुमार के नेतृत्व में शोक सभा का आयोजन कर मृतक बच्ची को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी सरकार में दलितों का उत्पीड़न दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।

जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी इस प्रकरण में शामिल हैं उनके खिलाफ कार्यवाही कर फांसी दी जाए। बीजेपी सरकार महिलाओं, बच्चों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा फोटो के लिए दलितों के घर खाना खाने जाते हैं लेकिन दलित की बेटी को न्याय के लिए एक शब्द नहीं बोलेंगे। बीजेपी की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है। सेवादल प्रदेश प्रवक्ता विशाल राठौर जिला सचिव अजय मुखिया ने कहा कि दिल्ली में दलित महिलाएं और बच्चो का शोषण हो रहा है।

दलितों के खिलाफ साजिश की जा रही है। सरकार और कोर्ट जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। कार्यकर्ताओं ने मृतक की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद के उत्तराखंड प्रदेश संगठन प्रभारी गीताराम जायसवाल, कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार गौतम, पुनित कुमार, अनुज कुमार, रोहित रवि, विशाल काठी, मनीष कुमार, सुभाष दाबडे, सूरज कुमार, अमित काका, मांगेराम, कुलदीप, राहुल कुमार, सौरभ कुमार, सोनू कुमार, वंश कुमार, पोपिन कुमार, आकाश कुमार, चांद आदि उपस्थित रहे।

पेट्रोल, रसोई गैस के लगातर बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस ने फूंका प्रदेश भर में केन्द्र सरकार पुतला

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देहरादून, रसोई गैस , पेट्रोल समेत तमाम वस्तुओं के लगातार बढ़ रहे दामों को लेकर आज कांग्रेस द्वारा प्रदेश भर में केन्द्र सरकार का पुतला दहन किया गया, इस मौके पर राजधानी देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे, इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र व राज्य सरकार पर बढ़ती महंगाई को लेकर हमला बोलते हुए कहा देश में लगातार महंगाई बढ़ रही है जिससे आम आदमी परेशान है हम विरोध के लिए विरोध नही कर रहे है हम रचनात्मक विपक्ष है , इसलिए राहुल के नेतृत्व में यह राष्ट्र व्यापी अभियान जारी रहेगा और हमारी पार्टी सत्ता में आएगी तो हम रसोई गैस के दाम को कम करने का काम करेंगे और प्रत्येक महीने प्रत्येक परिवार को ₹200 की सब्सिडी देने का काम करेंगे।

बेबाकी से तर्क-वितर्क कर रिसिका और अदिति ने जीता पुरस्कार

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देहरादून। अकेशिया पब्लिक स्कूल, नेहरुग्राम में आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में स्कूल के बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कक्षा सात की रिसिका रावत और कक्षा आठ की छात्रा अदिति गुसांई ने बेबाकी से तर्क-वितर्क कर प्रतियोगिता का खिताब जीता। जबकि शताक्षी पेन्यूली और दीप्ति नौटियाल ने दूसरा और ओजस्वी रावत व भूमिका कैन्थुरा तीसरे स्थान पर रहे।

शनिवार को आयोजित प्रतियोगिता में विभिन्न विषय पर बच्चों ने अपने विचार रखे। इस मौके पर विद्यालय के निदेशक मनमीत सिंह ढिल्लन ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्ददेश्य बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच उपलब्ध कराना था।

स्कूल के प्रधानाचार्य जॉन डेविड नन्दा ने विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में ममता फरस्वाण, स्टेला दास और रमनदीप कौर ने निर्णायक की भूमिका निभाई।

बदले गए ये दो प्रीपेड प्लान, एक में अब 100GB एडिशनल डेटा, दूसरे में 60 दिन की ज्यादा वैलिडिटी

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नई दिल्ली, सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपने दो एनुअल प्रीपेड प्लान्स में बदलाव किया है. ये बदलाव कंपनी के 1999 रुपये और 2399 रुपये वाले प्लान में अब ग्राहकों को 60 दिन की एडिशनल वैलिडिटी मिलेगी. इसी तरह 1,999 रुपये वाले प्लान में डेटा को लेकर बदलाव देखने को मिलेंगे. BSNL के 1999 रुपये वाले प्लान की बात करें तो इसमें पहले 500GB रेगुलर डेटा और 100GB एडिशनल डेटा ऑफर के तहत दिया जाता था.

हालांकि, अब से इस प्लान में टोटल 600GB रेगुलर डेटा ग्राहकों को ऑफर किया जाएगा. इस लिमिट के बाद इंटरनेट चलना जारी रहेगा. लेकिन, स्पीड घटकर 80kbps हो जाएगी. ऑफर का फायदा शुरुआती 90 दिनों के भीतर रिचार्ज करने वाले ग्राहकों को मिलेगा. इसी तरह BSNL के 2399 रुपये वाले प्लान के बारे में बात करें तो अब इस प्लान में ग्राहकों को 60 दिन की वैलिडिटी ज्यादा मिलेगी. पहले ये प्लान 365 दिन की वैलिडिटी के साथ आता था. हालांकि, अब इसमें ग्राहकों को टोटल 425 दिन की वैलिडिटी दी जा रही है.

इस प्लान में ग्राहकों को रोज 3GB डेटा ऑफर किया जाता है. इस लिमिट के बाद भी इंटरनेट मिलना जारी रहता है. लेकिन, स्पीड घटकर 80Kbps हो जाती है. साछ ही इस प्लान में ग्राहों को रोज 100SMS, अनलिमिटेड कॉल्स और BSNL ट्यून्स का एक्सेस भी दिया जाता है. इन सबके अलावा 425 दिन के लिए Eros Now का एक्सेस भी ग्राहकों को इस प्लान के जरिए मिलेगा.

अनैतिक देह व्यापार का खुलासा, तीन महिलाओं समेत दो पुरुष गिरफ्तार

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देहरादून : डॉ. योगेंद्र सिंह रावत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा जनपद में अपराधों की रोकथाम व अनैतिक देह व्यापार में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए जिस क्रम में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व क्षेत्राधिकारी प्रेमनगर देहरादून द्वारा थाना प्रभारी थाना सेलाकुई को कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। उच्च अधिकारीगण से प्राप्त आदेशों व निर्देशों के अनुपालन में थाना सेलाकुई पुलीस द्वारा थानाक्षेत्रांतर्गत अवैध देह व्यापार में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही हेतु सूचना तंत्र को मजबूत कर मुखबिर मामूर करते हुए एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल से सम्पर्क स्थापित कर एक संयुक्त पुलिस टीम बनाकर आवश्यक कार्यवाही हेतु क्षेत्र मे रवाना हुए और वाच एण्ड वाच किया गया।

जिसके क्रम में दिनांक 20-08-21 को मध्य रात्रि मे मुखबिर द्वारा जानकारी मिली की थाना सेलाकुई क्षेत्रांतर्गत चौहान वाली गली बांयाखाला में अवैध देह व्यापार का धंधा किया जा रहा है तथा इस काम की सरगना पायल मित्तल व इस्तियाक उर्फ राज है ! इस सूचना पर व.उ.नि आलोक गौड थाना सेलाकुई द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए थाना स्तर पर एक टीम गठित कर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट देहरादून को अवगत कराया गया तत्पश्चात थाना सेलाकुई एवंम एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग युनिट देहरादून की संयुक्त टीम के साथ बांयाखाला चौहान वाली गली मे स्थित पायल मित्तल के मकान पर दबिश दी गई जहां पर दो अलग अलग कमरो में तीन महिला व दो पुरुष आपत्तिजनक अवस्था में पाए गए पूछताछ करने पर सरगना पायल मित्तल द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा यह मकान कुछ समय पहले लिया था महिला के पति का लगभग 2 वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है और उक्त महिला सेलाकुई में कॉस्मेटिक की दुकान चलाती है अधिक पैसा कमाने के लालच में महिला द्वारा अपने मकान मैं अवैध व्यापार का धंधा चलाया जा रहा था उक्त महिला के कुछ महिलाओं व पुरुषो से भी संपर्क है जो अवैध व्यापार के धंधे में संलिप्त है उक्त महिला उनसे फोन पर संपर्क कर सेलाकुई स्थित अपने घर में बुलाती है और अभियुक्त इस्तियाक उर्फ राज भी ग्राहकों से संपर्क कर उनको घर तक लाने में महिला का साथ देता है।

उक्त घिनौने अपराध मे आने वाली महिलाओं/लड़कियों को ग्राहकों से मिलने वाले पैसे का 50% दिया जाता है साथ ही बताया कि हम लोग इसी से अपना जीवन यापन करते हैं। 19 अगस्त को दिल्ली से एक लड़की प्रियंका सिंह को दिल्ली व तरन्नुम को सहारनपुर से इनके द्वारा बुलाया गया।
जिस पर अभियुक्त गण को उक्त महिलाअो के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया पकड़े गए अभियुक्तगणो से उनके द्वारा ग्राहकों को बुलाने के लिए प्रयोग किए जा रहे मोबाइल फोन एवं अवैध सामग्री बरामदगी की गई इन महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा देवभूमि की छवि को धूमिल करने के लिए गैर प्रांत से आकर अनैतिक देह व्यापार किया जा रहा था जिनके धारा 3/ 4/5/6 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 में गिरफ्तार किया गया और अभियुक्त गण के विरुद्ध थाना सेलाकुई पर अभियोग पंजीकृत किया गया अभियुक्त गणों को माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा ह।

नाम पता अभियुक्त गण
1. पायल मित्तल पत्नी नवीन मित्तल निवासी चौहान वाली गली बाया खाला थाना सेलाकुई जनपद देहरादून उम्र 37 वर्ष सरगना
2. प्रियंका सिंह पुत्री सोहन सिंह निवासी 28/76 कस्तूरबा नगर थाना विवेक बिहार शहादरा दिल्ली उम्र 29 वर्ष
3. तरन्नुम पुत्री नसीम निवासी सिराज कालोनी निकट जमलरोड मदरसा थाना मंगे जनपद. सहारनपुर उत्तर प्रदेश उम्र 29 वर्ष
4. इस्तियाक उर्फ राज पुत्र. निसार अहमद निवासी ग्राम ढाकी थाना सहसपुर जनपद देहरादून. उम्र 35 वर्ष

5. अक्षय वर्मा पुत्र. देवेश वर्मा निवासी खेखडा बडागांव थाना बागपत कोतवाली जनपद. बागपत उत्तर प्रदेश उम्र 30 वर्ष

माल बरामदगी का विवरण
1.दो मोबाइल फोन
2. अवैध सामग्री
3. 4000/-नगद धनराशि

पुलिस टीम
1. व.उ.नि आलोक गौड थाना सेलाकुई
2. उप निरीक्षक रतन सिंह बिष्ट
3. म.उ.नि. बबीता रावत
4. उप निरीक्षक मोहन सिंह ठाकुर AHTU
5. हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह AHTU
6. कानि0 307 मनवीर शाह AHTU
7-का0 1585 धरमेन्दर AHTU
8-महिला कांस्टेबल रैना रावत AHTU