Thursday, May 15, 2025
Home Blog Page 1081

10 मार्च को ऋषिकेश विधानसभा में परिवर्तन के साथ होगी जनता कि जीत : जयेंद्र रमोला

0

ॠषिकेश, विधानसभा ऋषिकेश के चुनाव समाप्त होने के बाद विधानसभा ऋषिकेश से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े जयेंद्र रमोला ने ग्राम सभा खदरी में आभार कार्यक्रम में क्षेत्र की जनता का विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करने के लिए आभार जताया।
उन्होंने क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वह उन सभी का आभार जताते हैं जिन्होंने अपने मतदान का प्रयोग किया, उन्होंने कहा कि ऋषिकेश की जनता ने इस बार क्षेत्र में परिवर्तन के लिए मतदान किया । विधानसभा ऋषिकेश की जनता 15 सालों से निष्क्रिय भाजपा विधायक से त्रस्त हो चुकी थी इस बार जनता परिवर्तन के मूड में थी और उन्होंने बढ़-चढ़कर मतदान किया। रमोला ने ग्रामीणों का आभार जताते हुए कहा कि उनका वोट व्यर्थ नहीं जाएगा, 10 मार्च को परिणाम जो वि आए में आपके बिच में एक सेवक के रुप में कार्य करता रहूंगा आप सब के सहयोग से इस बार ऋषिकेश विधानसभा में परिवर्तन होगा और हम सब कि जीत के साथ ऋषिकेश विधानसभा विकास की और अग्रसित होगा। और प्रदेश में कांग्रेस की बहुमत से सरकार बनेगी

क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद चौहान ने कहा कि कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी जयेंद्र रमोला इस बार 15 सालों से कांग्रेस का सूखा समाप्त केरेंगे और विधानसभा ऋषिकेश में भारी मतों से विजियी होंगे, ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस को भरपूर समर्थन मिला है। क्षेत्र के लोगों ने परिवर्तन के लिए मतदान किया है ऋषिकेश के विकास के लिए मतदान किया है कांग्रेस की जीत निश्चित है और हम 10 मार्च को विजय जुलूस निकालने को तैयार हैं।

 

हरदा को चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस दे सकती हैं बानप्रस्थ : चौहान

देहरादून, भाजपा ने हरीश रावत के योगी को लेकर दिये बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड में कुटिया की जरुरत योगी को नहीं बल्कि खुद वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को होगी और जल्दी ही वह समय आने वाला हैं,क्योंकि जनता और खुद उनकी पार्टी उन्हें वानप्रस्थ में भेजने वाली है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने सीएम योगी को हारने पर उत्तराखंड में कुटिया के लिए जमीन देने की बात का जबाब देते हुए कहा कि योगी जी तो संत सन्यासी हैं सब कुछ त्याग कर सामाजिक कार्यों में लगे हैं। उनका आवास तो हर जगह कुटिया ही है और वह हर तरह से भौतिक सुखो से दूर होकर मानव मात्र की सेवा में जुटे हैं।
हरदा को स्वयं की चिंता करनी चाहिए जिनकी बची कूची राजनैतिक जमीन भी इस चुनाव में हाथ से जाने वाली है | वहीं फर्जी विडियो प्रकरण पर FIR का स्वागत करते हुए उन्होने कहा कि कॉंग्रेस को भी संवैधानिक कार्यप्रणाली को बदनाम करने की मुहिम बंद करनी चाहिए |

मनवीर चौहान ने तंज कसते हुए कहा हरीश रावत को अनेकों विधानसभा व लोकसभा चुनावों में जनता नकार चुकी है। उन्होने व्यंग कसते हुए कहा कि सीएम योगी के साथ यूपी और उत्तराखंड समेत देश की जनता का असीम प्यार और बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद है, लेकिन रावत जी परेशान हैं क्यूंकि उनके लिए खाट खड़ी और बिस्तर गोल वाला जनादेश ईवीएम में बंद हो गया है। वह जानते हैं कि चुनाव में हार के  भाजपा को उत्तराखंड से भगाने वाले बयान पर पलटवार करते हुए चौहान ने कहा कि पहले चुनाव लड़ने से भागना, फिर तय विधानसभा सीट से भागना और हमेशा अपने वादों से भागना तो हरदा की आदत है। लिहाजा उत्तराखंड की जनता ने उन्हे इस चुनाव में सबक सिखा दिया है ।

कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिला, पोस्टल बैलेट की मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये रखने की रखी मांग

0

देहरादून, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री गणेश गोदियाल के नेतृत्व में कांग्रेसजनों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से देहरादून सचिवालय में भेंट कर सेवारत सैनिकों के डाक मतपत्रों सहित सर्विस मतदाता, सेवारत निर्वाचन ड्यूटी में लगे कर्मी, दिव्यांग 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के संबध में एक ज्ञापन दे पोस्टल बैलेट की मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये रखने की मांग की है।
उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सैनिक मतदाताओं के डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र में डाक मतपत्रों पर भाजपा तथा निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करते हुए एक वीडियो क्लीपिंग भी पैन ड्राईव में प्रमाण के रूप में उपलब्ध कराकर कहा की इस वीडियो क्लीपिंग से स्पष्ट है कि डाक मतपत्रों का दुरूपयोग किया गया है | जिससे चुनाव आयोग के स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने की भावना का भी उलंघन हुआ है।
उन्होंने आग्रह किया की डाकमतत्र संबधित मतदाता तक पहुंचा या नहीं इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और यह सुझाव भी दिया गया कि सेवारत मतदाताओं के मतपत्रों का दुरूप्योग ना हो इसके लिए कोई पारदर्शी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए क्योंकि दूर दराज अपनी ड्यूटी पर तैनात सेवारत सैनिकों के मतपत्र का दुरूप्योग रोका जा सके।
वहीं उन्होंने सेवारत कर्मियों, दिव्यांग व 80 वर्ष से उपर के मतदाताओं के संबध में भी मतदान प्रक्रिया के सुधार पर भी बल दिया और उसको भी पारदर्शी व्यवस्था बनाए जाने का सुझाव दिया गया है।
उन्होंने कहा की कई विधानसभा क्षेत्रों से उन्हें इस संबध में शिकायतें प्राप्त हुयी है जिसका चुनाव आयोग को संज्ञान लेकर उचित कार्रवाही करनी चाहिए, जिससे की चुनाव प्रक्रिया पर मतदाताओं का विश्वास बना रहे। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष के साथ प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व सलाहकार सुरेन्द्र कुमार, महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोषी, प्रवक्ता राजेश चमोली, परवादून जिला कांग्रेस अध्यक्ष अश्वनी बहुगुणा, प्रदेश महामंत्री रघुवीर बिष्ट, दिवाकर चमोली, राजेन्द्र सिंह दानू आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
वहीं प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने नगर विकास सचिव शैलेष बगौली से भी दूरभाष पर वार्ता कर श्रीनगर में कूड़ा निस्तारण की अव्यवस्था पर उनका ध्यान आकर्षित कर उनसे मांग की है कि श्रीनगर में कूड़ा निस्तारण व श्रीनगर पालिका के कर्मचारियों के वेतन, पेंशन तथा अन्य मदों पर होने वाले धन को तुरंत निर्गत किया जाए | जिससे की नगर पालिका श्रीनगर अपने कार्याे को सुचारू रूप से संचालित कर सके।
उन्होंने यह भी आशंका व्यक्त की की यदि श्रीनगर पालिका के कार्याें के लिए उचित व्यवस्था नहीं की तो श्रीनगर महामारी की चपेट में आ सकता है, सचिव नगर विकास ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि जिलाधिकारी पौड़ी को इस संबध में निर्देशित कर दिया गया है।

पोस्ट बजट वेबिनार- “लीविंग नो सिटिजन बिहाइन्ड” : जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय वेबिनार, प्रधानमंत्री मोदी ने किया शुभारम्भ

0

नई दिल्ली, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की “हर घर नल- हर घर जल योजना” ग्रामीण क्षेत्रों के लिये वरदान साबित होगी। आकांक्षी जनपदों को इस महत्वपूर्ण योजना में वरीयता दिये जाने की आवश्यकता है। यह बात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज “पोस्ट बजट वेबिनार- लीविंग नो सिटिजन बिहाइन्ड” के अवसर पर सम्बोधित करते हुये कही गयी। केन्द्र और राज्य सरकारें मिलजुल कर इस जल जीवन मिशन के लिये कार्य कर रही हैं। आने वाले वर्षों में इस मिशन पर हम 3.5 लाख करोड़ रूपये से अधिक धनराशि व्यय करेंगे। उनके द्वारा कहा गया कि अगले पॉंच वर्षों में हमें गत 70 वर्षों में किये गये काम की अपेक्षा चार गुना कार्य अधिक करना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कहा गया कि भारत की आत्मा मेहनतकश लोगों में बसती है। 130 करोड़ भरतीयों की कुछ कर गुजरने की इच्छा की भावना का सम्मान करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि हम उनके प्रयासों को बल दें। लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये और उनके हितों की रक्षा के लिये वर्ष 2014 से हमारी सरकार अथक और निरन्तर कार्य कर रही है। हमने विशेषकर उन लोगों के सपनों को साकार करने पर ध्यान दिया है जिन्होनें अपने और अपने परिवार के बेहतर जीवन का स्वप्न देखा था पर उसे पूरे करने के साधन उन्हे पहले कभी उपलब्ध नही कराये गये।

लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये पेयजल अनिवार्य है। अधिकतर बीमारियां पानी के माध्यम से फैलती हैं। नल से जल, गरीबों के स्वास्थ्य में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, क्योंकि अक्सर गरीब लोग स्वच्छ जल की कमी के कारण रोगों का शिकार हो जाते हैं। स्वच्छ जल का एक अन्य लाभ यह होगा कि ग्रामीण महिलाओं का जिन्हे लम्बी दूरी से पानी लाना पड़ता है, उन्हे मुश्किलों से मुक्ति मिलेगी। ठीक उसी तरह जैसे उज्वला योजना से उन्हे जलावन की लकड़ी जुटाने से मुक्ति मिली हैl यह मिशन भी उनके समय और ऊर्जा को बचाते हुये उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इस प्रयास में सभी हितधारकों, विशेषकर ग्रामीण समुदायों से मैं एकजुट होकर कार्य करने का आग्रह करता हॅू ताकि जल हमारी साझी प्रतिबद्वता बने। हमें इस मिशन को एक “जन आंदोलन” और जल को ”सभी का सरोकार“ बनाना है। इस मिशन के अन्तर्गत सृजित परिसम्पत्तियों के प्रति लोग सामुहिक रूप से “अपनेपन का भाव” विकसित करें। आइए हम सभी एकजुट होकर जल की हर बूंद को संरक्षित करने, हर ग्रामीण परिवार को साफ पेयजल उपलब्ध कराने और इस प्रकार अपनी भावी पीढ़ियों के लिये पेयजल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करें।

वेबिनार को सम्बोधित करते हुये भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा कहा गया कि जल जीवन मिशन भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना है, जिसका लक्ष्य सभी घरों तक कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराना ही नही है बल्कि स्थानीय जल संसाधनों के सर्वांगीण प्रबन्धन को बढ़ावा देना भी है। इस जल आपूर्ति कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते समय जल श्रोतों का संरक्षण करके उन्हें सतत बनाने और जल के पुनः उपयोग की विधियों का प्रयोग करने जैसे उपायों की जरूरत पर ध्यान दिया गया है और इन्हे पहली बार योजना की रूपरेखा का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है।

श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस वर्ष भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन योजना हेतु 60 हजार करोड़ रूपए का बजट का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इन प्रचालन दिशा निर्देशों में किये गये उल्लेख के अनुसार केन्द्र और राज्स सरकारों के बीच ऐसा मजबूत तालमेल बनेगा | जिससे न केवल इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का कार्यान्वयन हो सकेगा बल्कि अधिक से अधिक जनता को इससे जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी। इसलिये हमारे इस महान राष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति से मैं आग्रह करता हॅू कि वह जल जीवन मिशन को अपना मिशन समझे और हमारे सभी ग्रामीण परिवारों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराने के इस आन्दोलन को एक जन आंदोलन बनाने के लिये कार्य करें।

वेबिनार को सम्बोधित करते हुये हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर इन्वारन्मेंट इकोलोजी एण्ड डेवलपमेंट (हाईफीड) जो कि जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार का मुख्य संसाधन केन्द्र (केआरसी) के रूप में कार्यरत है, के निदेशक डा. कमल बहुगुणा द्वारा कहा गया कि इम्प्लिमेंटिंग सपोर्ट ऐजेंसी के रूप में हाईफीड द्वारा नियोजन चरण में उत्तराखण्ड के 184 गॉंवों में ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है तथा उक्त समितियों के साथ बैठकर गॉंवों का बेसलाईन सर्वे कर विलेज एक्शन प्लान तैयार किये गये हैं। अधिकांश गांवों की डीपीआर तैयार हो चुकी हैं तथा योजना क्रियान्वयन का कार्य प्रारम्भ होकर पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य गतिमान है।

‘हाईफीड’ द्वारा राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, उत्तराखण्ड शासन के सतत हयोग से जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जनपद टिहरी व उत्तरकाशी के 10 विकासखण्डों में ग्राम प्रधानों तथा ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों के सदस्यों के प्रशिक्षण चलाये जा रहे हैं। संस्थान द्वारा अब तक 40 बैचों का प्रशिक्षण पूर्ण किया जा चुका है जिनमें 485 ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों के 1652 सदस्यों को प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा चुका है तथा मार्च माह तक 1500 और सदस्यों को प्रकशित करने का लक्ष्य रखा गया है l इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा नेशनल जल जीवन मिशन के सहयोग से भी दो बैचों का प्रशिक्षण सफलता पूर्वक आयोजित किया गया है।

डा. कमल बहुगुणा ने कहा कि जैसा कि पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में सभी विज्ञ हैं कि किस प्रकार की विकट परिस्थितियों में पहाड़ की महिलाओं को कई कई किलोमीटर दूर से पानी सिर पर ढोकर लाना होता है, इसके मध्यनजर माननीय प्रधानमंत्री जी के व्यापक जनहित के लिये उनके विज़न व मिशन के अनुरूप संचालित जल जीवन मिशन जैसी योजनायें समस्त देश और विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं के कार्यबोझ को कम करने के लिये वरदान साबित हो रही है। जैसा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पानी के श्रोत धीरे धीरे सूख रहे हैं, अतः जल श्रोतों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है जिससे कि पेयजल की योजनायें लम्बे समय तक सस्टेन कर सकें।

डा. बहुगुणा ने कहा कि योजना के अन्तर्गत गठित ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों तथा समस्त ग्रामवासियों व विशेषकर महिलाओं द्वारा इस कार्यक्रम के अन्तर्गत निर्मित की जाने वाली पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में बढ़ चढ़ कर सहभागिता की जा रही है तथा योजना निर्माण में 5 प्रतिशत नकद योगदान भी दिया जा रहा है। कई गॉंवों में यह योजना मूर्तरूप ले चुकी है तथा शेष गॉंवों में क्रियान्वयन चरण गतिमान है। ग्रामीणों के अनुसार हर घर नल- हर घर जल का यह कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री जी तथा माननीय जल शक्ति मंत्री जी व उनकी टीम के नेतृत्व व दिशानिर्देशन में भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना है जो कि सीधे सीधे मानव जीवन की परम आवश्यकता को पूर्ण कर रही है।

इस वेबिनार के अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री भारत सरकार गिरिराज सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री भारत सरकार प्रहलाद सिंह पटेल, जल शक्ति राज्य मंत्री भारत सरकार विशेश्वर टुडू, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भारत सरकार श्रीमती विनी महाजन, सचिव पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय पंकज जैन, सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एन.एन. सिन्हा, सचिव पंचायती राज भारत सरकार श्री सुनील कुमार, अपर सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार आशीष गोयल, के.अशोक कुमार वाइस प्रेसिडेंट लार्सन एण्ड टूब्रो, श्री निकोलस ओस्बेर्ट चीफ यूनिसेफ इण्डिया, जी. मथी वाथनन प्रमुख सचिव उड़ीसा शासन, शैलेश बगोली सचिव उत्तराखण्ड शासन, आर. मुकुन्दन प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी टाटा केमिकल्स, श्री गिरीश कृष्णामूर्ति प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी टाटा मेडिकल्स, शराकेश मिश्री डाइरेक्टर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि., संतोष कुमार कार्यकारी निदेशक भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि. आदि द्वारा भी प्रतिभागियों को सम्बोधित किया गया।

हाट गांव की महिलाओं ने एलईडी बल्ब बनाकर स्वरोजगार के क्षेत्र में दिखाया कमाल

0

पिथौरागढ़, धारचूला ब्लाक के ग्राम पंचायत धारचूला देहात के हाट गांव की महिलाओं ने एलईडी बल्ब बनाकर स्वरोजगार के क्षेत्र में कमाल कर दिखाया है। महिलाओं की में मेहनत ने धारचूला को नयी पहचान दी है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज हाट गांव पहुंचकर इस कार्य में लगी महिलाओं का हौसला बढ़ाया। कहा कि वे बाजार की दिक्कत को जिलाधिकारी से बात करके दूर करेंगे।
खेत, खलिहानों में अपना भविष्य देखने वाली हाट गांव की महिलाओं ने कुछ नया करने के सोचा।
फिर कदमताल करने लगी। आज सफलता ने इन उधमी महिलाओं के कदम चूमना शुरू कर दिया है।
सबसे पहले हॉट गांव की महिलाओं ने गांव के भीतर महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया।इस गांव के सात समूह ने आपस में मिलकर सरस्वती ग्राम संगठन का गठन किया। खेती-बाड़ी कथा पशुपालन से जुड़ी महिलाओं ने एक नई सोच पैदा करते हुए एलइडी वर्षा बनाने के लिए प्रशिक्षण लिया।उसके पश्चात नोएडा से कच्चा माल मगा कर अपने गांव में एलईडी बल्ब बनाने लगी।
इन महिलाओं ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह इस टेक्निकल कार्य को पूर्ण कर पाऐंगी।
इनके हौसले तथा जब्बे इन्हें इनके कदमों को रुकने नहीं दिया। आज हाट गांव इन महिलाओं के इस लक्ष्य के बाद एक नए स्वरूप में समाज के सामने आया है।
हाट गांव की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पंचायत घर हाथ में रोज 2 घंटे जमा होकर एलईडी बल्ब बना रही है। बाजार में बेचने के लिए भी महिलाएं खुद निकलकर मार्केटिंग का काम भी अच्छी तरह से कर रही है। इतना ही नहीं इन महिलाओं ने एलईडी बर्फ के अलावा एलईडी की चार्जिंग बल्ब का भी निर्माण कर दिखाया है। एलईडी के बल्ब खराब होने की दशा में उनकी भी महिलाएं मरमत कर उपयोग के लायक बना देती है।
धारचूला के लिए अच्छी खबर है कि अब यहां के लोगों को एलईडी बल्ब चार्जिंग बल्ब तथा एलईडी को ठीक करने के लिए बाहर नहीं जाना होगा। एलईडी बल्ब का निर्माण करना तकनीकी रूप से बहुत कठिन कार्य है। जिसको यहां के साधारण महिलाओं ने कर दिखा कर महिला स्वरोजगार के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया है। महिला स्वयं सहायता समूह की ग्राम संगठन के अध्यक्ष द्रोपति धामी का कहना है कि 5, 9 तथा 12 वाट के बल्ब का निर्माण किया गया है।
बाजार भाव से कम दामों में इनको बेचा जा रहा है।अन्य कंपनियों की तरह 6 माह की गारंटी भी उनके द्वारा दी जा रही है।
इतना ही नहीं महिलाओं ने दीपावली में उपयोग किए जाने वाली बिजली की मालाओं का निर्माण भी किया। आज हाट का गांव इस नए रोजगार के नए अवसरों को खोज ही नहीं रहा है, बल्कि धरातल में जा चुका है।
नेपाल तथा चीन सीमा से लगे इस गांव की महिलाओं ने दिखा दिया है, कि वह मेहनत के मामले में किसी से कम नहीं है। विकास खंड कार्यालय तथा एनआरएलएम के द्वारा मिल ही सहयोग से महिलाएं उत्साहित है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने इस महिला ग्रुप के साथ बैठकर बातचीत की। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह के निर्माण से लेकर आज स्वरोजगार के रास्ते पर मजबूती से कदम बढ़ा रहे महिलाओं के इतिहास के बारे में नजदीकी से जाना। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से मिलकर जिले के भीतर इन महिलाओं की एलईडी बल्ब तथा अन्य उत्पादों के खरीद की कराने के लिए बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह से हम हिमाचल रोजगार परक राज्य की ओर बढ़ रहे है।
उन्होंने धारचूला के नागरिकों से अपील किया कि वे महिलाओं के हाथों से बने एलईडी बल्ब को खरीदकर मातृशक्ति को प्रोत्साहन दे।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता गणेश दुग्ताल, रेखा रानी, कला नगन्याल, लक्ष्मी गुंज्याल आदि मौजूद रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, सीबीएसई और आईसीएसई की 10वीं तथा 12वीं की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन ही होंगी

0

नई दिल्ली, देश भर में 10वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में ही आयोजित होगी। ऑफलाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है’। कोर्ट के इस फैसले का पिछले कई दिनों से बच्चे और अभिभावक इंतजार कर रहे थे। ‘देश की शीर्ष अदालत ने बुधवार दोपहर याचिका पर सुनवाई की।सुनवाई के दौरान जस्टिस ए.एम. खानविलकर ने कहा है कि संस्थाएं अपना काम कर रही हैं। ऐसी याचिका को सुनने की कोई वजह नहीं है, इस तरह की याचिकाओं से बच्चों में भ्रम पैदा होता है।

याचिकाकर्ता का कहना था कि कोविड के कारण बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई की है। कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। बच्चों के मूल्यांकन का कोई और तरीका निकाला जाना चाहिए। कोर्ट में दायर की गई याचिका में कोरोना महामारी का हवाला देते हुए राज्य बोर्डों, सीबीएसई और आईसीएसई की ऑफलाइन परीक्षाओं को रद करने की मांग की गई थी। बता दें कि सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की टर्म-2 बोर्ड परीक्षा 26 अप्रैल से आयोजित करने का फैसला किया है। बोर्ड जल्द ही डेट शीट भी जारी कर देगा।

रूस ने बोला यूक्रेन पर हमला : कीव एयरपोर्ट पर कब्जे की कोशिश

0

नई दिल्ली, यूक्रेन और रूस के बीच महायुद्ध का संकट और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। रूस ने कीव-खारकीव समेत कई यूक्रेनी शहरों में मिसाइल से हमला शुरू कर दिया है। स्थिति और भी ज्यादा भयावह होती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रतिनिधि ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा घोषित विशेष अभियान यूक्रेन के लोगों की रक्षा के लिए हैं, जो वर्षों से पीड़ित हैं। हमारा लक्ष्य यूक्रेन को नरसंहार से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के अनुरूप निर्णय लिया गया है हम यूक्रेन में स्थिति का विश्लेषण करेंगे।Russia Ukraine War Ground Report: Russia Attacked On Ukraine Blast In  Ukraine Cities News In Hindi - Russia Ukraine War: भारतीय छात्र 'अमर उजाला'  से कर रहा था बात, तभी हो गया

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा है कि यूक्रेन अपना बचाव करेगा और जीतेगा। पुतिन ने अभी-अभी यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू किया है। यूक्रेन के शांतिपूर्ण शहरों पर हमले हो रहे हैं। यह आक्रामकता का युद्ध है। दुनिया पुतिन को रोक सकती है और उसे भी करना चाहिए। अब कार्रवाई करने का समय है।

कोई देश बीच में न आए, नहीं तोअंजाम बुरा होगा : पुतिन
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि जो कोई भी हमारे देश और हमारे लोगों के लिए खतरे पैदा करने की कोशिश करता है, उसे पता होना चाहिए कि रूस की प्रतिक्रिया तत्काल होगी और आपको ऐसे परिणामों की ओर ले जाएगी जैसा आपने अपने इतिहास में पहले कभी अनुभव नहीं किया है।

हम तत्काल युद्ध टालने की अपील करते हैं : भारत रूस-यूक्रेन विवाद पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि हम तत्काल युद्ध टालने की अपील करते हैं, स्थिति एक बड़े संकट में तब्दील होने के कगार पर है। अगर इसे सावधानी से नहीं संभाला जाता तो यह सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। सभी पक्षों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाना चाहिए। बता दें की युद्ध की स्तिथि के बीच यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस (यूआईए) की एक स्पेशल फ्लाइट छात्रों सहित 182 भारतीय नागरिकों के साथ आज सुबह 7:45 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर लैंड हुई।

यूक्रेन राजदूत ने पीएम मोदी से लगाई गुहार, बचा लीजिए वरना देश हो जाएगा तबाह

नई दिल्ली, यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के बीच भारत में मौजूद यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप कर युद्ध रोकने की अपील की है। उन्होंने अपील की है कि अगर ऐसे ही रूस हमले करता रहा तो उनका देश तबाह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के पहले से ही अच्छे रिश्ते रहे हैं। ऐसे में वह युद्ध पर विराम लगा सकते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए तत्काल रसिया के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लोडिमिर जेलेंस्की से संपर्क कर शांतिपूर्ण समझौता करने की अपील की है।

यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा
साथ ही उन्होंने इस युद्ध को लेकर रूस के बयानों की निंदा भी की है। राजदूत को लिखा ने कहा है कि रूस दावा कर रहा है कि सिर्फ मिलिट्री ठिकानों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन हमले में आम लोग भी मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने रूस के 5 से ज्यादा प्लेन मार गिराए हैं इसके अलावा टैंक और ट्रकों को भी ढेर कर दिया गया है। यूक्रेन रूस विवाद पर भारत के रुख की बात करें तो वह अब तक न्यूट्रल ही रहा है। भारत वहां काम कर रहे लोगों और पढ़ाई कर रहे करीब 20,000 से अधिक छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। भारत ने यूक्रेन में मौजूद सभी लोगों को जहां है जैसे हैं उसी स्थिति में रहने के निर्देश दिए हैं, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते सभी को अपने घरों से बाहर न निकलने और छात्रों को हॉस्टल या फिर अपने रूम में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। हालात सामान्य होने के बाद सभी को भारत लाने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। अब देखना होगा कि यूक्रेन की भारत में मौजूद राजदूत का पीएम मोदी को की गई अपील का कितना असर पड़ेगा। फिलहाल यूक्रेन पर रूस ने चारों ओर से ताबड़तोड़ वार कर दिए हैं। कई लोग हमले में हताहत होने के साथ ही यहां के कई घर तबाह हो गए हैं। सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचने की आशंका है। दोनों देशों के तनाव के कारण आम लोगों की जान जोखिम में पड़ गई हैं।

सेना को बैलेट पेपर से मतदान करने की व्यवस्था में सुधार लाने की जिप सदस्य ने रखी मांग

0

पिथौरागढ़, जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने सेना को बैलेट पेपर से मतदान करने की व्यवस्था में सुधार लाने की मांग की। भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य आयुक्त को पत्र भेजकर इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए सेना को तैनाती स्थल के संसदीय क्षेत्र में मतदान का अधिकार दिया जाना चाहिए।

मर्तोलिया ने डीडीहाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भेजे गए बैलट पेपर को लेकर वायरल वीडियो को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि सेना को मत का अधिकार दिया जाना चाहिए। वे इसके पक्ष में हमेशा रहे, लेकिन जिस प्रकार से सेना को प्राप्त वैलेट पेपर से मिलने वाले मतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, यह लोकतंत्र लोकतंत्र के लिए घातक है।उन्होंने कहा कि इस वायरल वीडियो को आज भारत निर्वाचन आयोग कोई पत्र के साथ भेजा गया है।
इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए इस व्यवस्था में सुधार की मांग की गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस बार के मतगणना में पिथौरागढ़ जनपद से भेजे गए वेलेट पेपर से प्राप्त मतों की गणना किसी भी दशा में न की जाए।
मर्तोलिया ने कहा कि सेना मुख्यालय में जिस प्रकार से एक व्यक्ति के द्वारा जंगलराज या बूथ कैप्चरिंग जैसा दृष्य़ दिखाकर सभी के मत जबरन डाला जा रहा है। यह अति गंभीर मामला है।
मर्तोलिया ने कहा कि सेना के मतदाताओं के लिए भेजे गए मतों के साथ हमेशा यही होता आया है। पहली बार इसके साक्ष्य सामने आए है।
कहा कि मोदी सरकार द्वारा तय अधिकारियों के कब्जे में इन वैलेट पेपर को रखकर सरकार के इशारों पर वोट दिए जाते है। इसलिए इन मतों को इस बार गणना से दूर रखा जाना चाहिए।
मर्तोलिया ने कहा है सेना को जिस संसदीय क्षेत्र में है, वहीं पर लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में मत का मौका मिलना चाहिए। इस तरह से मताधिकार का अपमान नहीं होना चाहिए।

सांस्कृतिक विरासत को संजोने का कार्य निरंतर जारी : सुरीले सुरों का कमाल, ‘सूर्यपाल’ के गीत मचा देते हैं धमाल

0

उत्तराखंडी गीत संगीत की दुनिया में अपने सुरों से चार चांद लगाने वाले गीत और संगीतकारों की लंबी फेहरिस्त है, आज यूट्यूब के जरिए कलाकारों को सबसे सुलभ प्लेटफार्म मिलने से अब गीत और गायन की प्रतिभाओं के लिए अपने गीत श्रोताओं तक पहुंचाना और भी आसान हो गया है और हर रोज नए नए गीत और गायक अपने गीत प्रस्तुत कर लोगों को लुभा रहे हैं. लेकिन हर पेशे में कुछ अलग हटकर देने की विशेषता उस कलाकार को भीड़ से अलग ही नहीं बनाती, बल्कि लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा देती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक सूर्यपाल शिरवाण की. जिन्होंने अपने गीतों के जरिए कम उम्र में ही अपने श्रोताओं के दिलों में खास जगह स्थापित कर दी है और सूर्यपाल के चाहने वालों को उनके हर गीत का बेसब्री से इंतजार रहता है |

सूर्यपाल की बचपन से ही गीत संगीत में रुचि थी और मात्र 6 वर्ष की आयु में ही उन्होंने रामलीला के मंच पर एक गीत क्या गाया कि प्रभु राम की ऐसी कृपा हुई कि मानों मां सरस्वती हमेशा के लिए सूर्यपाल के कंठ में विराजमान हो गईं. रामलीला में गाया गीत और वहां बैठे तमाम दर्शकों की वाहवाही ने उत्तराखंड गीत संगीत की दुनिया में एक सूर्यपाल के रूप में सितारा जोड़ दिया. सूर्यपाल के चेहरे की मुस्कान और अपने मनभावन गीतों पर आज जिस तरह से वे अपने चाहने वाले लाखों लोगों को झूमा देते हैं, खुद का बचपन इस के उलट कई मुसीबतों से भरा रहा है.
टिहरी जनपद के ग्राम हडियाणा में जन्में सूर्यपाल जब मात्र 6 महीने के थे तो सिर से मां का साया उठ गया. सूर्यपाल का लालन पालन ननिहाल में हुआ. सूर्यपाल के नाना जी प्रधानाध्यापक थे और उन्होंने इनकी परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी, किंतु बिना मां के पले बढ़े बालक के दिल में संवेदनाओं के बादल बड़े होकर कंठ से मधुर गीत बनकर फूटे और सूर्यपाल शिरवाण आज उत्तराखंड के लोकप्रिय गायकों में शुमार हैं. सूर्यपाल की मां भी बहुत अच्छा गाती थीं और सूर्यपाल मां का यही आशीर्वाद अपने लिए मधुर कंठ के रूप में मानते हैं. ननिहाल में पले-बढ़े बचपन के साथ स्कूल स्तर 15 अगस्त, 26 जनवरी और गांवों में होने वाले हर कार्यकर्मों में सूर्यपाल की आवाज गूंजने लगी. बचपन में सूर्यपाल उत्तराखंड के अन्य गायकों के गाने ही कार्यक्रमों में गाते थे |
पढ़ाई के साथ खुद की गायन के क्षेत्र में रुचि और शिक्षण परिवेश का पारिवारिक माहौल बिल्कुल उनकी सोच के विपरीत था. नाना प्रधानाध्यापक, पिता जो कि वर्तमान में प्रभारी प्रधानाचार्य हैं, सभी गीत संगीत से ज्यादा सूर्यपाल के भविष्य के लिए शिक्षा पर जोर देते थे, नाना कहते, गाने बजाने में भविष्य नहीं बनता, अपनी शिक्षा पर ध्यान दें, ताकि आगे जाकर कुछ बन पाएं. परिवार ने सूर्यपाल को शिक्षा दीक्षा में आगे बढ़ाकर डिप्लोमा इन फार्मेसी के साथ श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट किया, लेकिन सूर्यपाल को तो बिछुमा, पिंक प्लाजो पर लोगों को झुमाना था और यही राह पकड़ी |
गीतों के एल्बम बनाने दौर में गायन की यह राह इतनी आसान भी नहीं थी, लेकिन सूर्यपाल ने हार नहीं मानी और जिंदगी में पत्नी का साथ पाकर मानों कदम कदम पर प्रसंशा करने वाला एक हमसफर सूर्यपाल को मिल गया. फिर क्या, 2011 में पहली एल्बम गैल्या बिछुमा रिलीज हो गई. सूर्यपाल की पहली ही एल्बम ने खूब सराहना बटोरी और गीतों को यह सफर आगे बढ़ता गया | उसके बाद पुरबा गीत ने उत्तराखण्ड संगीत जगत में सूर्यपाल की एक नई पहचान स्थापित कर दी | यह गीत पहली बार एचडी वीडियो स्वरूप में उत्तराखंडी दर्शकों को देखने को मिला. 2013 में आकाशवाणी नजीबाबाद केंद्र में लोक संगीत की स्वर परीक्षा उत्तीर्ण कर B grade प्राप्त किया. सूर्यपाल आकाशवाणी से जुड़े कलाकार हैं. इनके गीत रेडियो पर भी प्रसारित होते हैं, उसके बाद 2017 में आकाशवाणी देहरादून से स्वर परीक्षा देकर B हाई ग्रेड प्राप्त कर सूर्यपाल ने इस मंच पर भी अपनी धाक मजा दी. स्याली बिंदुला, बालमा, रांझणा, मेरी चंद्रावती आदि बहुत से गीतों ने सूर्यपाल को हिट बना दिया और राज्य के अंदर और अन्य प्रांतों में होने वाले उत्तराखंडी सांस्कृतिक आयोजनों के लिए वे बेस्ट मंच परफार्मर के रूप में स्थापित हो गए. सन 2018 में रथी छल गीत को 60 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा तो धगुली माला जोगनी और एक और सुपर डुपर हिट गीत पिंक प्लाजो ने उनके ही सारे पिछले रिकार्ड तोड़ डाले. इस गीत को लगभग 20 मिलियन यानी 2 करोड़ दर्शक मिले |
सूर्यपाल के गीतों की खासियत यह है कि वे अन्य गायकों से हटकर जौनसारी, गढ़वाली, कुमाउंनी में देव गाथाओं, लोक गाथाओं, जागर, पवाड़ा और विलुप्त होते चैती गीतों को उनके मूल स्वरूप में आधुनिक संगीत से सजाकर समधुर सुर में प्रस्तुत कर उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोने का भी कार्य कर रहे हैं |
सूर्यपाल का गीत संगीत का यह सफर निरंतर जारी है और हाल ही में उनके द्वारा आश्वी स्टूडियो का शुभारंभ कर राज्य के अन्य गीत कारों के लिए भी रिकॉर्डिंग सुविधा सुलभ कराई गई है |

सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नेपाल में एसजेवीएन की अरुण 3 जलविद्युत परियोजना की प्रगति समीक्षा

0

देहरादून-  आलोक कुमार, सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने  नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन के साथ नेपाल में एसजेवीएन द्वारा निर्मित की जा रही 900 मेगावाट की अरुण-III जलविद्युत परियोजना का दौरा किया। इस दौरे के दौरान, सचिव विद्युत ने अरुण-III परियोजना के विद्युत गृह की द्वितीय इकाई के लिए कंक्रीटिंग संकार्यों का शुभारंभ किया।

श्री आलोक कुमार ने विद्युत गृह स्‍थल, हेड रेस टनल तथा बांध स्‍थल पर चल रही निर्माण गतिविधियों में गहरी रुचि दशाई। उन्होंने प्रेरित एवं प्रतिबद्ध एसजेवीएन तथा एसएपीडीसी टीम द्वारा की गई परियोजना की जारी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 तक परियोजना को कमीशन करना एसजेवीएन की क्षमता वृद्धि यात्रा में एक महत्वपूर्ण माईलस्‍टोन होगा और यह भारत-नेपाल मित्रता को और मजबूती देगा।

इस अवसर पर, श्री नन्‍द लाल शर्मा, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने विद्युत क्षेत्र में एसजेवीएन के योगदान को अंगीकृत करते हुए 900 मेगावाट अरुण-III एचईपी, 669 मेगावाट लोअर अरुण एचईपी और ढलकेबार में संबद्ध सब-स्टेशन सहित नेपाल-भारत सीमा तक 217 कि.मी. 400 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन के निष्पादन के लिए कंपनी पर भरोसा करने के लिए भारत सरकार तथा नेपाल सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर. के. सिंह तथा विद्युत मंत्रालय का निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त किया।

श्री शर्मा ने अवगत कराया कि एसजेवीएन भारत-नेपाल जल विद्युत विकास में एक महत्‍वपूर्ण भागीदार है। परियोजना में निवेश से आधारभूत संरचना एवं सामुदायिक विकास, बेहतर शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाएं, रोजगार के अवसर, स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा तथा कौशल विकास को बढ़ावा मिल रहा है। यह परियोजना क्षेत्र के लिए समृद्धि तथा समग्र विकास के युग की शुरूआत करेगी एवं दोनों देशों के मध्‍य द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी।

एसजेवीएन ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों द्वारा वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट विद्युत निर्माण की प्रतिबद्धता के अनुरूप अपने बिजनेस मॉडल को पुनर्निमित किया है। कंपनी ने संपूर्ण भारत और विदेशों में अपने फलक का विस्तार करते हुए अपनी किटी में कई परियोजनाओं को शामिल किया है। एसजेवीएन वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के साझा विजन की प्राप्ति के लिए विकास पथ पर अग्रसर है।

माकपा के वरिष्ठ नेता कामरेड बच्चीराम कंसवाल का निधन, सम्मान में झुका पार्टी का झंडा

0

देहरादून, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता, साहित्यकार कामरेड बच्चीराम कंसवाल का 87 साल के उम्र में निधन हो गया। उन्होंने देहरादून में माजरी मोकमपुर स्थित आवास में आज अंतिम सांस ली, वह काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके सम्मान में सीपीएम कार्यालय में पार्टी का झंडा झुकाया गया। उनकी अंत्येष्ठि कल होगी।

बच्चीराम कंसवाल ने उत्तर प्रदेश के दौरान शिक्षक नेता के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत की। वह शिक्षा की बेहतरी तथा शिक्षकों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे। अपनी लड़ाई को और धार देने के लिए उन्होंने शिक्षक पद छोड़ दिया और वह पूर्णकालिक तौर पर शिक्षा एवं शिक्षकों की बेहतरी के लिए संघर्ष में कूद गए। उन्होंने एमएलसी का चुनाव भी लड़ा और कुछ ही मतों से पिछड़े।
1980 के दशक से पूर्व बिजनौर में वह वामपंथी विचारधार से जुड़े लोगों के संपर्क में आए। इसके बाद वह वर्षों तक अपने गृह जनपद टिहरी जिले से सीपीएम के जिलासचिव रहे। वह उत्तर प्रदेश में सीपीएम राज्य कमेटी सदस्य भी रहे। उत्तराखंड बनने के बाद पार्टी राज्य सचिव मंडल के सदस्य भी रहे, साथ ही किसान सभा के राज्य अध्यक्ष बनें।
बच्चीराम कंसवाल लेखनी के भी धनी थे। अपने लेख के माध्यम से वह समाज की सेवा करते रहे। पत्रकार उमेश डोभाल हत्याकांड के खिलाफ हुए संघर्ष में उनकी अग्रणी भूमिका रही। अपनी जान की परवाह किए बगैर उन्होंने माफियाओं को सलाखों तक पहुंचाया। टिहरी बांध विस्थापतों के हकों के लिए उनका संघर्ष तथा योगदान सदैव याद किया जाऐगा। वह एक कम्युनिस्ट के रूप में जीवन के अन्तिम क्षणों तक जनमुद्दों के लिए संघर्षरत रहे। दिसंबर माह में पार्टी के 7वें राज्य सम्मेलन मे सीपीएम के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने उनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए उन्हें सम्मानित किया था।

उनके निधन पर सीपीएम राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, पूर्व राज्य सचिव विजय रावत, सुरेंद्र सिंह सजवाण, इन्दु नौडियाल, चंदा ममगांई, गंगाधर नौटियाल, राजेंद्र पुरोहित, शिवप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, अनन्त आकाश, लेखराज, माला गुरूंग, विजय भट्ट, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, भगवन्त सिंह पयाल, विनोद कुमार, इंद्रेश नौटियाल, वैदान्त, सतीश धौलाखंडी, शैलेंद्र आदि ने दुख प्रकट किया।