प्रदेश में 20 आईपीएस अधिकारियों का तबादला, जन्मेजय खंडूड़ी बने दून के नए कप्तान
उत्तराखंड : सरकार ने किया नौकरशाही बड़ा फेरबदल, 83 आईएएस व पीसीएस बदले
मुख्यमंत्री धामी की जन आशीर्वाद रैली कल, प्रदेश महामंत्री भंडारी और जिला अध्यक्ष रौतेला ने ली तैयारियों की समीक्षा बैठक
(शेखर पपनै)
अल्मोड़ा- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन आशीर्वाद रैली को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं इसी क्रम में आज लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी ने जिला अध्यक्ष रवि रौतेला सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की।
गौरतलब है कि 6 सितंबर (कल) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट अल्मोड़ा में एक जन आशीर्वाद रैली की विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस जनसभा की तैयारियों को लेकर प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी ने जिला अध्यक्ष रवि रौतेला सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ सफल जनसभा आयोजित किए जाने की रूपरेखा तैयार की।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 6 सितंबर को 11:30 बजे सिमकनी हेलीपैड पर उतरेंगे जहां से युवा मोर्चा द्वारा विशाल बाइक रैली एवं महिला मोर्चा द्वारा विभिन्न स्थानों में पुष्प वर्षा द्वारा स्वागत किया जाएगा शिखर तिराहे पर अनुसूचित मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री जी का भव्य स्वागत किया जाएगा जिसके बाद शिखर तिराहे से पैदल विशाल जुलूस के साथ मिलन चौक होते हुए रैमजे इंटर कॉलेज के परिसर में पहुंच कर विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। जनसभा के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में किये जा रहे कार्यों एवं सरकार का विजन जनता के समक्ष रखेंगे,
जन आशीर्वाद रैली की तैयारी के दैरान प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी के अलावा जिला अध्यक्ष रवि रौतेला, जिला महामंत्री महेश नयाल, डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष ललित लटवाल, जिला उपाध्यक्ष महिपाल बिष्ट, जिला मंत्री विनीत बिष्ट, जिला सह मीडिया प्रभारी संदीप सिंह भोज मौजूद रहे।
खास खबर : एमडीडीए कार्यालय अचानक पहुंचे प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी, कार्मिकों में मचा हड़कंप
देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी शासन प्रशासन को विकास कार्यो के प्रति जवाबदेही और जनहित के कार्यो को समय पर निपटाने को लेकर लगातार विभागों का निरीक्षण कर रहे हैं, शनिवार शाम को अचानक एमडीडीए कार्यालय पहुंच गए, मुख्यमंत्री के पहुंचते ही कार्मिकों में हड़कंप की स्थिति देखी गई। सभी उनके दौरे को अवैध निर्माण के हालिया प्रकरण से जोड़कर देख रहे थे। हालांकि, इस संबंध में उन्होंने कोई बात नहीं की। मुख्यमंत्री ने लंबित नक्शों की स्थिति पूछी और व्यवस्था में सुधार के निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री (सीएम) पुष्कर सिंह धामी का काफिला शाम करीब पांच बजे ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एमडीडीए कार्यालय पहुंचा। उस समय वरिष्ठ अधिकारियों में सचिव हरबीर सिंह, संयुक्त सचिव हरगिरि व संयुक्त सचिव मीनाक्षी पटवाल ही कार्यालय में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने आते ही पूछा कि वर्तमान में कितने नक्शे लंबित हैं और कितने समय से लंबित चल रहे हैं। सचिव हरबीर सिंह ने बताया कि कुल नए दाखिल किए गए 1312 नक्शे लंबित हैं। इनमें से 631 नक्शों को दाखिल किए अभी महज दो दिन हुए हैं।
जिन नक्शों को सात दिन से अधिक समय हो चुका है, उनकी संख्या महज 354 ही है। सचिव ने यह भी बताया कि किस-किस कार्मिक के पास कितने नक्शे लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नक्शों का निस्तारण तेज गति से किया जाए। या तो नक्शे पास किए जाएं या उन्हें निरस्त या आपत्ति के साथ लौटा दिया जाए। किसी भी पत्रावली को अनावश्यक लंबित न रखा जाए। मुख्यमंत्री धामी करीब 20 मिनट कार्यालय में रुके और विभिन्न दिशा-निर्देश जारी कर रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री ने एमडीडीए के कंप्यूटर कक्ष में जाकर यह भी जाना कि इस साल अब तक नक्शों के निस्तारण की स्थिति क्या रही। उन्होंने पाया कि कुल 13 हजार, 561 नक्शे दाखिल किए गए। जिसमें 8109 स्वीकृत किए गए, जबकि 1106 नक्शे निरस्त भी किए गए। वर्तमान में कुल 4346 (कंपाउंडिंग समेत) 4346 नक्शे लंबित चल रहे हैं। इसी तरह वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम के तहत चार दिन पहले दाखिल किए गए 260 फाइल लंबित चल रही हैं और इनके निस्तारण की समयसीमा 15 दिन तय की गई है।
मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
एमडीडीए कार्यालय के निरीक्षण के दौरान राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में महासंघ ने गोल्डन कार्ड की व्यवस्था लागू करने, राज्य कार्मिकों के पक्ष में किए जाने वाले शासनादेशों का लाभ निगम/निकाय कार्मिकों को भी देने, एसीपी की पूर्व की व्यवस्था लागू करने, 11 फीसद महंगाई भत्ते का लाभ देने आदि की मांग उठाई गई। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
Latest FD Rates: इन तीन बैंकों की FD पर मिल रहा है बेहतर ब्याज, चेक करें पूरी लिस्ट
नई दिल्ली, । बैंक Fixed Deposits (FDs) वरिष्ठ नागरिकों के बीच निवेश का एक सबसे लोकप्रिय माध्यम है। इसके साथ ही उन लोगों को भी यह खासा लुभाता है जो गारंटीड रिटर्न चाहते हैं। इसके अलावा जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं वे भी Fixed Deposits में काफी संख्या में निवेश करते हैं। लेकिन FD में निवेश से पहले अपने एसेट एलोकेशन और लक्ष्यों का आकलन कर लेना चाहिए कि उनमें कितना पैसा लगाना सही है।
अगर इसे एक उदाहरण से समझा जाय तो अगर आप लॉन्ग टर्म में 15 साल के लिए FD के जरिए अपने बच्चे की हायर एजुकेशन के लिए निवेश करना चाह रहे हैं तो यह आपके लिए बेहतर नहीं है क्योंकि, ब्याज पर टैक्स लगने के बाद इस पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है। लेकिन अगर आप शार्ट टर्म में दो साल के लिए छुट्टी प्लान कर रहे हैं तो FD इसके लिए काफी बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती है।
FD चुनने से पहले, आपको ऑफ़र पर ब्याज़ दरों की तुलना कर लेना चाहिए। हम आपको कुछ बैंकों के बारे में बताने जा रहे हें जो विभिन्न अवधियों में 1 करोड़ रुपये तक की जमा राशि के लिए उच्चतम FD दरों की पेशकश करते हैं।
SBI FD Rates
अगर आप SBI की FD में 6 महीने से 1 साल तक के लिए निवेश करते हैं तो इस पर आपको 4.40 फीसद का ब्याज प्राप्त होगा। वहीं एक साल से 2 साल के निवेश पर 5 फीसद का, 2 से 3 साल पर 5.10 फीसद का, 3 से 5 साल पर 5.30 फीसद का और 5 साल से अधिक के निवेश पर 5.40 फीसद ब्याद का लाभ हासिल होगा।
ICICI बैंक FD
इसके अलावा अगर आप ICICI बैंक की FD में 6 महीने से 1 साल तक के लिए निवेश करते हैं तो इस पर आपको 3.50 से 4.40 फीसद का ब्याज प्राप्त होगा। वहीं एक साल से 2 साल के निवेश पर 4.90 फीसद का, 2 से 3 साल पर 5.15 फीसद का, 3 से 5 साल पर 5.35 फीसद का और 5 साल से अधिक के निवेश पर 5.50 फीसद ब्याद का लाभ हासिल होगा।
Axis Bank FD Rates
वहीं अगर आप आप Axis बैंक की FD में 6 महीने से 1 साल तक के लिए निवेश करते हैं तो इस पर आपको 4.40 फीसद का ब्याज प्राप्त होगा। वहीं एक साल से 2 साल के निवेश पर 5.10 फीसद का, 2 से 3 साल पर 5.40 फीसद का, 3 से 5 साल पर 5.40 फीसद का और 5 साल से अधिक के निवेश पर 5.75 फीसद ब्याज का लाभ हासिल होगा।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में डेंगू का प्रकोप बढ़ा, ब्रज में 6 और मौतें, अभी तक 75 की जान गई
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में डेंगू के मरीज निरंतर बढ़ रहे हैं। मरीजों के साथ ही मृतकों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। शनिवार को तीन मौतों के साथ ही बुखार से मरने वालों की संख्या 75 पहुंच गई। चौबीस घंटे के दौरान 154 मरीजों को सौ शैया अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां 97 मरीजों की जांच में 24 में डेंगू की पुष्टि हुई। आगरा में पांच मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई जबकि मथुरा में छह नए मरीज मिले हैं। एटा में डेंगू ने दस्तक देते हुए दो मरीजों पर अपना शिकंजा कस दिया है। फीरोजाबाद में बीमारी काबू में नहीं आ पा रही है। अच्छी खबर ये रही कि 70 बच्चों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। शनिवार को प्रमुख सचिव ने विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। अधिकारियों संग बैठक की। इधर, हाथरस में 11वीं के छात्र ने आगरा में निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। मैनपुरी के घिरोर क्षेत्र में बुखार से पीड़ित महिला की मौत हो गई।
ब्रज में कायम है डेंगू का कहर
ब्रज में डेंगू के डंक का खौफ बरकरार है। फीरोजाबाद में शनिवार को बालिका सहित तीन की मौत हो गई जबकि हाथरस के युवक ने आगरा के निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। मैनपुरी में एक महिला की मौत हो गई। एटा में भी एक रोगी की मृत्यु हुई है। दिल्ली से शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर आई नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम एक दिन और फीरोजाबाद में रुकेगी। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने सफाई में लापरवाही मिलने पर दो अधिकारी व तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
देश में तीसरी लहर का संकेत है कोरोना के बढ़ते केस
नई दिल्ली । देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या से साफ संकेत मिल रहे हैं कि दूसरी लहर की तबाही के बाद तीसरी लहर को रोकना मुश्किल है। कोरोना के पिछले एक सप्ताह से लगातार चालीस हजार से दैनिक मामले तीसरी लहर को लेकर लोगों के लिए एक बड़ी चिंता के साथ भय पैदा कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 42,618 नए केस सामने आए हैं। वहीं इस दौरान 330 मरीजों की मौत हुई है।
देश में 40 हजार से ज्यादा आ रहे कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों ने सरकार के साथ लोगों के लिए चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 42,618 नए केस 330 मरीजों की मौत एक दिन पहले से कम हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में नए मामले तीसरी लहर को लेकर डर पैदा कर रहे हैं। देश में अब तक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,29,45,907 हो गई है। अभी भी देश में 4,05,681 सक्रीय मरीजों का इलाज चल रहा है। हालांकि 3.21 करोड़ से ज्यादा मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर जा चुके हैं। बीते 24 घंटे में 29, 322 मरीज ठीक हुए हैं।
जबकि देश में अब तक 4,40,225 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है।
केरल में हालात नाजुक
केरल में हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं। राज्य में शुक्रवार को कोविड-19 के 29,322 नए मामले सामने आए और कुल मामले बढ़कर 41.51 लाख से अधिक हो गए। कोरोना से 131 लोगों की मौत होने से राज्य में मरने वालों की संख्या 21,280 हो गई. नए मामले के बाद राज्य में अब कुल मामलों की संख्या बढ़कर 41,51,455 हो गई है। इस बीच, शुक्रवार को 22,938 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए, जिससे अब तक ठीक हो चुके कुल लोगों की संख्या बढ़कर 38,83,186 हो गई। वहीं, महाराष्ट्र में भी कोरोना की रफ्तार तेज है। राज्य में कोरोना के दैनिक मामले 5 हजार से ऊपर आ रहे हैं।
टीकाकरण में आई तेजी
देश में अब तक 67,72,11,205 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। पिछले 24 घंटे में 58,85,687 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 10 मई के बाद से देश में कोरोना पॉजिटिविटी दर में कमी आई है, लेकिन केरल में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देशभर में पिछले हफ्ते आए कोरोना के कुल मामलों में से 69 प्रतिशत मामले सिर्फ केरल से आए हैं। वहां फिलहाल एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं। अभी भी 42 जिलों में कोरोना के रोज 100 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं।
उत्तराखंड में बड़े स्तर पर आईपीएस के तबादले : देहरादून व हरिद्वार के एसएसपी भी बदले, जाने किसी मिली कमान
देहरादून: शासन ने आईपीएस अधिकारियों के किए तबादले 20 आईपीएस अधिकारियों के हुए तबादले अमित कुमार सिन्हा को निदेशक सतर्कता एपी अंशुमन को पुलिस महान पुष्पक ज्योति को पुलिस महानिरीक्षक कारागार व एसडीआरएफ अजय रौतेला को पुलिस महा निरीक्षक अग्निशमन और होमगार्ड केवल खुराना को पुलिस उपमहानिरीक्षक अभी सूचना विमला गुंज्याल को पुलिस उपमहानिरीक्षक सतर्कता रिदम अग्रवाल को अपर सचिव गृह कृष्ण कुमार वीके को पुलिस उपमहानिरीक्षक सुरक्षा मुख्तार मोहसिन को निदेशक यातायात नीलेश आनंद भरणे को पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं योगेंद्र सिंह रावत बने हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी को देहरादून का एसएसपी बनाया गया।
जनमेजय होंगे दूंन के नए एस एस पी।
देहरादून। शासन ने आईपीएस अधिकारियों के किए तबादले 20। आईपीएस अधिकारियों के हुए तबादले अमित कुमार सिन्हा को निदेशक सतर्कता एपी अंशुमन को पुलिस महान पुष्पक ज्योति को पुलिस महानिरीक्षक कारागार व एसडीआरएफ अजय रौतेला को पुलिस महा निरीक्षक अग्निशमन और होमगार्ड केवल खुराना को पुलिस उपमहानिरीक्षक अभी सूचना विमला गुंज्याल को पुलिस उपमहानिरीक्षक सतर्कता रिदम अग्रवाल को अपर सचिव गृह कृष्ण कुमार वीके को पुलिस उपमहानिरीक्षक सुरक्षा मुख्तार मोहसिन को निदेशक यातायात नीलेश आनंद भरणे को पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं योगेंद्र सिंह रावत बने हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी को देहरादून का एसएसपी बनाया गया।
70 वर्ष पूर्व रचित “नारी” खंडकाव्य का विमोचन
देहरादून, अध्यापक दिवस की पूर्व संध्या पर स्व0 परमानन्द शास्त्री द्वारा 70 वर्ष पूर्व रचित पर्वतीय नारियों की वेदना और जीवन दर्शन पर आधारित नारी खण्ड काव्य का विमोचन किया गया। उत्तराखंड के एकमात्र बी0एस0 नेगी महिला पॉलीटैक्निक (ओएनजीसी परिसर) देहरादून में आयोजित इस समारोह में दून विश्व विद्यालय की प्रथम महिला कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल तथा श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो0 पीताम्बर ध्यानी मुख्य अतिथि थे। समारोह में उत्तराखंड की प्रमुख महिला साहित्यकार तथा जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया। पर्वतीय संस्कृति की ध्वजवाहक प्रसिद्ध संस्कृति कर्मी डा0 माधुरी बर्थवाल सहित श्रीमती कमला पंत तथा कथाकार श्रीमती सुधा जुगरान, डा0 नंद किशोर हटवाल तथा डा. शिवदयाल जोशी ने नारी पुस्तक पर बेजोड़ समीक्षा लिखी हैं।
नारी काव्य के प्रथम संस्करण की भूमिका प्रसिद्ध पर्यावरणविद पद्म विभूषण स्व0सुन्दर लाल बहुगुणा द्वारा वर्ष 1994 में लिखी गयी थी जिसमें उन्होंने काव्य को चिपको आन्दोलन के बीज रूप की संज्ञा दी और इसे लोक चेतना का सशक्त माध्यम बताया था।
उल्लेखनीय है कि “नारी” काव्य के रचयिता स्व0 परमानंद “शास्त्री” पंजाब विश्व विद्यालय, लाहौर (अब पाकिस्तान में) से स्वर्णपदक प्राप्त स्नातक थे जो अपने जीवनकाल में अपने साहित्य को प्रकाशित नहीं करवा सकें। तत्कालीन टिहरी रियासत के सुदूर घनशाली नैलचामी क्षेत्र में वर्ष 1921 में जन्में श्री शास्त्री जी एक आदर्श अध्यापक के रूप में विख्यात हुए और उच्च प्रतिष्ठाा प्राप्त शिष्यों के पूजनीय रहें जिनके अनुरोध पर उनकी इस कालजयी रचना “नारी” का प्रथम संस्कण 1994 में प्रकाशित हुआ था।
संस्कृत निष्ठ हिन्दी भाषा में रचित इस काव्य की प्रतियॉं हाथो हाथ बिक गई जिसे कई विद्धानों की सम्मतियों और समीक्षा के साथ द्वितीय संस्करण के रूप “समयसाक्ष्य” द्वारा मुद्रित किया गया हैं।
जहां आज के तालिबानी युग में महिलायें और बच्चे प्रताड़नाओं के साये में जी रहे है वही भारतीय संस्कृति में ”नारी“ हमेशा ही एक सम्मान जनक स्थान पाती रही है।
समीक्षकों द्वारा “नारी” काव्य को “समय से आगे की कविता”, नारी जीवन का प्रमाणिक दस्तावेज, या नारी का जीवन दर्शन आदि विशेषणों से संवारा गया है। कुछ समीक्षकों द्वारा इसे छायावादी कवि जयशंकर प्रसाद की छायावाद की विधा के समकक्ष बताया गया है।
इस लोकार्पण समारोह में वक्ताओं, श्रोताओं और पाठकों के बीच इस गुमनाम काव्य के महत्व पर संवदेनशील चर्चा हुयी। जो काव्य जगत और हिन्दी साहित्य के गुमनाम रचनाकारों के लिये मील का पत्थर होगी।
समारोह में महिला पॉलीटेक्निक के चेयरमेन हर्षमणि व्यास,डा0 शिव दयाल जोशी, डा0 नन्द किशोर हटवाल, पूर्व दूरदर्शन निदेशक सुभाष थलेड़ी, डा0 गीता बलोदी तथा स्व0 इंद्रमणी बडोनी के सहयोगी श्री बालकृष्ण नौटियाल भी मौजूद रहें।
नेत्रदान पखवाड़े पर गोष्ठी का आयोजन : देश में एक करोड़ व्यक्ति दृष्टि हीन हैं और इनको नेत्र ज्योति की आवश्यकता : डा. दुर्गापाल
(शेखर पपनै)
अल्मोड़ा, नेत्र दान पखवाड़े के अंतर्गत नेत्र चिकित्सालय कर्बला में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, उल्लेखनीय हो कि 25 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक नेत्र दान के विषय में जन जागरण अभियान आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन के सूत्रधार डा. दुरॕगापाल ने कहा कि हमारा देश ऋषि मुनियों का देश है यहां दान देने की परम्परा रही है | इस विषय पर आज चर्चा करते हुए डॉ. दुर्गापाल ने बताया कि महर्षि दधीची ने अपनी हड्डियाँ दान कर दी थी, राजा शिवि अपने अंग अंग काटकर दान कर दिए थे, आइए आज हम संकल्प करें कि मरने से पूर्व हमारी आंखे जरूरत मंद को दान दी जाएं , ताकि मरने के बाद भी हम इस सुन्दर दुनिया को देख सकें ।
हमारे देश में नेत्र दान करने वालों की बहुत कमी है लेकिन नेत्र लेने वालों की आवश्यकता है अतः हम संकल्प लें के हमारे मरने के बाद हमारी दो आंखे जरूरतमंद की आँखों में लगायी जायें और वह दुनिया देखे |
जब आंख की पारदर्शी पुतली किसी कारण से खराब हो जाती है तो दिखना बंद हो जाता है, जिसको हम लोग ग्रामीण भाषा में फूला कहते हैं जो कि सफ़ेदी लिया होता है। इसको बदलना आवश्यक हो जाता है | मरे हुए व्यक्ति से अच्छी पुतली निकालकर जीवित व्यक्ति की आँखों में लगाई जा सकती है।
डा. दुर्गापाल ने कहा कि जिस प्रकार से घड़ी का शीशा खराब हो जाता है और बदलने की आवश्यकता होती है उसी प्रकार से ये विधि नेत्र दान की भी है, भारत में हर मेडिकल कॉलेज में नेत्र बैंकों की सुविधा है | लेकिन उत्तराखण्ड में अभी तक नेत्र बैंक की सुविधा नहीं हो पायी है, हमारे देश में एक करोड़ व्यक्ति दृष्टि हीन हैं और इनको नेत्र ज्योति की आवश्यकता है। इसलिए आयें नेत्र की दान की आवश्यक जानकारी पता करें
और नेत्र दान करने की प्रतिज्ञा लें | इस गोष्ठी में बालम नेगी, सुंदर लटवाल, केशर अधिकारी, नितेज बनकोटी, डी .के.जोशी, चन्दृमणि भट्ट, रश्मि डसीला, भुवन आर्या, भावना नेगी आदि शामिल थे |